इंडियन भाभी Xxx कहानी में मेरे पड़ोस की भाभी मुझे भाई जैसा मानती थी. मैं भी उन्हें बहन जैसी मानता था. फिर हम दोनों के बीच सेक्स कैसे हुआ?
अन्तर्वासना और फ्री सेक्स कहानी के सभी पाठक एवं पठिकाओं को मेरी तरफ से सादर अभिवादन.
मैं आप सभी का जाना पहचाना विशु कपूर हूँ लेकिन antarvana3. एक ऐसी साइट है जहां प्रतिदिन नए पाठक और पठिकाएं जुड़ते हैं.
ऐसी स्थिति में मेरा परिचय देना थोड़ा लाजमी हो जाता है.
मैं आगरा से 26 साल का विशु कपूर हूँ.
मैं अपने काम के सिलसिले में देश के कोने कोने में आता जाता रहता हूँ.
ऊपर वाले ने मुझे बचपन से ही मुझे लम्बा और मोटा लंड दिया है.
वैसे तो सेक्स में लंड का साइज मैटर नहीं करता है बल्कि स्टैमिना मैटर करता है.
दोस्तो, मैं आप सभी को एक अहम बात तो बताना ही भूल गया कि मैं पैंट या पजामा, लोअर, जीन्स या फिर ट्रॉउज़र के नीचे कुछ भी नहीं पहनता हूँ. इसका कारण यह है कि लड़कियों की सबसे पहली नजर मेरी टाँगों के बीच में ही जाती है और उसे मेरे मुरझाए हुए मोटे लंड का अहसास बड़ी आसानी से हो जाता है और वह मुझसे अपनी प्यास बुझवाने के लिए जल्द ही राजी हो जाती है.
यह इंडियन भाभी Xxx कहानी नवंबर 2022 की है. वह रविवार की सुबह थी. हालांकि अक्टूबर में हर साल हल्की हल्की सर्दी शुरू हो जाती है, जिससे नहाने या पानी का काम करने में सर्दी लगती है.
मैं आप सभी से एक बात बताना चाहता हूँ कि जब भी मैं अपने घर में होता हूँ तो हम तीनों (मैं, ज्योति और पायल) ही बिल्कुल नंगे रहते हैं. हम लोग कपड़े तभी पहनते हैं … या तो जब कभी किसी को घर से बाहर जाना हो … या फिर घर में कोई रिश्तेदार आ जाए.
अन्यथा हम तीनों ही बिल्कुल नंगे रहते हैं.
रविवार की सुबह थी और मैं अपने घर के आंगन में ज़मीन पर प्लास्टिक के गद्दे पर पीठ के बल लेटकर ज्योति और पायल से अपने लंड की तेल मालिश करवा रहा था.
उसी दरमियान कुछ समय बाद मेरे मोबाइल पर रीना (मेरी पड़ोसन) भाभी का कॉल आया, जिसे पायल ने रिसीव किया.
उसने मुझसे कहा कि मैं रीना भाभी से बात करूँगी.
इधर रीना भाभी का परिचय देना भी थोड़ा जरूरी हो जाता है.
मेरे पड़ोस में एक परिवार रहता था, जिसमें प्रमोद अंकल (50 साल), स्नेहा आंटी (45 साल), उन दोनों के बेटे अरुण भैया (27 साल) और अरुण भैया की पत्नी रीना भाभी (22 साल) के रहते थे.
अरुण भैया की शादी को अभी मुश्किल से दस महीने ही हुए थे.
लेकिन अरुण भैया का जॉब लंदन में था तो वे अकेले ही लंदन में रहते थे.
हालांकि अरुण भैया ने शादी के बाद रीना भाभी को लंदन ले जाने की कोशिश भी की लेकिन प्रमोद अंकल ने स्पष्ट शब्दों में रीना भाभी को ले जाने से मना कर दिया था.
रीना भाभी भी एक संस्कारी बहू थीं तो उन्होंने भी अपने सास ससुर की बात की इज़्ज़त करते हुए अरुण भैया से लंदन जाने की मना कर दी.
फिर मजबूरन अरुण भैया को अकेले ही लंदन जाना पड़ा.
तभी से रीना भाभी, प्रमोद अंकल और स्नेहा आंटी के साथ यहीं रह गईं.
रीना भाभी मुझे प्यार से विशु भैया बोलती थीं और मैं भी उनको बहन की नजर से ही देखा करता था.
ज्यादातर मैं ही उनके छोटे मोटे काम कर दिया करता था.
जब पायल ने फ़ोन मुझे दिया और कहा कि आपकी रीना भाभी का फ़ोन है.
तो मैंने जैसे ही हैलो बोला, तो उधर से आवाज आई.
रीना भाभी- विशु भैया, आप कहां हो अभी?
मैं- अपने घर … क्यों आपको मुझसे कुछ काम था?
रीना भाभी- हां विशु भैया, वोल्टेज फ्लकच्यूशन की वजह से मेरे घर के बाथरूम के गीज़र का प्लग ख़राब हो गया है. इसलिए आपसे विनती है कि आप प्लीज आकर उसे देख लो क्योंकि मेरी ठंडे पानी से नहाने का बिल्कुल मन नहीं कर रहा है. यही सोचकर मैंने जब गीजर ऑन किया, तभी पता चला कि उसका प्लग जल चुका है. इसलिए प्लीज आप आ जाओ और उसे सही कर दो!
मैं- ओके भाभी, मैं आपके पास दस बजे तक आ पाऊंगा.
अपने सभी काम से फ़ारिग होकर मैं नहा धोकर करीब दस बजे रीना भाभी के घर पहुंच गया.
दोस्तो, मैं आप सभी को यह बताना ही भूल गया कि मेरे किसी भी पड़ोसी, चाहे वह मेल हो या फीमेल सभी लोग बहुत ही इज्जत से बात करते थे.
जैसे ही मैं रीना भाभी के यहां पहुंचा और मैंने उनके घर के दरवाजे की डोरबेल बजाई तो दरवाजा खोलने रीना भाभी ही आईं.
उन्होंने मेरा स्वागत मुस्कुराते हुए किया और अन्दर आने के लिए बोला.
मैंने इधर उधर देखा और रीना भाभी से पूछा कि भाभी आंटी और अंकल दिखाई नहीं दे रहे हैं, कहां हैं वे दोनों?
भाभी बोलीं- विशु भैया, वे दोनों आज एक हफ्ते के लिए सुबह ही तीर्थयात्रा के लिए निकले हैं.
मैंने ओके कहा और उनके बाथरूम की तरफ जाकर चैक किया तो देखा कि स्विच वाला पूरा बोर्ड ही जला हुआ है.
मैंने रीना भाभी को बुलाया और कहा- भाभी, थोड़ी देर के लिए बिजली को डिसकनेक्ट करना होगा, जिससे मैं अपना काम आसानी से निपटा सकूँ. आप बताएं कि मेन बोर्ड किधर है?
