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Hindi - हिन्दी Audio Story गांड बची पर चूत फट गयी Part 1 & Part 2

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Part 1​

होटेस्ट गर्ल पोर्न कहानी में मुझे सेक्स की लत लग गयी थी, मुझे रोज लंड की जरूरत थी अपनी चूत में! एक बार मेरे भाई भाभी आये हुए थे तो मुझे मौक़ा नहीं मिल रहा था.

यह कहानी सुनें.

Family Incest Audio Story​

Listen to this hot family taboo or incest audio story here!



हाय फ्रेंड्स, मैं आपकी प्यारी फ्रेंड अंकिता अपनी सेक्स कहानी लेकर फिर से हाजिर हूँ.

मैंने पिछली सेक्स कहानी
कई तरह से सेक्स का मजा लिया मैंने
में बताया था कि मैं अपने यार से चुदने आई तो मेरी सहेली के बॉयफ्रेंड ने भी मुझे पेल दिया था.

फिर आगे होटेस्ट गर्ल पोर्न कहानी में क्या हुआ, उसे जानते हैं.

तो बात यूं जम गई थी कि अब हम लोग ऐसे ही चुदाई के मज़े लेते थे.
सपना और मैं, प्रकाश और दीपक दोनों हमारी चूत चोदते थे और सिलसिला ऐसे ही चलने लगा था.

अब गर्मी आ गयी थी.
भैया और भाभी घर पर आए हुए थे.
भाभी पेट से थीं.

उनके आने से अब मुझे थोड़ा संभल कर रहना था क्योंकि भाभी दिन भर घर पर ही रहती थीं और भैया अपने दोस्तों के साथ बाहर.

यही डर रहता था कि कहीं भैया ना देख लें.
इसीलिए अब हमारा मिलना थोड़ा कम हो गया था.

कुछ दिन के बाद दीपक भी अपने किसी रिश्तेदार की शादी के लिए बाहर गया हुआ था.

काफ़ी दिन हो गए थे, मैंने सेक्स नहीं किया था.
आप समझ सकते हैं कि जब चूत में एक बार लंड चला जाता है, तो चूत में कितनी खुजली होने लगती है.

मैंने सपना से बोला- कुछ जुगाड़ कर यार, सेक्स करना है.
वह बोली- ठीक है.

उसने प्रकाश से बात करके दिन फिक्स किया और उस दिन सपना मेरे घर आई.
हम दोनों घर पर बहाना बना कर प्रकाश के फ्लैट पर मिलने के लिए चले गए.

उस समय भैया घर पर नहीं थे, पर पता नहीं उन्होंने हम दोनों को फ्लैट पर जाते हुए देख लिया था.
उन्होंने अपने एक दोस्त के साथ हमारा पीछा किया और हम तीनों को एक साथ ही अन्दर जाते हुए देख लिया.

पर हमें नहीं मालूम चल सका था.

हम लोग सेक्स के लिए वहीं पर थे और मैं सेक्स के लिए भूखी रंडी की तरह तैयार थी.
मैं बहुत दिनों से चुदी नहीं थी तो बहुत ही ज्यादा कामोत्तेजित थी.

प्रकाश भी मुझे चोदने के लिए लार टपका रहा था.

उसने गोली खाई हुई थी.
वह मुझे खड़े खड़े ही किस करने लगा.

सपना आराम से बैठ कर हमें देखती हुई मज़े ले रही थी.

प्रकाश मुझे जंगली जानवर की तरह किस कर रहा था.
मैं भी उसका साथ दे रही थी.

वह मेरे होंठों को बेदर्दी से काट रहा था.

उसका लंड तन चुका था और वह मुझे बिना कपड़ों को उतारे ऊपर से ही चोदने की कोशिश कर रहा था.

उसने अपने पूरे कपड़े उतार दिए और मुझसे बोला- चल साली मेरा लंड चूस!
मैं उसके लंड को चूसने लगी.

कुछ देर लंड चुसवाने के बाद वह मुझसे बोला- लेट जा मेरी रानी!

उसने सपना से कहा कि वह मेरे हाथों को मेरे ही दुपट्टे से बांध दे.
सपना ने ऐसा ही किया.

प्रकाश बोला- अंकिता, आज मैं तुम्हारी चूत तो फाड़ूँगा ही, साथ में तुम्हारी गांड का भी उदघाटन करूँगा.
यह सुन कर मैं डर गई क्योंकि मैंने अभी तक अपनी गांड नहीं मरवाई थी.

