नेबर सेक्स कहानी में मेरे पड़ोस में एक नयी भाभी रहने आई. सेक्सी भाभी को देख मेरे दोस्त मुझे भाभी को पटाने के लिए उकसाने लगे. मैं भी भाभी का मजा लेना चाहता था. फ़िर क्या हुआ?
नमस्कार दोस्तो!
मेरा नाम अल्पेश (बदला हुआ) है।
मैं 29 साल का हूँ।
मैं पहली बार कहानी लिख रहा हूँ, कुछ गलत हो जाए तो माफ़ कीजिएगा!
अब मैं सीधे नेबर सेक्स कहानी पर आता हूँ।
मेरे यहाँ एक पड़ोसन आई थी जिनका नाम रूपाली था।
उनके ब्रा का आकार 38D, कमर 34 और गांड 38 थी।
मुझे इसलिए पता है क्योंकि मैं ही उन्हें अब ब्रा और पैंटी ले कर देता हूँ।
वे ज्यादा गोरी नहीं तो ज्यादा काली भी नहीं है।
यह बात आज से 2 साल पहले की है।
तब वे हमारे पड़ोस में रहने आई थी।
मेरे सारे दोस्त मुझसे पूछते– तूने उस भाभी को देखा है जो तेरे पड़ोस में रहने आई है।
मैं उनसे कहता कि मैंने नहीं देखा तो वे लोग नहीं मानते जबकि सच में मैंने अभी तक उन्हें नहीं देखा था।
फ़िर एक दिन मैंने उन्हें देखा।
वे साड़ी ब्लाउज पहने थी।
उनके क्या दूध थे माँ कसम … देखते ही चूसने का मन कर गया!
मैं उनसे बात नहीं करता था मगर करना चाहता था.
पर मुझे समझ नहीं आ रहा था कि उनसे बात कैसे करूँ?
बस उन्हें आते–जाते देखता था।
कई बार वे मेरे घर भी आती।
फ़िर एक दिन उनके पति से मेरी बात हुई।
तब मुझे पता चला कि यह पान–सिगरेट बेचने वाला है।
उनके पति अपने घर के नीचे ही दुकान खोल ली तो भाभी को देखने के बहाने से मैं वहीं से सिगरेट लिया करता था।
मैं अब सिगरेट लेने के बहाने उन्हें रोज साड़ी में देखा करता था।
बीच–बीच में कभी–कभी वे सूट–सलवार भी पहनने लगी थी।
एक दिन एक बरात जा रही थी हमारे घर के सामने से … तो मैं उसे देखने के लिए बाहर आया.
तो मैंने देखा वे भी बगल में आ कर खड़ी होकर बरात जाते हुए देख रही थी।
उस समय भी उन्होंने सलवार कुर्ती पहनी हुई थी।
पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैं उन्हें बोला– साड़ी पहना कीजिए, उसमें अच्छी लगती है आप!
उसके अगले दिन से उन्होंने लगातार 4–5 दिन तक रोज साड़ी पहनी।
मैंने यह बात अपने दोस्तों से कही।
तो वे लोग बोलने लगे– तुझे भाभी पसंद करती है शायद!
फ़िर मैं कई दिनों तक भाभी से कोई बात नहीं की पर वे रोज़ मुझे साड़ी में बाहर आ कर अपना दीदार करवाती।
एक दिन मैंने देखा कि उनके पति की दुकान बंद थी तो मैंने उनका नंबर मिलाया।
मैंने उनसे पूछा– कहां हो? सिगरेट लेनी थी।
उन्होंने कहा– बाहर आया हूँ दुकान का सामान लेने के लिए, शाम तक आऊंगा।
तब मैंने अगल–बगल देखा और उनके घर के अंदर घुस गया।
अंदर जाते ही वे दिखी, वे बर्तन धो रही थी।
तब मैं उनके पीछे जाकर उन्हें बोला– तुझे पता नहीं, तू मस्त चीज है!
ऐसे एकाएक आवाज़ सुन कर वे हल्की सी डर गई!
मैं यह बोलकर जाने लगा।
तब उन्होंने इशारे से मेरा नंबर मांगा।
मैंने भी उन्हें अपना नंबर दे दिया और उनका ले लिया।
कुछ घंटे बाद उनका मिस कॉल आया।
मैं तो फ़ोन ले कर उनके कॉल के इंतजार में बैठा ही था।
मिस कॉल आते ही मैंने तुरंत वापस कॉल किया।
उन्होंने तुरंत ही मेरा कॉल उठा लिया।
हमने एक–दूसरे का हाल चाल पूछा।
फ़िर एकाएक उन्होंने पूछा– क्या कह रहे थे तुम तब?
