न्यूड सिस्टर ब्रदर चुदाई का खेल मैंने अपनी छोटी बहन के साथ खेला. असल में हम दोनों अपने मम्मी पापा की लाइव चुदाई देखा करते थे. उसी से हम दोनों की अन्तर्वासना भड़क जाती थी.
दोस्तो, मेरा नाम मॅडी है. मेरी उम्र 30 साल है.
मेरे घर में हम 4 लोग रहते थे.
पापा-मम्मी, मैं और मेरी प्यारी बहन पीहू.
यह न्यूड सिस्टर ब्रदर चुदाई कहानी मेरी और मुझसे दो साल छोटी बहन की चुदाई की है.
मेरे घर में दो कमरे हैं, एक हॉल और रसोई है.
यह सेक्स कहानी तब की है, जब मैं एक जवान मर्द हो गया था और कॉलेज में पढ़ता था.
मेरी बहन पीहू भी जवान लौंडिया होकर गदरा गई थी और वह बारहवीं क्लास में पढ़ती थी.
घर में एक कमरे में पापा मम्मी रहते थे.
दूसरे कमरे में हम दोनों भाई बहन रहते थे.
मैं अक्सर रात को चुपके से पापा मम्मी की चुदाई देखा करता था.
पापा मम्मी के कमरे की एक खिड़की हॉल में खुलती है जो मैं जानबूझ कर रोज रात को सोने से पहले आधी खोल दिया करता था.
उसी आधी खुली खिड़की से मैं उन दोनों की चुदाई देख कर लंड हिला कर सो जाता था.
एक दिन रात को करीब 11:30 बजे मैं उठा और खिड़की के पास खड़ा हो गया.
अभी उनकी चुदाई का खेल शुरू ही हुआ था.
मम्मी पापा के लंड पर अपनी चूत सैट करके उछल रही थीं. मम्मी की चूचियां गजब उछल रही थीं.
कुछ देर बाद मुझे लगा कि कोई मेरे पास खड़ा है.
मैंने ध्यान दिया तो पता चला कि वह पीहू है और वह भी खिड़की की तरफ देख रही थी.
मैंने पीहू की ओर देखा, पीहू ने मुझे देखा.
फिर मैंने उसे चुप रह कर खिड़की के करीब आकर अन्दर देखने का इशारा किया.
अब हम दोनों मम्मी पापा की चुदाई देखने लगे.
थोड़ी देर से मेरा हाथ मेरे लंड पर अपने आप आ गया.
तब मैंने देखा तो पीहू भी अपनी बुर सहला रही थी.
मेरा एक हाथ अपनी बहन की गांड पर चला गया और मैं उसकी गांड को सहलाने लगा.
उसने मेरा हाथ हटा दिया तो मैंने कुछ नहीं कहा.
फिर जैसे ही उनकी चुदाई का खेल ख़त्म हुआ, हम दोनों अपने कमरे में आ गए.
कमरे में आते ही पीहू बाथरूम में चली गई और दस मिनट बाद कमरे में आ कर सो गई.
उसके आने के बाद मैं भी बाथरूम में जाकर अपना लंड हिला कर कमरे में आकर सो गया.
अगले दिन पीहू और मैं एक दूसरे से नज़र चुरा रहे थे.
पर जब भी नज़र मिलती तो हम दोनों हल्का सा मुस्कुरा देते.
उसके अगली रात कुछ नहीं हुआ.
दो दिन बाद लगभग 12 बजे पीहू ने मुझे उठाया.
मैं उठा तो पीहू ने मुझे बाहर आने के इशारा किया.
मैं भी बाहर आ गया.
पीहू खिड़की के पास जाकर खड़ी हो गई.
मैं भी उसके करीब खड़ा हो गया.
मैंने फिर से अपना हाथ अपनी बहन की गांड पर रख दिया और दबाने लगा.
आज उसने मेरा हाथ नहीं हटाया.
मैंने भी उसकी गांड दबाने के अलावा और कुछ नहीं किया.
उस रात हम दोनों ने पापा मम्मी की चुदाई का खेल देखा, फिर रूम में आकर बारी बारी से बाथरूम में जाकर खुद को ठंडा किया और सो गए.
