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Hindi - हिन्दी Audio Story पहले भाई फिर सहेली के ब्वॉयफ्रेंड से चुदी - Chut Aur Gand Me Lund

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चूत और गांड में लंड ले लिया मैंने जब मेरे चचेरे भाई ने मुझे चोदा. मेरा भाई मेरी सहली का बॉयफ्रेंड है. लेकिन उसके बाद मेरी सहेली ने मुझे अपने एक दूसरे बॉयफ्रेंड से भी चुदवाया.

मेरी इस सेक्स कहानी को 16 लाख पाठकों ने पढ़ा और अपनी वासना में समाहित किया.
बहुत से पाठकों के मेल आए.
मैंने कुछ से बात की, कुछ से नहीं कर पाई.

Listen to the AUDIO Story​

यह कहानी सुनें.



मैंने जिनसे बात नहीं की, मैं उन मित्रों से माफी मांगती हूँ.

दोस्तो, शेखर मेरा कजिन भाई है.
रिश्ते में वह मेरी एक दूर की बुआ का लड़का लगता है.

लेकिन मैं उसकी फैमिली के साथ दस साल से जुड़ी रही थी इसलिए वह मेरा सगा भाई जैसा ही है.

मजा तब आया, जब इस भाई बहन के प्यार में संभोग वाला प्यार आ गया था.

दोस्तो, मैं उसके बाद की सच्चाई को छुपाना चाहती थी लेकिन बहुत से पाठकों के द्वारा इसके आगे की घटना को बताने का निवेदन किया गया, जिस वजह से मैं आज अपनी वह सच्चाई, जब मेरी चूत और गांड में लंड एक साथ गया था, बाहर ला रही हूँ, जो मैं बताना नहीं चाहती थी.

मेरी सहेली ने मुझे अपने भाई के नीचे ला ही दिया था, जिसमें मैंने भाई से चरम सुख लिया और अपनी सहेली को दिए वचन का पालन किया.

मेरा भाई बहुत ही ज्यादा ठरकी था. उसको हमेशा चूत की भूख रहती थी.

मेरी सहेली ने उसके लंड से चुद चुद कर उसको चूत का आदी बना दिया था.

दोस्तो, मुझे उसे भाई कहने में मुझे बहुत अजीब लग रहा है.
इसलिए मैं अब उसको शेखर नाम से ही लिख रही हूँ.

शेखर समय के साथ बड़ा होने के साथ साथ अपने लौड़े को भी बड़ा करता गया.
उधर मेरी सहेली रिंकी भी शेखर को समय समय पर अपनी चूत देती रही.

अब मैं उस घटना के बाद का सब बता रही हूँ.
उस रात के बाद मैं सम्भल सम्भल कर अपने कमरे में गई.

मुझमें कपड़े पहनने की हिम्मत ही नहीं बची थी, इस वजह से मैं नंगी ही सो गई.
कमरे का दरवाजा भी खुला रहा.

रिंकी के बताए अनुसार बता रही हूँ.

मेरे कमरे में आने के बाद रिंकी ने शेखर की आंखें खोल दीं और शेखर रिंकी के साथ मुझे देखने मेरे कमरे में आ गया था.

उस वक्त मैं काफी गहरी नींद में सो रही थी, तब शेखर ओर रिंकी दोनों मेरे कमरे तक आए.
फिर रिंकी और शेखर ने मुझे नंगी देखा.
रिंकी ने शेखर की आंखें तुरन्त बंद कर दीं.

शेखर ने रिंकी के हाथों को अपनी आंखों से हटाया और मुझे देखते हुए कहा- यार, मेरी बहन ऐसी क्यों पड़ी है?
तब रिंकी ने शेखर से कहा- पहले यहां से चलो, उसे सोने दो.

मगर शेखर ने रिंकी से मेरे बदन की तारीफ करते हुए मुझे चोदने का जिक्र किया.
रिंकी ने उसको मना कर दिया और वह उसे कमरे से घसीटती हुई बाहर ले गई.

