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Hindi - हिन्दी पड़ोस की भाभी खुद पटकर चुदी (All Parts)

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Part 1​

जवान भाभी की हवस का पता जब चला मुझे जब उसने खुद मेरे पास आकर सेक्स की बात की क्योंकि उसका पति उससे 20 साल बड़ा था. मैं तो उसे पहले से ही चोदना चाहता था.

आप सभी भाभियों को मेरे लंड का प्रणाम.
मेरा नाम प्रेम है और मैं नागपुर में रहता हूँ.

दोस्तो, यह जवान भाभी की हवस की बात एकदम सच्ची है और इस बात को बीते करीब 8 साल होने को आए हैं.
यहां मैं सभी पात्रों के नाम बदले हुए लिखूंगा.

यह बात तब की है जब मेरे 11वीं के इम्तिहान ख़त्म हुए थे.

मैं अपने परिवार सहित एक किराए के घर में रहता था.
वहीं मकान मालिक का परिवार भी अपने अलग हिस्से रहता था.

मकान मालिक का छोटा भाई एक अलग किराए के घर में रहता था, उसका नाम गुलाब था.

गुलाब का मकान मेरे घर की तरफ़ था और गुलाब की भाभी यानि हमारी मकान मालकिन मेरी मां की सहेली थीं.

उन्हीं दिनों गुलाब की दूसरी शादी होने वाली थी क्योंकि उसकी पहली बीवी का किसी से चक्कर था और जैसे ही गुलाब को पता चला, तो उसने अपनी बीवी को तलाक दे दिया.

यह कारण समझ में नहीं आया था कि गुलाब की बीवी का चक्कर किसी और मर्द से क्यों हो गया था.
शायद इसका कारण गुलाब की ज्यादा उम्र और शारीरिक कमजोरी हो सकती थी.
पर यह बात अभी पक्की तौर पर नहीं कही जा सकती थी.

गुलाब ने दूसरी शादी की.
जब वह बिहार से दूसरी शादी करके घर आया तो उस वक्त मैं मुंबई गया था.

मैं वापस आया तो पता चला कि गुलाब दूसरी लड़की को शादी करके घर ले आया है.

मैंने उस लड़की को देखा तो उसकी उम्र अभी कमसिन लगी और शायद वह अभी 19 साल की ही हुई होगी.

उस दिन मैं सुबह छत पर खड़े होकर हवा ले रहा था कि तभी मेरी नज़र उस लड़की पर पड़ी जिसे गुलाब शादी करके लाया था.
मैं छत पर खड़े होकर सिगरेट पी रहा था तभी गुलाब की गुलाबो दिखी थी.

उसकी कम उम्र को देख कर मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं उससे क्या कहूं, भाभी या आंटी!
वह तो मुझसे भी छोटी उम्र की थी.

मैंने कुछ नहीं कहा, बस नीचे आ गया.

इसी तरह दिन बीतने लगे.
मैं लगभग रोज छत पर सिगरेट पीने जाता था.

एक दिन मुझे गुलाब की भाभी ने बुलाया.
मैं उनके पास गया तो वे बोलीं- प्रेम बेटा, आप जो कर रहे हो, वह ग़लत कर रहे हो.
मुझे समझ में कुछ नहीं आया.

मैंने पूछा- आंटी, बात क्या है, साफ साफ बोलो!
तो उन्होंने कहा- गुलाब की औरत बोल रही थी कि आप उसको देखते हो?

आप यकीन करो मेरी तो दिमाग़ की मां चुद गई.
जबकि इससे पहले मैंने कभी उसको गंदी नज़र से तो छोड़ो … किसी भी नज़र से नहीं देखा था.
मैं चुपचाप चला आया.

अब मैंने गुलाब की बीवी को एक दिन अपनी मां के साथ बात करते देखा.
इधर उसका भी नाम रानी रख लेते हैं.

