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Hindi - हिन्दी ट्रेन में अनजान लोगों संग फोरसम सेक्स

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Hot And Steamy Sex Story In A Train​

हॉट सेक्स ट्रेन स्टोरी में मैं अमेरिका की ट्रेन में थी. दो लड़के, एक लड़की मेरे डिब्बे में आये. उनमें एक लड़का लड़की के साथ सेक्स करने लगा. तो दूसरे लड़के ने मुझे गर्म करके चोदा।

दोस्तो, कैसे हैं आप सब?
मैं आपकी प्यारी अंजलि नोएडा, दिल्ली से हूँ।

मेरा फिगर 36,32,36 है और मैं खूबसूरत और गोरी हूँ, बिल्कुल दूध जैसी!
मैंने सेक्स करना तब से शुरू किया जब मैं सिर्फ 19 वर्ष की थी।

मेरी पिछली कहानी थी: मेरे ब्वॉयफ्रेंड ने मेरी मॉम को चोद दिया

फिलहाल मैं बॉस्टन, यूएस में माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में जनवरी 2022 से कार्यरत हूँ।
यहां अभी मैं एक परियोजना पर काम कर रही हूँ।

अब आपका ज्यादा समय न लेते हुए सीधा हॉट सेक्स ट्रेन स्टोरी पर आती हूँ।
जो मेरे साथ 25 अप्रैल, 2022 को घटित हुई थी।

मैं बॉस्टन में अपने फ्लैट में रात का भोजन कर रही थी कि तभी अचानक मेरे बॉस का फोन आया।
उन्होंने कहा– तुम्हें तुरंत न्यू यॉर्क के लिए निकलना होगा और सुबह 8 बजे तक पहुंच जाना है। वहां हमारे कुछ ग्राहक आ रहे हैं जो देखना चाहते हैं कि कितना काम हुआ है.

चूंकि मैं ही परियोजना की इंचार्ज हूँ तो उन्हें बताने के लिए मेरा वहां मौजूद रहना आवश्यक था।

मैंने कहा– सर इतनी जल्दी मैं न्यू यॉर्क कैसे पहुंचूंगी? यह असंभव है!
तो उन्होंने कहा– सिर्फ 200 मील है तो तुम खुद कार से जा सकती हो या फिर ट्रेन से!

मैंने भी ‘ठीक है’ कहकर फोन रख दिया।

तब मैंने सोचा ‘अगर इतनी दूर तक मैं खुद ड्राइव करती हूँ तो काफी थक जाऊंगी और प्रस्तुतियां नहीं दे पाऊंगी।’
इसलिए मैंने ट्रेन से जाना उचित समझा और ट्रेन देखने लगी।
सुबह 4:20 पे ट्रेन थी जो सुबह 9 बजे न्यू यॉर्क पहुंचती थी।

फिर मैंने अपने बॉस को फोन किया और कहा– सर, मैं ड्राइव कर के नहीं जा सकती क्योंकि मुझे तैयारी भी करनी है और इस समय कोई फ्लाइट भी नहीं है! इसलिए मैं ट्रेन से जा रही हूँ और सुबह 9:30 बजे तक दफ्तर पहुंच जाऊंगी!
बॉस ने कहा– देखो अंजलि, ये ग्राहक बहुत खास हैं और मैं चाहता हूँ कि तुम उन्हें हमारा परियोजना दिखाओ! इसलिए मैं तुम्हें सुबह 10 बजे तक का समय दे सकता हूँ। यदि तय समय पर नहीं पहुंचती हो तो फिर दफ्तर आने की भी जरूरत नहीं है।
मैंने कहा– मैं आपको निराश नहीं करूंगी।

फिर अपना खाना खत्म कर के मैं प्रस्तुतियों की तैयारी में लग गई, उसके बाद सुबह 3 बजे का अलार्म लगाकर सो गई।

मैं सुबह समय से जाग गई, फिर शॉवर लिया और तैयार हो गई निकलने के लिए।

मैंने काले रंग की मिनी स्कर्ट पहना था और काले रंग की ही छोटी सी पैंटी जो सिर्फ मेरे चूत को ही ढक पा रही थी।
और मैंने एक सफेद शर्ट पहना और उसके ऊपर से ओवर कोट डाल लिया।

मैंने कोई ब्रा नहीं पहनी जिससे मेरे निप्पल साफ झलक रहे थे, चूसने के कारण कुछ ज्यादा ही बड़े दिख रहे थे।

मैं सोच रही थी कि ‘हमारे ग्राहक को खुश करने के लिए कुछ खास सेवा देनी पड़े शायद!’

