लस्ट ऑफ़ अ हॉट गर्ल कहानी में एक लड़की को कुछ दिन से कोई नया लंड नहीं मिला तो वह बाजार में लंड खोजने चली गयी. उसने एक लड़का पटाया पर वह तुरंत चुदाई के लिए नहीं माना.
दोस्तो, मेरा नाम राज है और आज मैं आपके लिए एक नई सेक्स कहानी लेकर आया हूँ.
यह सेक्स कहानी मेरी एक पाठिका ने मुझे लिखने के लिए कहा था.
आपके इसी प्यार की वजह से मैं आप सभी के लिए कहानी लिख पा रहा हूँ.
यह लस्ट ऑफ़ अ हॉट गर्ल कहानी कुछ ऐसी है कि उस चूत वाली की चूत में एक मोटे लंड ने घुस घुस कर चूत का भोसड़ा बना दिया.
उसी पाठिका की जुबानी सुनते हैं कि कैसे क्या हुआ था.
दोस्तो, मेरा नाम रानी है और मैं जलगांव में रहती हूँ.
आज मैं आपको जो बात बताने वाली हूँ, वह घटना 6 महीने पुरानी है.
पहले मैं आप सभी को अपने बारे में कुछ बताना चाहती हूँ.
मैं 26 साल की एक हॉट पटाखा माल हूँ. मेरा रंग गोरा है और हाईट 5 फुट 5 इंच है. मेरा फिगर 34D-30-36 का है.
मैंने अब तक बहुत से लड़कों से चुदाई की है, पर ऐसा मैं सिर्फ तब ही करवाती हूँ, जब मुझे अपनी चूत की आग ठंडी करनी होती है.
वर्ना तो मैं किसी को हाथ तक लगाने नहीं देती हूँ.
लस्ट ऑफ़ अ हॉट गर्ल होती ही ऐसी है.
मैं जहां रहती हूँ, वह शहर के नजदीक का एक देहाती इलाका है.
एक दिन की बात है, मैं अपने अन्दर काफी चुदास सी महसूस कर रही थी और मुझे हर हाल में एक मोटे लंड की जरूरत थी.
चूंकि गांव के जितने भी लंड मैंने अब तक लिए थे, उन सबके अलावा किसी और मस्त से लंड से चुदने का जी कर रहा था.
मैंने उस दिन अपनी चूत की अच्छे से सफाई की और एक डिल्डो की मदद से अपनी चूत का पानी भी निकाला.
फिर भी मेरी चूत की गर्मी शांत नहीं हुई थी.
मैं सोचने लगी कि ऐसा क्या किया जाए कि कोई मस्त सा लंड मिल जाए.
यहां मैं एक अनुभव की बात लिखना चाहती हूँ कि जिस तरह की कामना होती है, उसे कोई निश्चित रूप से सुनता है.
बस किसी की तमन्ना जल्दी पूरी हो जाती है तो किसी कि देर से … पर होती जरूर है.
मुझे खुद भी इस बात का भरोसा नहीं था कि मेरी जरूरत का लंड मुझे इतनी जल्दी और इतनी आसानी से मिल जाएगा.
जब मैंने अपनी चूत का रस निकाल लिया, तो मैं यूं ही नंगी लेटी हुई अपनी चूत के दाने को अपनी उंगली से रगड़ रही थी.
चूत के साथ खिलवाड़ करने के साथ ही मेरे दिमाग में एक आइडिया आया कि क्यों न शहर के बाजार चला जाए.
उधर ब्रा पैंटी की दुकानों में देखती हूँ कि कोई मस्त सा मर्द या चिकना सा लौंडा मिल जाए तो साले के लंड की चटनी बना कर चाट लूँ.
इसी बिन्दु पर मैंने काफी देर तक विचार किया और अकेली ही शहर के बाजार के लिए निकल पड़ी.
उधर मुख्य बाजार में एक लेडीज सामानों की बड़ी सी दुकान थी.
उसमें कुछ लड़कियां भी काम करती थीं और कुछ लड़के भी काम करते थे.
उस दिन उधर काफी भीड़ थी तो मैं दुकान में जाकर एक सेल्समैन के पास ब्रा पैंटी दिखाने की कहने लगी.
वह पहले तो एक लड़की को आवाज देने लगा- इधर आकर जरा मेम को आइटम दिखा जा.
