बैड मॅाम Xxx कहानी में मैंने अपनी जवान मम्मी को उनके चाचा के साथ सेक्स करते देखा. तब मैं छोटा था. मम्मी अकसर अपने चाचा के साथ चुदाई का मजा लेती थी.
दोस्तो, यह कहानी उस वक्त की है जब मैं छोटा था. मेरी मम्मी जवान थीं.
मेरी मम्मी का नाम निधि है.
मम्मी की शादी 22 साल की उम्र में ही हो गई थी.
उस समय मेरी मम्मी का साइज़ लगभग 34-30-36 का रहा होगा.
मेरी मम्मी को एक बेबी हुआ था, जो चार महीने बाद ही गुजर गया था.
बैड मॅाम Xxx कहानी में मम्मी के चाचा ने मेरी मम्मी को चोदा था.
उस वक्त मम्मी के आंचल से दूध आता था तो वे अपने स्तनों को खाली करवाने के लिए मुझे अपना दूध पिलाती थीं.
मुझे भी मम्मी का दूध पीने में मजा आता था और मुझे उनका दूध पीने की आदत हो गई थी.
मेरी मम्मी ज़्यादातर साड़ी ही पहनती थीं.
मांग में सिंदूर, गले में मंगलसूत्र, हाथों में चूड़ियां और माथे पर लाल बिंदी. देखने में बिल्कुल आदर्श भारतीय नारी.
एक दिन मम्मी ने मुझसे कहा कि आज हम दोनों को मम्मी के चाचा के घर जाना है.
पापा के ऑफिस चले जाने के बाद मम्मी ने मुझे तैयार किया और खुद भी तैयार हो गईं.
आज मम्मी ने लाल साड़ी पहनी थी और साड़ी की मैंचिंग का गहरे गले वाला ब्लाउज पहना था जिसमें उनकी पीठ पूरी नंगी थी और ब्रा के जैसी पट्टी वाला ब्लाउज था.
पीछे सिर्फ़ दो हुक्स से ब्लाउज उनके 34 इंच के एकदम सख्त मम्मों पर कसा हुआ था.
गहरे गले के कारण मम्मी की आधी से ज्यादा चूचियां अपनी छटा बिखेर रही थीं.
जो भी मम्मी की नेट की साड़ी में से झलकते उनके दूध देखता, अपना लंड सहलाने लगता था.
वह बस मम्मी की मांग में सिंदूर देख कर मेरे पिता जी के नसीब को सराहने लगता था कि क्या माल मिला है.
हम दोनों दस बजे घर से निकल गए और पैदल ही चल पड़े.
मम्मी के चाचा जी का घर हमारे घर से दूर तो था, पर ज़्यादा दूर भी नहीं था.
हम एक दूसरे के घर आते जाते रहते थे.
कुछ ही मिनट बाद हम लोग मम्मी के चाचा जी के घर पहुंच गए.
मम्मी ने घण्टी बजाई और उनके चाचा जी ने गेट खोला.
तो मम्मी और उनके चाचा जी ने एक दूसरे को देख कर स्माइल पास की.
उनके चाचा जी ने उन्हें उठाते हुए अपने गले से लगा लिया.
फिर चाचा जी ने मुझे देख कर मम्मी से कहा- इस आफ़त को क्यों लेकर आ गई?
तो मम्मी बोलीं- कोई बात नहीं चाचा जी, ये तो अभी छोटा है. इसे क्या समझ आएगा!
मम्मी के चाचा जी- चलो ठीक है, ये सब बातें तो होती रहेंगी, पहले यह बताओ कि क्या लोगी … कुछ ठंडा या गर्म?
तो मम्मी ने उन्हें बीच में ही रोकते हुए कहा- अरे चाचा जी, आपको तो पता ही है कि मुझे क्या चाहिए होता है.
मम्मी की बात पर दोनों हंसने लगे.
फिर मेरी मम्मी के चाचा जी ने मम्मी का हाथ पकड़ा और उन्हें अपने बेडरूम की तरफ ले जाने लगे.
मैं भी उनके साथ उनके रूम में घुस गया.
मम्मी ने मुझसे बाहर ही रुकने को कहा.
मैंने जिद की.
इस पर मम्मी के चाचा जी को गुस्सा आ गया.
वे मुझ पर चिल्ला पड़े.
मैं रोने लगा और मम्मी के पैरों से लिपट कर रोने लगा.
मम्मी ने मुझे प्यार से समझाया- बेटा आप बाहर ही इंतजार करो, मैं थोड़ी देर में काम खत्म करके आपके पास आती हूँ.
मैं मान गया और बाहर आ गया.
मेरे बाहर निकलते ही उन्होंने गेट को उड़का दिया, पर कुण्डी नहीं लगाई.
जब दो मिनट बाद मैंने अन्दर देखा तो मम्मी बेड पर लेटी थीं.
नाना जी यानि मेरी मम्मी के चाचा जी उनके ऊपर चढ़ कर उनके होंठों को चूस रहे थे.
मम्मी भी उनका साथ दे रही थीं.
पांच मिनट के लंबे चुंबन के बाद उन्होंने होंठ अलग किए तो मम्मी की लाल लिपस्टिक फैल चुकी थी और बाल भी खुल कर बिखर चुके थे.
अब मम्मी के चाचा जी उनके ऊपर से हटे और वे अपने कपड़े उतारने लगे.
उन्हें देख कर मम्मी ने भी अपनी साड़ी का पल्लू हटा दिया और ब्लाउज के दोनों हुक्स खोल कर ब्लाउज अलग कर दिया.
अगले ही पल मम्मी ने साड़ी भी खोल दी.
अब मम्मी सिर्फ ब्रा-पेटीकोट में थीं और उनके चाचा जी अंडरवियर में थे.
मम्मी ने अपने चाचा जी की अंडरवियर नीचे करके उतार दी और उनका लंड देख कर मुस्कुरा दीं.
तभी मम्मी उनका लंड हिलाने लगीं.
दो ही मिनट बाद मम्मी के चाचा जी बोले- निधि रानी, लंड पर चुस्सा मारो!
तो जवाब में मम्मी जल्दी से उनका लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं.
कुछ मिनट बाद मम्मी रुक गईं और उन्होंने अपनी ब्रा को भी खोल दिया.
