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Punjabi - ਭਾਸ਼ਾ Incest मां बेटे की कामुक कहानी

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"Mom Son Chudai Kahani"

हैलो दोस्तो आज मैं आपको की कहानी बताऊंगा कैसे एक बेटे ने अपनी मां की चुदाई की आप इस को पढ़ कर बहुत उत्तेजित हो जायेंगे यह थोड़ी लंबी है पर आपको यह पढ़कर मज़ा आयेगा अब मैं शुरू करता हूं

सुरेश सिंह असम के एक छोटे से गांव का रहने वाला है वो अपने मां-बाप का एकलौता बेटा है गांव में घोर गरीबी के चलते उसे 15 साल की ही उम्र अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ कर दिल्ली आना पड़ा दिल्ली आते ही उसे एक कारखाने में नौकरी मिल गई उसने तुरंत ही अपनी लगन एवं इमानदारी का इनाम पाया और उसकी तरक्की सिर्फ एक साल में ही सुपरवाइजर में हो गई अब उसे ज्यादा वेतन मिलने लगा था

अब वो अपने गांव अपने मां – बाप से मुलाकात करने और उन्हें यहां लाने की सोच रहा था तभी एक दिन उसके पास उसकी मां का फोन आया कि उसके बाप की तबियत काफी खराब है सुरेश जल्दी से अपने गांव के लिए छुट्टी लेकर निकला दिल्ली से असम जाने में उसे तीन दिन लग गए मगर दुर्भाग्यवश वो जैसे ही अपने घर पहुंचा उसके अगले दिन ही उसके बाप की मृत्यु हो गई

होनी को कौन टाल सकता था बाप के गुजरने के बाद सुरेश अपनी मां को दिल्ली ले जाने की सोचने लगा क्यों कि यहां वो बिलकुल ही अकेली रहती और गांव में कोई खेती बाड़ी भी नही थी जिसके लिए उसकी मां गांव में रहती पहले तो उसकी मां अपने गांव को छोड़ना नही चाहती थी मगर बेटे के समझाने पर वो मान गई और बेटे के साथ दिल्ली चली आई

उसकी मां का नाम पुष्पा है उसकी उम्र 31-32 साल की है वो 15 साल की ही उम्र में सुरेश की मां बन चुकी थी आगे चलकर उसे एक और संतान हुई मगर कुछ ही दिनों में उसकी मृत्यु हो गई थी आगे चल कर पुष्पा को कोई अन्य संतान नही हुई इस प्रकार से पुष्पा को सिर्फ एक पुत्र सुरेश से ही संतुष्टी प्राप्त करना पड़ा खैर सुरेश उसका लायक पुत्र निकला और वो अब नौकरी कर के अपना और अपनी मां का ख्याल रख सकता था

सुरेश ने दिल्ली में एक छोटा सा कमरा किराया पर ले रखा था इसमें एक किचन और बाथरूम अटैच था उसने जिस मकान में यह कमरा ले रखा था उसमे चारों तरफ इसी तरह के छोटे छोटे कमरे थे वहां पर लगभग सभी बाहरी लोग ही किराए पर रहते थे इसलिए किसी को किसी से मतलब नही था


सुरेश के कमरे में सिर्फ एक खिडकी और एक मुख्य दरवाजा था पुष्पा पहली बार अपने राज्य से बाहर निकली थी वो तो कभी असम के शहर भी नहीं घूमी थी दिल्ली की भव्यता ने उसकी उसकी आंखें चुंधिया दी जब सुरेश अपनी मां पुष्पा को अपने कमरे में लेकर गया

तो पुष्पा को वह छोटा सा कमरा भी आलिशान लग रहा था क्यों कि वो आज तक किसी पक्के मकान में नही रही थी वो असम में एक छोटे से झोपड़े में अपना जीवन गुजार रही थी उसे उसके बेटे ने अपने कमरे के बारे में बताया किचन और बाथरूम के बारे में बताया यह भी बताया कि यहां गांव की तरह कोई नदी नहीं है जब मन करे जाकर पानी ले आये और काम करे यहां पानी आने का टाइम रहता है

इसी में अपना काम कर लेना है पहले दिन उसने अपनी मां को बाहर ले जाकर खाना खिलाया पुष्पा के लिए ये सचमुच अनोखा अनुभव था वो हिंदी भाषा ना तो समझ पाती थी ना ही बोल पाती थी वो परेशान थी लेकिन सुरेश ने उसे समझाया कि वो धीरे धीरे सब समझने लगेगी

रात में जब सोने का समय आया तो दोनों एक ही बिस्तर पर सो गए सुरेश का बिस्तर डबल था इसलिए दोनों को सोने में परेशानी तो नही हुई परन्तु सुरेश तो आदत अनुसार किसी तरह सो गया लेकिन पहाड़ों पर रहने वाली पुष्पा को दिल्ली की उमस भरी रात पसंद नही आ रही थी वो रात भर करवट लेती रही खैर सुबह हुई सुरेश अपने कारखाने जाने के लिए निकलने लगा

पुष्पा ने उसके लिए नाश्ता बना दिया सुरेश ने पुष्पा को सभी जरुरी बातें समझा कर अपने कारखाने चला गया पुष्पा ने दिन भर अपने कमरे की साफ सफाई की और कमरे को ठीक किया शाम को जब सुरेश वापस आया तो अपना कमरा सजा हुआ पाया तो बहुत खुश हुआ और पुष्पा को बाजार घुमाने ले गया और रात का खाना भी बाहर ही खाया

अगले 3-4 दिनों में पुष्पा अपने पति की यादों से बाहर निकलने लगी थी और अपने आप को दिल्ली के वातावरण अनुसार ढालने की कोशिश करने लगी सुरेश भी अब पुष्पा पर अधिकार जमाने लगा था

वो लोग पहाड़ी आदिवासी समुदाय के थे वहां के परिवार के बीच ज्यादा परदा नहीं होता है सुरेश आराम से अपनी मां के सामने सिगरेट पीता था वो रात में सिर्फ एक छोटा सा गमछा लपेट कर सोता था इस से उसके लंड का उभार आकार सभी पता चलता रहता था लेकिन उसकी मां ने कभी इसका बुरा नही माना क्यों कि ये उन लोगों का पारंपरिक पहनावा था

उसकी मां भी सिर्फ एक तौलिये को अपने बदन से लपेट कर सोती थी पुष्पा को भी सुरेश से कोई लाज नही लगती थी एक रात 12 बजे बिजली चली गई जिसकी वजह से गरमी के मारे पुष्पा की नींद खुल गई और वह एक हाथ वाला पंखा से अपने आपको और सुरेश को हवा दे रही थी लेकिन उस से पुष्पा को राहत नहीं मिल रही थी

वो कुछ क्यादा ही परेशान हो गई थी क्यों की उसे दिल्ली की गर्मी बर्दाश्त करने की आदत नही हुई थी तभी सुरेश की नींद खुली तो उसने देखा कि उसकी मां गरमी से बेहाल हो रही है

सुरेश – क्या हुआ? सोती क्यों नहीं?

पुष्पा – इतनी गरमी है यहां

सुरेश – तो इतने भारी भरकम तौलिया क्यों पहन रखा हैं?


पुष्पा – मेरे पास तो यही हैं

सुरेश – गाउन नहीं है क्या?

पुष्पा – नहीं

सुरेश – तुमने पहले मुझे बताया क्यों नहीं? कल मै लेता आऊंगा तू एक काम कर अभी ये सब खोल कर सो जा

पुष्पा – बिना कपड़ो के ही ?

सुरेश ने कहा – नहीं ब्रा और पैंटी है ना तेरी? वही पहन के सो जा ना कौन तुझे रात में यहां देखेगा?

पुष्पा – नहीं आज की रात किसी तरह काट लेती हूं तू कल सुबह मेरे लिए गाउन लेते आना

अगले दिन सुरेश अपनी मां के लिए एक बिलकूल पतली सी छोटी कुरती खरीद कर ले आया ताकि रात में मां को आराम मिल सके वो छोटी कुरती सिर्फ पतली ही नही बल्कि छोटी भी थी पुष्पा की नाभी भी किसी तरह ही ढंक रहे थे सुरेश ने बताया कि दिल्ली में सभी औरतें इस तरह की छोटी कुरती पहन कर ही सोती हैं

पुष्पा ने किचन में जा कर अपनी पहले के सभी कपड़े खोले और छोटी कुरती और पैंटी पहन ली छोटी कुरती किसी पतले गमछे की तरह काफी पतली थी जिस से छोटी कुरती उसके बदन से चिपक गए थे पुष्पा का जवान जिस्म अभी 32 साल का ही था

उस पर पहाड़ी औरत का जिस्म काफी गदराया हुआ था गोरी और जवान पुष्पा के चूचे बड़े बड़े थे छोटी कुरती का गला इतना नीचे था कि पुष्पा के चूचे का निपल सिर्फ बाहर आने से बच रहा था पुष्पा वो छोटी कुरती पहन कर किचन से बाहर आई सुरेश ने अपनी मां को इतनी पतली सी छोटी कुरती और पैंटी में देखा तो उसके होश उड़ गए

पुष्पा के पूरे जिस्म का अंदाजा इस पतली सी छोटी कुरती से साफ साफ दिख रहा था सुरेश ने तो कभी ये सोचा भी नही था कि उसकी मां की चूची इतनी बड़ी होगी

वो सिगरेट पीते हुए बोला – अच्छी है देखना गरमी नहीं लगेगी

उस रात पुष्पा सचमुछ आराम से सोई लेकिन सुरेश का दिमाग मां के बदन पर टिक गया था वो आधी रात तक अपनी मां के बदन के बारे में सोचता रहा वो अपनी मां के बदन को और भी अधिक देखना चाहने लगा उसने उठ कर कमरे की लाईट जला दी उसकी मां की छोटी कुरती पुष्पा के पेट के ऊपर तक चढ़ चुकी थी

जिस से पुष्पा की पैंटी भी सुरेश को दिख रही थी सुरेश ने गौर से पुष्पा की चूची की तरफ देखा उसने देखा कि मां की चूची का निपल भी साफ साफ पता चल रहा है वो और भी अधिक पागल हो गया उसका लंड अपनी मां के बदन को देख कर खड़ा हो गया वो बाथरूम जा कर वहां से अपनी सोई हुई मां के बदन को देख देख कर मुठ मारने लगा

मुठ मारने पर उसे कुछ शान्ति मिली और वापस कमरे में आकर लाईट बंद कर के सो गया सुबह उठा तो देखा मां फिर से अपने पुराने कपड़े पहन कर घर का काम कर रही है लेकिन उसके दिमाग में पुष्पा का बदन अभी भी घूम रहा था अगले 2 रात वो पुष्पा के बदन की कल्पना कर कर के पागल हो गया

पुष्पा भी अब अपने बेटे के सामने ही कपड़े बदल लेती थी जब भी पुष्पा उसके सामने छोटी कुरती और पैंटी में रहती तो सुरेश अपने गमछी के अन्दर हाथ डाल कर अपने लंड को सहलाते रहता था कई बार पुष्पा ने रात को सुरेश के पतले से गमछे के भीतर एक जवान लंड को खड़ा होते हुए देख चुकी थी

इस में पुष्पा को भी अब लाज नही लगती थी अब सुरेश पुष्पा का पूरा जिस्म नंगा देखना चाहता था एक रात सुरेश ने सिगरेट सुलगाया और मां से पूछा – मां मैं तो तेरे लिए सिर्फ एक ही छोटी कुरती लाया हूं तू हर रात उसे ही पहनेगी क्या?

