18upchoti !

Enjoy daily new desi sex stories at 18upchoti erotic literature forum. Also by creating an account here you will get exclusive access to features such as posting, discussion, & more. Feel free to sign up today!

Register For Free!
  • Activate dark mode by clicking at the top bar. Get more features + early access to new stories, create an account.

Hindi - हिन्दी Audio Story पहली बार जीजा जी से चुदी - Sali Ki Chut Ka Maja

  • Thread Author
साली की चूत का मजा मेरे जीजू ने लिया होटल के कमरे में. मैं परीक्षा के लिए जीजू के साथ दूसरे शहर में गयी थी. हम दोनों एक ही कमरे में रुके थे.

Listen to this audio story​

Sali Ki Chut Ka Maja
यह कहानी सुनें.



हाय दोस्तो, मैं मैं हूँ आप सब की तनहा रातों की दोस्त श्रेया!
मेरा आपसे वादा है कि यह कहानी पढ़ कर आप सबका पानी निकल जाएगा.

पहले मैं अपने बारे में बता देती हूं.
मैं एक बहुत ही सुन्दर खूबसूरत और अप्सरा जैसी दिखती हूँ. मेरा फिगर एकदम मस्त है.
यह सेक्स कहानी तब की है जब मैं 19 साल की होने को थी.
मैं एकदम खिली हुई कमसिन कली थी.

मेरी बहन मुझसे दो साल बड़ी है.
दीदी का नाम अनामिका है.

उनकी शादी एक ऐसे व्यक्ति से हुई थी, जो तीस साल के हैं.

Xxx साली की चूत के मजे की कहानी मेरे और मेरे जीजा के बीच की है.

मेरे जीजा जी का नाम कबीर है.
शादी के बाद दीदी की शादी-शुदा जिंदगी मेरे जीजा जी के साथ अच्छी चल रही थी.
ऐसा सबको लगता था.

पर एक दिन दीदी अपने मायके कुछ दिन रहने के लिए आईं.
तब दीदी ने वापस ससुराल जाने से मना कर दिया, वे घर में ही रुक गईं.

दीदी ने मेरे बहुत पूछने पर भी मुझे कुछ नहीं बताया था.
हालांकि उन्होंने मम्मी को सारी बात बताई होगी मगर मुझे कुछ नहीं मालूम चल सका था.

कुछ दिन बाद मेरे जीजा जी कभी कभी दीदी से मिलने आने लगे थे.

एक दिन जीजू घर आए और शॉपिंग के बहाने से मुझे मॉल ले गए.
मुझे तो समझ नहीं आया कि वे मुझे शॉपिंग पर क्यों ले जा रहे हैं.

उस दिन मैंने एक काले रंग की शार्ट ड्रेस पहनी थी, मैं बेहद आकर्षक लग रही थी.
उधर सभी लोगों की नजरें मेरे ऊपर ही टिकी हुई थीं.

मॉल में जीजा ने पहले तो मुझे कुछ ड्रेसेज दिलाईं, फिर उन्होंने मेरे लिए कुछ अंडरगारमेंट्स भी खरीद लिए.
मुझे सच में कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि वे करना क्या चाह रहे हैं.

उसके बाद वे मुझे अपनी कार में बिठा कर एक सुनसान जगह पर ले गए और वहां कार रोक कर उन्होंने मेरा हाथ अपने हाथ में लिया.
वे मुझसे कहने लगे- मुझे तुम बहुत पसंद हो.

यह कह कर जीजा जी मेरी तरफ़ बहुत ही नशीली निगाहों से देखने लगे.
मैंने कहा- जीजू मैं तो आपकी साली श्रेया हूँ. आप मेरी बहन के पति हैं!

वे कहने लगे- तुम्हारी बहन बहुत मोटी और काली है. तुम तो जैसे कोई अप्सरा लगती हो.
मैंने कहा- ये सब आपको पहले सोचना था!

वे कहने लगे- उस समय तो मुझे घर वालों की जिद की वजह से शादी करनी पड़ी, पर मैं सिर्फ तुम्हें चाहता हूँ. बस एक बार मेरी हो जाओ. सच कह रहा हूँ मैं तुम्हें शिकायत का कोई मौका नहीं दूंगा.
यह कहकर वे मेरे क़रीब आ गए और उन्होंने मेरे गुलाबी होंठों को चूम लिया.

मैं तो सन्न रह गई.
मुझे समझ ही नहीं आया कि ये मेरे साथ क्या हुआ!

मैं कार का दरवाजा खोल कर बाहर निकल गई.

वे भी बाहर आ गए और उन्होंने मुझे पीछे से कस कर पकड़ लिया.
जीजू मेरे कान में ‘आई लव यू श्रेया’ कहते हुए मुझे किस करने लगे.

उन्होंने कहा- तुम्हारी बहन मुझे बिल्कुल भी खुश नहीं कर पाती है. मेरी उम्मीद सिर्फ तुमसे हैं. तुम तो वैसे भी मेरी साली हो और साली तो आधी घरवाली होती है.
यही सब कहते हुए जीजू मुझे गर्दन में चूमने लगे.