वे बिस्तर पर लेट गईं.
मम्मी के चाचा जी उनके ऊपर चढ़ कर उनके बूब्स दबाने लगे और निपल्स चूसने लगे.
कुछ टाइम बाद मम्मी के मम्मों से दूध निकलना शुरू हो गया तो मम्मी के चाचा जी उसे पीने लगे.
मम्मी के मुँह से मादक सिसकारियां निकल रही थीं.
मैंने उन्हें मम्मी का दूध पीते हुए देखा तो मुझे बुरा लगा कि मेरा दूध वह पी रहे हैं.
तो मैं अचानक से अन्दर आ गया और वे दोनों मुझे देख कर डर गए.
मम्मी के चाची जी उनसे अलग हो गए और मुझ पर फिर से चिल्लाने लगे.
मैं फिर से जोर जोर से रोने लगा.
मम्मी उठीं और मुझे चुप करवाने लगीं. मम्मी ने कहा- बेटा मैंने आपको बोला था ना कि मम्मी का बाहर ही इंतजार करना. आपको अन्दर नहीं आना चाहिए था. देखो अब चाचा जी आप पर कितना गुस्सा कर रहे हैं.
मैं- मम्मी … ये मेरा सारा दूध खत्म कर रहे थे इसलिए मैंने इनको रोका!
मेरी बात सुन कर वे दोनों हंस पड़े.
मम्मी बोलीं- तुम्हारे लिए दूध फिर से भर लूँगी मैं … अब बेटा आप बाहर जाओ. फिर मम्मी आपको भी दुद्दू पिलाएगी.
मैं बाहर आ गया और वे दोनों फिर से शुरू हो गए.
अब मम्मी ने अपने पेटीकोट का नाड़ा खोला और अपनी पैंटी व पेटीकोट एक साथ ही नीचे सरका दिए.
मम्मी की चूत देख कर उनके चाचा बोले- वाह निधि, तुमने तो चूत के बाल एकदम साफ कर रखे हैं. शायद आज की चूत की झांटें साफ की हैं!
तो मम्मी बोली- जी चाचा जी, बस आपके लिए ही साफ करती हूँ.
उन दोनों में फिर से चुम्मा चाटी शुरू हो गई.
दो मिनट बाद मम्मी अपने चाचा से अलग होकर बेड पर पैर फैला कर लेट गईं और चाचा जी की तरफ़ देख कर मुस्कुराने लगीं.
उन्होंने अपने हाथ से अपनी चूत को सहला कर अपने चाचा जी को इशारा किया.
मम्मी के चाचा जी अपनी जीभ से मम्मी की चूत चाटने लगे और मम्मी मस्त होने लगीं.
कुछ ही देर में मम्मी की उत्तेजना चरम पर पहुंचने लगी और वे अपने चाचा जी सर अपनी चूत पर दबाती हुई अपनी गांड ऊपर उठाने लगीं.
कुछ ही पल बाद मम्मी की चूत स्खलित होने लगी और उनके चाचा जी अपनी भतीजी यानि मेरी मम्मी की चूत का सारा पानी चाटते हुए पीने लगे.
मम्मी उस दौरान लगातार कामुक सिसकारियां ले रही थीं.
मैंने मम्मी को पापा से भी चुदवाते हुए देखा था, पर पापा ने कभी भी मम्मी की चूत नहीं चाटी थी और न ही मम्मी ने उन्हें कभी अपने दूध चुसवाए थे.
कुछ देर के बाद मम्मी के चाचा जी मम्मी के ऊपर चढ़ गए और अपना लंड मम्मी की चूत में घिसने लगे.
मम्मी की चूत उनके चाचा जी के मोटे लंड के मुकाबले काफी कसी हुई दिख रही थी.
उनके चाचा जी का लंड किसी गधे के लंड जैसा मोटा और लंबा था.
मम्मी के चाचा जी ने अपने लंड के सुपारे को मम्मी की चूत के मुहाने पर रख कर दबाया.
तो मम्मी के कंठ से आह आह की आवाज आई- अरे यार चाचा जी, जरा धीरे पेलो न … आपका बहुत मोटा है.
चाचा जी ने मेरी मम्मी की एक चूची को अपने मुँह में दबा कर खींचा और छोड़ कर बोले- साली, कौन सा आज पहली बार ले रही है रांड … बस नखरे ज्यादा चोदती है.
मम्मी हंसने लगीं और बोलीं- ऐसा कौन सा रोज रोज चुदवाने आती हूँ. अभी मेरी फ़ुद्दी कसी हुई है … किसी रंडी की भोसड़ी नहीं हुई है. ज्यादा बकचोदी न करो और धीरे धीरे अन्दर पेलो.
चाचा का लंड मोटा होने के कारण जब उन्होंने जोर से लंड दबाया, तो उन दोनों तो ही दर्द होने लगा.
वे दोनों ‘अहह …’ करते हुए कराहने लगे.
मम्मी की चूत में उनके चाचा जी ने चार पांच धक्के लगाए, उसके बाद दोनों मस्त होने लगे.
अब मम्मी मज़े से सिसकारियां लेने लगी थीं. उनके चाचा जी का लंबा मोटा लंड चूत में खलबली मचाने लगा था.
कुछ मिनट इसी पोजीशन में चुदाई के बाद वे दोनों रुक गए और मम्मी के चाचा जी ने मम्मी से फिर से लंड चूसने के लिए कहा.
मम्मी ने बिना मना किये अपनी चूत से लंड निकलवाया और उसे मुँह में लेकर गीला करने लगीं.
कुछ पल लंड चूसने के बाद मम्मी ने अपने चाचा जी को बेड पर धक्का देकर गिरा दिया और उनके ऊपर चढ़ गईं.
मम्मी ने अपने चाचा जी का लंड अपने हाथ से पकड़ कर उसको अपनी चूत पर सैट किया और धीरे धीरे उसे अन्दर लेने लगीं.
लंड चूत में जाते ही वे अपने चाचा जी को अपनी एक चूची चुसवाने लगीं और उन दोनों में चुदाई की मस्ती बढ़ने लगी.
मम्मी ने जोश में आकर अपनी गांड उछालने की स्पीड बढ़ा दी.
