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Hindi - हिन्दी ऑफिस में बनी फ्रेंड के साथ सेक्स (All Parts)

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Part 1​

माल गर्ल इन रूम कहानी में मेरी जॉब लगी तो अपनी सीनियर लड़की से मेरी दोस्ती हो गयी. वह अपने बॉयफ्रेंड से खुश नहीं थी तो मेरे साथ वक्त बिताने लगी. एक बार वह मेरे कमरे में आई तो …

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अभि (बदला हुआ) है और मेरी उम्र 25 साल की है.
मैं दिखने का एकदम गोरा हूँ, हां थोड़ा स्थूल हूँ पर आकर्षक हूँ और मेरी हाइट 172 सेंटीमीटर है.
खास तौर पर लड़कियों की जानकारी के लिए बताना चाहूँगा कि मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है.

मेरी बेस्ट फ्रेंड का नाम प्रिया (बदला हुआ) है, उसकी उम्र 24 साल की है.
प्रिया हाइट में थोड़ी छोटी है. वह मेरे कंधों से नीचे आती है और उसका फिगर 32-30-34 का है जिसे बाद में मैंने उसे चोदने के बाद नापा था.

तो बात ऐसी है कि मैं दिल्ली में एक ऑफिस में जॉब करता था.
वहां मेरा कोई फ्रेंड नहीं था.
मैं अभी कुछ ही समय पहले इस ऑफिस में जॉब में लगा था इसलिए किसी से कोई खास जान पहचान ही नहीं हुई थी.

जॉब के सिलसिले में एक महीने पहले ही दिल्ली मैं अपने भाई के पास आया हुआ था इसलिए उधर भी मेरा किसी से कोई वास्ता नहीं था.

शुरू शुरू में मैं किसी से बात नहीं करता था, बस अपना काम करता और टाइम से घर निकल जाता था.

प्रिया भी मेरे ही ऑफिस में काम करती थी.
वह मेरी सीनियर थी.

एक दिन ऐसे ही मुझको किसी काम के चलते कुछ मदद की जरूरत थी.
मेरे आस-पास उस वक्त बस वही थी, तो मैंने उससे मदद करने को बोला- हेलो … मैं यहां नया हूँ तो आप मुझको ये समझा दोगी?
मुझे मेरे काम से संबंधित जो समस्या थी, वही मैंने उससे पूछा था.

प्रिया- हां बिल्कुल, क्यों नहीं!
फिर उसने मेरे हाथ से लैपटॉप लिया और मुझको सिखाने लगी कि ये ऐसे होता है आदि आदि.

मतलब मेरी जो भी समस्या थी, वह उसने बड़ी आसानी से सॉल्व कर दी.
मैंने उसे थैंक्यू बोला.
उसने भी स्माइल के साथ कहा- नो प्राब्लम!

दूसरे दिन शाम को मैं किसी काम से अपनी बाइक से मार्केट गया हुआ था तो उधर मुझको प्रिया दिखी.
उस दिन वह भी किसी काम से उधर आई हुई थी.

उसने काली जींस और लाल रंग का टॉप पहना हुआ था.
जैसे ही वह मुझे दिखी तो मैं सामान्य औपचारिकता के लिए उससे हाय हैलो करने के लिए रुक गया.

मैं- हैलो!
प्रिया- हय.

मैं- यहां क्या कर रही हो?
प्रिया- शॉपिंग!
मैं- ओके फिर क्या लिया?
प्रिया- ऐसे ही बस कुछ कपड़े शूज बुक्स.

दोस्तो, मैं बताना भूल गया कि वह जॉब के साथ साथ प्राइवेट कॉलेज से पढ़ाई भी कर रही थी.
यह मुझे भी बाद में ही पता चला था.

‘तुम यहां क्या कर रहे हो?’
मैं- अरे ऐसे ही रूम पर बोर हो रहा था, तो सोचा कहीं बाहर घूम आऊं!