रानी को अपनी मां से बात करते देखा तो मैं बस उसे देख कर अपने कमरे में चला गया.
मैं कॉलेज से थका हुआ आया था तो बस जाकर लेट गया.

अब बस इतना हुआ था कि मैं गाहे बगाहे रानी को अपनी मां के साथ देख लेता था.

ज़िंदगी अपनी रफ्तार से आगे चल रही थी.

इसी बीच रानी और गुलाब को दो लड़के हो गए.
बच्चे होने से गुलाब की इज्जत बढ़ गई और लोग उसे सम्मान देने लगे.

कुछ समय के बाद हम लोगों ने उस मकान खाली कर दिया और दूसरे मकान में रहने चले गए.
यह मकान करीब 100 घर छोड़ कर आगे था.

मकान बदलने के करीब 6 महीने बाद गुलाब और रानी भी मेरे पड़ोस के घर में रहने को आ गए.

मैं तो उसी समय से रानी और गुलाब से बात नहीं करता था जब से गुलाब की भाभी ने मुझसे रानी के लिए बात कही थी.

अब हुआ यूं कि मेरे घर में टीवी नहीं था.
गुलाब ने उन्हीं दिनों नया टीवी लिया हुआ था.

यहाँ एक बात बता दूँ कि उन दिनों गुलाब शराब पीने लगा था.
उसका कारण शायद यह था कि गुलाब की उम्र और रानी की उम्र में 20 साल का अंतर था.

अब जब कभी क्रिकेट का मैच होता तो मैं गुलाब के घर में जाकर देख लेता था.

एक दिन मैं गुलाब के घर में टीवी देख रहा था और रानी ने धूप का बहाना बना कर दरवाजा अन्दर से बंद कर लिया था.

उसका कमरा छोटा था.
मैं डर गया था.
पर दरवाजा लगाने से पहले उसने मेरी मां से पूछ लिया था कि क्या यह सही होगा!

तो मां ने उससे कह दिया- हां मैं यहीं हूँ, कोई बात नहीं है … तुम दरवाजा लगा लो.

उसने मां से पूछा था, यह मैंने ध्यान नहीं दिया था.
तो मैं जरा सहम गया था कि साला क्या बवाल होने वाला है.
क्योंकि उस वक्त रानी ने दरवाजा बंद करके मुझे बड़ी कामुक नजरों से देखा था.

फिर एक दिन मेरी मां रानी की जेठानी के यहां गई थीं और मैं रानी के बच्चों के साथ टीवी देख रहा था.
उस दिन घर में कोई नहीं था.

वे गर्मी के दिन थे.
जितने किराएदार थे, सब अपने अपने गांव गए थे.

रानी मेरे बगल में आकर बैठी और मुझसे बोली- प्रेम, मुझे तुमसे कुछ बात करनी है.
मैंने कहा- हां बोलो.

उसने कहा- मैं जो बोलूँगी, उसको सोच समझ कर जवाब देना. ज़रूरी नहीं कि आज ही जवाब दो.
मैंने कहा- हां … बोलो!

रानी- मैं आपसे पहले की बातों के लिए माफी माँगना चाहती हूँ.
मैंने कहा- भूल जाओ सब!
रानी बोली- पहले आप मुझे माफ़ करो … और मैं इस माफी को तब समझूंगी कि आपने माफ़ कर दिया, जब आप मुझे एक किस दोगे!

अब मेरी और उसकी उम्र में ज़्यादा फर्क तो था नहीं … शायद मैं उससे 2 साल बड़ा ही रहा होऊंगा.
मैंने कहा- तुम्हारे बच्चे हैं, किस कैसे करके यकीन दिलाऊं!

रानी का बड़ा बेटा 4 साल का था और छोटा बेटा डेढ़ का रहा होगा.
उसने अपने बड़े लड़के को दस रुपए दिए और बोली- बेटा जाओ, चाय के लिए दूध ले आओ.

वह अपने छोटे भाई को लेकर चला गया.
रानी ने धूप से बहाना करके दरवाजा चिपका दिया.