उसके बाद रिंकी ने मुझे सुबह से इस सबकी जानकारी कॉल पर दी.
उस समय घर पर कोई नहीं था.

मैं सहमी सहमी सी थी.
रिंकी और शेखर की अच्छी ज़िंदगी कट रही थी.

शेखर ने मुझे बिना कपड़ों के देख लिया था, तो उसकी नियत बिगड़ गई थी.

अब शेखर बार बार रिंकी से यही जिक्र कर रहा था … और उधर रिंकी मेरे साथ एक गेम खेल रही थी.
जिसका मुझे अहसास ही नहीं था.

रिंकी की जबरदस्ती के कारण शेखर से मेरी फिर से चुदाई का समय मेरे बर्थडे के अगले ही दिन की रात में फिक्स हो गया था.
लेकिन इस बार रिंकी भी मेरे साथ शामिल थी.

चुदाई वाले दिन मैं रिंकी के कमरे में शाम 6 बजे ही पहुंच गई थी.
रिंकी के कहे अनुसार मुझे अपने भाई की आंखों में पट्टी लगकर लेटना था.

हम दोनों में मैं रिंकी से बस थोड़ी सी ज्यादा हॉट और सेक्सी थी, जिस वजह शेखर का मन बहक गया था.

रिंकी ने कहा कि शनाया अपने ब्वॉयफ्रेंड से मैं कल चुद लूँगी. आज एक बार तुम मेरे नए ब्वॉयफ्रेंड से चुद लो.

उसके बाद उसने शेखर से कह दिया- अब तुम हिसाब से बात करना, वह आवाज न पहचान ले.
शेखर ने मेडिकल स्टोर से रिंकी को कॉल किया ओर अपने लिए क्रीम, गोली, कोंडम वगैरह सब कुछ ले लिया.

अब बारी थी मेरे लेटने की, तो मैं लेट गई थी.
मैं शेखर के कड़क और घोड़े जैसे लंड से चुदने वाली थी.
दरसअल ये चुदाई दो भागों में होनी थी.

एक शेखर के साथ और दूसरी दो बजे के बाद शेखर के ही साथ लेकिन असल में दूसरी चुदाई शेखर के साथ नहीं, किसी और के साथ हुई थी.

यह बात मुझे शेखर के मोबाइल से रिंकी को किए मैसेज पर घर पहुंचने का समय बताने से पता चली.

वह सब मैं आपको अपनी घटना में आगे बता दूँगी.

मैं बदन पर कुछ कपड़े पहने लेटी थी.
मेरी आंखों में काली पट्टी बंधी थी.

रिंकी द्वारा मुझे एक गुलाबी रंग वाली गोली खिला दी गई थी.

कुछ ही देर बाद शेखर भी आ चुका था.

अब रिंकी मेरे बाजू में आकर बैठ गई और शेखर बिना कुछ बोले मेरे बदन से मेरे कपड़ों को उतारने लगा.
यह सब मैं महसूस कर रही थी.

शायद दवा के असर से मुझे अहसास ही नहीं हुआ कि शेखर ने कब मुझे पैंटी और ब्रा में कर दिया.
उस समय मैं बस मादक सिसकारियों से कराह रही थी.

रिंकी ने तभी मुझसे मुँह खोलने के लिए कहा तो मैंने मुँह खोल दिया.
तभी गर्म गर्म लंड मेरे मुँह पर आ गया और मेरे होंठों को खोलते हुए अन्दर जाने लगा.

उधर एक हाथ मेरी पैंटी पर घूमने लगा था.
ऊपर मेरे मुँह में लंड समाधि लेने जा रहा था.

मैंने भी अपने हाथ से लंड को पकड़ लिया और उसे चूसना व चाटना शुरू कर दिया.

नीचे मेरी पैंटी के अन्दर एक हाथ जा चुका था.
तभी रिंकी ने मेरे बदन को पूरा निर्वस्त्र कर दिया.

उधर मुँह में झटके लगने लगे थे.
फिर मेरे स्तनों को दो हाथों में लेकर मसला जाने लगा था.