प्रिया- अकेले ही आए हो घूमने?
मैं- हां … कोई फ्रेंड ही नहीं है यहां, सो अकेले ही घूम लेता हूँ.
प्रिया- ओह ग्रेट.

मैं- अगर आप फ्री हो, तो हम साथ में चाय कॉफ़ी पी सकते हैं क्या?
प्रिया- यार, मेरा ब्वॉयफ्रेंड मुझे लेने आने वाला है, तो फिर कभी!

मैं- अरे अभी आया तो नहीं ना … जब वह आएगा तब चली जाना … ठीक! अभी चाय पी लेते हैं और आप भी यहां कहाँ अकेले खड़ी रहोगी!

मेरी इस बात पर वह मान गई.
उसके बाद हम दोनों पास ही में बने एक रेस्टोरेंट में आ गए.

हम दोनों ने खूब बातें की जिसमें उसने अपने ब्वॉयफ्रेंड के बारे में बताया कि उसका नाम रवि (बदला हुआ) है और वह इधर दिल्ली में ही कोचिंग लेकर सरकारी जॉब की तैयारी कर रहा है. इसलिए उसके पास अभी ज़्यादा टाइम नहीं रहता कि हम दोनों मिलें, घूमें या वह सब करें … जो कपल्स करते हैं.

मैं उसकी बात सुनता रहा और हां हूँ करता रहा.
फिर उसने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई जीएफ नहीं है क्या?
तो मैंने मना किया.

वह बोली- यार तुम तो अच्छी ख़ासे दिखते हो, बातें भी अच्छी कर लेते हो, तो फिर क्यों नहीं है तुम्हारी कोई जीएफ?

मैंने कहा- मैं मोटा हूँ, तो मेरे अन्दर कॉन्फिडेन्स ही नहीं आता कि मैं किसी को प्रपोज कर सकूं.
वह मुस्कुरा दी.

उसके बाद हम दोनों ने करीब 15-20 मिनट बातें की और इतने में उसका ब्वॉयफ्रेंड आ गया.
वह मुझे बाई बोल कर चली गई.

मैं भी अपने घर आ गया.

अभी तक मेरे मन में उसके लिए ऐसा कुछ भी नहीं था.

उसके बाद ऑफिस में हम दोनों की हाय हैलो रोजाना होने लगी.
हम दोनों लंच शेयर करने लगे और हमारी दोस्ती बहुत गहरी हो गई.

उसकी वजह से उसकी जो सहेलियां थीं, उनसे भी मेरी अच्छी दोस्ती हो गई.

ऐसे ही में छह महीने बीत गए.

फिर हम दोनों आपस में काफी खुल गए और अपने बीच सब कुछ साझा करने लगे.
उसने बताया कि कैसे उसका ब्वॉयफ्रेंड उसको पढ़ाई की समस्या की वजह से गंदी गंदी गालियां देता है और कभी कभी तो बहुत ज्यादा उल्टा सीधा बोल देता है!

तो मैंने उससे कहा- यदि दिक्कत है, तो उससे ब्रेकअप कर लो.
हालांकि वह ब्रेकअप भी नहीं करना चाहती थी.

तो ऐसे ही हम दोनों के बीच सब कुछ चलने लगा.

एक दिन मैं ऑफिस से अपने घर अपनी बाइक से वापस आने को हो रहा था कि तभी बारिश आने लगी थी.

मैंने रेन कोट पहना और बाइक स्टार्ट की.
इतने में मैंने देखा कि प्रिया पार्किंग में ही है.

मैं उससे पूछने गया- घर नहीं जा रही हो क्या?
उसने कहा- यार जाना तो है, लेकिन ये बारिश होने लगी है.
मैंने कहा- तुमको ऐतराज़ ना हो तो मैं तुमको छोड़ देता हूँ!
वह झट से मान गई.

