Xxx माँ चुदाई कहानी में मैंने देखा कि मेरे पापा अपनी नई पत्नी को सेक्स का पूरा मजा नही दे पा रहे थे. मेरी सौतेली माँ बहुत सेक्सी थी. तो मैंने उनकी वासना को संतुष्ट किया.
दोस्तो, मैं राहुल बिहार से हूँ.
मैं अभी 22 साल का हूं.
मेरे परिवार में चार लोग हैं. पापा मम्मी, दीदी और मैं.
मेरी मां एक सुन्दर महिला हैं. उनका साइज 36-32-38 का है. वे 35 साल की ही हैं क्योंकि वे मेरे पापा की दूसरी पत्नी हैं.
पापा करीब 45 साल के हैं और बिज़नेस में काफी व्यस्त रहते हैं. मेरी मां घर में रहती हैं. दीदी 23 साल की हैं, उनकी दो साल पहले शादी हो गई है.
अब घर में मैं और मम्मी ही रहते हैं.
पापा अधिकतर बाहर ही रहते हैं.
मैंने अपनी मम्मी की चुदाई कैसे की, यह Xxx माँ चुदाई कहानी इसी विषय पर आधारित है.
मेरी स्नातक की पढ़ाई पिछले साल पूरी हो गई थी और गांव में ही मैंने बिज़नेस में खुद को व्यस्त कर लिया.
मेरे पापा और मम्मी का मानना था कि इकलौता बेटा काम करने के लिए कहीं बाहर न निकले.
मेरा स्टोर मेरे घर से तीन किलोमीटर दूर स्थित है. मेरा काम चल रहा था.
इससे पापा भी खुश थे. वे अब और ज्यादा बाहर रहने लगे थे.
इसी तरह सात आठ महीने बीत गए.
उन दिनों पापा अपने बिजनेस टूर से कुछ दिन के लिए घर आए हुए थे.
उस शाम हम सबने मिलकर ढेर सारी बातें की खाना खाते हुए मजा कर रहे थे.
रात हुई तो मम्मी पापा अपने कमरे में चले गए और मैं अपने कमरे में जाकर सो गया.
उस रात जब मैं पेशाब करने उठा.
तो मैंने देखा कि पापा मम्मी के कमरे में से कुछ आवाजें आ रही थीं.
मैंने कान लगा कर सुना तो वे दोनों कुछ फुसफुसा कर बात कर रहे थे.
उनकी बातों में एक अजीब सी लहक सी थी.
मुझसे रहा न गया और मैंने उनके कमरे की खिड़की में से अन्दर झांका तो मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं.
मैंने देखा कि पापा मम्मी को पूरी नंगी करके धकापेल चोद रहे थे.
मम्मी भी पूरा मजा लेती हुई पापा से चुदवा रही थीं.
उस वक्त मैंने अपनी मम्मी के मस्त रसीले दूध हिलते हुए देखे, जिन्हें पापा अपने मुँह में दबा कर खींचते हुए चूस रहे थे और अपनी गांड उठा उठा कर लंड चूत में पेल रहे थे.
मम्मी की दोनों टांगें हवा में उठी हुई थीं.
उनका जबरदस्त फिगर देख कर मैं बाथरूम में गया और उधर अपना लंड हिला कर मैंने माल निकाल दिया.
अब मेरे दिमाग में चल रहा था कि मैं अपनी मम्मी को कैसे चोदूं.
मैं मम्मी को देखता था और प्लान बनाता था कि किस तरह से सैटिंग करूँ.
दस दिन निकल गए.
पापा जी रोज रात में मम्मी की चुदाई करते और मैं उन्हें चुदाई करते हुए देखता.
उसमें मैंने एक बात नोटिस की कि पापा अपना काम खत्म करके मम्मी के बाजू में लुड़क कर सो जाते थे और मम्मी अपनी चूत सहलाती रहती थीं.
दस दिन बाद पापा मुझसे बोले- मुझको अपने बिजनेस के सिलसिले में कल ही जाना है. मेरा काफी नुकसान हो रहा है.
उसी दिन पापा तैयार हुए और मम्मी ने उनके लिए खाना व नाश्ता तैयार करके उनके बैग में रख दिया.
पापा की ग्यारह बजे की ट्रेन थी.
मैं पापा को लेकर स्टेशन के लिए निकल गया.
ट्रेन सही समय पर थी.
पापा को ट्रेन में बिठा कर मैं वापस घर आ गया.
घर आने के बाद मैंने भी खाना खाया और अपने बिजनेस स्टोर पर चला गया.
उस दिन न जाने क्यों मुझे एक अजीब सी प्रसन्नता हो रही थी कि अब घर में सिर्फ मैं और मम्मी हैं.
क्या मैं मम्मी को चोदकर मजा ले पाऊँगा. यही सब सोचते हुए मेरा काम करने में मन नहीं लग रहा था.
बस बार बार आंखों के सामने मुझे अपनी नंगी मम्मी ही दिखाई देती थीं और पापा के स्थान पर मैं खुद को उनके ऊपर चढ़ा हुआ पाता था.
अब तक मैं रोज अपना लंड हिला कर काम चला रहा था.
शाम को घर आया तो मम्मी काम कर रही थीं.
मुझे देख कर मम्मी ने बड़े प्यार से मुझे अपने पास बिठाया और चाय दी.
मैं उनकी तरफ देख कर मुस्कुरा दिया, तो मम्मी भी मुस्कुरा दीं.
मेरी समझ में नहीं आया कि आज मम्मी इतनी खुश क्यों हैं और मेरे साथ कुछ ज्यादा ही प्यार क्यों जता रही हैं.