फिर अचानक से जीजू का फोन बजा.
उन्होंने फोन उठाया तो दीदी का फोन था.
दीदी ने हम दोनों को जल्दी घर वापस आने को कहा.

अब जीजू ने मुझे खुद से दूर किया और मुझे घर लाकर छोड़ दिया.
उसके बाद दीदी और जीजू उसी शाम अपने घर चले गए.

मैं तो इस बात को बस यूं ही भूल जाना चाहती थी पर कुदरत को शायद कुछ और ही मंजूर था.

एक दिन मेरा एग्जाम मेरे शहर से बहुत दूर था.
उस जगह पर मुझे एक रात पहले ही जाना पड़ रहा था.

घर पर ऐसा कोई भी नहीं था जो मुझे एग्जाम दिलाने ले जाए.

यह बात मैंने अपनी दीदी को बताई तो उन्होंने अपने पति कबीर से कहा- श्रेया के लिए ये बहुत ही जरूरी एग्जाम है. प्लीज तुम उसके साथ चले जाओ.
जीजा जी तुरंत ही मान गए.

हम दोनों ने लगभग छह बजे की ट्रेन पकड़ी और एक रिजर्वेशन वाले डिब्बे में आ गए.
ट्रेन के लगभग सारे डिब्बे खाली थे.
हम दोनों एक सीट पर बैठ गए.

हमारी सीट के आस-पास कोई भी नहीं था.
रात को एक बज गया था.

वे मुझसे करीब होकर बैठ गए और मेरे कंबल में घुस गए.
मैं बैठी हुई अपनी किताब पढ़ रही थी.

जीजू ने मेरे करीब होकर मेरे कंधे पर हाथ रख दिया और मुझे हल्के से अपनी तरफ खींचने लगे.

मैंने कहा- ये आप क्या कर रहे हैं?
वे बोले- मेरे क़रीब होकर बैठोगी तो ठंड नहीं लगेगी.

मैं कुछ नहीं बोली.
एक घंटा यूं ही हम दोनों बैठे रहे.

मेरी नींद लगने लगी थी, मेरी आंखें मुंदी हुई थीं.

यह देख कर जीजू ने मेरे होंठों पर किस कर लिया.
उनके चुंबन से मेरी नींद खुल गई.

मैं उठी तो देखा कि वह मेरे काफी करीब आ गए थे.

वे फिर से मुझे गर्दन पर चूमने लगे और मेरे बूब्स दबाने लगे.
मैंने कहा- ये आप क्या कर रहे हैं?

वे बोले- मैं अपनी सेक्सी साली को प्यार कर रहा हूँ.
मैंने उन्हें दूर करने की कोशिश की पर उनकी मुझ पर पकड़ बहुत ही मजबूत थी.

उनकी पकड़ से ऐसा लग रहा था जैसे आज तो वह मुझे खा ही जाएंगे.
फिर थोड़ी देर के लिए हमारी ट्रेन एक स्टेशन पर रुक गई और लोग आने लगे.

इसलिए उन्हें रुकना पड़ गया.
कुछ ही देर बाद हमारा स्टेशन आ गया.

रात का समय था तो जीजू मुझे एक होटल में ले गए और फिर वही हुआ जिस बात का मुझे डर था.
होटल में पहुंचते ही उन्होंने एक ही रूम लिया. कमरे में जाने के बाद तो जैसे उनका खुद पर कोई काबू नहीं रहा और वे मुझे ‘आई लव यू श्रेया’ कहकर चूमने लगे.

मैंने उन्हें मना किया- आप मेरी बहन के पति हैं, ये सब सही नहीं है.
पर वे कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे.

जीजू कहने लगे- आज रात तुम सिर्फ़ मेरी हो जानेमन. आज रात तुम सिर्फ़ मेरी हो … और आज मौका मिला है, इसे तो मैं बिल्कुल नहीं जाने दूंगा.
उन्होंने मुझे दीवार से सटा दिया और मुझे चूमने लगे, मेरे मम्मों को दबाने लगे.

मैंने कहा- ठीक है, मैं मान जाती हूँ … पर ये पहला और आखिरी बार होगा.
उन्होंने तुरंत ही मुझे गोद में उठा कर बेड में लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गए.

वे मेरे कपड़े ऊपर करके मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से दबाने लगे.
फिर मेरी ब्रा को निकाल कर मेरे एक निप्पल को मुँह में भर लिया.
एक को चूसते हुए वे मेरे दूसरे दूध को दबाने लगे.

मुझे भी अच्छा लगने लगा था.
मैं भी जवान और करारी लौंडिया थी तो कैसे न गर्म होती.

लगभग पांच मिनट तक वे मेरे दोनों मम्मों को दबाते रहे और चूसते रहे.
मेरे मुँह से भी ‘उउह आह …’ जैसी आवाजें निकलने लगी थीं.

मेरी उन कामुक आवाजों को सुन कर जीजू बहुत खुश हो रहे थे.
मैं भी अपने होंठों को दबाती हुई उनके मुँह से अपने दोनों थन बारी बारी से चुसवा रही थी.

