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Hindi - हिन्दी Incest भाभी और उनकी बड़ी बहन की चुदाई (All Parts) (ongoing)

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Part 1​

इंडियन लेडी सेक्स कहानी में अपनी सगी भाभी के मायके में मैंने भाभी की बड़ी बहन को उस वक्त चोदा जब मेरी भाभी हमारे ही साथ सोयी हुई थी. लेकिन हमें भाभी ने पकड़ लिया।

दोस्तो!
मैं राजकुमार, प्रयागराज से।
कैसे है आप लोग?

मैं आज फ़िर से हाज़िर हूँ आप लोगों के सामने अपनी एक नई कहानी को लेकर।

पिछली कहानी
भाभी की बड़ी बहन की चूत फाड़ चुदाई
में मैंने अपनी भाभी की बड़ी बहन रजनी की उसके मायके में चुदाई की.
और उन्होंने मुझसे मेरी भाभी की भी चूत दिलवाने का वादा किया था।

यह कहानी थोड़ी लंबी हो सकती है इसलिए मैंने इसके 2 पार्ट बना दिए हैं लेकिन धैर्य रखकर पढ़ें।
मैं इस बात की गारंटी मैं लेता हूँ कि कहानी पढ़ने के बाद महिलाएं चूत में उंगली करके और मर्द हिलाकर पानी निकाले बिना नहीं रह पायेंगे।

लेखन में कुछ गलतियाँ हो तो माफ कर दे।

अब सीधे इंडियन लेडी सेक्स कहानी पर आता हूँ।

मैंने अपनी भाभी के मायके में रुककर 4 दिन तक उनकी दीदी की खूब चुदाई की।
इसके बाद मैं घर आ गया।

पहले की तरह दीदी से फोन पर बातें होने लगी।
क्योंकि जाने का मौका ही नहीं मिल रहा था तो हम फोन पर ही सेक्स चैट करने लगे।

फ़िर लगभग 3 महीने बाद दीदी के छोटे भाई की शादी तय हुई।
जो कि पिछले साल मतलब 2023 के जनवरी महीने में थी।

मेरी भाभी अपने भाई की शादी की तैयारी के लिए 1 महीने पहले ही मायके चली गई।
उनका भाई बंगलौर में एक प्राइवेट कम्पनी में काम करता है।

प्राइवेट कंपनी की हालत तो हम सभी जानते ही है इसलिए उसको शादी के लिए केवल 5 दिन की ही छुट्टी मिली।

जैसा कि आप लोग जानते ही होंगे कि शादी के घर में सैकड़ों काम होते हैं।
तो वे सब काम करने के लिए भाभी की दीदी ने शादी के 15 दिन पहले मुझे बुला लिया।

मैं भी खुशी–खुशी भाभी के मायके चला गया।
पहले दिन मेरा बिस्तर भाभी की माँ के कमरे में लगा दिया गया।

मैंने रात जैसे–तैसे कटा।
सुबह मैंने रजनी दीदी (भाभी की दीदी) को बुलाया और उनसे बोला– ऐसे काम नहीं चलेगा।
जिसके बाद वे बोलीं– रुको कुछ करते हैं।

अगली रात 2 तख्त एक साथ लगाकर 4 लोगों के लेटने की व्यवस्था हुई।
मैं, भाभी, रजनी दीदी, और मेरा भतीजा हम चार साथ में लेटे हुए थे।

मैं बता दूं, मेरी भाभी की उम्र 28 साल है।
उनका 2 साल का एक लड़का है।
उनका शरीर एकदम मस्त भरा हुआ है।

मैं तकरीबन रात के 9 बजे खाना खा कर लेटने चला गया।

चुकी गाँव में शादी के समय रात में गाना–बजाना होता है।
तो रजनी दीदी और भाभी देर रात को कमरे में आये।

रजनी दीदी मेरे बगल में लेट गयी और उनके बगल में भाभी और अंत में भाभी का बच्चा।

जैसा कि मुझे पहले से पता था कि आज हम सब साथ में सोने वाले थे।
तो मैंने पहले से ही सारी व्यवस्था कर रखी थी।

