18upchoti !

Enjoy daily new desi sex stories at 18upchoti erotic literature forum. Also by creating an account here you will get exclusive access to features such as posting, discussion, & more. Feel free to sign up today!

Register For Free!
  • Activate dark mode by clicking at the top bar. Get more features + early access to new stories, create an account.

Hindi - हिन्दी दोस्त की गांड का दीवाना

  • Thread Author
फ्रेंड पोर्न गांड स्टोरी में मैं अपने एक चिकने दोस्त की गांड मारना चाहता था. मैं अकसर उसे अपनी इच्छा बताता पर वह मना कर देता था. ज्यादा परेशान करने पर वह मान गया.

दोस्तो, मेरा नाम कार्तिक है और मैं मुरादनगर ग़ाज़ियाबाद यूपी से हूँ.
मेरी उम्र 19 साल की है.

आज मैं आप सबके साथ अपनी सच्ची फ्रेंड पोर्न गांड स्टोरी साझा कर रहा हूँ.

मेरा एक दोस्त है जिसका नाम नितिन है.
वह देखने में बहुत स्मार्ट है. वह बिल्कुल अपनी मम्मी पर गया है.

मैंने इधर उसकी मम्मी की चर्चा किसी वजह से की है, वह आपको बाद में मालूम चल जाएगा.

नितिन की और मेरी उम्र लगभग बराबर की है.
उसकी गांड बड़ी मस्त दिखती थी तो मैं उसकी गांड का दीवाना था.

मैं उसकी पोर्न गांड मारना चाहता था लेकिन वह गांडू नहीं था.
दूसरी ओर मैं हमेशा उसे लड़की बना कर चोदने के सपने देखता था.

उसे भी पता था कि मैं लड़कियां और लड़के दोनों को चोदने में रुचि रखता हूँ इसलिए वह अपने पोर्न फ्रेंड यानि मुझसे बच कर रहता था.

यह बात उस समय की है जब हम दोनों 12 वीं क्लास में थे.
मैं पढ़ने के लिए नितिन के घर जाया करता था.

उस वर्ष हमारे बोर्ड के एग्जाम थे और अब कुछ ही समय शेष रह गया था.

उधर नितिन की मम्मी की मस्त जवानी मुझे हमेशा लंड सहलाने पर मजबूर कर देती थी.
लेकिन वे आंटी हैं, यही सोच कर मैं उनकी तरफ नहीं देखता था.

नितिन को मैं बहुत परेशान करता था.
मैं हमेशा उससे यह बात बोला करता था- यार गांड दे दे, मैं तेरा दोस्त हूँ ना प्लीज!

नितिन मुझे ये बोलता- तेरी शादी जल्दी करवानी पड़ेगी वरना तू किसी दिन मेरी ही टांग उठा देगा.

फिर एक दिन मैं नितिन को ऐसे ही परेशान कर रहा था.
तो उसने मुझसे कहा- ठीक है, मैं तुझे गांड दे दूँगा लेकिन एक शर्त पर, जब एग्जाम खत्म हो जाएंगे … तब मैं तुझे गांड दे दूँगा. लेकिन उससे पहले तू मुझे कुछ नहीं करेगा!

नितिन के यह बात बोलते ही मैं पागल हो गया था.
मुझे यकीन नहीं हुआ कि मेरी मेहनत रंग लाएगी.

मैंने अब तक जिस दिन का इंतजार किया था, वह दिन इतने नज़दीक आ गया है, मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था.

तो मैंने भी एग्जाम खत्म होने से पहले नितिन को कुछ नहीं बोला.

जैसे ही हमारा आखिरी एग्जाम हुआ, मैं रात को नितिन के घर आ गया.
उसके घर पर उसके मम्मी पापा और बड़ा भाई थे.

मैंने नितिन से उसकी घर की छत पर चलने को कहा- चल यार, छत पर घूम कर आते हैं.

वह भी तैयार हो गया.