अब ये करते हुए हम दोनों को लगभग 3 महीने हो गए थे.
हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर मम्मी पापा की चुदाई देखते.
उस दौरान वह मेरे लंड को सहला देती तो मैं उसकी चूचियां मसल कर मजा ले लेता.
इससे आगे हम दोनों के बीच कुछ और नहीं हुआ.
एक दिन सुबह मैं उठा तो पीहू सो रही थी.
वह बहुत प्यारी और मासूम लग रही थी.
मैंने उसके बाजू में लेट गया और गाल पर एक किस कर दिया.
मेरे किस करते ही वह उठ गई पर उसने कुछ नहीं बोला.
वह उठ कर बाहर चली गई.
दो दिन बाद पापा मम्मी ने कहा- हमें कल गांव जाना है. वहां एक प्रोग्राम है तो तुम भी दो दिन के लिए चलो.
मैंने मना कर दिया- मेरी एक्सट्रा क्लासेज चल रही हैं और एग्जाम भी आने वाले हैं.
मेरे मना करते ही पीहू ने भी मना कर दिया.
मैंने जैसे ही पीहू की तरफ देखा, वह मुझे देख कर हल्की सी मुस्करा दी.
तब मैंने पापा मम्मी से कहा कि आप दोनों चले जाओ, हम दोनों यहीं रुक जाएंगे.
वे भी मान गए.
अगले दिन पापा मम्मी की शाम को 5 बजे ट्रेन थी.
मैं उनको ट्रेन में बिठा कर घर आ गया.
पीहू ने गेट खोला.
गेट बंद करते ही मैंने पीहू को पकड़ लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
मैं अपनी बहन को किस करने लगा.
वह भी मेरा साथ दे रही थी.
कुछ मिनट के बाद पीहू ने मुझे हटाया और कहा- मैं घर का काम ख़त्म कर लेती हूँ. फिर अपन दोनों ही है घर पर, जल्दी किस बात की.
मैंने कहा- ओके, तुम काम खत्म करो, तब तक मैं बाजार से कुछ ले आता हूँ.
वह मेरी तरफ सवालिया नजरों से देखने लगी.
मैंने आंख दबाते हुए कहा- प्रोटेक्शन नहीं चाहिए क्या?
वह हंस दी और बोली- हां, वह तो बहुत जरूरी है.
फिर मैंने कहा- बियर पियोगी?
वह बोली- तुम अपने लिए ले आओ.
मैंने कुछ नहीं कहा और स्कूटी की चाभी लेकर बाहर आ गया.
वह घर का काम करने लगी और मैं बाजार चला गया.
मुझे सिगरेट पीने की आदत है तो मैंने सबसे पहले तो अपनी फिक्स जगह पर जाकर एक सिगरेट ली और सुलगा कर पीने लगा.
मैं उधर तसल्ली से कोल्डड्रिंक पीते हुए सिगरेट के कश लगा रहा था और अपनी बहन की मादक जवानी को याद कर रहा था.
अपनी बहन की मसत रसीली चूचियां याद करते ही मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैं आंख बंद करके उसी समय अपनी बहन को अपनी कल्पना में नंगी करके चोदने लगा.
उस टाइम 7 बज गए थे.
तभी बहन का फोन आया.
वह बोली- कहां हो?
मैंने कहा- बस आ रहा हूँ … तुम्हारा काम खत्म हो गया?
वह बोली- हां हो गया. आ जाओ और अपना काम भी खत्म कर लो.
यह कह कर वह हंसने लगी.
मैंने कहा- बस आता हूँ तुम अपनी दुकान खोल कर रखो.
हम दोनों ने इसी तरह से कुछ देर बात की और मैं घर की तरफ चल दिया.
वापिस घर आते वक्त मैं बियर की चार बोतलें और दस पीस वाला कंडोम का पैक लेकर घर आ गया था.
घर आते ही पीहू ने कहा- खाना अभी खा रहे हो या बाद में खाओगे?
मैंने उससे बाद में खाने की कही और टीवी देखने हॉल में आ गया.
वह भी मेरे बाजू में आकर बैठ गई.
मैंने पीहू को अपनी तरफ खींचा और उसे किस करने लगा.
वह भी चुंबन में साथ देने लगी.