मैंने बताया– मस्त हो आप!
तो वे बोलीं– ऐसा क्या है मुझमें?
फ़िर मैंने बोला– आपको पता नहीं लेकिन आपके अंदर बहुत कुछ है!
फ़िर वे बोलीं– मुझे घूरते क्यों रहते हो?
मैंने कहा– आपको देखता हूँ!
फ़िर कुछ दिन ऐसे ही बीत गए।
एक दिन उनको हिम्मत करके पूरा खुलते हुए बोल ही दिया– आपके दूध मस्त बड़े–बड़े हैं। मुझे ऐसी ही शादीशुदा औरत पसंद आती है!
वे बोलीं– अच्छा!
मैं बोला– हाँ!
फ़िर हमारे बीच में अच्छी दोस्ती हो गई।
हम हर कुछ खुल कर बात करते।
कुछ सप्ताह बाद जब मुझे लगा वे शीशे में उतर गई हैं।
मैं अपनी कॉलोनी में थोड़ा पॉश हूँ, दिखने में अच्छा हूँ, मेरा घर भी अच्छा है इसलिए वे थोड़ी जल्दी फंस गई।
तब मैंने एक दिन उनसे उनकी चूची दिखाने की ज़िद करने लगा।
उन्होंने बोला– मेरा भी मन करता है।
मैंने उनको हमारे घर के पीछे वाली गली में बुलाया।
तो उन्होंने बोला– क्यों बुला रहे है?
तब मैंने बोला– यह नहीं बता सकता!
मैं फ़िर उस गली में जा कर उनका इंतजार करने लगा।
कुछ देर बाद वे आई।
मैं उनसे नज़रें नहीं मिला पा रहा था।
तो उन्होंने बोला– यही करना है तो मैं जाती हूँ।
मैंने तुरंत उनका हाथ पकड़ लिया और बोला– रुकिए!
फ़िर मैंने उनके होंठों पर अपना होंठ रख दिया और उन्हें चूमने लगा।
उन्हें चूमते–चूमते मैं उनके ब्लाउज के ऊपर हाथ रख दिया और उनकी चूची को दबाने लगा।
फ़िर मैंने उनकी ब्लाउज में हाथ डाल दिया और ब्रा के ऊपर से उनकी मस्त, बड़ी और मोटी चूची को दबाने लगा।
चूची को दबाते–दबाते उनकी भरी हुई निप्पल पकड़ के मसल दिया।
वे मुझसे छूट कर भाग गई।
फ़िर मैं घर जाने के बाद उन्हें फोन किया और पूछा– चली क्यों गई आप?
वे बोलीं– वहीं रहते तो फाड़ देते मेरे सारे कपड़े तुम! इसलिए भगाना पड़ा। तुमको देखना था देख लिए और मजा भी साथ में ले ही लिए।
मैं बोला– हाँ मज़ा तो आया आपकी मोटी चूची को दबा कर!
अब मैं उनसे ऐसे ही बात किया करता।
कुछ दिन बाद मैंने उन्हें एक बार फ़िर से उसी गली में बुलाया।
उनके आते ही मैं उन्हें चूमने लगा और फ़िर उनके पीछे खड़ा होकर उनकी चूची को दबाया और जितना दूध ब्लाउज के बाहर था उसे चाटा।
मेरे लंड उन्हें चाटते हुए सख्त हो गया और उनकी चूत में लग रहा था।
वे अपने घर जाकर मुझे फ़ोन की और बोलीं– जब तुम मेरे चूचियों को चाट रहे थे तब मेरी चूत पर कुछ गड़ रहा था।
मैं– क्या था, अच्छे से बताओ?
वे– मुझे वह सब बोलना पसंद नहीं है।
मैं– मेरा लंड था वो!
वे– बहुत सख्त था! सही में इतना बड़ा है क्या?
मैंने कहा– हाँ बड़ा है।
उन्होंने बोला– मैं नहीं मानती!
मैंने कहा– खुद देख लो!