भाभी ने मुझे बता दिया कि घर का मेन स्विच बोर्ड वहां है.
मैंने रीना भाभी से पूछा- भाभी, क्या आपके घर में कोई दूसरा स्विच बोर्ड बोर्ड है या फिर मार्केट से खरीदना पड़ेगा?
भाभी ने बताया- भैया, ये तो नहीं है. आपको बाजार से ही खरीदना पड़ेगा. बस आप दो मिनट रुको मैं आपको पैसे देती हूँ.
दो मिनट बाद ही रीना भाभी ने मुझे 500 रुपये का नोट दिया, तो तुरंत ही मैं बोर्ड लेने बाजार आ गया और बोर्ड लेकर रीना भाभी के घर लौट आया.
मैं मेन स्विच से पूरे घर की लाइट काट कर अपने काम में लग गया.
तभी कुछ देर बाद रीना भाभी के घर की डोरबेल बजी, जिसे रीना भाभी ने खोला.
मैंने देखा कि करीब 22-23 साल की दो महिलाएं आई हुई थीं, जिनसे रीना भाभी मुस्कुराती हुई गले मिलीं.
उन्होंने उन दोनों को घर के अन्दर आने को बोला.
जैसे ही मैंने बोर्ड खोलने के लिए पेंचकस लगाया तो पता चला पानी से भीगने के कारण उस बोर्ड के सभी पेंच जंक से झंड हो चुके हैं.
मैंने फिर से रीना भाभी को आवाज़ लगाई और उनको छैनी और हथौड़ा लाने को बोला.
तभी उन दोनों महिलाओं की नजर मुझ पर पड़ी.
उन दोनों के नाम रीना भाभी श्रेया और श्रावनी (बदले हुए नाम) के नाम से पुकार रही थीं.
उन्होंने मुझे बताया कि श्रेया (22 साल) कमला नगर के ई-ब्लॉक में रहती है. उसके पति का जूते का एक बहुत बड़ा कारखाना है और वह ज्यादातर आगरा से बाहर ही रहता है.
और श्रावनी (22 साल) ट्रांस यमुना के ए-ब्लॉक में रहती है और उसका पति किसी एमएनसी में काम करता है. वह भी ज्यादातर आगरा से बाहर ही रहता है.
रीना भाभी ने मुझे छैनी और हथौड़ा लाकर दे दिया, जिससे मैं बोर्ड के पेंच काटने लगा.
तभी श्रावनी ने रीना भाभी से पूछा- रीना ये विशु यहाँ क्या कर रहा है?
रीना भाभी ने आश्चर्य पूर्वक श्रावनी से कहा- क्या तू विशु भैया को जानती भी है?
श्रावनी ने कहा- यार ये तेरा विशु भैया कॉलबॉय है. मेरे पड़ोस में रहने वाली शालू को तो तू जानती ही है, वह इसकी बहुत पुरानी क्लाइंट है. उसी ने मुझे बताया था.
रीना भाभी ने जवाब दिया- श्रावनी तू बिल्कुल पागल है क्या? तुझे कुछ पता भी है कि तू क्या अनाप शनाप बक रही है? विशु भैया ऐसे नहीं है, वह तो एक कंपनी में काम करते हैं और हम दोनों एक दूसरे से भाई बहन के जैसा व्यवहार करते हैं. तुम दोनों तो अच्छे से मुझे जानती ही हो तो क्या मैं तुम दोनों को ऐसी वैसी लगती हूँ, जो मैं ऐसे काम करूँगी?
तो श्रावनी तुरंत ही बोली- यार रीना, इसमें बुराई भी क्या है? जब हस्बैंड महीनों के हिसाब से बाहर रहता है, तो सोच उसकी एब्सेंस में अगर मन करेगा … तो बता तू क्या करेगी? मैं मानती हूँ कि तू 100% उंगली करती होगी लेकिन जो मजा लंड से आता होगा, वह कभी भी उंगली से नहीं आ सकता. और हां मैं जानती हूँ कॉलबॉय को बुलाने का क्या फायदा होता है? इसलिए मैं समझ सकती हूँ कि बिना पति के सबका मन करता है. फिर तू हम दोनों से अपने मन की बात कैसे छुपा सकती है. आखिर हम दोनों ही तेरी बचपन की सहेलियां हैं … और रहा इस लड़के का सवाल, तो मैं तुझे क्लियर कर दूँ कि श्रावनी बिल्कुल सही कह रही है.
उन तीनों में बहुत देर तक खुसुर पुसुर होती रही.
खैर … मैं गीजर का काम करके अपने घर चला आया.
करीब पंद्रह मिनट बाद मेरे मोबाइल पर फिर से घंटी बजी.
इस बार मैंने फ़ोन उठाया.
इस बार कॉल अननोन नंबर से आया. मेरा मतलब नंबर सेव नहीं था.
मैंने फ़ोन उठाया तो श्रेया की सी आवाज लगी जिसे मैंने पहचान लिया था.
श्रेया ने मुझसे कहा कि विशु बोल रहे हो ना?
मैंने कहा- जी हां, मैं विशु ही बात कर रहा हूँ. लेकिन मेम, आप कौन बोल रही हैं? मैंने आपको पहचाना नहीं!
श्रेया ने उधर से कहा- मैं आपकी पड़ोसन रीना भाभी की सहेली श्रेया बात कर रही हूँ. हम लोगों ने तुम्हारी तारीफ सुनी है. रीना का पति लन्दन में रहता है. इसलिए प्लीज तुम हम तीनों को मजा दे दो!
तो मैंने सोचा कि नाटक करने का कोई मतलब नहीं है. अब मुझे भी अपनी असली पोजीशन पर आ जाना चाहिए.
मैंने श्रेया से कहा- मैम, मैं आपको और आपकी सहेली श्रावनी मैम को तो चोद सकता हूँ. लेकिन रीना भाभी को नहीं चोदूंगा क्योंकि वह मेरी भाभी हैं. मैं आप दोनों से अपनी फीस भी लूँगा.
श्रावनी ने श्रेया से फ़ोन छीनते हुए कहा- सुनो विशु, हमारी सहेली और तुम्हारी रीना भाभी भी शादी के बाद से लंड के लिए तड़प रही है … इसलिए ये मत सोचो कि वह तुम्हारी भाभी है. आप हम तीनों की चूत और गांड की तड़प अपने लंड का पानी पिलाकर बुझाओ. तुरंत रीना के घर चले आओ.
मैंने ओके कहा और बताया- मैम, मैं आपसे कोई सवाल जवाब नहीं कर रहा हूँ बल्कि मैं आप लोगों को यह बताना चाहता हूँ कि बाल वाली चूत पसंद नहीं है. अगर आपको मुझसे चुदना है तो आपको अपनी चूत के बाल साफ करने होंगे.
उसने ओके कहा और फ़ोन काट दिया.
