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Hindi - हिन्दी मामी की चूत और मेरे लंड की प्यास

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हॉट मामी हिंदी कहानी में मैं अपने नाना-नानी के यहां रह रहा था। एक दिन मैंने नंगी नहाती हुई मामी की गीली चूचियां और गोरी चूत देख ली. मैं बेचैन हो गया और मामी को पटाने लगा.

दोस्तो, कैसे हो सब!
उम्मीद करता हूं कि आप सब अच्छे होंगे।

मेरा नाम उदय है (बदला हुआ नाम) और मैं यू.पी. के गोरखपुर का रहने वाला हूं।

आज मैं आपके लिए एक मस्त चुदाई की हिंदी कहानी लेकर आया हूं जो मेरी मामी के साथ हुई थी।
यह मेरा पहला अनुभव था।

अब आपका ज्यादा टाइम ना लेते हुए सीधा हॉट मामी हिंदी कहानी पर आता हूं।

मैं शुरू से ही अपने मामा के घर पर रहता हूँ।
मेरे नाना नानी मुझसे बहुत प्यार करते थे इसलिए उन्होंने मुझे अपने पास ही रख लिया।
वही मेरी देख-रेख करते थे और वही मुझे पढ़ाते थे।

यह कहानी उस समय की है जब मैं 19 साल का था, मैं स्कूल के आखिरी दिनों में था।
मैं नया नया जवान हुई था और सेक्स का बहुत मन करता था।
इसी हवस ने मुझे मेरी मामी को चोदने पर मजबूर कर दिया।

दोस्तो, मामी की बात करें तो मेरी दो मामियां हैं- एक बड़ी, दूसरी छोटी।

मुझे छोटी मामी बहुत पंसद है।
उन्हें कोई एक बार देख ले तो देखता ही रह जाए।

उनकी सुंदरता ऐसी थी कि किसी का भी लौड़ा तुरंत खड़ा होकर सलामी देने लग जाए।

उनके बूब्स तो जैसे पहाड़ थे।
बूब्स का उभार इतना बड़ा था कि कोई भी दबाने के लिए मचल उठे।
होंठ इतने रसीले थे कि एक बार किसी के हाथ लग जाए, तो वो चूस-चूसकर होंठों से खून निकाल दे।

मामी की कमर इतनी पतली थी जैसे बांस की डंडी हो।
कोई उन्हें नज़र भर देख ले तो वहीं पानी छोड़ दे।

एक दिन मैं अपने कॉलेज से आया।
मुझे बाथरूम जाना था लेकिन बाथरूम में कोई नहा रहा था।

मैंने झांक कर देखा तो मामी नहा रही थी, और वो भी बिल्कुल नंगी।

मेरी आंखों ने जो देखा मुझे उस पर विश्वास नहीं हुआ। मेरी नज़र उनकी चूत पर पड़ी, उनकी चूत बहुत छोटी सी थी, किसी 18 साल की लड़की की तरह … दिखने में बहुत टाइट लग रही थी।

मैं पहली बार किसी की चूत के दर्शन कर रहा था।
बस फिर क्या था, मैंने भी ठान लिया कि मुझे इनकी चूत चाटनी है और इनकी गोल-गोल चूचियां दबानी हैं।

उसी दिन मैंने उनको चोदने का फैसला कर लिया।
मैं जब भी उनको सामने देखता तो मेरा लंड तनकर खड़ा हो जाता था।
दिमाग में उनकी टाइट चूत और बड़े-बड़े, भरे हुए चूचों की छवि आने लगती थी।

मैं वहीं उनके सामने ही पैंट के अंदर हाथ डालकर उनको दिखाने के लिए लौड़ा सहलाने लगता था।
वे देखकर चली जाती थी, न कुछ बोलती थी।
इससे मेरा हौंसला और बढ़ रहा था।