उस लड़की ने ना तो नहीं कहा पर थोड़ा रुकने के लिए कहा.
मैंने उसी लड़के से कहा- वह शायद बिजी है, आप ही दिखा दो न!
अब लड़के ने मेरे मम्मों की तरफ देखा तो मैंने उसकी तरफ अपने दूध तान दिए कि देख ले बेटा आज तू चूसना भी चाहेगा, तो अभी खोल कर तेरे मुँह में निप्पल भी दे सकती हूँ.
एक पल उसने मेरे दूध देखने के बाद कहा- आपको 34D साइज़ देखना है न!
मैंने मुस्कुरा कर कहा- बड़ा गजब अनुभव है!
वह भी हंसा और बोला- हां मेम, सारे दिन यही सब तो देखना होता है.
मैंने कहा- सारे दिन देखने से मन में कुछ होता भी है क्या?
यह सुनकर वह मेरी आंखों में गौर से देखने लगा कि मैं कुछ लाइन देने वाली माल हूँ क्या!
मैंने उसके देखते ही हल्के से आंख दबा दी और अपने होंठों पर जीभ फेर कर उसे कामुक सा इशारा भी कर दिया.
वह कुछ नहीं बोला, बस इधर उधर देखने लगा.
फिर वह बोला- कैसा पीस चाहिए? फ़ैन्सी में लेंगी या डेली यूज वाला चाहिए?
मैंने कहा- डेली यूज के लिए तो मेरे पास कई आइटम हैं. आप तो कोई मस्त सा आइटम दिखा दीजिए कि एक ही बार में लेने का जी करे.
वैसे तो मेरी यह बात सामान्य सी ही थी लेकिन मेरे बोलने का अंदाज कुछ ऐसा था कि वह समझ गया कि मैं चुदने के लिए रेडी हूँ.
वह बिना कुछ बोले एक डोरी वाली ब्रा लेकर आया और उसने मुझे दिखाते हुए कहा- इसमें लाल और काले दोनों रंग बड़े मस्त हैं … और आपके ऊपर खूब जचेंगे.
मैंने कहा- तुम्हें कैसे मालूम कि मेरे ऊपर लाल और काला रंग खूब जँचेगा?
वह हंस दिया और बोला- उधर ट्रायल रूम है, जाकर देख लो.
मैंने कहा- तुमने कह दिया और मैंने मान लिया. इन्हें पैक कर दो और बिल बनवा दो. मैं कैश काउन्टर पर जाती हूँ … और सुनो … क्या तुम मुझे दस मिनट बाद अगले चौराहे पर मिल सकते हो?
उसने बदले में मेरे हाथ से मेरा मोबाईल लिया और जल्दी से अपना नंबर डायल करके मुझे मोबाईल वापस कर दिया.
मैं उसकी समझ पर रीझ गई और बिना कुछ कहे अपना सामान लेकर बाहर आ गई.
बाहर आकर मैंने वापस दुकान की तरफ देखा ही था कि उसी नंबर से कॉल आ गया.
मैंने हैलो कहा ही था कि वह बोला- तुमको ज्यादा चुदास चढ़ी है न … रविवार को आकर चोद दूंगा. तब तक तसल्ली रख रांड!
मैं उसकी साफगोई से खुश हो गई और दो दिन बाद आने वाले रविवार को उसके लौड़े का इंतजार की सोच कर आगे बढ़ गई.
कुछ देर यूं ही और घूमने के बाद मैं अकेली ही मार्केट से घर वापस आ रही थी.
रास्ते में लंड के ही सपने आ रहे थे.
बाजार से घर का रास्ता थोड़ा लम्बा था इसलिए मैंने खेतों से शॉर्टकट लेने की सोची.
मैं खेतों के बीच में से चल पड़ी.
दिन में खेतों में कोई नहीं रहता है, सब जगह शांति छाई रहती है.
जब मैं जा रही थी, तभी मेरा दुप्पटा एक झाड़ी में अटक गया.
मैंने जैसे तैसे करके उसे झाड़ी से निकाल दिया.
तभी मेरी नजर वहां एक सोये हुए इंसान पर पड़ी.
वह इंसान ऊपर से नंगा था और नीचे उसकी पैंट खुली हुई थी.
उसके बदन से शराब की गंध भी आ रही थी और उसका लंड बाहर निकला हुआ था.