प्रकाश मुस्कुरा कर बोला- अपनी सहेली सपना से पूछो कि गांड मरवाने में कितना मज़ा आता है.

अभी कुछ दिन पहले ही सपना की गांड की चुदाई हुई थी, उसके बाद से वह मेरी गांड मारने के चक्कर में था.
उसे यह मौका दीपक के ना होने पर आज मिल ही गया था.

मेरे हाथों को बांध कर मेरी सलवार का नाड़ा खोला और मेरी जांघों को चूमते हुए धीरे धीरे मेरी पैंटी के ऊपर से ही चूत सहलाने लगा.
फिर चूत को मसलते हुए वह मेरे मम्मों पर आ गया और दोनों दूध बेदर्दी से दबाने लगा.

मैं भी मज़ा ले रही थी और डर भी रही थी कि आज मुझे गांड मरवाने में कितना दर्द होने वाला है.

उसने मेरी कमीज़ को ऊपर किया. उसने समीज़ को पूरा नहीं उतारा बल्कि मेरा मुँह उसी से ढक दिया और मेरी ब्रा को ऊपर करके मेरे एक निप्पल को दांत में दबा कर ज़ोर ज़ोर से काटने लगा, दूसरे दूध को दबाने लगा.

इधर भैया और उनके दोस्त दोनों खिड़की से ये सब नजारा देख रहे थे.

यह सब देख कर उन्होंने दरवाजा ठोका.
हम तीनों घबरा गए कि इस समय कौन आ गया है.

प्रकाश ने मुझे गोदी में उठाया और अन्दर वाले कमरे में ले गया.

हम दोनों नंगे ही थे.
प्रकाश ने जल्दी से कपड़े पहने और सपना और प्रकाश दोनों दरवाजे पर आ गए.

उन्होंने दरवाजा खोला तो मेरे भैया और उनके दोस्त सीधे ही अन्दर आ गए.

उन्होंने पूछा- अंकिता कहां है?
वे दोनों घबरा गए.

भैया के दोस्त ने प्रकाश और सपना से पूछा- यह फ्लैट किसका है? मकान मलिक को फोन लगाओ.
वे दोनों घबरा गए.

इतने में भैया कमरे के अन्दर आ गए और उन्होंने अन्दर आकर देखा तो उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं.
मेरे हाथ बँधे थे और मैं पूरी नंगी पलंग पर पड़ी थी. मैं भी उनको देखकर घबरा गयी.

भैया ने मेरे हाथ खोले और गुस्से में पूछा- यह सब कर रही हो? घर चलो फिर बताता हूँ!
उधर पीछे से सभी लोग कमरे के अन्दर आ गए और मैं सबके सामने नंगी ही पड़ी थी.

भैया और उनके दोस्त के सामने मुझे शर्म आ रही थी.
मैंने चादर से अपने आपको छुपा लिया.
यह घटना कुछ ही सेकेंड की थी.

भैया ने पूछा- यह सब कब से चल रहा है?
प्रकाश ने डरते हुए सब कुछ मेरे भैया को बता दिया.

उसने दीपक और मेरे बारे में भी बताया कि यह अपनी मर्ज़ी से सेक्स करने यहां आई थी.
सपना भी घबरा गयी कि कहीं उसके घर भैया कुछ बता ना दें.
तो सपना ने भी हामी भर दी.

प्रकाश का लंड गोली के कारण अभी भी खड़ा था.
वह उभरा हुआ साफ दिखाई दे रहा था.

भैया ने अपने दोस्त को एक तरफ बुलाकर कहा- तुम यह सब किसी को ना बताना, मेरी बहन की बदनामी होगी.

उनके दोस्त ने कहा- ठीक है, पर यार मैंने कभी सेक्स नहीं किया है. मैं सपना को चोदना चाहता हूँ. यदि तुम उसे मेरे लंड से चुदवा दो, तो मैं अपना मुँह बंद रखूँगा.
यह सब हम लोग सुन रहे थे.

भैया ने हम सब की ओर देखा.
हमारे पास कोई और रास्ता नहीं था.

प्रकाश और सपना राज़ी हो गए.

तब प्रकाश ने कहा- मैंने गोली खाई है, तो मैं भी सपना के साथ सेक्स करूँगा.
वे तीनों राज़ी हो गए.

