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Hindi - हिन्दी पड़ोस की माल लड़की के साथ चुदाई

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वर्जिन गर्ल वांट फर्स्ट सेक्स … इस कहानी में मेरे पड़ोस की एक लड़की मेरे साथ कॉलेज जाती थी. मैं उसे चोदना चाहता था. एक दिन उसी ने मुझे अपने घर बुलाया और …

दोस्तो, मेरा नाम राजकुमार है. मैं उत्तर प्रदेश के लखनऊ का निवासी हूं.
मेरी हाईट 6 फीट है, रंग गोरा और मैं हैंडसम भी हूं. रोजाना कसरत करता हूं तो काफी हृष्ट-पुष्ट हूँ.

मेरे घर में 4 सदस्य हैं.
पापा मम्मी मैं और मेरा छोटा भाई.

वर्जिन गर्ल वांट फर्स्ट सेक्स की बात तब की है जब मैं कॉलेज में पढ़ता था.
उस समय मेरी उम्र 20 साल की थी.

जिस लड़की के साथ मैंने शारीरिक संबंध बनाया था, उसका नाम प्रीति था.
प्रीति मेरे पड़ोस में रहती थी, साली बड़ी क़यामत माल थी.

वैसे तो हम दोनों बचपन से साथ खेले कूदे और साथ में बड़े हुए.
लेकिन समय के साथ उसके शरीर के बदलावों से मेरा आकर्षण उस पर बढ़ने लगा.

उसकी हाईट साढ़े पांच फुट की थी.
रंग एकदम दूध सा गोरा और 30-26-32 का कातिलाना फिगर, किसी के भी लवड़े को खड़ा कर दे.

मैं उस साल फाइनल ईयर में आ गया था, जबकि वह सेकंड ईयर में थी.

हम दोनों अलग अलग क्लास में थे तो हमारा मिलना कम ही होता था.
पढ़ाई की व्यस्तता के चलते हाय हैलो भी कभी कभी ही हो पाती थी.

जब बरसात का मौसम आया तो उसे जाने में दिक्कत होती थी.
उसके पापा मुझसे बोले- बेटा, प्रीति को भी कुछ दिन के लिए साथ ले जाना … बारिश में उसे दिक्कत होती है.
मैंने हामी भरते हुए कह दिया कि ओके चाचा जी!

फिर सोमवार के दिन वह कॉलेज जाने के लिए मेरे घर आयी.
मैं तैयार होकर उसी का इंतजार कर रहा था.

उसने मुझसे हाय कहा, तो मैंने भी उसे हाय प्रीति कहा.
हम दोनों बाइक पर बैठ कर जाने लगे.

आगे सड़क पर ब्रेकर आया तो मैंने ब्रेकर की वजह से ब्रेक लगा दिया.
उसके रसभरे मम्मे मेरी पीठ पर आ पड़े तो मेरा तो जैसे ध्यान ही छूमंतर हो गया और उसी वजह से मुझे सामने का गड्ढा नहीं दिखा.

फिर ऐन वक्त पर मैंने जल्दी से ब्रेक लगाया तो उसके चूचे फिर से मेरी पीठ में टकरा गए.
क्या बताऊं दोस्तो, उस मादक अहसास को मैं बता नहीं सकता.

लेकिन मैंने सोचा कि शायद उसे कुछ गलत लगा होगा.

मैंने उससे सॉरी कहते हुए कहा- वह गड्ढा एकदम से सामने आ गया था, तो मुझे ब्रेक लगाने पड़े.
वह कुछ नहीं बोली.

फिर मैं सावधानी से बाइक चलाने लगा.
कुछ ही देर बाद हम दोनों कॉलेज पहुंच गए.

फिर जब कॉलेज से वापस घर जाने के लिए निकले तो वह बोली- राज, बाइक अच्छे से चलाना, नहीं तो मैं गिर जाऊंगी!
मैंने ओके बोला.

फिर हम दोनों घर पहुंच गए.

ऐसे ही दिन बीतते गए.

बीच बीच में कभी कभी ब्रेक लग जाने से उसके दूध मेरी पीठ को सहलाते रहे और मैं उस पल को याद कर करके मुठ मारने लगा.

एक दिन मैं कॉलेज जाने वाला था.
उस दिन वह कॉलेज के लिए घर से नहीं निकली थी.
उसका भाई बाहर खडा था.

तो मैंने उससे कहा- जा, जाकर अपनी दीदी को भेज, कॉलेज के लिए लेट हो रहा है!
वह बोला- आप खुद कॉल कर लो न … मैं कहीं जा रहा हूँ.

मैं बोला- मेरे पास उसका नंबर नहीं है.
तो वह नंबर बताते हुए बोला- यह रहा नंबर आप खुद कॉल कर लो.

मैं तो उसका नंबर पाते ही ऐसे खुश हो गया मानो उसका छेद मिल गया हो.

मैंने झट से उसे कॉल किया.
वह बोली- कौन?

मैं बोला- प्रीति, मैं राज … चलो लेट हो रहा है.
वह बोली- दो मिनट रुक!