पुष्पा – हां वही पहन लुंगी

सुरेश – नहीं एक और लेता आऊंगा कम से कम दो तो होने ही चाहिए

पुष्पा – ठीक है जैसी तेरी मर्जी

सुरेश शाम को बाज़ार गया और जान बुझ कर बिलकूल झीनी कपड़ों वाली पारदर्शी जालीदार ब्रा खरीद कर लाया

आकर उसने अपनी मां को वो ब्रा दिया और कहा – मां आज रात में सोते समय ये नया ब्रा पहन लेना इसे पहनने के बाद छोटी कुरती पहनने की कोई जरुरत नहीं है

पुष्पा ने ब्रा को देखते हुए खुशी से कहा – अरे वाह ये तो जालीदार ब्रा है

रात में सोने से पहले जब पुष्पा ने वो ब्रा और पैंटी पहना तो ब्रा के अन्दर का सारा नजारा दृश्यमान हो रहा था उसकी गोरी चूची और निपल तो पूरा ही दिख रहा था उस ब्रा और पैंटी को पहन कर वो सुरेश के सामने आई सुरेश अपनी मां के बदन को एकटक देखता रहा

पुष्पा – देख तो बेटा कैसा है ये ब्रा?

सुरेश ने गौर से अपनी मां की चूची और उसके बीच की घाटी और समूचे बदन को एकटक निहारते हुए कहा – अरे मां तू तो एकदम जवान दिखने लगी

यह सुन कर पुष्पा एकदम खुश हो गई उस ने कहा – देख ना ठीक से बैठ नही रहा है पीछे का हुक कुछ खराब है क्या? इसे सेट कैसे करूं

सुरेश पीछे से ब्रा के हुक को सही से लगाने लगा मगर हुक लग नहीं रहा था हुक कुछ टेढा था सुरेश ने पीछे से पूरा हुक खोल दिया और हुक ठीक करने लगा उसके सामने उसकी मां की नंगी पीठ थी उसके नीचे पैंटी के अन्दर से गांड की दरार दिख रही थी

किसी तरह कांपते हाथों से सुरेश ने ब्रा का हुक ठीक किया और लगा दिया मगर अब भी ब्रा चूची पर सेट नही आ रही थी सुरेश ने सामने जाकर ब्रा को इधर उधर कर चूची को ब्रा में सेट किया ये सब करते समय वो जान बुझकर काफी समय लगा रहा था और हाथ से अपनी मां की चूची को बार बार छूता था और दबाता था

पुष्पा की गोरी गोरी चुचीयों को नजदीक से निहार रहा था इस बीच इसका लंड पानी पानी हो रहा था वो तो अच्छा था कि उसने गमछा पहन रखा था लेकिन उसका लंड इतना तन गया था कि गमछा तम्बू बन चूका था पुष्पा को भी पता था कि उसका बेटा उसकी चुचियों को निहार रहा है लेकिन वो भी मस्त हो रही थी और मस्ती से अपने बेटे से अपनी चूची को ब्रा में सेट करवा रही थी

अचानक उसकी नजर सुरेश के लंड की ओर गई उसने सुरेश के गमछा को तम्बू बना देख समझ गई की सुरेश का लंड खड़ा हो गया है वो सुरेश के लंड के विषय में सोच रही थी और उसके साइज का अंदाजा लगा रही थी उसका लंड पुरे उफान पर था रह रह कर वो अपने लंड को भी दबा रहा था

फिर वो तुरंत बाथरूम गया और अपना गमछा खोल कर अपनी मां की चूची को याद कर कर के लंड को मसलने लगा और मुठ मार कर अपनी गरमी शांत की तब तक उसकी मां कमरे में अंधेरा कर के सो चुकी थी सुरेश वापस नंगा ही बिस्तर पर आया अचानक उसे कब नींद आ गई उसे खयाल भी नहीं रहा और उसका गमछा खुला हुआ ही रह गया

सुबह होने पर रोज की तरह पुष्पा पहले उठी तो वो अपने बेटे को नंगा सोया हुआ देख कर चौक गई वो सुरेश के लंड को देख कर आश्चर्यचकित हो गई उसे पता नहीं था कि उसके बेटे का लंड अब जवान हो गया है और उस पर इतने घने बाल भी हो गए है वो समझ गई कि उसका बेटा अब जवान हो गया है

उसके लंड का साइज देखकर भी वो आश्चर्यचकित थी क्यों कि उसने आज तक अपने पति के लंड के सिवा कोई और जवान लंड नहीं देखा था उसके पति का लंड इस से छोटा ही था हाय कितना मस्त लंड है इसका लंड इतना बड़ा हो गया है और मुझे पता भी नहीं चला काश एक बार ऐसा लंड मेरी चूत में मिल जाता कमबख्त कितने दिन हो गए चुदाई हुए

वो अभी सोच ही रही थी कि अचानक सुरेश की आंख खुल गई और उसने अपने आप को अपनी मां के सामने नंगा पाया वो थोडा भी शर्मिदा नहीं हुआ और आराम से गमछे को लपेटा और कहा – वो रात में काफी गरमी थी इसलिए मैंने गमछा खोल दिया था वैसे जब तू यहां नही रहती थी तो मै तो इसी तरह ही सोता था

पुष्पा ने थोडा सा मुस्कुरा कर कहा – तो अभी भी सो जाया करो ना बिना कपड़े के मुझसे शर्म कैसी? मै अभी तेरे लिए चाय बना देती हूं

सुरेश ने सिगरेट के कश लेते हुए कहा – अच्छा? तुम्हे कोई दिक्कत नहीं?

पुष्पा – नहीं रे अपने बच्चे से क्या दिक्कत?

पुष्पा किचन में चाय बनाने तो चली गई लेकिन वो सुरेश के लंड को देख कर इतनी गर्म गई कि किचन में ही उसने अपनी चूत में उंगली डाल कर मुठ मार लिया तब कहीं उसे शान्ति मिली

उसी रात पुष्पा फिर से सिर्फ ब्रा और पैंटी पहन कर सुरेश के बगल में सोयी सुरेश ने आधी रात को अपना गमछा पूरी तरह खोल दिया था और पुष्पा के उठने से ठीक पहले पेशाब लगने की वजह से उठ गया और नंगे ही बाथरूम जा कर वापस आया और अपनी मां के बगल में लेट गया

सुरेश ने देखा कि पुष्पा की छोटी और पतली पैंटी थोड़ी नीचे सरक गई है जिस से पुष्पा की चूत के बाल स्पष्ट दिख रहे थे इस नज़ारे को देख कर सुरेश का लंड तनतना गया और अपने लंड को सहलाने लगा तभी पुष्पा की नींद खुलने लगी ये देख कर सुरेश झट से अपने लंड को एक हाथ से पकडे हुए रखा और आंखें बंद कर के सोने का नाटक करने लगा

कुछ ही पल में जैसे ही पुष्पा उठी तो देखती है कि उसके बेटे का लंड तनतनाया हुआ है और एक हाथ से सुरेश उसे धीरे धीरे सहला रहा है पुष्पा का दिमाग फिर से गर्म हो गया वो सुरेश के बगल में लेटकर सुरेश के खड़े लंड को निहारते हुए सोचने लगी – हाय अपने बेटे का ही लंड मुझे मिल जाए तो क्या बात है? साले का लंड इतना सुन्दर है कि मन कर रहा है कि अभी मुंह में लेकर चूसने लग जाऊं

5 मिनट तक उसके लंड को निहारने के बाद वो सुरेश से सट कर लेट गई और अपनी चूची को उसके नंगे सीने पर दबाते हुए और प्यार से उसके सीने पर हाथ फेरते हुए सुरेश को जगाया सुरेश तो जगा हुआ था ही वो आंख खोला तो अपनी मां को अपने अपने नंगे बदन से सटा हुआ पाकर उसका लंड और भी कड़क हो गया

पुष्पा का बदन भी लगभग नंगा था और जो थोडा बहुत बचा हुआ था वो भी पुष्पा दिखने से परहेज नहीं कर रही थी उसने अभी तक अपनी पैंटी को ऊपर नहीं किया था और उसकी बड़ी बड़ी और काली झांट बिलकूल खुलेआम दिख रहे थे ये देख कर सुरेश का लंड और टाईट हो गया पुष्पा ने भी सोच लिया कि सुरेश को अपनी चूत के बाल और चूची दिखा कर गर्म कर दूंगी

सुरेश ने कहा – कल रात भी बहुत गरमी थी ना इसलिए पुरे कपड़े खोल के नंगे ही सो गया था

पुष्पा ने सुरेश के नंगे पेट को सहलाते हुए मुस्कुरा कर कहा – तो क्या हुआ? यहां कौन दुसरा है? मै क्या तुझे नंगा नहीं देखी हूं? मां के सामने इतनी शर्म कैसी?