हालांकि मैंने उन्हें कुछ कहा नहीं, बस यह देखने लगा कि मम्मी की तरफ से क्या प्रतिक्रिया होती है.
इसी तरह से दिन निकले और पापा को घर से गए अब दो दिन हो चुके थे.
शायद मम्मी को भी चुदवाने का मन हो रहा था क्योंकि मैं अब भी रोज़ चोरी छुपे मम्मी के कमरे में झांक कर उन्हें देखता था.
वे रात को अपने कमरे में नंगी होकर लेटी रहती थीं और अपनी चूची व चूत को रगड़ती रहती थीं.
मैं उन्हें देख कर वहीं खड़े रह कर मुठ मारने लगता था.
चार दिन बाद मम्मी ने मुझे देख लिया कि मैं उनको नंगी देख रहा हूँ.
उन्होंने झट से एक चादर से अपने शरीर को ढक लिया और मैं भी सकपका कर उधर से हट गया.
उस समय तो कुछ नहीं हुआ.
दोनों के मन में चोर था.
मम्मी अपनी चुदास के चलते परेशान थीं कि उन्हें लंड नहीं मिल रहा था और मैं अपनी माँ चोदने के चक्कर में लंड हिला रहा था.
रात को कुछ नहीं हुआ.
सुबह जब मैं उठा तो मैं मम्मी से नजर नहीं मिला पा रहा था.
यह सिलसिला दो दिन तक यूं ही चला.
दो दिन बाद मम्मी ने मुझे अपने बेडरूम में बुलाया.
मैं सकुचाते हुए और हजारों सवाल मन में लिए उनके कमरे के अन्दर गया.
मम्मी ने मुझको अपने पास बैठाया, मेरा माथा सहलाया और मुझसे मेरे बिजनेस के बारे में पूछने लगीं.
उनकी बातों से मुझे लगा कि मम्मी भी माहौल को सहज करना चाहती हैं ताकि हम दोनों के मन के चोर खत्म हो जाएं और जीवन वापस पहले जैसा चलने लगे.
जब मम्मी मुझे व्यापार के सिलसिले को लेकर बात करने लगीं तो मैंने भी धीरे धीरे उनसे बातें करने में अपनी सकुचाहट को खत्म करना शुरू कर दी.
उनसे बातें करते हुए मैंने अपनी मम्मी की छाती में अपना सिर रख दिया.
मैं मम्मी को पकड़ कर बात करने लगा.
तभी मम्मी बोलीं- बेटा कोई तुम्हारी गर्लफ्रेंड नहीं है?
उनके इस अजीब से सवाल से मैं एकदम से चौंक गया.
एक पल उन्हें देखने के बाद मैंने कहा- नहीं मम्मी, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.
मम्मी बोलीं- अच्छी बात है बेटा.
मैं चुप होकर उन्हें देख रहा था कि अब अगला सवाल क्या आता है?
फिर मम्मी बोलीं- बेटा, वैसे तेरी उम्र में हर कोई लड़का अपने मन को शांत करने के लिए एक गर्लफ्रेंड रखता है. तुम अपने मन को शांत कैसे करते हो?
मैं समझ गया कि मम्मी लंड शांत करने की बात पूछ रही हैं.
अब मेरे मन में फिर से मम्मी की वही चुदाई के वक्त वाली छवि वापस अंकित हो गई थी.
मैं- बस मम्मी … किसी तरह से मैनेज कर लेता हूं.
मम्मी समझ गईं कि मैं मुठ मारने की बात करके मैनेज करना कह रहा हूँ.
तो मम्मी बोली- फिर भी बेटा तुम्हें एक गर्लफ्रेंड तो रखनी ही चाहिए!
मैं- मम्मी हर लड़की चाहती है कि लड़का उसके साथ काफ़ी समय बिताए. अगर मैं किसी लड़की को अपनी जीएफ बना कर रखूंगा, तो फिर मेरा बिजनेस डूब जाएगा और मेरी सारी मेहनत बेकार हो सकती है.
मम्मी- वाह मेरे बेटे … शाबाश!
यह कह कर मम्मी ने मुझको अपनी बांहों में ले लिया और चूमने लगीं.
मैंने भी अपने गाल मम्मी के गाल से सटा कर उनके साथ अपना प्यार जताया.
मम्मी ने मुझे अपने हाथों से खींचते हुए अपनी गोद में बैठाने का जतन किया.
मैंने भी मम्मी को चूमा और उनकी गोद में बैठ गया.
अब मम्मी बोलीं- बेटा एक बात पूछना चाहती हूँ तुमसे … सच सच बताना!
मैंने कहा- हां मम्मी पूछो न आप! क्या पूछना चाहती हैं आप?
मम्मी- बस यही कि बेटा इच्छा तो होती ही होगी न मन को शांत करने की … तो कैसे करते हो?
मैंने कहा- सच बोलूं तो मम्मी मैं आपको देख कर रोज मुठ मारता हूं.
मम्मी मेरे गाल पर हाथ फेर कर बोलीं- बेटा ये गलत बात है, मैं तेरी मां हूँ!
मैं- तो मम्मी अगर मैंने गर्लफ्रेंड बनाई, तो फिर मैं बिजनेस नहीं कर सकता. उस सूरत में मुझको काम करने के लिए शहर से बाहर जाना होगा. अगर आप बोलो, तो मैं शहर चला जाता हूँ.
यह सुनकर मेरी मां तुरंत ही रोने लगीं और बोलीं- बेटा तू मेरा इकलौता बेटा है. मैं तुझे कभी बाहर नहीं जाने दे सकती हूँ … उसके लिए मुझे चाहे जो करना पड़े.
मैंने मम्मी के गालों पर टपकते हुए आंसुओं को पौंछा और उन्हें अपने सीने से सटा कर बोला- मम्मी, तुम भी बच्चों जैसी रोने लगीं, चुप हो जाओ!