अब मैंने अपना रेन कोट उसको दे दिया और मैं भीगता हुआ चल दिया.
फिर जल्दी ही हम दोनों उसके घर पहुंच गए.

उसने मुझे अन्दर आने को कहा और बोली- तुम पूरे भीग गए हो, कपड़े चेंज कर लो और गर्म चाय पी लो.
यह कहते हुए उसने मुझे अन्दर बुलाया.
मैं भी चला गया.

वह अकेली ही रहती थी.
उसकी जो मकान मालकिन थी, वह भी बहुत अच्छी थी.

मकान मालकिन ने मुझे आते हुए देखा तो उससे पूछा- यह कौन है?
तो उसने कहा- ऑफिस का फ्रेंड है. बारिश के चलते मुझे घर छोड़ने आया है.

उसकी मकान मालकिन कुछ नहीं बोली.

प्रिया फर्स्ट फ्लोर पर रहती थी तो हम दोनों सीढ़ियों से ऊपर जाने लगे.

ऊपर जाकर प्रिया ने जैसे ही लॉक खोला, तो सामने चेयर पर उसके अंडर गारमेंट्स रखे हुए थे.
उसने जल्दी जल्दी वह सब उठाए और मुझसे बैठने को बोला.
पर उसी जल्दीबाज़ी में उसकी लाल रंग की पैंटी नीचे गिर गई.

मैंने सामान्य भाव से देखा तो वह भी थोड़ी सहज हो गई.
मैं पूरा भीगा हुआ था तो उसने मेरे लिए तौलिया लाकर मुझे दे दिया.

क्या मस्त महक आ रही थी उसकी तौलिया में से.

मैंने वॉशरूम का पूछा और वॉशरूम में आ गया.
वहाँ मैंने देखा कि उसके और भी कपड़े रखे हुए थे. उसमें अंडरगारमेंट्स भी थे, ब्रा पैंटी नाइटी आदि.

मैंने सुसू की और बाहर आने को हुआ.
तब तक उसने भी चेंज करना चालू कर दिया था.
इस वजह से उसने आवाज देते हुए मुझसे कहा- अभी तुम अन्दर ही रहना, मैं कपड़े चेंज कर रही हूँ.

मैंने ओके कह दिया और उसकी ब्रा सूंघने लगा.

फिर जब मैं उसकी आवाज ‘आ जाओ’ सुनकर बाहर आया तो वह कयामत लग रही थी.
मैंने पहली बार उससे उस कामुक नजर से देखा.

उसने डीप नेक वाली नाइटी पहनी हुई थी और उसकी यह नाइटी घुटनों के ऊपर तक की ही थी.
वह बड़ी सेक्सी लग रही थी, मैं तो उसको देखता ही रह गया.

खैर … मैंने चाय पी और मैं अपने रूम पर आ गया.

फिर ऐसे ही कुछ दिन और बीते और हमारी दोस्ती और भी गहरी हो गई.
हम दोनों रात को कॉल या वीडियो कॉल पर भी बातें करने लगे थे.

एक दिन कॉल करते हुए ही उसने मुझसे कहा- कल तुम्हारा भी ऑफ है और मेरा भी … तो कुछ प्लान बनाओ.

संयोग से उसी रात को मेरे भाई ने मुझे बताया कि उसके कुछ दोस्त आ रहे हैं और वह उनके साथ ऋषिकेश राफ्टिंग करने जा रहा है.
यह सुनकर मैंने भी सोचा कि अकेले रह कर मैं भी बोर हो जाऊंगा तो कल प्रिया के साथ ही दिन बिता लेता हूँ.

यह सोच कर मैंने प्रिया को डन बोल दिया.

फिर सुबह हुई.
उसका कॉल आया कि क्या प्लान बनाया है?
मैंने कहा- मैं उधर ही आ रहा हूँ, मिल कर बनाते हैं.
उसने ओके कह दिया.

मैं उसको लेने उसके रूम पर चला गया.

