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Hindi - हिन्दी Adultery भाभी को घर बुलाकर बजाया (All Parts)

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Part 1​

हेयरी पुसी फक कहानी में मैंने अपनी रिश्ते की एक भाभी को बड़ी मुश्किल से घर बुलाया चुदाई के लिए. जब मैंने भाभी की पैंटी उतारी तो उनकी चूत झांटों से भरी पड़ी थी.

चूत और लंड के सभी शौकीनों को मेरा प्रणाम.
मैं अजय 21 साल का अच्छा खासा छह फुट लंबा लड़का हूँ.
मेरा हथियार भी मस्त है और यह 6 इंच लंबा है.

मेरी दूर की रिश्तेदारी में पलक भाभी से अच्छी खासी जान पहचान थी. पलक भाभी से अक्सर मेरी मुलाकात भी हो जाती थी.

भाभी की जवानी देख देखकर मेरा लंड भाभी की चूत मांगने लगा था
मेरे दिमाग में पलक भाभी को बजाने का ख्याल आने लगा था.

पलक भाभी लगभग 30 साल की हॉट सेक्सी बिंदास माल हैं.
उनके ऊपर भरपूर जवानी छाई हुई है.

भाभी के मस्त टाइट चूचे लगभग 34″ के और एकदम कसे हुए हैं.
उनकी चिकनी कमर लगभग 30″ की है.
भाभी की मस्त टाइट गांड 36″ की है.

मेरा लंड भाभी के सेक्सी फिगर को देखकर कुलबुलाने लगता था.

पलक भाभी से मेरी अच्छी पटती थी.
मैं उन्हें बातों बातों में ही मेरे लंड के नीचे लाने की कोशिश करता था.
लेकिन भाभी मेरी बात को इग्नोर कर जाती थीं.

मैं भाभी को पटाने की पूरी कोशिश करता था लेकिन वे सब कुछ जानती समझती हुई मेरी बात को हमेशा हंसकर टाल देती थीं.

तभी एक दिन भाभी का कॉल आया- अजय कहां है तू?
“घर पर हूँ भाभी!”
“मैं यहां होकर ही निकल रही हूँ. तुम्हें मिलना हो, तो बस स्टैंड पर आ जा.”

उस दिन मैं घर पर अकेला था; सब लोग बाहर गए हुए थे.

मुझे लगा कि अगर भाभी आज पट जाती हैं, तो उन्हें बजाने के लिए मेरे पास सबसे अच्छा मौका है.
तभी मैंने भाभी से कहा- भाभी आपको मिलना है, तो घर पर ही आ जाओ. वैसे भी आप हमारे घर कभी नहीं आई हो. इस बहाने हमारा घर भी देख लेना.

“नहीं यार, मैं घर पर नहीं आ सकती. मैं लेट हो जाऊंगी.”
“अरे भाभी अभी तो बहुत टाइम बाकी है. आप आराम से पहुंच जाओगी. आप पहले इधर ही आ जाओ!”

“नहीं यार, मैं घर पर नहीं आ सकती.”
“अरे भाभी आ जाओ. वैसे आपसे मिले हुए भी बहुत टाइम हो गया. घर पर कोई नहीं है, तो अच्छी तरह से मुलाकात हो जाएगी.”

भाभी मेरी बात का मतलब समझ चुकी थीं.
वे शायद मना ही कर देतीं लेकिन न जाने क्यों उस दिन भाभी ने कह दिया- अच्छा ठीक है, मैं सोचकर बताती हूं.

यह कह कर भाभी ने फोन काट दिया.
थोड़ी देर बाद मैंने भाभी को दो तीन बार फ़ोन किया लेकिन भाभी ने फ़ोन नहीं उठाया.

फिर मैंने थोड़ी देर रुककर भाभी को फिर फ़ोन किया.
तब भाभी ने फ़ोन उठाया- अरे यार मैं वहां आकर क्या करूंगी? घर पर भी तो और कोई नहीं है?

“अरे भाभी मैं तो हूँ ना घर पर! आप आओ तो सही. अच्छे से खातिरदारी करूँगा आपकी!”
“अरे यार रहने दे तू तो!”
“अरे भाभी ऐसे मत करो, प्लीज आ जाओ. मैं तो ब्रेसब्री से आपका इंतज़ार कर रहा हूं!”

भाभी मान नहीं रही थी.
शायद मौके की नजाकत को समझती हुई वे थोड़ा डर रही थीं.

लेकिन मैं आज इस मौके को छोड़ने के मूड में नहीं था. मैं उनको बार बार पटाने की कोशिश कर रहा था.

फिर न जाने कैसे भाभी मेरी ज़िद के आगे मान गईं- अरे यार तू नहीं मानेगा. चल तू बस स्टैंड पर मुझे लेने आ जा!
“ठीक है भाभी.”

अब मैं खुशी से लंड मसलता हुआ तुरंत बस स्टैंड पर भाभी को लेने पहुंच गया.

थोड़ी देर में ही भाभी बस से उतर आईं.
उस दिन भाभी हरे रंग साड़ी में शानदार माल लग रही थीं.

उनका चिकना जिस्म, होंठों पर लगी पिंक लिपस्टिक और भाभी का मेकअप देखते ही मेरा लंड लोहे की रॉड जैसे बन गया.

मैंने भाभी बाइक पर बैठाया और उन्हें घर ले लाने लगा.
भाभी के जिस्म से परफ्यूम की महक आ रही थी.

अब भाभी को चोदने के लिए मेरा लंड बेकाबू हो रहा था.

कुछ देर में हम दोनों घर पहुंच गए.

मैंने भाभी को हॉल में बैठाया और उनके लिए पानी लाया.
भाभी ने पानी पीते हुए पूछा- घर पर कोई नहीं है, फिर भी तूने मुझे बुला लिया. अगर सब यहां होते तो मैं उनसे मिल लेती!

“भाभी आज तो मैंने आपको सिर्फ मुझसे मिलने के लिए ही बुलाया है.”
“अच्छा?” भाभी खिलखिला उठीं.

उनकी चेहरे की मुस्कुराहट ने मेरे लंड को ग्रीन सिग्नल दे दिया.
“हां भाभी.”

तभी मैंने भाभी का हाथ पकड़ लिया.

“आओ भाभी मैं आपको मेरा रूम दिखाता हूं.”
अब भाभी मेरे साथ मेरे रूम में आ गईं.

भाभी के साथ मामला पूरा सैट हो चुका था.
तभी मैंने भाभी की कमर को पकड़ा और उनके गुलाबी होंठों को लपक लिया.

