वर्जिन सिस्टर फर्स्ट सेक्स कहानी में मैं अपनी बहन के साथ मस्ती करता रहता था. उसके स्तन भी छेड़ देता था. धीरे धीरे हम आपस में खुलते गए और बात चुदाई तक पहुँच गयी.
फ्रेंड्स,
मेरा नाम अभिषेक है और मेरी उम्र 24 साल की है.
मेरे घर में मेरी मॉम, डैड और मेरी एक छोटी बहन है. घर में हम दोनों भाई बहन एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे.
यह मेरी पहली सच्ची वर्जिन सिस्टर फर्स्ट सेक्स कहानी है.
मेरी बहन का नाम पूजा है. उसकी उम्र 19 साल की है.
वह देखने में थोड़ी सांवली है, पर फिगर 30-28-32 का है.
पूजा बहुत ही सीधी लड़की है. वह अपनी पढ़ाई पर पूरी तरह से एकाग्र चित्त रहती है.
पढ़ने में होशियार होने के साथ ही वह मेरे साथ काफी धींगामुश्ती भी करती है.
धींगामुश्ती के दौरान हम दोनों एक दूसरे के अंगों को भी छू लेते थे, जिससे मुझे सनसनी होने लगती थी.
बचपन की बात खत्म हो गई थी, अब जवानी आ गई थी. इस उम्र में जब मेरा हाथ पूजा के मम्मों पर चला जाता था, तो मैं उसके दूध दबा देता था.
वह ‘आह उई’ करके मेरी तरफ गुस्से से देखती और अपने दूध को सहलाती हुई मुझसे उधर पकड़ने की मना करने लगती.
एक दिन यूं ही हम दोनों खाली समय में लूडो खेल रहे थे.
खेल के दौरान ही किसी बात पर हम दोनों में बहस होने लगी और मैंने उसके साथ छीना झपटी शुरू कर दी.
एकाएक मेरा एक हाथ उसके एक चूचे पर चला गया और मैंने उसका दूध दबा दिया.
जबाव में उसने भी मेरी टांगों के बीच हाथ डाला और मेरे लंड की एक गोटी को पकड़ कर मसल दिया.
मेरी तेज आह निकल गई.
वह हंसने लगी और बोली- अब समझ आया कि गोला गोली पकड़ने में कैसा दर्द होता है!
मैं उसकी तरफ पहले गुस्से से देख रहा था.
पर जब उसने गोला गोली कहा तो मेरी नजरों में उसके लिए एक हैरत भरी दृष्टि थी.
साथ ही काम वासना ने भी जन्म ले लिया था.
उसके बाद से हम दोनों के बीच ढका मुँदा सा पकड़म पकड़ी का खेल चलने लगा था.
अब जब भी मैं उसे पकड़ता, तो उसकी एक चूची को पकड़ कर हौले से दबा देता और वह मेरे लंड को मसल देती.
एक दिन मैंने उससे कहा- पूजा, तुझे सेक्स के बारे में कुछ पता है?
वह हंसने लगी और बोली- तुम तो उस बारे में सब जानते हो … फिर मुझसे क्यों पूछ रहे हो?
मैंने कहा- मैं सेक्स के बारे में सब कुछ जानता हूँ, यह तुझे कैसे मालूम है?
वह हंसने लगी और मेरे मोबाईल को उठा कर बोली- इसमें सारे जहां की जानकारी होती है भाई … मैं भी सेक्स कहानी पढ़ चुकी हूँ.
अब मामला एकदम साफ हो गया था.
मैंने उसकी तरफ कामुक नजरों से देखा तो वह बोली- मैंने भाई बहन वाली कहानी भी पढ़ी है लेकिन यह सब गलत है भाई … हम लोग ऐसा सही नहीं समझते हैं.
तब मैंने कहा- हम लोग क्या सही समझते हैं?
वह हंस दी.
मैंने फिर से उसकी एक चूची मसल दी, वह आह करके मुझसे दूर हो गई.
अब हम दोनों सेक्स की बात को समझने लगे थे पर अभी भी छूने मसलने तक ही सीमित था.