उस वजह से मम्मी की दोनों चूचियों के बीच में लटकने वाला मम्मी का मंगलसूत्र उछल रहा था.
उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि पापा अपनी बीवी को चुदवाते देख कर परेशान हो रहे हों.
दस मिनट की चुदाई के बाद दोनों झड़ गए और मम्मी अपने चाचा जी की छाती पर हाथ फेरती हुई उन्हें थैंक्यू बोल रही थीं.
वे दोनों चूमाचाटी करने लगे.
कुछ मिनट ऐसे ही प्यार भरी इधर उधर की बातें करने के बाद मम्मी के चाचा जी ने मम्मी को अपने लौड़े से अलग कर दिया.
फिर वे मम्मी का पेटीकोट उठा कर उससे अपना लंड पौंछ कर साफ करने लगे.
पेटीकोट के साथ मम्मी की पैंटी भी थी तो उसमें भी मम्मी के चाचा जी के लंड का रस लग गया था.
उधर मम्मी अपनी चूत पसार कर चित लेटी थीं और लंबी लंबी सांसें ले रही थीं.
मम्मी के चाचा जी ने अपने कपड़े पहने और मम्मी की तरफ देख मुस्कुरा कर कमरे से बाहर निकल गए.
चाचा जी के कमरे से जाने के बाद मम्मी आराम से पूरे बेड पर आंखें बंद करके नंगी ही लेट गईं.
थोड़ी देर बाद जब मम्मी उठीं तो उन्होंने अपनी चूत पर हाथ फेर कर देखा कि चाचा जी के लंड का माल उनकी चूत के माल के साथ बाहर की तरफ आ रहा है और उनकी जांघों तक बह रहा है.
उसे देख कर मम्मी शर्मा गईं और उन्होंने उठ कर अपने नीचे पड़े अपने सारे कपड़े उठा कर बेड पर रख लिए.
जब मम्मी ने सामने लगे आईने में अपनी चुदी पिटी हालत देखी, तो उन्होंने सोचा कि नहाना ठीक रहेगा.
वे नहाने जा ही रही थीं कि इतने में उनके चाचा जी फिर से अन्दर आ गए और मेरी मम्मी को अपनी बांहों में भर कर उन्हें माथे पर किस करने लगे.
नाना फिर से अपने एक हाथ से उनके बालों को पकड़ कर उनके होंठों को चूसने लगे. वे दूसरे हाथ से मम्मी की चूची को मसलते हुए दबा रहे थे.
दोनों ही बहुत थक चुके थे तो दोनों अलग हो गए.
मम्मी ने कहा- चाचा जी अब मैं नहाना चाहती हूँ!
उनके चाचा जी- हां निधि, नहा लो … इसमें पूछ क्यों रही हो?
मम्मी- चाचा जी, एक तौलिया दे दीजिए.
वे बोले- रूको मेरी जान!
मम्मी तौलिया ले ही रही थीं कि मैं फिर से कमरे में अन्दर घुस आया और रोते हुए बोला- मम्मी मुझे बहुत देर से भूख लग रही है … आपका काम कब तक होगा?
तो मम्मी बोली- अववव … मेरा बेटा अभी तक भूखा है? … चलो आओ दूध पी लो.
मम्मी मुझे लेकर नंगी ही बेड पर लेट गईं और मुझे अपनी एक चूची से दूध पिलाने लगीं.
कुछ मिनट बाद उनकी उस चूची में से दूध निकलना बंद हो गया.
मैं- मम्मी, इसमें से दूद्धू नहीं आ रहा!
मम्मी- अरे बेटा शायद तुम्हारे नाना जी ने सारा दूध चूस कर खत्म कर दिया. लो तुम दूसरी चूची से पी लो.
यह कह कर मम्मी ने मेरा मुँह अपनी दूसरी चूची से लगा दिया और अपने चाचा जी की तरफ देख कर मुस्कुराने लगीं.
मम्मी की इस बात पर उनके चाचा जी भी हंसने लगे.
कुछ मिनट बाद मेरा पेट भर गया तो मैंने दूध पीना छोड़ दिया.
मैं- मम्मी हम लो घर कब जाएंगे?
मम्मी- बेटा बस थोड़ी देर और रुको. मैं बस नहा कर आती हूँ.
मैं- ओके … पर मम्मी जल्दी करना!
मम्मी- हां बेटा, तुम इंतजार करो.
फिर मम्मी उठ कर अपने चाचा जी के गले से लग गईं और बोलीं- चाचा जी, आप भी मेरे साथ नहा लो!
मम्मी के चाचा जी उनकी बात मान गए और वे अपने कपड़े निकालने लगे.
वे दोनों हाथ पकड़ कर अन्दर चले गए.
मैं समझ गया कि अन्दर फिर से चुदाई का खेल होगा.
अन्दर जाकर उन दोनों ने एक दूसरे को अच्छे से साफ करके नहलाया.
मम्मी ने अपने चाचा जी का लंड चूसा और उनको गर्म करने लगीं.
लेकिन शायद चाचा जी का लंड इतनी जल्दी खड़ा नहीं होने वाला था इसलिए उन दोनों ने चुदाई का प्रोग्राम कैंसिल कर दिया.
मम्मी बाहर आ गईं और जल्दी से कपड़े पहनने लगीं.
उन्होंने बेड से जब अपनी पैंटी उठाई तो उस पर मम्मी के चाचा जी के लंड का माल लगा हुआ था, जो सूख गया था.
माल देख कर मम्मी मुस्कुरा कर बोलीं- चाचा जी आप भी ना!
वे शर्मा गईं.
फिर मम्मी ने उस पैंटी को पहन लिया. उसके बाद ब्रा पहनी और पेटीकोट आदि सारे कपड़े पहनने लगीं.
जब मम्मी ब्लाउज का हुक लगा रही थीं, तो वे मुझे खुद को देखती हुई शर्मा कर मुस्कुरा दीं.
मम्मी ने मुझसे पूछा- क्या हुआ?
मैंने उनसे पूछा- मम्मी, आपके चाचा जी और आप क्या कर रहे थे!
पहले तो मम्मी ने कहा कि तुझे समझ नहीं आएगा बेटा.