मैं अपने कपड़े पहन कर भैया के साथ बाहर हॉल में आ गई.

वे तीनों कमरे में थे.
उन्होंने दरवाजा लगा दिया.

इधर भैया ने मुझसे कहा- तुम यह सब करना छोड़ दो.
मैंने कहा- अब मैं ऐसा कभी नहीं करूँगी, पर घर पर यह सब किसी को नहीं बताना!
भैया ने भी काफ़ी टाइम से सेक्स नहीं किया था क्योंकि भाभी पेट से थीं.

तब भैया ने कहा- सच सच बताओ कि तुम अब तक कितनों से चुदी हो?
मैंने उन्हें सब बता दिया कि मैंने थ्रीसम लेस्बियन आदि सब तरह से सेक्स किया है.

भैया ने पूछा- थ्रीसम मतलब आगे पीछे से एक साथ?
मैंने कहा- नहीं आगे मुँह में और चूत में लेकर थ्रीसम किया है.
वे यह सब सुनकर दंग रह गए.

मैंने उनकी वासना देखते हुए कहा- भैया आप भी मुझे चोद सकते हैं … बस आप घर पर किसी को नहीं बताना!

वे मेरी चूचियों को देखने लगे.
मैं समझ गई कि भैया का लंड हिचकोले मार रहा है.

मैंने अगले ही पल अपने भैया की पैंट में अपना हाथ घुसा दिया और उनसे लिपट कर उन्हें ज़ोर ज़ोर से किस करने लगी.
वे भी साथ देने लगे.

उन्होंने कहा- घर पर सेक्स करने में थोड़ी मुश्किल होगी.
मैंने कहा- हां तो अभी जल्दी वाला एक बार कर लेते हैं.

उन्होंने कहा- यहां पर किसी पता लग जाएगा कि भाई अपनी बहन को चोद रहा है!
मैंने उनसे कहा- वे सब अन्दर वाले कमरे में हैं. आप यहीं हॉल के सोफ़े पर थोड़ा जल्दी जल्दी कर लो. वैसे भी सबने तो मुझे नंगी देख लिया ही है.

यह कह कर मैंने भैया के मुँह से अपना मुँह लगा दिया और उनको किस करते हुए उनके मुँह में अपनी जीभ घुसेड़ दी.
साथ ही मैं भैया के लंड को पकड़ लिया तो वे भी फॉर्म में आ गए.

उन्होंने फटाफट से मेरे सारे कपड़े उतारे और मुझे पूरी नंगी कर दिया.
वे खुद भी नग्न हो गए और मेरे निप्पल को अपने होंठों में दबा कर खींचने लगे.

मैं सिसयाने लगी.
भैया मेरे दूध के निप्पल ऐसे चूस रहे थे मानो पहली बार दूध चूसने को मिले हों.
वे मेरे मम्मों पर भूखे शेर की तरह टूट पड़े थे.

भैया ने मेरे मम्मों को मुँह में भर लिया और जल्दी जल्दी चूसने लगे.
मुझे भी अपने सगे भाई से दूध चुसवाने में अच्छा लग रहा था.

भैया ने मेरी एक चूची को चूस लिया.
फिर वे दूसरी को मुँह में भरकर चूसने लगे और बीच-बीच में वह मेरे दोनों निप्पलों को ज़ोर-ज़ोर से मींज रहे थे.
साथ ही वे मेरे गले के इर्द-गिर्द दाँतों से काट रहे थे.

फिर भैया ने मुझे चित लिटाया और मेरी चूत के दाने को मुँह में भर लिया.

वे अपने होंठों में चूत के दाने को दबा कर खींचने लगे और काटने लगे.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मेरे बदन में आग लगती जा रही थी.

तभी मैं एकदम से अकड़ गई और चिल्ला दी- आह आह … उफ़ फ़क मी आह!

उन्होंने मुझे लिटा दिया और मेरी फुदी पर अपने औज़ार को घिसने लगे.

उनका लंड 7.5 इंच का था.
मैं अब तक इतने बड़े लंड से नहीं चुदी थी.

अपने लंड को भैया ने मेरी चूत के मुँह पर सटा दिया और एक झटके के साथ उसे अन्दर पेल दिया.
भैया का इतना बड़ा लंड मेरे अन्दर घुसता चला गया.