सुरेश – वो तो मेरे बचपन में देखी हो अब बात दूसरी है

पुष्पा – क्यों अब क्या दूसरी बात है? दो साल पहले तक तो तू मेरे साथ नंगे ही सोता था मेरे आंखों के सामने ही तेरे लंड पर बाल आये थे लंड पर बड़े बड़े बाल हो गए थे तब भी तू मेरे साथ नंगा ही चिपक कर सोता था

पुष्पा का हाथ थोडा और नीचे गया सुरेश के लंड के बालों को खींचते हुए हुए बोली – पहले और अब में क्या फर्क है ? यही ना तेरे बाल अब थोडा बड़े बड़े हो गए हैं और तेरा लंड भी पहले से बड़ा और मोटा हो गया है और क्या? अब मेरा बेटा जवान हो गया है लेकिन मां के सामने शर्माने की जरुरत नहीं

आज से तूझे मेरे सामने कपड़े पहन कर सोने की कोई जरुरत नहीं है मै तेरे शरीर के हर हिस्से को जानती हूं मुझसे परदा करने की कोई जरुरत नहीं है तुझे मेरे बेटे जा जाकर बाथरूम में पिशाब कर कब से तेरे को पिशाब लगी है

सुरेश – तुझे कैसे पता चला मां मुझे जोरों से पिशाब लगी है?

पुष्पा ने हौले से सुरेश के लंड को पकड़ा और सहलाते हुए कहा – तेरा लंड इतना टाईट हो गया है इस से मै समझ गई जा जल्दी जा

सुरेश – मां सिर्फ पिशाब ही नहीं करना है मुझे कुछ और भी करना पड़ता है

पुष्पा ने हंसते हुए कहा – जा ना तो कर ले वो भी मै सब समझती हूं कि क्या करता है तू आज कल

सुरेश हंसते हुए नंगे ही बाथरूम गया लेकिन वहां उसने सिर्फ पिशाब ही नही किया बल्कि अपनी मां की मस्त चूची को याद कर कर के मुठ मारने लगा साथ ही साथ वो जोर जोर से आह आह की आवाजें भी निकाल रहा था ताकि उसकी मां सुन सके पुष्पा ने सचमुच उसकी आवाज़ सुन ली और वो समझ गई कि उसका बेटा बाथरूम में मुठ मार रहा है सुन के वो फिर मस्त हो गई वो भी किचन में गई और अपनी चूत की मुठ मारने लगी यानी आग इधर भी लग गई थी और उधर भी

सुरेश अब नंगा ही सोने लगा और उधर पुष्पा उसके सामने ही अपनी पैंटी में हाथ डाल कर अपनी चूत को सहलाती रहती थी उसके लंड को याद कर कर के रात को बिस्तर पर ही मुठ मारती रही अगले दो दिन के बाद रात में आधी रात को सुरेश अपने खड़े लंड को मसलने लगा मां की चूत और चूची को याद कर कर के

उसने बिस्तर पर ही मुठ मार दिया सारा माल उसके बदन पर और बिस्तर पर जा गिरा एक बार मुठ मारने से भी सुरेश का मन शांत नहीं हुआ 10 मिनट के बाद उसने फिर से मुठ मारा इस बार मुठ मारने के बाद उसे गहरी नींद आ गई और वो बेसुध हो कर सो गया सुबह होने पर पुष्पा ने देखा कि सुरेश रोज की तरह नंगा सोया है और आज उसके बदन और बिस्तर पर माल भी गिरा है

उसे ये पहचानने में देर नहीं हुई कि ये सुरेश का वीर्य है वो समझ गई कि रात में उसने बिस्तर पर ही मुठ मारा होगा लेकिन वो जरा भी बुरा नहीं मानी वो गौर से अपने बेटे का लंड देखने लगी वो उसके बगल में लेट गई और और उसके सीने पर हाथ फेरते हुए उसे उठाई सुरेश की जैसे ही नींद खुली

पुष्पा ने उसके लंड पर हाथ फेरते हुए कहा – देख तो तुने क्या किया? कल रात को तुने बिस्तर पर ही अपने लंड से माल निकाला था क्या?

सुरेश – हां मां वो बिस्तर पर ही दो बार मार लिया

पुष्पा ने कहा – कोई बात नहीं बेटा जा कर बाथरूम में अपना बदन साफ कर ले मै चादर साफ कर लुंगी

सुरेश बिना कपड़े पहने ही बाथरूम गया और अपने बदन पर से अपना वीर्य धो पोछ कर वापस आया तब उसने तौलिया लपेटा तब तक पुष्पा ने वीर्य लगे चादर को हटा कर नई चादर को बिछा दिया

फिर उस रात जैसे ही बिस्तर पर दोनों लेटे सुरेश ने मुठ मारना शुरू कर दिया पुष्पा अंधेरे में सुरेश को देख तो नही पा रही थी लेकिन वो समझ गई कि सुरेश मुठ मार रहा है वो भी गर्म हो गई उसने भी अपनी पैंटी उतार दी और अपने चूत में उंगली डाला और वो भी शुरू हो गई

अब दोनों ही बिस्तर पर एक साथ मुठ मार रहे थे हालांकि सुरेश नही जान पाया कि उसकी मां भी मुठ मार रही है उसने अचानक कहा – मां कोई कपड़ा दे ना माल निकालना है

पुष्पा ने अपनी पैंटी उसके हाथ में थमा दी और बोली – इसमें निकाल ले

सुरेश – क्या है ये?

पुष्पा – जो भी है तू माल निकाल इसी में

सुरेश ने जोरदार आवाज के साथ अपनी पिचकारी छोड़ी और सारा माल अपनी मां की पैंटी में गिरा दिया फिर उसने वो पैंटी अपनी मां को थमा दिया अब पुष्पा ने भी अपना माल उसी पैंटी में गिराया फिर उस पैंटी को पहन ली दोनों अपने अपने माल को निकाल कर निढाल हो कर सो गए लेकिन पुष्पा की आग बढ़ती ही जा रही थी

अगली रात पुष्पा ने सिर्फ ब्रा और पैंटी पहना था जबकि सुरेश बिलकूल नंगा सोया था सुरेश और पुष्पा रोज की तरह एक ही बिस्तर पर आस पास ही सोये हुए थे आधी रात को सुरेश ने अपना एक हाथ पुष्पा की चूची के ऊपर रख दिया पुष्पा उसकी तरफ पीठ कर के सोयी थी सुरेश ने जैसे ही उसके ऊपर हाथ रखा वो जाग गई लेकिन उसने कुछ नहीं कहा

सुरेश धीरे धीरे पुष्पा के बदन से सट गया और उसकी चुचियों और जांघ पर हाथ फेरने लगा हालांकि उसे पता चल गया था कि उसकी मां जाग गई है वो अपने लंड को पुष्पा की गांड के ऊपर सहलाने लगा पुष्पा को मस्ती चढ़ रही थी उसे भी अपने बेटे का लंड अपनी गांड पर चुभना काफी अच्छा लग रहा था

अचानक वो सीधे हो के लेट गई अब सुरेश उसकी दोनों चुचियों को आराम से बारी बारी से दबा रहा था सुरेश धीरे धीरे अपनी मां से पूरी तरह सट गया अब सुरेश को ज्यादा बर्दाश्त नहीं हुआ सुरेश ने अपनी एक टांग पुष्पा के ऊपर चढ़ाई फिर धीरे धीरे उसके बदन पर पूरा चढ़ गया पुष्पा सिर्फ गरम गरम सांसे फेंक रही थी

सुरेश का लंड पुष्पा की पैंटी के ऊपर था और ऐसा लग रहा था की उसकी पैंटी को फाड़ कर पुष्पा की चूत की चुदाई कर देगा सुरेश ने अपने होठों को पुष्पा के होठों से सटाया पुष्पा ने अपना मुंह खोला और उसके होठों को चूमने लगी फिर चूसने लगी

पुष्पा ने अपने दोनों हाथ को सुरेश की पीठ पर लाया और धीरे से कहा – क्या चाहिए बेटे?

सुरेश – मुझे तेरी चूत पर माल निकालना है

पुष्पा – तो निकाल ले ना

सुरेश – आज तू मार दे ना मेरी मुठ

पुष्पा – ठीक है आ जा मेरे ऊपर दे अपना लंड मेरे हाथ में

सुरेश पुष्पा के बदन पर चढ़ गया और पुष्पा ने उसके लंड को अपने हाथ में लेकर उसका मुठ मारने लगी आज पुष्पा अपने जवान बेटे के लंड के साथ खेल रही थी थोड़ी ही देर में उसके लंड ने माल निकालना शुरू कर दिया सुरेश ने अपने लंड को अपनी मां की चूत के पैंटी के ऊपर सटा दिया और सारा माल पुष्पा की पैंटी पर गिरा दिया

पुष्पा चुप चाप उसके गर्म गर्म वीर्य से अपनी पैंटी को भींगते रहने का अहसास करती रही और मन ही मन खुश होती रही कि अब उसका बेटा ही उसकी प्यास शांत करने के लिए तैयार हो रहा है

सुरेश मुठ मरवाने के बाद निढाल होकर अपनी मां के बदन पर से हट गया और सो गया पुष्पा ने भी अपनी पैंटी उतार कर मुठ मारा और पैंटी को वापस पहन कर सो गई

सुबह तक वो उसी पैंटी में थी वो सुरेश के बगल में सट कर बड़े ही प्रेम से सुरेश को जगाया सुरेश जागा तो पुष्पा ने उसके लंड के बाल में अपनी उंगली फिराते हुए कहा – कल रात तुने कहां माल निकाल दिया तुझे पता है? देख तो मेरी पैंटी का क्या हाल हो गया है? पूरी भींग गई है रात भर मै इसी तरह सोयी रही तू भी एकदम पगला है

सुरेश — अभी भी भीगी है क्या?

पुष्पा – हां छू के देख ले

सुरेश ने अपनी मां की पैंटी के ऊपर हाथ फेरा और देखा कि सचमुच अभी तक भीगी है वो मुस्कुरा के बोला – इसे उतार दे ना

पुष्पा – तेरे सामने?

सुरेश – अरे नहीं मेरे कहने का मतलब है इसे उतार कर दूसरी पहन ले

पुष्पा – अच्छा ठीक है वो कर लुंगी मुझे कल ही पता चला तेरा लंड काफी बड़ा है रे मेरा बेटा अब जवान जो हो गया है चल उठ तैयार हो जा तुझे कारखाना भी तो जाना है न?