रजनी दीदी लेटने के कुछ देर बाद अपना कंबल छोड़ कर मेरे कंबल में आ गई।
फिर उन्होंने मुझे धीरे से जगाया।

मैं जाग गया।
फ़िर हम एक–दूसरे को चूमने लगे जिससे ‘उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी … सी’ की आवाज़ आने लगी।

चूंकि बगल में ही भाभी लेटी हुई थी।
तो हम ज्यादा तेज आवाज़ नहीं कर सकते थे।

फ़िर मैंने धीरे से रजनी दीदी के चूचे दबाने शुरू कर दिया।
जिससे उनके मुंह से ‘उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी … उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी … उम्ह … आह … सी’ की आवाज तेज हो गयी।

फ़िर मैंने रजनी दीदी के शूट को ऊपर करके उनके दूध पीने लगा।
रजनी दीदी सिसकारियां लेने लगी– उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी … उम्ह … आह … सी!

मैं पूरे जोश से रजनी दीदी की चूचे पी रहा था।
पीते–पीते मैंने रजनी दीदी के दूध पर तेजी से दांती काट लिया।
तो वे चीख़ पड़ी– मम्म … मी!

फ़िर थोड़ी देर में धीरे–धीरे ‘आह … सी … उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी’ की आवाजें निकालने लगी।

फ़िर मैं उठा और अपने बैग से (जो कि पहले से मैं उस कमरे में ला कर रख दिया था) कॉण्डम निकाला और कंबल में आ गया।
फ़िर मैं धीरे से नीचे आकर रजनी दीदी के सलवार और पैंटी को नीचे करके चूत को चूसने लगा।

अब रजनी दीदी कुछ ज्यादा तेज ही सिसकारियां लेने लगी– उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी … उम्ह … उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी!

मैं उनकी चूत को अभी चूस ही रहा था कि रजनी दीदी उठी और मुझे लिटा कर खुद मेरे ऊपर आ गयी।
फ़िर मेरा लोवर और अंडरवियर नीचे करके मेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी।

उस वक़्त मैं कैसा महसूस कर रहा था यह शब्दों में नहीं बता सकता।
बस मेरे मुंह से ‘उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी … शक इट बेबी’ जैसी आवाज़ें निकल रही थी।

कुछ देर बाद रजनी दीदी ने कॉण्डम मेरे से लिया और लंड पर लगा दी।
फ़िर लंड पर बैठे कर घुड़सवारी करने लगी।

थोड़े ही देर में वे ‘उम्ह … उम्ह … आह … सी … उम्ह … उम्ह … आह … सी’ जैसी आवाज़ें निकाल रही थी।
लगभग 10 मिनट बाद रजनी दीदी बहुत तेजी से लंड अंदर–बाहर करने लगी।
वे बहुत तेजी से ‘उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी … उम्ह … उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी’ जैसी आवाजें निकालने लगी।

तभी हमें लगा कि भाभी जाग गयी है।
तो रजनी दीदी ने झट से बिना आवाज़ किए मेरे ऊपर लेट गयी।

फ़िर साइड में होकर वे अपने कपड़े पहनने लगी।

उधर भाभी ने अपना हाथ रजनी दीदी की तरफ बढ़ाया।
लेकिन वे रजनी दीदी को नहीं पायी।

तो वे उठकर बैठ गयी और कमरे की लाइट ऑन कर दी।
लाईट ऑन होते ही वे मुझे और रजनी दीदी को देख लिए।

पहले तो उन्होंने गुस्सा किया।
फ़िर हमको डांटा और बोलीं– सुबह बात होगी।
इसके बाद हम सब सो गए।

सुबह जब मैं उठा तो सब लोग घर में अपने–अपने काम में लगे हुए थे।

मैंने भाभी की माँ से काम पूछा और बाइक लेकर घर से निकल गया।
क्योंकि मुझे भाभी से डर लग रहा था।