फिर वह आयी.

मेरे साथ बाइक पर जाते समय वह मुझसे बोली- तुमको मेरा नंबर कहां मिला?
मैंने मजाक से कह दिया- मैं चाहूं तो बहुत कुछ मिल जाएगा, नंबर क्या चीज है!

यह सुन कर उसने मुस्कुरा दिया.
फिर उसे पता चल गया कि उसके भाई ने ही नंबर दिया है.

फिर हम दोनों की फोन पर बातें होने लगीं.

एक दिन मैंने उससे पूछा- प्रीति तुम्हारा कोई बीएफ है?
प्रीति- मैं यह सब नहीं करना चाहती … मुझे अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना है.
मैं बोला- ओके!

फिर वह मुझे गुडनाइट बोल कर सो गई.

अगले दिन रविवार था तो वह घर पर ही थी.
मैं भी अकेला था.

उसने मुझे कॉल करके कहा- राज मुझको तुम्हारी मदद चाहिए. मैं आऊं तुम्हारे घर?
मैंने कहा- रुको, मैं ही आ जाता हूं!

मैं उसके घर गया तो वहां कोई नहीं था.
उसने गेट खोला और बोली- आओ बैठो राज, मैं तुम्हारे लिए कॉफी लाती हूं.
मैंने हम्म कहा और उसे देखने लगा.

उस दिन प्रीति ने काला टॉप और कैप्री पहनी हुई थी.
वह उस ड्रेस में एकदम टंच माल लग रही थी.
मेरा मन कर रहा था कि इसे यहीं पटक कर चोद दूं!

फिर मैंने पूछा- प्रीति बताओ, क्या मदद चाहिए?
वह बोली- मेरा प्रोजेक्ट नहीं बन रहा है, प्लीज बना दो!

तो मैं बोला- यार, इसमें तो बहुत टाइम लगेगा. तुम्हारे घर वाले डिस्टर्ब हो जाएंगे.
तो वह बोली- मेरे पापा मम्मी परसों आएंगे, वे बाहर गए हैं.

मैंने बुदबुदाते हुए कहा- कमाल की बात है कि मेरे घर में भी कोई नहीं है.
वह बोली- क्या?
मैंने कहा- कुछ नहीं!

वह बोली- मैंने सुन लिया. तुम कह रहे थे कि तुम्हारे घर वाले भी घर पर नहीं हैं.
मैंने कहा- हां.

वह कुछ नहीं बोली.

अब मैंने सोच लिया कि यह सही मौका है, आज मैं इसको चोद कर ही रहूंगा.

दोस्तों उसका प्रोजेक्ट हाईड्रॉलिक लिफ्ट था जिसमें से पानी को उठाते हुए बनाना था.

हम दोनों हाईड्रॉलिक लिफ्ट बनाते बनाते मस्ती करने लगे.

कभी मैं उसकी कमर को टच करता, तो कभी उसकी गांड को मसल देता.
वह भी मुस्कुरा देती और बोलती- यार, जल्दी करो न!

मैं बोला- तुम करने ही नहीं दे रही हो!
वह इस बार खिलखिला कर हंसने लगी.

फिर मैंने जैसे ही लिफ्ट के बटन को दबाया, पूरा पानी उसके ऊपर आ गया.
वह पूरी भीग गई.

यार भीगे कपड़ों में वह पूरी अप्सरा लग रही थी.
गोरे गोरे गाल, बड़े बड़े चूचे, पतली कमर, बड़ी सी गांड.

वह बोली- राज, यह तुमने क्या किया!
वह गुस्सा करती हुई अन्दर जाने लगी.

तभी उसका पैर फिसला और वह गिर गई.
वह कराहती हुई बोली- अब देख क्या रहे हो … मुझे उठाओ तो राज!

मैं गया तो मैंने अपना हाथ उसके हाथ में दिया, पर वह उठ नहीं पा रही थी.

तो मैंने उसे गोद में उठा कर उसको कमरे में ले गया और लेटा दिया.

वह बोली- मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है.
मैं बोला- सॉरी यार!
वह बोली- कोई नहीं.

फिर मैं उसके हाथ को छूने लगा कि किधर लगी है … क्या यहां लगी?
यह कहते हुए मैं उसके पूरे शरीर को छूने लगा.

उसके बदन के स्पर्श से मेरा लौड़ा तन कर खड़ा हो गया था.
मेरी छुअन से वह भी गर्म हो गई थी.

वह बोली- राज आओ न यहां!

मैं समझ गया कि वर्जिन गर्ल वांट फर्स्ट सेक्स … मैं उसके करीब हुआ तो वह मुझसे लिपट गई और बोली- राज, आई लव यू!
वह मुझे बहुत किस करने लगी.

मैंने पूछा- यार मैंने तो तेरे से पूछा था, तो तू बोली कि बॉयफ्रेंड नहीं बनाना है!
तो वह बोली- हां मैं तेरे को पसंद करती हूं!