उन्होंने विडियो कॉल किया तब मैंने उन्हें अपना लंड दिखाया।
वे लंड देख कर बहुत खुश हुई।
उसके बाद मैं उनसे ज़िद करने लगा कि मुझे चोदना है।
वे चुदवाने के लिए मना करती इस बीच उस गली में हम एक–दो बार और मिले।
एक बार वे दरवाजे पर खड़ी थी।
मैं अपने घर से बाहर निकला तो वे दिख गई और उन्होंने भी मुझे देख लिया।
फ़िर मैंने उनको इशारा कि आ जाऊं?
तो वे भी इशारे में बोलीं कि आ जाओ।
मैंने आगे–पीछे देखा और उनके घर के अंदर घुस गया।
फ़िर मैंने दरवाजा बंद कर दिया।
दरवाज़ा बंद करते ही वे बोलीं– क्या?
मैंने सीधा उनका बाल पकड़ कर अपनी ओर खींचा और उनके होंठ को चूसने लगा।
उनको चूमते हुए उनकी कुर्ती और ब्रा को भी को खींच के निकाल दिया।
उनकी ब्रा उतरते ही उनकी चूचियां बाहर आ गई और मैं उन्हें पकड़ कर चूसने लगा।
वे ‘आह … आह’ करने लगी।
फ़िर मैंने उनको पूरी नंगी कर दिया और उनकी चूत को चाटने लगा।
मुझे गंदा लग रहा था और महक भी आ रही थी मगर फ़िर भी मैं चाट रहा था।
फ़िर मैंने अपनी चड्डी उतार कर अपना लंड उनके मुंह में डाल दिया।
उन्होंने मेरा लंड चूसना कर शुरू दिया।
वे लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे इस दुनिया का एक मात्र लंड बचा हो।
फ़िर मैंने उनको 69 की अवस्था में ला दिया।
वे मेरा लंड चूस रही थी और मैं उनकी चूत चाट रहा था।
मैंने जोर से उनकी चूची पर मार दिया, पूरी चूची लाल हो गई थी और वे चिहुंक उठी।
फ़िर मैंने उसके दोनों निप्पल्स को पकड़ के खींच दिया और उन्हें काटने लगा।
फ़िर मैंने उनको घुटने पर बिठाया लौड़ा मुंह में दे दिया।
वे लौड़े को मुंह में लेकर चूसने लगी।
मैंने उनके गाल पर 4 से 5 झापड़ लगा दिये और उनकी पूरी गाल लाल हो गई।
फ़िर मैंने उन्हें वहीं लिटा दिया।
उसके बाद उनकी चूत पर लंड सेट किया और निप्पल खींचते हुए उन्हें चोदने लगा।
कुछ देर बाद उन्हें उल्टा किया और उनकी गांड पर मारते हुए चोदने लगा।
वे हर झटके पर ‘आह … उफ … श्श, आराम से … लग रहा है’ बोलने लगी।
नेबर सेक्स का मजा लेते हुए मेरा निकलने वाला था तो मैंने उनको इशारे से पूछा कि कहां छोड़ना है?
उन्होंने कहा– अंदर ही डाल दे!
1 मिनट बाद ही मैं उनकी चूत में ही झड़ गया और उनके ऊपर लेट कर उनकी चूची के चूसने लगा।
कुछ देर बाद मैंने उनसे पूछा– अंदर क्यूं डलवाया?
वे बोलीं– अच्छा ही किया, बच्चा होगा! 6 साल हो गए शादी को अभी तक कोई भी बच्चा नहीं हुआ है, अब तुम्हारे से ही होगा!
अब मैं उनको ‘मादरचोद, रंडी, छिनाल’ बोल कर चोदता हूँ और गांड भी मारता हूँ।
वे लंड सच में बहुत मस्त चूसती हैं!
उनको अब तक 20 से ज्यादा बार चोद चुका हूँ।
अब वे मेरी रंडी जैसी है, जब मन करता है तब चोदता हूँ।
उनको मारूं … कुतिया जैसे चोदूं … वे कुछ भी नहीं बोलती।
मेरे कॉलोनी के अब लड़के भी उनको चोदना चाहते हैं।
अभी तक किसी को पता नहीं कि मैं उनको कितना चोदता हूँ पर वे गांड मारने नहीं देती हैं, बोलती हैं कि गांड में दर्द होगा।
अब तो उनको बाजू वाले कमरे में चोदता हूँ।
उस कमरे की चाभी उन्हीं के पास होती है, जब मूड होता है बुलाता हूँ, वे आती हैं और हम चुदाई करते हैं।
तो दोस्तो, यह थी मेरी चुदाई की हॉट सेक्स कहानी!