वह व्यक्ति सोया हुआ था.
उसका लंड करीब 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा था जिसे देख पहले मुझे अजीब सा लगा.
फिर मेरी चूत में वापस से खलबली सी मचने लगी.
मैंने इधर उधर देखा तो कोई नहीं था.
इसलिए मैं उस आदमी के पास गई और उसका लंड नजदीक जाकर देखने लगी.
पर मेरा दिल इतने से ही नहीं माना तो मैंने उसके लंड को छुआ और धीरे धीरे सहलाने लगी. इससे उसका लंड खड़ा हो गया.
अब मैं ना चाहते हुए भी उसके लंड को चूसने लगी.
इससे वह जाग गया पर वह होश में नहीं था.
वह बस मुझे देख रहा था.
मैं उसके पीछे जाकर बैठ गई और अपने साथ लाया हुआ सामान उसे खाने पीने दिया.
उसने कुछ खा लिया.
जब तक वह खाता रहा था, तब तक मैं उसका लंड सहलाती रही थी.
तभी उसने मेरी तरफ मुड़ कर मुझे लेटा दिया और मेरी लैगी और पैंटी एक साथ उतार दी.
उसने मेरी नंगी हो चुकी चूत पर अपना मुँह रख दिया और मेरी चूत को चाटने लगा.
मैं कामुक होने लगी और जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी.
मेरे दोनों पैर अपने आप ऊपर होकर खुल गए.
उसने बहुत देर तक मेरी चूत चाटी और मैं उसके मुँह में ही झड़ गई.
अब वह उठा और अपनी पैंट निकाल कर नंगा हो गया.
फिर मेरे पैर पकड़ कर उसने नीचे की तरफ खींच कर अपना लंड मेरी चूत में सैट कर दिया.
मैं कुछ सोच पाती कि उसने एक जोरदार धक्के के साथ अपना मूसल लंड मेरी चूत के अन्दर पेल दिया.
मुझे बेहद दर्द हुआ, पर मैं भी भारी चुदक्कड़ हूँ तो उसका बड़ा लंड सह गई.
उसने धीरे धीरे मेरी चुदाई शुरू कर दी.
बाद में उसने अपनी चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी, जिससे मैं मादक सिसकारियां लेने लगी.
खेत में चुदाई की फट फट की आवाज आने लगी.
तभी मुझे किसी के आने का अहसास हुआ.
तब मैंने उसे इशारे से चुदाई रोकने का कहा और उससे अलग होकर अपने कपड़े उठाए और उसे इशारा किया कि बाजू के गन्ने के खेत में चलो.
उसने भी अपने कपड़े उठाए और वह मेरे पीछे पीछे गन्ने के खेत में आ गया.
मैं उसको लेकर काफी अन्दर तक घुस गई और वहां एक अच्छी सी जगह देख कर मैंने अपना दुपट्टा नीचे डाल दिया और लेट गई.
उसने मुझे चुदाई की पोजीशन में सैट कर दिया और मेरी चुदाई करने लगा.
मेरी चूत में लंड को पेलने के साथ साथ वह मेरे बदन से अपना बदन भी रगड़ने लगा.
मैं उसको अपनी ओर खींचती हुई किस करने लगी.
हमारी चुदाई को लगभग 15 मिनट हो चुके थे.
मैं थक चुकी थी पर वह अभी भी मेरी चूत चोद रहा था.
मेरी चूत एकदम सूखी हो गई थी और उसका लंड मेरी सूखी चूत में जोर जोर से अन्दर बाहर हो रहा था.
मैं अब जलन और दर्द से कराह रही थी पर उसको जरा भी फर्क नहीं पड़ा.
हमारा चुदाई का राउंड काफी लम्बा चला जिसमें उसने मुझे घोड़ी बनाकर पीछे से लेट कर भी चोदा.
मेरे बाजू में लेट कर मेरा एक पैर अपनी कमर पर रख कर, मेरी चूत में लंड घुसा कर मेरी चूत चोदी और साला मेरी चूत में ही झड़ गया.
उसका लंड झड़ने से मेरी चूत पूरी तरह भर गई और मुझे राहत मिल गई.
झड़ने के बाद वह मेरे बाजू में लेट गया.
मैंने वहां थोड़ी देर आराम किया और बाद में अपने कपड़े पहन कर रेडी हो गई.