मैंने फिर से पूछा, तो मम्मी ने साड़ी पहनते हुए मुझे बताया कि वे दोनों एक गेम खेल रहे थे.
मैं- तो आप और मम्मी के चाचा जी शेम शेम क्यों हो गए थे?
मम्मी हँसती हुई बोलीं- बेटा, ये गेम ऐसे ही कपड़े उतार कर नंगे होकर खेला जाता है.
मैं- आप सिर्फ़ यही गेम खेलने आई थीं क्या … इतनी दूर?
मम्मी- हां बेटा!
मैं- ये बहुत जरूरी था क्या?
मम्मी- हां, मैंने बहुत दिनों से अपने चाचा जी के साथ यह खेल नहीं खेला था ना, इसलिए आज खेला.
मैं- मुझे भी खेलना है.
मम्मी हँसती हुई- अववव … मेरा बच्चा … अभी आप छोटे हो. जब तुम बड़े हो जाओगे तो खेल लेना!
अब तक मेरी मम्मी पूरी तैयार हो गई थीं.
जैसे ही हम दोनों बाहर निकलने लगे तो मम्मी के चाचा जी बाहर ही हॉल में सोफे पर बैठे थे.
मम्मी ने अपने चाचा जी से कहा- ओके, चाचा जी अब मैं चलती हूँ. आपके साथ बहुत मज़ा आया थैंक्स!
मम्मी के चाचा जी- निधि, तुम बहुत अच्छी हो … हमेशा ऐसे ही प्यार देती रहना.
यह कह कर उन्होंने मेरी मम्मी को गले से लगा लिया.
उनकी की आंखों से आंसू निकल आए.
तब मम्मी ने उन्हें बैठाया और बोलीं- अरे चाचा जी रोइए नहीं. मुझे बहुत बुरा लगता है. क्या मुझसे कुछ ग़लती हो गई?
मम्मी के चाचा जी- नहीं निधि, तुम तो बहुत अच्छी हो, पर तुम्हारे जाने के बाद मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है.
तब मम्मी ने अपने चाचा जी का सिर अपनी गोद में रखते हुए कहा- चाचाजी, इसमें कोई कुछ नहीं कर सकता. मुझे जाना ही होगा, पर चिंता ना कीजिए, मैं जल्दी ही वापिस आऊंगी.
उसके बाद मम्मी के चाचा जी ने मम्मी की एक चूची को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया.
जिससे Xxx मम्मी फिर से गर्म हो गईं और उन्होंने अपने चाचा जी के होंठों में होंठ मिला दिए.
उनके चाचा जी ने भी मम्मी का ब्लाउज ऊपर कर दिया और एक चूची बाहर निकाल ली.
कुछ देर चूसने के बाद चाचा जी उठे और मम्मी की साड़ी और पेटीकोट ऊपर करके उनकी पैंटी निकाल दी.
वे अपना लोवर नीचे करके अपना मोटा कड़क लंड मेरी बैड मम्मी की चूत में डालने लगे.
मम्मी तो शायद बाथरूम में ही चुदवाना चाह रही थीं. लेकिन उधर तैयार नहीं हुआ था.
उन दोनों में डॉगी स्टाइल में चुदाई होने लगी.
मम्मी सोफ़े से लग कर कुतिया बनी थीं और उनके चाचा जी पीछे से दबादब चुदाई कर रहे थे.
उन दोनों की 15 की चुदाई के बाद खेल खत्म हुआ.
मम्मी के चाचा जी मम्मी की चूत के अन्दर ही झड़ गए और उनकी पीठ पर ही लुढ़क गाए.
वे मम्मी को हर जगह चुम्बन करने लगे.
मैंने अपनी आंखों से अपने सामने अपनी मम्मी को उनके चाचा के मोटे लंड से 15 मिनट तक चुदवाते हुए देखा.
इस बार ना तो मम्मी ने मुझे देखने से मना किया और ना ही उनके चाचा जी कुछ कहा.
फिर वे दोनों अलग हुए और मम्मी ने अपने कपड़े सही से कर लिए.
जाते वक्त मम्मी ने फिर से अपने चाचा जी के पैर छुए.
मम्मी ने कहा- चाचा जी, अब चलती हूँ … नहीं तो बहुत देर हो जाएगी. आप अपना ध्यान रखना.
चाचा जी ने मेरी मम्मी को आशीर्वाद देते हुए कहा- निधि, हमेशा खुश रहो. सदा सुहागन रहो.
चाचा जी ने जैसे ही मम्मी को सुहागन बोला, तो उनका ध्यान मेरी मम्मी निधि की मांग पर गया.
तभी मम्मी को भी याद आया कि उन्होंने नहाने के बाद मांग दुबारा नहीं भरी.
उनके चाचा जी बोले- निधि तेरा सिंदूर कहां है?
मम्मी- चाचा जी, मैं लगाना भूल गई!
यह सुनकर वे अन्दर गए और सिंदूर की डिब्बी ले आए.
मम्मी- ये कहां से लाए?
नाना जी- तुम्हारी चाची की थी. वह तो अब रही नहीं, तो तुम इसे ही अपनी मांग में भर लो.
मम्मी ने शर्माते हुए कहा- चाचा जी एक काम कीजिए, मेरी मांग आप ही भर दो ना!
मम्मी के चाचा जी ने खुश होते हुए कहा- क्या सच में!
तो मम्मी बोलीं- हां.
मम्मी के चाचा जी ने मम्मी की मांग सिंदूर से भर दी.
दोनों मुस्कुरा कर गले लग गए और उन दोनों की आंखों में आंसू आ गए.
दोनों ने झट से एक दूसरे के होंठों को भर लिया.
एक मिनट की किस के बाद दोनों हटे और मम्मी के चाचा जी हम दोनों को छोड़ने गाड़ी में आ गए.
शाम हो गई थी.
मम्मी के चाचा जी हम दोनों को घर छोड़ कर वापिस चले गए.
मैं अपनी मम्मी के साथ घर में अन्दर आ गया.
घर में आकर मम्मी ने मुझे प्यार से समझाया कि मैंने आज जो कुछ भी देखा, वह मैं किसी को ना बताऊं और सब भूल जाऊं.
आज भी मम्मी को लगता है कि मैं सब भूल गया हूँ.