कुछ मिनट बाद जैसे ही मैंने अपनी बहन के बूब्स को हाथ लगाया तो उसने हाथ हटा दिया.
वह बोली- भैया, मुझको डर लग रहा है कि कहीं कुछ हो न जाए. किसी को पता न चल जाए!
मैंने उससे कहा- मैं तुम्हारे लिए डर भगाने की एक दवाई लाया हूँ. तुम घर के सब दरवाजे खिड़की अच्छे से बंद करके कमरे में चलो, मैं दवा लेकर वहीं आता हूँ.
अब मैं बियर और एक ग्लास लेकर कमरे में पहुंचा.
पीहू बियर देख कर बोली- मैंने कभी नहीं पी है!
मैंने कहा- आज पी लो, इससे तुम्हारा डर भी ख़त्म हो जाएगा और मजा भी आएगा.
वह मेरी बात मान गई.
मैंने ग्लास में बियर भरी, आधी खुद पी और आधी उसको पिला दी.
बियर की दोनों बोतलें पी लेने के बाद उसको नशा होने लगा.
मैंने उसको अपनी गोदी में बिठा लिया और हम एक दूसरे को चूमने लगे.
कुछ मिनट बाद मैंने उसके कपड़े निकाल दिए और खुद के भी.
वह सिर्फ़ ब्रा पैंटी में थी और मैं अंडरवियर में!
मैं उसे ब्रा पैंटी में देख कर पागल सा हो गया और उस पर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा.
मैंने उसकी ब्रा निकाल दी और बूब्स चूसने व दबाने लगा.
जल्दी ही हम दोनों गर्म हो गए.
अब मैंने उसकी पैंटी उतारी.
उसकी बिना बाल वाली गुलाबी बुर देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया.
मैंने उसकी बुर चाटना शुरू किया, उसको भी बहुत मज़ा आ रहा था.
वह मेरा सर अपनी बुर पर दबा रही थी और गांड उठा कर बुर में मुझे घुसेड़ लेना चाहती थी.
मैं भी अपनी बहन की बुर में जीभ अन्दर तक डाल कर बुर को चाट रहा था.
लगभग दस मिनट बाद मैं बुर से मुँह हटा कर उठा और अपनी अंडरवियर उतार कर पीहू के सामने अपने लौड़े को सहलाने लगा.
उसने मेरे लंड को देखा तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं.
शायद उसे उम्मीद ही नहीं थी कि मेरा लवड़ा इतना बड़ा होगा.
मैंने उससे लंड चूसने के लिए कहा.
पहले तो वह मना करने लगी, फिर मेरे जोर देने पर लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.
कुछ ही मिनट बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
अब वह मेरा लंड लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी और मैं उसकी बुर चाट रहा था.
कुछ देर बाद वह मचलने लगी तो मैं उठ गया और उसको चुदाई की पोजीशन में चित लिटा दिया.
अपने लंड पर मैंने कंडोम चढ़ाया और उसकी बुर पर बहुत सारी क्रीम लगा कर बुर को एकदम चिकनी कर दिया.
अब मैं अपने लंड को अपनी बहन की बुर में डालने की कोशिश करने लगा.
जैसे ही मैंने लंड अन्दर डाला, पीहू चिल्ला उठी.
वह दर्द से कराहती हुई बोलने लगी- आह भैया … अपना बाहर निकालो … बहुत दर्द हो रहा है.
अभी मेरा आधा लंड ही अन्दर गया था. मुझे भी उसकी कसी हुई बुर से लंड में दर्द होने लगा था.
पर मजा आ रहा था तो मैं अपनी बहन के दर्द की चिंता नहीं की.
मुझे मालूम था कि अभी पहली बार लंड ले रही है तो दर्द होना तो लाजिमी है.
मैंने लंड को उसी स्थिति में घुसेड़े रखा और उसके होंठों पर अपने होंठ जमा दिए.
कुछ पल होंठ चूमने से वह दर्द भूलने लगी थी.
तभी मैंने मौका देखा और एक और जोरदार झटका दे मारा. इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर चला गया.
वह छटपटाने लगी.
मैंने उसे संभालने लगा और चूमाचाटी करने लगा.
कुछ पल बाद मैं धीरे धीरे अपने लंड को अपनी बहन की चूत में हिलाने लगा.