मैं बताना भूल गया कि मेरे मामा बाहर जॉब करते थे इसलिए वो हमेशा बाहर ही रहते थे। वे कभी-कभी ही घर आते थे।

एक बार की बात है कि मैं अपने कमरे में पढ़ रहा था।
मैं आपको बता दूं कि मामा के घर केवल एक ही टी.वी. था जो मेरे कमरे में था।

तो मामी मेरे कमरे में आई और बोली- क्या कर रह रहे हो?
मैंने कहा कि- मामी प्रोजेक्ट फाइल पूरी कर रहा हूं, एग्जाम आ गए हैं।

उन्होंने कहा- ज़रा टी.वी. ऑन कर दो, मुझे सीरियल देखना है।
वे ज़्यादातर सास-बहू सीरियल ही देखती थी।
तो बोली- वही लगा दो।

मैंने लगा दिया।
फिर मैं लिखने लगा, तभी टी.वी. पर विज्ञापन आ गए।

मामी ने चैनल चेंज कर दिया।

आगे देखा कि ‘क्राइम अलर्ट’ करके एक प्रोग्राम आ रहा था।
उसमें एक लड़का, लड़की के साथ रोमांस कर रहा था।

मैंने भी देखा और अपने हाथ से लौड़ा सहलाने लगा।

तभी मामी की नज़र मेरे हाथ पर पड़ी।
उन्होंने पूछा- उदय, क्या कर रहा है?
मैंने चालाकी से जवाब देते हुए कहा- मामी, मच्छर ने काट लिया इसलिए सहला रहा हूं।

मामी बोली- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?
मैंने ना में सिर हिला दिया।

उन्होंने कहा- क्या लिख रहे हो?
मैंने कहा- औरतों के संस्कार के बारे में।
वो बोली- मैं कुछ बताऊं औरतों के बारे में?
मैंने कहा- हां, बता दो।

उन्होंने पूछा- औरतों के प्रेम के बारे में कुछ जानते हो?
मैंने कहा- नहीं।

वो बोली- सुहागरात का नाम सुना है?
मैंने कहा- नहीं।
तो उन्होंने कहा- मैं बताती हूं।

वो बोली- औरत की सबसे ख़ास रात सुहागरात होती है। वो इस पल का इंतज़ार बहुत बेसब्री से करती है।
मैंने पूछा- आपने मनाई थी सुहागरात?

मैं बोला- कैसे मनाते हैं?
मामी बताते हुए बोली- मैं अपने बिस्तर पर थी। तेरे मामा रूम में आए और दरवाजा बंद करके मेरे पास आ गए। फिर मेरा घूंघट ऊपर किया और फिर वो सब करने लगे जो अभी टीवी में यह लड़का कर रहा था। पहले वो मेरे होंठ चूसने लगे और फिर गर्दन पर किस करने लगे।

मामी के मुंह से ये शब्द सुनते ही मेरा लंड तनतना गया।
मैं मामी के बिल्कुल करीब आ गया और धीरे-धीरे अपना लंड सहलाने लगा।

मामी ने फिर टोका- ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं, खुजली हो रही है।
मामी बोली- अच्छा, इतनी ज्यादा? बहुत देर से लगे हुए हो, मैं खुजला दूं क्या?

मैं थोड़ा शर्मा गया।
इतने में मामी ने मेरे लंड पर हाथ रख दिया।
मेरे लंड में तो जैसे आग लग गई।

मामी का नर्म हाथ लगते ही लंड फनफनाने लगा।
उन्होंने लंड को हाथ में भर लिया और उसको भींचकर देखने लगी।
लंड पूरा अकड़ा हुआ था।

मामी मेरे लंड को सहलाने लगी।
मेरे अंदर वासना की आग भभक उठी और मैंने मामी को कसकर अपनी बांहों में भींच लिया।

वे बोली- क्या कर रहे हो!
मैंने कहा- कुछ नहीं।

शायद मामी के अंदर भी सेक्स की आग थी।
उन्होंने मेरे होंठों पर होंठ से किस कर दिया।