थैंक्स … ये मेरी पहली सेक्स कहानी थी, बैड मॅाम Xxx कहानी आपको कैसी लगी प्लीज बताएं.
दोस्तो, यह कहानी उस वक्त की है जब मैं छोटा था. मेरी मम्मी जवान थीं.
मेरी मम्मी का नाम निधि है.
मम्मी की शादी 22 साल की उम्र में ही हो गई थी.
उस समय मेरी मम्मी का साइज़ लगभग 34-30-36 का रहा होगा.
मेरी मम्मी को एक बेबी हुआ था, जो चार महीने बाद ही गुजर गया था.
बैड मॅाम Xxx कहानी में मम्मी के चाचा ने मेरी मम्मी को चोदा था.
उस वक्त मम्मी के आंचल से दूध आता था तो वे अपने स्तनों को खाली करवाने के लिए मुझे अपना दूध पिलाती थीं.
मुझे भी मम्मी का दूध पीने में मजा आता था और मुझे उनका दूध पीने की आदत हो गई थी.
मेरी मम्मी ज़्यादातर साड़ी ही पहनती थीं.
मांग में सिंदूर, गले में मंगलसूत्र, हाथों में चूड़ियां और माथे पर लाल बिंदी. देखने में बिल्कुल आदर्श भारतीय नारी.
एक दिन मम्मी ने मुझसे कहा कि आज हम दोनों को मम्मी के चाचा के घर जाना है.
पापा के ऑफिस चले जाने के बाद मम्मी ने मुझे तैयार किया और खुद भी तैयार हो गईं.
आज मम्मी ने लाल साड़ी पहनी थी और साड़ी की मैंचिंग का गहरे गले वाला ब्लाउज पहना था जिसमें उनकी पीठ पूरी नंगी थी और ब्रा के जैसी पट्टी वाला ब्लाउज था.
पीछे सिर्फ़ दो हुक्स से ब्लाउज उनके 34 इंच के एकदम सख्त मम्मों पर कसा हुआ था.
गहरे गले के कारण मम्मी की आधी से ज्यादा चूचियां अपनी छटा बिखेर रही थीं.
जो भी मम्मी की नेट की साड़ी में से झलकते उनके दूध देखता, अपना लंड सहलाने लगता था.
वह बस मम्मी की मांग में सिंदूर देख कर मेरे पिता जी के नसीब को सराहने लगता था कि क्या माल मिला है.
हम दोनों दस बजे घर से निकल गए और पैदल ही चल पड़े.
मम्मी के चाचा जी का घर हमारे घर से दूर तो था, पर ज़्यादा दूर भी नहीं था.
हम एक दूसरे के घर आते जाते रहते थे.
कुछ ही मिनट बाद हम लोग मम्मी के चाचा जी के घर पहुंच गए.
मम्मी ने घण्टी बजाई और उनके चाचा जी ने गेट खोला.
तो मम्मी और उनके चाचा जी ने एक दूसरे को देख कर स्माइल पास की.
उनके चाचा जी ने उन्हें उठाते हुए अपने गले से लगा लिया.
फिर चाचा जी ने मुझे देख कर मम्मी से कहा- इस आफ़त को क्यों लेकर आ गई?
तो मम्मी बोलीं- कोई बात नहीं चाचा जी, ये तो अभी छोटा है. इसे क्या समझ आएगा!
मम्मी के चाचा जी- चलो ठीक है, ये सब बातें तो होती रहेंगी, पहले यह बताओ कि क्या लोगी … कुछ ठंडा या गर्म?
तो मम्मी ने उन्हें बीच में ही रोकते हुए कहा- अरे चाचा जी, आपको तो पता ही है कि मुझे क्या चाहिए होता है.
मम्मी की बात पर दोनों हंसने लगे.
फिर मेरी मम्मी के चाचा जी ने मम्मी का हाथ पकड़ा और उन्हें अपने बेडरूम की तरफ ले जाने लगे.
मैं भी उनके साथ उनके रूम में घुस गया.
मम्मी ने मुझसे बाहर ही रुकने को कहा.
मैंने जिद की.
इस पर मम्मी के चाचा जी को गुस्सा आ गया.
वे मुझ पर चिल्ला पड़े.
मैं रोने लगा और मम्मी के पैरों से लिपट कर रोने लगा.
मम्मी ने मुझे प्यार से समझाया- बेटा आप बाहर ही इंतजार करो, मैं थोड़ी देर में काम खत्म करके आपके पास आती हूँ.
मैं मान गया और बाहर आ गया.
मेरे बाहर निकलते ही उन्होंने गेट को उड़का दिया, पर कुण्डी नहीं लगाई.
जब दो मिनट बाद मैंने अन्दर देखा तो मम्मी बेड पर लेटी थीं.
नाना जी यानि मेरी मम्मी के चाचा जी उनके ऊपर चढ़ कर उनके होंठों को चूस रहे थे.
मम्मी भी उनका साथ दे रही थीं.
पांच मिनट के लंबे चुंबन के बाद उन्होंने होंठ अलग किए तो मम्मी की लाल लिपस्टिक फैल चुकी थी और बाल भी खुल कर बिखर चुके थे.
अब मम्मी के चाचा जी उनके ऊपर से हटे और वे अपने कपड़े उतारने लगे.
उन्हें देख कर मम्मी ने भी अपनी साड़ी का पल्लू हटा दिया और ब्लाउज के दोनों हुक्स खोल कर ब्लाउज अलग कर दिया.
अगले ही पल मम्मी ने साड़ी भी खोल दी.
अब मम्मी सिर्फ ब्रा-पेटीकोट में थीं और उनके चाचा जी अंडरवियर में थे.
मम्मी ने अपने चाचा जी की अंडरवियर नीचे करके उतार दी और उनका लंड देख कर मुस्कुरा दीं.
तभी मम्मी उनका लंड हिलाने लगीं.
दो ही मिनट बाद मम्मी के चाचा जी बोले- निधि रानी, लंड पर चुस्सा मारो!
तो जवाब में मम्मी जल्दी से उनका लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं.
कुछ मिनट बाद मम्मी रुक गईं और उन्होंने अपनी ब्रा को भी खोल दिया.
वे बिस्तर पर लेट गईं.