सुरेश उस दिन काफी खुश था और काम खत्म होते ही वो वापस घर आया और अपनी मां को फिल्म दिखाने ले गया रात को बाहर से खाना लेते हुए वापस घर आए और खाना खाते ही अपने सारे कपड़े खोल कर नंगा हो गया फिर मां के सामने ही लंड को सहलाने लगा और सिगरेट पीने लगा

पुष्पा ब्रा और पैंटी पहन कर उसके बगल में लेटी हुई थी सुरेश ने उसे पकड़ कर उसकी चूची ब्रा के ऊपर से दबाने लगा पुष्पा भी सुरेश के लंड को सहलाने लगी

अचानक सुरेश ने कहा – मां तू सिगरेट पीयेगी?

पुष्पा – नहीं रे

सुरेश – अरे पी ले ये बिलकूल गांव के हुक्के की तरह ही है वहां तो तू हुक्का पीती थी कभी कभी ये ले पी सिगरेट

कहते हुए अपनी सिगरेट मां को दे दिया और खुद दुसरा सिगरेट जला लिया पुष्पा ने सिगरेट से जैसे ही कश लगाया वो थोड़ी खांसी

सुरेश ने कहा – आराम से मां धीरे धीरे पी पहले सिर्फ मुंह में ले धुंआ अन्दर मत ले पुष्पा ने वैसा ही किया 3-4 कश के बाद वो सिगरेट पीना जान गई आज वो बहुत खुश थी

सुरेश – मां एक बात कहूं

पुष्पा – हां बोल

सुरेश – तेरी चूची दबाने में बड़ा मज़ा आता है

पुष्पा – सच कहूं तो मुझे भी कल तेरा मुठ मारने में बड़ा मज़ा आया था अब जब भी मन हो मेरी चूची दबा लिया करना इसमें क्या जाता है तुने इस से दूध पिया है इस पर तेरा हक है

सुरेश ने अपना हाथ पुष्पा की चूची पर रख दिया और कहा – इसे खोल ना आज मै तेरी ब्रा खोल कर तेरी चूची को दबाना चाहता हूं

पुष्पा – तो अभी मेरी ब्रा उतार दे और जितनी मर्जी दबा ले

सुरेश ने पुष्पा की ब्रा उतार दी दरअसल वो भी अब मस्त होना चाहती थी वो तो अब पैंटी उतारने के लिए भी तैयार थी वो भी चाहती थी कि उसका बेटा उसके बदन को अच्छी तरह से देखे

पुष्पा अब सिर्फ पैंटी में थी उसकी चूची खुली हवा में विशाल रसगुल्ले की तरह दिख रही थी पुष्पा को सिर्फ पैंटी में और विशाल चूची को यूं नंगी देख सुरेश का माथा खराब हो गया वो कभी सोच भी नहीं सकता था कि उसकी मां इतनी जवान है उसका मन किया कि वो लपक कर अपनी मां की गोरी गोरी चुचियों को मुंह में ले के चूसने लगा लेकिन उसने अपने आप पे कंट्रोल रखा लेकिन उसका लंड खड़ा हो गया

पुष्पा उसके बगल में लेट कर सिगरेट के कश ले रही थी

सुरेश ने अपनी मां की चुचियों को दबाते हुए बोला – हाय तेरी चूची बड़ी ही गोरी है एकदम मस्त चूची है तेरी

पुष्पा थोड़ा हंसते हुए बोली – हां वो तो है

सुरेश – तेरी चूची अभी भी गोल और सख्त ही हैं लगता है कि किसी लड़की की चूची है

पुष्पा – अच्छा? लेकिन मुझे तो नही लगता

सुरेश ने कहा – मां अपनी दूधू पिलाओ ना

पुष्पा ने कहा – अब इसमें दूध थोड़े ही है?

सुरेश ने लाड करते हुए कहा – नहीं मुझे फिर भी पीना है

पुष्पा – अच्छा मेरे बेटे ले पी ले

कह कर पुष्पा सीधी लेट गई सुरेश पुष्पा के नंगे बदन पर चढ़ गया और उसकी चूची को अपने मुंह ले लेकर चूसने लगा पुष्पा तो मस्ती से पागल हुए जा रही थी वो एक हाथ से सुरेश की गांड पर हाथ फेर रही थी दुसरे हाथ से सुरेश के सर को अपनी चूची की तरफ जोर जोर से दबा रही थी पुष्पा ने एक हाथ से सुरेश का लंड पकड़ा और सहलाने लगी

पुष्पा – हाय मेरा बेटा कितना बड़ा हो गया है रे तू? तेरा लंड तो तेरे बाप के लंड से भी ज्यादा बड़ा है रे

उधर सुरेश अपनी मां की चूची को बुरी तरह मसलने और चूसने लगा पुष्पा की आंखें मस्ती से बंद हो रही थी
वो अपने हाथ से सुरेश का लंड दबा रही थी वो बोली – बेटा तेरा लंड एकदम गरम हो गया है रे

सुरेश – हां मां ये तेरी गोरी चूची को चूस के गरम हो गया साले को ठंडा करना पड़ेगा

पुष्पा – तो आ ना मुठ मार देती हूं क्यों सता रहा है खुद को और अपने लंड को?

सुरेश – ठीक है मां

पुष्पा ने अपने बेटे के लंड को कस के पकड़ा और जोर जोर से मुठ मारने लगी कल रात को तो उसने अंधेरे में अपने बेटे का मुठ मारा था आज लाईट में अपने बेटे का मुंह देख और लंड देखते हुए मुठ मार रही थी

सुरेश अपनी मां से बिना किसी शर्म के जोर जोर से मुठ मरवा रहा था और साथ ही जोर जोर से आह आह की आवाज़ भी निकाल रहा था पुष्पा को अपने बेटे का मुठ मरवाना देख के मस्ती चढ़ रही थी वो भी गर्म हो गई थी लेकिन वो अभी खुलना नही चाह रही थी करीब 5 मिनट तक सुरेश मुठ मरवाने के बाद सिसकारी भरने लगा

सुरेश अपने आप को संभाल नही पाया और सारा माल अपनी मां के बदन पर ही उगल दिया पुष्पा का पेट और चूची सुरेश के माल से नहा गया

पुष्पा हंसने लगी और बोली – ये क्या किया तुने मेरे लाल देख तो सारा माल मेरे चूची पर गिरा दिया

सुरेश – ओह मै कंट्रोल नहीं कर पाया

पुष्पा – कोई बात नहीं मेरे लाल मै साफ कर लुंगी तुझे मज़ा आया न?

सुरेश – हां मां मज़ा तो बहुत आया तुझसे मुठ मरवा कर

सुरेश लेट गया पुष्पा बाथरूम जाकर नहायी और फिर पूरी नंगी ही वापस आई तब तक सुरेश सो गया था लेकिन पुष्पा की आंखों से तो मानों नींद ही उड़ गई हो उसने दूसरी सिगरेट सुलगाई सारी रात उसने सुरेश के लंड और उसके मुठ को याद कर कर के 7-8 बार बिस्तर पर ही मुठ मारते मारते और सिगरेट पीते पीते गुजार दी

रात भर में ही उसने सिगरेट का पूरा पैकेट खतम कर दिया लेकिन उसकी आंखों में नींद की एक झलक तक नही आई वो रात भर लाईट जला कर अपने बेटे के लंड को निहारती रही और ये सोचती रही कि अब और ज्यादा देर तक इस लंड को अपनी चूत से जुदा नही रख पायेगी अब दोनों के बीच सिर्फ पैंटी की दीवार बची थी

उसने ये फैसला कर लिया था कि कल ही वो अपने बेटे के सामने पूरी नंगी होगी और जल्द ही अपनी चूत को अपने बेटे के लंड से मिलन करवा देगी जिस से दोनों की इच्छा पुरी हो जायेगी और दोनों के ही जीवन में बदलाव आ जाएगा सुबह होने से पहले पुष्पा ने पैंटी पहन लिया

उस रात सुरेश के कारखाने से आने के बाद पुष्पा ने उसे स्वादिष्ट भोजन कराया खाना – पीना खाकर वो सिर्फ पैंटी पहन कर अपने नंगे बेटे के बगल में लेट गई सिगरेट पीती हुई

सुरेश भी सिगरेट पी रहा था उसने एक हाथ अपनी मां की चूची पर रखा और दबाने लगा पुष्पा भी एक हाथ से उसके लंड को सहलाने लगी तभी सुरेश की नजर अपनी मां की पैंटी पर गई आज वो आराम से अपनी मां को पूरी तरह नंगा कर देना चाहता था उसने लपक कर पैंटी पर हाथ लगाया और सहलाने लगा

पुष्पा के होठों पे मुस्कान आ गई अचानक सुरेश ने पैंटी के अन्दर हाथ डाल दिया और उसकी चूत का मुआयना करने लगा पुष्पा की चूत पर घने घने बाल को खींचते हुए सुरेश ने कहा – ये बाल शेव क्यों नही करती हो तुम?

पुष्पा ने कहा – कभी की नहीं हूं तू ही कर दे ना

सुरेश – हां ठीक है

पुष्पा ने उसके शेविग बॉक्स में से रेजर निकाला और सुरेश को थमा दिया

सुरेश ने कहा – अपनी पैंटी उतार

जिस शब्द को सुनने के लिए पुष्पा इतने दिनों से बेकरार थी आज वो शब्द उसके कानो में पड़ते ही खुशी के मारे बावली हो गई पुष्पा ने बिना किसी हिचक के अपनी पैंटी उतार दी और अपनी टांगों को फैला कर सुरेश के सामने लेट गई जिस से उसकी बाल भरी बड़ी चूत सुरेश के सामने आ गई

सुरेश का लंड भी लोहे की रॉड की तरह सख्त हो गया था उसने अपनी मां की चूत को भरपूर निहारा और चूत के बाल पर हाथ घिसने लगा क्या मस्त चूत हैं बिलकूल फुले हुए डबल रोटी की तरह फिर उसने पानी और शेविंग क्रीम को अपनी मां की चूत पर लगा कर धीरे धीर घिसने लगा

पुष्पा की सांसे उखड़ने लगी वो लम्बी लम्बी सांसे भरने लगी उसकी चूत ने अपने बेटे के हाथ का स्पर्श पाकर पानी छोड़ना चालू कर दिया किसी तरह से सुरेश अपने आप को संभाल कर धीरे धीरे रेज़र से बाल साफ करने लगा चूत साफ करते करते वो अपनी उंगली चूत में भी घुसा दिया

पुष्पा ने सिसकारी भरते हुए कहा – हाय राम ये क्या कर रहे हो मेरे बेटे?