मैं मां की पीठ को सहला रहा था, उनके दूध मेरे सीने में गड़ रहे थे, जिससे मेरे अन्दर मम्मी को चोदने की आग जग रही थी.
तभी मम्मी चुप होकर बोलीं- बेटा, पहले तुम बोलो कि तुम घर छोड़ कर नहीं जाओगे! तुम्हें अपने पास रखने के लिए मैंने सब कुछ तुम्हें दे दूँगी!
मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख कर देखा कि मम्मी क्या कहती हैं.
मेरे होंठों के चुंबन से मम्मी ने मेरा साथ देना शुरू कर दिया और वे मुझे चूमने लगीं.
एक मिनट के बाद मैं उनके होंठों से अलग हुआ और मैंने कहा- मम्मी, मुझे आपको चोदने का मन कर रहा है!
मम्मी- ठीक है बेटा, तुम जैसे चाहो … जैसे तुम बोलो, मैं तैयार हूँ. पर इस बात को हम दोनों के सिवाए कोई और नहीं जान पाए!
मैं- ठीक है मम्मी, मैं पापा को भी पता नहीं चलने दूंगा.
फिर मम्मी ने मुझको अपनी बांहों में लेकर चूमा और कहा- बेटा, चलो पहले हम दोनों खाना खा लेते हैं, फिर तुम जो चाहो … वही करेंगे.
मैं- ठीक है मम्मी, आई लव यू मम्मी.
मम्मी- लव यू टू राहुल बेटे.
उसके बाद मम्मी ने हम दोनों के लिए एक ही थाली में खाना लगाया.
मैंने कहा- मम्मी, मुझे आपकी गोद में बैठ कर खाना है.
मम्मी हंस कर बोलीं- ठीक है.
मैं उनकी गोद में उनके सीने से अपना सीना लगा कर बैठ गया और मस्ती से मम्मी की चूचियों को दबाने लगा.
मम्मी कामुक भाव से बोलीं- आह बेटा … पहले खाना खा लो, दूध बाद में पी लेना!
मैंने कहा- मम्मी आप खाना खिलाओ … मैं आपकी चूचियों को दबाता हूँ.
मम्मी ने कहा- ठीक है, जैसा तुम्हारा जी चाहे.
अब मैंने मम्मी का ब्लाउज खोल दिया और मम्मी की एक चूची को दबाने लगा.
यह देख कर मम्मी ने चावल का ग्रास अपने एक दूध पर रख दिया और इशारा किया कि लो दूध भात खा लो.
इस तरह से मैं मम्मी की चूचों के माध्यम से खाना खाने लगा.
ऐसे मम्मी ने अपने दोनों मम्मों के जरिए मुझे खाना खिलाना चालू कर दिया.
वे अपने दोनों थनों पर बारी बारी से कभी सब्जी रख कर मुझे खिलातीं, तो कभी अचार को निप्पल पर लगा कर दूध चुसवाने लगतीं.
इस तरह से खाना खाते खिलाते मेरे साथ मम्मी भी एकदम गर्म हो चुकी थीं.
मैंने खाना खत्म करके मम्मी से कहा- चलो मम्मी अब बेडरूम में चलो. अब रहा नहीं जाता.
मम्मी भी बोलीं- हां बेटा मुझसे भी अब रहा नहीं जाता, मुझे खुद तुम्हारी बांहों में समाने का जी कर रहा है.
उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे बेडरूम में ले आईं.
वे बोलीं- बेटा आज तुम मुझे अपनी गर्लफ्रेंड समझ कर खुल कर अपनी बात बोलो, जो भी तेरा मन चाहे!
मैंने कहा- क्या मैं आपको गाली भी दे सकता हूँ?
मम्मी ने हंस कर गाली देते हुए ही कहा- हां साले … आज तू मादरचोद बन जा!
मैंने भी उनकी एक चूची को खींच कर कहा- ठीक है मेरी रंडी मम्मी. आज मैं आपकी चूत की धज्जियां उड़ा दूंगा.
वे वासना में बोलीं- हां उड़ा दे मेरे मादरचोद लौंडे.
मैंने मम्मी का आधा लटका ब्लाउज और अधखुली ब्रा को उनके बदन से अलग कर दिया और चूची को चूस कर कहा- मैं देखता था कि पापा आपको चोद कर बाजू में लेट कर सो जाते थे और आप अपनी चूत को अपने हाथ से मसलती रहती थीं.
वे भी मेरे लंड को टटोल कर कहने लगीं- हां बेटा, सच में मैं तेरे पापा के लंड से बहुत ज्यादा खुश नहीं हूँ, अब उनकी उम्र हो चली है.
मैं अपनी मां को अपनी बांहों में भर कर किस करने लगा.
मां भी मेरे होंठों को किस करने लगीं.
मैंने उनके मुँह में अपनी जीभ डाल दी तो वे और ज्यादा चुदासी हो गईं.
मम्मी सिसकारियां भरती हुई बोलीं- आह बेटा … अब रुका नहीं जा रहा … प्लीज जल्दी से मेरी चुदाई कर दो अब तो लंड की तड़प से मेरी जान निकल रही है!
मैंने यह सुनते ही मम्मी को पूरी नंगी कर दिया.
मम्मी भी मुझको नंगी करने लगीं.
उन्होंने मेरा अंडरवियर उतारा तो वे मेरा खड़ा लौड़ा देख कर खुश होकर बोलीं- वाह बेटा, तेरा लौड़ा तो पापा से भी अधिक लंबा और मोटा है.