वह दर्द से तड़फ रही थी मगर धीरे धीरे वह सामान्य होने लगी.
थोड़ी देर बाद वह भी मेरा साथ देने लगी.
कुछ बीस मिनट की चुदाई में वह दो बार झड़ गई थी.
अब मैं भी कंडोम में झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया.
बाद में मैं उठा और देखा तो उसकी बुर फट गई थी और खून भी आया था.
मैंने पीहू को उठाया, वह चल नहीं पा रही थी.
मैं उसको हाथ से पकड़ कर बाथरूम ले गया और गर्म पानी से उसकी बुर को साफ किया.
फिर उसको हॉल में बिठा कर आया और कमरे को साफ किया.
कमरा साफ करने के बाद मैं उसके पास जाकर बैठ गया.
वह डरी हुई थी.
मैंने उसको समझाया- ये फर्स्ट टाइम होता है, अब नहीं होगा.
उसको कुछ खाना खिलाया, फिर वापिस से बची हुई एक बोतल बियर को दोनों लोगों ने पी. मैंने एक सिगरेट सुलगा ली.
बियर खत्म होते ही वह मेरी गोदी में आकर बैठ गई.
अब की बार हॉल में ही हमारी चुदाई का खेल शुरू हो गया.
इस बार हमने पोजीशन बदल बदल कर सेक्स किया और नंगे ही सो गए.
सुबह उठते ही पुनः न्यूड सिस्टर ब्रदर चुदाई हुई.
फिर दो दिन तक हम दोनों कहीं नहीं गए.
घर पर नंगे बने रहे और चुदाई करते रहे.
पापा मम्मी के वापिस आने के बाद भी रोज रात को हम चुदाई करने लगे थे.
अब पीहू मेरे लंड से गांड का छेद खुलवाने की तैयारी कर रही है.
वह अपनी गांड में बट प्लग डाल कर चुत चुदवाने लगी है.
उसकी गांड मेरे लंड के मुताबिक फैलते ही लंड पेल दिया जाएगा.
तब का किस्सा एक अलग सेक्स कहानी में आपको सुनाऊंगा.
दोस्तो, आपको मेरी न्यूड सिस्टर ब्रदर चुदाई की कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
दोस्तो, मेरा नाम मॅडी है. मेरी उम्र 30 साल है.
मेरे घर में हम 4 लोग रहते थे.
पापा-मम्मी, मैं और मेरी प्यारी बहन पीहू.
यह न्यूड सिस्टर ब्रदर चुदाई कहानी मेरी और मुझसे दो साल छोटी बहन की चुदाई की है.
मेरे घर में दो कमरे हैं, एक हॉल और रसोई है.
यह सेक्स कहानी तब की है, जब मैं एक जवान मर्द हो गया था और कॉलेज में पढ़ता था.
मेरी बहन पीहू भी जवान लौंडिया होकर गदरा गई थी और वह बारहवीं क्लास में पढ़ती थी.
घर में एक कमरे में पापा मम्मी रहते थे.
दूसरे कमरे में हम दोनों भाई बहन रहते थे.
मैं अक्सर रात को चुपके से पापा मम्मी की चुदाई देखा करता था.
पापा मम्मी के कमरे की एक खिड़की हॉल में खुलती है जो मैं जानबूझ कर रोज रात को सोने से पहले आधी खोल दिया करता था.
उसी आधी खुली खिड़की से मैं उन दोनों की चुदाई देख कर लंड हिला कर सो जाता था.
एक दिन रात को करीब 11:30 बजे मैं उठा और खिड़की के पास खड़ा हो गया.
अभी उनकी चुदाई का खेल शुरू ही हुआ था.
मम्मी पापा के लंड पर अपनी चूत सैट करके उछल रही थीं. मम्मी की चूचियां गजब उछल रही थीं.
कुछ देर बाद मुझे लगा कि कोई मेरे पास खड़ा है.
मैंने ध्यान दिया तो पता चला कि वह पीहू है और वह भी खिड़की की तरफ देख रही थी.
मैंने पीहू की ओर देखा, पीहू ने मुझे देखा.
फिर मैंने उसे चुप रह कर खिड़की के करीब आकर अन्दर देखने का इशारा किया.