मम्मी के चाचा जी उनके ऊपर चढ़ कर उनके बूब्स दबाने लगे और निपल्स चूसने लगे.
कुछ टाइम बाद मम्मी के मम्मों से दूध निकलना शुरू हो गया तो मम्मी के चाचा जी उसे पीने लगे.
मम्मी के मुँह से मादक सिसकारियां निकल रही थीं.
मैंने उन्हें मम्मी का दूध पीते हुए देखा तो मुझे बुरा लगा कि मेरा दूध वह पी रहे हैं.
तो मैं अचानक से अन्दर आ गया और वे दोनों मुझे देख कर डर गए.
मम्मी के चाची जी उनसे अलग हो गए और मुझ पर फिर से चिल्लाने लगे.
मैं फिर से जोर जोर से रोने लगा.
मम्मी उठीं और मुझे चुप करवाने लगीं. मम्मी ने कहा- बेटा मैंने आपको बोला था ना कि मम्मी का बाहर ही इंतजार करना. आपको अन्दर नहीं आना चाहिए था. देखो अब चाचा जी आप पर कितना गुस्सा कर रहे हैं.
मैं- मम्मी … ये मेरा सारा दूध खत्म कर रहे थे इसलिए मैंने इनको रोका!
मेरी बात सुन कर वे दोनों हंस पड़े.
मम्मी बोलीं- तुम्हारे लिए दूध फिर से भर लूँगी मैं … अब बेटा आप बाहर जाओ. फिर मम्मी आपको भी दुद्दू पिलाएगी.
मैं बाहर आ गया और वे दोनों फिर से शुरू हो गए.
अब मम्मी ने अपने पेटीकोट का नाड़ा खोला और अपनी पैंटी व पेटीकोट एक साथ ही नीचे सरका दिए.
मम्मी की चूत देख कर उनके चाचा बोले- वाह निधि, तुमने तो चूत के बाल एकदम साफ कर रखे हैं. शायद आज की चूत की झांटें साफ की हैं!
तो मम्मी बोली- जी चाचा जी, बस आपके लिए ही साफ करती हूँ.
उन दोनों में फिर से चुम्मा चाटी शुरू हो गई.
दो मिनट बाद मम्मी अपने चाचा से अलग होकर बेड पर पैर फैला कर लेट गईं और चाचा जी की तरफ़ देख कर मुस्कुराने लगीं.
उन्होंने अपने हाथ से अपनी चूत को सहला कर अपने चाचा जी को इशारा किया.
मम्मी के चाचा जी अपनी जीभ से मम्मी की चूत चाटने लगे और मम्मी मस्त होने लगीं.
कुछ ही देर में मम्मी की उत्तेजना चरम पर पहुंचने लगी और वे अपने चाचा जी सर अपनी चूत पर दबाती हुई अपनी गांड ऊपर उठाने लगीं.
कुछ ही पल बाद मम्मी की चूत स्खलित होने लगी और उनके चाचा जी अपनी भतीजी यानि मेरी मम्मी की चूत का सारा पानी चाटते हुए पीने लगे.
मम्मी उस दौरान लगातार कामुक सिसकारियां ले रही थीं.
मैंने मम्मी को पापा से भी चुदवाते हुए देखा था, पर पापा ने कभी भी मम्मी की चूत नहीं चाटी थी और न ही मम्मी ने उन्हें कभी अपने दूध चुसवाए थे.
कुछ देर के बाद मम्मी के चाचा जी मम्मी के ऊपर चढ़ गए और अपना लंड मम्मी की चूत में घिसने लगे.
मम्मी की चूत उनके चाचा जी के मोटे लंड के मुकाबले काफी कसी हुई दिख रही थी.
उनके चाचा जी का लंड किसी गधे के लंड जैसा मोटा और लंबा था.
मम्मी के चाचा जी ने अपने लंड के सुपारे को मम्मी की चूत के मुहाने पर रख कर दबाया.
तो मम्मी के कंठ से आह आह की आवाज आई- अरे यार चाचा जी, जरा धीरे पेलो न … आपका बहुत मोटा है.
चाचा जी ने मेरी मम्मी की एक चूची को अपने मुँह में दबा कर खींचा और छोड़ कर बोले- साली, कौन सा आज पहली बार ले रही है रांड … बस नखरे ज्यादा चोदती है.
मम्मी हंसने लगीं और बोलीं- ऐसा कौन सा रोज रोज चुदवाने आती हूँ. अभी मेरी फ़ुद्दी कसी हुई है … किसी रंडी की भोसड़ी नहीं हुई है. ज्यादा बकचोदी न करो और धीरे धीरे अन्दर पेलो.
चाचा का लंड मोटा होने के कारण जब उन्होंने जोर से लंड दबाया, तो उन दोनों तो ही दर्द होने लगा.
वे दोनों ‘अहह …’ करते हुए कराहने लगे.
मम्मी की चूत में उनके चाचा जी ने चार पांच धक्के लगाए, उसके बाद दोनों मस्त होने लगे.
अब मम्मी मज़े से सिसकारियां लेने लगी थीं. उनके चाचा जी का लंबा मोटा लंड चूत में खलबली मचाने लगा था.
कुछ मिनट इसी पोजीशन में चुदाई के बाद वे दोनों रुक गए और मम्मी के चाचा जी ने मम्मी से फिर से लंड चूसने के लिए कहा.
मम्मी ने बिना मना किये अपनी चूत से लंड निकलवाया और उसे मुँह में लेकर गीला करने लगीं.
कुछ पल लंड चूसने के बाद मम्मी ने अपने चाचा जी को बेड पर धक्का देकर गिरा दिया और उनके ऊपर चढ़ गईं.
मम्मी ने अपने चाचा जी का लंड अपने हाथ से पकड़ कर उसको अपनी चूत पर सैट किया और धीरे धीरे उसे अन्दर लेने लगीं.
लंड चूत में जाते ही वे अपने चाचा जी को अपनी एक चूची चुसवाने लगीं और उन दोनों में चुदाई की मस्ती बढ़ने लगी.
मम्मी ने जोश में आकर अपनी गांड उछालने की स्पीड बढ़ा दी.
उस वजह से मम्मी की दोनों चूचियों के बीच में लटकने वाला मम्मी का मंगलसूत्र उछल रहा था.
उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि पापा अपनी बीवी को चुदवाते देख कर परेशान हो रहे हों.
दस मिनट की चुदाई के बाद दोनों झड़ गए और मम्मी अपने चाचा जी की छाती पर हाथ फेरती हुई उन्हें थैंक्यू बोल रही थीं.
वे दोनों चूमाचाटी करने लगे.
कुछ मिनट ऐसे ही प्यार भरी इधर उधर की बातें करने के बाद मम्मी के चाचा जी ने मम्मी को अपने लौड़े से अलग कर दिया.
फिर वे मम्मी का पेटीकोट उठा कर उससे अपना लंड पौंछ कर साफ करने लगे.
पेटीकोट के साथ मम्मी की पैंटी भी थी तो उसमें भी मम्मी के चाचा जी के लंड का रस लग गया था.
उधर मम्मी अपनी चूत पसार कर चित लेटी थीं और लंबी लंबी सांसें ले रही थीं.
मम्मी के चाचा जी ने अपने कपड़े पहने और मम्मी की तरफ देख मुस्कुरा कर कमरे से बाहर निकल गए.
चाचा जी के कमरे से जाने के बाद मम्मी आराम से पूरे बेड पर आंखें बंद करके नंगी ही लेट गईं.
थोड़ी देर बाद जब मम्मी उठीं तो उन्होंने अपनी चूत पर हाथ फेर कर देखा कि चाचा जी के लंड का माल उनकी चूत के माल के साथ बाहर की तरफ आ रहा है और उनकी जांघों तक बह रहा है.
उसे देख कर मम्मी शर्मा गईं और उन्होंने उठ कर अपने नीचे पड़े अपने सारे कपड़े उठा कर बेड पर रख लिए.
जब मम्मी ने सामने लगे आईने में अपनी चुदी पिटी हालत देखी, तो उन्होंने सोचा कि नहाना ठीक रहेगा.
वे नहाने जा ही रही थीं कि इतने में उनके चाचा जी फिर से अन्दर आ गए और मेरी मम्मी को अपनी बांहों में भर कर उन्हें माथे पर किस करने लगे.
नाना फिर से अपने एक हाथ से उनके बालों को पकड़ कर उनके होंठों को चूसने लगे. वे दूसरे हाथ से मम्मी की चूची को मसलते हुए दबा रहे थे.
दोनों ही बहुत थक चुके थे तो दोनों अलग हो गए.
मम्मी ने कहा- चाचा जी अब मैं नहाना चाहती हूँ!
उनके चाचा जी- हां निधि, नहा लो … इसमें पूछ क्यों रही हो?
मम्मी- चाचा जी, एक तौलिया दे दीजिए.
वे बोले- रूको मेरी जान!
मम्मी तौलिया ले ही रही थीं कि मैं फिर से कमरे में अन्दर घुस आया और रोते हुए बोला- मम्मी मुझे बहुत देर से भूख लग रही है … आपका काम कब तक होगा?
तो मम्मी बोली- अववव … मेरा बेटा अभी तक भूखा है? … चलो आओ दूध पी लो.
मम्मी मुझे लेकर नंगी ही बेड पर लेट गईं और मुझे अपनी एक चूची से दूध पिलाने लगीं.
कुछ मिनट बाद उनकी उस चूची में से दूध निकलना बंद हो गया.
मैं- मम्मी, इसमें से दूद्धू नहीं आ रहा!
मम्मी- अरे बेटा शायद तुम्हारे नाना जी ने सारा दूध चूस कर खत्म कर दिया. लो तुम दूसरी चूची से पी लो.
यह कह कर मम्मी ने मेरा मुँह अपनी दूसरी चूची से लगा दिया और अपने चाचा जी की तरफ देख कर मुस्कुराने लगीं.
मम्मी की इस बात पर उनके चाचा जी भी हंसने लगे.
कुछ मिनट बाद मेरा पेट भर गया तो मैंने दूध पीना छोड़ दिया.
मैं- मम्मी हम लो घर कब जाएंगे?
मम्मी- बेटा बस थोड़ी देर और रुको. मैं बस नहा कर आती हूँ.
मैं- ओके … पर मम्मी जल्दी करना!
मम्मी- हां बेटा, तुम इंतजार करो.
फिर मम्मी उठ कर अपने चाचा जी के गले से लग गईं और बोलीं- चाचा जी, आप भी मेरे साथ नहा लो!
मम्मी के चाचा जी उनकी बात मान गए और वे अपने कपड़े निकालने लगे.
वे दोनों हाथ पकड़ कर अन्दर चले गए.
मैं समझ गया कि अन्दर फिर से चुदाई का खेल होगा.
अन्दर जाकर उन दोनों ने एक दूसरे को अच्छे से साफ करके नहलाया.
मम्मी ने अपने चाचा जी का लंड चूसा और उनको गर्म करने लगीं.
लेकिन शायद चाचा जी का लंड इतनी जल्दी खड़ा नहीं होने वाला था इसलिए उन दोनों ने चुदाई का प्रोग्राम कैंसिल कर दिया.
मम्मी बाहर आ गईं और जल्दी से कपड़े पहनने लगीं.
उन्होंने बेड से जब अपनी पैंटी उठाई तो उस पर मम्मी के चाचा जी के लंड का माल लगा हुआ था, जो सूख गया था.
माल देख कर मम्मी मुस्कुरा कर बोलीं- चाचा जी आप भी ना!
वे शर्मा गईं.
फिर मम्मी ने उस पैंटी को पहन लिया. उसके बाद ब्रा पहनी और पेटीकोट आदि सारे कपड़े पहनने लगीं.
जब मम्मी ब्लाउज का हुक लगा रही थीं, तो वे मुझे खुद को देखती हुई शर्मा कर मुस्कुरा दीं.
मम्मी ने मुझसे पूछा- क्या हुआ?
मैंने उनसे पूछा- मम्मी, आपके चाचा जी और आप क्या कर रहे थे!
पहले तो मम्मी ने कहा कि तुझे समझ नहीं आएगा बेटा.
मैंने फिर से पूछा, तो मम्मी ने साड़ी पहनते हुए मुझे बताया कि वे दोनों एक गेम खेल रहे थे.