मैं भाभी के होंठों का रस पीता हुआ भाभी की गांड को सहला रहा था.

भाभी थोड़े से नखरे दिखा रही थीं.
मैं भाभी के होंठों की लिपस्टिक को बुरी तरह से चूस रहा था.

इधर भाभी की जिस्म की खुशबू मेरे लंड में आग लगाने का काम कर रही थी.

तभी मैं भाभी के टाइट चूचों को सहलाने लगा.
भाभी के टाइट मस्त कसे हुए बोबों को मैं कसकर मसल रहा था.

कुछ ही पल बाद भाभी भी मचल उठीं और मेरे होंठों को खाने लगीं.

अब “आउच् पुच्च्च आउछ …” की आवाजों के साथ भाभी गर्म होने लगी थीं.
मेरा मस्त हथियार भी भाभी की चूत नापने के लिए बेकाबू हो रहा था.
भाभी की गांड की कसावट मुझे हर पल उकसा रही थी.
वे भी अब लंड के लिए मचलने लगी थीं.

तभी मैंने भाभी को झट से बेड गिरा दिया और तुरंत अपना पजामा खोल कर लंड बाहर निकाल लिया.

भाभी मेरे लंड को देखते ही सकपका गईं.
वे भी अब मेरे लंड को चखने के लिए मचल रही थीं.

मैंने तुरंत भाभी के पेटीकोट में हाथ डाला और उनकी पैंटी खींच कर निकाल फेंकी.
भाभी ने आंखें बंद कर लीं.

मेरे मस्त हथियार को भाभी की काली घनी झांटों से ढकी हुई चूत के दर्शन हो गए.
मैंने भाभी की टांगों को फैलाया और उनकी हेयरी पुसी की दरार में अपने लंड को घिसने लगा.

“भाभी, अपनी ये झांटें तो काट लिया करो!”
यह सुनकर भाभी शर्म से पानी पानी हो गईं.

हेयरी पुसी फक की शुरुआत करते हुए मैंने एक जोर का झटका लगाया और मेरा मस्त हथियार भाभी की चूत को खोलता हुआ पेंदे में जा पहुंचा.

चूत की जड़ में लंड पहुंचते ही भाभी जोर से चिल्ला पड़ीं- आईई मम्मी … आहह मर गई … आईई बहुत दर्द हो रहा है साले बेदर्दी … आईई!
“होने दो भाभी. आज तो मैं आपकी तबियत से खातिरदारी करूँगा.”

अब मैं भाभी की चिकनी टांगों को अपने दोनों कंधों पर रखकर उनकी ज़ोरदार ठुकाई करने लगा.
भाभी की मस्त टाइट चूत में मेरा लंड ज़ोरदार खलबली मचा रहा था.

भाभी दर्द से मछली की तरह तड़प रही थीं.
उन्हें मेरा मोटा तगड़ा हथियार बहुत भारी पड़ रहा था.

“ओह मम्मी मर्रर्रर्रर्र गईईई, आईई ओह अजय बहुत दर्द हो रहा है … आईई सिस्स आईई मम्मी … अजय प्लीज लंड बाहर निकाल लो.”
“भाभी, आज तो मेरी प्यास बुझाने दो … आहह बहुत मज़ा आ रहा है. मैं बहुत दिनों से आपको चोदने के लिए तड़प रहा था!”

यह सुनकर भाभी चुप हो गईं.
वे मेरी तड़प को समझ रही थीं.

मैं भाभी को ताबड़तोड़ चोद रहा था. मेरे लंड की ज़ोरदार ठुकाई से बेड भी चूँ चूँ कर रहा था.

भाभी की चिकनी चूत में लंड ठोकने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था; भाभी के जिस्म की खुशबू मुझे पागल कर रही थी.

“आईईईई ओह मम्मी मर्र गईई आह्ह अजय धीरे धीरे चोदो आह्ह मैं मर जाऊंगी.”
“कुछ नहीं होगा भाभी आह्ह चोदने दो … बहुत मज़ा आ रहा है … आह्ह बहुत मस्त माल हो आप आह्ह!”

मैं भाभी की चूत को जमकर नाप रहा था.
मेरा मस्त लौड़ा भाभी की चूत की जड़ें हिला रहा था.

ताबड़तोड़ लंड ठुकाई से भाभी के चेहरे का मेकअप उतरने लगा था.
वे अपनी दोनों मुट्ठियों से बेडशीट को कस रही थीं- आईई ईईई आह ओह्ह्ह सिसस ओह्ह मम्मी!

“अहाह बहुत मज़ा आ रहा है मेरी जान!” मैं भाभी को मजे से चोदता जा रहा था और भाभी दर्द के मारे तड़प रही थीं.
लेकिन अब वे भी मेरे लंड को झेल रही थीं.

ज़ोरदार धक्कम पेल से भाभी की हालत पतली होने लगी थी.
उन्हें मेरा मोटा भारी भरकम लंड बहुत बुरी तरह से चोट पहुंचा रहा था.

आज बहुत दिनों की मेहनत के बाद मुझे भाभी को बजाने का मौक़ा मिला था और मैं इस मौके का जमकर फायदा उठा रहा था.

“ओह आह्ह आह्ह … सिसस्स आह्ह आई ईईईई मम्मी … मर्र गईई … बहुत दर्द हो रहा है.”
भाभी मेरे लंड के कहर को झेल नहीं पाईं और वे बुरी तरह से अकड़ गईं.

कुछ ही पलों में भाभी की चूत से गर्मागर्म लावा फूट पड़ा.
भाभी पानी पानी हो चुकी थीं.

मेरा मोटा काला लंड भाभी के सफेद माल में लथपथ हो चुका था.

मैं अभी झड़ा नहीं था तो उनकी चिकनी हो चुकी चूत में सटासट सटासट लंड पेले जा रहा था.

भाभी बस “ओह इस्स अजय आह्ह” कर रही थीं.
कुछ देर बाद धीरे धीरे भाभी का दर्द गायब हो गया और वे मस्ती से अपनी चूत में लंड ठुकवाने लगी थीं.

“ओह अजय फक मी … आह्ह फक फक और ज़ोर ज़ोर से चोद मुझे … आहह मजा आ गया!”
“हां भाभी, आज मैं आपको बहुत पेलूंगा … ले साली चुद बहन की लौड़ी.”

मैंने उन्हें गाली देते हुए पेला तो वे और ज्यादा कामुक हो गईं.

“हां बजा ले साले अजय … मैं भी बहुत दिनों से प्यासी हूं … तू कब से मेरी जवानी पर अपनी नजरें गड़ाए बैठा था न कुत्ते आह आह्ह पेल मादरचोद … आह बहुत मज़ा आ रहा है तेरे लंड से चुदवाने में आह!”
मैं भाभी के मुँह से गाली सुनकर उनको और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा था.

