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Hindi - हिन्दी आंटी को तीन दोस्तों ने पूरी रात चोदा

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आंटी हार्ड सेक्स कहानी में हम दोस्त घूमने गए तो वहां एक लड़की को छेड़ दिया. उसकी मम्मी हमारे पास आकर हमें समझाने लगी. उसने हमें एक चैलेंज दिया.

एक बार हम तीन दोस्त घूमने के लिए गए थे।
वहां और बहुत सारे लोग घूमने के लिए आए थे.

तो हम सब दोस्त लड़कियों को देख कर इनके पास ही बैठ गए और वहां लड़कियों को देख कर छेड़ने लगे।
कोई कमेंट करता तो कोई लाइन मारने में लगा हुआ था।

वहां एक फैमिली थी जिसमें दो लड़कियां और उनके मॉम डैड उनके साथ आए थे।
एक लड़की उनमें से जवान थी।

हम सब उसी लड़की पर लाइन मारने लगे.
तो लड़की की मां ने हमें देख लिया.

वे हमारे पास आई और बोली- बच्चो, तुम सब यहां घूमने आए हो. तो ऐसी गंदी हरकतें मत करो।
तब मेरा दोस्त गोलू बोला- आंटी, हमने तो कुछ किया ही नहीं।
आंटी- बेटा, तुम अभी बच्चे हो. मैंने सब कुछ देखा है, मुझे मत समझाओ।

मैं- आंटी, हम इतने भी बच्चे नहीं हैं।
हम सब दोस्त हंसे और आंटी की बात का मजाक बनाया।

तब अंकल ने दूर से पूछा- क्या हुआ कोमल?
तो आंटी बोली- कुछ नहीं हुआ जी … अभी आ रही हूं।

आंटी- देखो तुम सच में बच्चे ही हो. एक औरत की ताकत तुम नहीं समझोगे। तुम सिर्फ छेड़छाड़ करते हो और तुम बस उन्हें परेशान कर सकते हो।
गोलू- अच्छा आंटी, ऐसी क्या ताकत होती है?

हम सब हंसने लगे.

तो आंटी थोड़ा सीरियस हो गई और सोच कर बोली- चलो आज तुम्हें औरत की ताकत ही समझाऊंगी।

फिर आंटी ने हम एक होटल का पता दिया और बोली- इस होटल में 202 नंबर में हम रुके हैं. शाम तक तुम सब भी इसी होटल में आ जाओ।
मैं- उससे क्या होगा आंटी?
आंटी- वो मैं तुम्हें रात को बताऊंगी।
फिर आंटी चली गई।

आंटी हार्ड सेक्स कहानी यहीं से बनने लगी.

अब हम सब दोस्तों का दिमाग खराब हो गया।
होटल में जाएं या ना जाएं।
क्या होगा … कैसे होगा … कहीं कुछ प्रोब्लम तो नहीं हो जाएगी।

तो गोलू ने हिम्मत दिखाते हुए बोला- सालो, हम सब साथ हैं तो देख लेंगे जो भी होगा. चलो पहले उस होटल में ही चलते हैं।

हम सब आंटी के बताए हुए होटल में चले गए।

वहां 202 के पास वाला कमरा पूछा तो रिसेप्शन पर बताया कि 202 के पास में कोई कमरा खाली नहीं है पर उसी फ्लोर पर कमरा 207 खाली है।
तो हमने वही कमरा ही ले लिया और सब उस कमरे में चले गए।

वहां जाकर हम फिर से बात करने लगे कि क्या क्या प्रोब्लम हो सकती है।

फिर शाम हो गई हम सब होटल में बने पार्क में घूमने आ गए।

तब वे आंटी वहीं मिली.
हम उसको देख कर खुश भी हुए और डर भी गए।

पर हमारा दोस्त गोलू हमें हिम्मत दे रहा था।
साला एक नंबर का गांडू है.
हम कितनी बार उसकी वजह से फंसते फंसते बचे हैं.
पर साला कुछ न कुछ करके बचा ही लेता है.
तो हम सब गोलू को बहुत मानते थे।

आंटी अपनी फैमिली के साथ होटल के रेस्टोरेंट में गई.
तो हम भी उनके पीछे पीछे वहां आ गए।