मैंने जल्दी से अपना खाना खत्म किया और लोअर पहनकर निकल आया.
मैं दस मिनट बाद रीना भाभी के घर फिर से पहुंच गया.
इस बार मैंने पाया कि प्लान के मुताबिक रीना भाभी उस समय घर पर नहीं थीं.
श्रावनी ने मुख्य दरवाजे को लॉक कर दिया और वे दोनों मुझे अन्दर वाले कमरे में ले गईं, जो रीना भाभी का बेडरूम था.
मैंने उन दोनों से पूछा- रीना भाभी कहां हैं?
तो उन लोगों ने मुझे बताया कि वह बाजार गई हैं और करीब एक घंटा बाद आएगी. तब तक आप हम दोनों को चोद सकते हो. बाद में उसे चोद लेना.
यह कहकर ही श्रेया और श्रावनी ने मेरे होंठ और गाल चूम लिए.
धीरे धीरे वे दोनों बिल्कुल नंगी हो गईं.
अब उन दोनों को देख कर मुझ जैसे चोदू को कैसे रोका जा सकता था.
हम कपडे खोल कर शुरू हो गए.
पर थोड़ी देर बाद मेन गेट की घंटी बजी तो हम सबकी गांड फट गई कि कहीं कोई पड़ोसी ना आ गया हो.
मैं सीधा बाथरूम में घुस गया.
श्रेया ने रीना भाभी की मैक्सी पहनकर गेट खोला तो पता चला कि कोई पड़ोसी नहीं बल्कि रीना भाभी थीं.
श्रेया ने तो रीना भाभी की मैक्सी पहन ली थी लेकिन श्रावनी और मैं बिल्कुल नंगे थे.
बस फर्क यह था कि मैं बाथरूम में था और श्रावनी अन्दर वाले कमरे में.
बाथरूम के अन्दर मेरी हालत ऐसी हो रही थी जैसे मानो मेरे काटे खून ना हो क्योंकि इधर मेरे पास कोई भी कपड़ा नहीं था और मैं नंगा रीना भाभी के सामने जा नहीं सकता था.
अब आप ही बताइए कि जिस औरत की आप बहुत इज्जत करते हों, क्या उसके सामने बिल्कुल नंगे जा सकोगे? नहीं ना!
लेकिन रीना भाभी की दोनों सहेलियां बहुत ज्यादा बेशर्म थीं.
उन्होंने रीना भाभी को मुझसे चुदने के लिए राजी कर ही लिया.
श्रेया और श्रावनी ने रीना भाभी को बिल्कुल नंगी कर दिया और मुझे बाथरूम से निकाला.
जब मैंने बाथरूम के की-होल से देखा, तो देखा कि रीना भाभी बिल्कुल नंगी हो चुकी थीं.
वे भी अपनी सुहागरात के बाद से लंड के लिए बहुत परेशान थीं … और हों भी क्यों नहीं.
आखिर उनका पति लन्दन में रहता था. पर संस्कारी बहू होने के कारण कहीं बाहर जाकर चुद नहीं सकती थीं क्योंकि उनके साथ उनके सास ससुर रहते थे.
एक संस्कारी औरत के लिए बहुत मुश्किल होता है कि वह अपने पति के अलावा किसी और मर्द से चुदने की सोच भी सके.
रीना भाभी के पति देश से बाहर रहते थे और आज उनकी सहेलियों द्वारा उनको आज मौका मिला था, लेकिन फिर भी वह किसी और से चुदना नहीं चाहती थीं.
फिर किसी तरह से उनकी सहेलियों ने उनको अत्यधिक उत्तेजित कर दिया था, जिससे भाभी मुझसे चुदने के लिए राजी हो गई थीं.
तब तक श्रेया ने रीना भाभी की चूत को चाट चाट कर गर्म कर दिया था और उस दौरान रीना भाभी को एक बार झड़ा दिया था जिससे श्रेया का चेहरा रीना भाभी के रज से भीग गया था.
श्रेया बाथरूम में जाकर अपना मुँह धोकर आई.
इस दौरान रीना भाभी ने श्रावनी के बहुत कहने पर मेरा लंड पहले देखने की मांग की.
मैंने तुरंत ही तौलिया खोल दिया तो अनायास ही रीना भाभी के मुँह से निकल गया कि हाय राम यह सिकुड़ा हुआ ही कितना लम्बा और मोटा है, तो खड़ा होने के बाद कितना बड़ा और मोटा होगा? … और खड़ा होने के बाद तो मेरे छोटे से छेद में कैसे घुसेगा?
मैंने रीना भाभी को समझाया कि भाभी जिस तरह से हर इंसान के हाथ की पाँच उंगलियां एक सी नहीं होतीं, उसी प्रकार हर लड़के का लंड एक सा नहीं होता. किसी का बड़ा होता है तो किसी का छोटा और किसी का मोटा, तो किसी का पतला होता है लेकिन हर लड़के के लंड को लड़की या औरत की चूत ले ही लेती है. क्योंकि चूत का छेद लचीला होता है.
रीना भाभी बोलीं- विशु भैया, आपके इस भीमकाय लंड से तो मेरी चूत बिल्कुल फट जाएगी!
मैंने कहा- भाभी, लंड का तो काम ही है चूत को फाड़ना … और फिर लंड तो चूत को फाड़कर ही घुसता है. हां छोटे और पतले लंड के घुसने में … और एक बड़े और मोटे लंड के घुसने में बस एक ही फर्क है कि छोटे और पतले लंड से पहली बार चुदने से शुरू में दर्द कम होता है और मजा भी कम ही आता है. वहीं बड़े और मोटे लंड से चुदने से शुरू में दर्द कुछ ज्यादा होता है लेकिन बाद में मजा भी बहुत आता है. क्योंकि बड़ा और मोटा लंड चूत की दीवारों से मोटाई के कारण ग्रिप बनाकर घर्षण करते हुए घुसता है और लम्बाई के कारण बच्चेदानी के मुँह तक की खबर लेता है. जिससे लड़की या औरत को बहुत मजा आता है. बस सिर्फ एक बात का खतरा रहता है. वह यह कि चाहे लड़की या औरत को पीरियड आया हो या ना आया हो … अगर बड़े और मोटे लंड वाले लड़के ने कंडोम ना पहना हो तो लड़की या औरत के प्रेग्नेंट होने के चान्स बहुत अधिक रहते हैं. इसलिए बड़े और मोटे लंड वाले लड़के से चुदाई करवाने से पहले सावधानी जरूर रखनी चाहिए ताकि वह लड़की या औरत प्रेग्नेंट ना हो.
रीना भाभी मेरी बात को बड़े ही ध्यान से सुन रही थीं लेकिन श्रेया और श्रावनी के बहुत अधिक जोर देने के कारण रीना भाभी मेरा लंड चूसने को राजी हो गईं.