मेरा लंड भाभी की चूत के परखच्चे उड़ा रहा था.

“आह्ह इस्स उन्ह … ऐसे मज़ा नहीं आ रहा है … और गालियां दे मुझे.”
“हां भैन की लौड़ी.”

अब मैं भाभी को गालियां दे देकर बजा रहा था.
तभी भाभी की चिकनी चूत फिर से गाढ़े सफेद लावे से भर चुकी थी.

“आहा ओह्ह्ह् फक्क्क मी ओह फास्ट और फास्ट.”
“हां साली ले और फास्ट ले कुतिया.”

अब मेरी धुंआधार ठुकाई से भाभी की वासना बाहर फूटने लगी थी और वे अपनी दोनों टांगें हवा में उठाए हुई जमकर अपनी चूत में लंड ठुकवा रही थीं.

“ओह्ह्ह् मम्मी फाड़ दी मेरी तो … अहाहा फक्क मी कुत्ते!”

मैंने भाभी की साड़ी और पेटीकोट को खोल कर उन्हें नीचे से नंगी कर दिया और उनकी टांगों को उठा कर उन्हें मोड़ दिया.

एक तरह से मैंने भाभी को फोल्ड कर दिया था और मैं खड़ा होकर उनकी चूत में ज़ोर ज़ोर से लंड पेलने लगा.
मेरा मस्त लौड़ा अब भाभी की चूत में एकदम तीखा वार कर रहा था.
मेरे लंड के तीखे वार से भाभी तितर-बितर होने लगीं.

“आईई मम्मी रे … धीरे धीरे चोद आह्ह बहुत दर्द हो रहा है साले मां के लौड़े.”
“होने दे साली कुत्ती.”

भाभी को फोल्ड कर उनकी लेने में मेरे लौड़े की मौज हो रही थी.

मैं लपक लपक कर भाभी की चूत में लंड पेल रहा था. भाभी झमाझम चुद रही थीं.
आज तो मेरे लंड की मानो लॉटरी लग गई थी. मैं भाभी की जमकर ले रहा था.

भाभी की दर्द भरी चीखें बेडरूम में गूंज रही थीं.

“आई साले भाभी चोद कहीं के.”
“हां साली भैन की लौड़ी.”

“आहाह फक्क मी … निकाल दे मेरी चूत की गर्मी!”
“हां मेरी जान् आज तेरे जिस्म का पुर्जा पुर्जा हिला दूंगा!”

मेरी धुंआधार ठुकाई से भाभी की चूत फिर से गीली हो गई थी.
मेरे लंड के ज़ोरदार धक्कों के साथ फच्छ फच्छ फच्छ की आवाजें गूंजने लगीं.

मैं भाभी को पेले जा रहा था और वे दर्द से कराहने लगी थीं- उन्ह आह्ह बस कर यार … चूत में दर्द हो रहा है.
“होने दे साली मां की लौड़ी!”

थोड़ी देर में ही भाभी का जिस्म अकड़ने लगा था.
अब मैंने भाभी को वापस अनफोल्ड कर दिया.

भाभी की शक्ल अब देखने लायक थी.
ताबड़तोड़ ठुकाई से उनके जिस्म से पसीना बह रहा था.
उनका पूरा मेकअप तहस नहस हो चुका था. भाभी का ब्लाउज पसीने से पूरा भीग चुका था.

मैंने भाभी के टाइट चूचों को जोर से भींच डाला.
उससे भाभी दर्द से उछल पड़ीं- आईई मम्मी … साले छोड़ मेरे दूध … आह उखाड़ेगा क्या … आह लग रही है!

मैं भाभी के चूचों को मसलने लगा और वे दर्द से कसमसाती रहीं.

“ओह्ह्ह भाभी तेरे चुचे तो बहुत मस्त लग रहे हैं.”
तभी मैंने भाभी के ब्लाउज के हुक खोल दिए और भाभी की ब्रा को हटाकर चूचों को नंगा कर दिया.

अब मैं भाभी के चूचों पर भुखे कुत्ते की तरह झपट पड़ा.
“आईई इस्स आईई ओह्ह्ह कुत्ते धीरे धीरे दबा आह … बहुत दर्द हो रहा है आईई मम्मी … ओह्ह्ह साले आराम से आह … आज कहां फंस गई.”
अब भाभी दर्द से बुरी तरह से झल्ला रही थीं.

मैं भाभी के गोरे गोरे चिकने बोबों को जोर से अपनी दोनों मुट्ठियों में कस रहा था.

भाभी की दर्द के मारे गांड फटकर हाथ में आ रही थी- ओह्ह्ह भैन के लौड़े छोड़ दे मादरचोद … आईई दर्द हो रहा है … आईई ओह्ह्ह!

मैंने भाभी के चूचों की शक्ल बिगाड़ दी और उनको निचोड़ कर लाल कर दिया.

मैंने फिर से भाभी की टांगों को खोल लिया और अपने हथियार के सुपाड़े को भाभी की चूत में रगड़ने लगा.

“जल्दी से डाल कमीने … इस्स बहुत खुजली मची है मेरी चूत में.”
“थोड़ा तो सब्र रख मेरी रानी.”

मैंने भाभी की चूत में लंड पेला और फिर से झमाझम चोदने लगा.
अबकी बार मैं भाभी को बांहों में कसकर चोद रहा था.
मेरे लंड के झटकों से भाभी का चिकना जिस्म मेरी बॉडी से टकरा कर रगड़ खा रहा था.

“आईई इस्स ओह्ह्ह अजय फक्क मी … ओह्ह्ह फास्ट.”
“ओह्ह्ह मेरी रानी.”

भाभी की टांगें हवा में लहरा रही थीं.
मैं ज़ोर ज़ोर से भाभी की चूत में लंड डाल रहा था.

ताबड़तोड़ ठुकाई से अब तो भाभी को दिन में तारे नज़र आने लगे थे.
वे अपने नुकीले नाखूनों से मेरी पीठ को खोद रही थीं.

उनके टाइट चूचे मेरी बॉडी की रगड़ से पिचक रहे थे.

“आई ईईई सिसस्स आह्ह आह्ह आह्ह उन्ह ओह आई ईईई इस्स ओह साले हरामी … कैसा मस्त चोदता है … बहुत अच्छा लग रहा है.”

मैं अपनी गांड हिला हिलाकर भाभी को बजाए जा रहा था.
भाभी टांगें फैलाकर जमकर चुद रही थीं.

