Xxx पुसी लिक स्टोरी में मैं और मेरी चचेरी बहन दिल्ली में कमरा लेकर साथ रह कर पढ़ रहे थे. लेकिन मैंने जब उसे पहली बार चोदा तो हम दोनों अपने घर आये हए थे.
नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम राहुल है और मैं यूपी के आज़मगढ़ का रहने वाला हूँ.
यह Xxx पुसी लिक स्टोरी मेरी और मेरे चाचा की लड़की पूनम की है.
पूनम उम्र में मुझसे छोटी है.
वह दिखने में तो सामान्य है, पर उसके छोटे छोटे मम्मे बड़े प्यारे हैं.
उसकी पतली कमर, लंबे लंबे बाल जो उसके चूतड़ों तक आते हैं … और लंबी गर्दन.
वह कुदरत का बनाया हुआ एक कामुक कारीगरी का नायाब नमूना है.
हम दोनों दिल्ली में एक कमरा लेकर रहते हैं.
हम दोनों ने वहीं रह कर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं.
जिस समय की यह घटना है, उस समय हम दोनों घर आए हुए थे.
तब हल्की हल्की ठंड शुरू हो गयी थी तो रात में हम दोनों एक ही कमरे में अपने अपने कम्बल में सोते थे.
दो दिन बाद बहन ने कहा- मुझे स्कूटी चलानी सीखनी है.
मैंने हां कर दिया और उससे बोला कि शाम को 8 बजे के बाद सिखाऊंगा.
चूंकि हमारा घर मार्केट में मेन रोड पर है तो उधर गाड़ियों का आना जाना लगा रहता है.
शाम को जब सब लोग घर आए और अपनी दिनचर्या की बात करने लगे तो मैं चुपके से स्कूटी की चाभी लेकर पूनम से बोला- चलो चलते हैं.
मैं मेन रोड पर स्कूटी लेकर आ गया और जहां से सुनसान रोड शुरू होती है, वहां उससे स्कूटी चलाने को दे दी और खुद उसके पीछे बैठ गया.
उस वक्त तक मेरे मन में उसके लिए कुछ नहीं था.
वह आराम आराम से स्कूटी चलाने लगी.
तभी अचानक से स्पीड बढ़ी और वह गिरने ही वाली थी कि मैंने पीछे से हैंडल पकड़ लिया और दोनों को गिरने से बचाया.
इस चक्कर में मेरा एक हाथ उसकी कमर में चला गया ताकि हम दोनों गिर न जाएं.
उसकी कमर को जोर से पकड़ कर मैंने स्कूटी व उसे दोनों को संभाल लिया था.
इसी बीच मेरा हाथ उसके एक चूचे से टच हो गया और उसके चूचे की नर्मी ने मुझे एक झटका सा दे दिया.
मैं कुछ पल के लिए भूल गया था कि मैंने उसका दूध पकड़ लिया है.
तभी उसने मेरे हाथ को झटक दिया तो मैं सीधा हो गया.
थोड़ी देर बाद हम दोनों घर आ गए.
अगले दिन मेरे मन में डर और उत्तेजना दोनों का भाव था.
हम दोनों फिर से उसी रास्ते पर गए.
मैं उसे स्कूटी सिखाने लगा.
आज मैं जानबूझ कर उससे सट कर बैठ था तो मेरा लंड टाइट होने लगा.
तभी उसका संतुलन बिगड़ा तो एक बार गिरने को हुए.
उसे बचाने में मेरा लंड उसकी गांड में सैट हो गया.
मैं लंड लगाए हुए बैठा रहा और उसकी गांड की गर्मी का अहसास करने लगा.
वह बस धीमे से इतना बोली- थोड़ा पीछे हो जाओ!
मैं न चाहते हुए भी लंड हटा कर पीछे को हो गया.
जब हम घर आए तो मेरे मस्तिष्क में वही चल रहा था.
मेरे मन से उसकी गांड में मेरे कड़क लंड का अहसास निकल ही नहीं पा रहा था.
रात को सबने खाना खाया और सोने गए.
हम दोनों रोज की तरह साथ में सोने लगे.
उसने कहा- भाई कोई मूवी है क्या … चलो देखते हैं.
