अन्तर्वासनाएक्स कहानी भाभी की कुछ ऐसे बनी कि मैं भाभी के घर गया तो वे नहा रही थी और दरवाजा खुला था. मैंने उन्हें नंगी देखा तो मेरा लंड खड़ा हो गया.
दोस्तो, मेरा नाम रॉकी है और मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ.
यह अन्तर्वासनाएक्स कहानी कहानी मेरे पड़ोस में ही रहने वाली भाभी गुलशन की है.
गुलशन भाभी से शुरू से ही मेरी मुलाक़ात अच्छी रही है.
भाभी हमेशा ही किसी भी काम के लिए मुझे ही बुलाया करती थीं.
ऐसे ही जब एक दिन भाभी के घर कोई नहीं था तो मैं अचानक से उनके घर के अन्दर चला गया.
मुझे बाथरूम से पानी गिरने की आवाज़ आ रही थी तो मेरे कदम उधर बढ़ने लगे.
मैंने भाभी को नहाते हुए देख लिया था लेकिन भाभी अभी भी नहाने में व्यस्त थीं.
उनको नंगी नहाते देख मेरे शरीर में एक अलग ही करंट दौड़ने लगा और मेरा लंड एकदम से टनटना उठा.
मुझसे रहा नहीं गया और मैं भाभी के कमरे की ओर चला गया.
वहां जाते ही मैंने देखा कि भाभी की ब्रा और पैंटी बेड पर ही पड़ी थीं.
भाभी की ब्रा और पैंटी देखकर मेरा मूड बन गया था.
अब मुझसे रहा नहीं गया.
मैंने भाभी की ब्रा उठाई और उसे सूंघने लगा और पता नहीं कब मेरा हाथ लंड पर चला गया.
मैं लंड को सहलाने लगा.
फिर मैं पैंटी को उठा कर चाटने लगा और भाभी के नाम की मुट्ठी मारने लगा.
दोस्तो, मैं अपने लंड की साइज़ बताना भूल गया.
मेरे लंड की साइज़ 6 इंच है जो हर लड़की और भाभी, आंटी को पसंद आ जाता है.
अब गुलशन भाभी के लिए मेरे मन में ख्याल बदल चुके थे.
भाभी का फ़िगर 34-28-36 का था. भाभी के बड़े बड़े दूध देखकर में हमेशा उनको चूसने की सोचता रहता था.
कुछ देर बाद भाभी नहाकर बाथरूम से बाहर आ चुकी थीं.
उन्होंने मुझे देखा तो कहा- अरे रॉकी तू यहां कैसे? तेरा यहां कैसे आना हुआ?
उन्हें देखकर मैं सब कुछ भूल चुका था.
मैंने कहा- हमारे घर पर चीनी ख़त्म हो गई थी, तो मम्मी ने कहा कि जा पड़ोस वाली गुलशन भाभी से ले आ!
भाभी ने मेरी तरफ़ देखा और हल्का सा मुस्कुरा दीं.
मैंने सोचा कि यह तो हरा सिग्नल मिल रहा है; गाड़ी रोड पर उतरने के लिए तैयार है.
उन्होंने मुझे चीनी दे दी और मैं घर आ गया.
दो दिन बाद भाभी को पेट में दर्द हुआ तो उन्होंने मुझसे कहा- जा मेडिकल स्टोर से पेट दर्द की दवा ले आ!
तो मैं मेडिकल स्टोर के लिए निकल गया और रास्ते में चलते हुए भाभी के साथ सेक्स करने का प्लान बनाने लगा.
मैंने मेडिकल स्टोर से पेट दर्द की दवा ली और घर पहुंच कर भाभी को दे दी.
कुछ देर बाद भाभी को नींद आ गई.
मैं उनके पास ही बैठा था.
उन्होंने सलवार सूट पहना था.
उनको देखकर मुझे कुछ होने लगा था.
मैं भाभी की चूचियां सहलाने लगा.
वे गहरी नींद में थीं तो उन्होंने कुछ नहीं कहा.
कुछ देर बाद मैं उत्तेजित हो गया और उनके दोनों दूध दबाने लगा.
भाभी थोड़ी ही देर में अन्तर्वासनाएक्स से कामुक सिसकारियां लेने लगीं और बोलने लगीं- अहह रॉकी … और जोर से दबाओ और जोर से … आह!