मुझे दर्द हुआ तो मैं जोर से चिल्ला उठी.
भैया ने धीरे से अपना लंड मेरी चूत से निकाला और फिर से झटके से डाल दिया.

कुछ ही देर में वे भूखे शेर की तरह मेरी चूत के अन्दर बाहर करते हुए अपना लंड पेल रहे थे.
जिससे मेरी चूत की फाँकें बार बार खुल और बंद हो रही थीं.

मेरे मुँह से तेज स्वर में ‘उ उ उ उ ऊऊऊ … ऊं..ऊं…ऊं अह सी सी …’ की आवाज निकल रही थी.

मैं ज़्यादा ज़ोर से चिल्ला भी नहीं सकती थी क्योंकि अन्दर आवाज़ ना चली जाए, यह डर था.

मैंने भैया से कहा- थोड़ा धीरे धीरे से पेलो … दर्द हो रहा है.
पर शायद उन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था.

भैया ने मेरे मम्मों को हाथ में पकड़ लिया और जोर जोर से दबाने और मसलने लगे.
मैं तड़प रही थी.
उनके धक्के इतने तेज थे कि मेरे बूब्स किसी गेंद की तरह उछल रहे थे.

भैया मेरी चिकनी चूचियों को मुसम्मी की तरह मसल रहे थे.
मैं कराह रही थी; साथ ही मुझे अजीब सा नशा भी चढ़ रहा था.

अब भैया ने मुझे अपनी गोद में बैठाकर मेरी चूत पर लंड टिकाया और हल्के से दबाया तो लंड अन्दर चला गया.
मैं भी उछल उछल कर अपने भाई के लंड का मज़ा ले रही थी.

इसी बीच मैं झड़ गयी लेकिन भैया रुकने का नाम नहीं ले रहे थे.

फिर उन्होंने मुझे दस मिनट तक डॉगी स्टाइल में चोदा और वापस गोदी में बैठाकर मुझे 5 मिनट तक जबरदस्त चोदते रहे.
मैंने भैया से कहा- मैं फिर से झड़ने वाली हूँ!

भैया ने कहा- मैं भी झड़ने वाला हूँ … पानी कहां निकालूँ!
मैंने कहा- मेरे बूब्स पर.

वे मेरे मम्मों पर झड़ गए.
चुदाई खत्म हुई तो मैं फटाफट से बाथरूम में जाकर खुद को साफ करके अपने कपड़े पहन कर आ गयी.
हम दोनों कपड़े पहन कर बैठ गए.

अब हमें अन्दर से उन तीनों के आने का इंतजार था.

अगले भाग में मैं आपको अपने सगे भाई के साथ अपने ही घर में हुई चुदाई की कहानी का जाम पिलाऊंगी.

आपको मेरी यह होटेस्ट गर्ल पोर्न कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
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होटेस्ट गर्ल पोर्न कहानी का अगला भाग:
 

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Part 2​

हॉट सिस सेक्स कहानी में मेरे भाई ने मुझे अपने यारों के साथ नंगी पकड़ लिया था. तो घर वालों से बचने के लिए मैंने अपने भाई को ही अपना जिस्म परोस दिया और भाई से चुद गयी.

यहाँ कहानी सुनें.

Hindi Audio XXX Story​

Listen to this family incest porn story of hot sister. XXX audio:



दोस्तो, मैं अंकिता आपको अपनी देसी भाई बहन सेक्स कहानी में एक बार पुनः मजा देने के लिए हाजिर हूँ.

कहानी के पहले भाग
मेरी चूत लंड मांग रही थी
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरे भैया ने मुझे प्रकाश के साथ चुदते हुए नंगी हालत में पकड़ लिया था और उन्होंने मुझे अलग ले जाकर चोद भी दिया था.

अब आगे हॉट सिस सेक्स कहानी:

तकरीबन एक घंटा के बाद वे दोनों मर्द आए.
वे दोनों बहुत खुश दिख रहे थे.

मैंने पूछा- सपना कहां है?
भैया के दोस्त ने मुझे कामुक नजरों से देखते हुए कहा- वह बाथरूम में है, अभी आ रही है!

तो भैया ने पूछा- उसे क्या हुआ?
भैया के दोस्त ने कहा- होना क्या था, वह सही है. मुझे तो आज जन्नत मिल गयी यार … मज़ा आ गया.

मैं अपने भैया के दोस्त को कामभाव से देख रही थी.
उसकी नजरों में भी मेरे लिए सेक्स दिख रहा था.