मन ही मन मैं संभोग कर्म को महसूस कर रही थी.
मैं लंड चूसती हुई हुक हुक कर रही थी.

तभी रिंकी बोली- बाबू अब बस भी करो … मुँह को ही चोदोगे क्या … इसकी गुलाबी चूत के लिए भी लंड बचा रहने दो!

यह सुनने के बाद शेखर मेरे बदन को चाटने में लग गया था.

मैं चुदाई की मदहोशी में खोती जा रही थी और चुदने के लिए तैयार हो रही थी.

रिंकी ने मुझे पूरी नंगी कर दिया था और शेखर ने मुझे गर्म कर दिया था.

उस वक्त मेरे स्तनों पर पट पट के साथ हाथ चलने लगे थे.
फिर वही हाथ चूत पर भी लगने लगे थे.

रिंकी इस सबको अपनी आंखों से देखे जा रही थी.

मैं काली पट्टी में इस सबको बस महसूस कर रही थी लेकिन देख कुछ नहीं पा रही थी.

शेखर मेरी चूत पर जीभ चलाने लगा था.
फिर वह अपने लंड को चूत पर फेरने लगा.

मैं लंड के मीठे अहसास से मदहोश हो रही थी.
लेकिन झटके का डर भी था.

तभी मैंने रिंकी का हाथ पकड़ लिया और रिंकी भी मेरी भावना को समझ कर शेखर से बोली- बेबी, आराम से डालना!

एक पल बाद शेखर ने रिंकी ने कहा- बेबी, इसकी चूत के लिए मेरे लंड को पहले चूस कर चिकना कर दो.

यह सुन कर शायद रिंकी शेखर के लंड को अपने मुँह से चचोरने लगी थी.
शेखर बोला- थोड़ी अपनी लार लगा दो और दूर हो जाओ.

कुछ पल बाद शेखर ने मेरे पैरों को पकड़ कर अपने लंड को चूत के होंठों पर रख दिया और वह लंड के सुपारे से ही मेरी चूत के होंठों को खोलने की कोशिश करने लगा.

थोड़ी देर तक उसने मेरी चूत को लंड की नोक से रगड़ा तो मुझे मस्ती छाने लगी और चूत कुलबुलाने लगी.

मेरी गांड ने उठना शुरू कर दिया था.
मुझे बेहद सुकून मिल रहा था और लग रहा था कि अब बस लंड अन्दर घुस ही जाए.

तभी मेरे भाई ने मेरे दोनों पैरों को अपने हाथों से उठा कर अपने कंधों पर रख लिया और लंड को चूत से लगा कर मेरे ऊपर झुक गया.

एक हाथ से उसने मेरे एक चूचे को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से लंड को पकड़ कर चूत पर रगड़ने लगा.

उसने अभी हल्का सा दाब देकर सुपारे को चूत में पेला ही था कि मैं सिहर उठी और मेरे मुँह से ‘आह मम्मी आआह रिंकी …’ की आवाज निकलने लगी.

तभी शेखर ने मेरी जांघों को अपनी ताकत से दबाया और लंड को अन्दर ठेल दिया.
मैं चिल्ला उठी- आआई रिंकी … बस आआई मर गई.

फिर रिंकी मेरे माथे को सहलाती हुई बोली- बस बेबी हो गया बस!
तभी शेखर का हाथ मेरे मुँह पर आ गया और उसने मेरे मुँह को दबा कर एक और जोर दे दिया.

इस बार उसने अपने लौड़े को अन्दर तक ठेल दिया था.
मैं छटपटाने लगी और घुटी हुई आवाज में ‘ऊम ऊऊम्म.’ करने लगी.

मैं अपने हाथ से रिंकी को पकड़ने लगी.
शेखर मेरे पैरों को पकड़े हुए ही मेरे ऊपर लेट गया और वह मेरे होंठों पर किस करते हुए लंड को झटके देते हुए ठेलने लगा.