मैंने जानबूझ कर एक हॉट सीन वाली मूवी लगा दी.
पहले तो हम दोनों अलग अलग कम्बल में थे पर दस मिनट बाद ही मैंने कहा- ऐसे अच्छा नहीं लग रहा है.
यह कह कर मैं उसके कम्बल में आ गया और उसके पैर पर अपना पैर रख दिया.
मुझे पता था कि मूवी में हॉट सीन कहां आएगा.
उससे पहले ही मैं उसे काबू करना चाहता था.
पैर रखने के बाद जब उसने कुछ नहीं बोला तो मैंने बहाने से उसके पेट पर हाथ रख दिया- ठंडी लग रही है … पास को सोते हैं.
उसने मेरे हाथ को हटा दिया.
पर थोड़ी देर बाद मैंने जब फिर से हाथ रखा तो वह कुछ नहीं बोली.
फिर हम दोनों मूवी देखने लगे.
मेरी सांसें इतनी तेज हो गयी थीं कि उसे अपनी गर्दन पर भी महसूस हो रही थीं.
उसने अचानक से मोबाइल साइड में रखा और मुझसे चिपकने आने ही वाली थी कि मैंने उसकी चूची जोर से दबा दिया.
वह मुझसे चिपकी रही और थोड़ी देर बाद अलग हो गयी.
मैंने अब तक कुछ नहीं किया.
मैं चाहता था कि वह पहले आगे बढ़े.
फिर हम दोनों अलग हो गए.
उसने फिर से मूवी देखने का कहा.
हम दोनों फिर से मूवी देखने लगे.
लगभग 5 ही मिनट हुए होंगे कि उसने फिर से मोबाइल साइड में रखा और इस बार जैसे ही उसने मोबाइल रखा, हम दोनों एक दूसरे को लिप किस करने लगे.
पहले मुझे लगा था कि वह अच्छे से किस नहीं कर पाएगी, पर वह तो मास्टर निकली.
मैं उसके छोटे छोटे चूचों भी मसलने लगा.
हमारे बीच चूमाचाटी चलती रही.
मैं उसके दोनों चीकुओं की नोकों को बारी बारी से मींजता रहा.
करीब 15 मिनट बाद हम दोनों अलग हुए.
उसने मुझसे धीरे से पूछा- कहीं यह गलत तो नहीं है!
मैंने कहा- कुछ गलत नहीं है मेरी जान … पहले इधर आओ.
दुबारा से किस करते करते मैंने उसके ऊपर के कपड़े उतार दिए और उसके एक दूध को अपने मुँह में लेकर पीने लगा.
मेरा दूध पीना उसे बहुत पसंद आया.
वह मुझसे अपने हाथ से अपने एक दूध को पकड़ कर चुसवाने का मजा लेने लगी.
मैंने उससे कहा भी- इस तरह से क्या बहुत मजा आता है?
वह हंसने लगी और बोली- तुम लड़की होते भाई तो समझ जाते कि बूब्स चुसवाने में कैसा लगता है.
मैं उसके निप्पल को अपने होंठों में दबा कर खींचने लगा और उसकी आंखों में देखने लगा कि उसका क्या भाव है.
तो मैंने पाया कि वह अपने होंठ दबा कर दूध पिला रही थी.
अपना एक हाथ नीचे ले जाकर मैंने उसकी दोनों टांगों के बीच में बुर को टटोला तो वह कसमसाने लगी.
मैंने हाथ हटाया तो वह खुद अपने हाथ से मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी बुर रगड़वाने की कोशिश करने लगी.
तब मैंने दूध छोड़ कर उसे चूमना चालू कर दिया और किस करते करते ही मैं नीचे को आने लगा.
वह समझ गई और अलग होने लगी.
मैंने कहा तो बोली- मुझे गुदगुदी होती है.
अब मैंने अपना लम्बा लंड उसके हाथ में दे दिया.
वह उसे बड़े प्यार से हिलाने लगी.
थोड़ी ही देर में हम दोनों एक दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे थे.
उसकी पतली कमर, मेरा लंड और टाइट कर रही थी.