हम दोनों ही शायद आपस में चुदाई करने की बात को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे.
हमारे बीच सब कुछ खुल गया था. लंड चूत चुदाई आदि की भरमार वाली सेक्स कहानियां हमें हर तरह से उन्मुक्त कर चुकी थीं.
हम दोनों एक साथ बैठ कर सेक्स कहानी पढ़ने लगे थे और कहानी पढ़ते वक्त एक दूसरे के अंग सहलाने लगे थे.
मैं उसकी चूचियों को सहलाने लगा था और वह मेरे लंड को सहलाने लगी थी.
पर आज तक मैंने उसकी चूत पर हाथ नहीं डाला था और ना ही उसे चुम्बन किया था.
यह आज से कुछ ही दिन पहले की उस वक्त की बात है, जब मेरे माता पिता मेरी चचेरी बहन की शादी में शामिल होने गए थे.
जब मेरे पेरेंट्स तीन दिनों के लिए घर से बाहर गए तो मेरी नीयत अपनी छोटी बहन पर बिगड़ गई.
मैं उसे चोदने की योजना बनाने लगा.
मेरे पेरेंट्स सुबह 9.00 बजे घर से निकल गए थे.
तब मेरी बहन स्कूल गई हुई थी.
मेरे पेरेंट्स के निकलते ही में घर लॉक करके में लंड सहलाने लगा.
कुछ ही देर में वासना चरम पर पहुंच गई और मैं झड़ कर संतुष्ट हो गया.
फिर मैं कुछ सोच कर बाजार गया और उधर से सेक्स पॉवर बढ़ाने वाली कुछ दवाएं ले आया.
तकरीबन एक बजे मेरी बहन स्कूल से आई.
उसने खाना खाया और अपने कमरे में जाकर पढ़ाई करने लगी.
शाम होते ही मैं टीवी देख रहा था, तब बहन ने खाना बनाया और हम दोनों 8.30 बजे डिनर करके फ्री हो गए.
मैं घूमने के बहाने बाहर चला गया और एक कोल्ड ड्रिंक ले आया.
मेरी बहन अपने कमरे में पढ़ाई कर रही थी.
मैं किचन में गया और दो गिलास में कोल्ड ड्रिंक डाल लाया.
मैंने अपनी बहन के गिलास में एक गोली मिला दीं, जिसका असर छह घंटे तक रहता था.
यह एक ऐसी दवा थी जिससे बहन में सेक्स के प्रति जोश बढ़ने वाला था.
मैं उसके कमरे में गया और उसे कोल्ड ड्रिंक पीने को दी.
उसने कोल्ड ड्रिंक पी.
मैं वहीं बैठ कर मोबाइल में सेक्स कहानी पढ़ने लगा.
वह भी अपनी पढ़ाई छोड़ कर मेरे साथ सेक्स कहानी का मजा लेने लगी.
थोड़ी देर में मेरी बहन बोली- भैया, आज तुम मेरी प्यास बुझा ही दो, मैं अब सहन नहीं कर पा रही हूँ.
मैंने उसे देखा और कहा- तुम पक्की तरह से सोच लो … क्योंकि तुम अभी सीलपैक माल हो!
वह अपने होंठों पर अपनी जीभ फेरती हुई और वासना भरी आवाज में बोली- तुम आज अपने लंड से मेरी चूत फाड़ दो. मुझे अपनी रंडी बना लो.
मैंने कहा- ठीक है … चलो तुम नंगी हो जाओ. पहले हम दोनों कुछ देर तक एक दूसरे को नंगा देखेंगे. उसके बाद जब हम दोनों गर्म हो जाएंगे तब चुदाई शुरू करेंगे.
उसने हामी भर दी.
एक पल बाद वह बोली- तुम ही मुझे नंगी करो.
मैंने उसकी टी-शर्ट को ऊपर से उठाते हुए उसके जिस्म से अलग कर दी.
वह मेरे सामने एक सफेद रंग की ब्रा में थी.
उसके दोनों दूध बड़े ही मस्त लग रहे थे.