मैंने मम्मी से कहा- हां मेरी रंडी … यह सात इंच का लौड़ा है. बस आप इसको चूस कर जरा चिकना कर दो … फिर मैं आपको इसकी ताकत का अहसास करवाता हूँ.
मेरी मम्मी लंड चूसने लगीं.
पांच मिनट बाद मम्मी बोलीं- बेटा मेरी चूत की क्लिट को भी अपनी जीभ से चाटो न!
मैंने मम्मी को 69 में लिया और उनकी चूत की क्लिट को चाटने लगा.
मम्मी एकदम से भड़क उठीं और मेरा सर पकड़ कर बोलीं- आह बेटा मजा आ गया … आह अब बस तू अपनी मम्मी को चोदना चालू कर दे … मेरी बुर लंड के वियोग से फट रही है, इसको चुदने के चुल्ल हो रही है.
मैंने भी मम्मी को किस करके कहा- ठीक है मम्मी, चलो अब आज आपका बेटा आपकी चूत को चोदने जा रहा है.
मम्मी बोलीं- हां बेटा अपने लौड़े से अपनी मां चोद दो.
मां को सीधा लेटा कर मैंने लौड़ा मां की चूत में पेल दिया.
मैंने एक ही झटके में अपना आधा लौड़ा मम्मी की बुर में घुसेड़ दिया था.
इससे मम्मी दर्द से सिसकने लगीं और बोलीं- आह बेटा, पहले धीरे धीरे से अपना पूरा लौड़ा अन्दर डालो … फिर तेज तेज से पेलो अपनी प्यासी मम्मी को.
मैंने वैसे ही किया.
मैं मम्मी को धकापेल चोदने लगा.
करीब 15 मिनट तक हम दोनों ने Xxx माँ चुदाई का मजा लिया.
अब मैं झड़ने वाला था, मैंने मम्मी से कहा- मैं बस आने वाला हूँ.
मम्मी भी बोलीं- हां बेटा, आ जा मेरी भी चूत से धात आने वाली है.
मैं बोला- मम्मी मैं अपना वीर्य कहां निकालूँ जल्दी बोलो!
मम्मी बोलीं- मेरी चूत में ही निकाल दे मेरे मादरचोद लाल!
मैं मम्मी को जोर जोर से धक्का लगाने लगा.
मम्मी भी आह आह ऊह करने लगीं- आह मेरे मादरचोद बेटे … आह पेल और जोर जोर से चोद अपनी प्यासी मम्मी को!
हम दोनों एक साथ ही झड़ गए.
मैं अपनी मम्मी के ऊपर ही लेटा रहा और अपना लौड़ा उनकी चूत में ही डाले सो गया.
मम्मी भी मुझको प्यार से किस करने लगीं.
कुछ देर बाद मम्मी बोलीं- बेटा, अपनी मां को चोदने में कैसा लगा! जिस छेद से तुम जन्मे हो, आज उसी की चुदाई करने में क्या लगा?
मैं बोला- मम्मी, किस्मत वालों को ही मिलता है ऐसा मौका कि जिस छेद से वह जन्मे … उसी छेद को वह चोद पाए!
मम्मी हंसकर बोलीं- सच कह रहा है बेटा … आई लव यू राहुल बेटा. आज के बाद हम तुम्हारे लिए पत्नी, रंडी, गर्लफ्रेंड, मम्मी सब कुछ हूं. अब तुम मुझे जिस रूप में रखना चाहो, रखो.
मैं बोला- लव यू टू मम्मी. मैं भी आज से आपका पति, बीएफ, बेटा सब कुछ हूँ. अब हम दोनों रोज नए नए स्टाइल में चोदा चोदी कर सकते हैं.
मम्मी मेरे मुँह में अपने एक दूध को देती हुई बोलीं- हां बेटा!
कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैंने कहा- फिर से चुदाई करें?
मां बोलीं- बेटा, इसमें पूछने की क्या बात है. आ जाओ और फिर से चोद दो अपनी मम्मी को. मैं तो यहीं नंगी ही पड़ी हूँ तुम्हारे नीचे!
मैं माँ की चूत से लंड निकाल कर अलग हुआ और मां फिर से मेरा लौड़ा चूसने लगीं. मैं भी मां की चूत में उंगली डालने लगा.
कुछ ही मिनट बाद मैंने फिर से अपनी मम्मी को चोदना शुरू कर दिया.
इस बार मम्मी भी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा खूब साथ दे रही थीं.
मैंने मम्मी को कुछ देर चोदा. उसके बाद उन्हें घोड़ी बना कर चोदने लगा.
मम्मी ‘आह सीसी सीई उन्ह आह …’ कर रही थीं.
मैंने अपनी मम्मी को करीब बीस मिनट तक चोदा.
उसके बाद हम दोनों मां बेटे एक साथ झड़ गए.
मैं अपनी मम्मी के ऊपर ही कुछ देर तक पड़ा रहा और बाद में उनके साथ सेक्सी बातें करने लगा.
मम्मी बोलीं- बेटा, अब तुम मुझे साफ करो और कपड़े पहना दो.
मैंने भी मम्मी को गोदी में उठाया और बाथरूम में ले जाकर उनकी चूत को चाट कर साफ़ कर दिया.
उसके बाद पानी से चूत धोकर बाहर आ गया और उन्हें पैंटी ब्रा ब्लाउज साड़ी आदि सब पहना दिया.
मम्मी ने भी मेरे लंड को चूस कर साफ कर दिया और चड्डी पहना दी.
अब घर में मैं मम्मी को बीवी कह कर बुलाता हूं.
दोस्तो, इसके बाद मैंने अपनी मां से शादी की और उनके साथ सुहागरात मनाई व हनीमून पर ले गया.
इस सबकी रस भरी सेक्स कहानी को मैं अगले भाग में लिख कर बताऊंगा.