हम दोनों दबी आवाज़ में ही आह उन्ह कर रहे थे क्योंकि साइड वाले कमरे में भी सब लोग सो रहे थे.
उससे मैंने अपना लंड चूसने को कहा तो वह तुरंत मान गयी.
मैंने कहा- एक साथ करें?
तो बोली- ओके पर पहले मुझे बाथरूम जाना है.
मैं समझ गया कि यह अपनी बुर धोने जाने के लिए कह रही है.
Xxx पुसी लिक का असली मजा लेने के लिए मैंने उसे रोका और कहा- धोने की जरूरत नहीं है … मैं ऐसे ही चूसना चाहता हूँ.
वह नहीं मानी और बाथरूम से आकर मेरी नंगी बहन मेरे साथ विपरीत अवस्था में लेट गई.
हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
हमने एक दूसरे के लंड बुर को खूब चूमा चाटा.
मुझे पता था कि उसको गुदगुदी की दिक्कत है, तो मैंने उसको अपने मुँह पर बैठा लिया और बोला- झुक कर लंड चूसो.
जैसे ही वह झुकी उसकी मस्त मस्त गांड मेरी आंखों के सामने आ गयी.
पर मैंने अभी चूत पर दिमाग लगाया हुआ था.
मैंने अपनी जीभ से बुर को चोद चोद कर उसका पानी निकाल दिया. Xxx पुसी लिक करके मुझे बहुत मजा आया.
मैं उसको तड़पाता रहा कि यह खुद चुदने के लिए कहे.
उसको तड़पती देख कर मुझे बहुत आनन्द आ रहा था.
वह लंड लेने को तड़पने लगी और बोलने लगी- भाई अब और न तड़पाओ. आज मेरी फुद्दी की सारी आग बुझा दो.
मैंने उसे 69 से सीधा किया और चुदाई की पोजीशन में आ गया.
अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगाकर मैंने उसकी चूत की फांक में फंसा दिया.
मुझे लगा कि शायद उसे दर्द होगा.
तो पेलने से पहले मैंने अपने एक हाथ से उसका मुँह दबा दिया और जोरदार झटका मारा.
मेरा लंड उसकी चूत में बिना किसी रोक टोक के चला गया.
वह हल्के से छटपटाने लगी.
मैं समझ गया कि ये दिल्ली में किसी से अपनी चूत फड़वा चुकी है; मुझसे बस अपनी आग शांत करा रही है.
तब मैं भी उसको बिना रुके और जोर जोर से पेलने लगा और उसको तड़पता देख कर मुझे मज़ा आने लगा.
दरअसल बात यह थी कि जिससे उसने पहली बार चूत चुदवाई थी, उसका लंड छोटा और पतला था … और चुदाई के समय काफी टाइम भी हो गया था. तो वह जल्दी ही झड़ गया था. उसकी पूरी आग शांत नहीं हो पाई थी.
यह सब उसने मुझे बाद में बताया था.
आज वह मेरे मोटे और बड़े लंड से चुद रही थी तो दर्द के मारे उसकी गांड फट रही थी.
पर वह जितना दर्द से कराहती, मुझे उतना ही मज़ा आता.
उसकी कामुक सिसकारियां कम निकल रही थी … दर्द की आवाज़ ज्यादा निकल रही थी.
करीब 15 मिनट तक चोदने के बाद मैंने उसे बेड से नीचे उतारा और कहा- पैर नीचे रखो और हाथ बेड पर रख कर झुक जाओ.
मैं उसे कुतिया की तरह करके पीछे से उसकी चूत चोदने लगा.
थोड़ी ही देर में वह बेहोशी की हालत में जाने लगी.
पर मैं उसे चोदता रहा.
साथ ही मैं उसकी गांड पर और उसके चूचों पर थप्पड़ मारता रहा क्योंकि उसका दर्द मुझे जोश से भर रहा था.
ऐसे ही उसे कुतिया बनाए मुझे दस मिनट हो गये थे.
जब मुझे लगा कि मेरा माल निकलने वाला है तो मैंने उससे पोजीशन चेंज करने को बोला.
वह मुझसे छूट गई और साली मौका पाते ही नीचे जमीन पर बैठ गई.