जाते वक्त मैंने उसके लंड को एक किस किया और वहां से सीधा अपने घर आ गई.
उसने बहुत बुरी तरह से मेरी चूत चोदी थी जिससे मुझे चलने में भी परेशानी हो रही थी.
इतनी चुदक्कड़ होने के बावजूद भी मेरा हाल खराब बना रहा.
इस घटना के दो दिन बाद मुझे उसी सेल्समैन का फोन भी आया.
मैंने उससे लंड दिखाने के लिए कहा.
उसका लंड भी काफी मस्त था.
मैंने कहा- इस रविवार को एमसी की समस्या आ गई है. अगले संडे को प्रोग्राम सैट करती हूँ.
उसने एक भद्दी सी गाली दी- तेरी मां की चूत भैन की लवड़ी … साली ने खड़े लंड पर धोखा दे दिया.
मैंने हंस कर फ़ोन काट दिया.
उसी शाम को मेरे पुराने चोदू लड़के दोस्त से पता चला कि मैंने जिस शराबी से चुदाई की थी, वह उसका दोस्त था और वह उसको बोल रहा था कि पता नहीं कौन थी वह हसीना, उसका जिस्म मखमल जैसा नर्म था. उसकी चूत बहुत मस्त थी और उसकी चूत बहुत टाइट थी.
उसने और भी बहुत कुछ बोला जिसे सुन कर मैं मन ही मन मुस्कुरा दी.
दोस्तो, उसके बाद उस सेल्समैन से भी मैं चुदी वह सब किस तरह से हुआ था और उसके बाद मैंने उसी शराबी से भी कैसे अपनी चूत चुदाई का मजा लिया.
उसके साथ की चुदाई मुझे आज भी याद है.
वह अब अक्सर मुझे दिख जाता है.
उसे देख कर दिल तो करता है कि अभी जाकर उससे चुदाई करवा लूँ.
पर ऐसा मैं खुलेआम नहीं कर सकती.
दोस्तो, ये थी मेरी चुदाई की कहानी. उम्मीद करती हूँ कि आपको मेरी कहानी पसंद आई होगी.
आपको मेरी लस्ट ऑफ़ अ हॉट गर्ल कहानी कैसी लगी, मुझे अपनी राय जरूर दें.
तब तक के लिए विदा.
दोस्तो, मेरा नाम राज है और आज मैं आपके लिए एक नई सेक्स कहानी लेकर आया हूँ.
यह सेक्स कहानी मेरी एक पाठिका ने मुझे लिखने के लिए कहा था.
आपके इसी प्यार की वजह से मैं आप सभी के लिए कहानी लिख पा रहा हूँ.
यह लस्ट ऑफ़ अ हॉट गर्ल कहानी कुछ ऐसी है कि उस चूत वाली की चूत में एक मोटे लंड ने घुस घुस कर चूत का भोसड़ा बना दिया.
उसी पाठिका की जुबानी सुनते हैं कि कैसे क्या हुआ था.
दोस्तो, मेरा नाम रानी है और मैं जलगांव में रहती हूँ.
आज मैं आपको जो बात बताने वाली हूँ, वह घटना 6 महीने पुरानी है.
पहले मैं आप सभी को अपने बारे में कुछ बताना चाहती हूँ.
मैं 26 साल की एक हॉट पटाखा माल हूँ. मेरा रंग गोरा है और हाईट 5 फुट 5 इंच है. मेरा फिगर 34D-30-36 का है.
मैंने अब तक बहुत से लड़कों से चुदाई की है, पर ऐसा मैं सिर्फ तब ही करवाती हूँ, जब मुझे अपनी चूत की आग ठंडी करनी होती है.
वर्ना तो मैं किसी को हाथ तक लगाने नहीं देती हूँ.
लस्ट ऑफ़ अ हॉट गर्ल होती ही ऐसी है.
मैं जहां रहती हूँ, वह शहर के नजदीक का एक देहाती इलाका है.
एक दिन की बात है, मैं अपने अन्दर काफी चुदास सी महसूस कर रही थी और मुझे हर हाल में एक मोटे लंड की जरूरत थी.
चूंकि गांव के जितने भी लंड मैंने अब तक लिए थे, उन सबके अलावा किसी और मस्त से लंड से चुदने का जी कर रहा था.