वह बोली- अब मुझे यकीन दिलाओ कि आपने मुझे माफ़ कर दिया है!
मैंने कहा- मैंने तो माफ़ कर दिया है, अब क्या करूँ?
तो रानी बोली- किस करो.

मैंने बोला- किस के बाद मैं रुकने वाला नहीं हूँ, सोच लो!
उसने कहा- पहले माफी का यकीन दिलाओ, बाद की बात बाद में देखी जाएगी.
मैंने कहा- ओके एक मिनट रूको.

मैं उसको दरवाजे के पीछे लेकर दीवार से चिपक गया.
यकीन मानो भाई मैंने रानी को 5 मिनट तक दबा कर किस किया और बोला- अब तो यकीन हो गया?

वह मुझे पिपासा भरी नजरों से देखती हुई बोली- हां हो गया यकीन!
मैं उसे अलग होने लगा.

वह मुझसे अलग होकर बोली- अभी यहीं खड़े रहना!
मैंने कहा- क्यों?
वह बोली- खड़े रहो न!

वह बाहर जाकर देख कर आई कि उसका लड़का कहां है.
क्योंकि वह उसके छोटे वाले लड़के को भी साथ लेकर गया था.

रानी बाहर जाकर पड़ोसी की लड़की, जो उस टाइम 10-12 साल की रही होगी … से बोली- बेटा, ज़रा इन दोनों को देख आओ … वे दूध लेने गए हैं, तुम दिला लाओ.
वह इतना कह कर दौड़ कर अन्दर आई और मुझे किस करने लगी.
अब मेरे अन्दर का शैतान जाग गया.

मैंने बोला- कुछ हो सकता है क्या?
उसने कहा- हो तो सकता है, पर कितना टाइम लोगे?

मैंने कहा- कम से कम आधा घंटा!
उसने कहा- इतना टाइम नहीं है, जल्दी कर लो.

वह तुरंत अपने घुटनों के बल बैठ गई और मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.
मैंने उसको चूसने दिया.

कुछ ही देर में मेरा लंड कड़क हो गया.

अब मैंने उसको उठाया और किस करते हुए अपना एक हाथ उसकी चड्डी में डाल दिया और उसकी चूत सहलाने लगा.

मेरा हाथ उसकी चूत पर गया तो पता चला कि उसकी चूत से पानी की धार बह रही थी.
मेरा पूरा हाथ गीला हो गया था और यह भी समझ में आ गया था कि उसकी चूत में बहुत बड़े बड़े बाल हैं.

मेरा मन वैसे ही बुझ गया क्योंकि मुझे झांटों वाली चूत पसंद नहीं है.

मैंने उससे कहा- मुझे झांटें पसंद नहीं हैं.
उसने कहा- कोई बात नहीं, साफ कर लूँगी.

हम
यही सब बात कर रहे थे कि तभी उसके बच्चे दूध लेकर आ गए और उन दोनों बच्चों के साथ वह लड़की भी आ गई.

तभी हम दोनों अलग हो गए और अब यह तय हुआ कि जब वह बच्चों से फ्री रहेगी, तब मैं टीवी देखने के बहाने से आ जाऊंगा और उसी दिन रानी की चूत चोद लूँगा.

उसने दो दिन बाद का दिन सैट किया था.

अब सैट किया हुआ दिन भी आ गया.
उस दिन रानी ने सुबह नहाते समय अपनी झांटें भी साफ कर ली थीं.

चूंकि हम सब किराएदारों के बाथरूम एक ही साथ बने थे और कोई भी किसी भी बाथरूम को यूज कर सकता था.

जब रानी बाथरूम से वापस आ रही थी तब उस समय मैंने उसके हाथ में शेविंग मशीन देखी थी.

मैंने उसे देख कर आंख मारी तो वह भी हंस कर अन्दर चली गई.
वह जाते जाते धीरे से बोली- पिच रेडी है!

