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Hindi - हिन्दी Audio Story पापा की मौज़ूदगी में उनके सहकर्मी ने मुझे चोदा

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हॉट गर्ल फक पोर्न कहानी में मेरे पापा दारूबाज हैं. उसके साथी कर्मी हमारे घर आकर दारू पीते हैं. एक रात पापा के साथ एक आदमी आया और पापा ने खूब दारू पी. उसके बाद क्या हुआ?

यह कहानी सुनें.

Hindi Audio Sex Story​

Listen to this hindi audio version of this sex story below!



दोस्तो, मेरा नाम नीलिमा है, मैं 27 साल की हूँ और मैं ओड़िशा की रहने वाली हूँ.

यह हॉट गर्ल फक पोर्न कहानी पिछले साल की है जब मैं अपनी बी टेक की पढ़ाई करके उस फैक्ट्री में अपरेंटिस करने आई थी जिस फैक्ट्री में मेरे पापा ठेके पर काम करते थे.

मेरे पापा और मैं बस्ती के एक किराए के मकान में रहते थे.
मैं आपने कॉलेज के दिनों से पापा के साथ ही रही हूँ जबकि मेरी माँ और मेरी छोटी बहन दोनों गाँव में रहती हैं.

मेरे पापा को ना तो मेरी माँ पसंद करती है और ना ही मेरी छोटी बहन … क्यूँकि वव थोड़े शराबी किस्म के हैं.

लेकिन मेरे पापा आलसी नहीं है, वे जितना भी खाते–पीते हैं … पर समय से पहले काम पर चले जाते हैं.

और पापा की वजह से ही हमारा गाँव घर में बड़ा सा घर है और एक मैं ही हूँ जो पापा के साथ बहुत समय तक रही हूँ.

तो यह बात पिछले दशहरा की है जब शाम में मेरे पापा आपने एक नवीन नाम के सहकर्मी को घर लेकर आए थे.

वैसे तो नवीन मेरे पापा से कम उम्र के आदमी हैं और थोड़े छेड़ू ठरकी किस्म के भी हैं.

तो जब दोनों घर आए तो दोनों नहा–धो कर शराब पीने चले गए और मुझे खाना बना कर रखने के लिए बोले.

मैं 8 बजे तक उनके आने का इंतज़ार करती रही लेकिन जब वो दोनों नहीं आये तो मैं खाना खाकर आपने कमरे में सोने चली गई थी.

पर मैं सोई नहीं थी.
सोती भी कैसे … सब तरफ गाने जो बज रहे थे.

तो रात के 10:30 के आस–पास वे दोनों शराब पी कर घर आए.
मेरे घर का दरवाज़ा अंदर से खुला ही था.

शायद नवीन ने मेरे पापा को कुछ ज्यादा ही पिला दी थी और उस वजह से पापा ठीक से खाना खा भी नहीं पाए.

मैं जिस कमरे में सोई थी, उस कमरे में दरवाज़ा के नाम पर सिर्फ एक पर्दा लगा हुआ है.

तो नवीन ने मेरे पापा को बिस्तर पर सुला कर कुछ देर इंतज़ार किया और कुछ देर पापा के खर्राटे शुरू हो गए.

और तब नवीन चुपके से मेरे कमरे में आया.
मेरे कमरे की लाइट बंद की हुई थी.
इसलिए नवीन टॉर्च लाइट ऑन किए हुए था.

मैंने तब स्कर्ट पहनी हुई थी और दीवार की तरफ मुँह की हुई थी.

नवीन धीरे–धीरे मेरी स्कर्ट को ऊपर करने लगा.
मेरी दिल की धड़कन ज़ोर–ज़ोर से धड़कने लगी थी.

और नवीन ने जैसे ही मेरी स्कर्ट को पूरा ऊपर कर दिया, वैसे ही मेरी पैंटी को भी सरकाने लगा.

नवीन को लग रहा था कि मैं सो रही हूँ और मुझे कुछ पता नहीं चल रहा है.
जबकि मैं सोई नहीं थी और मुझे सब पता चल रहा था.