अब लंड अपनी असली रंगत में आ चुका था. इतना मोटा लवड़ा किसी भी महिला के मुँह में जाना आसान नहीं था.
फिर भी रीना भाभी ने बहुत कोशिश की, पर मेरा लंड उनके मुँह में आसानी से नहीं घुस पाया.
आखिरकार उन्होंने पहले तो मेरे लंड के सुपारे पर अपनी जीभ चलाई, फिर धीरे धीरे अपने मुँह में लेने की कोशिश की, जिससे उनका मुँह जल्दी ही दर्द करने लगा.
उन्होंने मुझे साफ साफ बोल दिया- विशु भैया, आपका लंड बहुत मोटा है. मैं आपके इस लंड को मुँह में नहीं ले सकती. आप अगर चाहो तो मैं आपके पोते चूस सकती हूँ.
तभी श्रेया ने मेरे लंड को खोला और लंड के सुपाड़े पर अपनी जीभ चलाने लगी.
रीना भाभी मेरे पोते चूसने लगीं.
दोस्तो, हालांकि श्रेया, श्रावनी और रीना भाभी को ऊपर वाले ने शायद फुर्सत से बनाया था, तभी तो नंगी होकर एकदम काम की देवी रति को भी मात दे रही थीं.
उसने एकदम गोल गोल तने हुए दूध और उन पर चिरोंजी जैसे निप्पल, सपाट पतला पेट … और मोटी मोटी सुडौल जाँघें. दोनों जांघों के बीच एक प्यारी सी गुलाबी चूत, मेरे लंड को सलामी ठोकने को मजबूर कर रही थी.
दोस्तो, रीना भाभी को चूमते चाटते कब 20 मिनट बीत गए, कुछ पता ही नहीं चला.
मैं तो उनके हुस्न में इतना खो गया कि क्या कहूँ.
रीना भाभी के शरीर में एक अलग ही कशिश थी, जो मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता.
खैर, मेरी तंद्रा जब भंग हुई, जब रीना भाभी ने मुझसे कहा- विशु भैया, प्लीज मुझे अब और मत तड़पाओ. अपना लंड मेरी चूत में डालकर इसकी प्यास बुझा दो.
मैंने श्रावनी को अपने पास बुलाया और कहा- आप प्लीज थोड़ी देर के लिए भाभी के होंठों को चूसो.
श्रावनी मेरी बात को एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह मान गई और रीना भाभी के होंठ अपने होंठों में भर कर चूसने लगी.
तभी मैंने रीना भाभी की चूत पर अपना लंड रखा और एक जोरदार धक्का लगा दिया.
लेकिन मेरा लंड भाभी की चुत में घुसने की बजाए नीचे फिसल गया.
यह देख कर रीना भाभी ने श्रावनी को अलग किया और मुझसे बोलीं- विशु भैया, प्लीज थोड़ा आराम से अपना लंड मेरी चूत में घुसाना.
मैंने रीना भाभी से पूछा- भाभी, आप मेरा लंड अपनी चूत में लेने के लिए तैयार हो न!
तो रीना भाभी ने कहा- हां, लेकिन प्लीज धीरे धीरे डालना ओके.
उन्होंने अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर रखा और मुझसे धीरे से धक्का लगाने को बोला.
तभी मैंने अपनी पूरी ताकत से एक जोरदार धक्का लगा दिया, जिससे मेरा लंड इंडियन भाभी की Xxx चूत को चीरता हुआ करीब 3 इंच तक घुस गया.
रीना भाभी की एक जोरदार चीख निकल गई और वह दर्द से कराहने लगीं.
लेकिन दोस्तो, मेरी एक आदत है कि मैं कभी भी किसी भी लड़की या औरत के ऊपर कोई भी रहम नहीं करता. चाहे वह लड़की या औरत कितनी भी चीखे चिल्लाए.
अब मैंने अपने लंड को वहीं तक ही पेल कर रोक लिया और रीना भाभी की चूत में घुसे रहने दिया.
अब मैं धीरे धीरे कमर हिला कर धक्के लगाने लगा और अपने दोनों हाथों से रीना दबाने लगा.
बीच बीच में उनके दूध को चूस भी लेता था, जिससे उनको भी मजा आए.
मेरी यही कोशिश रहती है कि जिस किसी क्लाइंट को मैं चोदूँ, उसे उसके पैसे की पूरी वसूली मिले. मेरा मतलब उसे पूरा मजा आए.
मैंने थोड़ी देर ही धक्के लगाए थे कि रीना भाभी नीचे से अपनी कमर उचकाने लगीं.
तभी मैंने अपने लंड को रीना भाभी की चूत से बिना निकाले पूरा बाहर खींच लिया और दुगनी ताकत से दूसरा धक्का लगा दिया.
इस बार मेरा लंड रीना भाभी की चूत को चीरता हुआ गहराई तक घुस गया.
इससे रीना भाभी को बहुत अधिक दर्द हुआ.
वे इस बार दर्द को बर्दाश्त नहीं कर सकीं और बेहोश हो गईं.
उनकी दोनों सहेलियों ने उनके मुँह पर पानी मारकर उनको होश में लाई.
तब तक मैंने एक और धक्का लगाकर अपना लंड रीना भाभी की चूत में पूरा घुसा दिया.
पूरा लंड घुस जाने के बाद मैं थोड़ी देर को रुक गया और बारी बारी से उनके दोनों दूध को निचोड़ निचोड़ कर पीने लगा.
मैं धीरे धीरे अपने लंड को रीना भाभी की चूत में आगे पीछे करने लगा.
थोड़ी देर के बाद रीना भाभी ने मुझसे कहा- विशु भैया, मुझे जोर जोर से चोदो.
उनकी इस बात से मुझे भी जोश आ गया, मैंने भी अपनी रफ्तार बढ़ा दी.
उसी तेज रफ्तार से मैंने अभी भाभी को दस मिनट ही चोदा होगा कि रीना भाभी अचानक से ऐंठने लगीं और कुछ ही देर में भाभी की चूत ने एक जोरदार पिचकारी छोड़ दी, जो मुझे अपने लौड़े पर महसूस हुई.
मैंने धक्के लगाना नहीं छोड़ा और अलग अलग पोजीशन में उनको देर तक पेला.
जब मैंने घड़ी की तरफ देखा तो रात के 11:00 बज रहे थे.
हम बुरी तरह से थक चुके थे तो नंगे ही सो गए. लेकिन सर्दी का मौसम होने के कारण ठीक से नींद नहीं आने से हम जल्दी ही रीना भाभी के बेडरूम में एक दूसरे से चिपक कर सो गए.
फिर सुबह 05:00 हमने सेक्स किया.
आठ बजे मैंने अपने कपड़े पहने और अपने घर चला आया.
उस दिन के बाद जब भी मैं आगरा में होता और जैसे ही मुझे मौका मिलता, तो मैं रीना भाभी को चोद लेता था.