मैं दोपहर तक घर नहीं आया।
इस बीच भाभी ने 2-3 बार कॉल किया पर मैंने नहीं उठाया।

लगभग 1 बजे तक मैंने सारे काम निपटा कर एक दुकान पर चाय पी रहा था।
तभी रजनी दीदी का फोन आया।
मैंने तुरंत उठाया।

वे बोलीं– डरो मत, तुम्हारी भाभी से मैंने बात कर ली है। घर आ जाओ और हाँ रात के लिए व्यवस्था करके आना!
मैं बहुत खुश हुआ कि आज भाभी की चूत चोदने को मिलेगी।

मैं तुरंत एक मेडिकल स्टोर पर गया।
वहां जा कर रिब्बेड कॉण्डम लिया और सेक्स पॉवर बढ़ाने वाली दवा भी ली।

उसके बाद मैं एक बेकरी गया।
वहां पर 500ml लिक्विड चॉकलेट और कई सारी और भी चॉकलेट लेकर घर आ गया।

घर पहुँचा तो घर के सामने ही भाभी ही मिल गयी।
मैं बिना कुछ बोले सीधा अंदर चला गया।

मैंने चॉकलेट ले जा कर फ्रिज में रख दिया।
थोड़ी देर में भाभी आयी और मुझे खाना देकर चली गयी।

मैं खाना खाकर बाहर टहलने निकल गया।
शाम को लौट कर जब मैं घर वापिस आ रहा था तब रजनी दीदी मिली।

वे बोलीं– आज तुमको मेरी और अपनी भाभी दोनों की सेवा करनी है रात में!
मैंने कहा- ठीक है, लेकिन आप दोनों लोग रात में लाल रंग की साड़ी पहनना!
रजनी दीदी ने बोला- ठीक है!

मैं अब रात की तैयारी करने लगा।
मैंने फ्रिज में बर्फ जमने के लिए रख दिया।

मैंने जल्दी से रात का खाना खाकर लेटने आ गया और मोबाइल चलाने लगा।
उस रात में गाने का प्रोग्राम जल्दी खत्म हो गया शायद दोनों बहन जल्दी मजा लेने के लिए गाने के प्रोग्राम को जल्दी खत्म कर दी।

लगभग 11 बजे रजनी दीदी कमरे में आयी।
वे लाल साड़ी में कमाल लग रही थी।

मैंने पूछा– कब पहनी?
तो वे बोलीं– आज गाने के समय से ही पहन रखी थी।

फ़िर वे पूछी– तैयार हो सेवा के लिेए?
मैंने बोला- आइए तो पहले सही!

फ़िर वे बाहर चली गयी।
मैं उठा और सेक्स पॉवर बढ़ाने की दवा खा ली।

लगभग 20 मिनट बाद भाभी और रजनी दीदी दोनों साथ में आयी।
मेरी भाभी भी लाल साड़ी में कयामत ढा रही थी।

भाभी की 36 का चूतड़ निकला हुआ देखकर मन कर रहा था अभी ही उनको पटक कर चोद दूं।
फ़िर सोचा सब्र करना ज्यादा अच्छा होगा।
क्योंकि सब्र का फल मीठा मिलने वाला था।

रजनी दीदी मेरे बाईं तरफ आकर बैठ गयी।
भाभी भतीजे को ठीक से कंबल ओढ़ाने लगी।

फ़िर वे आकर मेरे दायीं तरफ बैठ गयी।
थोड़ी देर तक एकदम पिन ड्रॉप सन्नाटा था।

फ़िर रजनी दीदी मुझे पकड़कर चूमने लगी.
मैं भी रजनी दीदी को चूमने लगा।

फ़िर अपने एक हाथ से मैंने भाभी को अपनी तरफ खींचा।
भाभी मेरे एकदम पास आ गयी।

फ़िर मैं रजनी दीदी को चूमना छोड़कर भाभी को चूमने लगा।
भाभी सिसकरियां लेने लगी– उम्ह … उम् … आह … आह … आह … सी!