वह मेरी आंखों में देखती हुई बोली- आम नहीं चूसोगे?
मैंने कहा- आम चूसूँगा भी और इन्हें पिलपिला भी कर दूंगा.
यह कहते हुए मैंने अपनी बहन की ब्रा का हुक खोल दिया.
वह ऊपर से नंगी हो गई और मुझे अपने मम्मों को तान कर दिखाने लगी.
मैंने अपनी टी-शर्ट भी उतार दी और उसके एक दूध को अपने मुँह में भर लिया.
वह आह आह करती हुई मुझसे अपने दूध चुसवाने लगी.
जब उसकी तरफ से सेक्सी रेस्पॉन्स मिलने लगा तो मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसकी ओर दिखाता हुआ अपने लंड को हिलाने लगा.
वह उठ कर अपने बेड पर चली गई और उसने अपना लोअर उतार कर अलग कर दिया.
अब मैंने अपनी बहन के सांवले बदन को निहारा.
वह एक काली पैंटी में गजब की माल लग रही थी.
आज मैं काफ़ी खुश था.
मैंने उसके पास जाकर उसे देखा तो वह बोली- भाई, आज तक आपने मुझे कभी चूमा नहीं है.
मैं नंगा था और उसके ऊपर चढ़ गया.
पहले मैंने अपनी बहन के दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथों में भरा और खूब दबाया.
उसी के साथ मैंने अपने होंठ अपने बहन के होंठों से लगा दिए.
वह आह आह करती हुई मेरे होंठों पर किसी भूखी कुतिया की तरह टूट पड़ी.
अगले 10 मिनट तक हम दोनों ने बेतहाशा चूमाचाटी की.
अब मैंने उसके बदन पर उस अकेली काली पैंटी की इलास्टिक में उंगलियां फंसाईं और नीचे खिसका दी.
आज मेरी सांवली बहन मुझे कोई हुस्न की परी लग रही थी.
पहली बार मैंने किसी लड़की को नंगी देखा था.
मैंने उसके होंठों पर फिर से अपने होंठ रख दिए और कुछ मिनट तक जीभ अन्दर डाल कर उसे किस किया.
वह सिर्फ़ मदहोश और चुदासी रांड की तरह मेरे लौड़े के नीचे दबी पड़ी थी.
मैंने नीचे खिसक कर उसकी चूत को देखा तो वह पानी से लथपथ पड़ी थी.
जीभ से मैंने उसकी चूत को ऊपर से नीचे तक चाट लिया.
वह एकदम से सिसक उठी और मेरे बाल पकड़ कर अपनी चूत को चटवाने की जद्दोजहद करने लगी.
फिर मैंने उठ कर उसकी चूत की पंखुड़ियों को फैला कर देखा तो मुझे एक मासूम सा मोती जैसा भूरे रंग का दाना दिखा.
मैं पागल ही हो गया था.
मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी और उसे देर तक चाटा.
अपनी बहन की चूत का सारा रस मैंने चाट लिया और चूत के अन्दर जीभ डाल कर रस चूसने लगा.
वह कामातुर होकर मेरे मुँह पर अपनी चूत दबा रही थी.
कुछ देर बाद मैं चूत से हटा और उसके पूरे बदन को सहलाने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने फिर से उसके बूब्स पर हमला किया.
मेरा एक हाथ उसके एक दूध पर था और दूसरा दूध मेरे मुँह में था.
मैंने काफ़ी देर तक उसके दोनों निप्पलों को अपने होंठों में भर कर चबाया और चुभलाया.
उसके दोनों बूब्स पिए.
वह लगातार चोदने के लिए कह रही थी.
मैंने भी चुदाई की तरफ अपना ध्यान स्थिर किया और चुदाई से पहले अपना लंड उसके मुँह में डाल कर काफ़ी देर तक अन्दर बाहर किया.
मेरा लंड काफी गीला और पूरा चिकना हो गया था.
अब बारी थी अपनी पैक चूत के उद्घाटन की.