मैंने उस दिन अपनी चूत की अच्छे से सफाई की और एक डिल्डो की मदद से अपनी चूत का पानी भी निकाला.
फिर भी मेरी चूत की गर्मी शांत नहीं हुई थी.
मैं सोचने लगी कि ऐसा क्या किया जाए कि कोई मस्त सा लंड मिल जाए.
यहां मैं एक अनुभव की बात लिखना चाहती हूँ कि जिस तरह की कामना होती है, उसे कोई निश्चित रूप से सुनता है.
बस किसी की तमन्ना जल्दी पूरी हो जाती है तो किसी कि देर से … पर होती जरूर है.
मुझे खुद भी इस बात का भरोसा नहीं था कि मेरी जरूरत का लंड मुझे इतनी जल्दी और इतनी आसानी से मिल जाएगा.
जब मैंने अपनी चूत का रस निकाल लिया, तो मैं यूं ही नंगी लेटी हुई अपनी चूत के दाने को अपनी उंगली से रगड़ रही थी.
चूत के साथ खिलवाड़ करने के साथ ही मेरे दिमाग में एक आइडिया आया कि क्यों न शहर के बाजार चला जाए.
उधर ब्रा पैंटी की दुकानों में देखती हूँ कि कोई मस्त सा मर्द या चिकना सा लौंडा मिल जाए तो साले के लंड की चटनी बना कर चाट लूँ.
इसी बिन्दु पर मैंने काफी देर तक विचार किया और अकेली ही शहर के बाजार के लिए निकल पड़ी.
उधर मुख्य बाजार में एक लेडीज सामानों की बड़ी सी दुकान थी.
उसमें कुछ लड़कियां भी काम करती थीं और कुछ लड़के भी काम करते थे.
उस दिन उधर काफी भीड़ थी तो मैं दुकान में जाकर एक सेल्समैन के पास ब्रा पैंटी दिखाने की कहने लगी.
वह पहले तो एक लड़की को आवाज देने लगा- इधर आकर जरा मेम को आइटम दिखा जा.
उस लड़की ने ना तो नहीं कहा पर थोड़ा रुकने के लिए कहा.
मैंने उसी लड़के से कहा- वह शायद बिजी है, आप ही दिखा दो न!
अब लड़के ने मेरे मम्मों की तरफ देखा तो मैंने उसकी तरफ अपने दूध तान दिए कि देख ले बेटा आज तू चूसना भी चाहेगा, तो अभी खोल कर तेरे मुँह में निप्पल भी दे सकती हूँ.
एक पल उसने मेरे दूध देखने के बाद कहा- आपको 34D साइज़ देखना है न!
मैंने मुस्कुरा कर कहा- बड़ा गजब अनुभव है!
वह भी हंसा और बोला- हां मेम, सारे दिन यही सब तो देखना होता है.
मैंने कहा- सारे दिन देखने से मन में कुछ होता भी है क्या?
यह सुनकर वह मेरी आंखों में गौर से देखने लगा कि मैं कुछ लाइन देने वाली माल हूँ क्या!
मैंने उसके देखते ही हल्के से आंख दबा दी और अपने होंठों पर जीभ फेर कर उसे कामुक सा इशारा भी कर दिया.
वह कुछ नहीं बोला, बस इधर उधर देखने लगा.
फिर वह बोला- कैसा पीस चाहिए? फ़ैन्सी में लेंगी या डेली यूज वाला चाहिए?
मैंने कहा- डेली यूज के लिए तो मेरे पास कई आइटम हैं. आप तो कोई मस्त सा आइटम दिखा दीजिए कि एक ही बार में लेने का जी करे.
वैसे तो मेरी यह बात सामान्य सी ही थी लेकिन मेरे बोलने का अंदाज कुछ ऐसा था कि वह समझ गया कि मैं चुदने के लिए रेडी हूँ.
वह बिना कुछ बोले एक डोरी वाली ब्रा लेकर आया और उसने मुझे दिखाते हुए कहा- इसमें लाल और काले दोनों रंग बड़े मस्त हैं … और आपके ऊपर खूब जचेंगे.
मैंने कहा- तुम्हें कैसे मालूम कि मेरे ऊपर लाल और काला रंग खूब जँचेगा?
वह हंस दिया और बोला- उधर ट्रायल रूम है, जाकर देख लो.
