18upchoti !

Enjoy daily new desi sex stories at 18upchoti erotic literature forum. Also by creating an account here you will get exclusive access to features such as posting, discussion, & more. Feel free to sign up today!

Register For Free!
  • Activate dark mode by clicking at the top bar. Get more features + early access to new stories, create an account.

Hindi - हिन्दी Adultery ट्रेन में मिली अनजान भाभी की रात भर चुदाई

  • Thread Author
अननोन लेडी Xxx कहानी में मुझे ट्रेन में एक अनजान भाभी मिली। हमने एक दूसरे को देखते हुए ही सेटिंग कर ली, मैंने अपना नम्बर उसे दे दिया. फ़िर कैसे हमारी मुलाकात हुई और हम सेक्स तक पहुँचे।

नमस्कार दोस्तो!
मेरा नाम राजेंद्र सिंह है।
मैं 24 साल का हरियाणा के हिसार का जवान लड़का हूँ।

मैं दिखने में ठीक–ठाक हूँ तो लड़कियां और भाभियां थोड़ा कोशिश करने पर ही सेट हो जाती है।
और जो एक बार चुद गई वह मेरे 7 इंच के मोटे लंड की दीवानी हो जाती है।

मैं मेरे घर से 30 किलोमीटर दूर पढ़ने के लिए रोज आता–जाता हूँ।

अननोन लेडी Xxx कहानी तब शुरू हुई जब एक दिन मैं अपने गाँव के स्टेशन से ट्रेन चढ़ा।
ट्रेन चढ़ते ही मैंने देखा कि एक भाभी बैठी हुई थी।

मैं उनके सामने जा कर बैठ गया और फोन चलाने लग गया।

मैंने नोटिस किया कि भाभी मेरी तरफ बार–बार देख रही है।
पहले तो मैंने सोचा क्या पता इनके साथ कोई हुआ तो दिक्कत हो जायेगी।
लेकिन फिर मैंने भी देखना शुरू कर दिया।

देखते–देखते मेरा स्टेशन आ गया और मैं उतर गया और वहां खड़ा रहा।

उन्होंने भी उतर कर चाय ली और वहीं खिड़की के पास खड़ी हो कर पीने लगी।

मुझे पता चल गया कि इनके साथ तो कोई भी नहीं है।
तब मैंने हिम्मत करके उन्हें अपना नंबर पकड़ा दिया जो मेरे पास पहले से ही लिखा हुआ था और वहां से अकादमी चला आया।

अकादमी पहुँच कर उनके फोन का इंतजार करने लगा.
दोपहर तक पढ़ाई में मन ही नहीं लगा।

दोपहर का खाना खा रहा था तब मेरा फोन बजा और मैंने देखा कि कोई नई नंबर से कॉल आई है।

मैंने कॉल उठाया और बोला– कौन?
उधर से भाभी बोलीं– इतना जल्दी भूल गए?

मैं समझ गया कि वही भाभी है जो ट्रेन में मिली थी।

उन्होंने मेरा नाम पूछा तो मैंने बता दिया और मैंने उनका पूछा तो उन्होंने ‘अंजू’ नाम बताया।
फिर हमारी बात हुई।

उन्होंने बताया– मैं बठिंडा आई हूं और रात को वापस चली जाऊंगी।
मैंने उन्हें पूछा– आप सुबह में कहां से आ रहे थे और शाम वाली ट्रेन से वापस कहां जाना है?
उन्होंने बताया– मैं जयपुर से बठिंडा किसी काम से आई थी और अभी शाम की ट्रेन से वापिस जयपुर जाना है।

थोड़ी देर इधर–उधर की बात करने पर पता लगा कि उनके घर पर कोई नहीं है।
उनके पति ड्राइवर की नौकरी करते हैं तो वे किसी काम से एक सप्ताह के लिए बाहर गए हुए थे।

फिर मैंने पूछा– आप अगर आज की रात यहीं रुक जाओ तो कोई दिक्कत है क्या?
वे बोलीं– नहीं कोई दिक्कत नहीं है! मेरा कोई इंतजार नहीं कर रहा और वैसे भी घर पर अकेले ही रहना है!