अब हम दोनों मम्मी पापा की चुदाई देखने लगे.
थोड़ी देर से मेरा हाथ मेरे लंड पर अपने आप आ गया.
तब मैंने देखा तो पीहू भी अपनी बुर सहला रही थी.
मेरा एक हाथ अपनी बहन की गांड पर चला गया और मैं उसकी गांड को सहलाने लगा.
उसने मेरा हाथ हटा दिया तो मैंने कुछ नहीं कहा.
फिर जैसे ही उनकी चुदाई का खेल ख़त्म हुआ, हम दोनों अपने कमरे में आ गए.
कमरे में आते ही पीहू बाथरूम में चली गई और दस मिनट बाद कमरे में आ कर सो गई.
उसके आने के बाद मैं भी बाथरूम में जाकर अपना लंड हिला कर कमरे में आकर सो गया.
अगले दिन पीहू और मैं एक दूसरे से नज़र चुरा रहे थे.
पर जब भी नज़र मिलती तो हम दोनों हल्का सा मुस्कुरा देते.
उसके अगली रात कुछ नहीं हुआ.
दो दिन बाद लगभग 12 बजे पीहू ने मुझे उठाया.
मैं उठा तो पीहू ने मुझे बाहर आने के इशारा किया.
मैं भी बाहर आ गया.
पीहू खिड़की के पास जाकर खड़ी हो गई.
मैं भी उसके करीब खड़ा हो गया.
मैंने फिर से अपना हाथ अपनी बहन की गांड पर रख दिया और दबाने लगा.
आज उसने मेरा हाथ नहीं हटाया.
मैंने भी उसकी गांड दबाने के अलावा और कुछ नहीं किया.
उस रात हम दोनों ने पापा मम्मी की चुदाई का खेल देखा, फिर रूम में आकर बारी बारी से बाथरूम में जाकर खुद को ठंडा किया और सो गए.
अब ये करते हुए हम दोनों को लगभग 3 महीने हो गए थे.
हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर मम्मी पापा की चुदाई देखते.
उस दौरान वह मेरे लंड को सहला देती तो मैं उसकी चूचियां मसल कर मजा ले लेता.
इससे आगे हम दोनों के बीच कुछ और नहीं हुआ.
एक दिन सुबह मैं उठा तो पीहू सो रही थी.
वह बहुत प्यारी और मासूम लग रही थी.
मैंने उसके बाजू में लेट गया और गाल पर एक किस कर दिया.
मेरे किस करते ही वह उठ गई पर उसने कुछ नहीं बोला.
वह उठ कर बाहर चली गई.
दो दिन बाद पापा मम्मी ने कहा- हमें कल गांव जाना है. वहां एक प्रोग्राम है तो तुम भी दो दिन के लिए चलो.
मैंने मना कर दिया- मेरी एक्सट्रा क्लासेज चल रही हैं और एग्जाम भी आने वाले हैं.
मेरे मना करते ही पीहू ने भी मना कर दिया.
मैंने जैसे ही पीहू की तरफ देखा, वह मुझे देख कर हल्की सी मुस्करा दी.
तब मैंने पापा मम्मी से कहा कि आप दोनों चले जाओ, हम दोनों यहीं रुक जाएंगे.
वे भी मान गए.
अगले दिन पापा मम्मी की शाम को 5 बजे ट्रेन थी.
मैं उनको ट्रेन में बिठा कर घर आ गया.
पीहू ने गेट खोला.
गेट बंद करते ही मैंने पीहू को पकड़ लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
मैं अपनी बहन को किस करने लगा.
वह भी मेरा साथ दे रही थी.
कुछ मिनट के बाद पीहू ने मुझे हटाया और कहा- मैं घर का काम ख़त्म कर लेती हूँ. फिर अपन दोनों ही है घर पर, जल्दी किस बात की.
मैंने कहा- ओके, तुम काम खत्म करो, तब तक मैं बाजार से कुछ ले आता हूँ.
वह मेरी तरफ सवालिया नजरों से देखने लगी.
मैंने आंख दबाते हुए कहा- प्रोटेक्शन नहीं चाहिए क्या?
वह हंस दी और बोली- हां, वह तो बहुत जरूरी है.