मैंने उसके कमरे में ड्रेसिंग टेबल से नारियल का तेल लिया और उसकी चूत के अन्दर बोतल का मुँह लगा कर दबा दिया.
उसके अन्दर से काफ़ी सारा तेल उसकी चूत में चला गया.
तेल चूत को भर देने से बहकर बाहर आ रहा था.
मैंने बहते हुए तेल को उसकी चूत पर अच्छी तरह मला और थोड़ा सा तेल अपने लंड पर भी लगा लिया.
अब मैंने लंड चूत पर सैट किया और उसके होंठों पर अपने होंठ जमा कर आंख बंद करके जोरदार धक्का दे मारा.
मेरा आधा लंड चूत को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया.
मेरी बहन जोर से हिली और उसे दर्द हुआ.
मैंने देखा कि वह बेहोश हो गई है लेकिन उसकी आंखों से आंसू आ रहे थे.
उसकी चूत से खून बहने लगा था.
मैंने कुछ पल इंतजार किया और वापस एक धक्का दे दिया.
चिकनाहट जरूरत से ज्यादा थी तो मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर पूरा चला गया था.
उसकी आंखों से अभी भी आंसू आ रहे थे.
मैंने धक्के लगाना चालू रखे.
मैं धक्के देते हुए उसके मम्मों को भी मसल रहा था.
दस मिनट तक बहन की चूत चोदने के बाद मैंने अपनी बहन की चूत में ही पानी छोड़ दिया … और उसके ऊपर ही लेट गया.
कुछ देर बाद मैं उसके ऊपर से उठा तो देखा, वह मुस्कुरा रही थी.
मैंने पूछा- कैसा लगा?
वह बोली- फट गई और दर्द हुआ … पर बाद में जब मजा आना शुरू हुआ तो तुम झड़ गए!
मैंने अपने लंड को मसला और कहा- पहले बार था तो ऐसा हुआ, अबकी बार फुल मजा आएगा.
सब कुछ साफ सफाई करके मैंने एक बार फिर से अपनी बहन की चूत चोदी और इस बार उसको भी चुदने में बेहद मजा आया.
इस बार भी उसकी चूत में ही झड़ गया था.
वर्जिन सिस्टर फर्स्ट सेक्स के बाद अब हम दोनों थक गए थे, पर फिर भी साफ सफाई करना जरूरी था.
इसलिए मैं उठा और अपनी बहन को बांहों में लेकर बाथरूम में गया और उसको साफ करके सोफे पर लाकर लिटा दिया.
फिर बेडशीट को उठा कर मैंने बाथरूम में सर्फ में गलने डाल दिया.
उसके बाद मैंने भी नहाया ओर बेडशीट को धोकर सूखने के लिए बाहर डाल आया.
दूसरी बेडशीट अल्मारी में थी तो मैंने उसे बिछाया और बहन को कपड़े पहना कर उसे अपनी बांहों में लेकर सो गया.
अगले दिन मैं जल्दी उठा.
थोड़ी देर में मेरी बहन उठी.
वह बोली- भैया मेरी तबियत खराब हो गई है. मेरे पेट में दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, मैं अभी दवा ले आता हूँ.
मैं मेडीकल स्टोर गया और वहां से दर्द कम करने वाली और मेरी बहन प्रेग्नेंट ना हो जाए, उसकी दवा ले आया.
प्रेग्नेन्सी वाली गोली मैंने दर्द की दवा के साथ देकर उसे सोने को कहा.
वह शाम को उठी तो सामान्य थी.
मैंने उसे मैगी बना कर खिलाई.
अब सब सामान्य हो गया था.
मैंने उसके दूध सहला कर कहा- आज का क्या प्रोग्राम है?
वह हंस दी और बोली- आज बहुत दर्द है … अब तो कभी भी ले लेना … मैं कहां भागी जा रही हूँ.
मैं भी हंस दिया और उसे अपनी बांहों में भर कर लेट गया.
हम दोनों चुंबन का मजा लेने लगे. वह मेरे लंड को हिलाने लगी.
कुछ देर बाद मैं झड़ गया और सो गया.