मैं भाभी को चूमते हुए उनको पूरा लेटा दिया।
फ़िर मैं खुद उनके ऊपर लेट कर उन्हें चूमने लगा।

अब बस कमरे से ‘उम् … आह … मु … मु … उम्ह … उम्ह … आह … सी’ की आवाज़ें आ रही थी।

पीछे से रजनी दीदी आकर मेरे बालों पर हाथ घुमाने लगी।
मैं तब भाभी को चूम रहा था।

मैंने हल्का घूमते हुए अपने एक हाथ से साड़ी के ऊपर से रजनी दीदी के चूचे दबाने लगा।
अब सब के मुंह से ‘उम्ह … उम्ह … आह … आह … सी … उम्ह … आह … सी’ की आवाज़ निकल रही थी।

अब मैं भाभी के गले पर चूमने लगा।
भाभी ने मुझे कसकर पकड़ लिया।

उनके मुंह से जोर–जोर से ‘आह … आह … ईई … आह … आह … सी … आह … ईई … आह … सी …’ जैसी कामुक आवाज़ें आ रही थी।

धीरे–धीरे मैं भाभी के चूची तक पहुँच गया।
उनकी चूची को मैंने साड़ी के ऊपर से ही काट दिया जिससे भाभी चीख़ उठी।

मैंने भाभी की पूरी साड़ी निकाल दी।
फ़िर मैं उनके पेट पर चूमने लगा।

अब मैं अपने दोनों हाथों से भाभी की चूचियां दबा रहा था और उनके पेट पर चूम रहा था।
जिससे उनके मुंह से ‘आह … आह … ईई … आह … सी … आह … सी … ईई … आह … सी …’ जैसी कामुक आवाज़ें आ रही थी।

फ़िर मैंने रजनी दीदी से फ्रिज से आइस क्यूब और चॉकलेट लाने को कहा।
रजनी दीदी उठकर चॉकलेट और आइस क्यूब लाने चली गयी।

इसी बीच भाभी ने मेरी टीशर्ट और लोवर निकाल कर फेंक दिया।
फ़िर वे मेरे ऊपर चढ़कर मुझे चूमने लगी।

फ़िर मैंने भी भाभी का साया और ब्लाउज निकालकर फेंक दिया।
अब वे सिर्फ ब्रा और पैंटी में और मैं केवल बरमुडा में था।

आगे की कहानी अगले भाग में बताऊंगा।

तो दोस्तो, यह थी मेरी इंडियन लेडी सेक्स कहानी।
अपना कीमती सुझाव आप जरूर दें।
धन्यवाद!
sksp208@gmail.com
 
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Part 2​

3सम विद भाभी कहानी में भाभी की बहन ने भाभी को मेरे साथ सेक्स के लिए तैयार किया और रात को मौक़ा मिलते ही हम तीनों ने ग्रुप में थ्रीसम सेक्स किया।

दोस्तो!
मैं राजकुमार, प्रयागराज से।

कहानी के पिछले भाग
भाभी ने मुझे उनकी बहन की चुदाई करते देखा
में मैं भाभी की दीदी की चुदाई कर रहा था कि सेक्स करते हुए हमें भाभी ने पकड़ लिया था।

जैसा कि मैंने गारंटी ली थी कि कहानी पढ़ने के बाद महिलाएं चूत में उंगली करके और मर्द हिलाकर पानी निकाले बिना नहीं रह पायेंगे।

तो आज 3सम विद भाभी कहानी को अंजाम तक पहुँचाते हैं:

तब तक रजनी दीदी आ गयी।
सामान को किनारे रख कर वे आ कर मेरे बगल में लेट गयी।

फ़िर वे मुझे चूमने लगी।
तब मैं भी रजनी दीदी को चूमने लगा।
भाभी भी मुझे पीछे से चूम रही थी।