यह सुनकर मैं तो जैसे किसी दूसरी दुनिया में था.
मैंने भी उसे आई लव यू टू बोला और उसके ऊपर टूट पड़ा.

हम दोनों ने बहुत किस किए.
फिर मैं उसको धीरे धीरे नंगी करने लगा और उसके चूचे दबाने लगा.

वह ‘आह उह उह ऊंह.’ करने लगी और बोली- राज, आज मुझे चोद दो. राज, मैं तड़प रही हूं!

फिर मैंने जैसे ही अपना लवड़ा बाहर निकाला, वह तुरंत अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.
वह बोली- जल्दी से इसे मेरी चूत की गहराई में पेल दो … इससे मैं खुल कर चुदना चाहती हूँ.

मैंने उसको पूरी नंगी कर दिया और उसकी चूत में तेल लगा कर लंड सैट कर दिया.

फिर मैंने एक जोर का झटका मारा.
मुझे लंड घुसेड़ते ही ऐसा लगा मानो उसकी फुद्दी फट गई हो.

वह एकदम से तड़फ कर बोली- आह मर गई … आह जल्दी से निकाल … मादरचोद फुद्दी चोदेगा या फाड़ेगा.
वह रोने लगी.

मैं लंड पेले पड़ा रहा और बिल्कुल भी नहीं हिला.
वह छटपटाने लगी थी.

फिर जब वह शांत हुई तो मैंने उसके चूचों को दबाया और उसे किस किया.
वह भी शांत होकर मुझे किस करने लगी थी.

ऐसे करते करते मैंने फिर से एक शॉट मारा जिससे मेरा पूरा लौड़ा उसकी चूत के अन्दर तक घुसता चला गया.
इस बार उसकी आंखें और बड़ी हो गईं और वह रोने लगी.

वह कराहती हुई बोली- ऐसा लग रहा है कि तेरा लवड़ा मेरे फेफड़े फाड़ देगा.
मुझे हंसी आ गई.

वह गाली देने लगी- साले हंस मत मेरी चूत फाड़ दी है तूने … धीरे धीरे कर!
मैं अब धीरे धीरे उसकी चूत में अपना लंड अन्दर बाहर अन्दर बाहर करते हुए उसे चोदने लगा.
कुछ ही देर में अब वह भी लंड के मजे लेने लगी और अपनी गांड उठा उठा कर मेरे लौड़े से चुदवाने लगी.

वह बोलती जा रही थी- आह जोर जोर से और जोर से चोद दे मुझे … कितना दम है तेरे लंड में … पेल साले और फाड़ दे मेरी चूत मादरचोद.

मैंने उसको इतना चोदा, इतना चोदा कि वह तीन बार झड़ गई.

मैंने उसको घोड़ी बना कर चोदा, उसके बाद अपने लौड़े पर बैठा कर चोदा.
करीब आधा घंटा तक लगातार चोदने के बाद मेरा वीर्य निकल पाया.

मैं उसकी चूत के अन्दर ही झड़ गया.

हम दोनों लगभग 5 मिनट तक यूं ही पड़े रहे.

फिर मेरा लवड़ा वापस खड़ा हुआ और मैंने लंड उसके मुँह में दे दिया.
मैं उसके मुँह को ही चोदने लगा.

काफी देर तक उसे रण्डी की तरह चोदने के बाद मेरा वीर्य उसके मुँह में ही गिर गया और वह सारा माल पी भी गई.
मैंने बोला- कैसा लगा?
वह बोली- जान ऐसा लगा, मैं उड़ रही हूं!

मैं बोला- और करना है?
वह बोली- आज बस … अब और नहीं! मैं थक गई हूं.

हम दोनों उठे और कपड़े पहन कर बाथरूम जाने लगे थे.
तब मैंने देखा कि वह सही से चल नहीं पा रही है.
क्योंकि मैंने उसे बहुत बेरहमी से चोदा था.

फिर मैं उसको अपनी गोदी में उठा कर लाया और लेटा दिया.
मैं बोला- प्रीति आई लव यू.
वह बोली- लव यू टू!

वह बोली- अब 3 दिन मेरे घर रुक जा, कोई नहीं रहेगा.
मैं बोला- ठीक है.

मेरे घर में भी कोई नहीं था.

फिर हम दोनों ने 3 दिन तक लगातार चुदाई की.
उस बीच मैंने उस लड़की की गांड भी चोद डाली.

अब वह मेरी रण्डी बन चुकी है; मैं उसको कभी भी और कहीं भी चोद लेता हूं.
कभी कॉलेज में, कभी उसके घर पर, तो कभी अपने कमरे में … अब तो चुदाई का आलम आप यूं समझो कि 7 दिन में 6 दिन मैं उसे चोदता हूं.
वह भी मुझसे गजब चुदवाती है.

तो दोस्तो, यह थी मेरी वर्जिन गर्ल वांट फर्स्ट सेक्स कहानी. कमेंट्स में बताइएगा कैसी लगी!
इमेल में फोन नम्बर होने के कारण इमेल आईडी नहीं दिया जा रहा है.
 

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