तो कैसी लगी आपको मेरी ये पहली सच्ची बहन की चूत चुदाई के अनुभव वाली वर्जिन सिस्टर फर्स्ट सेक्स कहानी?
प्लीज जरूर बताएं.
abhishek77423@gmail.com
फ्रेंड्स,
मेरा नाम अभिषेक है और मेरी उम्र 24 साल की है.
मेरे घर में मेरी मॉम, डैड और मेरी एक छोटी बहन है. घर में हम दोनों भाई बहन एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे.
यह मेरी पहली सच्ची वर्जिन सिस्टर फर्स्ट सेक्स कहानी है.
मेरी बहन का नाम पूजा है. उसकी उम्र 19 साल की है.
वह देखने में थोड़ी सांवली है, पर फिगर 30-28-32 का है.
पूजा बहुत ही सीधी लड़की है. वह अपनी पढ़ाई पर पूरी तरह से एकाग्र चित्त रहती है.
पढ़ने में होशियार होने के साथ ही वह मेरे साथ काफी धींगामुश्ती भी करती है.
धींगामुश्ती के दौरान हम दोनों एक दूसरे के अंगों को भी छू लेते थे, जिससे मुझे सनसनी होने लगती थी.
बचपन की बात खत्म हो गई थी, अब जवानी आ गई थी. इस उम्र में जब मेरा हाथ पूजा के मम्मों पर चला जाता था, तो मैं उसके दूध दबा देता था.
वह ‘आह उई’ करके मेरी तरफ गुस्से से देखती और अपने दूध को सहलाती हुई मुझसे उधर पकड़ने की मना करने लगती.
एक दिन यूं ही हम दोनों खाली समय में लूडो खेल रहे थे.
खेल के दौरान ही किसी बात पर हम दोनों में बहस होने लगी और मैंने उसके साथ छीना झपटी शुरू कर दी.
एकाएक मेरा एक हाथ उसके एक चूचे पर चला गया और मैंने उसका दूध दबा दिया.
जबाव में उसने भी मेरी टांगों के बीच हाथ डाला और मेरे लंड की एक गोटी को पकड़ कर मसल दिया.
मेरी तेज आह निकल गई.
वह हंसने लगी और बोली- अब समझ आया कि गोला गोली पकड़ने में कैसा दर्द होता है!
मैं उसकी तरफ पहले गुस्से से देख रहा था.
पर जब उसने गोला गोली कहा तो मेरी नजरों में उसके लिए एक हैरत भरी दृष्टि थी.
साथ ही काम वासना ने भी जन्म ले लिया था.
उसके बाद से हम दोनों के बीच ढका मुँदा सा पकड़म पकड़ी का खेल चलने लगा था.
अब जब भी मैं उसे पकड़ता, तो उसकी एक चूची को पकड़ कर हौले से दबा देता और वह मेरे लंड को मसल देती.
एक दिन मैंने उससे कहा- पूजा, तुझे सेक्स के बारे में कुछ पता है?
वह हंसने लगी और बोली- तुम तो उस बारे में सब जानते हो … फिर मुझसे क्यों पूछ रहे हो?
मैंने कहा- मैं सेक्स के बारे में सब कुछ जानता हूँ, यह तुझे कैसे मालूम है?
वह हंसने लगी और मेरे मोबाईल को उठा कर बोली- इसमें सारे जहां की जानकारी होती है भाई … मैं भी सेक्स कहानी पढ़ चुकी हूँ.
अब मामला एकदम साफ हो गया था.
मैंने उसकी तरफ कामुक नजरों से देखा तो वह बोली- मैंने भाई बहन वाली कहानी भी पढ़ी है लेकिन यह सब गलत है भाई … हम लोग ऐसा सही नहीं समझते हैं.
तब मैंने कहा- हम लोग क्या सही समझते हैं?
वह हंस दी.
मैंने फिर से उसकी एक चूची मसल दी, वह आह करके मुझसे दूर हो गई.
अब हम दोनों सेक्स की बात को समझने लगे थे पर अभी भी छूने मसलने तक ही सीमित था.