आन्टी ने हमें पीछे आते हुए देख लिया.
वे हमें देख कर अपने पति को कुछ बोली.
तो अंकल और उनके बच्चे वहीं रुक गए और आंटी आगे चली गई।

थोड़ी दूर जा कर आंटी ने हमें इशारा किया और अपनी तरफ बुलाया।

तो गोलू साला बिना कुछ सोचे ही चल दिया.
हम सब भी उसके पीछे पीछे चल पड़े।

आंटी तब तक और थोड़ी दूर चली गई.
हम सब भी उनके पीछे पीछे चले गए।

आंटी- मुझे तो लगा तुम लोग डर कर आओगे ही नहीं।
गोलू- आंटी हिम्मत दिखाने वाली बात बोली थी हमने तो दिखा दी. अब तुम दिखाओ।
आंटी- अच्छा लगा तुम्हारी हिम्मत देख कर! इसका इनाम रात को मिलेगा।

मैं- क्या मिलेगा?
आंटी- जो तुम बोलो। अपना कमरा बताओ कौन सा है?
गोलू- 207
आंटी- 10 बजे आ जाऊंगी।
मैं- वेट करेंगे आंटी!

गोलू- अब देखते हैं आंटी में कितनी हिम्मत है!
आंटी- वो ही तो दिखानी है तुम्हें!

गोलू- आंटी पूरी लाइफ याद रखोगी कि क्या मर्द मिले थे।
आंटी हंसने लगी और बोली- अभी जाओ. रात को देखती हूँ तुम्हारी मर्दानगी!

हम सब वहां से आ गए और कमरे में बैठ कर 10 बजने का इंतजार करने लगे।

गोलू- सालो, गोली खाओ या कुछ भी … पर आज आंटी के सारे सामान को हिलाना है.
दोस्त- भाई गोली नहीं खायेंगे. क्या पता आंटी न आई तो साले तू देगा सबको गांड?
मैं- हाँ ये साला ठीक कह रहा है।

दोस्त- चलो खाना तो खा लो।

हमने खाना खाया और तैयारी करने लगे कोमल को चोदने की।

वैसे तो अब हवस जाग गई थी.
आंटी खूबसूरत भी थी और चुदाने के लिए भी बोल के गई थी/
पर एक डर भी था कही कुछ गलत ना हो जाए।

रात के 11 बजे और दरवाजे पर दस्तक हुई और गोलू ने दरवाजा खोला.
तो आंटी आ गई।

वे हल्के लाल रंग की साड़ी पहने हुए थी और मैचिंग ब्लाउज के नीचे से उनकी चिकनी कमर दिख रही थी।

हम तीनों दोस्त कोमल के सेक्सी बदन की बनावट को देख रहे थे.
तब तक गोलू ने दरवाजा बंद कर दिया।

आंटी किसी अप्सरा की तरह नंगी कमर हिला हिला कर चलते हुए बोली- तो बच्चो, दिखाओ अब अपनी गर्मी!
गोलू- आंटी पहले बैठ तो जाओ।
कोमल- अब तो तुम्हारी गोद में ही बैठूंगी।

और वे गोलू के पास जाकर उसकी जींस खोलने लगी।
गोलू हमारी तरफ देख रहा था.

आंटी ने तब तक उसके लन्ड को बाहर निकाल कर चूसना शुरू कर दिया।
गोलू भी आंटी के सिर पर हाथ रख कर लन्ड चुसवाने लगा।

इधर आंटी को बच्चे की तरह लोलीपॉप चूसता देख हमारे लन्ड भी खड़े हो गए।
हम अपनी जिप पर हाथ रख कर लंड को शांत रहने के लिए बोल रहे थे।

उधर आंटी एक्सपर्ट रण्डी की तरह लन्ड की मुठ मार कर चूस रही थी.
गोलू आंटी के लन्ड चूसने से अंगड़ाई तोड़ने लगा और आंटी के मुंह में ही झड़ गया।

फिर आंटी खड़ी हुई और अपनी साड़ी उतार कर गोलू को दी और बोली- सुबह पहन के जानी है, ठीक से रख दो।

अब आंटी अपने ब्लाउज को उतार कर कोमल हमें नाजुक गोरे जिस्म पर लिपटी लाल ब्रा दिखा रही थी।
हम सब शांत थे पर अंदर ही अंदर सुलग रहे थे और आंटी को निहार रहे थे।

फिर आंटी ने अपने पेटिकोट का नाड़ा खोला और वो नीचे गिर गया.
आंटी की गदराई जांघों के ऊपर उनके मोटे चूतड़ को कैद करती हुई पेंटी दिख गई.