कुछ ही देर में मेरी ताबड़तोड़ पेलम पेल से भाभी फिर से झड़ने की कगार पर पहुंच गईं- ओह्ह्ह इस्स आईई कुत्ते … फक मी फास्ट आहा … ओह्ह्ह मर गई मैं तो!

तभी भाभी का माल निकल गया.
मेरा लंड फिर से भाभी के लावे में सन चुका था.

भाभी फिर से पसीने में नहा चुकी थीं.
अब भाभी ने जोर से मुझे बांहों में जकड़ लिया- ओह्ह्ह अजय, इस्स!

मेरा लंड लगातार भाभी की चूत में हलचल कर रहा था.
भाभी बहुत बुरी तरह से थक चुकी थीं.

मैं थोड़ा सा रुका, तभी भाभी में न जाने कहाँ से ताकत आ गई और वे मुझे धक्का देकर मेरे ऊपर चढ़ गईं.

भाभी ने मेरे हथियार को चूत में फिट कर लिया और अब वे अपनी गांड उछाल उछाल कर चुदने लगीं.

“आह्ह आह्ह आह्ह ओह मम्मी … बहुत मज़ा आ रहा है … आह्ह आह्ह उंह … इस्स.”
“खूब चुदो भाभी … मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है … आहाह ज़ोर ज़ोर से झटके मारो!”
“हां कुत्ते मार रही हूँ.”

भाभी ज़ोर ज़ोर से झटके मार मारकर चुद रही थीं. वे जमकर लंड ले रही थीं.

उनको मेरे मोटे तगड़े हथियार की सवारी करने में बहुत मज़ा आ रहा था और चूत चुदाने का बहुत ज्यादा जोश चढ़ा हुआ था.

“आह आहह मॉम.”
“ओह्ह्ह साली आहा बहुत अच्छा लग रहा है.”

भाभी के ज़ोरदार झटकों से उनके टाइट चूचे जोर जोर से हिल रहे थे.
उनके दोनों चूचों के बीच लटकता हुआ मंगलसूत्र उन्हें बहुत ज्यादा सेक्सी बना रहा था.

भाभी को मेरे लंड की सवारी करने में बहुत मज़ा आ रहा था.

“ओह्ह्ह साले आहाह इस्स उन्ह आहा.”
“ओह्ह्ह मेरी रानी बहुत पक्की खिलाड़ी है तू!”
“हां कमीने, आज मस्त लंड मिला है तो क्यों न मजा लूँ!”

लगातार लंड के साथ उछल कूद करने से भाभी हांफने सी लगी थीं.
अब उनका चिकना जिस्म पसीने से लथपथ हो चुका था.
तभी भाभी का पानी निकल गया और अब उनके झटके बंद हो गए.

भाभी ने तुरंत मेरे होंठों में अपने होंठ फंसा दिए. अब वे मेरे होंठों को चूस रही थीं और पागल सी हो रही थीं.
मैं भाभी की चिकनी पीठ को सहला रहा था.

भाभी मेरी छाती पर आ गईं और ताबड़तोड़ तरीके से किस करने लगीं.
अब तो वे मानो भूखी शेरनी बन चुकी थीं. मेरी छाती पर वे बुरी तरह से बाईट कर रही थीं.

मैं भाभी के बालों को सम्हाल रहा था. भाभी की गर्मागर्म सांसों का अहसास पाकर लग रहा था कि वे बहुत दिनों से चुदी नहीं थीं.
भाभी में किस कर करके मेरी छाती को गीला कर डाला.

फिर वे नीचे को सरक गईं और उन्होंने मेरे मोटे तगड़े लंड को पकड़ लिया.
अब भाभी मुस्कुराती हुई मेरे लंड को मसलने लगीं.

“साले भैन के लौड़े … तेरा तो बहुत तगड़ा लंड है. काश तेरे भैया का भी ऐसा होता तो रोज मेरी चूत फटती!”
“कोई बात नहीं भाभी. आप जब चाहोगी तब मैं आपकी चूत फाड़ दूंगा!”
“हां फाड़ देना साले कमीने!”

भाभी ने मेरे लंड को मसल मसल कर लाल कर डाला.
फिर मेरे लंड को मुँह में भरा और उसे चूसने लगीं.

“उम्म … बहुत ही वजनदार हथियार है तेरा!”
“हां भाभी, जमकर चूसो मेरे लौड़े को!”

भाभी भूखी शेरनी की तरह मेरे लंड पर टूट पड़ी थीं. वे जोर जोर से झटके मार रही थीं.
भाभी को संभाल पाना अब मेरे लिए मुश्किल हो रहा था. मैं भाभी के काले घने बालों को एक तरफ करके उनको लंड चूसने में पूरी मदद कर रहा था.

“ओह्ह्ह भाभी आहह और जोर जोर से चूसो. बहुत मज़ा आ रहा है … आहह.”

भाभी लबलबा कर मेरा लंड चूसे जा रही थीं. भाभी को देखकर लग रहा था कि उन्हें भारी भरकम लंड की सख्त जरूरत थी.
उन्होंने मेरे लंड को चूस चूसकर लाल कर दिया.

अब भाभी 69 की पोजीशन में आ गईं.
वे अपनी गर्मागर्म चूत को मेरे मुँह पर रगड़ रही थीं और मेरे लंड के साथ खेल रही थीं.
मैं भी भाभी के चिकने चूतड़ों को सहलाते हुए उनकी चूत में जीभ डालकर खलबली मचा रहा था.

भाभी की चूत की भीनी भीनी खुशबू मुझे पागल कर रही थी.
मुझे भाभी की रसीली चूत चाटने में मज़ा आ रहा था.

उधर भाभी फिर से मेरे लंड को लॉलीपॉप बनाने में लगी हुई थीं.
साथ ही उन्हें अपनी चूत में मेरी जीभ की हरकतें अब चुभने लगी थीं.

“ओह्ह्ह कुत्ते आराम से चाट इस्स.”

हम दोनों ने थोड़ी देर 69 पोजीशन में मज़ा लिया और मैंने भाभी को वापस सीधा करके पटक दिया.
अब मैंने भाभी की टांगें खोल कर उनकी चूत में लंड लहरा दिया.

मैं भाभी को फिर से दे दना दन बजाने लगा.

“ओह्ह्ह इस्स आहह ओह्ह्ह कमीने.”
“ओह्ह मेरी प्यारी भाभी. बहुत रसीली चूत है तेरी.”

“आहह फक्क मी कुत्ते आई ओह्ह्ह मम्मी.”
मैं फिर से भाभी की चूत के परखच्चे उड़ा रहा था. भाभी का सेक्सी चिकना जिस्म फिर से पानी पानी होने लगा था.