मैं समझ गया.
पर उस दिन गुलाब काम पर नहीं गया और हम दोनों का सारा प्लान बिगड़ गया.

दो दिन बाद दोपहर को फिर से मौका मिला.
मैं रानी के कमरे में गया और उसको पकड़ कर किस करने लगा.
रानी दो बच्चे देने के बाद भी कड़क माल थी.
उसने पहले ही बताया था कि उसकी चूत बहुत कड़क है.

अब जब मैं गर्म हुआ तो मैंने रानी को चुदाई की पोजीशन में लिटाया और अपना लंड उसकी चूत पर अभी रखा ही था कि पता नहीं कहां से दिमाग़ में आया कि कंडोम नहीं है, साला कुछ गड़बड़ न हो जाए!
मैंने रानी से पूछा कि मेरी रंडी, यह बता कि गुलाब ने कब तेरी ली थी!

रानी बोली- कल रात में ही ली थी!
अब मेरा दिमाग और खराब हुआ कि साली रात को चुदी थी, तो ढीली होगी.

मैंने उससे कहा कि जब मेरा लेने का प्लान था, तो बहन की लौड़ी तूने उसको क्यों दी! अब मेरे पास अभी कन्डोम नहीं है, हट साली गांड मरा!
यह बोल कर मैं उसके ऊपर से हट गया, उसकी जेठानी के घर आ गया.

उस दिन मेरी मां भी वहीं थीं.

करीब आधा घंटा बाद रानी भी आ गई क्योंकि उसके बच्चों को मेरी मां लेकर उसकी जेठानी के घर गई थी.

अब जब वह आई तो उसका मुँह ऐसा हो गया था जैसे अभी ही रो देगी.
मैं उससे नज़र ही नहीं मिला रहा था.

मैंने उसकी जेठानी के घर चाय पी और पढ़ने का बहाना करके वापस अपने घर आ गया.
कुछ देर बाद रानी ने शायद मेरी मां से कुछ दाल या सब्जी माँगी होगी!

तो मां ने कहा- घर चली जाओ, प्रेम घर पर होगा. उससे बोल देना, वह दे देगा! वह तुमको दाल गर्म करके भी दे देगा.
रानी मेरे रूम में मेरे पास आई और बोली- दाल दे दो!

मेरा मूड खराब था.
मैं कुछ नहीं बोला.

उसने खुद ही दाल निकाली और अपने घर में रख कर वापस आ गई.
वह बोली- अब कितने दिन नहीं लोगे?
मैंने कहा- जब तक तुम्हारा महीना ना आ जाए … और जब महीना आ जाए तो मुझे दिए बिना अपने पति को हाथ भी मत लगाने देना.

उसने कहा- महीना तो आने में एक हफ्ता से ज्यादा का समय है!
मैंने कहा- हां तो आज से चुदवाना बंद कर दो. जब महीना हो जाए तो 5 दिन बाद मैं लूँगा. बस इतना याद रखना कि अपनी झांटें साफ कर लेना.

उसने कहा- बताऊंगी कैसे?
मैंने कहा- अपने बड़े लड़के को किसी बहाने से मेरे सामने कह देना कि मैंने पिच बना दी है. उस पर जाकर खेलो.

हमारे बीच सब तय हो गया.
अब अगले भाग में देखते हैं कि क्या रानी को मैं अगली बार चोद पाया या नहीं या बीच में कोई और अड़ंगा आ गया था.

आप सब आगे की जवान भाभी की हवस की कहानी को पढ़ने के लिए मुझे मेल कर सकते हैं.
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Part 2​

भाभी की नंगी गांड देख कर मेरा मन उसकी गांड मारने का हो गया था पर भाभी डर गयी और गांड बाद में चोदने की बात करने लगी. तो मैंने भाभी की चूत को ही पेला.