हम दोनों ही शायद आपस में चुदाई करने की बात को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे.
हमारे बीच सब कुछ खुल गया था. लंड चूत चुदाई आदि की भरमार वाली सेक्स कहानियां हमें हर तरह से उन्मुक्त कर चुकी थीं.
हम दोनों एक साथ बैठ कर सेक्स कहानी पढ़ने लगे थे और कहानी पढ़ते वक्त एक दूसरे के अंग सहलाने लगे थे.
मैं उसकी चूचियों को सहलाने लगा था और वह मेरे लंड को सहलाने लगी थी.
पर आज तक मैंने उसकी चूत पर हाथ नहीं डाला था और ना ही उसे चुम्बन किया था.
यह आज से कुछ ही दिन पहले की उस वक्त की बात है, जब मेरे माता पिता मेरी चचेरी बहन की शादी में शामिल होने गए थे.
जब मेरे पेरेंट्स तीन दिनों के लिए घर से बाहर गए तो मेरी नीयत अपनी छोटी बहन पर बिगड़ गई.
मैं उसे चोदने की योजना बनाने लगा.
मेरे पेरेंट्स सुबह 9.00 बजे घर से निकल गए थे.
तब मेरी बहन स्कूल गई हुई थी.
मेरे पेरेंट्स के निकलते ही में घर लॉक करके में लंड सहलाने लगा.
कुछ ही देर में वासना चरम पर पहुंच गई और मैं झड़ कर संतुष्ट हो गया.
फिर मैं कुछ सोच कर बाजार गया और उधर से सेक्स पॉवर बढ़ाने वाली कुछ दवाएं ले आया.
तकरीबन एक बजे मेरी बहन स्कूल से आई.
उसने खाना खाया और अपने कमरे में जाकर पढ़ाई करने लगी.
शाम होते ही मैं टीवी देख रहा था, तब बहन ने खाना बनाया और हम दोनों 8.30 बजे डिनर करके फ्री हो गए.
मैं घूमने के बहाने बाहर चला गया और एक कोल्ड ड्रिंक ले आया.
मेरी बहन अपने कमरे में पढ़ाई कर रही थी.
मैं किचन में गया और दो गिलास में कोल्ड ड्रिंक डाल लाया.
मैंने अपनी बहन के गिलास में एक गोली मिला दीं, जिसका असर छह घंटे तक रहता था.
यह एक ऐसी दवा थी जिससे बहन में सेक्स के प्रति जोश बढ़ने वाला था.
मैं उसके कमरे में गया और उसे कोल्ड ड्रिंक पीने को दी.
उसने कोल्ड ड्रिंक पी.
मैं वहीं बैठ कर मोबाइल में सेक्स कहानी पढ़ने लगा.
वह भी अपनी पढ़ाई छोड़ कर मेरे साथ सेक्स कहानी का मजा लेने लगी.
थोड़ी देर में मेरी बहन बोली- भैया, आज तुम मेरी प्यास बुझा ही दो, मैं अब सहन नहीं कर पा रही हूँ.
मैंने उसे देखा और कहा- तुम पक्की तरह से सोच लो … क्योंकि तुम अभी सीलपैक माल हो!
वह अपने होंठों पर अपनी जीभ फेरती हुई और वासना भरी आवाज में बोली- तुम आज अपने लंड से मेरी चूत फाड़ दो. मुझे अपनी रंडी बना लो.
मैंने कहा- ठीक है … चलो तुम नंगी हो जाओ. पहले हम दोनों कुछ देर तक एक दूसरे को नंगा देखेंगे. उसके बाद जब हम दोनों गर्म हो जाएंगे तब चुदाई शुरू करेंगे.
उसने हामी भर दी.
एक पल बाद वह बोली- तुम ही मुझे नंगी करो.
मैंने उसकी टी-शर्ट को ऊपर से उठाते हुए उसके जिस्म से अलग कर दी.
वह मेरे सामने एक सफेद रंग की ब्रा में थी.
उसके दोनों दूध बड़े ही मस्त लग रहे थे.