सुरेश ने उसे दबाते हुए कहा – अच्छी तरह से बाल साफ कर देता हूं कितने बाल है तुम्हारी चूत पर मै ये चेक कर रहा हूं कि चूत के अन्दर भी तो बाल नही हैं?

पुष्पा ने अब चुप रहना ही बेहतर समझा वो नहीं चाहती थी कि अधिक टोका टोकी से कहीं उसका बेटा नाराज ना हो जाये और उसे जो मस्ती मिल रही है वो ना मिले उसे अपनी चूत में अपने बेटे की उंगली जाते ही मस्ती छा गई उसकी चूत ने 15 मिनट की उंगली चुदाई के बाद पानी छोड़ दिया

सुरेश ने अपनी मां की चूत से पानी निकलता देख पानी को चूत पर पोछते हुए पूछा – मां क्या तू पिशाब कर रही हो?

पुष्पा ने अपनी आंखें बंद कर के कहा – नहीं रे तुने मेरी चूत में जो उंगली घुसा दी है ना इसलिए चूत से माल निकल रहा है इस से कोई दिक्कत नहीं है तू आराम से बाल साफ कर

एक घंटे तक अपनी मां की चूत के बाल काटने के बहाने सहलाने और चूत में उंगली डालता रहा इस एक घंटे में पुष्पा की चूत ने 5-6 बार पानी छोड़ दिया

इसके बाद सुरेश ने कहा – अब ठीक है अब तेरी चूत एकदम चिकनी हो गई है ला सिगरेट निकाल

पुष्पा ने टेबल पर से सिगरेट का पैकेट उठा कर सुरेश को दिया फिर सुरेश ने अपनी मां को सिगरेट दिया और खुद भी पीने लगा वो लगातार अपनी मां की चूची और चूत को ही देख रहा था और अपने लंड को सहला रहा था

सुरेश ने कहा – अब ठीक है तेरी चूत एकदम टाईट है एक दम कुंवारी लड़की की तरह

पुष्पा – बहुत दिन से चुदाई नहीं हुई हैं ना इसलिए

सुरेश ने अपना खड़े लंड को सहलाते हुए कहा – देखना मां तेरी चूत देखकर मेरा लंड भी खड़ा हो गया है

पुष्पा ने कहा – वो तो तेरा रोज ही खड़ा होता है ला रोज की तरह आज भी तेरी मुठ मार दूं

सुरेश ने हंसते हुए कहा – तेरी चूची को देखकर मै इतना पागल हो जाता हूं कि बर्दाश्त नहीं होता इसलिए मुठ मारना जरुरी हो जाता है

पुष्पा ने कहा – आजा मेरे लाल मेरे पास आ आज मै तेरा मुठ अलग तरीके से मारूंगी

पुष्पा कह कर सुरेश के लंड को पकड़ नीचे झूकी और अपने बेटे सुरेश का लंड मुंह में ले ली सुरेश को जब ये अहसास हुआ कि उसकी मां ने उसके लंड को मुंह में ले लिया है तो वो उत्तेजना के मारे पागल होने लगा उधर पुष्पा सुरेश के लंड को अपने कंठ तक भर कर चूस रही थी वो अपने बेटे के लंड को इस तरह से चूस रही थी मानो गन्ने चूस रही हो 10 मिनट तक वो सुरेश का लंड चूसती रही थोड़ी ही देर में सुरेश का लंड माल निकलने वाला था

वो बोला – मां – छोड़ दे लंड को माल निकलने वाला है

लेकिन पुष्पा ने उसके लंड को चूसना चालू रखा अचानक सुरेश के लंड ने माल का फव्वारा छोड़ दिया पुष्पा ने सारा माल अपने मुंह में ही भर लिया और सब पी गई अपने बेटे का वीर्य पीने का आनंद ही कुछ और था थोड़ी देर में पुष्पा ने सुरेश के लंड को मुंह से निकाल दिया और वो बाथरूम जाकर कुल्ला कर के आई

तब सुरेश ने कहा – मां तुने तो कमाल कर दिया

पुष्पा ने बेड पर लेटते हुए कहा – तेरे लंड का माल काफी अच्छा है रे

पुष्पा और सुरेश बिस्तर पर लेट गए सुरेश अपनी मां की चूची और चूत को सहला रहा था उसका लंड आधे घंटे के बाद फिर तनतना गया उसने अपने लंड को पुष्पा के हाथ में थमाया और कहा – फिर से मुठ मार ना

पुष्पा ने कहा – इतनी जल्दी?

सुरेश – हां देख ना एकदम गरम हो गया है साला

पुष्पा ने हंसते हुए कहा – हां जवान लंड है तेरा ला इस बार हाथ से करती हूं

सुरेश – नहीं तेरी चूत पर रगड़ रगड़ कर इस बार माल निकालूंगा

पुष्पा- ठीक है जैसी तेरी मर्ज़ी

सुरेश ने झट से अपनी मां को एक हाथ से लपेटा और अपने लंड को उसके नंगी चूत पर दबा दिया वो अपना लंड अपनी मां की चूत पर दबा दबा कर अपने लंड को रगड़ने लगा एक हाथ से वो अपनी मां की चुचीयों को दबा रहा था उसके होठ अपनी मां के होठ पर थे एक हाथ से वो पुष्पा की गांड सहला रहा रहा था इतनी उत्तेजना सुरेश अधिक देर बर्दाश्त नही कर पाया और शीघ्र ही उसके लंड ने माल उगल दिया

सुरेश ने सारा माल पुष्पा की चूत पर निकाल दिया पुष्पा भी अपने बेटे की पीठ और चूतड़ को सहला रही थी ताकि उसे कुछ आराम मिल सके उधर सुरेश अपनी मां की चूत पर अपना लंड रगड़ रगड़ कर मज़े से माल निकाल रहा था पुष्पा आराम से अपने शरीर पर अपने बेटे को लिटा कर अपनी चूत के ऊपर माल निकालने दिया 2 मिनट तक सुरेश के लंड लावा उगलता रहा

थोड़ी देर में सुरेश के माल की खुशबु रूम में फैल गई पुष्पा का बदन भी सुरेश के माल से गीला हो गया थोड़ी देर में सुरेश शांत हो गया और अपनी मां के बदन पर से हट गया लेकिन थोड़ी ही देर में उसने अपनी मां के नंगे शरीर और चूत को अच्छी तरह दबा कर देख चुका था पुष्पा भी गर्म हो चुकी थी

पुष्पा – देख तो बेटा तुने अपना सारा माल मेरी चूत पर ही निकाल दिया तेरा मुठ मारने के बाद मेरा मन भी अपनी चूत का मुठ मारने को कर रहा है

सुरेश – मां तू भी मार ले ना मुठ मै भी तो देखूं तू कैसे मुठ मारती हो

पुष्पा – तू देखेगा मुझे मुठ मारते हुए?

सुरेश — हां दिखा ना

पुष्पा – अच्छा तू लेट जा

सुरेश लेट गया पुष्पा उसके बगल में उस से सट कर लेट गई और अपने एक पैर को ऊपर किया और अपनी चूत को चौड़ी कर उंगली को चूत में डाला और अन्दर बाहर करने लगी साथ में ही अजीब सी सिसकारी निकाल रही थी वो बिस्तर पर अपने बेटे के सामने ही मुठ मारने लगी करीब 3 मिनट तक मुठ मारने के बाद उसकी चूत ने पानी निकालने का सिग्नल दे दिया

पुष्पा झट से सुरेश के बदन पर इस प्रकार से लेट गई कि अपनी चूत से सुरेश के लंड को दबाने लगी अपनी भारी भरकम चूची को अपने बेटे के सीने में दबाने लगी और उसकी चूत ने माल निकालना चालू कर दिया वो तड़प कर सिसकारी भरने लगी जब तक उसकी चूत ने माल निकालना जारी रखा तब तक पुष्पा अपने बेटे के बदन से अपने बदन को कस कर लपेटे रखा और उसके गाल और गले को पागलों की तरह चूमती रही

उसने अपना माल निकाल कर अनोखी शांती पायी और थोड़ी देर के बाद अलग होकर शांत होकर लेट गई दोनों नंगे ही बिस्तर पर लेटे हुए थे आधे घंटे के बाद अब सुरेश अपनी मां को चोदना चाहता था उसने अपनी टांग को पीछे से अपनी मां की जांघ पर रखा उसकी मां उसकी तरफ पीठ करके लेटी थी

वो अपनी टांगो से अपनी मां के चिकने जांघों को घिसने लगा उसका लंड खड़ा हो रहा था सुरेश ने अपनी मां को पीछे से पकड़ कर अपने लंड को अपनी मां की गांड में सटाने लगा उसका तना हुआ लंड पुष्पा की नंगी गांड में चुभने लगा पुष्पा को भी मज़ा आ रहा था उसकी भी सांसे गरम होने लगी थी

पुष्पा – क्या हुआ मेरे बेटे? नींद नही आ रही है क्या?