जब वह आई तो ओह क्या गजब माल लग रही थी.
उसको देख कर ही मेरा तो लंड खड़ा हो गया.

वह नीचे आई.
हमने फ्रेंडस वाली हग की और उस बीच उसने नोटिस कर लिया था कि मेरा लंड खड़ा है.

उसने कुछ नहीं बोला और वह मेरे पीछे बैठती हुई बोली- चलो!
मैंने अपने लंड को थोड़ा अड्जस्ट किया और मैं उसको अपने रूम पर ले आया.

मैंने कहा- थोड़ा काम है, उसके बाद चलते हैं … और उधर ही बैठ कर सोच भी लेंगे कि किधर जाना है.
तो वह मान गई.

उसको यह पक्का हो गया था कि ये अच्छा लड़का है और ये ऐसा वैसा कुछ नहीं करेगा.

मेरे ऊपर उसको भरोसा था इसी वजह से वह बिना किसी हिचक के मेरे रूम पर आ गई.

माल गर्ल इन रूम में थी तो तो मैंने उसको चाय कॉफी ऑफर की, तो उसने चाय के लिए बोला.
मैं चाय बनाने गया और वह वहीं बैठी रही.

उसके बाद हम दोनों ने चाय पी और बातें करते करते तय किया कि जाना किधर है.
उतने में लंच का टाइम भी हो गया था, तो मैंने कहा कि अब लंच का टाइम हो गया है, तो खाना खा कर ही निकलेंगे.
उसके भी ओके कहा, उसे शायद मेरे साथ कमरे में रुकना अच्छा लग रहा था.

उसने कहा- लंच मैं बनाऊंगी!
मैंने कहा- साथ मिल कर बना लेते हैं.

तो वह हंस दी और किचन में आ गई.
मैं उसकी मदद करने चला गया.

फिर उसने दाल चावल और सब्जी बनाई. मैंने रायता और सलाद बनाया.
फिर हम दोनों खाना खाने लगे.

खाना खाने के बाद उसने कहा- यार खाना ज्यादा हो गया … अब मुझे नींद आ रही है.
तो मैंने कहा- ठीक है, सो जाओ.
वह बोली- लेकिन जीन्स में कैसे सोऊंगी?

यह सुनकर मैंने अलमारी से निकाल कर उसको अपना एक लोवर दे दिया.
वह चेंज करने बाथरूम में गई और चेंज करके बाहर आई तो मुझे लगा कि उसने अपनी ब्रा भी उतार दी थी क्योंकि उसके दूध कुछ ज्यादा ही उछल रहे थे.

अब वह लेट गई और सोने लगी.
मैं भी उसके बाजू वाले बेड में लेट गया.

फिर थोड़ी देर बाद उसने कहा- इसी बेड में आ जाओ.
यह सुनकर पहले तो मैंने मना किया- नहीं यहीं ठीक हूँ.
पर उसके बार बार कहने पर मैं उसके बेड पर ही चला गया.

अब मैं उसके बगल में लेट कर उससे बातें करने लगा.

बातों के दौरान ही मैंने उससे कहा कि काश तुम मेरी जीएफ होतीं … तो!
उसने कहा- होतीं तो? … इसका क्या मतलब है?

मैंने कहा- कुछ नहीं, यदि तुम मेरी जीएफ होतीं तो अभी मैं तुम्हारी गोदी में सिर रख कर सोता!
इस पर वह हंसी और बोली- इसमें जीएफ होने की क्या ज़रूरत है. तुम ऐसे भी लेट सकते हो.

तो मैं तुरंत उठ कर उसकी गोद में अपना सर रख कर लेट गया.
वह मेरे सर पर हाथ फेरने लगी.

2-3 मिनट बाद वह मेरे गालों पर किस करने के लिए झुकी.
उसकी इस हरकत से मैं बिल्कुल अनभिज्ञ था.

संयोग से मैं भी उसी टाइम घूमा और मेरे होंठ उसके होंठों से टच हो गए.