ऊपर जाने के बाद हम दोनों ने दो मिनट इधर उधर किसी मुद्दे को लेकर बात की.
लेकिन मेरा लंड कहां बाज आने वाला था.

मैंने नितिन से कहा- अब तुझे अपनी बात याद हो, तो मुझे गांड मार लेने दे साले, मैं तेरी गांड के चक्कर में पागल हुआ पड़ा हूँ.

नितिन ने कहा- यार, चाहता तो मैं भी हूँ तुझे देने को … लेकिन तुम कहीं किसी से कुछ बता नहीं देना!
मैंने उसे यकीन दिलाया- नहीं यार, तू मुझ पर भरोसा कर सकता है.

नितिन भी राज़ी हो गया.
वह अब मेरी तरफ पीठ करके खड़ा हो गया था.

मैंने पीछे से उसकी कमर पकड़ी और लंड लगा कर खड़ा हो गया.

उस टाइम मेरा लंड खुद के आकार से एक इंच ज़्यादा बड़ा हो गया था.
मेरा लंड जींस में था और मैंने नितिन की गांड पर लगा रखा था.

नितिन ने मुझसे कहा- यार कितना बड़ा है तेरा … साला बड़ा गड़ रहा है!
मैंने कहा- मेरी जान, मेरा हथियार 7 इंच का है. लेकिन आज मुझे यह कुछ ज़्यादा बड़ा लग रहा है. तू एक बार निकाल कर देख ले!

नितिन ने अपना हाथ पीछे किया और मेरा लंड मसलने लगा.

अब नितिन भी पूरे जोश में आ गया था.
वह भी मेरा लंड लेना चाहता था.

उसने मुझसे कहा- दीवार से पीछे चल, वरना कोई देख लेगा.
मैं थोड़ा पीछे हो गया.

फिर नितिन ने दोबारा मेरे लंड की मालिश करनी चालू कर दी और धीरे से मेरी पैंट की जिप को खोल दिया.
उसने मेरा लंड बाहर निकाल लिया.

वह मेरा लंड का आकार देख कर थोड़ा डर सा गया था क्योंकि आज मेरा लंड भी पूरे ताव में ऐसे हिल रहा था जैसे न जाने कितने सालों से भूखा हो.

मेरे लंड से चिकना रस सा निकलना चालू हो गया था.
नितिन बार बार मेरी शर्ट से उसको साफ करता, मगर वह फिर से निकलने लगता.

मैंने नितिन से कहा- ये तेरी गांड माँग रहा है. अब तू जल्दी से अपनी पैंट खोल दे.
नितिन ने शर्माते हुए अपनी पैंट खोल दी.

उसकी गोल गांड देखते ही मैं अपने पूरे जोश में आ गया था.
मैंने अपना 7 इंच का लंड बाहर निकाला और नितिन के दोनों चूतड़ों के बीच में कुलबुलाती दाखी रंग की गांड के छेद को अपने लंड के सुपारे से कुरेदना चालू कर दिया.

मैंने उसके दोनों चूतड़ों को अपने हाथों से पकड़ा और नितिन से लंड पकड़ कर गांड के छेद पर लगाने को कहा.

उसने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी गांड के छेदे पर घिसना चालू कर दिया.

जैसे ही मैंने लंड को उसकी गांड के छेद पर रख कर दबाया, तो वह आह करने लगा.

मैं आराम आराम से उसकी गांड के छेद पर लंड का सुपारा रगड़ने लगा.

मेरे लंड से निकलता रस उसकी गांड को चिकना करने लगा.
उसे भी गुदगुदी होने लगी तो वह भी लंड को पकड़ कर जोर जोर से अपनी गांड में घिसवाने का मजा लेने लगा.

इसी दरमियान उसने अपनी गांड का छेद भी ढीला कर लिया था.

उसकी कमर भी ऊपर नीचे होने लगी थी जिससे मेरे लौड़े को मस्ती चढ़ने लगी थी.