कमरे का मौसम एकदम गर्म हो गया था। बस ‘आह … उह … ईई … आह … सी … ओह … ईई … आह … सी’ की कामुक आवाज़ें आ रही थी।

मैंने चूमते–चूमते रजनी दीदी की साड़ी निकाल दी।
फ़िर एक हाथ नीचे ले जाकर रजनी दीदी का साया भी निकाल दिया।

अब मैंने भाभी को लेटाया और उनकी ब्रा की स्ट्रिप को खींच कर तोड़ दिया।
जिससे ब्रा की स्ट्रिप भाभी को तेजी से लगी और उनकी चीख निकल आयी– मम्मी रे …!

उधर रजनी दीदी हँस दी और बोलीं– पहली बार मेरे साथ भी ऐसा किया था।
फ़िर वे खुद ही अपनी ब्रा और पैंटी निकाल दी।

मैंने भाभी को धीरे–धीरे चूमते हुए उनकी चूत तक पहुँचा और पैंटी निकाल दी।
चूत पर चूमा तो भाभी सिहर उठी।

पीछे से रजनी दीदी ने पकड़कर मेरा बरमुडा निकाल दिया।
भाभी मेरे लंड को देखकर चुप हो गयी।

फ़िर बोलीं– तेरे भैया का इसे छोटा और पतला है।
तब मैं बोला- तब तो आज आप की चूत फटेगी।

भाभी हँस दी और बोलीं– देखते हैं कि कौन किसकी फाड़ता है।
मैं यह आप सब लोगों को बता दूं कि जो भाभी को लड़का हुआ है वह बड़े ऑपरेशन से हुआ है।

अब हम तीनों ही एकदम नंगे थे।

मैं उठा और लिक्विड चॉकलेट के बॉटल का ढक्कन खोला।
फ़िर लिक्विड चॉकलेट भाभी की चूचियों और चूत पर लगा दिया।

अब एक रैपर चॉकलेट खोला और उसको रजनी दीदी की चूत पर रगड़ दिया जिससे वे सिहर उठी।

अब मैं नीचे आकर भाभी की चूत चूसने लगा।
साथ ही में मैंने अपने एक हाथ से रजनी दीदी की चूत में चॉकलेट का बार घुसाकर अंदर–बाहर करने लगा।

भाभी के मुंह से सिर सीत्कार निकल रही थी– आह … उह … ईई … आह … सश्स … आह … सी … ऊ … या … चूस लो … खा जाओ … ये निगोड़ी चूत बहुत परेशान करती है … इसका भरता बना दो … आह … आह … ईई … आह … सी … आम्मह … सीय … ऊ … या!

उधर रजनी दीदी उनके चूचे पी रही थी।
थोड़ी देर चूत चूसवाने के बाद भाभी बड़बड़ाने लगी और एक तेज सीत्कार करती हुई झड़ गई।

फ़िर मैंने भाभी को छोड़कर रजनी दीदी की चूचियों और चूत पर चॉकलेट लगाकर चूत चाटी।
थोड़ी देर में रजनी दीदी का भी पानी निकल गया।

यह सब देखकर भाभी फ़िर से गर्म हो गयी थी।
मैं उनके ऊपर आकर उनको चूमने लगा।

जिससे मेरा लंड उनकी चूत को छू रहा था।
भाभी भी अपनी चूतड़ उचकाकर मेरा लंड अंदर लेने की कोशिश कर रही थी।

लेकिन मैं उनको अभी और तड़पाना चाह रहा था।
मैं नीचे आ गया।
फ़िर मैं चूत में एक अंगुली डाल कर चूत को चोदने लगा।

भाभी की चूत एकदम भट्टी जितनी गर्म थी।
मैंने भी मौके का फायदा उठाकर एक आइस क्यूब चूत में डाल दी।

भाभी इसके लिए कतई तैयार नहीं थी।
वे अपने हाथ–पैर को पटकने लगी और मुझे गालियाँ देने लगी।