दोस्तो, हमारे होंठों की रगड़ कुछ यूं थी मानो माचिस की तीली को जलाने के लिए मसाले पर रगड़ दिया हो.

अब आग लगना तो लाजिमी था. हमारे बीच क्या क्या हुआ, वह सब आपको माल गर्ल इन रूम कहानी के अगले भाग में विस्तार से लिखूँगा.
आप अपना प्यार अवश्य दें.
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Part 2​

ऑफिस सेक्स कुलीग कहानी में मेरी सहकर्मी मेरे साथ मेरे बेड पर थी. मैं उसकी गोद में सर रख कर लेटा था. हमारे होंठ आपस में टकरा गए. उसके बाद क्या हुआ?

फ्रेंड्स, मैं आपको अपने ऑफिस में काम करने वाली लड़की की चूत चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
कुलीग लड़की से पक्की दोस्ती
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं प्रिया की तरफ जैसे ही घूमा मेरे होंठ उसके होंठों से टच हो गए.

अब आगे ऑफिस सेक्स कुलीग कहानी:

होंठों से होंठ टच होते ही प्रिया एकदम से पीछे को हटी और उसने मुझसे सॉरी कहा.
मैंने कहा- इसमें सॉरी की कोई बात नहीं है.

वह मेरी आंखों में देखने लगी.
मैं भी उसे देखने लगा.

कुछ पल बाद जब मुझसे न रहा गया, तो मैं उठा और उसकी आंखों में अपनी आंखें डाल कर उसे देखने लगा.

वह कहने लगी- ऐसे क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं!

वह भी चुप हो गई.

फिर मैंने उससे कहा- एक बात बोलूँ, तुम बुरा तो नहीं मानोगी?
उसने कहा- मैं क्यों बुरा मानूँगी?

मैंने कहा कि मुझको तुम्हें किस करना है.
वह सर हिलाते हुई मान गई.

मैं उसकी ओर झुका और वह मेरी ओर आ गई.
मेरी आंखें बंद हो गईं और उसकी भी.
हम दोनों के होंठ जुड़ गए.

करीब 3-4 मिनट तक मैंने उसके होंठों को चूमा. उसके होंठों का रस चूसा.
वह भी एकदम मदहोशी से अपने होंठों को मेरे होंठों से लगाए रही और अपने होंठों का ऐसे मान मर्दन करवाती रही मानो उसे अपने होंठ कुचलवाने में मजा आ रहा हो.

अब मैं उससे और ज्यादा खुल गया था.
मैंने उससे कहा- मुझको तुम्हारे सीने पर सिर रखना है.
उसने कहा- क्यों?
मैंने कहा- ऐसे ही.
वह मान गई और लेट गई.

मैं उसके मम्मों पर अपना मुँह रख कर लेटा हुआ था और हल्के हल्के से उसके दूध दबा रहा था.

अब मैंने उससे कहा- मुझे तुम्हारे दूध देखने हैं.
पहले तो उसने मना किया लेकिन मेरे बार बार कहने पर वह मान गई.

मैंने उसका टॉप ऊपर किया तो देखा कि उसके गोल गोल गोरे गोरे दूध मेरे सामने थे.
उसके निप्पल चैरी की तरह लग रहे थे.

मैंने कहा- तुमने अन्दर से कुछ क्यों नहीं पहना है?
उसने कहा- मुझको ब्रा पहन कर नींद नहीं आती.
उसके दोनों दूध नंगे देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया था.
मेरी इच्छा उसके मम्मों को पकड़ने की हुई.

यह तो मैं उससे नहीं बोल सकता था.
तो मैंने अपने मन में सोचा कि मैं ही शुरुआत कर देता हूँ, साली दूध दिखा रही है, तो चूत भी देने के लिए राजी ही है.

बस मैंने एकदम से उसका एक दूध अपने हाथ में भर कर पकड़ लिया.
वह कुछ नहीं बोली.