उन्हें ये कहता सुन मेरा जोश बढ़ गया और मैं जोर जोर से भाभी की चूचियों को दबाने और पीने लगा.
मैं धीरे से उनकी नाभि को चाटते हुए नीचे आया सलवार के ऊपर से ही उनकी चूत की खुशबू लेने लगा.
फिर मैंने भाभी की सलवार का नाड़ा खोलकर सलवार को निकाल दिया और पैंटी के ऊपर से उनकी चूत चाटने लगा.
कुछ देर बाद मैंने उनकी चूत में जीभ डाल दी और जीभ से भाभी की चूत चोदने लगा.
वे कहने लगीं- आह रॉकी, मुझे उसी दिन पता चल गया था जब तूने पहली बार मेरी तरफ कामुक नजरों से देखा था. मैं खुद तुझसे चुदवाना चाहती थी और इसीलिए उस दिन मैं बाथरूम से तुझे अपनी नंगी जवानी दिखा रही थी.
मैं उनकी बात को सुनकर अब बिंदास हो गया था कि भाभी खुद ही चूत फड़वाने के मूड में हैं.
अब तक भाभी की चूत रस फेंकने लगी थी तो मैं उनकी चूत का रस पीने लगा.
कुछ ही देर में मैंने भाभी की चूत का रस चाट कर चूत को एकदम कांच सा चमका दिया.
अब मैं उनसे अलग हुआ और उन्हें वासना से देखने लगा.
भाभी ने मुझे धक्का दिया और बिस्तर पर गिरा दिया.
मैं समझ गया कि अब भाभी जी मेरे साथ मस्ती करेंगी.
भाभी मेरा लंड सहलाने लगीं और बोलीं- रॉकी, इतना बड़ा लंड तेरे भैया का भी नहीं है … सच पूछो तो उनका लंड तेरे लंड से आधा भी नहीं है.
मैंने कहा- आपको पसंद आया भाभी?
वे बोलीं- यदि पसंद न आया होता तो हाथ में ही न लेती.
यह कह कर भाभी मेरे लंड को चूसने लगीं.
वे लंड के सुपारे को अपनी जीभ से चाट रही थी तो ऐसा लग रहा था मानो कोई कुतिया अपनी जीभ से मेरे लौड़े को चाट रही हो.
सच में भाभी का लंड चूसने का तरीका बड़ा ही मस्त था.
मेरे लंड की नसें फूलने लगी थीं और भाभी उन नसों पर अपनी जीभ फेरने लगी थीं.
कुछ मिनट तक लंड चूसने के बाद मेरा पानी निकलने वाला हो गया था.
मैंने उन्हें बिना बताए लंड का पानी उनके मुँह में छोड़ने का तय कर लिया था.
मेरे चूतड़ उठने लगे थे तो भाभी समझ गई थीं कि मेरे लौड़े से बारिश होने वाली है.
उन्होंने मेरी दोनों जांघों को जोर से पकड़ लिया और लंड को अपने गले गले तक लेने लगीं.
उसी वक्त पानी निकलना शुरू हो गया.
भाभी ने लंड से निकले वीर्य की एक एक बूंद को अपने हलक में लेते हुए खा लिया था.
उन्होंने वीर्य की एक बूंद भी खराब नहीं होने दी थी … पूरा वीर्य पी लिया था.
जब लंड से वीर्य निकलना बंद हो गया तो मेरा लंड ढीला पड़ने लगा.
मगर लंड की इतनी औकात ही नहीं थी कि वह भाभी के मुँह की गर्मी से जरा सा बैठ पाए.
भाभी ने मुरझाते हुए लौड़े को लगातार चूसना जारी रखा और उसे वापस मजबूत सरिया के जैसा बना दिया.
अब मैं उनके नीचे से उठा और उन्हें लेटने के लिए कहा.
भाभी अपनी टांगें फैला कर किसी रंडी की तरह लेट गईं.
उनकी फूली हुई लग रही थी.
मैंने चूत पर चुम्मा लिया और चुदाई की पोजीशन में आ गया.
मैं भाभी की चूत पर लंड घिसने लगा और उनके होंठों को चूमने लगा.
जब मैं भाभी के होंठ चूम रहा था तब मेरा लंड चूत से रगड़ कर उन्हें चूत में लंड लीलने की चुल्ल पैदा कर रहा था.
वे अपनी गांड उठा कर लंड को चूत में लेने की कोशिश कर रही थीं.