तभी कुछ ही झटकों में भाभी का पानी निकल आया.
“आईई इस्स ओह्ह्ह मम्मी.”

कुछ देर बाद मैं भी झड़ने की कगार पर पहुंच गया था. तभी मैंने भाभी को जोर से कस लिया और फिर भाभी की रसीली चूत को मेरे लंड के लावे से भर दिया.

भाभी ने भी तृप्त होकर मुझे बांहों में भर लिया.

दोस्तो, अभी भाभी की चूत मेरे लवड़े की प्यासी थी तो मैं उनको अभी और चोदने वाला हूँ.
तो अगले भाग के साथ आपसे पुनः मिलता हूँ.
हेयरी पुसी फक कहानी कैसी लग रही है आपको?
मुझे मेल जरूर करें.
ajaywriter21@gmail.com
 

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Choti Editor
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Jul 9, 2024
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Part 2​

सेक्स विद भाभी का मजा मैंने लिया जब वे मेरे घर आई और घर में कोई नहीं था. पहली चुदाई सिर्फ पैंटी उतार कर करने के बाद मैंने भाभी को पूरी नंगी किया.

दोस्तो, आपने मेरी देसी भाभी सेक्स कहानी के पिछले भाग
दूर की रिश्तेदार भाभी की जवानी
में पढ़ा था कि मैंने अपनी रिश्तेदारी में लगने वाली पलक भाभी की हचक कर चुदाई कर दी थी.
वे लंड की प्यासी थीं तो मेरे लौड़े से सैट हो गई थीं.

उस दिन भाभी मेरे लौड़े से चुदवा कर निढाल हो गई थीं.

करीब आधा घंटा तक आराम करने के बाद मैंने भाभी को अपनी ओर खींचा और उनके गुलाबी होंठों पर हमला बोल दिया.
वे भी मेरे साथ लग गईं.

मैं भाभी के होंठों को भूखे शेर की तरह चूसने लगा.
भाभी भी मेरा बराबर साथ दे रही थीं.

जल्द ही सेक्स विद भाभी का माहौल फिर से गर्म हो चुका था.

ऑउच्च पुच्च आउच पुच्च आउच की आवाज़ों ने फिर से बेडरूम में शोर मचा दिया था.
मेरा लंड भाभी की चूत फाड़ने के लिए तैयार हो गया था.

हम दो नंगे जिस्म, आज फिर से लंड चूत के घमासान के लिए तैयार हो गए थे.
मैंने भाभी के एक चूचे को मुँह में भर लिया और रसीले टाइट आम को चूसने लगा.

आहह … भाभी के चूचों को पीने में गजब का स्वाद आ रहा था.
मैं जमकर भाभी के दोनों आमों का स्वाद चख रहा था.

“ओह्ह्ह कुत्ते बहुत रस भरा है मेरे चूचों में … अच्छे से रगड़कर चूस बहन के लंड साले आह.”
ऐसा लग रहा था जैसे भाभी धुंआधार ठुकाई की बरसों से प्यासी थीं.

मैं भाभी के दोनों चूचों को चूसता हुआ बाइट करने लगा.
भाभी दर्द से तिलमिलाने लगीं- ओह आईई इस्स आह्ह उन्ह ओह इस्स आह्ह मर गई … धीरे धीरे आराम आराम से चूस साले कुत्ते!

वे बुरी तरह से मचल रही थीं.
मैं उनके दोनों चूचों का जमकर मज़ा ले रहा था.

इस बार मुझे भाभी का खजाना मिल चुका था.
मैं भाभी के खजाने का जमकर मज़ा लूट रहा था.

पहले जब भाभी को पकड़ कर चोदा था, तो उन्हें शुरू से नंगी करने का मौका नहीं मिला था.
बाद में जब वे मेरे साथ बिंदास सेक्स का मजा लेने लगी थीं, तब नंगी हुई थीं.

जबकि अब भाभी शुरू से ही पूरी नंगी होकर मेरे साथ चुदाई का खेल खेल रही थीं.

“ओह मम्मी आह्ह उन्ह इस्स आह्ह.”

मैं ज़ोर ज़ोर से झटके मार मारकर भाभी के चूचों को चूस रहा था.
भाभी मेरे झटकों से बुरी तरह से हिल रही थीं. वे बेड पर उछल उछल कर गिर पड़ रही थीं.

थोड़ी ही देर में मैंने भाभी की हालत खराब कर दी.

अब मैं चूचों से अलग होकर नीचे आ गया और भाभी की गांड के नीचे तकिया लगा दिया.
इसके बाद मैंने भाभी की गर्मागर्म चूत पर हमला बोल दिया.

मैं भाभी की टांगों को खोलकर उनकी चूत को चाटने लगा.
मुझे भाभी की मक्खन जैसी चूत चाटने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था.

भाभी की चूत की भीनी भीनी महक मुझे पागल कर रही थी.
उनकी चिकनी जांघों को पकड़ कर मैं चूत सहला रहा था.
इससे भाभी कसमसा रही थीं- उन्ह ओह … आ अहा … इस्स उन्ह!

मैं भाभी की गर्मागर्म चूत में जमकर हमला कर रहा था.
वे अपनी चूत की इस बेदर्दी भरी रगड़ाई से बौखला रही थीं और उनकी चूत में आग लग रही थी.

भाभी कामातुर होकर बेड की चादर को अपनी दोनों मुट्ठियों में कस रही थीं- ओह साले कुत्ते, अब चोद दे भोसड़ी के … इस्स उंह ओह आह्ह … आराम से चाट मादरचोद आहह!

उसी वक्त भाभी ने अपनी चिकनी टांगों को मेरे कंधों पर रख दिया और मुझे अपनी टांगों के घेरे में फंसा लिया.

मैं भाभी की चूत में लगातार खलबली मचा रहा था.

तभी भाभी का उतार आ गया और उन्होंने जोर से मेरे मुँह को चूत पर दबा दिया- ओह्ह्ह कुत्ते गई मैं तो!

कुछ ही पलों में भाभी की चूत से पिचकारी फूट पड़ी.
मैं भाभी के रस निकलने के बाद उनका पानी चाटने लगा.

उस वक्त वे भी बड़ी आराम से अपनी चूत फैला कर उसका पानी मुझे पिला रही थीं- इस्स ओह्ह्ह हरामी … साले चाट ले सारा रस बहन के लौड़े!