तो बताइए दोस्तो, आप सभी को मेरी इंडियन भाभी Xxx कहानी कैसी लगी.
अपने कमेंट्स मेरी मेल आईडी पर दें.
vishukpr2104@gmail.com
अन्तर्वासना और फ्री सेक्स कहानी के सभी पाठक एवं पठिकाओं को मेरी तरफ से सादर अभिवादन.
मैं आप सभी का जाना पहचाना विशु कपूर हूँ लेकिन antarvana3. एक ऐसी साइट है जहां प्रतिदिन नए पाठक और पठिकाएं जुड़ते हैं.
ऐसी स्थिति में मेरा परिचय देना थोड़ा लाजमी हो जाता है.
मैं आगरा से 26 साल का विशु कपूर हूँ.
मैं अपने काम के सिलसिले में देश के कोने कोने में आता जाता रहता हूँ.
ऊपर वाले ने मुझे बचपन से ही मुझे लम्बा और मोटा लंड दिया है.
वैसे तो सेक्स में लंड का साइज मैटर नहीं करता है बल्कि स्टैमिना मैटर करता है.
दोस्तो, मैं आप सभी को एक अहम बात तो बताना ही भूल गया कि मैं पैंट या पजामा, लोअर, जीन्स या फिर ट्रॉउज़र के नीचे कुछ भी नहीं पहनता हूँ. इसका कारण यह है कि लड़कियों की सबसे पहली नजर मेरी टाँगों के बीच में ही जाती है और उसे मेरे मुरझाए हुए मोटे लंड का अहसास बड़ी आसानी से हो जाता है और वह मुझसे अपनी प्यास बुझवाने के लिए जल्द ही राजी हो जाती है.
यह इंडियन भाभी Xxx कहानी नवंबर 2022 की है. वह रविवार की सुबह थी. हालांकि अक्टूबर में हर साल हल्की हल्की सर्दी शुरू हो जाती है, जिससे नहाने या पानी का काम करने में सर्दी लगती है.
मैं आप सभी से एक बात बताना चाहता हूँ कि जब भी मैं अपने घर में होता हूँ तो हम तीनों (मैं, ज्योति और पायल) ही बिल्कुल नंगे रहते हैं. हम लोग कपड़े तभी पहनते हैं … या तो जब कभी किसी को घर से बाहर जाना हो … या फिर घर में कोई रिश्तेदार आ जाए.
अन्यथा हम तीनों ही बिल्कुल नंगे रहते हैं.
रविवार की सुबह थी और मैं अपने घर के आंगन में ज़मीन पर प्लास्टिक के गद्दे पर पीठ के बल लेटकर ज्योति और पायल से अपने लंड की तेल मालिश करवा रहा था.
उसी दरमियान कुछ समय बाद मेरे मोबाइल पर रीना (मेरी पड़ोसन) भाभी का कॉल आया, जिसे पायल ने रिसीव किया.
उसने मुझसे कहा कि मैं रीना भाभी से बात करूँगी.
इधर रीना भाभी का परिचय देना भी थोड़ा जरूरी हो जाता है.
मेरे पड़ोस में एक परिवार रहता था, जिसमें प्रमोद अंकल (50 साल), स्नेहा आंटी (45 साल), उन दोनों के बेटे अरुण भैया (27 साल) और अरुण भैया की पत्नी रीना भाभी (22 साल) के रहते थे.
अरुण भैया की शादी को अभी मुश्किल से दस महीने ही हुए थे.
लेकिन अरुण भैया का जॉब लंदन में था तो वे अकेले ही लंदन में रहते थे.
हालांकि अरुण भैया ने शादी के बाद रीना भाभी को लंदन ले जाने की कोशिश भी की लेकिन प्रमोद अंकल ने स्पष्ट शब्दों में रीना भाभी को ले जाने से मना कर दिया था.
रीना भाभी भी एक संस्कारी बहू थीं तो उन्होंने भी अपने सास ससुर की बात की इज़्ज़त करते हुए अरुण भैया से लंदन जाने की मना कर दी.
फिर मजबूरन अरुण भैया को अकेले ही लंदन जाना पड़ा.
तभी से रीना भाभी, प्रमोद अंकल और स्नेहा आंटी के साथ यहीं रह गईं.
रीना भाभी मुझे प्यार से विशु भैया बोलती थीं और मैं भी उनको बहन की नजर से ही देखा करता था.
ज्यादातर मैं ही उनके छोटे मोटे काम कर दिया करता था.
जब पायल ने फ़ोन मुझे दिया और कहा कि आपकी रीना भाभी का फ़ोन है.
तो मैंने जैसे ही हैलो बोला, तो उधर से आवाज आई.
रीना भाभी- विशु भैया, आप कहां हो अभी?
मैं- अपने घर … क्यों आपको मुझसे कुछ काम था?
रीना भाभी- हां विशु भैया, वोल्टेज फ्लकच्यूशन की वजह से मेरे घर के बाथरूम के गीज़र का प्लग ख़राब हो गया है. इसलिए आपसे विनती है कि आप प्लीज आकर उसे देख लो क्योंकि मेरी ठंडे पानी से नहाने का बिल्कुल मन नहीं कर रहा है. यही सोचकर मैंने जब गीजर ऑन किया, तभी पता चला कि उसका प्लग जल चुका है. इसलिए प्लीज आप आ जाओ और उसे सही कर दो!
मैं- ओके भाभी, मैं आपके पास दस बजे तक आ पाऊंगा.
अपने सभी काम से फ़ारिग होकर मैं नहा धोकर करीब दस बजे रीना भाभी के घर पहुंच गया.
दोस्तो, मैं आप सभी को यह बताना ही भूल गया कि मेरे किसी भी पड़ोसी, चाहे वह मेल हो या फीमेल सभी लोग बहुत ही इज्जत से बात करते थे.
जैसे ही मैं रीना भाभी के यहां पहुंचा और मैंने उनके घर के दरवाजे की डोरबेल बजाई तो दरवाजा खोलने रीना भाभी ही आईं.
उन्होंने मेरा स्वागत मुस्कुराते हुए किया और अन्दर आने के लिए बोला.
मैंने इधर उधर देखा और रीना भाभी से पूछा कि भाभी आंटी और अंकल दिखाई नहीं दे रहे हैं, कहां हैं वे दोनों?
भाभी बोलीं- विशु भैया, वे दोनों आज एक हफ्ते के लिए सुबह ही तीर्थयात्रा के लिए निकले हैं.
मैंने ओके कहा और उनके बाथरूम की तरफ जाकर चैक किया तो देखा कि स्विच वाला पूरा बोर्ड ही जला हुआ है.
मैंने रीना भाभी को बुलाया और कहा- भाभी, थोड़ी देर के लिए बिजली को डिसकनेक्ट करना होगा, जिससे मैं अपना काम आसानी से निपटा सकूँ. आप बताएं कि मेन बोर्ड किधर है?