लेकिन मैंने उस आइस क्यूब को बाहर नहीं निकलने दिया।
अब वे बिन पानी की मछली की तरह तड़प और छटपटा रही थी।

लेकिन मैंने उन्हें नहीं छोड़ा।
फ़िर मैंने थोड़ा और नीचे आकर उनकी चूत पर अपने होंठ रख दिए जिससे वे चिहुंक उठी।

अब मैं अपने होंठों से उनकी चूत में घुसे बर्फ के टुकड़े को इधर–उधर करने लगा।
जब एक टुकड़ा पिघलता तो उसको मैं पी जाता।

इस बीच भाभी के मुंह से सीत्कार निकल रही थी– आह … आह … ईई … आह … सी… ऊईई … या … चूस लो … आह … आह … ईई … आह … सीआह!
यह सब देखकर रजनी दीदी गर्म हो गयी।
वे ये सब देखते हुए अपनी चूत में उंगली करने लगी।

रजनी दीदी को देखकर मेरी हँसी छूट गयी।
फ़िर मैंने पूछा– किसकी चूत में ज्यादा आग लगी हुई है? किसको मैं पहले ठंडा करूँ?

तो रजनी दीदी ने कहा– पहले मुझे!
फ़िर मैंने रजनी दीदी की दोनों टांगों को फैलाया और अपना 7.5 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा।

वे गांड उठाकर लंड को अंदर लेने के लिए बेताब हो रही थी।
मैंने भी एक झटके में पूरा लंड उनकी चूत में घुसा दिया।

जिससे वे हिल गयी और उनकी चीख़ निकल गयी।
वे सिसकारियां भरे जा रही थी।

करीब 20 मिनट की चुदाई में रजनी दीदी का पानी निकल गया।
थोड़ी देर बाद मेरा भी पानी निकल गया।

फ़िर हम लेट गए।
बगल में लेटी भाभी अब धीरे–धीरे अपने हाथ मेरे सीने पर चलाने लगी।

फ़िर मेरा लंड पकड़कर हिलाने लगी।
जिससे मेरा लंड फ़िर से अपने विकराल रूप में आ गया.
ऐसा भाभी बोलती है।

अब बारी थी भाभी की जोरदार और रगड़कर चुदाई की।
मैं उठा और रिब्बेड कॉण्डम को लंड पर लगाया।

फ़िर लंड को भाभी की चूत पर रगड़ने लगा।
जिससे भाभी के मुंह से सिसकारियां निकलने लगी– ऊआह … आह … ईई … सी … आह … सी … ऊआह …सी!

फ़िर मैंने लंड को चूत के छेद पर अच्छे से सेट किया।
तब भाभी ने लंड पर हाथ रखकर दिशा दिखाई।

मैंने एक ही झटके में पूरा लंड अंदर उतार दिया और बच्चादानी पर चोट पहुँचाई।
भाभी जोर से चीखने लगी– मम्मी बचाओ … छोड़ो मुझे … लंड बाहर निकालो … बहुत जलन हो रही है!

वे इधर–उधर अपना सर पटक रही थी। वे मुझको पीछे करने की नाकाम कोशिश कर रही थी।

भाभी जोर–जोर से चीख रही थी लेकिन मैंने एक हाथ से उनके मुंह को दबा रखा था।

चूंकि रिब्बेड कॉण्डम था तो दर्द कुछ ज्यादा ही हुआ।

मैं 2-4 मिनट तक रुका।
फ़िर भाभी ने चीखना थोड़ा कम किया।

मैंने लंड को थोड़ा बाहर निकाला और फ़िर से एक जोरदार झटका लगाया।
लंड चूत को फाड़ता हुआ 7.5 इंच अंदर बच्चादानी से जा टकराया।

इस पर भाभी बहुत जोर से चीख पड़ी और मुझसे चिपक गई।
उन्होंने मेरे गले पर दांती भी काट लिया और अपने नाखून को मेरे पीठ में गड़ा दिया।