उसने हाथ जोड़ लिए- अब बस, अब मुझसे नहीं होगा.
वह बोलने लगी- अभी एक दिन पहले ही मेरे पीरियड खत्म हुए हैं, तो दर्द अभी सही नहीं हुआ है और तुमने मेरी चूत की माँ चोद दी.
मेरा मन तो नहीं था कि उसे ऐसे जाने दूँ कि कहीं फिर से ये बाहर जा कर ना चुदे.
पर अगली बार गांड देने का वादा लेकर मैंने उसकी चूत नहीं मारी.
अब लंड को भी ठंडा करना था तो मैंने उसके बाल पकड़ कर उसके मुँह में अपना लंड दे दिया.
उसने प्यार से मुझे देख देख कर लंड का पानी अपने मुँह में भर लिया.
फिर हम दोनों चिपक कर किस करते हुए बात करने लगे.
मैंने उससे पूछा- किससे वर्जिनिटी ब्रेक करवाई थी?
वह हंस दी और बोली- तुम समझ गए थे क्या?
मैंने कहा- हां लंड आराम से अन्दर चला गया था, तो मेरी जगह कोई भी होता तो समझ जाता कि चूत फट चुकी है!
उसने बताया- एक साथ में पढ़ने वाला लड़का मेरे ऊपर चढ़ा था. साले के लंड में जान ही नहीं थी. लंड घुसेड़ा तो दर्द हुआ … पर जब तक मैं गर्माती तब तक उसकी सीटी बज गई थी.
यह कह कर वह हंसने लगी.
मैंने कहा- और मैं कैसा लगा?
वह हंस कर लंड पकड़ती हुई बोली- सांड हो तुम … पहले मालूम होता तो कब की चुदवा चुकी होती. अब यह मेरा हो गया है.
हम दोनों भाई बहन इसी तरह की गर्म बातें करते हुए सो गए.
अगली बार मैंने उसकी गांड कैसे मारी, यह सेक्स कहानी अगली बार लेकर आऊंगा.
मैं आपके चूत और लंड को पानी पानी कर दूँगा, यह मेरा वादा है.
यह मेरी सच्ची Xxx पुसी लिक स्टोरी आपको कैसी लगी, आप मुझे जरूर बताएं.
rahulrr2195@gmail.com
नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम राहुल है और मैं यूपी के आज़मगढ़ का रहने वाला हूँ.
यह Xxx पुसी लिक स्टोरी मेरी और मेरे चाचा की लड़की पूनम की है.
पूनम उम्र में मुझसे छोटी है.
वह दिखने में तो सामान्य है, पर उसके छोटे छोटे मम्मे बड़े प्यारे हैं.
उसकी पतली कमर, लंबे लंबे बाल जो उसके चूतड़ों तक आते हैं … और लंबी गर्दन.
वह कुदरत का बनाया हुआ एक कामुक कारीगरी का नायाब नमूना है.
हम दोनों दिल्ली में एक कमरा लेकर रहते हैं.
हम दोनों ने वहीं रह कर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं.
जिस समय की यह घटना है, उस समय हम दोनों घर आए हुए थे.
तब हल्की हल्की ठंड शुरू हो गयी थी तो रात में हम दोनों एक ही कमरे में अपने अपने कम्बल में सोते थे.
दो दिन बाद बहन ने कहा- मुझे स्कूटी चलानी सीखनी है.
मैंने हां कर दिया और उससे बोला कि शाम को 8 बजे के बाद सिखाऊंगा.
चूंकि हमारा घर मार्केट में मेन रोड पर है तो उधर गाड़ियों का आना जाना लगा रहता है.
शाम को जब सब लोग घर आए और अपनी दिनचर्या की बात करने लगे तो मैं चुपके से स्कूटी की चाभी लेकर पूनम से बोला- चलो चलते हैं.
मैं मेन रोड पर स्कूटी लेकर आ गया और जहां से सुनसान रोड शुरू होती है, वहां उससे स्कूटी चलाने को दे दी और खुद उसके पीछे बैठ गया.
उस वक्त तक मेरे मन में उसके लिए कुछ नहीं था.
वह आराम आराम से स्कूटी चलाने लगी.