कह कर वो सुरेश के सीने से लिपट गई और अपनी चूची को सुरेश के सीने पर दबाने लगी सुरेश भी कम नही था वो उसकी चूची को दबाने लगा उसका लंड फिर खड़ा हो गया पुष्पा भी गर्म थी

सुरेश – मां मै तुझे चोदना चाहता हूं

पुष्पा – हां मेरे लाल अगर तू मुझे चोदना चाहता है तो जरूर चोद मेरी चूत है ही किस लिए अपने बेटे की खुशी में ही मेरी खुशी है वैसे जब से मैंने तेरे लंड को देखा है मै भी यही चाहती हूं

सुरेश – मां जब से मैंने तेरी चूची को देखा है तब से ही मै भी तेरा दीवाना हो गया हूं तुझे देख देख कर कितनी बार मैंने मुठ मारी अब देर ना कर मेरी रानी

पुष्पा ने अपनी टांग को ऊपर किया और अपनी चिकनी चूत को सुरेश के सामने फैला कर कहा – बेटा मेरी चूत में अपना लंड डाल आजा मेरी प्यासी चूत का उद्धार कर दे मेरे लाल मुझ पर बड़ी कृपा होगी तेरी

अब समय आ गया था कि शर्मो हया को पीछे छोड़ पुरुष और औरत के बीच वास्तविक रिश्ते को कायम करने की सुरेश ने अपनी मां की टांगो को फैलाया अपने लंड को एक हाथ से पकड़ा और अपनी मां की चूत में डाल दिया उसकी मां बिना किसी प्रतिरोध के अपने बेटे को सीने से लगाया और आंखों आंखों में ही अपनी चूत चोदने का स्वीकृती प्रदान कर दी

सुरेश के लंड ने पुष्पा की चूत की जम के चुदाई की कई साल पहले इसी चूत से सुरेश निकला था आज उसी चूत में सुरेश का लंड समाया हुआ था लेकिन पुष्पा की हालत सुरेश के लंड ने खराब कर दी पुष्पा को यकीन नहीं हो रहा था कि जिस चूत में से उसने सुरेश को कभी निकाला था आज उसी चूत में उसी सुरेश का लंड वो नही झेल पा रही थी वो इस तरह से तड़प रही थी मानो आज उसकी पहली चुदाई थी

उसकी आंखों से खुशी के आंसू निकलने लगे 10 मिनट में उसने तीन बार पानी छोड़ा 10 मिनट तक दमदार शॉट मारने के बाद सुरेश के लंड ने माल निकाल दिया उसने सारा माल अपनी मां की चूत में ही डाल दिया वो अपनी मां के बदन पर ही गहरी सांस लेकर सुस्ताने लगा थोड़ी देर सुस्ताने के बाद उसने अपनी मां की चूत से लंड निकाला

पुष्पा भी काफी संतुष्ट लग रही थी वो उठ कर सुरेश के लिए गरमा गरम कॉफी लाई और मुस्कुरा कर उसे दिया काफी पीने के बाद उस रात सुरेश ने दो बार और अपनी मां की चूत की चुदाई की

अगले दो दिन तक कारखाना बंद है इसलिए सुबह सुबह ही सुरेश ब्लू फिल्म की सीडी लाया आज उसकी मां ने बड़े ही चाव से मुर्ग मस्सल्लम बनाया दोनों ने दोपहर के 12 बजे तक खाना पीना खा पी कर बिस्तर पर चले आये

बिस्तर पर आते ही सुरेश ने अपने सभी कपड़े खोले और कहा – आज मै तुम्हे फिल्म दिखाऊंगा

पुष्पा ने ब्रा और पैंटी खोलते हुए कहा – हिंदी तो मुझे समझ में आती नहीं मै क्या समझूंगी फिल्म

सुरेश – अरे ये नंगी फिल्म है इसमें समझने वाली कोई बात नही है

सुरेश ने ब्लू फिल्म की सीडी चला दी पुष्पा ने भी ब्रा और पैंटी खोल कर नंगी होकर अपने बेटे के बगल में ही लेट गई और फिल्म देखने लगी फिल्म जैसे ही अपने रंग में आने लगी सुरेश का लंड खड़ा होने लगा पुष्पा भी फिल्म देख कर अकड़ने लगी अब वो दोनों एक दूसरे से सट कर बैठ गए और ब्लू फिल्म का आनंद उठाने लगे

सुरेश तो पहले भी कई बार ब्लू फिल्म देख चुका था लेकिन पुष्पा पहली बार ब्लू फिल्म देख रही थी चुदाई के सीन आते ही उसकी चूत इतनी गीली हो गई कि उस से पानी टपकने लगा इधर सुरेश भी अपने लंड को सहला रहा था

उसने पुष्पा के हाथ को पकड़ा और अपने लंड पर रखा और कहा – इसे पकड़ कर फिल्म देख कितना मज़ा आएगा

उसकी मां बड़े ही प्यार से सुरेश का लंड सहलाने लगी सुरेश भी अपनी मां की चूत सहलाने लगा चूत सहल्वाते ही पुष्पा की हालत खराब हो गई उधर सुरेश अपने दुसरे हाथ से उसने अपनी मां की चूची को मसलना चालू किया उधर टीवी पर लड़का एक लडकी की चूत को चूसने लगा ये देख कर पुष्पा बोली – हाय देख तो कैसे चूत चूस रहा है वो

सुरेश – लड़की को चूत चुस्वाने में बहुत मज़ा आता है मेरा बाप भी तो तेरी चूत चूसता होगा

पुष्पा – नहीं रे उसने कभी मेरी चूत नही चुसी

सुरेश – अच्छा रुक आज मै तेरी चूत चूस कर बताता हूं कि लड़की को कितना मज़ा आता है

उसने अपनी मां की दोनों चुचियों को चुसना चालू किया पुष्पा को काफी मज़ा आ रहा था सुरेश ने अपनी मां की चुचियों को जबरदस्त तरीके से चूसा फिर वो धीरे धीरे नीचे की तरफ गया कुछ ही सेकेंड में उसने अपनी मां की चूत के सामने अपनी नजर गड़ाई क्या मस्त चूत थी उसकी मां की मादक सी खुशबू आ रही थी उसने धीरे से अपने होठ को मां की चूत पर लगाया

उसकी मां की तो सिसकारी निकलने लगी पहले सुरेश ने पुष्पा की चूत को जम के चूसा फिर उसने अपनी जीभ को पुष्पा की चूत में अन्दर डालने लगा ऐसा देख कर पुष्पा की आंख मादकता के मारे बंद हो गई सुरेश ने अपनी पूरी जीभ पुष्पा की चूत में घुसा दी पुष्पा की चूत से पानी निकल रहा था थोड़ी देर तक सुरेश पुष्पा की चूत को जीभ से चोदता रहा पुष्पा को लग रहा था कि अब उसका माल निकल जाएगा

वो कराहते हुए बोली – बेटा अब मेरा माल निकलने वाला है

सुरेश – निकलने दे ना आज इसे पियूंगा जैसे कल तुने मेरा पिया था

इसके पहले कि पुष्पा कुछ और बोल पाती उसकी चूत से उसके माल का फव्वारा निकल पड़ा सुरेश ने अपना मुंह पुष्पा की चूत पर इस तरह से सटा दिया ताकि माल का एक भी बूंद बाहर नहीं गिर पाए वो अपनी मां की चूत का सारा माल पीने लगा कम से कम 200 ग्राम माल निकला होगा पुष्पा की चूत से सुरेश ने सारा माल पी कर चूत को अच्छी तरह से चाट कर साफ किया

उसकी मां तो सातवें आसमान में उड़ रही थी उसकी आंखें बंद थी सुरेश उसके चूत पर से अपना मुंह हटाया और उसकी चूची को अपने मुंह में भर कर चूसने लगा पुष्पा मस्ती के मारे मस्त हुए जा रही थी

थोड़ी देर चूची चूसने के बाद सुरेश ने पुष्पा को कहा – पुष्पा तू कितनी मस्त है है रे

पुष्पा – तू भी कम मस्त नहीं है रे आज तक इतनी मस्ती कभी नहीं आई

सुरेश ने कहा – पुष्पा रानी अभी असली मस्ती तो बांकी है

पुष्पा ने कहा – हां मेरे राजा आजा और अब डाल दे अपने प्यारे लंड को मेरी प्यासी चूत में

सुरेश – नहीं पुष्पा आज चूत नहीं आज अपनी गांड मुझे दे दे

पुष्पा ने मुस्कुराते हुआ कहा – जैसी तुम्हारी इच्छा मेरे लाल राजा

वो झट से उलटे हो कर कुतिया की पोजीशन में आ गई और अपनी गांड को सुरेश के सामने पेश कर दिया सुरेश ने पुष्पा की गांड में थोड़ा क्रीम लगाकर और उंगली डाल के गांड का मुंह खोला गांड का द्वार खुल जाने के बाद इसने अपना लंड जोर लगाकर डालना चालू किया पुष्पा की तो जैसे जान पे बन आई लेकिन अपने बेटे की इच्छा को उसने हंसते हुए स्वीकार किया और दर्द को दांत से होठ को दबा कर बर्दाश्त करने लगी

सुरेश ने अपना पूरा लंड पुष्पा की गांड में घुसा दिया थोड़ी देर उसी पोजीशन में रहने के बाद उसने धीरे धीरे अपने लंड को पुष्पा की गांड में आगे पीछे करना शुरू किया पहले तो पुष्पा को काफी दर्द हुआ लेकिन 3-4 बार आगे पीछे करने के कारण उसकी गांड भी कुछ ढीली हो गई वो भी अब मज़े लेने लगी वो बार बार पीछे मुड़ मुड़ कर अपने बेटे को देख कर मुस्कुरा रही थी

सुरेश ने पुष्पा के बालों को कस के पकड़ा और ऊपर की तरफ खीचने लगा पुष्पा तो दर्द से छटपटाने लगी वो अपने बेटे से रहम की मिन्नतें मांगने लगी

वो कहने लगी – छोड़ दे बेटा हाय राम आज मार ही डालेगा क्या?