वह अन्दर बाहर अन्दर बाहर करते हुए सटासट झटके देने लगा था.
मैं ‘आआह आह ईई रिंकी रिंकी आआह बस करो यार …’ चिल्लाए जा रही थी.

तभी शेखर ने जोर से मेरे गाल पर एक चांटा दे मारा और कहा- चुप हो जा साली … चुप हो जा. साली तू कोई पहली लड़की नहीं है संसार में जो चुद रही है.

इसके बाद मैं चुप हुई तो वह मुझे किस करते हुए कहने लगा- बस कुछ नहीं हुआ … सब ठीक है.
इधर मैं कहे जा रही थी- आह निकालो मुझे दर्द हो रहा है … दर्द हो रहा है आआह ईएम.

शेखर मुझे आराम आराम से चोदने लगा था और वह मेरे एक दूध को चूसने लगा.
अब शेखर के झटके बढ़ने लगे थे और उसकी जीभ मेरे मुँह में चलने लगी थी.

मुझे अच्छा लगने लगा और मैं मस्ती से चुदवाने लगी.

करीब दस मिनिट बाद शेखर ने मुझे अपने लंड के ऊपर बिठाया और मैं उसके लौड़े पर उछलने लगी.

कुछ समय तक उछलते रहने के बाद शेखर ने मुझे रोक कर अपनी गोद में ले लिया.
वह मुझे लटकाए हुए खड़ा हो गया और मैं उसके गले को जकड़ कर लटक गई.

इस वजह से उसका लंड मेरी चूत से निकल गया.
उसके सख्त बदन को मैं महसूस कर रही थी.

शेखर ने अपने लंड को एक हाथ से पकड़ कर वापस मेरी चूत में डाल दिया और मुझे एक झटका दे दिया.
उसका लंड मेरी बच्चेदानी से जा लगा और मेरी चीख निकल गई.

दोस्तो यह एक नया अहसास था.
अब वह मुझे झूला झुलाते हुए चोदने लगा था.

कुछ समय यूं ही चोदने के बाद उसने मुझे मेज पर रख दिया और गर्दन को पकड़ कर मुझे मुर्गी जैसा हिला दिया.
मैं सहन नहीं कर पा रही थी. उसके झटके तेज तेज लग रहे थे.

फिर उसने मुझे उल्टा करके डॉगी बना दिया और पीछे से मेरी चूत में लंड पेल दिया.
फिर से लंड चूत में चलने लगा.

उसने धकापेल चुदाई शुरू कर दी थी.

करीब दस मिनट बाद शेखर ने मुझे सीधा लिटा दिया और जोर जोर से झटके देते हुए मुझे पेलने लगा.
मैं बस आआह आआह कर रही थी.

शेखर के मुँह से आवाज आई कि मैं अब झड़ने वाला हूँ.
मैं अभी तृप्त नहीं हुई थी तो मैं उदास हो गई थी.

मैंने उसे तुंरत रोक कर कहा- रिंकी, इसके लंड पर कंडोम लगाओ यार, यह क्या लापरवाही है … मुझे मां बनवा दोगी क्या?
रिंकी ने जल्दी से कंडोम लिया और लंड निकलवा कर उस पर कंडोम लगा दिया.

शेखर फिर से मेरी चूत चोदने लगा.
जब वह कहने लगा- मैं अभी नहीं आ रहा हूँ.
तो मुझे समझ आ गया कि कंडोम लगाने के समय मिले रेस्ट से शेखर सम्भल गया.

कुछ देर बाद उसने मुझे उसी स्पीड में 20 मिनट तक और चोदा.

फिर वह झड़ने लगा.
मैं उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगी.

वह मेरे बदन पर पूरी तरह से लेट गया था. हालांकि दवा के कारण मेरी आग अभी भी बुझी नहीं थी इसलिए मैं जोर जोर से अपनी चूत को हिलाने लगी.

शेखर ने अपने मुँह से ‘आआह बस बेबी बस …’ कहते हुए मेरे गले को फिर दबा लिया.
मैं नीचे से कमर हिलाना बन्द नहीं कर पा रही थी. मेरी चूत में आग जल रही थी.