जैसे ही लंड का सुपारा चूत की फांक में मुँह मारता और भाभी अपनी गांड उठा कर लंड लीलने की कोशिश करतीं.
उसी समय मैं अपनी गांड ऊंची कर देता और लंड चूत में नहीं घुसता.
ऐसा तीन चार बार जब हुआ तो भाभी गाली देने लगीं- साले, पेल न भोसड़ी के … हटाता क्यों है कमीने?
मैं हंस दिया और मैंने कहा- बहुत बड़ी चुदक्कड़ हो तो लंड चबा कर दिखा रंडी.
मैंने भाभी को जैसे ही रंडी कहा, भाभी की झांटें सुलग गईं.
उन्होंने मुझे अपने मम्मों पर दबाया और बोलीं- ले मादरचोद पहले तू दूध पी बहन के लंड … मैं बताती हूँ कि मैं कितनी बड़ी रांड हूँ.
मैं समझ गया कि अब भाभी की चूत भभक गई है.
मैंने अचानक से उनकी चूत में लंड सैट किया और एक जोर का गचगचा कर धक्का दे मारा.
मेरा आधा लंड भाभी की चूत में चला गया था.
लंड चूत के अन्दर जाते ही भाभी चिल्ला उठीं और बोलने लगीं- रॉकी इसको बाहर निकालो, मुझे दर्द हो रहा है आह साले फाड़ दी कमीने ने!
मैंने उनकी एक भी नहीं सुनी और एक और धक्का दे मारा.
इस बार पूरा लंड चूत में चला गया और भाभी की आंखों से आंसू आने लगे.
थोड़ी देर बाद भाभी का दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने चूत में लंड को आगे पीछे करना चालू कर दिया.
अब उन्हें मजा आने लगा.
कुछ देर बाद मैं भाभी को घोड़ी बना कर चोदने लगा.
थोड़ी देर बाद भाभी का एक पैर टेबल के ऊपर रख कर चुदाई करने लगा.
भाभी को लंड लेने में मजा आ रहा था.
उनके मुँह से आवाजें आ रही थीं, जो मुझे और कामुक कर रही थीं.
बीस मिनट तक हॉट पॉर्न भाभी के साथ सेक्स करने के बाद मैं चरम सीमा पर पहुंच चुका था.
मैंने भाभी से पूछा कि पानी कहां निकालूँ?
भाभी ने कहा- मेरी चूत में ही छोड़ दो.
फिर मैंने धक्कों की रफ़्तार तेज कर दी और कुछ ही धक्कों में मैं भाभी के ऊपर निढाल हो गया.
भाभी की चूत से खून निकलने लगा था.
शायद भैया ने भाभी की सही से चुदाई नहीं की थी.
इसके बाद मैंने लगभग रोज ही भाभी को चोदना चालू कर दिया था और मैंने उनको हर पोज़ीशन में चोदा.
मैंने भाभी की चूत को चोद चोद कर पूरी ढीली कर दी.
भाभी को अब मैं कभी भी जाकर चोद देता हूँ.
हम दोनों के बीच पति पत्नी जैसा रिश्ता होने लगा था.
अब भाभी मुझे ‘ए जी’ कहने लग गई थीं.
मैं भाभी को लगभग हर रोज़ चोदता था और घर में कोई होता नहीं था तो उस दिन हम दोनों पूरे घर में नंगे घूमते थे.
भाभी नंगी ही किचन में जाती थीं तो मैं भी पीछे से जाकर उनकी चूत में लंड डाल देता था.
इस तरह से उनकी चुदाई रसोई में भी हो जाती थी.
घर का ऐसा कोई कोना नहीं बचा था जहां हम दोनों ने सेक्स नहीं किया हो.
भाभी को रोज चुदने की आदत हो गई थी और मुझे भी!
एक दिन हम दोनों ने प्लान बनाया कि कोई तीसरा भी हो जो हमारे साथ सेक्स करे.
मैंने भाभी से कहा- मेरा एक दोस्त है, जो इसके लिए झट से रेडी हो सकता है.
भाभी ने कहा- ओके … लेकिन यह पक्का कर लेना कि वह सबसे कहता न फिरे … वर्ना गड़बड़ हो जाएगी.
मैंने कहा- वह नहीं कहेगा. मेरी गारंटी है,
भाभी ने हामी भर दी.
मैंने अपने दोस्त सनी को बुलाया.
सनी का लंड सात इंच का था.