भाभी ने मुझे बता दिया कि घर का मेन स्विच बोर्ड वहां है.
मैंने रीना भाभी से पूछा- भाभी, क्या आपके घर में कोई दूसरा स्विच बोर्ड बोर्ड है या फिर मार्केट से खरीदना पड़ेगा?
भाभी ने बताया- भैया, ये तो नहीं है. आपको बाजार से ही खरीदना पड़ेगा. बस आप दो मिनट रुको मैं आपको पैसे देती हूँ.
दो मिनट बाद ही रीना भाभी ने मुझे 500 रुपये का नोट दिया, तो तुरंत ही मैं बोर्ड लेने बाजार आ गया और बोर्ड लेकर रीना भाभी के घर लौट आया.
मैं मेन स्विच से पूरे घर की लाइट काट कर अपने काम में लग गया.
तभी कुछ देर बाद रीना भाभी के घर की डोरबेल बजी, जिसे रीना भाभी ने खोला.
मैंने देखा कि करीब 22-23 साल की दो महिलाएं आई हुई थीं, जिनसे रीना भाभी मुस्कुराती हुई गले मिलीं.
उन्होंने उन दोनों को घर के अन्दर आने को बोला.
जैसे ही मैंने बोर्ड खोलने के लिए पेंचकस लगाया तो पता चला पानी से भीगने के कारण उस बोर्ड के सभी पेंच जंक से झंड हो चुके हैं.
मैंने फिर से रीना भाभी को आवाज़ लगाई और उनको छैनी और हथौड़ा लाने को बोला.
तभी उन दोनों महिलाओं की नजर मुझ पर पड़ी.
उन दोनों के नाम रीना भाभी श्रेया और श्रावनी (बदले हुए नाम) के नाम से पुकार रही थीं.
उन्होंने मुझे बताया कि श्रेया (22 साल) कमला नगर के ई-ब्लॉक में रहती है. उसके पति का जूते का एक बहुत बड़ा कारखाना है और वह ज्यादातर आगरा से बाहर ही रहता है.
और श्रावनी (22 साल) ट्रांस यमुना के ए-ब्लॉक में रहती है और उसका पति किसी एमएनसी में काम करता है. वह भी ज्यादातर आगरा से बाहर ही रहता है.
रीना भाभी ने मुझे छैनी और हथौड़ा लाकर दे दिया, जिससे मैं बोर्ड के पेंच काटने लगा.
तभी श्रावनी ने रीना भाभी से पूछा- रीना ये विशु यहाँ क्या कर रहा है?
रीना भाभी ने आश्चर्य पूर्वक श्रावनी से कहा- क्या तू विशु भैया को जानती भी है?
श्रावनी ने कहा- यार ये तेरा विशु भैया कॉलबॉय है. मेरे पड़ोस में रहने वाली शालू को तो तू जानती ही है, वह इसकी बहुत पुरानी क्लाइंट है. उसी ने मुझे बताया था.
रीना भाभी ने जवाब दिया- श्रावनी तू बिल्कुल पागल है क्या? तुझे कुछ पता भी है कि तू क्या अनाप शनाप बक रही है? विशु भैया ऐसे नहीं है, वह तो एक कंपनी में काम करते हैं और हम दोनों एक दूसरे से भाई बहन के जैसा व्यवहार करते हैं. तुम दोनों तो अच्छे से मुझे जानती ही हो तो क्या मैं तुम दोनों को ऐसी वैसी लगती हूँ, जो मैं ऐसे काम करूँगी?
तो श्रावनी तुरंत ही बोली- यार रीना, इसमें बुराई भी क्या है? जब हस्बैंड महीनों के हिसाब से बाहर रहता है, तो सोच उसकी एब्सेंस में अगर मन करेगा … तो बता तू क्या करेगी? मैं मानती हूँ कि तू 100% उंगली करती होगी लेकिन जो मजा लंड से आता होगा, वह कभी भी उंगली से नहीं आ सकता. और हां मैं जानती हूँ कॉलबॉय को बुलाने का क्या फायदा होता है? इसलिए मैं समझ सकती हूँ कि बिना पति के सबका मन करता है. फिर तू हम दोनों से अपने मन की बात कैसे छुपा सकती है. आखिर हम दोनों ही तेरी बचपन की सहेलियां हैं … और रहा इस लड़के का सवाल, तो मैं तुझे क्लियर कर दूँ कि श्रावनी बिल्कुल सही कह रही है.
उन तीनों में बहुत देर तक खुसुर पुसुर होती रही.
खैर … मैं गीजर का काम करके अपने घर चला आया.
करीब पंद्रह मिनट बाद मेरे मोबाइल पर फिर से घंटी बजी.
इस बार मैंने फ़ोन उठाया.
इस बार कॉल अननोन नंबर से आया. मेरा मतलब नंबर सेव नहीं था.
मैंने फ़ोन उठाया तो श्रेया की सी आवाज लगी जिसे मैंने पहचान लिया था.
श्रेया ने मुझसे कहा कि विशु बोल रहे हो ना?
मैंने कहा- जी हां, मैं विशु ही बात कर रहा हूँ. लेकिन मेम, आप कौन बोल रही हैं? मैंने आपको पहचाना नहीं!
श्रेया ने उधर से कहा- मैं आपकी पड़ोसन रीना भाभी की सहेली श्रेया बात कर रही हूँ. हम लोगों ने तुम्हारी तारीफ सुनी है. रीना का पति लन्दन में रहता है. इसलिए प्लीज तुम हम तीनों को मजा दे दो!
तो मैंने सोचा कि नाटक करने का कोई मतलब नहीं है. अब मुझे भी अपनी असली पोजीशन पर आ जाना चाहिए.
मैंने श्रेया से कहा- मैम, मैं आपको और आपकी सहेली श्रावनी मैम को तो चोद सकता हूँ. लेकिन रीना भाभी को नहीं चोदूंगा क्योंकि वह मेरी भाभी हैं. मैं आप दोनों से अपनी फीस भी लूँगा.
श्रावनी ने श्रेया से फ़ोन छीनते हुए कहा- सुनो विशु, हमारी सहेली और तुम्हारी रीना भाभी भी शादी के बाद से लंड के लिए तड़प रही है … इसलिए ये मत सोचो कि वह तुम्हारी भाभी है. आप हम तीनों की चूत और गांड की तड़प अपने लंड का पानी पिलाकर बुझाओ. तुरंत रीना के घर चले आओ.
मैंने ओके कहा और बताया- मैम, मैं आपसे कोई सवाल जवाब नहीं कर रहा हूँ बल्कि मैं आप लोगों को यह बताना चाहता हूँ कि बाल वाली चूत पसंद नहीं है. अगर आपको मुझसे चुदना है तो आपको अपनी चूत के बाल साफ करने होंगे.
उसने ओके कहा और फ़ोन काट दिया.
मैंने जल्दी से अपना खाना खत्म किया और लोअर पहनकर निकल आया.