दोस्तो, मैं पंकज पांडे आपको अपनी पड़ोसन रानी भाभी को सैट करके चोदने की सेक्स कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
देसी भाभी की चिकनी चूत
में अब तक आपने पढ़ा था कि रानी ने कैसे मेरी बात को माना और दो बार रानी की चुदाई होते होते रह गई.

अब आगे भाभी की नंगी गांड:

करीब 15 दिन बाद शाम को रानी मुझे देखने के बाद अपने बड़े लड़के को कह रही थी कि बेटा कल पिच बना दूँगी, तब खेलना.
मैं यह सुनकर खुश हो गया और शाम को अपनी कोचिंग की क्लास चला गया.

वहां से वापस आया तो पता चला मेरी नानी चल बसी हैं और हम सबको उनके क्रियाकर्म में जाना है.
अब मेरा भेजा फिर से खराब हो गया कि नानी को भी अभी ही जाना था!

उसी बीच मुझे यह बात भी पता चला कि कल गुलाब को भी अपने गांव जाना है.
उसका गांव भी हमारी नानी के गांव के पास में ही था.

अपने वादे के मुताबिक रानी मासिक आने के बाद मुझे देने के बाद अपने पति को देती.

अब उसका चेहरा भी रोने के जैसा था और मेरा तो पूछो ही मत!
साला तीसरी बार खड़े लंड पर चोट हो रही थी.

इस बीच रानी मुझे अकेले में मिली भी नहीं कि उससे कुछ समझ पाता.
हां उसने कुछ लिख के मेरे कोचिंग वाले बैग में डाल दी थी.

यह खत शायद उसने दोपहर को लिखा होगा.
अब हमारे घर में यह तय हुआ कि मैं मां और पापा बस से जाएंगे.

रानी के पति का पता नहीं था. वह रात को 10 बजे काम पर से आया और तब उसको सब पता चला.
वह बोला- मैं तो अपने गांव परसों जाने वाला था, अब एक काम करो, सब साथ चलते हैं.

उसने और मैंने सुबह ही जाकर आभा ट्रेवल्स की टिकट निकाल ली.
जो पाठक यूपी के होंगे, उनको आभा ट्रेवल्स का पता होगा.

अब हम सब चले गए और मैंने अपने कोचिंग क्लास के बैग में अपने दो दिन के कपड़े डाल लिए.

बस शाम 4 बजे की थी, जो सुबह 9 बजे बनारस पहुंचती थी.

रास्ते में बस खवासा में रुकी तो सब नीचे उतर कर हल्का होकर वापस बस में आ रहे थे.
मैं जल्दी से जाकर आ गया और रानी का लिखा लेटर पढ़ने लगा.

उसमें लिखा था: बहुत सारा प्यार, आपसे चुदवाने के लिए तड़प रही हूँ. क्या आपका लंड मेरी किस्मत में होगा या नहीं, यह तो ऊपर वाला ही जाने. आपसे चुदवाने के लिए मुझे अपने पति से चुदे करीब 20 दिन हो गए हैं. आज से मेरे पति एक महीने के लिए गांव जा रहे हैं. अब क्या करूँ? इसलिए मैंने यह तय किया है कि अब आपसे चुदवाने के बाद ही उनसे चुदूँगी … यह आपसे वादा है. बस अब और नहीं रहा जाता. आप अपना सब काम ख़त्म होते ही कोशिश करना कि आंटी (मेरी मां) के आने के पहले ही आप चले आना. आपके लंड के इंतजार में मेरी चूत!

मैंने गांव पहुंच कर सब काम निपटने का इंतजार किया और मम्मी पापा से पढ़ाई का बहाना करके उनसे पहले वापस आ गया.

वहां से निकलते ही मैंने रानी को कॉल कर दिया- अपनी चूत को साफ रखना … मैं अकेला वापस आ रहा हूँ.

मैंने उससे यह भी पता किया कि उसका पति कब वापस आएगा.
उसने बताया कि मैं 10 मिनट में पता करके आपको कॉल करती हूँ.