फिर मैंने अपना मोबाइल और लैपटॉप लिया और स्टेशन पहुंच गई।
मैं स्टेशन पर पहुंच कर टिकट लेने लगी, न्यू यॉर्क के लिए।

काउंटर पर खड़ा व्यक्ति बड़ी लालची नजरों से मेरे शर्ट के ऊपर घूर रहा था।

जब मैं प्लेटफार्म पर पहुंची तो वहां पूरी तरह से सन्नाटा था, एक भी व्यक्ति मौजूद नहीं था वहां।
मैं थोड़ा डर रही थी फिर सोचा ‘अच्छा है यात्रा के लिए खाली ट्रेन मिलेगी।’

मुझे रत्ती भर भी आभास नहीं था कि आज कोई हॉट सेक्स ट्रेन स्टोरी बनने वाली है.

ठीक 4:22 पे ट्रेन आ गई और मैं अपने कम्पार्टमेंट में चली गई जो पूरा खाली था।
मैं अपनी सीट पर बैठ गई।

अब ट्रेन के दरवाजे बन्द होने वाले थे तभी 1 लड़की और 2 लड़के दौड़ते हुए मेरे कंपार्टमेंट में दाखिल हुए।
वे ठीक मेरे सामने बैठे गए।

तभी ट्रेन चल पड़ी.

वे तीनों तेज–तेज चिल्ला रहे थे और इधर उधर उछल रहे थे।

मैंने ध्यान नहीं दिया और अपने सीट पर बिल्कुल बीच में बैठ गई और लैपटॉप को एक तरफ रख दिया।
अपनी आँखें बंद कर मैं आराम करने लगी।

कुछ देर बाद मुझे एक लड़की की आवाज सुनाई दी।

मैंने आँखें खोली तो देखा कि एक लड़की खड़ी है और मुझे ‘हैलो’ कह रही है।
जवाब में मैंने भी ‘हैलो’ कहा।

पहली बार मैंने उसे ठीक से देखा, वह कोई 20 वर्ष की थी।
उसने छोटा स्कर्ट और ब्रा पहन रखा था और उसके कंधे पे टैटू बने हुए थे।

उसने मुझसे पूछा– क्या मैं यहां बैठ सकती हूँ?
तब मैंने उसे अपने साथ बिठा लिया।

वह मुझसे बात करने लगी।
उसने बताया– मैं विज्ञान की विद्यार्थी हूँ और मेरा नाम मार्था है। मैं अपने दोस्तो के साथ दो दिन के लिए न्यू यॉर्क अपने मामा के पास जा रही हूँ।

फिर मैंने भी उसे अपने बारे में बताया- मैं एक भारतीय हूँ और इस समय माइक्रोसॉफ्ट में कार्यरत हूँ तथा अपने ऑफिस के काम से न्यू यॉर्क जा रही हूँ।

फिर उसने अपने दोनों साथियों मार्टिन और जैफ को बुलाया और उनसे मेरा परिचय कराया।
मैंने भी उन्हें अपना परिचय दिया।

तभी मार्था अपनी जगह से उठ गई और जैफ मेरे बगल में बैठ गया।

वह अब सामने थी, मार्टिन के साथ और दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने लगे।
मैं और जैफ आश्चर्य से देख रहे थे।

मार्टिन उसकी गांड मसल रहा था।
फिर उसने एक हाथ उसके चूची पर रखा और बुरी तरह से मसलने लगा।
मार्था अब ‘ओह आह’ कर रही थी।

तभी मार्टिन ने उसके ब्रा को उतार फेंका और उसकी के चूचियों को आजाद कर दिया।
चूची ज्यादा बड़े नहीं थे पर मसलने से कड़े हो गए थे।

उसके निप्पल बिल्कुल गुलाबी थे।
वह अब ऊपर से पूरी नंगी हो गई थी।

ये सब देख कर मैं भी अंदर से मचलने लगी थी।

तभी मार्टिन उसके चूचे मुंह में लेकर चूसने लगा जिससे मेरी चूत भी अब गीली हो गई।

अचानक मुझे अपने सीने पर कुछ महसूस हुआ, मैंने देखा तो वह जैफ का हाथ था।

इससे पहले कि मैं देखती उसने मेरा सिर कस कर पकड़ लिया और मेरे होंठ चूसने लगा तथा मेरे चूची को दबाने लगा।