तो आंटी ने कमर झुका कर अपने पंजों में से पेटिकोट निकाल दिया।
उनके झुके हुए बदन से पैंटी खिंच गई और उनके पहाड़ जैसे चूतड़ों का आधा भाग दिख गया।

आंटी ने पेटिकोट को भी गोलू को दे दिया और फिर से बोली- इन्हें अच्छे से फोल्ड कर रख दो. सुबह पहनने हैं.
तो गोलू ने पेटीकोट को भी फोल्ड किया।

अब आंटी बेड पर आई और हमारी तरफ कमर कर के बैठ गई और बोली- हुक खोल दो।
हम दोस्त अब भी डरे हुए थे.

तो आंटी ने चिड़ाती हुई बोली- फुस्स हो गए?

मेरा दोस्त जोश में आ गया और उसने आंटी के हुक खोल दिए.
तो आंटी ने ब्रा उतार कर मेरी तरफ फेंक दी.
वो ब्रा मेरे चेहरे से टकरा कर मेरी जांघ पर गिर गई।

आंटी- कंडोम लाए हो?

हम सब एक दूसरे के चेहरे को देखने लगे।
तो आंटी बोली- कोई नहीं … आज बिना कंडोम के ही करो!

फिर आंटी मेरे पैरों पर सिर रख कर बेड पर लेट गई और गोलू को अपने पास बुलाया और पैंटी निकालने को बोली.

गोलू ने बेड के किनारे पर खड़ा हो कर पैंटी नीचे की तरफ खींची तो आंटी ने अपनी गान्ड उठा कर गोलू की मदद की।

पैंटी निकलते ही आंटी ने अपनी चूत पर हाथ रखा और बोली- पहले कौन आयेगा?
तो गोलू ने अपने लन्ड को हाथ में पकड़ लिया.

वो फिर से खड़ा हो गया था और आंटी को दिखाने लगा।

हम तीनों दोस्त कुछ बोल नहीं पाए.
तो आंटी ने गोलू को अपने ऊपर बुला लिया.

गोलू आंटी के ऊपर लेट गया और आंटी की चूत में घुसा कर उन्हें चोदने लगा.
आंटी आवाज करने लगी- आह आह … जोर जोर से चोद … चोद जोर से!

इधर हम दोनों की हालत खराब हो रही थी.

तब दोस्त ने अपनी पोर्न वीडियो देखने का कमाल दिखाया और लन्ड निकाल कर आंटी के पास घुटनों पर बैठ गया/

आंटी ने उसके लन्ड को हाथ में पकड़ लिया और हिलाने लगी.
दूसरी तरफ गोलू पागल हो कर तेज तेज धक्के लगा रहा था।

आंटी मेरी जांघ पर सिर रख कर लेटी थी तो मेरा लन्ड भी हिलने लगा.

जब आंटी को महसूस हुआ तो आंटी ने दूसरा हाथ मेरी जिप पर रख दिया.
तो मैं मचल उठा और आंटी के सिर के नीचे से अपने पैर निकाल कर तकिया रख दिया।

अब गोलू थोड़ी देर तक रुका.
तो आंटी ने दूसरे दोस्त को बोला- तुम आ जाओ!

तब वह साला तो अपनी जींस और अंडरवीयर उतार कर टूट पड़ा और आंटी की टांग उठा कर अपना लन्ड पेलने लगा।

इधर आंटी ने गोलू को मुंह में डालने का इशारा किया।

अब आंटी एक हाथ से लन्ड की मुट्ठी मार रही थी और दूसरा लन्ड उनके चूत में घुसा हुआ था और तीसरा लन्ड आंटी चूस रही थी।

मैं ये सब देख रहा था।
सबसे पहले चूत वाला दोस्त झड़ गया, उसने अपना माल अंदर ही छोड़ दिया।

तो आंटी ने गुस्से से बोला- पानी अंदर नहीं निकालना है।
उसने सॉरी बोला.

आंटी ने फिर मुझे बोला तो में भी इसी पोजीशन में आंटी की टांग उठाकर चोदने लगा.
उफ्फ … हम इतने तड़पे हुए थे कि आंटी की चूत की गर्मी के आगे घुटने टेक दिए और मैं भी झड़ गया.