मैंने कहा- तुमने कह दिया और मैंने मान लिया. इन्हें पैक कर दो और बिल बनवा दो. मैं कैश काउन्टर पर जाती हूँ … और सुनो … क्या तुम मुझे दस मिनट बाद अगले चौराहे पर मिल सकते हो?
उसने बदले में मेरे हाथ से मेरा मोबाईल लिया और जल्दी से अपना नंबर डायल करके मुझे मोबाईल वापस कर दिया.
मैं उसकी समझ पर रीझ गई और बिना कुछ कहे अपना सामान लेकर बाहर आ गई.
बाहर आकर मैंने वापस दुकान की तरफ देखा ही था कि उसी नंबर से कॉल आ गया.
मैंने हैलो कहा ही था कि वह बोला- तुमको ज्यादा चुदास चढ़ी है न … रविवार को आकर चोद दूंगा. तब तक तसल्ली रख रांड!
मैं उसकी साफगोई से खुश हो गई और दो दिन बाद आने वाले रविवार को उसके लौड़े का इंतजार की सोच कर आगे बढ़ गई.
कुछ देर यूं ही और घूमने के बाद मैं अकेली ही मार्केट से घर वापस आ रही थी.
रास्ते में लंड के ही सपने आ रहे थे.
बाजार से घर का रास्ता थोड़ा लम्बा था इसलिए मैंने खेतों से शॉर्टकट लेने की सोची.
मैं खेतों के बीच में से चल पड़ी.
दिन में खेतों में कोई नहीं रहता है, सब जगह शांति छाई रहती है.
जब मैं जा रही थी, तभी मेरा दुप्पटा एक झाड़ी में अटक गया.
मैंने जैसे तैसे करके उसे झाड़ी से निकाल दिया.
तभी मेरी नजर वहां एक सोये हुए इंसान पर पड़ी.
वह इंसान ऊपर से नंगा था और नीचे उसकी पैंट खुली हुई थी.
उसके बदन से शराब की गंध भी आ रही थी और उसका लंड बाहर निकला हुआ था.
वह व्यक्ति सोया हुआ था.
उसका लंड करीब 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा था जिसे देख पहले मुझे अजीब सा लगा.
फिर मेरी चूत में वापस से खलबली सी मचने लगी.
मैंने इधर उधर देखा तो कोई नहीं था.
इसलिए मैं उस आदमी के पास गई और उसका लंड नजदीक जाकर देखने लगी.
पर मेरा दिल इतने से ही नहीं माना तो मैंने उसके लंड को छुआ और धीरे धीरे सहलाने लगी. इससे उसका लंड खड़ा हो गया.
अब मैं ना चाहते हुए भी उसके लंड को चूसने लगी.
इससे वह जाग गया पर वह होश में नहीं था.
वह बस मुझे देख रहा था.
मैं उसके पीछे जाकर बैठ गई और अपने साथ लाया हुआ सामान उसे खाने पीने दिया.
उसने कुछ खा लिया.
जब तक वह खाता रहा था, तब तक मैं उसका लंड सहलाती रही थी.
तभी उसने मेरी तरफ मुड़ कर मुझे लेटा दिया और मेरी लैगी और पैंटी एक साथ उतार दी.
उसने मेरी नंगी हो चुकी चूत पर अपना मुँह रख दिया और मेरी चूत को चाटने लगा.
मैं कामुक होने लगी और जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी.
मेरे दोनों पैर अपने आप ऊपर होकर खुल गए.
उसने बहुत देर तक मेरी चूत चाटी और मैं उसके मुँह में ही झड़ गई.
अब वह उठा और अपनी पैंट निकाल कर नंगा हो गया.
फिर मेरे पैर पकड़ कर उसने नीचे की तरफ खींच कर अपना लंड मेरी चूत में सैट कर दिया.
मैं कुछ सोच पाती कि उसने एक जोरदार धक्के के साथ अपना मूसल लंड मेरी चूत के अन्दर पेल दिया.
मुझे बेहद दर्द हुआ, पर मैं भी भारी चुदक्कड़ हूँ तो उसका बड़ा लंड सह गई.
उसने धीरे धीरे मेरी चुदाई शुरू कर दी.
बाद में उसने अपनी चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी, जिससे मैं मादक सिसकारियां लेने लगी.
खेत में चुदाई की फट फट की आवाज आने लगी.