फिर मैंने कहा- बियर पियोगी?
वह बोली- तुम अपने लिए ले आओ.
मैंने कुछ नहीं कहा और स्कूटी की चाभी लेकर बाहर आ गया.
वह घर का काम करने लगी और मैं बाजार चला गया.
मुझे सिगरेट पीने की आदत है तो मैंने सबसे पहले तो अपनी फिक्स जगह पर जाकर एक सिगरेट ली और सुलगा कर पीने लगा.
मैं उधर तसल्ली से कोल्डड्रिंक पीते हुए सिगरेट के कश लगा रहा था और अपनी बहन की मादक जवानी को याद कर रहा था.
अपनी बहन की मसत रसीली चूचियां याद करते ही मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैं आंख बंद करके उसी समय अपनी बहन को अपनी कल्पना में नंगी करके चोदने लगा.
उस टाइम 7 बज गए थे.
तभी बहन का फोन आया.
वह बोली- कहां हो?
मैंने कहा- बस आ रहा हूँ … तुम्हारा काम खत्म हो गया?
वह बोली- हां हो गया. आ जाओ और अपना काम भी खत्म कर लो.
यह कह कर वह हंसने लगी.
मैंने कहा- बस आता हूँ तुम अपनी दुकान खोल कर रखो.
हम दोनों ने इसी तरह से कुछ देर बात की और मैं घर की तरफ चल दिया.
वापिस घर आते वक्त मैं बियर की चार बोतलें और दस पीस वाला कंडोम का पैक लेकर घर आ गया था.
घर आते ही पीहू ने कहा- खाना अभी खा रहे हो या बाद में खाओगे?
मैंने उससे बाद में खाने की कही और टीवी देखने हॉल में आ गया.
वह भी मेरे बाजू में आकर बैठ गई.
मैंने पीहू को अपनी तरफ खींचा और उसे किस करने लगा.
वह भी चुंबन में साथ देने लगी.
कुछ मिनट बाद जैसे ही मैंने अपनी बहन के बूब्स को हाथ लगाया तो उसने हाथ हटा दिया.
वह बोली- भैया, मुझको डर लग रहा है कि कहीं कुछ हो न जाए. किसी को पता न चल जाए!
मैंने उससे कहा- मैं तुम्हारे लिए डर भगाने की एक दवाई लाया हूँ. तुम घर के सब दरवाजे खिड़की अच्छे से बंद करके कमरे में चलो, मैं दवा लेकर वहीं आता हूँ.
अब मैं बियर और एक ग्लास लेकर कमरे में पहुंचा.
पीहू बियर देख कर बोली- मैंने कभी नहीं पी है!
मैंने कहा- आज पी लो, इससे तुम्हारा डर भी ख़त्म हो जाएगा और मजा भी आएगा.
वह मेरी बात मान गई.
मैंने ग्लास में बियर भरी, आधी खुद पी और आधी उसको पिला दी.
बियर की दोनों बोतलें पी लेने के बाद उसको नशा होने लगा.
मैंने उसको अपनी गोदी में बिठा लिया और हम एक दूसरे को चूमने लगे.
कुछ मिनट बाद मैंने उसके कपड़े निकाल दिए और खुद के भी.
वह सिर्फ़ ब्रा पैंटी में थी और मैं अंडरवियर में!
मैं उसे ब्रा पैंटी में देख कर पागल सा हो गया और उस पर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा.
मैंने उसकी ब्रा निकाल दी और बूब्स चूसने व दबाने लगा.
जल्दी ही हम दोनों गर्म हो गए.
अब मैंने उसकी पैंटी उतारी.
उसकी बिना बाल वाली गुलाबी बुर देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया.
मैंने उसकी बुर चाटना शुरू किया, उसको भी बहुत मज़ा आ रहा था.
वह मेरा सर अपनी बुर पर दबा रही थी और गांड उठा कर बुर में मुझे घुसेड़ लेना चाहती थी.
मैं भी अपनी बहन की बुर में जीभ अन्दर तक डाल कर बुर को चाट रहा था.
लगभग दस मिनट बाद मैं बुर से मुँह हटा कर उठा और अपनी अंडरवियर उतार कर पीहू के सामने अपने लौड़े को सहलाने लगा.