नेबर सेक्स कहानी पर अपना कीमती सुझाव आप जरूर दें।
धन्यवाद!
manishyadavopretor@gmail.com
नमस्कार दोस्तो!
मेरा नाम अल्पेश (बदला हुआ) है।
मैं 29 साल का हूँ।
मैं पहली बार कहानी लिख रहा हूँ, कुछ गलत हो जाए तो माफ़ कीजिएगा!
अब मैं सीधे नेबर सेक्स कहानी पर आता हूँ।
मेरे यहाँ एक पड़ोसन आई थी जिनका नाम रूपाली था।
उनके ब्रा का आकार 38D, कमर 34 और गांड 38 थी।
मुझे इसलिए पता है क्योंकि मैं ही उन्हें अब ब्रा और पैंटी ले कर देता हूँ।
वे ज्यादा गोरी नहीं तो ज्यादा काली भी नहीं है।
यह बात आज से 2 साल पहले की है।
तब वे हमारे पड़ोस में रहने आई थी।
मेरे सारे दोस्त मुझसे पूछते– तूने उस भाभी को देखा है जो तेरे पड़ोस में रहने आई है।
मैं उनसे कहता कि मैंने नहीं देखा तो वे लोग नहीं मानते जबकि सच में मैंने अभी तक उन्हें नहीं देखा था।
फ़िर एक दिन मैंने उन्हें देखा।
वे साड़ी ब्लाउज पहने थी।
उनके क्या दूध थे माँ कसम … देखते ही चूसने का मन कर गया!
मैं उनसे बात नहीं करता था मगर करना चाहता था.
पर मुझे समझ नहीं आ रहा था कि उनसे बात कैसे करूँ?
बस उन्हें आते–जाते देखता था।
कई बार वे मेरे घर भी आती।
फ़िर एक दिन उनके पति से मेरी बात हुई।
तब मुझे पता चला कि यह पान–सिगरेट बेचने वाला है।
उनके पति अपने घर के नीचे ही दुकान खोल ली तो भाभी को देखने के बहाने से मैं वहीं से सिगरेट लिया करता था।
मैं अब सिगरेट लेने के बहाने उन्हें रोज साड़ी में देखा करता था।
बीच–बीच में कभी–कभी वे सूट–सलवार भी पहनने लगी थी।
एक दिन एक बरात जा रही थी हमारे घर के सामने से … तो मैं उसे देखने के लिए बाहर आया.
तो मैंने देखा वे भी बगल में आ कर खड़ी होकर बरात जाते हुए देख रही थी।
उस समय भी उन्होंने सलवार कुर्ती पहनी हुई थी।
पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैं उन्हें बोला– साड़ी पहना कीजिए, उसमें अच्छी लगती है आप!
उसके अगले दिन से उन्होंने लगातार 4–5 दिन तक रोज साड़ी पहनी।
मैंने यह बात अपने दोस्तों से कही।
तो वे लोग बोलने लगे– तुझे भाभी पसंद करती है शायद!
फ़िर मैं कई दिनों तक भाभी से कोई बात नहीं की पर वे रोज़ मुझे साड़ी में बाहर आ कर अपना दीदार करवाती।
एक दिन मैंने देखा कि उनके पति की दुकान बंद थी तो मैंने उनका नंबर मिलाया।
मैंने उनसे पूछा– कहां हो? सिगरेट लेनी थी।
उन्होंने कहा– बाहर आया हूँ दुकान का सामान लेने के लिए, शाम तक आऊंगा।
तब मैंने अगल–बगल देखा और उनके घर के अंदर घुस गया।
अंदर जाते ही वे दिखी, वे बर्तन धो रही थी।
तब मैं उनके पीछे जाकर उन्हें बोला– तुझे पता नहीं, तू मस्त चीज है!
ऐसे एकाएक आवाज़ सुन कर वे हल्की सी डर गई!
मैं यह बोलकर जाने लगा।
तब उन्होंने इशारे से मेरा नंबर मांगा।
मैंने भी उन्हें अपना नंबर दे दिया और उनका ले लिया।
कुछ घंटे बाद उनका मिस कॉल आया।
मैं तो फ़ोन ले कर उनके कॉल के इंतजार में बैठा ही था।
मिस कॉल आते ही मैंने तुरंत वापस कॉल किया।
उन्होंने तुरंत ही मेरा कॉल उठा लिया।
हमने एक–दूसरे का हाल चाल पूछा।
फ़िर एकाएक उन्होंने पूछा– क्या कह रहे थे तुम तब?