मुझे भी मजा आने लगा और मैं उसका साथ देने लगी।

मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी और उसके जीभ के साथ खेलने लगी वह बहुत जोर–जोर से मेरे चूची दबाने लगा।
इससे मुझे अपनी शर्ट की चिंता होने लगी तो मैंने उसे रोका और अपनी शर्ट और कोट उतारकर एक तरफ रख दिया।

अब मैं भी ऊपर से पूरी नंगी थी।

जैफ मेरे दोनों चूची को दबा रहा था और अपने दांतों से काट भी रहा था।
मैंने मार्था की ओर देखा तो वह अब पूरी नंगी हो गई थी।

मार्टिन ने उसे घुटनों पर बिठाया और अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया जो काफी मोटा और लगभग 7 इंच लम्बा था।
मार्था अब उसके लंड चूस रही थी और मार्टिन मेरे एक चूचे को मरोड़ रहा था।

मार्टिन बोला– जान, तुम्हारी चूची काफ़ी बड़े और मजेदार है।

मैं जैफ का लंड उसके बारमूडा के ऊपर से ही रगड़ने लगी और वह मेरे बाएं निप्पल को अपने दांतो से काट रहा था।
मैंने उसके बारमूडा में हाथ डाल कर उसका लंड जोर से दबा दिया जिससे वह चिल्ला उठा।

फिर वह अपना बारमूडा उतार कर मेरे सामने खड़ा हो गया, उसका लंड 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा था।
मैं भी मजे से उसका लंड चूसने लगी।

अब उधर मार्टिन भी मार्था की चूत चाट रहा था।
मार्टिन अपना हाथ मेरे स्कर्ट में डालकर पैंटी के ऊपर से ही चूत रगड़ने लगा।

मुझे लगा कि मेरी स्कर्ट खराब हो जायेगी इसलिए मैंने उसके हाथ को हटा दिया।
मेरी पैंटी पूरी तरह से भीग गई थी।

मैंने अपनी स्कर्ट एक तरफ रख ही थी कि मार्टिन ने मेरी पैंटी सरका कर मेरी चूत को जोर से दबा दिया जिससे मुझे बहुत दर्द हुआ।

मैं चिल्ला उठी- आ … ह क्या कर रहा है … मादरचोद?

फिर उसने मेरी पैंटी को उतार फैंका.
अब मैं और मार्था पूरी नंगी हो चुकी थी।

मैं अब मार्था के साथ खड़ी थी.

तभी जैफ ने मेरी एक टांग उठा कर बगल की सीट पर रख दिया।
जिससे मेरी चूत पूरी तरह से फैल गई और जैफ बैठकर उसे चाटने लगा।

तभी मार्था ने मेरा चेहरा अपनी तरफ खींचा और मेरे होंठों को चूमने व चूसने लगी।
और मैं भी उसका साथ दे रही थी।

मैं उसकी चूची दबा रही थी और उसके निप्पल पर निकोट रही थी, जिससे वह ज्यादा गर्म हो गई और मेरे होंठ पर काटने लगी।

वहीं दूसरी ओर मार्टिन अपनी टी शर्ट और जींस उतार कर पूरा नंगा हो गया।
उसने मार्था को अपनी तरफ खींचा और उसकी एक टांग को सिर तक मोड़ दिया।

वह काफी लचीले बदन की थी जिससे उसकी चूत पूरी तरह खुल गई।
फिर मार्टिन ने अपना लंड उसके चूत में डालकर उसे खड़े–खड़े ही चोदने लगा।

एक हाथ से उसने मेरा निप्पल पकड़ा और अपनी तरफ खींचा।
ऐसा लगा जैसे मेरा स्तन छाती से उखड़ जायेगा और मैं दर्द से चीख पड़ी- आह … क्या कर रहा है कुत्ते?