भाभी को सनी का लंड देखकर बहुत ख़ुशी हुई.
मैं और सनी भाभी की थ्रीसम चुदाई के लिए तैयार थे.
सनी भाभी की चूत में लंड पेलने लगा और मैं भी उनकी चूत में लंड घुसाने लगा.
कुछ ही देर में भाभी ने दोनों के लंड अपनी चूत में ले लिए थे.
अब मेरा और सनी का लंड भाभी की चूत में तहलका मचा रहे थे.
मैंने भाभी की गांड मारने की सोची और सनी से कहा- तू चूत चोद … और मैं गांड चोदता हूँ.
भाभी को इस बात का पता नहीं था कि आज उनकी गांड भी चुदने वाली है.
मैंने ड्रेसिंग में से क्रीम की बॉटल निकली और लंड पर लगाने लगा.
मैंने थोड़ी ज्यादा सी क्रीम भाभी की गांड पर भी लगा दी.
भाभी की गांड में मैं अपना लंड घुसेड़ने लगा.
लंड का सुपारा गांड में फंसा कर एक करारा झटका मारा तो मेरा लंड थोड़ा सा ही घुस पाया था.
उतने में ही भाभी की चीख निकल गई.
भाभी ने कराहते हुए कहा कि आराम से करो … मैं कहां भागी जा रही हूँ?
फिर से मैंने एक झटका मारा तो लंड आधा घुस गया था … और अगला झटका मारने पर लंड पूरा गांड में घुस गया था.
मैंने लंड को भाभी की गांड में आगे पीछे करना चालू रखा.
उधर मेरा दोस्त सनी भाभी की चूत का भोसड़ा बना रहा था.
भाभी की आगे और पीछे दोनों तरफ़ से ठुकाई और चुदाई चल रही थी.
थ्रीसम सेक्स करने में हम सभी को मजा आ रहा था.
हम दोनों लड़कों का पानी निकलने वाला था.
मैंने भाभी की गांड में … और सनी ने भाभी की चूत में पानी छोड़ दिया था.
उसके बाद हम दोनों ने चूत और मुँह में लंड पेल कर चुदाई का मजा लिया.
अब भाभी को जब भी लंड की जरूरत होती थी तो वे मुझे बुला कर अपनी गांड चूत चुदवा लेती थीं.
दोस्तो आपको मेरी अन्तर्वासनाएक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
दोस्तो, मेरा नाम रॉकी है और मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ.
यह अन्तर्वासनाएक्स कहानी कहानी मेरे पड़ोस में ही रहने वाली भाभी गुलशन की है.
गुलशन भाभी से शुरू से ही मेरी मुलाक़ात अच्छी रही है.
भाभी हमेशा ही किसी भी काम के लिए मुझे ही बुलाया करती थीं.
ऐसे ही जब एक दिन भाभी के घर कोई नहीं था तो मैं अचानक से उनके घर के अन्दर चला गया.
मुझे बाथरूम से पानी गिरने की आवाज़ आ रही थी तो मेरे कदम उधर बढ़ने लगे.
मैंने भाभी को नहाते हुए देख लिया था लेकिन भाभी अभी भी नहाने में व्यस्त थीं.
उनको नंगी नहाते देख मेरे शरीर में एक अलग ही करंट दौड़ने लगा और मेरा लंड एकदम से टनटना उठा.
मुझसे रहा नहीं गया और मैं भाभी के कमरे की ओर चला गया.
वहां जाते ही मैंने देखा कि भाभी की ब्रा और पैंटी बेड पर ही पड़ी थीं.
भाभी की ब्रा और पैंटी देखकर मेरा मूड बन गया था.
अब मुझसे रहा नहीं गया.
मैंने भाभी की ब्रा उठाई और उसे सूंघने लगा और पता नहीं कब मेरा हाथ लंड पर चला गया.
मैं लंड को सहलाने लगा.
फिर मैं पैंटी को उठा कर चाटने लगा और भाभी के नाम की मुट्ठी मारने लगा.
दोस्तो, मैं अपने लंड की साइज़ बताना भूल गया.
मेरे लंड की साइज़ 6 इंच है जो हर लड़की और भाभी, आंटी को पसंद आ जाता है.
अब गुलशन भाभी के लिए मेरे मन में ख्याल बदल चुके थे.
भाभी का फ़िगर 34-28-36 का था. भाभी के बड़े बड़े दूध देखकर में हमेशा उनको चूसने की सोचता रहता था.