मैंने बताया– मस्त हो आप!
तो वे बोलीं– ऐसा क्या है मुझमें?
फ़िर मैंने बोला– आपको पता नहीं लेकिन आपके अंदर बहुत कुछ है!
फ़िर वे बोलीं– मुझे घूरते क्यों रहते हो?
मैंने कहा– आपको देखता हूँ!
फ़िर कुछ दिन ऐसे ही बीत गए।
एक दिन उनको हिम्मत करके पूरा खुलते हुए बोल ही दिया– आपके दूध मस्त बड़े–बड़े हैं। मुझे ऐसी ही शादीशुदा औरत पसंद आती है!
वे बोलीं– अच्छा!
मैं बोला– हाँ!
फ़िर हमारे बीच में अच्छी दोस्ती हो गई।
हम हर कुछ खुल कर बात करते।
कुछ सप्ताह बाद जब मुझे लगा वे शीशे में उतर गई हैं।
मैं अपनी कॉलोनी में थोड़ा पॉश हूँ, दिखने में अच्छा हूँ, मेरा घर भी अच्छा है इसलिए वे थोड़ी जल्दी फंस गई।
तब मैंने एक दिन उनसे उनकी चूची दिखाने की ज़िद करने लगा।
उन्होंने बोला– मेरा भी मन करता है।
मैंने उनको हमारे घर के पीछे वाली गली में बुलाया।
तो उन्होंने बोला– क्यों बुला रहे है?
तब मैंने बोला– यह नहीं बता सकता!
मैं फ़िर उस गली में जा कर उनका इंतजार करने लगा।
कुछ देर बाद वे आई।
मैं उनसे नज़रें नहीं मिला पा रहा था।
तो उन्होंने बोला– यही करना है तो मैं जाती हूँ।
मैंने तुरंत उनका हाथ पकड़ लिया और बोला– रुकिए!
फ़िर मैंने उनके होंठों पर अपना होंठ रख दिया और उन्हें चूमने लगा।
उन्हें चूमते–चूमते मैं उनके ब्लाउज के ऊपर हाथ रख दिया और उनकी चूची को दबाने लगा।
फ़िर मैंने उनकी ब्लाउज में हाथ डाल दिया और ब्रा के ऊपर से उनकी मस्त, बड़ी और मोटी चूची को दबाने लगा।
चूची को दबाते–दबाते उनकी भरी हुई निप्पल पकड़ के मसल दिया।
वे मुझसे छूट कर भाग गई।
फ़िर मैं घर जाने के बाद उन्हें फोन किया और पूछा– चली क्यों गई आप?
वे बोलीं– वहीं रहते तो फाड़ देते मेरे सारे कपड़े तुम! इसलिए भगाना पड़ा। तुमको देखना था देख लिए और मजा भी साथ में ले ही लिए।
मैं बोला– हाँ मज़ा तो आया आपकी मोटी चूची को दबा कर!
अब मैं उनसे ऐसे ही बात किया करता।
कुछ दिन बाद मैंने उन्हें एक बार फ़िर से उसी गली में बुलाया।
उनके आते ही मैं उन्हें चूमने लगा और फ़िर उनके पीछे खड़ा होकर उनकी चूची को दबाया और जितना दूध ब्लाउज के बाहर था उसे चाटा।
मेरे लंड उन्हें चाटते हुए सख्त हो गया और उनकी चूत में लग रहा था।
वे अपने घर जाकर मुझे फ़ोन की और बोलीं– जब तुम मेरे चूचियों को चाट रहे थे तब मेरी चूत पर कुछ गड़ रहा था।
मैं– क्या था, अच्छे से बताओ?
वे– मुझे वह सब बोलना पसंद नहीं है।
मैं– मेरा लंड था वो!
वे– बहुत सख्त था! सही में इतना बड़ा है क्या?
मैंने कहा– हाँ बड़ा है।
उन्होंने बोला– मैं नहीं मानती!
मैंने कहा– खुद देख लो!