उसने मेरे लंड को देखा तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं.
शायद उसे उम्मीद ही नहीं थी कि मेरा लवड़ा इतना बड़ा होगा.
मैंने उससे लंड चूसने के लिए कहा.
पहले तो वह मना करने लगी, फिर मेरे जोर देने पर लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.
कुछ ही मिनट बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
अब वह मेरा लंड लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी और मैं उसकी बुर चाट रहा था.
कुछ देर बाद वह मचलने लगी तो मैं उठ गया और उसको चुदाई की पोजीशन में चित लिटा दिया.
अपने लंड पर मैंने कंडोम चढ़ाया और उसकी बुर पर बहुत सारी क्रीम लगा कर बुर को एकदम चिकनी कर दिया.
अब मैं अपने लंड को अपनी बहन की बुर में डालने की कोशिश करने लगा.
जैसे ही मैंने लंड अन्दर डाला, पीहू चिल्ला उठी.
वह दर्द से कराहती हुई बोलने लगी- आह भैया … अपना बाहर निकालो … बहुत दर्द हो रहा है.
अभी मेरा आधा लंड ही अन्दर गया था. मुझे भी उसकी कसी हुई बुर से लंड में दर्द होने लगा था.
पर मजा आ रहा था तो मैं अपनी बहन के दर्द की चिंता नहीं की.
मुझे मालूम था कि अभी पहली बार लंड ले रही है तो दर्द होना तो लाजिमी है.
मैंने लंड को उसी स्थिति में घुसेड़े रखा और उसके होंठों पर अपने होंठ जमा दिए.
कुछ पल होंठ चूमने से वह दर्द भूलने लगी थी.
तभी मैंने मौका देखा और एक और जोरदार झटका दे मारा. इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर चला गया.
वह छटपटाने लगी.
मैंने उसे संभालने लगा और चूमाचाटी करने लगा.
कुछ पल बाद मैं धीरे धीरे अपने लंड को अपनी बहन की चूत में हिलाने लगा.
वह दर्द से तड़फ रही थी मगर धीरे धीरे वह सामान्य होने लगी.
थोड़ी देर बाद वह भी मेरा साथ देने लगी.
कुछ बीस मिनट की चुदाई में वह दो बार झड़ गई थी.
अब मैं भी कंडोम में झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया.
बाद में मैं उठा और देखा तो उसकी बुर फट गई थी और खून भी आया था.
मैंने पीहू को उठाया, वह चल नहीं पा रही थी.
मैं उसको हाथ से पकड़ कर बाथरूम ले गया और गर्म पानी से उसकी बुर को साफ किया.
फिर उसको हॉल में बिठा कर आया और कमरे को साफ किया.
कमरा साफ करने के बाद मैं उसके पास जाकर बैठ गया.
वह डरी हुई थी.
मैंने उसको समझाया- ये फर्स्ट टाइम होता है, अब नहीं होगा.
उसको कुछ खाना खिलाया, फिर वापिस से बची हुई एक बोतल बियर को दोनों लोगों ने पी. मैंने एक सिगरेट सुलगा ली.
बियर खत्म होते ही वह मेरी गोदी में आकर बैठ गई.
अब की बार हॉल में ही हमारी चुदाई का खेल शुरू हो गया.
इस बार हमने पोजीशन बदल बदल कर सेक्स किया और नंगे ही सो गए.
सुबह उठते ही पुनः न्यूड सिस्टर ब्रदर चुदाई हुई.
फिर दो दिन तक हम दोनों कहीं नहीं गए.
घर पर नंगे बने रहे और चुदाई करते रहे.
पापा मम्मी के वापिस आने के बाद भी रोज रात को हम चुदाई करने लगे थे.
अब पीहू मेरे लंड से गांड का छेद खुलवाने की तैयारी कर रही है.
वह अपनी गांड में बट प्लग डाल कर चुत चुदवाने लगी है.
उसकी गांड मेरे लंड के मुताबिक फैलते ही लंड पेल दिया जाएगा.
तब का किस्सा एक अलग सेक्स कहानी में आपको सुनाऊंगा.
दोस्तो, आपको मेरी न्यूड सिस्टर ब्रदर चुदाई की कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.