फिर मैंने उसका दूसरे दूध को अपने मुँह में ले लिया, तब भी उसने कुछ नहीं बोला.
मैं उसके निप्पल को अपने होंठों से दबा कर खींचता हुआ चूसने लगा.
वह भी आह आह करती हुई एंजाय करने लगी.

ऐसे ही मैंने करीब 5 मिनट तक उसके दोनों मम्मों के साथ खेला और खूब पिया.

इतने में ही मेरा लंड एकदम टाइट हो गया था और वह लोवर में से बाहर आने को फट सा रहा था. ऑफिस सेक्स कुलीग के लिए तैयार था.

फिर उसे किस करते करते मैंने अपना एक हाथ उसके लोवर में डाला तो उसकी चूत गीली हो गई थी और उसकी चूत के गीलेपन को मैं महसूस कर रहा था.

फिर मैं उसे लिप किस करने लगा और जीभ से जीभ को लड़ाने लगा.
इससे वह भी चुदाई के मूड में आ गई थी और लिप किस करते करते ही मैंने उसके लोवर को अपने पैरों से नीचे खिसका दिया.
फिर मैं अपने एक हाथ से उसकी चूत से खेलने लगा.

उसने भी अपनी टांगें फैला दीं तो मैं समझ गया कि अब इसे लौड़े की जरूरत है.
फिर मैं खड़ा हुआ और उसकी पैंटी को भी निकालने लगा.

वह मुझे रोकने लगी लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी.
मैंने जल्दी से उसकी पैंटी टांगों से निकाल कर उतार ही दी.

वह शर्मा गई और अपने हाथ से अपनी चूत छुपाने लगी.

मैंने उसका हाथ हटाया और चूत को नजदीक से देखने लगा.
क्या बताऊं यार … पहली बार मैंने किसी लड़की की चूत देखी थी.
उसकी चूत पर बहुत सारे बाल थे.

मैंने उससे कहा- शेव नहीं करती तुम … बालों की वजह से मुझे उसकी चूत सही से नहीं दिख रही थी.
फिर भी मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर लगाया और उसकी चूत चाटने लगा.

क्या बताऊं दोस्तो, यह मेरा पहला मौका था जब मैं किसी लड़की की चूत चाट रहा था.
वह भी हल्की हल्की सिसकारियां लेने लगी थी. वह ‘सस्स … आह स्स … उऊहह …’ करने लगी.

मैंने अपनी चूसने की स्पीड और बढ़ा दी और जोर जोर से उसकी चूत चाटने लगा.

कुछ देर बाद मैं उठा और उसको 69 पोजीशन में लेटने के लिए बोला.
पहले तो उसने मना किया और कहा- नहीं, मैं तुम्हारा लंड मुँह में नहीं लूँगी.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, मैं तो तुम्हारी चूत को ढंग से चाट सकूँगा!

वह मान गई और मेरी टांगों की तरफ अपना मुँह करके लेट गई.

मैंने उसको झुकाया और मस्ती में उसकी चूत चाटने लगा.

फिर मैंने अपने हाथ से उसका मुँह पकड़ा और उसको अपने लंड के पास ले गया.
अपना लंड मैंने उसके होंठो पर लगाया तो मेरे बदन में एक झटका सा लगा और सारे जिस्म में करेंट सा दौड़ने लगा.

फिर मैंने उससे कहा- प्लीज़ सक इट!
बस उसने अपना मुँह खोल दिया और मैंने अपने लंड को उसके मुँह में घुसेड़ दिया.

वह मस्ती से लंड को चूसती रही.
इधर मैं भी उसकी चूत चाट रहा था.

कुछ देर बाद वह मेरे मुँह में ही झड़ गई; मैंने उसकी चूत का सारी पानी पी लिया.
उसका रस एकदम नमकीन सा मस्त गाढ़ा पानी सा था; मैंने सारा रस चाट लिया, एक भी बूँद खराब नहीं जाने दी.