करीब 20 मिनट बाद रानी का कॉल आया कि उसके पति को अभी 15 दिन और लगेंगे.

उसने यह भी बताया कि हमारे जाने के एक दिन बाद अचानक से उसकी जेठानी का पूरा परिवार भी चला गया. उनका कुछ ज़मीन जायजाद का लफड़ा था.

अब रानी ने सब प्लान कर लिया था कि कहां कहां कैसे कैसे चुदवाना है.

मेरे फोन के बाद रानी ने अपनी जेठानी को कॉल किया और वह बोली- प्रेम अकेला आया है, क्या करूँ?

उसकी जेठानी ने बोला कि उसकी मां का कॉल आया था मेरे पास खाना बनाने के लिए. मैंने तो उन्हें बता दिया है कि मैं पूरे परिवार के साथ गांव आई हूँ. रानी है वहां, तो वह सब संभाल लेगी. तुम एक काम करो, उसे आने दो और उसका खाने आदि का देख लेना और तुम रात में मेरे घर पर सो जाया करना.

अब रानी को अपनी जेठानी के घर भी सोना था.
उसकी जेठानी का घर काफ़ी बड़ा था तो वह अकेले सोने में डर रही थी.
पर बाद में उसने सब सैट कर लिया.

अब अगली सुबह 9 बजे मैं आ गया.
मैंने देखा कि रानी ने मेरे लिए चाय बना कर रखी थी.

वह बोली- नहा लो और चाय पी लो. उसके बाद मस्त पिच बनाई है, आपको उसी पर खेलना हैं.

मैं समझ गया कि क्या करना है.
चूंकि सफ़र का थका था तो दिन में तो दबा कर सोया.

शाम को उठा, सब पड़ोस के लोग आए थे अफसोस जताने के लिए कि नानी का कैसे क्या हुआ.

उसके बाद सबने खाने को और सोने के लिए पूछा.
घर में अकेला होना मेरा पहली बार था, यह सबको पता था.

मैंने रानी से पूछा.
तो रानी ने बताया कि उसकी जेठानी का कॉल आया था. तुम्हारी मां का कॉल उनको गया था कि वे तुम्हारा खाने का देख लें। मेरी जेठानी का घर बड़ा है तो मुझे उसे भी देखना है. मैंने अपनी जेठानी से कह दिया था कि रात में मैं और प्रेम वहीं रहेंगे. मेरी जेठानी ने कह दिया है कि जैसा ठीक लगे सो करना.

दिन में मैंने रानी से कोचिंग क्लास जाने को कहा.
उसने हां कहा, तो मैं समझ गया कि यह रात की रानी है, दिन में नहीं देगी.

मैं क्लास चला गया और शाम को खाना खाने के टाइम आया.
वापस आते वक्त मैं सेक्स की गोली लेकर आया.

ठंड की वजह से मुहल्ले के सब लोग खाना खाकर अपने अपने घरों में पैक हो गए थे.
रानी के बच्चे भी यहीं सो गए थे.

हम दोनों भी खाना खाकर सब काम निपटा कर रानी की जेठानी के घर जाने लगे.

मैंने रानी से कहा- मेरे सर में दर्द है, रूको मैं दवा खा लेता हूँ.

यह कह कर मैंने एक गोली खा ली क्योंकि उसका असर होने में समय लगता है.

अब दोनों बच्चों को साथ लेकर रानी और मैं उसकी जेठानी के यहां आ गए.

मैं छत पर चला गया और एक सिगरेट सुलगा कर रानी की चुदाई के बारे में सोचने लगा.

रानी भी बच्चों को सुला कर छत पर आ गई.
उसने अपनी जेठानी को कॉल करके बता दिया कि हम आप के घर पर आ गए हैं. प्रेम हॉल में सो गया है.

जेठानी से बात करके फोन रख कर उसने पति को लगाया और बात की.
उसके बाद जब मुझे लगा कि अब गोली का असर चालू हो गया है, तो मैं नीचे आ गया.