वह मेरी आंखों में देखती हुई बोली- आम नहीं चूसोगे?
मैंने कहा- आम चूसूँगा भी और इन्हें पिलपिला भी कर दूंगा.
यह कहते हुए मैंने अपनी बहन की ब्रा का हुक खोल दिया.
वह ऊपर से नंगी हो गई और मुझे अपने मम्मों को तान कर दिखाने लगी.
मैंने अपनी टी-शर्ट भी उतार दी और उसके एक दूध को अपने मुँह में भर लिया.
वह आह आह करती हुई मुझसे अपने दूध चुसवाने लगी.
जब उसकी तरफ से सेक्सी रेस्पॉन्स मिलने लगा तो मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसकी ओर दिखाता हुआ अपने लंड को हिलाने लगा.
वह उठ कर अपने बेड पर चली गई और उसने अपना लोअर उतार कर अलग कर दिया.
अब मैंने अपनी बहन के सांवले बदन को निहारा.
वह एक काली पैंटी में गजब की माल लग रही थी.
आज मैं काफ़ी खुश था.
मैंने उसके पास जाकर उसे देखा तो वह बोली- भाई, आज तक आपने मुझे कभी चूमा नहीं है.
मैं नंगा था और उसके ऊपर चढ़ गया.
पहले मैंने अपनी बहन के दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथों में भरा और खूब दबाया.
उसी के साथ मैंने अपने होंठ अपने बहन के होंठों से लगा दिए.
वह आह आह करती हुई मेरे होंठों पर किसी भूखी कुतिया की तरह टूट पड़ी.
अगले 10 मिनट तक हम दोनों ने बेतहाशा चूमाचाटी की.
अब मैंने उसके बदन पर उस अकेली काली पैंटी की इलास्टिक में उंगलियां फंसाईं और नीचे खिसका दी.
आज मेरी सांवली बहन मुझे कोई हुस्न की परी लग रही थी.
पहली बार मैंने किसी लड़की को नंगी देखा था.
मैंने उसके होंठों पर फिर से अपने होंठ रख दिए और कुछ मिनट तक जीभ अन्दर डाल कर उसे किस किया.
वह सिर्फ़ मदहोश और चुदासी रांड की तरह मेरे लौड़े के नीचे दबी पड़ी थी.
मैंने नीचे खिसक कर उसकी चूत को देखा तो वह पानी से लथपथ पड़ी थी.
जीभ से मैंने उसकी चूत को ऊपर से नीचे तक चाट लिया.
वह एकदम से सिसक उठी और मेरे बाल पकड़ कर अपनी चूत को चटवाने की जद्दोजहद करने लगी.
फिर मैंने उठ कर उसकी चूत की पंखुड़ियों को फैला कर देखा तो मुझे एक मासूम सा मोती जैसा भूरे रंग का दाना दिखा.
मैं पागल ही हो गया था.
मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी और उसे देर तक चाटा.
अपनी बहन की चूत का सारा रस मैंने चाट लिया और चूत के अन्दर जीभ डाल कर रस चूसने लगा.
वह कामातुर होकर मेरे मुँह पर अपनी चूत दबा रही थी.
कुछ देर बाद मैं चूत से हटा और उसके पूरे बदन को सहलाने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने फिर से उसके बूब्स पर हमला किया.
मेरा एक हाथ उसके एक दूध पर था और दूसरा दूध मेरे मुँह में था.
मैंने काफ़ी देर तक उसके दोनों निप्पलों को अपने होंठों में भर कर चबाया और चुभलाया.
उसके दोनों बूब्स पिए.
वह लगातार चोदने के लिए कह रही थी.
मैंने भी चुदाई की तरफ अपना ध्यान स्थिर किया और चुदाई से पहले अपना लंड उसके मुँह में डाल कर काफ़ी देर तक अन्दर बाहर किया.
मेरा लंड काफी गीला और पूरा चिकना हो गया था.
अब बारी थी अपनी पैक चूत के उद्घाटन की.