हालांकि अभी भैया यह बात सहन नहीं कर पाते कि उनकी सगी बहन को उनका दोस्त चोदे.
इसलिए मैंने भैया के दोस्त की तरफ से अपनी नजरें हटा लीं.

फिर सपना आई.
उसकी हालत ठीक नहीं दिख रही थी.

मैंने उसे अपने पास बिठाया और इशारे से पूछा कि क्या हुआ?

सपना ने धीमी आवाज में मुझे बताया- आज मेरी चूत और गांड एक साथ मारी गयी. उन दोनों ने दो दो बार भूखे शेरों की तरह मेरी चूत गांड बजाई.

प्रकाश भी मेरी तरफ वासना से देख रहा था शायद उसका लंड अभी भी गोली की मस्ती में खड़ा था.

उन दोनों को शायद मालूम नहीं पड़ा था कि हम दोनों भाई बहन ने भी सेक्स किया है.

भैया ने अपने दोस्त को बाहर तक छोड़ा और कहा- तुम यह सब यहीं पर भूल जाना और किसी को कुछ नहीं बताना!
वह बोला- हां ठीक है किसी को नहीं बताऊंगा.

फिर भैया ने प्रकाश से कहा- प्रकाश तुम सपना को घर छोड़ देना, हम दोनों जा रहे हैं.

अब हम भाई बहन घर की ओर निकले तो भैया ने बोला- अब तुम बाहर नहीं जाना और दुबारा इनसे नहीं मिलना, नहीं तो मैं घर पर सब बता दूंगा.
इस पर मैंने उन्हें हां बोल दिया.

मुझे मालूम था कि भैया मुझसे बड़े हैं और मुझे डराने के लिए ऐसा बोल रहे हैं.
असलियत में तो मैं भी उनके लिए कह सकती थी कि भैया ने मुझे चोदा है.

फिर भैया बोले- आज रात को तैयार रहना … छत पर तुम्हारी लूँगा.
मैं हंस दी.

भैया भी हंस कर बोले- असली मज़ा रात को आएगा. आज मैं तेरी चूत को फाड़ दूंगा … क्योंकि बहुत दिनों से मुझे चूत चोदने नहीं मिली.

मैंने भी हंस कर उनका लंड सहला दिया.
अब हम दोनों घर आ गए.

घर में किसी को कुछ नहीं समझ आया कि क्या हुआ है.
हम दोनों बिल्कुल सामान्य तरीके से रात को खाना खा पी कर फारिग हो गए.

भैया आज छत पर सोने के लिए आ गए.
उन्होंने भाभी को बोल दिया था कि मैं छत पर सोने जा रहा हूँ.

मैंने भी बहाने से मम्मी को बोल दिया कि मैं भी आज भैया के साथ छत पर ही सोऊंगी!

हमारे घर की छत के आजू बाजू में किसी भी घर की छत इतनी ऊंची नहीं थी … उस वजह से खुली छत पर चुदाई का मजा बेफिक्री से लिया जा सकता था.

हम दोनों ने बिस्तर बिछाए और छत पर आने वाले जीने का दरवाजा बंद कर दिया.

भैया ने मुझसे कहा- तुम अब मेरे साथ लेट जाओ.
मैं हंसकर तुरंत उनके पास में आकर लेट गई.

भैया ने ज्यादा देर ना करते हुए तुरंत मुझे अपनी बांहों में ले लिया और मेरे गुलाबी होंठों को किस करने लगे.

मुझे अपनी बांहों में कस कर उन्होंने जकड़ लिया था.
मैं भी उनका पूरा साथ दे रही थी.

कुछ देर बाद एक हाथ से वे मेरे बूब्स को मसलने लगे थे.
जिस वजह से मैं गर्म होकर जोश में आकर सिसकारियां लेने लगी थी.

अब मैं खुद से उनको किस कर रही थी.

हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था.

करीब दस मिनट के बाद भैया ने मेरी कमीज़ को उतार दिया और वे मुझे बिना ब्रा के देखने लगे.

मैं लजा गई और अपने हाथों से अपने दूध छिपाती हुई भैया से नजरें चुराने लगी.

भैया ने मेरी सलवार के नाड़े को भी ढीला कर दिया और उसे उतार दिया.

मैंने ब्रा पैंटी कुछ नहीं पहना था तो मैं अपने भैया के सामने पूरी नंगी हो गई थी.