कुछ देर बाद भाभी नहाकर बाथरूम से बाहर आ चुकी थीं.
उन्होंने मुझे देखा तो कहा- अरे रॉकी तू यहां कैसे? तेरा यहां कैसे आना हुआ?
उन्हें देखकर मैं सब कुछ भूल चुका था.
मैंने कहा- हमारे घर पर चीनी ख़त्म हो गई थी, तो मम्मी ने कहा कि जा पड़ोस वाली गुलशन भाभी से ले आ!
भाभी ने मेरी तरफ़ देखा और हल्का सा मुस्कुरा दीं.
मैंने सोचा कि यह तो हरा सिग्नल मिल रहा है; गाड़ी रोड पर उतरने के लिए तैयार है.
उन्होंने मुझे चीनी दे दी और मैं घर आ गया.
दो दिन बाद भाभी को पेट में दर्द हुआ तो उन्होंने मुझसे कहा- जा मेडिकल स्टोर से पेट दर्द की दवा ले आ!
तो मैं मेडिकल स्टोर के लिए निकल गया और रास्ते में चलते हुए भाभी के साथ सेक्स करने का प्लान बनाने लगा.
मैंने मेडिकल स्टोर से पेट दर्द की दवा ली और घर पहुंच कर भाभी को दे दी.
कुछ देर बाद भाभी को नींद आ गई.
मैं उनके पास ही बैठा था.
उन्होंने सलवार सूट पहना था.
उनको देखकर मुझे कुछ होने लगा था.
मैं भाभी की चूचियां सहलाने लगा.
वे गहरी नींद में थीं तो उन्होंने कुछ नहीं कहा.
कुछ देर बाद मैं उत्तेजित हो गया और उनके दोनों दूध दबाने लगा.
भाभी थोड़ी ही देर में अन्तर्वासनाएक्स से कामुक सिसकारियां लेने लगीं और बोलने लगीं- अहह रॉकी … और जोर से दबाओ और जोर से … आह!
उन्हें ये कहता सुन मेरा जोश बढ़ गया और मैं जोर जोर से भाभी की चूचियों को दबाने और पीने लगा.
मैं धीरे से उनकी नाभि को चाटते हुए नीचे आया सलवार के ऊपर से ही उनकी चूत की खुशबू लेने लगा.
फिर मैंने भाभी की सलवार का नाड़ा खोलकर सलवार को निकाल दिया और पैंटी के ऊपर से उनकी चूत चाटने लगा.
कुछ देर बाद मैंने उनकी चूत में जीभ डाल दी और जीभ से भाभी की चूत चोदने लगा.
वे कहने लगीं- आह रॉकी, मुझे उसी दिन पता चल गया था जब तूने पहली बार मेरी तरफ कामुक नजरों से देखा था. मैं खुद तुझसे चुदवाना चाहती थी और इसीलिए उस दिन मैं बाथरूम से तुझे अपनी नंगी जवानी दिखा रही थी.
मैं उनकी बात को सुनकर अब बिंदास हो गया था कि भाभी खुद ही चूत फड़वाने के मूड में हैं.
अब तक भाभी की चूत रस फेंकने लगी थी तो मैं उनकी चूत का रस पीने लगा.
कुछ ही देर में मैंने भाभी की चूत का रस चाट कर चूत को एकदम कांच सा चमका दिया.
अब मैं उनसे अलग हुआ और उन्हें वासना से देखने लगा.
भाभी ने मुझे धक्का दिया और बिस्तर पर गिरा दिया.
मैं समझ गया कि अब भाभी जी मेरे साथ मस्ती करेंगी.
भाभी मेरा लंड सहलाने लगीं और बोलीं- रॉकी, इतना बड़ा लंड तेरे भैया का भी नहीं है … सच पूछो तो उनका लंड तेरे लंड से आधा भी नहीं है.
मैंने कहा- आपको पसंद आया भाभी?
वे बोलीं- यदि पसंद न आया होता तो हाथ में ही न लेती.
यह कह कर भाभी मेरे लंड को चूसने लगीं.
वे लंड के सुपारे को अपनी जीभ से चाट रही थी तो ऐसा लग रहा था मानो कोई कुतिया अपनी जीभ से मेरे लौड़े को चाट रही हो.
सच में भाभी का लंड चूसने का तरीका बड़ा ही मस्त था.