आपको Xxx माँ चुदाई कहानी पसंद आई होगी.
तो कमेंट जरूर करें ताकि मैं आपके लिए और भी मनोरंजक सेक्स कहानी ला सकूँ!
धन्यवाद.
rahulrajbgp2021@gmail.com
दोस्तो, मैं राहुल बिहार से हूँ.
मैं अभी 22 साल का हूं.
मेरे परिवार में चार लोग हैं. पापा मम्मी, दीदी और मैं.
मेरी मां एक सुन्दर महिला हैं. उनका साइज 36-32-38 का है. वे 35 साल की ही हैं क्योंकि वे मेरे पापा की दूसरी पत्नी हैं.
पापा करीब 45 साल के हैं और बिज़नेस में काफी व्यस्त रहते हैं. मेरी मां घर में रहती हैं. दीदी 23 साल की हैं, उनकी दो साल पहले शादी हो गई है.
अब घर में मैं और मम्मी ही रहते हैं.
पापा अधिकतर बाहर ही रहते हैं.
मैंने अपनी मम्मी की चुदाई कैसे की, यह Xxx माँ चुदाई कहानी इसी विषय पर आधारित है.
मेरी स्नातक की पढ़ाई पिछले साल पूरी हो गई थी और गांव में ही मैंने बिज़नेस में खुद को व्यस्त कर लिया.
मेरे पापा और मम्मी का मानना था कि इकलौता बेटा काम करने के लिए कहीं बाहर न निकले.
मेरा स्टोर मेरे घर से तीन किलोमीटर दूर स्थित है. मेरा काम चल रहा था.
इससे पापा भी खुश थे. वे अब और ज्यादा बाहर रहने लगे थे.
इसी तरह सात आठ महीने बीत गए.
उन दिनों पापा अपने बिजनेस टूर से कुछ दिन के लिए घर आए हुए थे.
उस शाम हम सबने मिलकर ढेर सारी बातें की खाना खाते हुए मजा कर रहे थे.
रात हुई तो मम्मी पापा अपने कमरे में चले गए और मैं अपने कमरे में जाकर सो गया.
उस रात जब मैं पेशाब करने उठा.
तो मैंने देखा कि पापा मम्मी के कमरे में से कुछ आवाजें आ रही थीं.
मैंने कान लगा कर सुना तो वे दोनों कुछ फुसफुसा कर बात कर रहे थे.
उनकी बातों में एक अजीब सी लहक सी थी.
मुझसे रहा न गया और मैंने उनके कमरे की खिड़की में से अन्दर झांका तो मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं.
मैंने देखा कि पापा मम्मी को पूरी नंगी करके धकापेल चोद रहे थे.
मम्मी भी पूरा मजा लेती हुई पापा से चुदवा रही थीं.
उस वक्त मैंने अपनी मम्मी के मस्त रसीले दूध हिलते हुए देखे, जिन्हें पापा अपने मुँह में दबा कर खींचते हुए चूस रहे थे और अपनी गांड उठा उठा कर लंड चूत में पेल रहे थे.
मम्मी की दोनों टांगें हवा में उठी हुई थीं.
उनका जबरदस्त फिगर देख कर मैं बाथरूम में गया और उधर अपना लंड हिला कर मैंने माल निकाल दिया.
अब मेरे दिमाग में चल रहा था कि मैं अपनी मम्मी को कैसे चोदूं.
मैं मम्मी को देखता था और प्लान बनाता था कि किस तरह से सैटिंग करूँ.
दस दिन निकल गए.
पापा जी रोज रात में मम्मी की चुदाई करते और मैं उन्हें चुदाई करते हुए देखता.
उसमें मैंने एक बात नोटिस की कि पापा अपना काम खत्म करके मम्मी के बाजू में लुड़क कर सो जाते थे और मम्मी अपनी चूत सहलाती रहती थीं.
दस दिन बाद पापा मुझसे बोले- मुझको अपने बिजनेस के सिलसिले में कल ही जाना है. मेरा काफी नुकसान हो रहा है.
उसी दिन पापा तैयार हुए और मम्मी ने उनके लिए खाना व नाश्ता तैयार करके उनके बैग में रख दिया.
पापा की ग्यारह बजे की ट्रेन थी.
मैं पापा को लेकर स्टेशन के लिए निकल गया.
ट्रेन सही समय पर थी.
पापा को ट्रेन में बिठा कर मैं वापस घर आ गया.
घर आने के बाद मैंने भी खाना खाया और अपने बिजनेस स्टोर पर चला गया.
उस दिन न जाने क्यों मुझे एक अजीब सी प्रसन्नता हो रही थी कि अब घर में सिर्फ मैं और मम्मी हैं.
क्या मैं मम्मी को चोदकर मजा ले पाऊँगा. यही सब सोचते हुए मेरा काम करने में मन नहीं लग रहा था.
बस बार बार आंखों के सामने मुझे अपनी नंगी मम्मी ही दिखाई देती थीं और पापा के स्थान पर मैं खुद को उनके ऊपर चढ़ा हुआ पाता था.
अब तक मैं रोज अपना लंड हिला कर काम चला रहा था.
शाम को घर आया तो मम्मी काम कर रही थीं.
मुझे देख कर मम्मी ने बड़े प्यार से मुझे अपने पास बिठाया और चाय दी.
मैं उनकी तरफ देख कर मुस्कुरा दिया, तो मम्मी भी मुस्कुरा दीं.
मेरी समझ में नहीं आया कि आज मम्मी इतनी खुश क्यों हैं और मेरे साथ कुछ ज्यादा ही प्यार क्यों जता रही हैं.
हालांकि मैंने उन्हें कुछ कहा नहीं, बस यह देखने लगा कि मम्मी की तरफ से क्या प्रतिक्रिया होती है.