तभी मुझे किसी के आने का अहसास हुआ.
तब मैंने उसे इशारे से चुदाई रोकने का कहा और उससे अलग होकर अपने कपड़े उठाए और उसे इशारा किया कि बाजू के गन्ने के खेत में चलो.
उसने भी अपने कपड़े उठाए और वह मेरे पीछे पीछे गन्ने के खेत में आ गया.
मैं उसको लेकर काफी अन्दर तक घुस गई और वहां एक अच्छी सी जगह देख कर मैंने अपना दुपट्टा नीचे डाल दिया और लेट गई.
उसने मुझे चुदाई की पोजीशन में सैट कर दिया और मेरी चुदाई करने लगा.
मेरी चूत में लंड को पेलने के साथ साथ वह मेरे बदन से अपना बदन भी रगड़ने लगा.
मैं उसको अपनी ओर खींचती हुई किस करने लगी.
हमारी चुदाई को लगभग 15 मिनट हो चुके थे.
मैं थक चुकी थी पर वह अभी भी मेरी चूत चोद रहा था.
मेरी चूत एकदम सूखी हो गई थी और उसका लंड मेरी सूखी चूत में जोर जोर से अन्दर बाहर हो रहा था.
मैं अब जलन और दर्द से कराह रही थी पर उसको जरा भी फर्क नहीं पड़ा.
हमारा चुदाई का राउंड काफी लम्बा चला जिसमें उसने मुझे घोड़ी बनाकर पीछे से लेट कर भी चोदा.
मेरे बाजू में लेट कर मेरा एक पैर अपनी कमर पर रख कर, मेरी चूत में लंड घुसा कर मेरी चूत चोदी और साला मेरी चूत में ही झड़ गया.
उसका लंड झड़ने से मेरी चूत पूरी तरह भर गई और मुझे राहत मिल गई.
झड़ने के बाद वह मेरे बाजू में लेट गया.
मैंने वहां थोड़ी देर आराम किया और बाद में अपने कपड़े पहन कर रेडी हो गई.
जाते वक्त मैंने उसके लंड को एक किस किया और वहां से सीधा अपने घर आ गई.
उसने बहुत बुरी तरह से मेरी चूत चोदी थी जिससे मुझे चलने में भी परेशानी हो रही थी.
इतनी चुदक्कड़ होने के बावजूद भी मेरा हाल खराब बना रहा.
इस घटना के दो दिन बाद मुझे उसी सेल्समैन का फोन भी आया.
मैंने उससे लंड दिखाने के लिए कहा.
उसका लंड भी काफी मस्त था.
मैंने कहा- इस रविवार को एमसी की समस्या आ गई है. अगले संडे को प्रोग्राम सैट करती हूँ.
उसने एक भद्दी सी गाली दी- तेरी मां की चूत भैन की लवड़ी … साली ने खड़े लंड पर धोखा दे दिया.
मैंने हंस कर फ़ोन काट दिया.
उसी शाम को मेरे पुराने चोदू लड़के दोस्त से पता चला कि मैंने जिस शराबी से चुदाई की थी, वह उसका दोस्त था और वह उसको बोल रहा था कि पता नहीं कौन थी वह हसीना, उसका जिस्म मखमल जैसा नर्म था. उसकी चूत बहुत मस्त थी और उसकी चूत बहुत टाइट थी.
उसने और भी बहुत कुछ बोला जिसे सुन कर मैं मन ही मन मुस्कुरा दी.
दोस्तो, उसके बाद उस सेल्समैन से भी मैं चुदी वह सब किस तरह से हुआ था और उसके बाद मैंने उसी शराबी से भी कैसे अपनी चूत चुदाई का मजा लिया.
उसके साथ की चुदाई मुझे आज भी याद है.
वह अब अक्सर मुझे दिख जाता है.
उसे देख कर दिल तो करता है कि अभी जाकर उससे चुदाई करवा लूँ.
पर ऐसा मैं खुलेआम नहीं कर सकती.
दोस्तो, ये थी मेरी चुदाई की कहानी. उम्मीद करती हूँ कि आपको मेरी कहानी पसंद आई होगी.
आपको मेरी लस्ट ऑफ़ अ हॉट गर्ल कहानी कैसी लगी, मुझे अपनी राय जरूर दें.
तब तक के लिए विदा.