वह जोर से एक हाथ मारता हुआ बोला- रिंकी इसको रोको.
रिंकी मुझसे बोली- अब बस करो यार … उसका निकल गया है.

करीब 5 मिनट बाद शेखर उठ गया और बोल- अभी तो मैं जा रहा हूँ. कुछ टाइम बाद आ कर तेरी चूत को मजा चखाता हूँ.
वह यह कह कर चला गया.

उसके जाने के बाद रिंकी ने मेरी आंखों से पट्टी निकाल दी और मैं उसके गले लगकर कहने लगी- बहुत मजा आया यार … लग रहा था कि किसी ने मेरी चूत फाड़ दी है. लेकिन प्यास नहीं बुझी!
रिंकी- बहनचोद रंडी तू है और मुझे बना रही है … देखो क्या हालत हो गई है! जाओ जल्दी से बाथरूम कर आओ. अभी शेखर फिर से आने वाला है.

मैंने रिंकी से मना कर दिया लेकिन रिंकी बोली- नहीं यार, प्लीज एक घंटा और साथ दे दो, फिर कभी भी नहीं कहूंगी.
फिर मैं बाथरूम में जाकर फ्री होकर आ गई और उसने मेरी आंखों पर फिर से पट्टी बांध दी.

कुछ समय बाद मुझे शेखर के आने की आवाज आई.
रिंकी ने उससे कहा- कहां चले गए थे?

वह बोला- बस यहीं, जरा काम से गया था.
उसकी आवाज थोड़ी बदली बदली सी लग रही थी.

मैं बिना कपड़ों के अपने लाल हो चुके स्तनों और चुदी हुई चूत फैला कर लेटी थी.

रिंकी शायद उसके कपड़े उतारने लगी थी.
फिर वह उसका लंड चूसने लगी.

अब जो मुझको चोदने वाला था, वह शेखर नहीं बल्कि एक दूसरा लड़का था, जो रिंकी से सैट हो चुका था.
पर वह मेरे बदन का भी प्यासा था.

शायद इस सौदे में रिंकी का कुछ फायदा था.

कुछ देर बाद मुझे अपने एक स्तन पर एक हाथ महसूस हुआ.
वह हाथ मेरे एक स्तन को मसलने लगा.

कुछ देर बाद एक बड़ा और भारी सा लंड मेरे हाथ से टच होने लगा.

फिर मेरे दोनों दूध मसले जाने लगे.

रिंकी मुझसे बोली- बेबी आ … करो.
मैंने मुँह खोल दिया.
इसी के साथ मेरे मुँह में एक ढीला सा लंड आ गया.

रिंकी- चूसो इसको!
मैं चूसने लगी.

उस लौड़े को चूसते चूसते मैं मजा लेने लगी.
उसका लंड सख्त होने लगा.

उसके हाथों में मेरे दोनों स्तन आ गए थे, उन पर वह अपने हाथों से मारने लगा.
मैं तो रात से ही चुदासी थी तो मैं गुस्से में कहने लगी- साले झांटू … तेरे बस का नहीं मेरी चूत को तृप्त कर पाना!

यह सुनकर वह मुझे गाल पर मारता हुआ बोला- अच्छा लो देख लो.
वह नीचे आ गया और अपने लंड को चूत की दरार पर रख कर एक दाब देने लगा.

उसने मेरी फटी हुई चूत में अपना लंड डाल दिया.
मेरी चूत खुली थी, तो उसका पूरा लंड सरकता हुआ अन्दर हो गया.

उसके लौड़े को मेरी चूत ने समझो निगल लिया था.

मैं आराम से आंखें बंद किये हुई लंड को अन्दर ही अन्दर अहह करके सह गई.
उसने मेरा एक पैर ऊपर उठाया तो मैंने उठा दिया. उसी वक्त उसने एक झटका दे मारा.