मैंने उसके कमरे में ड्रेसिंग टेबल से नारियल का तेल लिया और उसकी चूत के अन्दर बोतल का मुँह लगा कर दबा दिया.
उसके अन्दर से काफ़ी सारा तेल उसकी चूत में चला गया.
तेल चूत को भर देने से बहकर बाहर आ रहा था.
मैंने बहते हुए तेल को उसकी चूत पर अच्छी तरह मला और थोड़ा सा तेल अपने लंड पर भी लगा लिया.
अब मैंने लंड चूत पर सैट किया और उसके होंठों पर अपने होंठ जमा कर आंख बंद करके जोरदार धक्का दे मारा.
मेरा आधा लंड चूत को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया.
मेरी बहन जोर से हिली और उसे दर्द हुआ.
मैंने देखा कि वह बेहोश हो गई है लेकिन उसकी आंखों से आंसू आ रहे थे.
उसकी चूत से खून बहने लगा था.
मैंने कुछ पल इंतजार किया और वापस एक धक्का दे दिया.
चिकनाहट जरूरत से ज्यादा थी तो मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर पूरा चला गया था.
उसकी आंखों से अभी भी आंसू आ रहे थे.
मैंने धक्के लगाना चालू रखे.
मैं धक्के देते हुए उसके मम्मों को भी मसल रहा था.
दस मिनट तक बहन की चूत चोदने के बाद मैंने अपनी बहन की चूत में ही पानी छोड़ दिया … और उसके ऊपर ही लेट गया.
कुछ देर बाद मैं उसके ऊपर से उठा तो देखा, वह मुस्कुरा रही थी.
मैंने पूछा- कैसा लगा?
वह बोली- फट गई और दर्द हुआ … पर बाद में जब मजा आना शुरू हुआ तो तुम झड़ गए!
मैंने अपने लंड को मसला और कहा- पहले बार था तो ऐसा हुआ, अबकी बार फुल मजा आएगा.
सब कुछ साफ सफाई करके मैंने एक बार फिर से अपनी बहन की चूत चोदी और इस बार उसको भी चुदने में बेहद मजा आया.
इस बार भी उसकी चूत में ही झड़ गया था.
वर्जिन सिस्टर फर्स्ट सेक्स के बाद अब हम दोनों थक गए थे, पर फिर भी साफ सफाई करना जरूरी था.
इसलिए मैं उठा और अपनी बहन को बांहों में लेकर बाथरूम में गया और उसको साफ करके सोफे पर लाकर लिटा दिया.
फिर बेडशीट को उठा कर मैंने बाथरूम में सर्फ में गलने डाल दिया.
उसके बाद मैंने भी नहाया ओर बेडशीट को धोकर सूखने के लिए बाहर डाल आया.
दूसरी बेडशीट अल्मारी में थी तो मैंने उसे बिछाया और बहन को कपड़े पहना कर उसे अपनी बांहों में लेकर सो गया.
अगले दिन मैं जल्दी उठा.
थोड़ी देर में मेरी बहन उठी.
वह बोली- भैया मेरी तबियत खराब हो गई है. मेरे पेट में दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, मैं अभी दवा ले आता हूँ.
मैं मेडीकल स्टोर गया और वहां से दर्द कम करने वाली और मेरी बहन प्रेग्नेंट ना हो जाए, उसकी दवा ले आया.
प्रेग्नेन्सी वाली गोली मैंने दर्द की दवा के साथ देकर उसे सोने को कहा.
वह शाम को उठी तो सामान्य थी.
मैंने उसे मैगी बना कर खिलाई.
अब सब सामान्य हो गया था.
मैंने उसके दूध सहला कर कहा- आज का क्या प्रोग्राम है?
वह हंस दी और बोली- आज बहुत दर्द है … अब तो कभी भी ले लेना … मैं कहां भागी जा रही हूँ.
मैं भी हंस दिया और उसे अपनी बांहों में भर कर लेट गया.
हम दोनों चुंबन का मजा लेने लगे. वह मेरे लंड को हिलाने लगी.
कुछ देर बाद मैं झड़ गया और सो गया.
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