आंटी ने फिर से गोलू को चूत में लन्ड पेलने को बोला और वह आंटी को ऐसे ही टांगें उठा कर चोदने लगा।
अब आंटी ने हाथ वाले लन्ड को मुंह में घुसा लिया और चूसने लगी।

आंटी मंझे हुए खिलाड़ी की तरह उन दोनों के साथ मुंह और चूत से खेलती रही।

दोनों ने अपना पानी छोड़ दिया और आंटी से अलग हो गए।

तब आंटी उठी और बाथरूम में चली गई।
तो गोलू मुझे देख कर बोला- साले तू भी दूसरा राउंड कर ले. फिर बाद में हमें मत बोलना।

आंटी बाथरूम में पेशाब करके अपनी चूत धोने लगी और उनकी इसी चूत के लिए मेरा और दोस्त का लन्ड इंतजार कर रहा था।

आंटी वापस आई और बोली- अब कोन करेगा?

तो मेरा दोस्त आंटी के पास आया.
आंटी बेड के किनारे पर हाथ रख कर डॉगी स्टाइल में झुक गई.

मेरे दोस्त ने पीछे से लन्ड डाल दिया और धक्के लगाने लगा.

तो आंटी ने मुझे अपने पास बुलाया और जिप खोल कर लन्ड बाहर निकाल लिया।

मैंने पहले भी सेक्स किया था पर अब मुझे करने का मन नहीं था.
पर आंटी तो मेरा लन्ड चूसने लगी थी और मेरा दोस्त आंटी को पीछे से जोर जोर से चोद रहा था।

आंटी के होंठ मेरे लन्ड को दबा दबा कर उसमें से पानी निकालने को बेताब थे.

जल्दी ही मैं थक भी गया और आंटी के चेहरे को पकड़ कर जोर जोर से आंटी के मुंह को चोदने लगा और उनके मुंह में झड़ गया।

उधर मेरा दोस्त आंटी को कमर से पकड़ कर बुरी तरह चोद रहा था.

पर आंटी तो मजे में सिसकारी भर रही थी और वह अपनी पूरा ताकत से आंटी को चोद रहा था.

आंटी के चूचे नीचे लटके हुए किसी झूमर की तरह आगे पीछे हिल रहे थे.

फिर उसने अपनी पानी अंदर ही निकाल दिया और उसका लन्ड बाहर निकल आया।

अब तक गोलू फिर से अगली सुनवाई के लिए अपने लन्ड हाथ में लेकर तैयार था।

उधर आंटी भी अब बेड के किनारे पर बैठ गई और गोलू ने आंटी को दो तरफ से चोदने की तैयारी की।

गोलू बेड पर लेट गया और कोमल गुलाबी चूत लेकर उसके लन्ड पर बैठ गई.

उफ्फ … क्या सीन था … खरबूजा चाकू से कटने वाली बात याद आ गई.
फिर आंटी धक्के लगाने लगी.

तभी पीछे से मेरे दोस्त ने आंटी की गांड पर हमला किया और आंटी की कमर पकड़ कर लन्ड डालने की कोशिश की.
पर वह नहीं डाल सका तो आंटी ने दया दिखाई और रुक कर खुद अपने हाथ से उसका लन्ड अन्दर घुसा दिया।

अब आंटी के दोनों छेद में घिसाई शुरू हो गई थी.

काफी देर तक आंटी सैंडविच की तरह काफ़ी देर दोनों के बीच में रगड़ी गई.

और फिर गोलू ने आंटी के अंदर अपना माल डाल दिया.
अबकी बार आंटी गुस्सा नहीं हुई और आंटी ने मेरे दूसरे दोस्त को गोलू की जगह चूत में लन्ड डालने को बोला.

तबी मैं बोला- इसको गांड में डालने दो, चूत में मैं घुसाता हूँ.
तब आंटी हंस कर बोली- गांडू, तू यही अच्छे से कर, सब जगह का एक साथ मजा लेगा।

और फिर मैंने लेट कर आंटी की चूत में घुसा दिया और फिर से चक्की के दोनों पाट के बीच में आंटी पिसने लगी।

अब मेरा दोस्त गांड में झड़ गया और कोमल आंटी ने मेरी तरफ इशारा किया।

लन्ड तो मेरा भी काफी देर से धक्के लगाने में था।

तभी गोलू ड्रिंक पीते हुए आया, उसने एक ग्लास आंटी को भी दिया.
तो आंटी ने कुछ देर मना करने के बाद पी लिया.