मैंने बहुत देर तक भाभी की चूत का टेस्टी पानी पिया और उनकी चूत को एकदम कांच सा चमका दिया.
लगातार अपनी चूत की रगड़ाई से भाभी बुरी तरह से बौखला गई थीं और उनकी चूत कमोवेश फिर से चुदासी हो गई थी.

मैंने समझ लिया था कि चूत लंड मांग रही है. मैंने भाभी की टांगों को फैला दिया और चूत में अपना लंड डाल दिया.
उनकी मीठी सी आह निकल और वे लंड खा गईं.

मैं भाभी की टांगें पकड़कर उन्हें फिर से झमाझम चोदने लगा.

“आह्ह आह्ह आह्ह इस्स आईईईईई ओह मम्मी … आह्ह आह्ह इस्स. फक्क मी आह्ह.”
“ओह भाभी आई फक यू … आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है आपको बजाने में.”

“आह्ह आह्ह हां इस्स बसस्स ऐसे ही बजाते रहो मुझे … मेरी चूत की अच्छे से सर्विस कर दे साले भड़वे.”
“हां मेरी छिनाल भौजाई.”

मैंने भाभी की खूब देर तक ऐसे ही जमकर सर्विस की. फिर मैंने भाभी से घोड़ी बनने के लिए कहा.
भाभी बिना कोई नखरे किए बेड पर ही घोड़ी बन गईं.

“अब जल्दी से चढ़ जा कुत्ते अपनी घोड़ी पर … फिर मुझे जाना भी है.”
“आज तो तुझे कहीं नहीं जाने नहीं दूंगा मेरी रंडी घोड़ी!”

मैंने भाभी की चूत के खाँचे में लंड सैट कर दिया और फिर से चूत में लंड पेल दिया.
अब मैं भाभी की कमर पकड़कर उन्हें झमाझम चोदने लगा.
मेरा मोटा तगड़ा लंड फिर से भाभी की चूत में भयंकर घमासान मचाने लगा.

“ओह्ह्ह इस्स आह फक्क मी ओह्ह आईई.”
“यस मेरी जान, तेरी चूत चुदाई का मजा ले रहा हूँ कमीनी रांड.”

मैं अपनी पलक भाभी को घोड़ी बनाकर धमाधम चोदता जा रहा था.
वे अपनी कमर को आगे पीछे करती हुई मस्ती से चूत चुदवा रही थीं.

भाभी की मीठी चीखें मुझे और ज्यादा उकसा रही थीं.
वे कह रही थीं- आह मेरे लवली देवर तुमने सही मायने में लौड़े का मजा दिया है … तेरा भाई तो सिड़ी लंड है … उससे बहन के लौड़े से चूत का चु भी नहीं बजता है.

मैं भी उनको घोड़ी बनाकर दबादब पेले जा रहा था.

“आईईईईई आईईईई बहुत दर्द हो रहा है साले हरामी … आई मम्मी रे गईईई मैं तो!”
“ओह्ह्ह मेरी घोड़ी तेरी पीछे से लेने में बहुत मज़ा आ रहा है.”

मैं गांड हिला हिलाकर भाभी की चूत में झमाझम लंड ठोक रहा था.
तभी मैंने भाभी की कमर छोड़ दी और उनके बाल पकड़कर बजाने लगा.

मेरा लंड भाभी की चूत के अंतिम छोर तक घुस रहा था.

“उंह ओह इस्स ओह आईईईई आईएईई बसस्स कर कुते.”
“अभी तो बजाने दे मेरी रानी.”

भाभी को जल्दी लगी हुई थी लेकिन मैं भाभी को पूरी तरह से बजाने के मूड में था.

जब मैं नहीं रुका तो भाभी अपनी गर्दन को नीचे करके आराम से लंड ठुकवाने लगी थीं.

“ओह कमीने अहहा ओह्ह्ह इस्स छोड़ दे भोसड़ी के अहाहा.”
“ओह्ह मेरी जान बहुत मस्त है तू.”

मेरी धुंआधार ठुकाई से भाभी की चूत से वापस गर्मागर्म नमकीन पानी नीचे बहने लगा.

अब भाभी थक गई थीं.
मैं उन्हें छोड़ कर बाजू हो गया और वे चित लेट गईं.

मैंने एक दो पल उन्हें अपने लंड को सहला कर दिखाया और जैसे ही वे हंस दीं.
मैं उनके कातिल जिस्म पर चढ़ गया.

अब मैं भाभी के सेक्सी जिस्म पर ताबड़तोड़ किस करने लगा.
वे भी मुझे चूमने लगीं.

भाभी के गदराये जिस्म पर किस करने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था.
वे मुझे उनकी जवानी का मजा लूटने दे रही थीं.

“ओह्ह्ह भाभी बहुत मस्त माल हो तुम!”
मैं भाभी के कंधों, कानों को बुरी तरह से चूम रहा था.

भाभी पिघल कर पानी पानी हो रही थीं.
मैं उनकी पीठ को बुरी तरह से रगड़ रहा था.

“ओह्ह्ह मेरी रानी … बहुत कातिल जिस्म है तेरा.”
वे हांफती हुई बोलीं- तू भी बांका मर्द है … सही में थका देता है!

कुछ देर बाद मैं भाभी की कसी हुई गांड पर बरस पड़ा और उनके गोरे चिकने चूतड़ों को बजाने लगा.
भाभी अपनी गांड पर पड़ने वाले झापड़ों से होने वाले दर्द से तिलमिलाने लगीं.

“उन्ह आईई ओह्ह्ह आई मम्मी मर गईई ओह कुत्ते धीरे धीरे बजा साले … क्या तबला समझ लिया है!”
“ओह्ह्ह भाभी बहुत सेक्सी गांड है तेरी आहाह.”

कुछ ही देर में मैंने भाभी की गांड पर चमाट मार मार कर लाल कर दिया था.
अब मैं भाभी के मस्त शानदार चूतड़ों पर किस करने लगा.

भाभी बिन पानी की मछली तरह मचल रही थीं.

“ओह्ह्ह भाभी … बड़ा मज़ा आ रहा है.”
भाभी चुपचाप अपनी गांड का मज़ा दे रही थीं.

मैं भाभी के चूतड़ों को किस करते हुए उन पर बाईट करने लगा.
इससे एक बार फिर से भाभी दर्द से कराहने लगीं- आहाहा इस्स उन्ह आईई उन्ह आह्ह ओह्ह्ह हरामी!

इस तरह से मैंने बहुत देर तक भाभी की गांड पर किस किए.
मेरे थूक से भाभी की गांड और उनका कातिल जिस्म गीला हो चुका था.

अब मेरा लंड भाभी की गांड के किले को भेदने के लिए लालायित होने लगा था.
मैं भाभी की गांड में उंगली करने लगा.