सुरेश – चुप कर कुतिया आज मै तेरी गांड का रांड ना बना दिया तो मेरा नाम सुरेश नहीं यह कह कर उसने अपनी मां के नंगे चूतड़ पर कस के चपत लगाई पहले तो पुष्पा अपने बेटे का ये रौद्र रूप देख कर डर गई लेकिन उसे भी गांड मरवाने में इतना मज़ा आ रहा था कि वो सारा दर्द बर्दाश्त कर रही थी

फिर सुरेश ने पुष्पा की कमर को कस के पकड़ा और पूरी तरह से ऊपर कर दिया अब पुष्पा की गांड ऊपर और सिर जमीन पर था सुरेश धपाधप धकाधक पुरे जोर से अपना लंड अपनी मां की गांड में आगे पीछे कर रहा था उधर पुष्पा की तो मानो आधी जान निकल रही थी

वो चिल्ला के बोली – मादरचोद तेरे बाप ने भी कभी मेरी चुदाई इतनी बेरहमी से नही की तू इतना ज़ालिम कैसे हो गया रे कुत्ता? आदमी का लंड है कि गधे का? कुछ तो रहम कर सूअर

सुरेश – चुप रह कमीनी बुढिया साली रंडी आज तेरी चूत और गांड की आग बुझा ना दिया तो मेरे मुंह पे तू मूत देना और वो बेरहम की तरह अपनी मां की परवाह किये बगैर अपनी मां की गांड मारता रहा 5-6 मिनट में पुष्पा भी मस्त हो गई उसे भी गांड मरवाने में परम आनंद आने लगा

फिर वो बोली – शाबाश मेरे शेर आखिर मेरा दूध पिया है तू ही है जो मुझे मज़ा दे सकता है आज सचमुच मेरी गांड की चुदाई भरपूर हुई है

10 मिनट तक सुरेश ने जम के अपनी मां की गांड मारी उसके बाद जब सुरेश हो अहसास हुआ कि उसके लंड का माल निकालने वाला है तो उसने अपनी मां की गांड में से लंड निकाल कर अपनी मां को सीधा लिटाया पुष्पा समझ गई कि सुरेश का माल निकलने वाला है उसने झट से अपनी टांगे फैलाई और चूत को चौड़ा कर के सुरेश के सामने पेश कर दिया

सुरेश ने काफी तेज़ी दिखाते हुए पुष्पा की चूत में लंड घुसा दिया और सारा वीर्य चूत में ही गिरा दिया उसने अपना लंड मां की चूत में ही पड़े रहने दिया

सुरेश – पुष्पा मैंने तुझे गालिया दी इसका बुरा मत मानना मेरी रानी

पुष्पा – नही मेरे बाबु आज तुने मुझे तृप्त कर दिया मुझे पता नही था कि तू इतना शक्तीशाली है

सुरेश – अभी तो तेरी चूत की चुदाई बाकी है ना मेरी जान?

पुष्पा – हां मेरी जान शुरू कर ना

लगभग 10 मिनट के बाद सुरेश ला लंड फिर से अपनी मां की ही चूत में खड़ा हो गया इस बार पुष्पा की चूत भी कुछ फैल गई थी वो दोनों दुबारा चालू हो गए इस बार लगभग 30 मिनट तक पुष्पा की चूत की चुदाई चली इस बार उसकी चूत से 6-7 बार पानी निकला मगर अब उसकी चूत में पहले जितना दर्द नही हो रहा था

अब वो अपने बेटे से अपनी चूत की चुदाई का आनंद उठा रही थी उसे अपने बेटे की मर्दानगी पर गर्व हो रहा था 30 मिनट के बाद सुरेश का लंड जवाब दे दिया और पहले से भी अधिक माल अपनी मां की चूत में छोड़ दिया

उस दिन शाम 5 बजे तक में सुरेश ने अपनी मां के साथ 5 बार चुदाई की जिसमे 2 बार उसकी गांड की चुदाई भी शामिल थी फिर रात भर दोनों चुदाई का नया नया गेम खेलते रहे

उसी रात से सुरेश ने अपनी मां को मां नहीं कह कर पुष्पा कह कर बुलाना चालू कर दिया पुष्पा ने अभी तक परिवार नियोजन का आपरेशन नहीं करवाया था 20-22 दिन के लगातार जम के चुदाई के बाद पुष्पा को अहसास हुआ कि वो पेट से हो गई है उसने सुरेश को ये बात बताई सुरेश उसे लेकर डाक्टर के पास गया वहां उसने अपना परिचय पुष्पा के पति के रूप में दिया

डाक्टर ने कहा – पुष्पा मां बनने वाली है

घर वापस आते ही पुष्पा ने फैसला किया कि वो इस बच्चे को जन्म नहीं देगी लेकिन सुरेश ने मना किया

पुष्पा बोली – कौन होगा इस बच्चे का बाप?

सुरेश ने कहा – यूं तो ये मेरा खून है लेकिन इस बच्चे का बाप मेरा बाप बनेगा

पुष्पा – मै कुछ समझी नहीं

सुरेश – देख पुष्पा हम लोग किसी और जगह किराय पर मकान ले लेंगे और लोगों को कहेंगे कि मेरा बाप आज से 20-22 दिन पहले ही मरा है बस मै यही कहूंगा कि उसने मरने से पहले तुझे पेट से कर दिया था फिर इस दिल्ली में किसे किसकी परवाह है ? और हम दोनों अगले कई साल तक पति पत्नी के रूप में रहेंगे और ये बच्चा मेरे भाई या बहन के रूप में रहेगा

इस बच्चे के जन्म के बाद तू अपनी नस बंदी करवा लेना ताकि हमारे बीच कोई और ना आ सके इतना सुनने के बाद पुष्पा ने सुरेश को अपनी चूची से सटा लिया उस दिन रात भर सुरेश अपनी मां मतलब अपनी नई पत्नी को चोदता रहा

2 दिन बाद ही सुरेश ने अपने लिए दुसरे मोहल्ले में किराय पर मकान खोज लिया और पुष्पा को लेकर वहां चला गया थोड़े ही दिन में उसे बगल की ही फैक्ट्री में पहले से भी अच्छी जॉब लग गई आस पास के लोगों को उसने बताया कि जैसे ही उसके बाप का निधन हुआ तब ही पता चला कि उसकी मां पेट से है

थोड़े ही दिन में लोग यही समझने लगे कि सुरेश की मां को उसके पति ने पेट से कर के दुनिया से चल बसा और सारी जिम्मेदारी सुरेश पर छोड़ दी ठीक समय पर पुष्पा ने अपने बेटे सुरेश की बेटी को अपनी कोख से जन्म दिया इस प्रकार वो बच्ची हकीकत में सुरेश की बेटी थी लेकिन दुनिया की नजर में वो सुरेश की बहन थी

अगले 5-6 सालों तक सुरेश और पुष्पा जमाने से छुप छुप कर पति पत्नी के समबन्धों को कायम रखते हुए जिस्मानी सम्बन्ध बनाए रखा उसके बाद सुरेश ने लोक लाज की भय तथा बड़ी होती बेटी के सवालों से बचने के लिए अपनी मां को लेकर मुंबई चला गया और वहां अपनी मां को अपनी पत्नी बता कर सामान्य तरीके से जीवन गुजारने लगा

पुष्पा भी अपने बेटे को अपना पति मान कर आराम से जीवन गुजारने लगी अब पुष्पा का पति खुद उसका बेटा सुरेश ही था जो उस से 15 साल छोटा था मुंबई आने के 7-8 सालों बाद सुरेश की उम्र 30 साल की हो गई थी तथा उसकी मां की उम्र 45-46 साल की हो गई थी उन दोनों की बेटी की उम्र 14 साल की हो गई थी

उसका नाम माला था वो सुरेश को अपना बाप और पुष्पा को अपनी मां मानती थी इधर सुरेश अब और अधिक चुदाई चाहने लगा था जबकी उसकी मां पुष्पा की जवानी ढल चुकी थी वो किसी तरह से सुरेश का साथ देती थी लेकिन सुरेश को पुष्पा का ये रवैया पसंद नही आ रहा था वो उसे रोज़ चोदने के लिए बेताब रहता था लेकिन पुष्पा की हिम्मत जवाब दे रही थी

एक रात सुरेश पुष्पा को नंगा कर उसकी चूत चाट रहा था मगर पुष्पा को काफी नींद आ रही थी वो सुरेश का साथ नही दे पा रही थी

सुरेश ने कहा – तेरे चक्कर में मैंने अपनी जवानी बर्बाद कर दी और तू सो रही है अगर आज मै किसी जवान बीबी का पति होता तो क्या मुझे वो मज़ा नहीं देती?

पुष्पा ने उदास आवाज़ में कहा – मै क्या करूं? अब मेरी उम्र नहीं रह गई है तेरी गरम जवानी का जवाब देने के लिए अब रोज़ रोज़ की चुदाई मेरे वश की बात नहीं रह गई है मै मानती हूं कि मै तेरी जवानी बर्बाद करने की दोषी हूं लेकिन उपाय ही क्या है?

सुरेश ने कहा – देख मेरी जवानी तेरे कारण ही खराब हो रही है और इसका हर्जाना भी तुझे ही देना होगा

पुष्पा ने कहा – हां मै मानती हूं कि तेरी जवानी खराब होने का पाप मेरे सर पर ही है बोल क्या करूं मै तेरे लिए ताकि मेरे पापों का प्रायश्चित हो सके

सुरेश – तेरे पापों का प्रायश्चित तेरी बेटी माला को करना होगा उसे चोद कर ही मेरी जवानी को संतुष्टि मिलेगी

एक पल के लिए तो पुष्पा हक्की बक्की रह गई लेकिन जब उसने महसूस किया कि जब एक मां अपने बेटे के साथ चुदाई कर सकती है तो एक बेटी अपने बाप के साथ क्यों नहीं

उसने कहा – ठीक है मै तुम्हे माला को चोदने की इजाज़त देती हूं कह कर उसने अपनी बेटी माला को आवाज़ दी और आने को कहा माला बगल वाले कमरे में सो रही थी सोते समय वो सिर्फ कच्छे पहनती थी हालांकि उसके सीने पर भी नीम्बू के आकार का स्तन आकार ले रहा था लेकिन वो अपने बाप से पर्दा नही करती थी क्योंकि उसका बाप उसके सामने ही पुष्पा की चुदाई किया करता था

इसलिए उसने कई बार अपने बाप को नंगा देखा था और तो और सुरेश और पुष्पा दोनों बाथरूम में नंगे होकर नहाते समय अपनी बेटी को भी नंगी कर नहलाते थे और नहलाने के दौरान ही कई बार सुरेश अपनी बेटी की चूत में उंगली डाल देता था और कहता था अच्छी तरह सफाई कर देता हूं पुष्पा कभी भी इसका विरोध नहीं करती थी

सुरेश अपनी बेटी से अपने लंड पर साबुन लगवा कर सफाई भी करवाता था और उस से अपने लंड का मुठ भी मरवाता था उसकी बेटी अपने बाप के लंड का कई बार मुठ मार चुकी थी यही नहीं जब माला को मासिक शुरू हुआ तो माला ने सबसे पहले अपने बाप को ही अपनी चूत से खून निकलते हुए दिखाया और सुरेश ने ही उसकी चूत की सफाई की थी

जब माला की चूत पर बाल आने शुरू हुए तो सुरेश ने पुष्पा के सामने ही माला की चूत के बाल को साफ किया था और अक्सर उसकी चूत को साफ करता था माला को मुठ मारने का सबसे पहला अनुभव भी सुरेश ने ही दिलाया था जब वो एक दिन नहलाने के दौरान अपनी बेटी के चूत में उंगली कर रहा था

फिर तो अक्सर सुरेश अपनी बेटी कि चूत का मुठ मारता था अक्सर सुरेश खुद नंगा होकर अपनी नंगी बेटी को बिस्तर पर लिटा कर उसकी चुचियों को दबाया करता था यानी बाप बेटी के बीच कोई पर्दा नही था बस कमी थी कि सुरेश ने अपने लंड को आज तक माला की चूत में नहीं डाला था माला ने कई बार अपने बाप सुरेश को पुष्पा की चूत और गांड में माल गिराते देखा था

वो हमेशा अपनी मां से पूछती कि पापा ये क्या कर रहे है उसकी मां कहती – मुझे गुदगुदी होती है इसमें मुझे बड़ा मज़ा आता है उसके लिए चुदाई कोई नई चीज नहीं रह गई थी उसे भी इच्छा होती थी कि पापा उसकी चूत में भी लंड डाल कर गुदगुदी करे जैसे उसकी मां को करते है

माला जब अपने मां बाप के कमरे में आई तो देखा कि बाप उसकी मां की चूत के बाल को साफ कर रहा है वो पलंग पर चढ़ी और अपनी नंगी मां से लिपट कर बोली – क्यों बुलाया मुझे इस वक़्त?