मैं भी नितिन की गांड में एकदम से लंड नहीं डाल सकता था क्योंकि उसने पहले कभी किसी को दी नहीं थी.

वैसे भी नितिन की गांड का छेद बहुत छोटा सा था इसलिए मैंने अपना लंड बहुत आराम से उसकी गांड में पेला.

ऊपर का टॉप गांड के पहले छल्ले को फैला कर अन्दर घुसा ही था कि वह उछलने लगा.
मैंने उसकी कोली भर ली और छोड़ा नहीं.

अब लंड का मुँह गांड के मुँह में घुस गया था और गांड के अन्दर चुम्मियां ले रहा था.

वह लगातार छटपटा रहा था.

फिर मैंने दाब देना शुरू किया तो मेरा बाकी का लंड भी आराम आराम से अन्दर घुसने लगा.

अब तक मैंने अपने पूरे लंड को अन्दर डाल दिया था.

नितिन को बहुत दर्द हो रहा था.
लेकिन मैं भी अपना लंड बाहर नहीं निकालना चाहता था.

मैंने भी उसकी गांड जल्दी जल्दी मारनी चालू कर दी.
वह भी ज़्यादा दर्द होने के कारण रोने लगा.

मैंने दस मिनट में उसकी गांड में अपना रस निकाल दिया.

अब और ज्यादा चुदना नितिन के भी बस की भी नहीं रह गई थी.

वह भी मुझसे अलग होना चाहता था.
लेकिन मुझे ख्याल आया कि अब तो तू कभी भी इसकी मार सकता है तो क्यों टेंशन लेना.
अभी इसको छोड़ देता हूँ.

फिर मैंने उसे आज़ाद कर दिया और नितिन ने अपनी गांड अपने ही अंडरवियर से साफ कर ली.
अब हम दोनों नीचे चले गए.

हम दोनों को छत पर बहुत देर हो चुकी थी तो लगने लगा था कि कोई आ न जाए.

इसके बाद मैं अपने घर चला गया और अपने रूम में आराम से जाकर लेट गया.

मैं आज बहुत खुश था.
मुझे लग रहा था मानो आज मैंने कुछ बहुत बड़ी सफलता प्राप्त कर ली हो.

उस दिन मुझे पूरी रात नींद नहीं आई … बार बार नितिन की गांड मारने का मन करता रहा.

मैंने खुद पर कंट्रोल किया और अगले मौके का इंतजार किया.

अगली सुबह जब मैं नहा कर नितिन के पास आया तो वह मुझसे नज़र भी नहीं मिला पा रहा था.

लेकिन मैं अब भी उससे भूखे शेर की नजरों से देख रहा था.

मैंने उसके कंधे पर हाथ रख कर पूछा- क्या हुआ, क्यों उदास है?

वह कहने लगा- साले, तूने मेरी इज़्ज़त लूट ली … कल पूरी रात मेरी गांड में दर्द होता रहा. मैं पूरी रात उल्टा लेटा रहा. मेरी गांड का छेद इतना बड़ा कर दिया तुमने … तुझे शर्म नहीं आई! थोड़ा आराम से मार लेता, सही से चला भी नहीं जा रहा है. आज के बाद मुझे ऐसा कुछ मत बोल देना कि मैं तुझे अलग हो जाऊं.

उसके बाद नितिन मुझ से कम बोलने लगा था.
लेकिन मेरा एक सपना पूरा हो गया था.

मैंने उसको भी बोल दिया- चल ठीक है, आज के बाद ऐसा कुछ भी नहीं करूँगा, बस तू मुझसे बोलना मत बंद कर!
उसके बाद भी मैं नितिन के घर जाता रहा.

और अब मेरे हाथ नितिन की मम्मी की एक नंगी फ़ोटो लग गई जिसे वे अपने किसी आशिक को दे रही थीं और गलती से वह फोटो मेरे मोबाइल में आ गई.