तभी अचानक से स्पीड बढ़ी और वह गिरने ही वाली थी कि मैंने पीछे से हैंडल पकड़ लिया और दोनों को गिरने से बचाया.
इस चक्कर में मेरा एक हाथ उसकी कमर में चला गया ताकि हम दोनों गिर न जाएं.
उसकी कमर को जोर से पकड़ कर मैंने स्कूटी व उसे दोनों को संभाल लिया था.
इसी बीच मेरा हाथ उसके एक चूचे से टच हो गया और उसके चूचे की नर्मी ने मुझे एक झटका सा दे दिया.
मैं कुछ पल के लिए भूल गया था कि मैंने उसका दूध पकड़ लिया है.
तभी उसने मेरे हाथ को झटक दिया तो मैं सीधा हो गया.
थोड़ी देर बाद हम दोनों घर आ गए.
अगले दिन मेरे मन में डर और उत्तेजना दोनों का भाव था.
हम दोनों फिर से उसी रास्ते पर गए.
मैं उसे स्कूटी सिखाने लगा.
आज मैं जानबूझ कर उससे सट कर बैठ था तो मेरा लंड टाइट होने लगा.
तभी उसका संतुलन बिगड़ा तो एक बार गिरने को हुए.
उसे बचाने में मेरा लंड उसकी गांड में सैट हो गया.
मैं लंड लगाए हुए बैठा रहा और उसकी गांड की गर्मी का अहसास करने लगा.
वह बस धीमे से इतना बोली- थोड़ा पीछे हो जाओ!
मैं न चाहते हुए भी लंड हटा कर पीछे को हो गया.
जब हम घर आए तो मेरे मस्तिष्क में वही चल रहा था.
मेरे मन से उसकी गांड में मेरे कड़क लंड का अहसास निकल ही नहीं पा रहा था.
रात को सबने खाना खाया और सोने गए.
हम दोनों रोज की तरह साथ में सोने लगे.
उसने कहा- भाई कोई मूवी है क्या … चलो देखते हैं.
मैंने जानबूझ कर एक हॉट सीन वाली मूवी लगा दी.
पहले तो हम दोनों अलग अलग कम्बल में थे पर दस मिनट बाद ही मैंने कहा- ऐसे अच्छा नहीं लग रहा है.
यह कह कर मैं उसके कम्बल में आ गया और उसके पैर पर अपना पैर रख दिया.
मुझे पता था कि मूवी में हॉट सीन कहां आएगा.
उससे पहले ही मैं उसे काबू करना चाहता था.
पैर रखने के बाद जब उसने कुछ नहीं बोला तो मैंने बहाने से उसके पेट पर हाथ रख दिया- ठंडी लग रही है … पास को सोते हैं.
उसने मेरे हाथ को हटा दिया.
पर थोड़ी देर बाद मैंने जब फिर से हाथ रखा तो वह कुछ नहीं बोली.
फिर हम दोनों मूवी देखने लगे.
मेरी सांसें इतनी तेज हो गयी थीं कि उसे अपनी गर्दन पर भी महसूस हो रही थीं.
उसने अचानक से मोबाइल साइड में रखा और मुझसे चिपकने आने ही वाली थी कि मैंने उसकी चूची जोर से दबा दिया.
वह मुझसे चिपकी रही और थोड़ी देर बाद अलग हो गयी.
मैंने अब तक कुछ नहीं किया.
मैं चाहता था कि वह पहले आगे बढ़े.
फिर हम दोनों अलग हो गए.
उसने फिर से मूवी देखने का कहा.
हम दोनों फिर से मूवी देखने लगे.
लगभग 5 ही मिनट हुए होंगे कि उसने फिर से मोबाइल साइड में रखा और इस बार जैसे ही उसने मोबाइल रखा, हम दोनों एक दूसरे को लिप किस करने लगे.
पहले मुझे लगा था कि वह अच्छे से किस नहीं कर पाएगी, पर वह तो मास्टर निकली.
मैं उसके छोटे छोटे चूचों भी मसलने लगा.
हमारे बीच चूमाचाटी चलती रही.
मैं उसके दोनों चीकुओं की नोकों को बारी बारी से मींजता रहा.