पुष्पा ने उसकी नंगी पीठ को सहलाते हुए कहा – जरा अपनी पैंटी उतार तो

माला ने एक सेकेंड में अपनी पैंटी उतार दी और नंगी खड़ी हो गई उसकी चूत पर हलके बाल उग आये थे

पुष्पा ने कहा – ये बाल क्यों नहीं बनाती तू? इतने बड़े बाल ठीक नहीं होते

माला ने कहा – मुझे नहीं आते बाल बनाने पापा को फुर्सत ही नहीं मिलती मैं क्या करूं ? तू बना दे ना

पुष्पा ने कहा – मैंने कभी अपनी चूत के बाल खुद बनाए हैं क्या सब दिन तेरे पापा ही मेरी चूत साफ करते हैं बिलकूल एक्सपर्ट हैं सुरेश जरा माला की चूत के बाल तो साफ कर दो देखो तो कितने बड़े हो गए हैं

सुरेश ने कहा – ठीक है आ इधर आ कर लेट जा

माला के लिए ये कोई नई बात नही थी वो आराम से सुरेश के सामने टांग फैला कर लेट गई ताकि चूत खुल के दिखे सुरेश ने माला की चूत पर क्रीम लगाई और उसे घिसने लगा माला को मस्ती चढ़ने लगी उसकी चूत गीली होने लगी थोड़ी देर में सुरेश माला की चूत पर रेज़र चलाने लगा थोड़ी ही देर में उसके सारे बाल साफ हो गए सुरेश ने जान बुझ कर माला की चूत पर रेज़र थोड़ा कस के दबा दिया जिस से उसकी चूत थोड़ी सी कट गई

पुष्पा ने कहा – हाय ये देख माला की चूत कट गई जल्दी से इसे मुंह ले लो और दबाओ नहीं तो बहुत खून निकल जाएगा

सुरेश झट से माला की चूत को अपने मुंह में चूसने लगा इतने सालों तक पुरानी चूत को चूसने के बाद इतनी जवान चूत चूसने का वो भरपूर आनंद उठा रहा था वो कुत्ते की तरह माला की चूत चाटने लगा माला भी अभी तक अपनी चूत कभी नहीं चटावायी थी माला की चूत पानी पानी हो रही थी उसे मज़ा आ रहा था सुरेश ने अपनी जीभ माला की चूत में घुसा दी और जीभ से ही उसकी चूत चोदने लगा पुष्पा बगल में बैठकर देख रही थी माला को गुदगुदी सी होने लगी

माला – आह पापा गुदगुदी हो रही है

पुष्पा – कैसा लग रहा है माला?

माला – अच्छा लग रहा है

पुष्पा – मुझे तो और भी मज़ा आता है जब इसका लंड मेरी चूत में जाकर गुदगुदी करता है

माला – मुझे भी तेरी तरह मज़ा लेना है मम्मी पापा को बोलो ना एक बार उसी तरह से करे जैसे तेरे को छोड़ते हैं बस एक बार प्लीज

पुष्पा ने कहा – सुरेश देखो ना मेरी बेटी कितनी जिद कर रही है मेरी तरह मज़े लेने के लिए इसे भी मज़े दे दो ना प्लीज़

सुरेश ने कहा – अच्छा ठीक है

पुष्पा ने माला की टांग को सुरेश के कंधे पर रखा और सुरेश के लंड पर क्रीम लगाया फिर माला की चूत के छेद में भी क्रीम लगाया और चूत सहलाते हुए माला से कहा – बेटी घबराना नहीं देखना तुझे मज़ा आ जाएगा

सुरेश ने अपने बाएं हाथ से अपना लंड पकड़ा और दाहिने हाथ से माला की चूत के छेद में उंगली करी और धीरे धीरे अपना लंड अपनी बेटी माला की चूत में डालने लगा लंड और चूत में क्रीम लगे होने के कारण आधा लंड माला की चूत में बिना किसी खास दर्द के चला गया सुरेश धीरे धीरे अपनी बेटी की चूत चोदना चालू किया

पहले तो माला को ज्यादा कष्ट नहीं हो रहा था लेकिन जैसे ही सुरेश ने कस के उसकी चूत में धक्का लगाया उसकी चूत की झिल्ली फट गई वो दर्द से बिलबिला गई क्योंकि उसे इस दर्द का अंदाजा नहीं था वो जोर जोर से कराहने लगी लेकिन उसकी मां ने उसे कस के पकड़ रखा था और उसका बाप उसकी जम के चुदाई कर रहा था

पुष्पा बोली – बस बेटी कुछ नहीं हुआ है थोड़ी देर में गुदगुदी होगी तुझे सब ठीक हो जायेगा

सुरेश लगभग 5 मिनट तक अपनी बेटी की चूत चोदता रहा उसके बाद उसके लंड ने माल निकलने का सिग्नल दे दिया वो झट से अपना लंड अपनी बेटी की चूत से निकाला और पुष्पा को बोला – जल्दी से अपने मुंह में ले इसे

पुष्पा ने झट से सुरेश के लंड को अपने मुंह में लिया और चूसने लगी सुरेश के लंड माल का फव्वारा निकल पड़ा पुष्पा सारा माल पी गई इधर माला निढाल सी पड़ी थी और अपनी मां को माल पीते हुए देख रही थी जब पुष्पा ने माल पी लिया तब वो माला के गालों को चूमने लगी और बड़े ही प्यार से पूछा – कैसा लग रहा है बेटी?

माला ने कहा – थोड़ी गुदगुदी तो हुई लेकिन थोडा सा दर्द भी हो रहा है क्या तुझे भी दर्द होता है जब पापा तुझे चोदते हैं

पुष्पा – नहीं बेटा तेरी चूत अभी छोटी है ना इसलिए थोडा दर्द हो रहा है तुझे लेकिन मुझे अब नहीं होता है तुझे भी नहीं होगा जब तू रोज़ चुद्वायेगी ना अपने पापा से

माला – हां क्यों नहीं इसमें कौन से बड़ी बात है

पुष्पा बोली – शाबाश मेरी बच्ची

पुष्पा ने सुरेश की तरफ होकर कहा – ये लो जी अब तो तुम खुश हो ना अब मेरे पापों का प्रायश्चित हो गया ना?

सुरेश ने कहा – हां लेकिन अभी पूरी तरह से नहीं

पुष्पा ने कहा – क्या मतलब है तुम्हारा?

सुरेश ने कहा – अगर इसकी शादी किसी और से हो गई तो?

पुष्पा ने कुछ सोचते हुए कहा – नहीं तुम ही इसके साथ शादी कर लो क्यों मेरी बच्ची? करेगी ना अपने पापा से शादी?

माला ने अपने स्तन सहलाते हुए कहा – अपने पापा से शादी?

पुष्पा ने उदास आवाज़ में कहा – हां बेटी जैसा कि जानती है तेरी इस विधवा मां को इसी ने सहारा दिया इसने अपनी जवानी मेरे नाम कर दी ताकि मेरी और तेरी जिन्दगी संवर सके लेकिन खुद इसकी जवानी खराब हो रही है तेरा ये फर्ज़ बनता है कि अब तू इसके अहसानों का बदला चुकाए और तुझे अपनी जवानी इसके नाम कर देनी चाहिए

माला ने अपनी चूत में उंगली डालते हुए कहा – ठीक है मां मुझे भी कोई ऐतराज़ नहीं है वैसे भी जिसके माल से मेरा जन्म हुआ है जिसने मुझे खाना पीना दिया है उसका मेरे शरीर पर सबसे पहला हक है मेरे पापा चाहे मेरे साथ कुछ भी करें मुझे कूई ऐतराज़ नहीं है

सुरेश ने अपने लंड को खड़ा करते हुए कहा – शाबाश मेरी बच्ची इसी बात पर एक बार और चुदाई का मज़ा ले ले

माला ने मुस्कुराते हुए कहा – हां पापा क्यों नहीं

पुष्पा ने कहा – आज से ये तेरा पापा नहीं तेरा पति है आज से तू इसे पापा नहीं सुरेश कह

सुरेश ने हंसते हुए माला की होठ को अपने होठो में लिया और अपने लंड को माला की चूत में डाल दिया इस बार माला ने पत्नी की तरह सुरेश को मज़े दिए

कुछ ही दिनों में सुरेश माला और पुष्पा को लेकर कलकत्ता चला गया जहां उसने माला को अपनी बीवी का दर्ज़ा दिया और पुष्पा को अपनी सासू मां का दर्ज़ा दिया लेकिन वो दोनों के ही एक साथ मज़े लुटता रहा पुष्पा कभी सुरेश की मां बनी कभी उसकी पत्नी और अब उसकी सासू मां

माला को आज तक पता नहीं चला कि पुष्पा ही सुरेश की असली मां भी है वो हमेशा यही सोचती रही कि उसकी मां ने विधवा होने के बाद अपने से काफी छोटे उम्र के व्यक्ति के साथ शादी रचायी और सुरेश की जवानी बर्बाद ना हो जाए इसलिए उसकी मां ने अपनी ही बेटी की अपने पति के साथ शादी करा दी
 
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