मेरे लंड की नसें फूलने लगी थीं और भाभी उन नसों पर अपनी जीभ फेरने लगी थीं.
कुछ मिनट तक लंड चूसने के बाद मेरा पानी निकलने वाला हो गया था.
मैंने उन्हें बिना बताए लंड का पानी उनके मुँह में छोड़ने का तय कर लिया था.
मेरे चूतड़ उठने लगे थे तो भाभी समझ गई थीं कि मेरे लौड़े से बारिश होने वाली है.
उन्होंने मेरी दोनों जांघों को जोर से पकड़ लिया और लंड को अपने गले गले तक लेने लगीं.
उसी वक्त पानी निकलना शुरू हो गया.
भाभी ने लंड से निकले वीर्य की एक एक बूंद को अपने हलक में लेते हुए खा लिया था.
उन्होंने वीर्य की एक बूंद भी खराब नहीं होने दी थी … पूरा वीर्य पी लिया था.
जब लंड से वीर्य निकलना बंद हो गया तो मेरा लंड ढीला पड़ने लगा.
मगर लंड की इतनी औकात ही नहीं थी कि वह भाभी के मुँह की गर्मी से जरा सा बैठ पाए.
भाभी ने मुरझाते हुए लौड़े को लगातार चूसना जारी रखा और उसे वापस मजबूत सरिया के जैसा बना दिया.
अब मैं उनके नीचे से उठा और उन्हें लेटने के लिए कहा.
भाभी अपनी टांगें फैला कर किसी रंडी की तरह लेट गईं.
उनकी फूली हुई लग रही थी.
मैंने चूत पर चुम्मा लिया और चुदाई की पोजीशन में आ गया.
मैं भाभी की चूत पर लंड घिसने लगा और उनके होंठों को चूमने लगा.
जब मैं भाभी के होंठ चूम रहा था तब मेरा लंड चूत से रगड़ कर उन्हें चूत में लंड लीलने की चुल्ल पैदा कर रहा था.
वे अपनी गांड उठा कर लंड को चूत में लेने की कोशिश कर रही थीं.
जैसे ही लंड का सुपारा चूत की फांक में मुँह मारता और भाभी अपनी गांड उठा कर लंड लीलने की कोशिश करतीं.
उसी समय मैं अपनी गांड ऊंची कर देता और लंड चूत में नहीं घुसता.
ऐसा तीन चार बार जब हुआ तो भाभी गाली देने लगीं- साले, पेल न भोसड़ी के … हटाता क्यों है कमीने?
मैं हंस दिया और मैंने कहा- बहुत बड़ी चुदक्कड़ हो तो लंड चबा कर दिखा रंडी.
मैंने भाभी को जैसे ही रंडी कहा, भाभी की झांटें सुलग गईं.
उन्होंने मुझे अपने मम्मों पर दबाया और बोलीं- ले मादरचोद पहले तू दूध पी बहन के लंड … मैं बताती हूँ कि मैं कितनी बड़ी रांड हूँ.
मैं समझ गया कि अब भाभी की चूत भभक गई है.
मैंने अचानक से उनकी चूत में लंड सैट किया और एक जोर का गचगचा कर धक्का दे मारा.
मेरा आधा लंड भाभी की चूत में चला गया था.
लंड चूत के अन्दर जाते ही भाभी चिल्ला उठीं और बोलने लगीं- रॉकी इसको बाहर निकालो, मुझे दर्द हो रहा है आह साले फाड़ दी कमीने ने!
मैंने उनकी एक भी नहीं सुनी और एक और धक्का दे मारा.
इस बार पूरा लंड चूत में चला गया और भाभी की आंखों से आंसू आने लगे.
थोड़ी देर बाद भाभी का दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने चूत में लंड को आगे पीछे करना चालू कर दिया.
अब उन्हें मजा आने लगा.
कुछ देर बाद मैं भाभी को घोड़ी बना कर चोदने लगा.
थोड़ी देर बाद भाभी का एक पैर टेबल के ऊपर रख कर चुदाई करने लगा.
भाभी को लंड लेने में मजा आ रहा था.
उनके मुँह से आवाजें आ रही थीं, जो मुझे और कामुक कर रही थीं.
बीस मिनट तक हॉट पॉर्न भाभी के साथ सेक्स करने के बाद मैं चरम सीमा पर पहुंच चुका था.
मैंने भाभी से पूछा कि पानी कहां निकालूँ?