जिससे संतुलन बिगड़ गया और मैं, मार्टिन और मार्था तीनों फर्श पे गिर गए।
इसमें मेरे एक पैर से जैफ को चोट लगी और वह कराह उठा जिससे उसने गुस्से में एक काफी जोर का चांटा मेरी गांड पर जड़ दिया।

उसके गुस्से को शांत करने के लिए मैं उसका लंड चूसने लगी।

मैं जैफ का लंड चूस रही थी कि उसने अचानक मुझे फर्श पे गिरा दिया और मेरी टांगों के बीच में आ गया।
मेरी चूत में अपना लंड डालकर मुझे काफी तेजी से चोदने लगा।

वहीं दूसरी ओर मार्टिन अब मार्था की गांड मार रहा था और मार्था चीख रही थी– हाँ … ऐसे ही चोद … और तेज … चोद, आह … भड़वे … चोद … मुझे!

फिर जैफ मुझे छोड़कर मार्था से बोला– चल मेरे लंड पर आ जा कुतिया!
मार्टिन ने भी उसे छोड़ दिया और वह जैफ के लंड पर बैठ कर उछलने लगी।

तभी मार्टिन ने मुझे कहा– चल साली रण्डी … कुतिया बन!
और मैं बन भी गई।

उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल बुरी तरह से मुझे चोदने लगा।

वह कभी मेरे बाल खींचता तो कभी चूची दबाने लगता, इस बीच उसने कई चांटे मेरी गांड पर जड़ दिये।

फिर मुझे छोड़ वह मार्था के पास गया और उसे जैफ की तरफ धकेल कर मार्टिन ने अपना लंड उसकी गांड की छेद में डाल दिया।
मार्था अब अपने दोनों छेदों में लंड ले कर चुद रही थी।

तभी मैं उठकर जैफ के मुंह पर बैठ गई और वह मेरी चूत चाटने लगा.
अचानक उसने अपनी जीभ मेरे गांड में डाल दी.
मुझे ये अच्छा लगा।

मार्था मेरे होंठ चूसने लगी और मैं अपनी गांड जैफ के मुंह पर रगड़ने लगी।

तभी मार्था चीखी– आह … मैं झड़ने वाली हूँ अब!

फिर जैफ और मार्टिन ने उसके दोनों छेद से अपने लंड को बाहर निकाल लिया और वह बेसुध सी फर्श पे गिर गई।

इसके बाद मार्टिन ने मुझे खड़ा कर मेरी टांग बगल वाले सीट पर रखने को कहा।

मेरे ऐसा करने से मेरी चूत पूरी तरह खुल गई और मार्टिन अपना लंड मेरी चूत में घुसा कर मुझे पेलने लगा।

तभी जैफ पिछे से आकर मेरे गांड के छेद में लंड घुसा दिया, जिसके लिए मैं तब तैयार नहीं थी।

मैंने अपने पैर को हटाना चाहा लेकिन दोनों ने मुझे सख्ती से पकड़े रखा और लंड अंदर बाहर करने लगे।

क्योंकि मैं पहले भी कई लंड अपने दोनों छेदो में ले चुकी थी इसलिए मुझे भी मजा आने लगा।

कुछ देर बाद वे दोनों जोर से ‘आह आह’ करने लगे।
फिर दोनों ने अपना लंड मेरे छेदो से बाहर निकाला और जैफ ने मार्था के मुंह में तो मार्टिन ने मेरे मुंह में डाल दिया।

हम दोनों भी पागलों जैसी उनके लंड को चूसने लगी।
जब वे झड़ने लगे तो दोनों ने अपना सफेद माल हमारे चेहरों पर डाल दिया।

मैंने अपने बालों को उनके वीर्य से खराब होने से बचाया।
फिर मैंने और मार्था ने एक दूसरे के चेहरे को चाट कर साफ किया।
मैंने सारा माल मार्था के मुंह में थूक दिया जिसे वह गटक गई।

मैं संतुष्ट नहीं थी क्योंकि मेरा झड़ना बाकी था अभी लेकिन इस चुदायी भरी यात्रा का मज़ा बहुत आया।

फिर वाशरूम जाकर मैंने अपने चेहरे को धोया और कपड़े पहने.

मेरी पैंटी पूरी तरह से खराब हो गई थी इसलिए मैंने उसे वहीं छोड़ दिया।

मैं अब सिर्फ़ छोटे से स्कर्ट और शर्ट में ही थी बिना ब्रा और पैंटी के।
फिर हमने आपस में नंबर साझा किये और मैंने बॉस्टन में उनसे मिलने का वादा किया।

इसके बाद हम सब अपने–अपने रास्ते निकल गए।

इस हॉट सेक्स ट्रेन स्टोरी पर अपने विचार मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.
आपकी अंजलि
धन्यवाद!
anjalishah1298@gmail.com
 
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