नवीन ने जब मेरी पैंटी को सरका कर नीचे कर दिया तो नवीन ने मेरे चूतड़ों की दरार को धीरे से फैला दिया.
मैं समझ गई कि अब नवीन मुझे चोदे बिना नहीं मानेगा और अपना लंड मेरी चूत में डालेगा.

और तभी नवीन अपने गर्म लंड को मेरी गांड पर रगड़ने लगा.
“ईईस्स्स …” मुझे बहुत मजा आ रहा था.

मुझे साफ पता चल रहा था नवीन ने आपने लंड में कंडोम पहना हुआ था और उसका लंड भी तगड़ा था.
लेकिन मैंने यह नहीं सोच था कि नवीन मेरी गांड में अपनी जीभ डालेगा और चाटने लगेगा.

“उउफ्फ …” मेरी तो पूरी जिस्म में सनसनी सी फैल गई थी और कमीना नवीन मेरी गांड की छेद को ही चाट रहा था.
“ईईस्स्स … उउह्ह …” मैं तब भी कोई हलचल नहीं कर रही थी.

पर कब तक अपने अहसास को दबाए रखती.

और नवीन अब मेरी गांड की छेद को चाटते हुए मेरी बुर को चाटने लगा था.
“उउह्ह्ह … ईईस्स्स!”

तब मैं अपनी उत्तेजना को रोक नहीं पाई और मैंने लेटे लेटे ही अपनी आधी उतरी पैंटी को घुटने तक उतार दी.

नवीन के लिए ये इशारा काफ़ी था कि अब मुझे भी चुदाई चाहिए थी.
तब नवीन ने मेरी पूरी पैंटी उतार दी.

और मेरे पीछे लेट कर आपने गर्म लंड को मेरी गीली बुर में रगड़ने लगा.
जिससे मैं ‘हम्म्म … ईईस्स्स …’ करने लगी थी.

तो नवीन मेरे कान में बोला- मज़ा आ रहा है न?
मैं धीरे से बोली- हाँ!

तो नवीन बोला- अभी और मज़ा आएगा.

यह कहते हुए नवीन मेरी गीली बूर में रगड़ते हुए घुसा दिया.
जिससे मैं धीरे से सिसकी- ईईस्स्स … आह!
करते हुए.

और फिर नवीन मेरी गीली चूत में धीरे–धीरे अपना लंड अंदर–बाहर करने लगा.
साथ ही मेरी टाइट टोप को ऊपर करते हुए मेरी चूचियों को मसलने लगा जिससे मुझे और मज़ा आ रहा था.

और मैं ‘ईईस्स्स … आह! ईईस्स्स …’ करते हुए सिसकार रही थी.

तब नवीन बोलने लगा- मस्त माल है तू नीलिमा! गोविन्द सही बोलता था.
तो मैं नवीन से पूछी- क्या बोलता था गोविन्द?

नवीन बोला- यही की नीलिमा वियाग्रा माल है.

अब मुझे कहना तो नहीं चाहिए … लेकिन गोविन्द भी मेरे पापा का सहकर्मी था.

गोविन्द नवीन से भी कम उम्र का लड़का था जो मेरे पापा को दारू पिलाता था और पापा के पीठ पीछे मुझे चोदता था.
मुझे भी तब चुदाने में बड़ा मज़ा आता है.

और बस्ती के दो और लड़के थे जिनसे मैंने पढ़ाई के दिनों खूब चुदवाया था.
इसीलिए मेरी फिगर की साइज आज 38–32–40 हो गई है और मैं सांवली होने के बावज़ूद काफ़ी आकर्षित लगती हूँ.

तो नवीन एक तरफ़ा लेट के मेरी टांग उठाए देर तक चोदता रहा जब तक मेरी चूत से सफ़ेद तरल ना निकल गया.

और फिर नवीन मुझे सीधा लेटा के मेरी टांगों के बीच आया और मेरी दोनों टांगों को आपने कंधों पर लाद लिया.

तब उसने मोबाइल का फ़्लैशलाइट दिखाते हुए मेरी गीली चूत में अपना मोटा लंड सेट करते हुए घुसा दिया.
“ईईस्स्स …”

नवीन थोड़ा चढ़ कर बैठने वाले पोज़ में आकर मुझे चोदने लगा.
और मैं ‘आहह … ईईस्स्स …’ करने लगी.