करीब 15 मिनट बाद हम दोनों अलग हुए.
उसने मुझसे धीरे से पूछा- कहीं यह गलत तो नहीं है!
मैंने कहा- कुछ गलत नहीं है मेरी जान … पहले इधर आओ.
दुबारा से किस करते करते मैंने उसके ऊपर के कपड़े उतार दिए और उसके एक दूध को अपने मुँह में लेकर पीने लगा.
मेरा दूध पीना उसे बहुत पसंद आया.
वह मुझसे अपने हाथ से अपने एक दूध को पकड़ कर चुसवाने का मजा लेने लगी.
मैंने उससे कहा भी- इस तरह से क्या बहुत मजा आता है?
वह हंसने लगी और बोली- तुम लड़की होते भाई तो समझ जाते कि बूब्स चुसवाने में कैसा लगता है.
मैं उसके निप्पल को अपने होंठों में दबा कर खींचने लगा और उसकी आंखों में देखने लगा कि उसका क्या भाव है.
तो मैंने पाया कि वह अपने होंठ दबा कर दूध पिला रही थी.
अपना एक हाथ नीचे ले जाकर मैंने उसकी दोनों टांगों के बीच में बुर को टटोला तो वह कसमसाने लगी.
मैंने हाथ हटाया तो वह खुद अपने हाथ से मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी बुर रगड़वाने की कोशिश करने लगी.
तब मैंने दूध छोड़ कर उसे चूमना चालू कर दिया और किस करते करते ही मैं नीचे को आने लगा.
वह समझ गई और अलग होने लगी.
मैंने कहा तो बोली- मुझे गुदगुदी होती है.
अब मैंने अपना लम्बा लंड उसके हाथ में दे दिया.
वह उसे बड़े प्यार से हिलाने लगी.
थोड़ी ही देर में हम दोनों एक दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे थे.
उसकी पतली कमर, मेरा लंड और टाइट कर रही थी.
हम दोनों दबी आवाज़ में ही आह उन्ह कर रहे थे क्योंकि साइड वाले कमरे में भी सब लोग सो रहे थे.
उससे मैंने अपना लंड चूसने को कहा तो वह तुरंत मान गयी.
मैंने कहा- एक साथ करें?
तो बोली- ओके पर पहले मुझे बाथरूम जाना है.
मैं समझ गया कि यह अपनी बुर धोने जाने के लिए कह रही है.
Xxx पुसी लिक का असली मजा लेने के लिए मैंने उसे रोका और कहा- धोने की जरूरत नहीं है … मैं ऐसे ही चूसना चाहता हूँ.
वह नहीं मानी और बाथरूम से आकर मेरी नंगी बहन मेरे साथ विपरीत अवस्था में लेट गई.
हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
हमने एक दूसरे के लंड बुर को खूब चूमा चाटा.
मुझे पता था कि उसको गुदगुदी की दिक्कत है, तो मैंने उसको अपने मुँह पर बैठा लिया और बोला- झुक कर लंड चूसो.
जैसे ही वह झुकी उसकी मस्त मस्त गांड मेरी आंखों के सामने आ गयी.
पर मैंने अभी चूत पर दिमाग लगाया हुआ था.
मैंने अपनी जीभ से बुर को चोद चोद कर उसका पानी निकाल दिया. Xxx पुसी लिक करके मुझे बहुत मजा आया.
मैं उसको तड़पाता रहा कि यह खुद चुदने के लिए कहे.
उसको तड़पती देख कर मुझे बहुत आनन्द आ रहा था.
वह लंड लेने को तड़पने लगी और बोलने लगी- भाई अब और न तड़पाओ. आज मेरी फुद्दी की सारी आग बुझा दो.
मैंने उसे 69 से सीधा किया और चुदाई की पोजीशन में आ गया.
अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगाकर मैंने उसकी चूत की फांक में फंसा दिया.
मुझे लगा कि शायद उसे दर्द होगा.
तो पेलने से पहले मैंने अपने एक हाथ से उसका मुँह दबा दिया और जोरदार झटका मारा.
मेरा लंड उसकी चूत में बिना किसी रोक टोक के चला गया.
वह हल्के से छटपटाने लगी.