यह तीव्र झटका था … इससे मेरी चीख निकल गई थी.
मैं कहने लगी- साली रिंकी, यह भोसड़ी का कोई और है, इस भैन के लौड़े का लंड काफी बड़ा है.

मैं आंखें खोलने लगी.
वह लड़का कहने लगा- आंख मत खोलो बेबी, बस लंड का मजा लो. प्लीज इस मजे के लिए आंख मत खोलो.

यह कह कर उसने मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए और झटके देना शुरू कर दिए.
मैं सीत्कार करने लगी- एईई ऊऊऊ हहहह ईईईई … ईई छोड़ो ऊऊऊ छोड़ो मुझे … रिंकी कहां हो तुम?

वह लड़का बोला- रिंकी अभी किसी ओर के साथ मजे ले रही है, वह नहीं आएगी.
मैं उससे बोली- मेरी आंखें अब तो खोल दो … मैं भी तुम्हारे साथ मजे लेना चाहती हूँ.

वह बोला- बाद में खोलूँगा.
मैं- ओके भले ही मेरे हाथ पकड़ लो और मुँह में लंड डाल दो. पर पट्टी तो खोलो!

पट्टी खोल कर वह ऐसा ही करने लगा.

मैंने उसके भारी भरकम लंड के दर्शन किये और उसको भी देखा.
वह जिम का सबसे फिट लड़का था.
उस पर सभी लड़कियां लट्टू थी.

मैं खुश हो गई और उसका लंड पकड़ कर चूसने लगी.

दूसरी तरफ देखा तो रिंकी भी किसी के लंड को पकड़ कर चूस रही थी.

तभी वह लंड मुँह से निकाल कर बोली- यह कौन है, भूल गई क्या? यह जिम के ट्रेनर सर हैं.
मैंने कहा- नहीं, मैं इनको जानती हूं.

रिंकी नंगी थी और उसके नंगे बदन पर हाथ फेरती हुई लंड को मुँह में ली हुई थी.
अब मैंने उस लड़के से कहा- आ जाओ मैदान में.

उसने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी चूत में लंड डाल कर चोदने लगा.
मैं आआह बस कहने लगी.

उसने मेरे हाथ पकड़ कर मुझे ऊपर उठा लिया और खड़ी हुई कुतिया की स्टाइल में पेलने लगा.
नीचे से पट पट की आवाजें गूंजने लगी थीं.

उधर रिंकी को भी उसका ठोकू खड़ा करके सामने से चोद रहा था.
रिंकी भी ‘आआह एई आआई’ कर रही थी.

मेरे वाले ने मुझे किस करके उन दोनों के जैसे मुझे खड़ा करके दीवार से टिका दिया और सामने से अपना लंड पेल दिया.
अपने दोनों हाथों में मेरे दूध पकड़ कर अपने लंड को चूत में पेल कर जोर जोर की चोदने लगा था.

उधर रिंकी अपने वाले से कह रही थी कि तुम चाहो तो दोनों का टेस्ट ले सकते हो.

यह सुनकर मेरा चोदू मुझे छोड़कर रिंकी के पास चला गया है और रिंकी वाला मेरे पास आ गया.

उनका नाम पवन सर था.
पवन सर भी अच्छे खासे हट्टे कट्टे थे.
उनका लंड ऊपर की ओर उठा उठा सा था.

लंड बीच में से धनुष जैसा घुमावदार था.
पवन सर ने मुझे पकड़ लिया और किस करने लगे.

वे वैसे ही खड़े खड़े मेरे एक पैर को ऊपर उठा कर अपना लंड चूत में सटाने लगे.
मैं एक पैर पर खड़ी थी और दूसरा पैर उनके हाथ में था.

उनका एक हाथ मेरे स्तन पर था और लंड मेरी चूत में घुस चुका था.
इधर मैं अपनी चूत के दाने पर उनके लंड के टोपे को महसूस कर रही थी.

तभी उधर से रिंकी की आवाज आई- उई मम्मी रे बहुत बड़ा है यह तो … आआह ईई.