इसी तरह से दिन निकले और पापा को घर से गए अब दो दिन हो चुके थे.
शायद मम्मी को भी चुदवाने का मन हो रहा था क्योंकि मैं अब भी रोज़ चोरी छुपे मम्मी के कमरे में झांक कर उन्हें देखता था.
वे रात को अपने कमरे में नंगी होकर लेटी रहती थीं और अपनी चूची व चूत को रगड़ती रहती थीं.
मैं उन्हें देख कर वहीं खड़े रह कर मुठ मारने लगता था.
चार दिन बाद मम्मी ने मुझे देख लिया कि मैं उनको नंगी देख रहा हूँ.
उन्होंने झट से एक चादर से अपने शरीर को ढक लिया और मैं भी सकपका कर उधर से हट गया.
उस समय तो कुछ नहीं हुआ.
दोनों के मन में चोर था.
मम्मी अपनी चुदास के चलते परेशान थीं कि उन्हें लंड नहीं मिल रहा था और मैं अपनी माँ चोदने के चक्कर में लंड हिला रहा था.
रात को कुछ नहीं हुआ.
सुबह जब मैं उठा तो मैं मम्मी से नजर नहीं मिला पा रहा था.
यह सिलसिला दो दिन तक यूं ही चला.
दो दिन बाद मम्मी ने मुझे अपने बेडरूम में बुलाया.
मैं सकुचाते हुए और हजारों सवाल मन में लिए उनके कमरे के अन्दर गया.
मम्मी ने मुझको अपने पास बैठाया, मेरा माथा सहलाया और मुझसे मेरे बिजनेस के बारे में पूछने लगीं.
उनकी बातों से मुझे लगा कि मम्मी भी माहौल को सहज करना चाहती हैं ताकि हम दोनों के मन के चोर खत्म हो जाएं और जीवन वापस पहले जैसा चलने लगे.
जब मम्मी मुझे व्यापार के सिलसिले को लेकर बात करने लगीं तो मैंने भी धीरे धीरे उनसे बातें करने में अपनी सकुचाहट को खत्म करना शुरू कर दी.
उनसे बातें करते हुए मैंने अपनी मम्मी की छाती में अपना सिर रख दिया.
मैं मम्मी को पकड़ कर बात करने लगा.
तभी मम्मी बोलीं- बेटा कोई तुम्हारी गर्लफ्रेंड नहीं है?
उनके इस अजीब से सवाल से मैं एकदम से चौंक गया.
एक पल उन्हें देखने के बाद मैंने कहा- नहीं मम्मी, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.
मम्मी बोलीं- अच्छी बात है बेटा.
मैं चुप होकर उन्हें देख रहा था कि अब अगला सवाल क्या आता है?
फिर मम्मी बोलीं- बेटा, वैसे तेरी उम्र में हर कोई लड़का अपने मन को शांत करने के लिए एक गर्लफ्रेंड रखता है. तुम अपने मन को शांत कैसे करते हो?
मैं समझ गया कि मम्मी लंड शांत करने की बात पूछ रही हैं.
अब मेरे मन में फिर से मम्मी की वही चुदाई के वक्त वाली छवि वापस अंकित हो गई थी.
मैं- बस मम्मी … किसी तरह से मैनेज कर लेता हूं.
मम्मी समझ गईं कि मैं मुठ मारने की बात करके मैनेज करना कह रहा हूँ.
तो मम्मी बोली- फिर भी बेटा तुम्हें एक गर्लफ्रेंड तो रखनी ही चाहिए!
मैं- मम्मी हर लड़की चाहती है कि लड़का उसके साथ काफ़ी समय बिताए. अगर मैं किसी लड़की को अपनी जीएफ बना कर रखूंगा, तो फिर मेरा बिजनेस डूब जाएगा और मेरी सारी मेहनत बेकार हो सकती है.
मम्मी- वाह मेरे बेटे … शाबाश!
यह कह कर मम्मी ने मुझको अपनी बांहों में ले लिया और चूमने लगीं.
मैंने भी अपने गाल मम्मी के गाल से सटा कर उनके साथ अपना प्यार जताया.
मम्मी ने मुझे अपने हाथों से खींचते हुए अपनी गोद में बैठाने का जतन किया.
मैंने भी मम्मी को चूमा और उनकी गोद में बैठ गया.
अब मम्मी बोलीं- बेटा एक बात पूछना चाहती हूँ तुमसे … सच सच बताना!
मैंने कहा- हां मम्मी पूछो न आप! क्या पूछना चाहती हैं आप?
मम्मी- बस यही कि बेटा इच्छा तो होती ही होगी न मन को शांत करने की … तो कैसे करते हो?
मैंने कहा- सच बोलूं तो मम्मी मैं आपको देख कर रोज मुठ मारता हूं.
मम्मी मेरे गाल पर हाथ फेर कर बोलीं- बेटा ये गलत बात है, मैं तेरी मां हूँ!
मैं- तो मम्मी अगर मैंने गर्लफ्रेंड बनाई, तो फिर मैं बिजनेस नहीं कर सकता. उस सूरत में मुझको काम करने के लिए शहर से बाहर जाना होगा. अगर आप बोलो, तो मैं शहर चला जाता हूँ.
यह सुनकर मेरी मां तुरंत ही रोने लगीं और बोलीं- बेटा तू मेरा इकलौता बेटा है. मैं तुझे कभी बाहर नहीं जाने दे सकती हूँ … उसके लिए मुझे चाहे जो करना पड़े.
मैंने मम्मी के गालों पर टपकते हुए आंसुओं को पौंछा और उन्हें अपने सीने से सटा कर बोला- मम्मी, तुम भी बच्चों जैसी रोने लगीं, चुप हो जाओ!