मैं दस मिनट बाद रीना भाभी के घर फिर से पहुंच गया.
इस बार मैंने पाया कि प्लान के मुताबिक रीना भाभी उस समय घर पर नहीं थीं.
श्रावनी ने मुख्य दरवाजे को लॉक कर दिया और वे दोनों मुझे अन्दर वाले कमरे में ले गईं, जो रीना भाभी का बेडरूम था.
मैंने उन दोनों से पूछा- रीना भाभी कहां हैं?
तो उन लोगों ने मुझे बताया कि वह बाजार गई हैं और करीब एक घंटा बाद आएगी. तब तक आप हम दोनों को चोद सकते हो. बाद में उसे चोद लेना.
यह कहकर ही श्रेया और श्रावनी ने मेरे होंठ और गाल चूम लिए.
धीरे धीरे वे दोनों बिल्कुल नंगी हो गईं.
अब उन दोनों को देख कर मुझ जैसे चोदू को कैसे रोका जा सकता था.
हम कपडे खोल कर शुरू हो गए.
पर थोड़ी देर बाद मेन गेट की घंटी बजी तो हम सबकी गांड फट गई कि कहीं कोई पड़ोसी ना आ गया हो.
मैं सीधा बाथरूम में घुस गया.
श्रेया ने रीना भाभी की मैक्सी पहनकर गेट खोला तो पता चला कि कोई पड़ोसी नहीं बल्कि रीना भाभी थीं.
श्रेया ने तो रीना भाभी की मैक्सी पहन ली थी लेकिन श्रावनी और मैं बिल्कुल नंगे थे.
बस फर्क यह था कि मैं बाथरूम में था और श्रावनी अन्दर वाले कमरे में.
बाथरूम के अन्दर मेरी हालत ऐसी हो रही थी जैसे मानो मेरे काटे खून ना हो क्योंकि इधर मेरे पास कोई भी कपड़ा नहीं था और मैं नंगा रीना भाभी के सामने जा नहीं सकता था.
अब आप ही बताइए कि जिस औरत की आप बहुत इज्जत करते हों, क्या उसके सामने बिल्कुल नंगे जा सकोगे? नहीं ना!
लेकिन रीना भाभी की दोनों सहेलियां बहुत ज्यादा बेशर्म थीं.
उन्होंने रीना भाभी को मुझसे चुदने के लिए राजी कर ही लिया.
श्रेया और श्रावनी ने रीना भाभी को बिल्कुल नंगी कर दिया और मुझे बाथरूम से निकाला.
जब मैंने बाथरूम के की-होल से देखा, तो देखा कि रीना भाभी बिल्कुल नंगी हो चुकी थीं.
वे भी अपनी सुहागरात के बाद से लंड के लिए बहुत परेशान थीं … और हों भी क्यों नहीं.
आखिर उनका पति लन्दन में रहता था. पर संस्कारी बहू होने के कारण कहीं बाहर जाकर चुद नहीं सकती थीं क्योंकि उनके साथ उनके सास ससुर रहते थे.
एक संस्कारी औरत के लिए बहुत मुश्किल होता है कि वह अपने पति के अलावा किसी और मर्द से चुदने की सोच भी सके.
रीना भाभी के पति देश से बाहर रहते थे और आज उनकी सहेलियों द्वारा उनको आज मौका मिला था, लेकिन फिर भी वह किसी और से चुदना नहीं चाहती थीं.
फिर किसी तरह से उनकी सहेलियों ने उनको अत्यधिक उत्तेजित कर दिया था, जिससे भाभी मुझसे चुदने के लिए राजी हो गई थीं.
तब तक श्रेया ने रीना भाभी की चूत को चाट चाट कर गर्म कर दिया था और उस दौरान रीना भाभी को एक बार झड़ा दिया था जिससे श्रेया का चेहरा रीना भाभी के रज से भीग गया था.
श्रेया बाथरूम में जाकर अपना मुँह धोकर आई.
इस दौरान रीना भाभी ने श्रावनी के बहुत कहने पर मेरा लंड पहले देखने की मांग की.
मैंने तुरंत ही तौलिया खोल दिया तो अनायास ही रीना भाभी के मुँह से निकल गया कि हाय राम यह सिकुड़ा हुआ ही कितना लम्बा और मोटा है, तो खड़ा होने के बाद कितना बड़ा और मोटा होगा? … और खड़ा होने के बाद तो मेरे छोटे से छेद में कैसे घुसेगा?
मैंने रीना भाभी को समझाया कि भाभी जिस तरह से हर इंसान के हाथ की पाँच उंगलियां एक सी नहीं होतीं, उसी प्रकार हर लड़के का लंड एक सा नहीं होता. किसी का बड़ा होता है तो किसी का छोटा और किसी का मोटा, तो किसी का पतला होता है लेकिन हर लड़के के लंड को लड़की या औरत की चूत ले ही लेती है. क्योंकि चूत का छेद लचीला होता है.
रीना भाभी बोलीं- विशु भैया, आपके इस भीमकाय लंड से तो मेरी चूत बिल्कुल फट जाएगी!
मैंने कहा- भाभी, लंड का तो काम ही है चूत को फाड़ना … और फिर लंड तो चूत को फाड़कर ही घुसता है. हां छोटे और पतले लंड के घुसने में … और एक बड़े और मोटे लंड के घुसने में बस एक ही फर्क है कि छोटे और पतले लंड से पहली बार चुदने से शुरू में दर्द कम होता है और मजा भी कम ही आता है. वहीं बड़े और मोटे लंड से चुदने से शुरू में दर्द कुछ ज्यादा होता है लेकिन बाद में मजा भी बहुत आता है. क्योंकि बड़ा और मोटा लंड चूत की दीवारों से मोटाई के कारण ग्रिप बनाकर घर्षण करते हुए घुसता है और लम्बाई के कारण बच्चेदानी के मुँह तक की खबर लेता है. जिससे लड़की या औरत को बहुत मजा आता है. बस सिर्फ एक बात का खतरा रहता है. वह यह कि चाहे लड़की या औरत को पीरियड आया हो या ना आया हो … अगर बड़े और मोटे लंड वाले लड़के ने कंडोम ना पहना हो तो लड़की या औरत के प्रेग्नेंट होने के चान्स बहुत अधिक रहते हैं. इसलिए बड़े और मोटे लंड वाले लड़के से चुदाई करवाने से पहले सावधानी जरूर रखनी चाहिए ताकि वह लड़की या औरत प्रेग्नेंट ना हो.
रीना भाभी मेरी बात को बड़े ही ध्यान से सुन रही थीं लेकिन श्रेया और श्रावनी के बहुत अधिक जोर देने के कारण रीना भाभी मेरा लंड चूसने को राजी हो गईं.
अब लंड अपनी असली रंगत में आ चुका था. इतना मोटा लवड़ा किसी भी महिला के मुँह में जाना आसान नहीं था.