मेरे पीछे रानी भी आ गई.
सारी बिजली आदि बंद करके हम लोग कमरे में चले गए.

रानी बाथरूम गई और वापस आ गई.
हम दोनों बैठ कर बात करने लगे.

रानी अपना दुखड़ा रोने लगी- मैंने इस पल के लिए कितना दुख सहा है. आज पूरी रात चोदना मुझे, अगर मैं सो भी जाऊं तो भी चोदना.

इतना बोल कर रानी ने अपने और मेरे सारे कपड़े उतार कर अलग कर दिए और वह मेरे पूरे बदन को चूमने लगी.

मैंने देखा उसके बड़े बड़े चूचे, मोटी गांड और पावरोटी की तरह फूली हुई चूत सब कुछ एकदम मस्त लग रहा था.

वह मेरा लंड चूसे जा रही थी.
अब 69 की स्थिति में चुसाई का कार्यक्रम चलने लगा था.

उसके बाद जब मैंने अपना लंड पहली बार रानी की चूत पर रखा तो पूछो मत यार … ऐसा लगा कि आज मैंने जंग जीत ली है.
मैंने लंड को ठेल दिया अंदर … तो मेरे लंड का थोड़ा सा हिस्सा रानी की चूत के अन्दर घुस गया.

उसकी चूत बहुत कसी हुई थी.
दो बच्चों के बाद उसकी चूत इसलिए कसी हुई थी कि उसके दोनों बच्चे ऑपरेशन से हुए थे.
वह आह आह करने लगी.

मैंने उसके दोनों दूध पकड़े और चुदाई चालू की.
वह आह उह करती रही.

मैंने उसकी आवाजों को अनसुना करते हुए उसे दबा कर चोदा.
मैं बहुत देर बाद पहली बार झड़ा था.
जबकि उस बीच रानी दो बार झड़ चुकी थी.

जब मैं झड़ने को हुआ तो मैंने अपना पूरा पानी रानी की चूत में ही डाल दिया.
करीब सवा ग्यारह बजे हमारा पहला राउंड ख़त्म हो पाया था.

उसके बाद 11.30 को दुबारा दूसरा राउंड चालू हुआ.
मस्त चुदाई हो रही थी.

तभी रानी का बच्चा छोटा वाला रोने लगा.
रानी नंगी ही गई और उसे दूध पिला कर आ गई.
फिर से चुदाई शुरू हुई.

मैंने उसे करीब 2 बजे तक चोदा.
उसके बाद रानी की गांड मारने की बारी आ गई थी.

वह गांड मरवाने को नहीं मान रही थी.
मैंने उससे कहा- सोच लो, यह रात बार बार नहीं आएगी.
जब मैंने उससे यह कहा तो वह रोने लगी क्योंकि उसके पति से कुछ होता नहीं था.

वह शायद लंड डाल कर एक मिनट में ही चूत में फुच्च फुच्च करके माल निकाल कर सो जाता था.
उसके माल की बूंद से ही भाभी के दो बच्चे तो पैदा हो गए थे लेकिन रानी की चूत तृप्त न हो सकी थी.

यही सब सोच कर वह बोली- ठीक है आज रहने दो, कल कर लेना पीछे से!
मैंने भी सोचा कि इसकी कुछ दवा भी आती होगी, तभी तो साले नेट पर गांड चुदाई की वीडियो देखने मिलती है.

मैंने उसी वक्त तय कर लिया था कि आज रानी की आगे की चुदाई का मजा ले लेता हूँ. कल पीछे का इलाज करूंगा.

बस यह सोच कर मैंने वापस से उसे अपने पास खींचा तो वह ये सोच कर डर गई कि मैं उसकी गांड मारने वाला हूँ.

मैंने उससे कहा- आज आगे से ही काम चला लेता हूँ. मगर कल तुझे पक्के में अपनी गांड मरवानी पड़ेगी.
वह खुश हो गई और बोली- ओके.