वे रोने लगी और बोलीं- प्लीज, बाहर निकालो एक बार, बहुत लम्बा और मोटा है तुम्हारा … बहुत दर्द कर रहा है।
मगर मैं रुका नहीं, मैं उनको बिना रुके चोदने लगा।

वे सिर्फ ‘आह … आह’ करे जा रही थी!
थोड़ी देर बाद जब वे सामान्य हुई तो गांड उठा कर लंड के ताल से ताल मिला रही थी।

पूरे कमरे से फच–फच की आवाज़ आ रही थी।

वे मजे से सीत्कारें भरने लगी- आह … पूरा पेलो … आह … मजा आ रहा है … और चोदो अन्दर तक लंड पेलो … मेरी बच्चादानी में छेद कर दो … आह फाड़ दो मेरी चूत को! आज से यह तेरी गुलाम है जान!
मैं भी जोश में आ गया- आह यह लो … और अन्दर लो … आज के बाद तुम मेरी बीवी हो … आह!

भाभी– हाँ जान, ऐसे ही पेलो … मेरा जीवन धन्य हो गया … आज पहली बार इतनी देर तक चुदी हूँ! आह … फाड़ डालो आज मेरी चूत को … ऊँ … हीं … हूँ … ओ … हूँ … हाय रे … चीं … चून … चूँ … वॉव … हां … हो … ओहो … आये हाय और चोदो … बाप रे बाप … फाड़ डालो मेरी चूत … हूँ … ओ … हो … क्या मस्त लौड़ा है तेरा … ऊँ … हूँ … हो … आ … आह … बड़ा मज़ा दे रही’ भाभी के मुंह से यही सब निकल रहा था।

आगे भाभी कहने लगी– हाय जवानी तो बड़ी कुत्ती चीज है, बुरचोदी! अब मुझे रोज तुमसे चुदना है! चोद कर मेरी चूत फाड़ दो। मैं हमेशा तुम्हारा लंड अपने चूत में लिए रहूँगी।

फ़िर मैंने कहा- अब मैं आपको घोड़ी बनाकर चोदूंगा, डॉगी स्टाइल में चोदूंगा।
वह बोलीं–- जैसे चाहो, वैसे चोदो पर चोदो, रुको नहीं, चोदते जाओ। मेरी चूत की धज्जियां उड़ा दो। जब से यहाँ आयी हूँ, इस चूत की गर्मी ने परेशान कर दिया। आज इसकी सारी गर्मी निकाल दो!

मैंने कहा- आज से आपकी चूत की गर्मी शांत करने की जिम्मेदारी मेरी!
और तेजी से झटके मारने लगा।

हर झटके में भाभी ‘पूरा पेलो … आह मजा आ रहा है … और चोदो अन्दर तक लंड पेलो … फाड़ दो मेरी चूत को’ वे यही सब बोले जा रही थी।

मैंने उन्हें नीचे उतारा।
फ़िर एक गद्दा डाल कर उस पर उन्हें घोड़ी बना दिया।

मैंने लौड़ा पीछे से उनकी चूत में पेल दिया।
अब मैं अपने दोनों हाथों से उनकी कमर को पकड़े हुए दनादन चोदने लगा।
मैं पूरा लौड़ा घुसा–घुसा कर उन्हें चोदने लगा।

वे भी चुदाई में पूरा साथ देने लगी।
मैं झटके पर झटके मारे जा रहा था।

वे हर झटके का जबाव गांड पीछे करके दे रही थी।
हर एक झटके पर मुझे इतनी खुशी मिल रही थी कि शब्दों में मैं बयां नहीं कर सकता।

थोड़ी देर डॉगी स्टाइल में चोदने के बाद मैंने उन्हें मिशनरी स्टाइल में लिटा कर, घपा–घप चोदने लगा।
भाभी सिर्फ- ऊंह … उम्म … आआआह … आ अया ऊंह उम्म … आआ अया ऊंह उम्म … आआआह …आआह … आ अया ऊंह उम्म … आआआह … कर रही थी।