मैं समझ गया कि ये दिल्ली में किसी से अपनी चूत फड़वा चुकी है; मुझसे बस अपनी आग शांत करा रही है.
तब मैं भी उसको बिना रुके और जोर जोर से पेलने लगा और उसको तड़पता देख कर मुझे मज़ा आने लगा.
दरअसल बात यह थी कि जिससे उसने पहली बार चूत चुदवाई थी, उसका लंड छोटा और पतला था … और चुदाई के समय काफी टाइम भी हो गया था. तो वह जल्दी ही झड़ गया था. उसकी पूरी आग शांत नहीं हो पाई थी.
यह सब उसने मुझे बाद में बताया था.
आज वह मेरे मोटे और बड़े लंड से चुद रही थी तो दर्द के मारे उसकी गांड फट रही थी.
पर वह जितना दर्द से कराहती, मुझे उतना ही मज़ा आता.
उसकी कामुक सिसकारियां कम निकल रही थी … दर्द की आवाज़ ज्यादा निकल रही थी.
करीब 15 मिनट तक चोदने के बाद मैंने उसे बेड से नीचे उतारा और कहा- पैर नीचे रखो और हाथ बेड पर रख कर झुक जाओ.
मैं उसे कुतिया की तरह करके पीछे से उसकी चूत चोदने लगा.
थोड़ी ही देर में वह बेहोशी की हालत में जाने लगी.
पर मैं उसे चोदता रहा.
साथ ही मैं उसकी गांड पर और उसके चूचों पर थप्पड़ मारता रहा क्योंकि उसका दर्द मुझे जोश से भर रहा था.
ऐसे ही उसे कुतिया बनाए मुझे दस मिनट हो गये थे.
जब मुझे लगा कि मेरा माल निकलने वाला है तो मैंने उससे पोजीशन चेंज करने को बोला.
वह मुझसे छूट गई और साली मौका पाते ही नीचे जमीन पर बैठ गई.
उसने हाथ जोड़ लिए- अब बस, अब मुझसे नहीं होगा.
वह बोलने लगी- अभी एक दिन पहले ही मेरे पीरियड खत्म हुए हैं, तो दर्द अभी सही नहीं हुआ है और तुमने मेरी चूत की माँ चोद दी.
मेरा मन तो नहीं था कि उसे ऐसे जाने दूँ कि कहीं फिर से ये बाहर जा कर ना चुदे.
पर अगली बार गांड देने का वादा लेकर मैंने उसकी चूत नहीं मारी.
अब लंड को भी ठंडा करना था तो मैंने उसके बाल पकड़ कर उसके मुँह में अपना लंड दे दिया.
उसने प्यार से मुझे देख देख कर लंड का पानी अपने मुँह में भर लिया.
फिर हम दोनों चिपक कर किस करते हुए बात करने लगे.
मैंने उससे पूछा- किससे वर्जिनिटी ब्रेक करवाई थी?
वह हंस दी और बोली- तुम समझ गए थे क्या?
मैंने कहा- हां लंड आराम से अन्दर चला गया था, तो मेरी जगह कोई भी होता तो समझ जाता कि चूत फट चुकी है!
उसने बताया- एक साथ में पढ़ने वाला लड़का मेरे ऊपर चढ़ा था. साले के लंड में जान ही नहीं थी. लंड घुसेड़ा तो दर्द हुआ … पर जब तक मैं गर्माती तब तक उसकी सीटी बज गई थी.
यह कह कर वह हंसने लगी.
मैंने कहा- और मैं कैसा लगा?
वह हंस कर लंड पकड़ती हुई बोली- सांड हो तुम … पहले मालूम होता तो कब की चुदवा चुकी होती. अब यह मेरा हो गया है.
हम दोनों भाई बहन इसी तरह की गर्म बातें करते हुए सो गए.
अगली बार मैंने उसकी गांड कैसे मारी, यह सेक्स कहानी अगली बार लेकर आऊंगा.
मैं आपके चूत और लंड को पानी पानी कर दूँगा, यह मेरा वादा है.
यह मेरी सच्ची Xxx पुसी लिक स्टोरी आपको कैसी लगी, आप मुझे जरूर बताएं.
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