वे बोले- तुम मेरे कपड़े उतारो.
मैंने उनका पजामा और टी-शर्ट उतार दिया.

वे नंगे हो गए थे और अपना लंड सहलाने लगे थे.
मैंने उनके लंड को देखा तो उन्हें किस करना शुरू कर दिया.

उन्होंने एक हाथ से अपनी चड्डी की तरफ इशारा किया तो मैंने उनकी चड्डी को उतार दिया.

अब भैया मेरी गर्म चूत पर अपना हाथ फेरने लगे.
मैं मचल उठी और मैंने अपने हाथ को बढ़ा कर उनके लंड को पकड़ लिया.

भैया ने मुझे अपनी बांहों में खींच लिया और हम दोनों एक दूसरे को दोबारा किस करने लगे.

तब भैया मेरे बूब्स को मसलने लगे.

कुछ ही देर बाद मेरी सांसें तेज होने लगी थीं.
मैं और भैया पूरे जोश में आ गए थे.

फिर भैया ने मेरे एक निप्पल को अपने मुँह में लेकर चूसना चालू कर दिया जिस वजह से मैं चुदास से कसमसाने लगी.

भैया मेरे नर्म मुलायम पेट पर किस करने लगे और वे निरंतर मेरी चूत की तरफ सरकने लगे.

कुछ देर बाद मैं खुद से अपने भैया का सर पकड़कर अपनी प्यासी कामुक चूत की तरफ धकेलने लगी.

भाई समझ गए थे कि मैं अब उनसे अपनी चूत को चटवाना चाहती हूँ.
वे भी धीरे धीरे अपना मुँह मेरी चूत के पास ले आए और मेरी चूत को चूमने लगे.

मैं तो समझो पागल हो गई थी और बिल्कुल बेसब्र होकर भैया का सर पकड़ कर अपनी चूत में घुसेड़ रही थी.

भैया की कामुक आवाज़ें भी आने लगी थीं.
वे चूत चाटते हुए गाली देने लगे थे- आह मेरी कुतिया बहनिया … साली रंडी … आज तेरी चूत का भोसड़ा बना कर छोड़ूँगा … तुझे नंगी करके सड़क पर चुदवा दूंगा आह बहन की लौड़ी मादरचोदी … आह्ह सीई ईईई मस्त चूत है तेरी उफ्फ!

साथ ही मैं भैया से अपनी चूत चटवाती हुई अपने होंठों पर अपनी जीभ घुमा रही थी.
मेरे भैया ने अब अपनी एक उंगली को मेरी चूत में डाल दिया और चूत के दाने को सहलाने लगे.

इस वजह से मैं बिल्कुल मदहोश होकर अपनी आखें बंद करके अपने कूल्हों को ऊपर करने लगी थी.
उन्होंने अब अपनी दो उंगलियों को चूत में डाल दिया था और हिलाने लगे.

भैया मेरी चूत के दाने को रगड़ने लगे और उन्होंने देखा कि मेरी गांड अभी भी वर्जिन है, तो वे खुश हो गए.

उन्होंने कहा- इसकी सील तो मैं ही तोड़ूँगा!
मैं कुछ नहीं बोली.

भैया ने मेरा सर पकड़ा और मेरे मुँह में लंड पेल दिया.
उन्होंने मेरे मुँह को ही चूत समझ लिया था और मुँह में ही धक्के मारना शुरू कर दिया.

क्या लंड था भैया का … खूब मोटा और लम्बा!
जब भी मेरे गले से टकराता, मेरी सांसें रुक सी जाती थीं.

कुछ देर यही हुआ, फिर वे लंड मेरे मुँह में डालकर तेजी से घिसने लगे.
मैं औकक औकक आक करने लगी और लंड को चूसने लगी.

करीब दस मिनट के बाद मेरे मुँह में धमाका हुआ और मेरा मुँह उनके वीर्य से भर गया.

उन्होंने कहा- निगल जाओ!
मैं अपने भैया का वीर्य निगल गयी.

उन्होंने नशीली आँखों से मुझे देखते हुए कहा- मेरे लंड को पूरा चाट कर साफ कर दो.
मैंने वैसा ही किया.

थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझसे कहा- मेरे लंड को फिर से मुँह में लो और खड़ा करो.
मैं अपने भाई के लंड को चूसने लगी.