मैंने उसके एक दूध को अपने मुँह में भर लिया और दूसरे को हाथ में भर कर दबाने लगा.
वह मस्त होने लगी.

कुछ देर बाद उसने मेरा लंड चूसा और चुदने के लिए सीधी होकर चित लेट गई.
मैंने कहा- ऐसे नहीं, इस बार तू मेरे लौड़े की सवारी करेगी.

वह मान गई और मेरे लौड़े पर बैठ कर कमर उचकाने लगी.
मैं उसके थन दबोच कर चुदाई का मजा लेने लगा.

उसी दरमियान मैंने भाभी की नंगी गांड मारने की चर्चा छेड़ दी तो रानी बोली कि एक बार उसके पति ने कोशिश की थी, तब बहुत दर्द हुआ था और उनका लंड एक मिनट वाला है न, इसलिए सिर्फ दर्द ही मिल सका था.
मैंने कहा- ओके, दर्द किस वजह से हुआ था?

वह बोली- उसका सूखा लंड था न!
मैंने कहा- तो चिकना कर लेती!

वह हंस दी और बोली- चूसने का बहुत बार सोचा, पर वह तो एक मिनट वाली मैगी है न, तो मुँह में लेते ही झड़ जाता है.

मुझे उसकी बात पर हंसी आ गई और मैंने कहा- तो तेल लगा लेती!
वह हंसी और बोली- अरे यार … वह भी ट्राय कर लिया था, पर वह तो एक मिनट वाली मैगी है न … हाथ लगाया और फुच्च फुच्च!
मुझे इस बार और जोर से हंसी आई.

फिर वह कहने लगी- तुम्हारा बहुत बड़ा है और देर तक चलता भी है, तो यह तो मेरी नंगी गांड का गड्ढा बना देगा!
मैंने कहा- चल डर मत मेरी जान … कल कोई जुगाड़ देखता हूँ कि किस तरह से बिना दर्द के गांड चुदाई की जाए.

वह रहस्यमयी मुस्कान के साथ बोली- वह तो मुझे मालूम है.
मैंने कहा- क्या मालूम है?

वह बोली- एक जैल आती है, उसका नाम KY जैल होता है, इसका यूज डॉक्टर्स भी करते हैं. वे गांड में उंगली या अपना कोई टूल डालने से पहले उसमें इसी जैल को लगाते हैं.
मैंने कहा- तुझे बड़ी जानकारी है?

वह बोली- उस एक मिनट वाली मैगी ने ही इस जैल का यूज किया था.
मैंने कहा- फिर क्या हुआ?

वह बोली- उसी दिन तो उस जैल को लगा कर डाला था, पर दर्द हो गया था.
मैंने कहा- फिर किस काम की जैल?

वह हंसी और बोली- अरे उसे लगा कर कुछ देर रुकना पड़ता है. लेकिन वह तो एक मिनट वाली मैगी है न … सो उसे जल्दी पड़ी थी. बस उसने पेला और दर्द के साथ फुच्च फुच्च हो गया.
मैंने कहा- ओके, तो वही वाली जैल लानी पड़ेगी!

वह बोली- वह है मेरे पास.
मैंने कहा- तो लगा न आज ही?
वह बोली- आज नहीं प्लीज … आज आगे का पूरा सुख ले लेने दे, कल पीछे से कर लेना … पक्का वादा.

उसकी मासूमियत पर मुझे हंसी आ गई और मैंने उसकी चूत में धकापेल मचा दी.
दोस्तो, उस रात को उसकी चार बार चुदाई करने का मजा लिया और उतने में उसकी चूत भोसड़ा बन गई थी.

बाकी उसके बाद 15 रातों तक कैसे उसे चोदा और कहां कहां चोदा, वह सब सेक्स कहानी के अगले भाग में बताऊंगा.
भाभी की नंगी गांड की कहानी पर आप मेल जरूर करें.
pankajpandey06@gmail.com
 

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