मैं मां की पीठ को सहला रहा था, उनके दूध मेरे सीने में गड़ रहे थे, जिससे मेरे अन्दर मम्मी को चोदने की आग जग रही थी.
तभी मम्मी चुप होकर बोलीं- बेटा, पहले तुम बोलो कि तुम घर छोड़ कर नहीं जाओगे! तुम्हें अपने पास रखने के लिए मैंने सब कुछ तुम्हें दे दूँगी!
मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख कर देखा कि मम्मी क्या कहती हैं.
मेरे होंठों के चुंबन से मम्मी ने मेरा साथ देना शुरू कर दिया और वे मुझे चूमने लगीं.
एक मिनट के बाद मैं उनके होंठों से अलग हुआ और मैंने कहा- मम्मी, मुझे आपको चोदने का मन कर रहा है!
मम्मी- ठीक है बेटा, तुम जैसे चाहो … जैसे तुम बोलो, मैं तैयार हूँ. पर इस बात को हम दोनों के सिवाए कोई और नहीं जान पाए!
मैं- ठीक है मम्मी, मैं पापा को भी पता नहीं चलने दूंगा.
फिर मम्मी ने मुझको अपनी बांहों में लेकर चूमा और कहा- बेटा, चलो पहले हम दोनों खाना खा लेते हैं, फिर तुम जो चाहो … वही करेंगे.
मैं- ठीक है मम्मी, आई लव यू मम्मी.
मम्मी- लव यू टू राहुल बेटे.
उसके बाद मम्मी ने हम दोनों के लिए एक ही थाली में खाना लगाया.
मैंने कहा- मम्मी, मुझे आपकी गोद में बैठ कर खाना है.
मम्मी हंस कर बोलीं- ठीक है.
मैं उनकी गोद में उनके सीने से अपना सीना लगा कर बैठ गया और मस्ती से मम्मी की चूचियों को दबाने लगा.
मम्मी कामुक भाव से बोलीं- आह बेटा … पहले खाना खा लो, दूध बाद में पी लेना!
मैंने कहा- मम्मी आप खाना खिलाओ … मैं आपकी चूचियों को दबाता हूँ.
मम्मी ने कहा- ठीक है, जैसा तुम्हारा जी चाहे.
अब मैंने मम्मी का ब्लाउज खोल दिया और मम्मी की एक चूची को दबाने लगा.
यह देख कर मम्मी ने चावल का ग्रास अपने एक दूध पर रख दिया और इशारा किया कि लो दूध भात खा लो.
इस तरह से मैं मम्मी की चूचों के माध्यम से खाना खाने लगा.
ऐसे मम्मी ने अपने दोनों मम्मों के जरिए मुझे खाना खिलाना चालू कर दिया.
वे अपने दोनों थनों पर बारी बारी से कभी सब्जी रख कर मुझे खिलातीं, तो कभी अचार को निप्पल पर लगा कर दूध चुसवाने लगतीं.
इस तरह से खाना खाते खिलाते मेरे साथ मम्मी भी एकदम गर्म हो चुकी थीं.
मैंने खाना खत्म करके मम्मी से कहा- चलो मम्मी अब बेडरूम में चलो. अब रहा नहीं जाता.
मम्मी भी बोलीं- हां बेटा मुझसे भी अब रहा नहीं जाता, मुझे खुद तुम्हारी बांहों में समाने का जी कर रहा है.
उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे बेडरूम में ले आईं.
वे बोलीं- बेटा आज तुम मुझे अपनी गर्लफ्रेंड समझ कर खुल कर अपनी बात बोलो, जो भी तेरा मन चाहे!
मैंने कहा- क्या मैं आपको गाली भी दे सकता हूँ?
मम्मी ने हंस कर गाली देते हुए ही कहा- हां साले … आज तू मादरचोद बन जा!
मैंने भी उनकी एक चूची को खींच कर कहा- ठीक है मेरी रंडी मम्मी. आज मैं आपकी चूत की धज्जियां उड़ा दूंगा.
वे वासना में बोलीं- हां उड़ा दे मेरे मादरचोद लौंडे.
मैंने मम्मी का आधा लटका ब्लाउज और अधखुली ब्रा को उनके बदन से अलग कर दिया और चूची को चूस कर कहा- मैं देखता था कि पापा आपको चोद कर बाजू में लेट कर सो जाते थे और आप अपनी चूत को अपने हाथ से मसलती रहती थीं.
वे भी मेरे लंड को टटोल कर कहने लगीं- हां बेटा, सच में मैं तेरे पापा के लंड से बहुत ज्यादा खुश नहीं हूँ, अब उनकी उम्र हो चली है.
मैं अपनी मां को अपनी बांहों में भर कर किस करने लगा.
मां भी मेरे होंठों को किस करने लगीं.
मैंने उनके मुँह में अपनी जीभ डाल दी तो वे और ज्यादा चुदासी हो गईं.
मम्मी सिसकारियां भरती हुई बोलीं- आह बेटा … अब रुका नहीं जा रहा … प्लीज जल्दी से मेरी चुदाई कर दो अब तो लंड की तड़प से मेरी जान निकल रही है!
मैंने यह सुनते ही मम्मी को पूरी नंगी कर दिया.
मम्मी भी मुझको नंगी करने लगीं.
उन्होंने मेरा अंडरवियर उतारा तो वे मेरा खड़ा लौड़ा देख कर खुश होकर बोलीं- वाह बेटा, तेरा लौड़ा तो पापा से भी अधिक लंबा और मोटा है.
मैंने मम्मी से कहा- हां मेरी रंडी … यह सात इंच का लौड़ा है. बस आप इसको चूस कर जरा चिकना कर दो … फिर मैं आपको इसकी ताकत का अहसास करवाता हूँ.