मैं- तो आप और मम्मी के चाचा जी शेम शेम क्यों हो गए थे?
मम्मी हँसती हुई बोलीं- बेटा, ये गेम ऐसे ही कपड़े उतार कर नंगे होकर खेला जाता है.
मैं- आप सिर्फ़ यही गेम खेलने आई थीं क्या … इतनी दूर?
मम्मी- हां बेटा!
मैं- ये बहुत जरूरी था क्या?
मम्मी- हां, मैंने बहुत दिनों से अपने चाचा जी के साथ यह खेल नहीं खेला था ना, इसलिए आज खेला.
मैं- मुझे भी खेलना है.
मम्मी हँसती हुई- अववव … मेरा बच्चा … अभी आप छोटे हो. जब तुम बड़े हो जाओगे तो खेल लेना!
अब तक मेरी मम्मी पूरी तैयार हो गई थीं.
जैसे ही हम दोनों बाहर निकलने लगे तो मम्मी के चाचा जी बाहर ही हॉल में सोफे पर बैठे थे.
मम्मी ने अपने चाचा जी से कहा- ओके, चाचा जी अब मैं चलती हूँ. आपके साथ बहुत मज़ा आया थैंक्स!
मम्मी के चाचा जी- निधि, तुम बहुत अच्छी हो … हमेशा ऐसे ही प्यार देती रहना.
यह कह कर उन्होंने मेरी मम्मी को गले से लगा लिया.
उनकी की आंखों से आंसू निकल आए.
तब मम्मी ने उन्हें बैठाया और बोलीं- अरे चाचा जी रोइए नहीं. मुझे बहुत बुरा लगता है. क्या मुझसे कुछ ग़लती हो गई?
मम्मी के चाचा जी- नहीं निधि, तुम तो बहुत अच्छी हो, पर तुम्हारे जाने के बाद मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है.
तब मम्मी ने अपने चाचा जी का सिर अपनी गोद में रखते हुए कहा- चाचाजी, इसमें कोई कुछ नहीं कर सकता. मुझे जाना ही होगा, पर चिंता ना कीजिए, मैं जल्दी ही वापिस आऊंगी.
उसके बाद मम्मी के चाचा जी ने मम्मी की एक चूची को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया.
जिससे Xxx मम्मी फिर से गर्म हो गईं और उन्होंने अपने चाचा जी के होंठों में होंठ मिला दिए.
उनके चाचा जी ने भी मम्मी का ब्लाउज ऊपर कर दिया और एक चूची बाहर निकाल ली.
कुछ देर चूसने के बाद चाचा जी उठे और मम्मी की साड़ी और पेटीकोट ऊपर करके उनकी पैंटी निकाल दी.
वे अपना लोवर नीचे करके अपना मोटा कड़क लंड मेरी बैड मम्मी की चूत में डालने लगे.
मम्मी तो शायद बाथरूम में ही चुदवाना चाह रही थीं. लेकिन उधर तैयार नहीं हुआ था.
उन दोनों में डॉगी स्टाइल में चुदाई होने लगी.
मम्मी सोफ़े से लग कर कुतिया बनी थीं और उनके चाचा जी पीछे से दबादब चुदाई कर रहे थे.
उन दोनों की 15 की चुदाई के बाद खेल खत्म हुआ.
मम्मी के चाचा जी मम्मी की चूत के अन्दर ही झड़ गए और उनकी पीठ पर ही लुढ़क गाए.
वे मम्मी को हर जगह चुम्बन करने लगे.
मैंने अपनी आंखों से अपने सामने अपनी मम्मी को उनके चाचा के मोटे लंड से 15 मिनट तक चुदवाते हुए देखा.
इस बार ना तो मम्मी ने मुझे देखने से मना किया और ना ही उनके चाचा जी कुछ कहा.
फिर वे दोनों अलग हुए और मम्मी ने अपने कपड़े सही से कर लिए.
जाते वक्त मम्मी ने फिर से अपने चाचा जी के पैर छुए.
मम्मी ने कहा- चाचा जी, अब चलती हूँ … नहीं तो बहुत देर हो जाएगी. आप अपना ध्यान रखना.
चाचा जी ने मेरी मम्मी को आशीर्वाद देते हुए कहा- निधि, हमेशा खुश रहो. सदा सुहागन रहो.
चाचा जी ने जैसे ही मम्मी को सुहागन बोला, तो उनका ध्यान मेरी मम्मी निधि की मांग पर गया.
तभी मम्मी को भी याद आया कि उन्होंने नहाने के बाद मांग दुबारा नहीं भरी.
उनके चाचा जी बोले- निधि तेरा सिंदूर कहां है?
मम्मी- चाचा जी, मैं लगाना भूल गई!
यह सुनकर वे अन्दर गए और सिंदूर की डिब्बी ले आए.
मम्मी- ये कहां से लाए?
नाना जी- तुम्हारी चाची की थी. वह तो अब रही नहीं, तो तुम इसे ही अपनी मांग में भर लो.
मम्मी ने शर्माते हुए कहा- चाचा जी एक काम कीजिए, मेरी मांग आप ही भर दो ना!
मम्मी के चाचा जी ने खुश होते हुए कहा- क्या सच में!
तो मम्मी बोलीं- हां.
मम्मी के चाचा जी ने मम्मी की मांग सिंदूर से भर दी.
दोनों मुस्कुरा कर गले लग गए और उन दोनों की आंखों में आंसू आ गए.
दोनों ने झट से एक दूसरे के होंठों को भर लिया.
एक मिनट की किस के बाद दोनों हटे और मम्मी के चाचा जी हम दोनों को छोड़ने गाड़ी में आ गए.
शाम हो गई थी.
मम्मी के चाचा जी हम दोनों को घर छोड़ कर वापिस चले गए.
मैं अपनी मम्मी के साथ घर में अन्दर आ गया.
घर में आकर मम्मी ने मुझे प्यार से समझाया कि मैंने आज जो कुछ भी देखा, वह मैं किसी को ना बताऊं और सब भूल जाऊं.
आज भी मम्मी को लगता है कि मैं सब भूल गया हूँ.
थैंक्स … ये मेरी पहली सेक्स कहानी थी, बैड मॅाम Xxx कहानी आपको कैसी लगी प्लीज बताएं.