इधर पवन सर ने मेरे दोनों पैरों को उठा लिया और मैं दीवार से अपनी गांड टिकाई हुई उनके हाथों के सहारे हवा में थी.

उनका लंड मेरी चूत में चल रहा था.
वह मुझसे अपनी गर्दन पकड़वा कर मुझे चोदते हुए झुलाने लगे.

मैं सावन के झूले में झूलती हुई चूत चुदवाने का मजा लेने लगी.

मेरे मुँह से कामुक वासना से भरी आवाज निकलने लगी थी- आआह आआह ईईईई बेबी!
उधर वह जिम ट्रेनर जिसका नाम आकाश था, वह रिंकी की चूत को नया आकाश देने मे लगा था.

उधर सच में जोरदार चुदाई हो रही थी.
रिंकी का सिर सच में बहुत तेज हिले जा रहा था.
रिंकी के मुँह से उसकी रोती हुई कामुक आवाजें निकल रही थीं.

यहां मेरी चुदाई पवन सर के द्वारा की जा रही थी.
अब सर मुझे काउगर्ल में चोदने लगे थे.

जब तक आकाश ने रिंकी की चूत का पानी निकाल दिया था.
वह मेरे करीब आ गया और मेरे ऊपर चढ़ने लगा.

मैं उसे मना करने लगी.
लेकिन पवन सर ने मुझे अपने सीने पर झुका लिया और आकाश ने मेरी गांड पर तेल लगा कर लंड में तेल लगा लिया.

उसने मेरी गांड के छेद में लंड को रख दिया.
पवन सर मुझे पकड़े हुए थे और आकाश ने एक ही झटके में मेरी गांड का छेद फाड़ दिया.

मेरी चीख निकली ही थी कि पवन सर के हाथों ने मेरे मुँह को दबा दिया और चीखने ही नहीं दिया.
अब आकाश और पवन के हाथों में मेरे बदन के रस को निचोड़ा जाने लगा.

मैं असहनीय दर्द से जूझ रही थी और वे दोनों मुझे चोदे जा रहे थे.
आकाश के लंड से होने वाले दर्द मैं को बड़ी मुश्किल से सहन कर पा रही थी.
एक तो उसका लंड मोटा था और गांड का छेद छोटा था.

उधर नीचे से पवन सर चोदने में मगन थे.
मैंने किसी तरह से हिम्मत करके चूत और गांड में लंड लेकर अपने जिस्म को कड़क करके चूत और गांड को टाइट कर लिया.

करीब 3 मिनट तक ऐसे ही दम लगा कर कड़क किये रहने से उन दोनों के झड़ने का समय आ गया.

वे दोनों अपने अपने लंड बाहर निकाल कर मेरे मुँह पर ही अपने लंड हिलाने लगे.
रिंकी भी करीब आ गई तो आकाश उसके मुँह पर लंड हिलाने लगा.

मैं भी अपने हाथ से पवन सर का लंड पकड़ कर हिलाने लगी.
फिर वे मेरे मुँह में लंड डाल कर झड़ने लगे. मैं पूरा माल पी गई और वे दोनों साथ में झड़ गए.

उस पूरी रात हम सब नंगे ही सो गए थे.
सुबह जाने से पहले एक दफा फिर से हम सभी ने चुदाई ले मजे लिए.

आठ बजे वे दोनों चले गए. हम दोनों फिर से सो गईं.
करीब 12 बजे में मैं सोकर उठकर अपने घर चली गई और उधर जाकर वापस सो गई.

दोनों तरफ से चुदवाने से मैं बीमार हो गई थी.
अगले दिन सुबह 9 बजे उठ कर दवाई वगैरह ली और सारे दिन आराम किया.

इसके आगे की सेक्स कहानी को मैं आपके कहने के बाद ही लिखूंगी क्योंकि इसके बाद बहुत कुछ हुआ और होता ही जा रहा है.
चूत और गांड में लंड की कहानी पर अपने विचार मुझे बताएं.
नमस्कार.
 
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