भाभी रात को रुकने के लिए मान गई।
फ़िर उन्होंने मुझे कहा– आप कोई कमरे का जुगाड़ कर लो! मैं शाम को 7:30 वाली ट्रेन से आपके पास पहुँच जाऊंगी।

मैंने होटल में जा कर एक कमरा बुक कर दिया और घर पर फोन कर के बता दिया– मैं आज यहीं अकादमी में रुकूंगा, घर नहीं आऊंगा।

तब मैंने एक पैकेट कॉण्डम ला कर रख लिया।

मैं ट्रेन का इंतजार करने लगा और फोन में देखता रहता कि ट्रेन कहां पहुँची है।

फिर जब ट्रेन पहुँचने वाली थी तब मैं स्टेशन उन्हें लेने पहुंच गया।

वहां से फिर हम लोगों ने खाना पैक करवा लिया और मैंने उन्हें पूछा– आप ड्रिंक करते हो क्या?
उन्होंने मना कर दिया!

फिर मैंने एक हाफ अपने लिए और उनके लिए कोल्ड ड्रिंक ले ली।
वहां से हम लोग होटल आ गए।

मेरा लंड खड़ा होने लगा जैसे ही हम होटल के पास पहुँचे।

होटल के कमरे में जा कर मैंने उन्हें नहाने के लिए कहा क्योंकि गर्मी का समय था।
वे नहाने चले गई.

इधर मेरा लंड फुंकार मार रहा था।

जब तक वे नहाई इतनी देर में मैंने 2 पैग लगा लिए।

इतनी देर में वे नहा कर बाहर निकली, बिना कपड़ों के!
अननोन लेडी Xxx खेल के लिए तैयार थी.

उनका शरीर देख कर मेरा दिमाग ही घूम गया … क्या शरीर था यार उनका!

फिर मैंने दारू को किनारे में रखा और उन्हें पलंग पर बैठने के लिए जगह दी।

आग दोनों तरफ लगी थी.
मैं उनके शरीर को निहारने लगा।
उनका ध्यान भी मेरी पैंट में खड़े हुए लंड पर था।

मैंने देखा कि उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था।

इससे पहले कि वे कुछ बोलती … मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और पलंग पर लेटा कर चूमने लगा।

करीब 15 मिनट तक चूमने के बाद मैंने महसूस किया कि वे मेरा लंड का नाप ले रही थी।
वे लंड को मेरे पैंट के ऊपर से ही पकड़ रही थी।

फिर मैं उठा तो उन्होंने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए।

एक बात बता दूं उनकी चूचियां ज्यादा बड़ी नहीं थी, फिर भी मैं उनकी चूचियों को दबा रहा था और वे मेरे कपड़े उतार रही थी।

थोड़ी देर बाद हम दोनों बिना कपड़ों के पलंग पर थे।
मैं उन्हें चूमे जा रहा था और वे भी कभी कहीं चूमती, कभी कहीं चूमती।

फ़िर वे मेरे लंड तक आ गई और जैसे ही उन्होंने मेरे लंड को छुआ, मुझे एक अलग ही आनंद मिला।
उसके बाद वे लंड को ऊपर–ऊपर से चूमने लगी।

मुझे बहुत मजा आ रहा था दोस्तो!

फिर वे मेरा पूरा लंड मुंह में लेने की कोशिश करने लगी.
पर पूरा लंड वे मुंह में नहीं ले सकी।

उन्हें थोड़ी सी खांसी आ गई और वे लंड के ऊपर से हट गई।

फिर मैं उठा और हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए।

मैंने उनकी चूत को देखा तो लग रहा था कि जैसे बहुत दिनों से उनकी चूत में कोई लंड नहीं गया था।

फ़िर मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया और इधर वे भी मेरे लंड को चूस रही थी।

थोड़ी देर में उनकी चूत में पानी आने लगा और वे झड़ गई।

वे मेरा लंड चूसती रही और मैं धीरे–धीरे उनकी चूत का नमकीन पानी पी गया और चूत को चाट कर साफ कर दिया।

थोड़ी देर में मेरा भी लंड झड़ने को था तो मैंने भी उनके मुंह में ही पिचकारी मार दी और झड़ गया।

फिर हम दोनों पलंग पर लेट गए और वे मेरे लंड से खेलने लगी और मैं उनकी चूत में उंगली दे रहा था।

5 मिनट बाद मैं फिर से तैयार हो गए।

मैं उनकी चूत में उंगली कर रहा था तो वे आवाजें निकालने लगी और कहने लगी– हाय राजा, डाल दे अब तेरा लंड मेरी इस चूत में और इसकी आग बुझा दे, बहुत दिन हो गए लंड लिए हुए!