वे भी मेरे दोनों दूध को ऐसे चूसने में लगे थे, मानो वे अभी ही मेरे चूचों में से दूध की धार निकाल लेंगे.

कुछ देर तक दोनों मम्मों को जी भर कर प्यार करने के बाद मेरे जीजू अपने हाथ को मेरी चूत पर ले आए और टपकती चूत पर धीरे धीरे से फेरने लगे.

उनके हाथ का अहसास अपनी चूत पर करते ही मेरी चूत रो पड़ी और उसमें से पानी रिसने लगा.
उन्होंने मेरी चूत से पानी रिसता देखा तो वे अपनी कड़क उंगलियों को मेरी चूत में पेल कर उसे रगड़ने लगे.

मैं तो पागल हुई जा रही थी क्योंकि पहली बार कोई मर्द मेरी चूत में उंगली कर रहा था.

उंगली से मुझे चोदने के बाद जीजू मेरी सील तोड़ चुदाई भी करने वाले थे.
यह सब सोच सोच कर मेरे अन्दर एक आग सी भड़क रही थी.

अब वह मेरी चूत को चाटने लगे.
मैं तो पागल सी हो रही थी.

वे बोले- मैं आज अपनी सेक्सी साली को जन्नत की सैर कराता हूं.
मेरे मुँह से लगातार आहें निकल रही थीं.

कुछ देर के बाद उन्होंने अपना बड़ा और मोटा लंड निकाल कर मेरी चूत के ऊपर रख दिया.
वे अपने लंड को चूत पर रगड़ने लगे.

मैंने कहा- प्लीज़, ये मत करो इसमें मुझे बहुत दर्द होगा!
वे कहां कुछ सुनने वाले थे.

उन्होंने एक ही धक्के में अपना लंड मेरी चूत के अन्दर घुसेड़ दिया.
जब तक मैं कुछ संभल पाती, तब तक दूसरे धक्के में उन्होंने अपने लौड़े को पूरा अन्दर घुसेड़ दिया था.

मैं दर्द से ऐसे कराह रही थी, जैसे किसी ने मेरे प्राण ले लिए हों.
सच में किसी गर्म चाकू से मेरी चूत को रेत दिया हो, ऐसा लग रहा था.

मैं हाथ पांव फटकने लगी और तड़फ उठी.
यह देख कर मेरे जीजू ने मुझे अपनी ताकत से दबोचा और मुझे ऐसे पकड़ने लगे जैसे कोई कसाई अपने बकरे को जिबह करते वक्त थामे रखता है.

कुछ देर के बाद जीजू ने मुझे गले से लगा कर चूमा और बोले- पहले क्यों नहीं बताया कि तुम्हारी सील अभी तक बंद थी?
मैं कराहती हुई बोली- आपने बताने का मौका ही कहां दिया.

अब वे धीरे धीरे धक्के लगाने लगे, Xxx साली की चूत का मजा लेने लगे.
कुछ देर बाद मुझे भी मजा आने लगा.

जीजू तेज गति से मुझे धकापेल चोदने लगे और कहने लगे- आह मेरी जान … मेरे सपनों की रानी … मेरी अप्सरा आज मैंने तुझे पा ही लिया. मैंने जब से तुम्हें देखा है, तब से मुझे कोई और औरत अच्छी नहीं लगती. हर रात मेरे सपनों में सिर्फ तुम ही आती थी!
मैं बोली- जीजू जो भी करना है, आज ही कर लो … क्योंकि इसके बाद ऐसा मौका दोबारा नहीं मिलेगा.

वे हंस दिए और बोले- मेरी जान, मैं तुम्हें दोबारा कभी हाथ भी नहीं लगाऊंगा पर तुम खुद मेरे नीचे आने के लिए मचलोगी.
मैंने कहा- यह तो वक्त बताएगा.

वे बोले- हां यह वक्त बताएगा. मैं तुमसे कभी कुछ नहीं कहूँगा. पर मेरा दावा है कि तुम खुद मेरे नीचे आने के लिए तड़फ़ोगी.

मैं अब कुछ नहीं बोली.

जीजू मेरी चुदाई और तेजी से करने लगे.
उन्होंने मुझे उस रात काफी देर तक चोदा और कई तरह से चोदा.

काफी देर बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.
हालांकि मैं उनके साथ चुदाई के दौरान पहले ही दो बार झड़ चुकी थी.

मैं उस रात लड़की से औरत बन गई थी.

उसके बाद जब मेरे अन्दर से यह बात बार बार उठी कि मैं दोबारा से अपने जीजू से चुदवा लूँ.
तब मुझे अपने जीजू की बात याद आई.

मैंने अपने मन को पक्का किया और अपनी दीदी की खुशहाल जिंदगी की सोच कर रह गई.

तब से से लेकर आज तक ना तो मैं उस हसीन रात को भूल पाई … ना ही जीजू ही भूल पाए होंगे.

दोस्तो, यह मेरी एकदम सच्ची Xxx साली की चूत की कहानी है. आपको कैसी लगी, प्लीज कमेंट्स में बताएं.
 
Love reading at 18upchoti? You can also share your stories here.
[ Create a story thread. ]
Top