थोड़ी देर में भैया का लंड वापस तन चुका था.
मेरी चूत भी गीली थी और पानी जांघों तक आ रहा था.

भैया मुझ पर टूट पड़े.
वे मेरे एक निप्पल को उंगलियों में लेकर सहलाने लगे और दूसरे को मुँह में लेकर चूसने लगे.

कुछ ही देर में मैं लंबी लंबी सांसें लेने लगी.
उन्होंने मेरे मम्मों के क्लीवेज को चूमा और नीचे आने लगे.

गहरी गोल नाभि, सपाट पेट ऐसा … जैसे मय का प्याला रखने की टेबल हो.
मेरी प्याली नुमा नाभि में भैया अपनी जीभ डालकर चाटने लगे और उन्होंने मेरी नाभि को चूमते हुए अपने होंठों में दबा लिया.
भैया धीरे-धीरे मेरे पेट और चूचियों को सहलाने लगे और मैं आहें भरने लगी.

जैसे ही भैया ने अपना लंड मेरी चूत में पेला, उन्होंने मुझे एकदम से भींच लिया.
हम दोनों की आह निकल गयी.

कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद मैं अपने भैया के लंड पर ऊपर नीचे होने लगी.
मेरी चूचियां उनकी छाती से रगड़ खा रही थीं.

कुछ देर तक मैं भैया के लंड पर बैठी रही और अपनी कमर हिलाती रही.
वह मेरे हिलते हुए कबूतर पकड़कर दबाने लगे.

तो मैं एकदम बेकाबू सी होने लगी- आ … ह… जा…न … दबाओ … निचोड़ दो इन्हें!

यह सुनकर मेरे भैया ने हॉट सिस सेक्स की स्पीड बढ़ा दी.
अब उन्होंने मुझे कमर से पकड़ कर रोका और अपने ऊपर लेटा कर घूम गए

मेरे भैया का पूरा लंड चूत में अन्दर तक बिना किसी रुकावट के जाने लगा था.
मैं भी बहुत खुश होकर अपने कूल्हों को ऊपर उठाकर भैया से अपनी चुदाई करवा रही थी.

मैंने उससे कहा- आप अपने मुँह से कोई भी आवाज नहीं निकालना! किसी ने सुन लिया तो गड़बड़ हो जाएगी.

अब वे भी अपना मुँह बन्द करके मुझे धकापेल पेल रहे थे.

मैं भी अपने होंठों पर अपनी जीभ को घुमा घुमाकर अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी.

करीब 15 मिनट के बाद मैंने भैया को ज़ोर से अपनी बांहों में पकड़कर कस लिया और वह तुरंत समझ गए कि मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया है.

लेकिन वह अभी भी धक्के लगा रहे थे और उनका लंड हर एक धक्के से मेरी चूत के अन्दर बच्चेदानी तक जा रहा था.

फिर उन्होंने मेरी टांगें अपने कंधों पर फंसाईं और मेरे ऊपर उठक बैठक करने लगे.

मेरा बदन दोहरा हो गया और मैं कराहने लगी- आहह आऊ … धीरे-धीरे दर्द हो रहा है … आहह मर गई आइइइ आहह!

कोई 15 मिनट चोदने के बाद उन्होंने लंड बाहर खींचा और मेरे मम्मों के बीच में फंसाकर घिसने लगे.
थोड़ी देर बाद मैंने मुँह खोल दिया और उन्होंने लंड मेरे मुँह में पेल दिया.

इसी तरह वे लगातार मुझे बीस मिनट तक चोदते रहे और उन्होंने अपना पानी मेरे बूब्स पर निकाल दिया.

मैंने भैया से कहा- इतनी अच्छी चुदाई मेरी कभी नहीं हुई!
भैया ने कहा- अब जब तक मैं हूँ, तुझे किसी के पास जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.

मेरे मन में तो आया कि आपके दोस्त का लंड भी एक बार चख लेती … पर मैं चुप रही.

रात को भैया ने मुझे एक बार और अच्छे से चोदा.
फिर सुबह हुई तो मैं सामान्य रुटीन में अपना काम करने लगी.

दोस्तो, आपको यह हॉट सिस सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताएं.
अगली बार मैं आपको सुनाऊंगी कि किस तरह से मेरी गांड फटी और भैया के दोस्त का लंड मेरी चूत में गया.
Ankitasingh311292@gmail.com
 

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