पर मैं उनको थोड़ा और तड़पाना चाह रहा था।
तो मैंने लंड पर कॉण्डम लगाया और उनकी चूत के ऊपर–ऊपर घिसने लगा।

वे छटपटा रही थी लंड लेने के लिए और मैं उनको तड़पाना चाह रहा था।

फिर एक झटके में मैंने उनकी चूत में आधा लंड डाल दिया.
और उनकी चीख निकल गई और बोलीं– थोड़ा धीरे करो यार, बहुत दिनों से इसने कोई लंड नहीं लिया है।

मैं बोला– जानेमन, अभी तो आधा ही गया है, आधा तो अभी बाहर ही है।

फिर वे कुछ नहीं बोलीं और अपनी आँखें बंद कर ली।

मैंने दूसरे झटके में पूरा लंड डाल दिया और वे चीखने लगी.
तो मैंने उनके होंठों पर अपना होंठ लगा दिया और उनकी आवाज नहीं निकलने दी।

मैं झटके मारे जा रहा था और वे भी पूरे मजे के साथ चुद रही थी।

करीब 5 मिनट चोदने के बाद मैंने उन्हें घोड़ी बनने को कहा तो वे जल्दी से घोड़ी बन गई।
फ़िर मैंने पीछे से उनकी चूत में लंड डाल कर चोदने लगा।

थोड़ी देर बाद मुझे कुछ गर्म–गर्म महसूस हुआ उनकी चूत में और वे अकड़ने लगी।
मैं समझ गया कि वे झड़ गई है।

करीब 10 मिनट बाद मेरा भी होने वाला था तो मैंने भी झटके जोर–जोर से लगाना शुरू कर दिया और झड़ गया।

उनके बाद मैं दारू पीने लगा और वे खाना खाने लगी।
दारू पीते–पीते मेरी नज़र उनकी गांड पर गई और मैं उनकी गांड मारने की सोचने लगा।

मैंने उन्हें बोला– मुझे गांड मारनी है!
तो वे डर गई और कहने लगी– नहीं, मैंने आज तक गांड में नहीं डलवाया है और मैं अभी भी नहीं डलवाऊंगी मुझे बहुत डर लगता है!

मैं उनके खाना खाने का इंतजार कर रहा था।

उनके खाना खाते ही मैं उनको कहने लगा– एक बार डालने दो गांड में प्लीज!

बहुत देर तक मनाने के बाद मैंने उनको घोड़ी बनाया और गांड के छेद पर लंड रख दिया।
इतनी देर में वे हट गई और बोलीं– ऐसे नहीं मेरे बैग में क्रीम है, वो लगा लो!

मैंने थोड़ी क्रीम उनकी गांड पर लगाई और थोड़ी लौड़े पर।
फिर उनकी कमर पकड़ कर एक धीरे धीरे पूरा लंड भाभी की गांड में डाल दिया।

वे बहुत जोर से चिल्लाई और छूटने की कोशिश करने लगी पर मैंने कस के पकड़ा हुआ था तो मैं झटके लगाता रहा।
थोड़ी देर बाद उनका दर्द कम होने लगा और उन्हें भी मजा आने लगा।

अबकी बार लंड झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था और मैं झटके मारता रहा।

करीब 25 मिनट बाद मैं झड़ने वाला था।
तो मैंने पूछा– कहां झाड़ूं?

वे बोलीं– गांड में ही छोड़ दो, मैं महसूस करना चाहती हूँ।

फिर मैं उनकी गांड में ही झड़ गया और उस रात हमने कई बार सेक्स किया।

सुबह उठ कर वे अपने घर चली गई ट्रेन से और मैं मेरे दोस्तों के रूम पर आ गया।

तो दोस्तो, यह थी मेरी अननोन लेडी Xxx कहानी।
अपना कीमती सुझाव आप जरूर दें।
धन्यवाद!
rajendersinghr112233@gmail.com
 
Love reading at 18upchoti? You can also share your stories here.
[ Create a story thread. ]
Top