भाभी समझ गईं कि आज उनकी गांड का किला ध्वस्त होकर रहेगा.

“ओह्ह्ह् सिस आहाहा ओह्ह्ह् कुत्ते … गांड में कुछ मत कर.”
“ओह्ह कमीनी रंडी … आज तो तेरी गांड को जरूर मारूंगा. ऐसे ही थोड़े जाने दूंगा तुझे. अच्छे से खातिरदारी करूँगा.”

मैं भाभी की गांड में उंगली करके पूरा मज़ा ले रहा था.
भाभी दर्द से सिसिया रही थीं- उंह आहह सिसस ओह्ह्ह् उन्ह!

“ओह्ह्ह भाभी बहुत छोटा से छेद है … लगता है अब तक किसी ने तेरी गांड का ढक्कन नहीं खोला है!”

“हां कुत्ते, मैंने अपनी गांड में किसी को लंड नहीं डालने दिया.”
“अब आज मैं खोलूँगा तेरी गांड का ढक्कन.”

यह सुनकर भाभी चुप हो गईं.
अब भाभी भी अपनी गांड का ढक्कन खुलवाने के लिए तैयार थीं.

मैंने भाभी को उठाया और उन्हें बेड से नीचे ले आया.

उन्हें घोड़ी बनने के कहा लेकिन भाभी बहाना बनाने लगी.
“अरे यार अजय रहने दे ना. मैं लेट हो जाऊंगी. तू अब मत कर ना!”
“अरे भाभी आप लेट नहीं होओगी. अभी तो बहुत टाइम बाकी है.”

“अरे यार, हो जाऊंगी लेट!”
“अरे मैं कह रहा हूँ ना भाभी. आप तो बस जल्दी से घोड़ी बन जाओ.”

भाभी इस बार घोड़ी बनने का मतलब अच्छी तरह से समझ रही थीं.
वे अपनी गांड बचाने की कोशिश कर रही थीं.
लेकिन मैं नहीं माना.

भाभी झुक ही गईं और बेड को पकड़ कर घोड़ी बन गईं.
“अजय जो भी करना है जल्दी कर. मुझे जाना भी है!”
“हां बस डाल ही रहा हूँ मेरी जान.”

मैंने भाभी की गांड के छेद में बहुत सारा थूक लगाया और जल्दी से भाभी की टाईट गांड के सुराख में लंड लगा दिया.
वे कुछ कुलबुलाईं.

मैंने झट से उनकी चिकनी कमर पकड़कर जोर से झटका मार दिया.
उस एक ही झटके में मेरा लंड भाभी की गांड का ढक्कन खोलकर पूरा अन्दर घुस गया.

भाभी बुरी तरह से चिल्ला पड़ीं- आईई मम्मी आईई ओह्ह्ह कुत्ते मर गईई!
वे आगे कुछ और कहतीं कि मैंने उनका मुँह बंद कर दिया.

मेरा मोटा लंड एक ही शॉट में भाभी की टाईट गांड में फंस चुका था.
उसी वजह भाभी को दिन में ही तारे नजर आ गए.

उन्होंने किसी तरह से अपना मुँह मेरे हाथ की पकड़ से आजाद किया और कहने लगीं- ओह्ह्ह साले कुत्ते आईई बहुत दर्द हो रहा है आईई … फट गई मेरी गांड!”
“नहीं फटेगी मेरी जान!”

वे चुप हो गईं.

अब मैं भाभी की कमर पकड़कर उनकी गांड में झमाझम लंड डालने लगा. भाभी दर्द से बुरी तरह से कराह रही थीं.
उनकी दर्द भरी कराहों को नजरअंदाज करते हुए मैं गांड में धमाधम लंड पेले जा रहा था.

उस वजह से भाभी की दर्द भरी चीखें और ज्यादा निकल रही थीं और उनकी ये चीखें मेरे लंड को और ज्यादा उकसा रही थीं.

“ओह्ह्ह आईई आईई इस्स ओह्ह्ह कुत्ते आराम से डाल भैन के लंड … आईई ओह्ह्ह तेरा लंड मेरी गांड फाड़ रहा है भोसड़ी वाले … आईई ओह्ह्ह मम्मी.”
“आह रंडी साली तेरी कसी हुई गांड मारने में बहुत मज़ा आ रहा है तेरी मां की चूत मारूँ बहन की लौड़ी.”

शायद भाभी का दर्द कुछ कम हो गया था इसलिए वे मेरी बात का जबाव देने लगी थीं.

“हां तुझे तो मज़ा आएगा ही साले हरामी, जब तेरी गांड में किसी का मोटा लौड़ा घुसेगा न तब तुझे समझ आएगा लौड़े!”

मैं हँसता हुआ जोर जोर से झटके मारता चल गया और भाभी की मस्त गांड के परखच्चे उड़ाता रहा.
भाभी की सेक्सी गांड मारने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था.
मेरा लंड ताबड़तोड़ भाभी की गांड के छेद को ढीला कर रहा था.

“ओह्ह्ह इस्स आह् ओह्ह्ह उन्ह ओह्ह भैन के लौड़े … अब बस भी कर मादरचोद!”
“अभी कैसे बस कर दूँ मेरी रांड … अभी तो तेरी गांड का पूरा मज़ा ले लेने दे साली कुतिया!”

मैं भाभी की गांड का गोदाम बनाने में लगा हुआ था.
भाभी दर्द से कहराती हुई गांड में लंड ठुकवाए जा रही थीं.

फिर धीरे धीरे भाभी को भी गांड मरवाने में मज़ा आने लगा- ओह्ह्ह कुत्ते आहह अब मज़ा आने लगा है … उंह इस्स फक्क मी फास्ट फक्क माय आस!
“यस मेरी जान!”

अब मैं भाभी के बाल पकड़कर झमाझम उनकी गांड चोदने लगा.
वे भी पलट कर अपनी गांड को मेरे लंड पर पटकने लगी थीं.

मुझे भाभी की गांड बजाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था.
भाभी भी अब गर्दन ऊपर करके मस्ती से लंड ठुकवा रही थीं.

मेरी ताबड़तोड़ ठुकाई का अब भाभी जवाब देने लगी थीं.
कुछ ही देर में मेरे लंड के झटकों से भाभी की चूत से पानी नीचे टपकने लगा.

“आईई आईई इस्स उन्ह आईई ओह्ह्ह कमीने बस ऐसे ही लंड पेले जा मेरी गांड में … आई इस्स ओह्ह मम्मी!”
“हां मेरी जान ऐसे ही बजाऊंगा तेरी गांड को!”