इस बीच आंटी के बैठने से मैंने अपना लन्ड निकाल लिया था.
पर आंटी ने लन्ड के ऊपर बैठ कर ड्रिंक पिया और ड्रिंक पीने के बाद हमने फिर से आंटी हार्ड सेक्स शुरू किया।

कुछ देर में आंटी को ड्रिंक का असर होने लगा और वे गाली दे कर चुदाई करवाने लगी.
वे खुद इतनी जोर से धक्के लगा रही थी कि मेरा बैलेंस बिगड़ गया और मेरा लन्ड बाहर निकल गया.

तब आंटी ने मेरे दोस्त के ऊपर बैठ कर उसकी छाती पर हाथ रख कर जोर जोर से धक्के लगाए.
तो वो साला भी जोश में पेलने लगा और झड़ गया.

अब आंटी रुकी और थकी हुई उसके पास ही लेट गई.
तो मैं अपने लन्ड को हाथ में पकड़ कर आंटी के ऊपर चढ़ गया और उनके पैरों को अपने कंधों पर रख कर जोर जोर से धक्के लगाए.
जिससे आंटी की गर्दन चूची सब हिलने लगी और आंटी मस्ती में कराह कर मेरा जोश बढ़ा रही थी.

तभी गोलू ने बोला- आंटी, आप ऊपर आओ. मुझे आपकी गांड मारनी है.
तो आंटी और मैंने जगह बदली.

अब मैं लेटा हुआ था और आंटी मेरे ऊपर चढ़ गई.
गोलू भी पीछे से आंटी को पेलने लगा.
उफ्फ!
हमें पता नहीं चला कि हमने सोने से पहले कितनी बार आंटी के दोनों छेद को चौड़ा किया और आंटी मस्ती में कराह कर चुदाती रही।

फिर सुबह मेरी आंख खुली तो आंटी ने मुझे उठाया था.
उन्हें अपने बच्चों के पास वापस जाना था तो आंटी ने कहा- अगर किसी को चोदना है तो बोलो. वरना मैं जा रही हूँ. फिर कभी नहीं मिलूंगी.

तो मैंने नंगे पड़े अपने दोस्तों को उठाने की कोशिश की.

पर वे सोने को बोलकर फिर से लेट गए.
क्योंकि हमने पूरी रात कोमल आंटी की चिकनी चमेली की तरह पिलाई की और मेरे दोस्तों ने ज्यादा पी ली थी.

तब मैंने आंटी को एक राउंड करने को बोला और आंटी को फिर से चोदा.

उसके बाद आंटी नहाई और अपने कमरे में जाने लगी.

तब आंटी ने मुझे जो बोला … आज भी याद है.

“पूरी रात एक औरत तुम जवान लड़कों के साथ रही। पूरी रात में तुमने तीन तीन बार मुझे चोदा और तुम लोग मुझ अकेली को संतुष्ट नहीं कर पाए. तुम सिर्फ लड़कियों को छेड़ कर परेशान कर सकते हो. जबकि तुम में इतना दम नहीं कि एक औरत को संतुष्ट कर सको!

वे साले सोए हुए थे पर सुबह के पांच बजे आंटी के जाने के बाद मेरी नींद खराब हो गई.
आज भी जब आंटी की बाद याद करता हूँ तो नींद नहीं आती।

पर उस दिन के बाद हमने किसी लड़की के साथ बदतमीजी नहीं की।
सेक्स तो किया जैसे आप सब करते हैं पर जिनके साथ सेक्स किया, उनकी भी इज्जत करता हूं।
आंटी कभी मिलें न मिलें पर सबक मिल गया।

आंटी जी, अगर कभी आप मेरी आंटी हार्ड सेक्स कहानी पढ़ें तो जवाब देना. जब भी मैं सेक्स करता हूं तो आपकी याद आती है. तब मैं कोशिश करता हूँ कि अपनी पार्टनर को संतुष्ट करूं।
blinddatedelhiguy@gmail.com

लेखक की पिछली कहानी थी: सेक्सी मालकिन की प्यास बुझाई
 

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