फिर भी रीना भाभी ने बहुत कोशिश की, पर मेरा लंड उनके मुँह में आसानी से नहीं घुस पाया.
आखिरकार उन्होंने पहले तो मेरे लंड के सुपारे पर अपनी जीभ चलाई, फिर धीरे धीरे अपने मुँह में लेने की कोशिश की, जिससे उनका मुँह जल्दी ही दर्द करने लगा.
उन्होंने मुझे साफ साफ बोल दिया- विशु भैया, आपका लंड बहुत मोटा है. मैं आपके इस लंड को मुँह में नहीं ले सकती. आप अगर चाहो तो मैं आपके पोते चूस सकती हूँ.
तभी श्रेया ने मेरे लंड को खोला और लंड के सुपाड़े पर अपनी जीभ चलाने लगी.
रीना भाभी मेरे पोते चूसने लगीं.
दोस्तो, हालांकि श्रेया, श्रावनी और रीना भाभी को ऊपर वाले ने शायद फुर्सत से बनाया था, तभी तो नंगी होकर एकदम काम की देवी रति को भी मात दे रही थीं.
उसने एकदम गोल गोल तने हुए दूध और उन पर चिरोंजी जैसे निप्पल, सपाट पतला पेट … और मोटी मोटी सुडौल जाँघें. दोनों जांघों के बीच एक प्यारी सी गुलाबी चूत, मेरे लंड को सलामी ठोकने को मजबूर कर रही थी.
दोस्तो, रीना भाभी को चूमते चाटते कब 20 मिनट बीत गए, कुछ पता ही नहीं चला.
मैं तो उनके हुस्न में इतना खो गया कि क्या कहूँ.
रीना भाभी के शरीर में एक अलग ही कशिश थी, जो मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता.
खैर, मेरी तंद्रा जब भंग हुई, जब रीना भाभी ने मुझसे कहा- विशु भैया, प्लीज मुझे अब और मत तड़पाओ. अपना लंड मेरी चूत में डालकर इसकी प्यास बुझा दो.
मैंने श्रावनी को अपने पास बुलाया और कहा- आप प्लीज थोड़ी देर के लिए भाभी के होंठों को चूसो.
श्रावनी मेरी बात को एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह मान गई और रीना भाभी के होंठ अपने होंठों में भर कर चूसने लगी.
तभी मैंने रीना भाभी की चूत पर अपना लंड रखा और एक जोरदार धक्का लगा दिया.
लेकिन मेरा लंड भाभी की चुत में घुसने की बजाए नीचे फिसल गया.
यह देख कर रीना भाभी ने श्रावनी को अलग किया और मुझसे बोलीं- विशु भैया, प्लीज थोड़ा आराम से अपना लंड मेरी चूत में घुसाना.
मैंने रीना भाभी से पूछा- भाभी, आप मेरा लंड अपनी चूत में लेने के लिए तैयार हो न!
तो रीना भाभी ने कहा- हां, लेकिन प्लीज धीरे धीरे डालना ओके.
उन्होंने अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर रखा और मुझसे धीरे से धक्का लगाने को बोला.
तभी मैंने अपनी पूरी ताकत से एक जोरदार धक्का लगा दिया, जिससे मेरा लंड इंडियन भाभी की Xxx चूत को चीरता हुआ करीब 3 इंच तक घुस गया.
रीना भाभी की एक जोरदार चीख निकल गई और वह दर्द से कराहने लगीं.
लेकिन दोस्तो, मेरी एक आदत है कि मैं कभी भी किसी भी लड़की या औरत के ऊपर कोई भी रहम नहीं करता. चाहे वह लड़की या औरत कितनी भी चीखे चिल्लाए.
अब मैंने अपने लंड को वहीं तक ही पेल कर रोक लिया और रीना भाभी की चूत में घुसे रहने दिया.
अब मैं धीरे धीरे कमर हिला कर धक्के लगाने लगा और अपने दोनों हाथों से रीना दबाने लगा.
बीच बीच में उनके दूध को चूस भी लेता था, जिससे उनको भी मजा आए.
मेरी यही कोशिश रहती है कि जिस किसी क्लाइंट को मैं चोदूँ, उसे उसके पैसे की पूरी वसूली मिले. मेरा मतलब उसे पूरा मजा आए.
मैंने थोड़ी देर ही धक्के लगाए थे कि रीना भाभी नीचे से अपनी कमर उचकाने लगीं.
तभी मैंने अपने लंड को रीना भाभी की चूत से बिना निकाले पूरा बाहर खींच लिया और दुगनी ताकत से दूसरा धक्का लगा दिया.
इस बार मेरा लंड रीना भाभी की चूत को चीरता हुआ गहराई तक घुस गया.
इससे रीना भाभी को बहुत अधिक दर्द हुआ.
वे इस बार दर्द को बर्दाश्त नहीं कर सकीं और बेहोश हो गईं.
उनकी दोनों सहेलियों ने उनके मुँह पर पानी मारकर उनको होश में लाई.
तब तक मैंने एक और धक्का लगाकर अपना लंड रीना भाभी की चूत में पूरा घुसा दिया.
पूरा लंड घुस जाने के बाद मैं थोड़ी देर को रुक गया और बारी बारी से उनके दोनों दूध को निचोड़ निचोड़ कर पीने लगा.
मैं धीरे धीरे अपने लंड को रीना भाभी की चूत में आगे पीछे करने लगा.
थोड़ी देर के बाद रीना भाभी ने मुझसे कहा- विशु भैया, मुझे जोर जोर से चोदो.
उनकी इस बात से मुझे भी जोश आ गया, मैंने भी अपनी रफ्तार बढ़ा दी.
उसी तेज रफ्तार से मैंने अभी भाभी को दस मिनट ही चोदा होगा कि रीना भाभी अचानक से ऐंठने लगीं और कुछ ही देर में भाभी की चूत ने एक जोरदार पिचकारी छोड़ दी, जो मुझे अपने लौड़े पर महसूस हुई.
मैंने धक्के लगाना नहीं छोड़ा और अलग अलग पोजीशन में उनको देर तक पेला.
जब मैंने घड़ी की तरफ देखा तो रात के 11:00 बज रहे थे.
हम बुरी तरह से थक चुके थे तो नंगे ही सो गए. लेकिन सर्दी का मौसम होने के कारण ठीक से नींद नहीं आने से हम जल्दी ही रीना भाभी के बेडरूम में एक दूसरे से चिपक कर सो गए.
फिर सुबह 05:00 हमने सेक्स किया.
आठ बजे मैंने अपने कपड़े पहने और अपने घर चला आया.
उस दिन के बाद जब भी मैं आगरा में होता और जैसे ही मुझे मौका मिलता, तो मैं रीना भाभी को चोद लेता था.
तो बताइए दोस्तो, आप सभी को मेरी इंडियन भाभी Xxx कहानी कैसी लगी.
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