मैंने भाभी की गांड मार मारकर उनकी गांड की कसावट को ढीला कर दिया. अब गांड मरवाने से भाभी की हालत बहुत बुरी हो चुकी थी.
उनका जिस्म पानी पानी हो चुका था.

मैंने लंड बाहर खींचा और भाभी को सीधा खड़ा कर दिया.
मैं भाभी के गदराये जिस्म को मसलते हुए किस करने लगा.

मुझे भाभी के नंगे जिस्म को रगड़ने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था.

फिर मैंने भाभी को दीवार से सटा दिया और मैं उनके नंगे गदराये जिस्म के साथ खेलने लगा.
मैं भाभी के होंठों को चूसते हुए उनके बोबों को मसल रहा था.

भाभी भी अपने जिस्म को समेटने की कोशिश कर रही थीं लेकिन मैं बिना रुके उनके जिस्म को बुरी तरह से रगड़ रहा था.

उसी वक्त मैंने भाभी की चूत में उंगालियां घुसा दीं.
अब मेरा एक हाथ भाभी की चूत को खुजा रहा था और दूसरे हाथ में भाभी का बोबा था, जिसे मैं हॉर्न की तरह बजा रहा था.

“ओह्ह्ह अहहा सिस उन्ह ओह्ह्ह आईई इस्स.”
बोबे और चूत में एक साथ हमला होने से भाभी दर्द से बौखलाने लगीं.

मैं जमकर मज़ा ले रहा था और भाभी की चूत भट्टी की तरह जलने लगी थी.

“ओह्ह्ह साली आह अभी तो बहुत आग है तेरी चूत में!”
“हां भैन के लवड़े! घुस जा चूत में सर के बल और बुझा दे मेरी भट्टी की आग को मादरचोद!”

लगातार रगड़ाई से भाभी की हालत खराब हो रही थी.
अब मैंने भाभी को उठाकर बेड पर पटक दिया और भाभी की टांगें पकड़कर उन्हें बेड के किनारे पर खींच लिया.

फिर मैंने भाभी की टांगें ऊपर कर उनकी उनकी भड़क उठी चूत में खचाक से लंड पेल दिया.
भाभी की आह निकल गई.

मैं खड़ा होकर भाभी को ताबड़तोड़ चोदने लगा.

“आह्ह आह्ह इस्स आह्ह ओह इस्स उन्ह ओह इस्स.”
मेरे लंड के झटकों से भाभी के टाइट बोबे बुरी तरह से हिल रहे थे.

भाभी आधी बेड पर थीं और आधी नीचे लटकी हुई थीं.

“ओह साली हरामज़ादी आह तेरी चुदाई में आज तो मज़ा आ गया!”
“ओह कुत्ते बहुत तगड़ा लंड है तेरा. मेरी जान ही निकाल रहा है … इस्स आह्ह आह्ह … अब जल्दी कर साले.”
“हां साली मां की लौड़ी!”

मैं भाभी को धकापेल चोद रहा था, सेक्स विद भाभी का मजा ले रहा था.
मेरे लंड के झटकों से बेड चूँ चूँ कर रहा था.

भाभी को जाने की चुल लगी हुई थी और मुझे उन्हें बजाने की.

“आहा आहा ओह्ह्ह इस्स.”

तभी भाभी का पानी निकल गया और वे फिर से पसीने में नहा गईं.
मैंने उनके झड़ने के बाद भी काफी देर तक बजाया.

फिर मैं भी बेड पर आ गया और भाभी की चूत में लंड फंसाकर उन्हें अपनी बांहों में जकड़ लिया.

“अरे यार अजय, मान जा ना.”
“हां बस एक बार और भाभी!”

“यार जल्दी से पानी निकाल अब. मैं लेट हो रही हूँ.”
“अरे यार भाभी, ऐसा मौका रोज रोज नहीं मिलेगा!”

मैं तेजी से लंड अन्दर बाहर करने लगा.

“ओह आह्ह इस्स आह्ह उन्ह ओह आहाहा इस्स धीरे धीरे साले कुत्ते.”
“अब क्या धीरे धीरे साली मां की लौड़ी … अब तो जमकर बजाने दे.”

“तूने तो खूब बजा लिया मुझे. अब और कितना बजाएगा!”
“लंड तो कह रहा है कि सारी रात भर बजाऊं तुझे … लेकिन तू रुके तब तो है!”
“मन तो मेरा भी है साले कुत्ते लेकिन मुझे घर भी जाना है कमीने!”

तभी ताबड़तोड़ ठुकाई से भाभी का फिर से पानी निकल गया.
उसी समय मैंने भी ज़ोरदार झटके मारकर भाभी की चूत को मेरे लंड के गर्मा गर्म पानी से भर दिया.

अब मैं भाभी से लिपट गया.

“बहुत बुरी तरह से रगड़ा यार तूने. मैंने इतना तो सोचा भी नहीं था!”
“मैं ऐसे ही रगड़ता हूं भाभी.”

“बहुत मस्त हथियार है तेरा. मेरी चूत को बहुत पसन्द आया!”
“चलो फिर तो अच्छा है … आपको चोद कर मेरे लंड को बहुत शांति मिली है भाभी, नहीं तो रोज रोज आपसे चूत मांगता था!”
“हां मैं सब जानती हूं.”

फिर भाभी कुछ ही देर में उठ गईं और कपड़े संभालने लगीं.
फिर फटाफट से कपड़े पहनकर तैयार हो गईं.
भाभी ने मेकअप करके खुद को संवार लिया था.

“अजय, चल अब फटाफट से मुझे छोड़कर आ. बस का टाइम हो गया है!”
“हां भाभी.”

मैंने भी कपड़े पहन लिए और भाभी को छोड़ने के लिए तैयार हो गया.

अब मैंने भाभी को बाइक पर बैठाया और उन्हें बस स्टैंड की ओर ले जाने लगा.
भाभी को देखकर लग ही नहीं रहा था कि अभी कुछ देर पहले ही वे बहुत बड़ा लंड ठुकवा कर आई हैं. वे बिल्कुल मस्त दिख रही थीं.
उनके होंठों पर छाई मुस्कान बता रही थी कि वे चुदवा कर बहुत ज्यादा खुश थीं.

फिर भाभी मुस्कुराती हुई बस में बैठ गईं और मैं लंड मसलता हुआ घर आ गया.
आज को मेरा लंड हॉट भाभी की चूत का स्वाद चख चुका था.

आपको मेरी ये सेक्स विद भाभी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके ज़रूर बताएं.
ajaywriter21@gmail.com
 

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