नवीन के धक्कों से मेरी चूचियां भी ऊपर नीचे होती हुई मचल रही थी जिन्हें देख नवीन से रहा नहीं गया.
नवीन मेरी चूचियों को आपने हाथों से पकड़ कर कस–कस के दबाने लगा.

और मैं ‘उउफ्फ … आहह … ईईस्स्स … आहह …’ करने लगी थी और नवीन के धक्के से थप थप की आवाज़ आ रही थी.

हॉट गर्ल फक पोर्न से मेरी हालत तब ख़राब होने लगी जब नवीन मेरी चूचियों को अपने मज़बूत हाथों से कस कर पकड़ा.
वह ज़ोर–ज़ोर से धक्के देते हुए मेरा चोदन करने लगा.

तब मैं नवीन से बोलने लगी थी- धीरे आहह … धीरे से!

पर नवीन था कि बोलने लगा- रुक ना चोदी … बस निकलने वाला है!
लेकिन कमीना तब भी चोदता रहा.

और जब नवीन का होने वाला था, तब उसने जम कर दो–तीन ज़ोरदार धक्के देकर मेरी गीली चिपचिपी चूत में लंड घुसाए रखा.

तब वह मेरी टांगों को आपने कंधों से उतार कर मेरे ऊपर ही कुछ देर लेटा रहा और मेरी चूचियों को आपने शराबी मुँह से चूसता रहा.

तब तक बाहर का गाना बजना वगैरा सब बंद हो गया था.

तो मैं नवीन से बोली- अब जाओ … नहीं तो यहीं सो जाओगे तुम!
नवीन बोलने लगा- उठने का मन नहीं कर रहा है.

लेकिन मैंने नवीन को अपने ऊपर से धकेल कर दूसरे तरफ किया और मैं अपनी गीली, चिपचिपी चूत धोने बाथरूम जाने लगी.

तो नवीन भी मेरे साथ–साथ बाथरूम में आया और बाथरूम में नवीन
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में पानी डाल कर धोने लगा.

लेकिन नवीन इतना गंदा आदमी था कि उसने आपने लंड से कंडोम भी नहीं उतारा था.
उसने मुझसे ही अपना कंडोम उतरवाया और मुझसे अपना लंड भी धुलवाया.

लेकिन नवीन का लंड फिर से खड़ा होने लगा था.
तो नवीन बोलने लगा- थोड़ा मुँह में लेकर चूस लो.
मैं बोली- नहीं … नहीं … तुम अब यहाँ शुरू मत हो जाओ.

जो हमारा बाथरूम था, वो भी खुला हुआ था, ना बाथरूम में छत था और ना ही दरवाज़ा.
बस दरवाज़े के नाम पर पर्दा लगा हुआ था.

नवीन बोलने लगा- थोड़ा सा चूस लो, उसके बाद चला जाऊँगा.
तो मैं बोली- ठीक है. लेकिन जब निकलने वाला होगा तब बता देना!

यह कहते हुए मैंने नवीन के लंड को अपने मुँह में लिया ही था कि मेरे पापा भी पेशाब करने कमरे से बाहर आ गए.

पापा नशा में थे और वे हमारी और ध्यान भी नहीं देते नवीन को अगर नवीन उन्हें टोकता नहीं.

लेकिन नवीन ने टोक दिया पापा को!
पर पापा उतने होश में नहीं थे कि कुछ बोलते.

इसलिए वे बस पेशाब करके कमरे में चले गए.
तब मैं नवीन के लंड को चूसने लगी.

मैंने नवीन से पहले ही बोला था कि जब निकलने वाला होगा तब बता देना.
लेकिन कमीने नवीन ने मेरे मुँह में ही अपना रस गिरा दिया था.

पर दूसरे बार का मुठ बहुत कम मात्रा में निकला था.
और मैं कमीनी नवीन के मुठ को भी चूसते हुए पी गई थी.

नवीन के साथ मैंने दो बार और चुदाई की थी, जिसके बारे में मैं आप लोगों को दूसरे कहानी में बताऊंगी.

तब तक आप मुझे ईमेल करके बताएं कि मेरी यह हॉट गर्ल फक पोर्न कहानी आपको कैसे लगी?
ekkan050@gmail.com
 

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