मैंने आंटी की नंगी फ़ोटो देखी तो फट से पहले उसे अपनी एक एक्स्ट्रा आईडी में भेज कर सुरक्षित कर ली.
उसके बाद मैंने नितिन की मॉम को मैसेज किया- आंटी, क्या भेजा है आपने … आपको मालूम भी है?

यह मैसेज पढ़ कर आंटी के होश फाख्ता हो गए और उन्होंने जल्दी से उस फ़ोटो को डिलीट कर दिया.
लेकिन तब तक तो चिड़िया दाना चुग कर उड़ चुकी थी.

उन्होंने मुझे फोन किया- अरे वह गलती से चली गई थी बेटा, सॉरी.

मैंने दांत निकाल दिए और कह दिया- आंटी, कोई बात नहीं पर आप बड़ी हॉट माल लगती हो!

वे एकदम से स्तब्ध हो गईं कि मैंने यह क्या कह दिया.
आंटी बोलीं- बेटा, अपनी आंटी के लिए ऐसे नहीं कहा जाता.

मैंने धीरे से कहा- वह फ़ोटो आप अपने किस आशिक को भेज रही थीं?
वे और ज्यादा सकपका गईं और हकलाने लगीं- क..क्या मतलब है तुम्हारा.

मैंने कहा- कुछ नहीं … शाम को आता हूँ आपके पास … फिर आपको आपकी फ़ोटो दिखाता हूँ.
वे बोलीं- मैं तो उसे डिलीट कर चुकी!

मैंने कहा- उसे डिलीट होने से पहले मैंने अपने पास सेव कर ली है आंटी. अब शाम को मिलता हूँ.

दोस्तो, शाम को मैं नितिन के घर गया और नितिन से बोला- चलो छत पर चलते हैं.
वह कहने लगा- मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी है. तुम मेरे घर से चले जाओ.
मैंने कहा- अबे एक ऐसी चीज दिखाऊंगा कि तेरी गांड कुलबुलाने लगेगी.

वह मेरी तरफ हैरानी से देखने लगा.

किसी तरह से मैं उसे छत पर ले गया और उसे उसकी मम्मी की नंगी फ़ोटो बिना चेहरे के दिखाई.

वह हैरान हो गया और बोला- किसकी फ़ोटो डाउनलोड करके दिखा रहा है बे?
मैंने कहा- भोसड़ी के सामने से
नाम बता दूंगा तो गांड फट जाएगी तेरी!

वह जिद करने लगा तो मैंने उसकी गांड पर हाथ फेरा और कहा- पहले एक बार गांड मारने दे फिर तुझे न केवल फ़ोटो किसकी है, यह बताऊंगा बल्कि तू चाहेगा तो इसकी सवारी भी गांठ लेना. मैं तो इसकी लूँगा ही!

इस बात पर वह खुश हो गया और मेरे लंड को सहलाने लगा.

मैंने उसे दीवार की आड़ में ले जाकर नंगा किया और थूक लगा कर उसकी गांड मारना चालू कर दी.

वह इस बार बड़ी मस्ती से गांड मरवा रहा था.

गांड चुदवाने के बाद उसने कहा- यार, आज तो सच में बड़ा मजा आया.
मैंने कहा- तो अब मैं तेरी हर रोज ले सकता हूँ न!

वह हंसने लगा और बोला- पहले उस नमकीन माल की बात कर … किसकी फ़ोटो लाया था बेटा!

मैंने मुस्कुरा कर कह दिया कि बता दूंगा … जल्दी क्या है!

दोस्तो, आगे क्या हुआ वह मैं आपको अपनी अगली सेक्स कहानी में विस्तार से लिखूँगा.
फिलहाल यह गे सेक्स कहानी पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद.

फ्रेंड पोर्न गांड स्टोरी पर आपको कुछ कहना है तो मेल या कमेंट्स जरूर करें.
kumarritik0183@gmail.com
 
Love reading at 18upchoti? You can also share your stories here.
[ Create a story thread. ]
Top