मेरी मम्मी लंड चूसने लगीं.
पांच मिनट बाद मम्मी बोलीं- बेटा मेरी चूत की क्लिट को भी अपनी जीभ से चाटो न!
मैंने मम्मी को 69 में लिया और उनकी चूत की क्लिट को चाटने लगा.
मम्मी एकदम से भड़क उठीं और मेरा सर पकड़ कर बोलीं- आह बेटा मजा आ गया … आह अब बस तू अपनी मम्मी को चोदना चालू कर दे … मेरी बुर लंड के वियोग से फट रही है, इसको चुदने के चुल्ल हो रही है.
मैंने भी मम्मी को किस करके कहा- ठीक है मम्मी, चलो अब आज आपका बेटा आपकी चूत को चोदने जा रहा है.
मम्मी बोलीं- हां बेटा अपने लौड़े से अपनी मां चोद दो.
मां को सीधा लेटा कर मैंने लौड़ा मां की चूत में पेल दिया.
मैंने एक ही झटके में अपना आधा लौड़ा मम्मी की बुर में घुसेड़ दिया था.
इससे मम्मी दर्द से सिसकने लगीं और बोलीं- आह बेटा, पहले धीरे धीरे से अपना पूरा लौड़ा अन्दर डालो … फिर तेज तेज से पेलो अपनी प्यासी मम्मी को.
मैंने वैसे ही किया.
मैं मम्मी को धकापेल चोदने लगा.
करीब 15 मिनट तक हम दोनों ने Xxx माँ चुदाई का मजा लिया.
अब मैं झड़ने वाला था, मैंने मम्मी से कहा- मैं बस आने वाला हूँ.
मम्मी भी बोलीं- हां बेटा, आ जा मेरी भी चूत से धात आने वाली है.
मैं बोला- मम्मी मैं अपना वीर्य कहां निकालूँ जल्दी बोलो!
मम्मी बोलीं- मेरी चूत में ही निकाल दे मेरे मादरचोद लाल!
मैं मम्मी को जोर जोर से धक्का लगाने लगा.
मम्मी भी आह आह ऊह करने लगीं- आह मेरे मादरचोद बेटे … आह पेल और जोर जोर से चोद अपनी प्यासी मम्मी को!
हम दोनों एक साथ ही झड़ गए.
मैं अपनी मम्मी के ऊपर ही लेटा रहा और अपना लौड़ा उनकी चूत में ही डाले सो गया.
मम्मी भी मुझको प्यार से किस करने लगीं.
कुछ देर बाद मम्मी बोलीं- बेटा, अपनी मां को चोदने में कैसा लगा! जिस छेद से तुम जन्मे हो, आज उसी की चुदाई करने में क्या लगा?
मैं बोला- मम्मी, किस्मत वालों को ही मिलता है ऐसा मौका कि जिस छेद से वह जन्मे … उसी छेद को वह चोद पाए!
मम्मी हंसकर बोलीं- सच कह रहा है बेटा … आई लव यू राहुल बेटा. आज के बाद हम तुम्हारे लिए पत्नी, रंडी, गर्लफ्रेंड, मम्मी सब कुछ हूं. अब तुम मुझे जिस रूप में रखना चाहो, रखो.
मैं बोला- लव यू टू मम्मी. मैं भी आज से आपका पति, बीएफ, बेटा सब कुछ हूँ. अब हम दोनों रोज नए नए स्टाइल में चोदा चोदी कर सकते हैं.
मम्मी मेरे मुँह में अपने एक दूध को देती हुई बोलीं- हां बेटा!
कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैंने कहा- फिर से चुदाई करें?
मां बोलीं- बेटा, इसमें पूछने की क्या बात है. आ जाओ और फिर से चोद दो अपनी मम्मी को. मैं तो यहीं नंगी ही पड़ी हूँ तुम्हारे नीचे!
मैं माँ की चूत से लंड निकाल कर अलग हुआ और मां फिर से मेरा लौड़ा चूसने लगीं. मैं भी मां की चूत में उंगली डालने लगा.
कुछ ही मिनट बाद मैंने फिर से अपनी मम्मी को चोदना शुरू कर दिया.
इस बार मम्मी भी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा खूब साथ दे रही थीं.
मैंने मम्मी को कुछ देर चोदा. उसके बाद उन्हें घोड़ी बना कर चोदने लगा.
मम्मी ‘आह सीसी सीई उन्ह आह …’ कर रही थीं.
मैंने अपनी मम्मी को करीब बीस मिनट तक चोदा.
उसके बाद हम दोनों मां बेटे एक साथ झड़ गए.
मैं अपनी मम्मी के ऊपर ही कुछ देर तक पड़ा रहा और बाद में उनके साथ सेक्सी बातें करने लगा.
मम्मी बोलीं- बेटा, अब तुम मुझे साफ करो और कपड़े पहना दो.
मैंने भी मम्मी को गोदी में उठाया और बाथरूम में ले जाकर उनकी चूत को चाट कर साफ़ कर दिया.
उसके बाद पानी से चूत धोकर बाहर आ गया और उन्हें पैंटी ब्रा ब्लाउज साड़ी आदि सब पहना दिया.
मम्मी ने भी मेरे लंड को चूस कर साफ कर दिया और चड्डी पहना दी.
अब घर में मैं मम्मी को बीवी कह कर बुलाता हूं.
दोस्तो, इसके बाद मैंने अपनी मां से शादी की और उनके साथ सुहागरात मनाई व हनीमून पर ले गया.
इस सबकी रस भरी सेक्स कहानी को मैं अगले भाग में लिख कर बताऊंगा.
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