भाभी ने कहा- मेरी चूत में ही छोड़ दो.
फिर मैंने धक्कों की रफ़्तार तेज कर दी और कुछ ही धक्कों में मैं भाभी के ऊपर निढाल हो गया.
भाभी की चूत से खून निकलने लगा था.
शायद भैया ने भाभी की सही से चुदाई नहीं की थी.
इसके बाद मैंने लगभग रोज ही भाभी को चोदना चालू कर दिया था और मैंने उनको हर पोज़ीशन में चोदा.
मैंने भाभी की चूत को चोद चोद कर पूरी ढीली कर दी.
भाभी को अब मैं कभी भी जाकर चोद देता हूँ.
हम दोनों के बीच पति पत्नी जैसा रिश्ता होने लगा था.
अब भाभी मुझे ‘ए जी’ कहने लग गई थीं.
मैं भाभी को लगभग हर रोज़ चोदता था और घर में कोई होता नहीं था तो उस दिन हम दोनों पूरे घर में नंगे घूमते थे.
भाभी नंगी ही किचन में जाती थीं तो मैं भी पीछे से जाकर उनकी चूत में लंड डाल देता था.
इस तरह से उनकी चुदाई रसोई में भी हो जाती थी.
घर का ऐसा कोई कोना नहीं बचा था जहां हम दोनों ने सेक्स नहीं किया हो.
भाभी को रोज चुदने की आदत हो गई थी और मुझे भी!
एक दिन हम दोनों ने प्लान बनाया कि कोई तीसरा भी हो जो हमारे साथ सेक्स करे.
मैंने भाभी से कहा- मेरा एक दोस्त है, जो इसके लिए झट से रेडी हो सकता है.
भाभी ने कहा- ओके … लेकिन यह पक्का कर लेना कि वह सबसे कहता न फिरे … वर्ना गड़बड़ हो जाएगी.
मैंने कहा- वह नहीं कहेगा. मेरी गारंटी है,
भाभी ने हामी भर दी.
मैंने अपने दोस्त सनी को बुलाया.
सनी का लंड सात इंच का था.
भाभी को सनी का लंड देखकर बहुत ख़ुशी हुई.
मैं और सनी भाभी की थ्रीसम चुदाई के लिए तैयार थे.
सनी भाभी की चूत में लंड पेलने लगा और मैं भी उनकी चूत में लंड घुसाने लगा.
कुछ ही देर में भाभी ने दोनों के लंड अपनी चूत में ले लिए थे.
अब मेरा और सनी का लंड भाभी की चूत में तहलका मचा रहे थे.
मैंने भाभी की गांड मारने की सोची और सनी से कहा- तू चूत चोद … और मैं गांड चोदता हूँ.
भाभी को इस बात का पता नहीं था कि आज उनकी गांड भी चुदने वाली है.
मैंने ड्रेसिंग में से क्रीम की बॉटल निकली और लंड पर लगाने लगा.
मैंने थोड़ी ज्यादा सी क्रीम भाभी की गांड पर भी लगा दी.
भाभी की गांड में मैं अपना लंड घुसेड़ने लगा.
लंड का सुपारा गांड में फंसा कर एक करारा झटका मारा तो मेरा लंड थोड़ा सा ही घुस पाया था.
उतने में ही भाभी की चीख निकल गई.
भाभी ने कराहते हुए कहा कि आराम से करो … मैं कहां भागी जा रही हूँ?
फिर से मैंने एक झटका मारा तो लंड आधा घुस गया था … और अगला झटका मारने पर लंड पूरा गांड में घुस गया था.
मैंने लंड को भाभी की गांड में आगे पीछे करना चालू रखा.
उधर मेरा दोस्त सनी भाभी की चूत का भोसड़ा बना रहा था.
भाभी की आगे और पीछे दोनों तरफ़ से ठुकाई और चुदाई चल रही थी.
थ्रीसम सेक्स करने में हम सभी को मजा आ रहा था.
हम दोनों लड़कों का पानी निकलने वाला था.
मैंने भाभी की गांड में … और सनी ने भाभी की चूत में पानी छोड़ दिया था.
उसके बाद हम दोनों ने चूत और मुँह में लंड पेल कर चुदाई का मजा लिया.
अब भाभी को जब भी लंड की जरूरत होती थी तो वे मुझे बुला कर अपनी गांड चूत चुदवा लेती थीं.
दोस्तो आपको मेरी अन्तर्वासनाएक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.