उन्होंने विडियो कॉल किया तब मैंने उन्हें अपना लंड दिखाया।
वे लंड देख कर बहुत खुश हुई।
उसके बाद मैं उनसे ज़िद करने लगा कि मुझे चोदना है।
वे चुदवाने के लिए मना करती इस बीच उस गली में हम एक–दो बार और मिले।
एक बार वे दरवाजे पर खड़ी थी।
मैं अपने घर से बाहर निकला तो वे दिख गई और उन्होंने भी मुझे देख लिया।
फ़िर मैंने उनको इशारा कि आ जाऊं?
तो वे भी इशारे में बोलीं कि आ जाओ।
मैंने आगे–पीछे देखा और उनके घर के अंदर घुस गया।
फ़िर मैंने दरवाजा बंद कर दिया।
दरवाज़ा बंद करते ही वे बोलीं– क्या?
मैंने सीधा उनका बाल पकड़ कर अपनी ओर खींचा और उनके होंठ को चूसने लगा।
उनको चूमते हुए उनकी कुर्ती और ब्रा को भी को खींच के निकाल दिया।
उनकी ब्रा उतरते ही उनकी चूचियां बाहर आ गई और मैं उन्हें पकड़ कर चूसने लगा।
वे ‘आह … आह’ करने लगी।
फ़िर मैंने उनको पूरी नंगी कर दिया और उनकी चूत को चाटने लगा।
मुझे गंदा लग रहा था और महक भी आ रही थी मगर फ़िर भी मैं चाट रहा था।
फ़िर मैंने अपनी चड्डी उतार कर अपना लंड उनके मुंह में डाल दिया।
उन्होंने मेरा लंड चूसना कर शुरू दिया।
वे लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे इस दुनिया का एक मात्र लंड बचा हो।
फ़िर मैंने उनको 69 की अवस्था में ला दिया।
वे मेरा लंड चूस रही थी और मैं उनकी चूत चाट रहा था।
मैंने जोर से उनकी चूची पर मार दिया, पूरी चूची लाल हो गई थी और वे चिहुंक उठी।
फ़िर मैंने उसके दोनों निप्पल्स को पकड़ के खींच दिया और उन्हें काटने लगा।
फ़िर मैंने उनको घुटने पर बिठाया लौड़ा मुंह में दे दिया।
वे लौड़े को मुंह में लेकर चूसने लगी।
मैंने उनके गाल पर 4 से 5 झापड़ लगा दिये और उनकी पूरी गाल लाल हो गई।
फ़िर मैंने उन्हें वहीं लिटा दिया।
उसके बाद उनकी चूत पर लंड सेट किया और निप्पल खींचते हुए उन्हें चोदने लगा।
कुछ देर बाद उन्हें उल्टा किया और उनकी गांड पर मारते हुए चोदने लगा।
वे हर झटके पर ‘आह … उफ … श्श, आराम से … लग रहा है’ बोलने लगी।
नेबर सेक्स का मजा लेते हुए मेरा निकलने वाला था तो मैंने उनको इशारे से पूछा कि कहां छोड़ना है?
उन्होंने कहा– अंदर ही डाल दे!
1 मिनट बाद ही मैं उनकी चूत में ही झड़ गया और उनके ऊपर लेट कर उनकी चूची के चूसने लगा।
कुछ देर बाद मैंने उनसे पूछा– अंदर क्यूं डलवाया?
वे बोलीं– अच्छा ही किया, बच्चा होगा! 6 साल हो गए शादी को अभी तक कोई भी बच्चा नहीं हुआ है, अब तुम्हारे से ही होगा!
अब मैं उनको ‘मादरचोद, रंडी, छिनाल’ बोल कर चोदता हूँ और गांड भी मारता हूँ।
वे लंड सच में बहुत मस्त चूसती हैं!
उनको अब तक 20 से ज्यादा बार चोद चुका हूँ।
अब वे मेरी रंडी जैसी है, जब मन करता है तब चोदता हूँ।
उनको मारूं … कुतिया जैसे चोदूं … वे कुछ भी नहीं बोलती।
मेरे कॉलोनी के अब लड़के भी उनको चोदना चाहते हैं।
अभी तक किसी को पता नहीं कि मैं उनको कितना चोदता हूँ पर वे गांड मारने नहीं देती हैं, बोलती हैं कि गांड में दर्द होगा।
अब तो उनको बाजू वाले कमरे में चोदता हूँ।
उस कमरे की चाभी उन्हीं के पास होती है, जब मूड होता है बुलाता हूँ, वे आती हैं और हम चुदाई करते हैं।
तो दोस्तो, यह थी मेरी चुदाई की हॉट सेक्स कहानी!
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