जिस वक्त मैं उसकी चूत का रस चाट रहा था, उस वक्त उसने अपनी दोनों टांगें फैला ली थीं ताकि मैं उसकी चूत को अच्छे से चाट सकूँ.

इधर मेरा भी होने वाला था तो मैंने झटके देना शुरू कर दिए.
वह समझ गई कि मेरा भी होने वाला है.
उसने मेरे लंड को अपने मुँह से बाहर निकाला और मेरे लंड की मुठ मारने लगी.

जैसे ही मैं झड़ा, मेरे लंड का सारा माल छिटक कर उसके चेहरे पर गिर गया.

वह हंसने लगी और अपने हाथ से अपनी आंख के पास लगे मेरे वीर्य को हटाने लगी.
फिर वह उठी और ऐसी नंगी ही बाथरूम में अपना मुँह धोने जाने लगी.

मैं भी उसके पीछे पीछे चला गया.
वहां उसने अपना मुँह धोया और चूत की झांटों को को पानी से साफ करने लगी.

मैंने उधर से अपना रेज़र उठा लिया और उसकी तरफ सर घुमाया, तो उसने कहा ये क्यों?
मैंने कहा- शेविंग करनी है.

वह अपनी टांगें फैला कर बोली- इसकी?
मैंने हां कहा तो वह शर्मा गई.

फिर मैंने उसे सही से बैठा कर उसकी चूत की झांटों के बाल बनाए और पानी से चूत साफ कर दी.

अब उसकी गुलाबी चूत एकदम साफ साफ दिखाई दे रही थी.
वहीं मैंने उसे क़िस किया और उसके दूध दबाए.
फिर मैं उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा.

इतनी देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था.
मैंने उसको अपनी गोदी में उठाया और बाहर बेड तक किस करते करते ले आया, उसे बेड पर बड़े प्यार से टिका दिया.
अब चूत चुदाई का असली मजा आने वाला था.

पहले मैंने उसके होंठों पर किस किया और किस करते करते मैं नीचे को आने लगा.
मतलब फिर से उसकी गर्दन से आते हुए उसके मम्मों पर, फिर उसकी नाभि पर, उसकी जांघों पर, उसके पैरों पर चूमता हुआ नीचे तक चला गया.

फिर वापस ऊपर आने लगा और उसकी जांघों पर किस करने लगा.

मैंने उसकी जांघों के पास किस किया तो उसने कहा- चूत भी चाटो न!
उसको भी बहुत मजा आ रहा था.

फिर मैंने उसको उल्टा किया और उसकी गांड पर, उसके पैरों पर, उसके नंगी पीठ और सब जगह किस करने लगा.

बाद में मैंने उसकी टाँगो को चौड़ा किया और उसकी चूत पर फिर से मुँह रख दिया.
मैं जीभ से चूत चाटने लगा.

मुझे उसकी चूत चाटने में बहुत मजा आ रहा था.
उसको भी मजा आ रहा था.
वह मेरे सिर को अपने चूत में दबा रही थी और ऊपर नीचे हो रही थी.

थोड़ी देर बाद उसका शरीर अकड़ सा गया और उसने अपना पानी फिर से छोड़ दिया.
मैंने उसका पानी अपने मुँह में जमा किया और ऊपर आकर उसे किस करने गया.

होंठों से किस करते हुए ही मैंने उसकी चूत का पानी उसके मुँह में दे दिया.

वह भी चूत के पानी को अपने थूक से मिला कर वापस मेरे मुँह में दे रही थी और मैं भी ऐसा ही कर रहा था.
हम दोनों ही थोड़ा थोड़ा रस पीते जा रहे थे.

अब मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया रखा और उससे पूछा- अन्दर डालूँ?
वह हंस कर बोली- मना करूंगी तो क्या रुक जाएगा? जब रुकेगा ही नहीं … तो पूछ क्यों रहा है, पेल दे!

मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सैट किया और एक करारा धक्का दे मारा.
पहले ही झटके में मेरा आधा लंड उसकी चूत में समाता चला गया था.

उसके साथ ही उसकी आअहह की आवाज़ निकल गई.
उसकी चूत बहुत चिकनी थी.

फिर मैं वैसे ही उसे लिप किस कर रहा था.
कुछ पल बाद मैंने दूसरा झटका मारा, तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया.
वह और जोर से कराहने लगी- ईईई स्सस्स … साले धीरे चोद!

अब मैं धीरे धीरे अपने लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
उसे भी चुदने में मजा आ रहा था और मुझे भी.

फिर मैंने धीरे धीरे अपनी स्पीड तेज की और करीब दस मिनट तक चोदने के बाद मेरा पानी निकलने को हो गया.

मैंने पूछा- कहां निकालूं?
उसने कहा- अन्दर नहीं.

मैंने कहा- ठीक है, अपना मुँह खोल.
उसके पास और कोई ऑप्शन नहीं था.

जैसे ही उसने मुँह खोला तो मैंने लंड उसके मुँह में डाल दिया और 5-7 झटके देने के बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.
उसने भी मेरा सारा पानी पी लिया.

फिर मैं उसके लिए पानी लाया.
उसने कुल्ला किया और हम दोनों एक दूसरे को किस करते करते लेट गए.
मैं भी उसके दूध पर हाथ रख कर सो गया.

जब हमारी आंख खुली तो रात के साढ़े आठ बज गए थे.
मैंने उससे कहा- आज यहीं रुक जा.

मेरा हफ़्ते में दो दिन ऑफ रहता था और उसका एक दिन क्योंकि हम फुल टाइम जॉब करते थे.
उसने कहा- नहीं, कल ऑफिस जाना है.

मेरे थोड़ा सा और फोर्स करने पर वह मान गई और उसने अपनी सीनियर को कॉल लगा कर कहा- मेम मुझे गर्ल’स प्राब्लम (पीरियड्स) आ गई है और पेट में बहुत दर्द भी हो रहा है, तो मैं कल में ऑफिस नहीं आऊंगी.
उधर से हामी मिल गई.

अब मैं बहुत खुश हो गया कि आज रात भर इसकी चूत चोदने को मिलेगी.

मैंने उससे पूछा- डिनर का क्या करना है?
उसने कहा- बाहर से ही मंगवा लो, अब कौन बनाए!

हम दोनों ही थके हुए भी थे तो मैंने बाहर से खाना मंगवा लिया और हम दोनों ने एनर्जी ड्रिंक के दो दो डोज लेकर खाना खा लिया.

फिर हम ऐसे ही बिना कपड़ों के सोने लगे.
जब डेलिवरी वाला आया था, तो उस टाइम मैंने कपड़े पहन लिए थे.

मैंने फिर से उसके दूध पीने लगा.
वह मेरे सर पर हाथ फेरती हुई हंस रही थी कि कैसे छोटे बच्चे के जैसे दूध पी रहा है मेरा बाबू!

फिर उसका दूध पीते पीते में नीचे खिसका और उसकी नाभि पर किस करने लगा.
नाभि से भी नीचे खिसका और फिर से उसकी चूत चाटने लगा.
उसे भी चूत चटवाने में बहुत मजा आ रहा था.

उस रात हम दोनों ने तीन बार सेक्स किया और मैंने उसको उस रात घोड़ी बना कर भी चोदा.

अगले दिन भी सारे दिन हम दोनों कमरे में ही रहे और पूरा दिन नंगे ही रहे.

अब हम दोनों कभी भी मन होने पर सेक्स का मजा ले लेते हैं.

तो दोस्तो, आपको मेरी ऑफिस सेक्स कुलीग कहानी कैसी लगी. प्लीज जरूर बताएं.
rawatg3@gmail.com
 

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