5 मिनट की चुदाई के बाद भाभी ने मुझे कस कर अपनी टांगों में जकड़ लिया।
अब मैं झटके नहीं लगा पा रहा था बल्कि वे खुद मुझे नीचे से अपने चूतड़ को उठाकर चोद रही थी।

2 मिनट बाद भाभी ने अपना सारा पानी छोड़ दिया।
मैंने भी 5 मिनट की चुदाई में अपना माल निकाल दिया।

फ़िर हम लेट गए।
यह कार्यक्रम लगभग 30 मिनट चला।

करीब 10 मिनट बाद मेरा लंड फ़िर खड़ा होने लगा क्योंकि मैंने दवा ले रखी थी।
उधर तब तक रजनी दीदी सो चुकी थी।

मैंने भाभी का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया।
भाभी लंड को हिलाने लगी और लंड ने फ़िर से विकराल रूप के लिया।

इस बार भाभी उठी।
उन्होंने लंड पर कॉण्डम लगाया और एक झटके में लंड पर बैठ गयी।

जिससे उनकी सिसकारियां– आआआह … आ अया ऊंह उम्म … आआ अया ऊंह उम्म … निकल पड़ी।
अब वे आराम से सिसकारियां लेकर लंड पर घुड़सवारी कर रही थी।

करीबन 20 मिनट बाद वे जोर–जोर से चिल्लाने लगी– आ … आ … हाए मम्मी … हाए मम्मी मर गई … आ … आज मर गई … आह बचा लो … मम्मी … आह आई … अहह … उम्म्म्म … हम्म्म … करते हुए झड़ गई।

फ़िर वे मेरे ऊपर लेट गई।
अब मैं नीचे से धीरे–धीरे उनकी चुदाई करने लगा।

वे मेरे ऊपर लेटे हुए मुझे चूम रही थी।
मैंने उनको लेटाया और मैं ऊपर आकर उनकी चुदाई करने लगा।

मेरा भी होने वाला था तो मैं और तेजी से झटके मारने लगा।
हर झटके पर वे पूरा सिहर जाती और मुंह से बस एक आवाज़ आ रही थी– हाय … मम्मी मर गई … आह … आह … उम्ह … उम्ह!

तकरीबन 5 मिनट की चुदाई के बाद मेरा भी पानी निकल गया।
फ़िर मैं उनके साइड में उन्हें गले लगाकर लेट गया।

उस 3सम विद भाभी के बाद हम दोनों लोग लेट गए और बातें करने लगे कि कैसे भैया ने उनकी पहली चुदाई की थी और उनको आज की चुदाई में कितना मजा आया।
फ़िर मैंने उन्हें बताया कि कब से मैं उनकी दीदी को चोद रहा हूँ।

फ़िर हम सो गए।
सुबह 10 बजे मैं उठा तो देखा सब लोग उठ कर काम में लगे थे।

मुझे उठा देखकर भाभी कमरे में आयी और मुझे गले लगाकर चूम लिया।
फ़िर बाहर चली गयी।

उस दिन के बाद भाभी के भाई के आने तक हम तीनों ने खूब चुदाई की।

अब तो भाभी मेरी पत्नी की तरह हो गयी है।
जब चाहता हूँ चोद देता हूँ, बशर्ते घर पर कोई ना हो।

इसके बाद मैंने भाभी और रजनी दीदी की गांड का उद्घाटन किया।
लेकिन वह कहानी कभी बाद में लिखूंगा।

आज कल तो भाभी और रजनी दीदी से उनकी भाभी की चूत दिलवाने के लिए मना रहा हूँ।
लेकिन मान ही नहीं रही है दोनों!

अब आप लोग बताएं कैसे दोनों को मनाया जाए।

दोस्तो, मेरी एकदम सच्ची 3सम विद भाभी कहानी कैसी लगी और भाभी की भाभी की चूत कैसे ली जाए।
इसके लिए मेल करें।
धन्यवाद!
sksp208@gmail.com
 
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