मुझे भी अब हिम्मत मिल गई।
मैंने उनकी गर्दन को अपनी तरफ करके होंठों पर होंठ कस दिए और चूसने लगे।
दोनों एक दूसरे के मुंह में जीभ डालने लगे।
बहुत मजा आ रहा था।

नीचे से मामी लंड को सहला रही थी और ऊपर से हमारे होंठ मिले हुए थे।
लगभग 10 मिनट तक होंठों की चुसाई चलती रही।

फिर मैंने होंठ हटा दिए।
वो बोली- क्या हुआ?
मैंने कहा- कुछ नहीं, मुझे पता है कि आपको भी सेक्स करना है।
वो बोली- कैसे?

मैं बोला- मैं आपको बस उकसा कर देख रहा था। आपको भी चुदाई का मन हो रहा है, मुझे पता चल गया है। अब आ जाओ मेरे पास!

यह बोलकर मैंने मामी को अपनी तरफ खींच लिया और ब्लाउज के ऊपर से ही चूचियों को दबाने लगा।
मैंने ब्लाउज को खोल दिया और चूचियां नंगी कर लीं।

अब मैं मामी की नंगी चूचियां पीने लगा।
कुछ देर चूची पीने के बाद मैंने उनका पेटीकोट भी निकलवा दिया।
वे अब केवल पैंटी में थी।

मैंने मामी को नीचे पटक कर पागल कुत्ते की तरह उनके बदन पर हमला बोल दिया, उनके बदन को जहां-तहां चूमने लगा … कभी गर्दन तो कभी चूची, कभी पेट तो कभी जांघें!

मामी जैसे तड़प उठी।
वे भी बार-बार मेरे बालों को सहला रही थी।
कभी मुझे अपने ऊपर खींच कर मुझे बांहों में कस लेती थी और चूमने लगती थी।

मामी की चूत की गर्मी अब बढ़ती ही जा रही थी।

अब बारी मामी की चूत नंगी करने की थी।
मैंने मामी की पैंटी को खींचकर अलग कर दिया।

अब मामी पूरी तरह से नंगी थी।
मैंने भी अपने कपड़े निकाल फेंके और पूरा नंगा हो गया।

एक बार फिर से मैं मामी के बदन पर टूट पड़ा।
फिर किस करते हुए धीरे-धीरे चूत तक चला आया।

मामी की चूत पर हल्के बाल थे और वो बहुत प्यारी लग रही थी।
मैंने चूत को हथेली से सहला दिया तो मामी सिहर उठी।

तब मैंने चूत में उंगली से हल्का सा कुरेद कर देखा तो चूत अंदर से गीली लगी जिससे मेरा जोश और ज्यादा बढ़ गया।

मैंने चूत में मुंह लगा दिया और उसको चाटने लगा।
मामी का बदन सिहर उठा।
वे मेरी जीभ के हर वार के साथ मचल जाती थी।

मैं भी चूत में जीभ दे-देकर चूत के रस का स्वाद ले रहा था।
मामी पागल सी होती जा रही थी, मेरे सिर को बार-बार चूत में दबा रही थी।
कभी वे अपनी जांघों को भींच लेती तो कभी अपनी चूचियों को खुद ही सहलाने लगती थी, कभी निप्प्लों को मरोड़ देती थी।

चुदाई के लिए मामी तैयार हो चुकी थी।
या यूं कहूं कि मामी को अब बिना लंड के चैन नहीं मिलने वाला था।

मैंने मामी की चूत को चाट चाटकर पाव रोटी की तरह फुला दिया था।

चूत और ज्यादा रसीली लग रही थी।

फिर मैंने अपना लंड मामी की चूत पर लगा दिया, उनकी फूली हुई चूत पर मैं अपना लंड ऊपर नीचे फिराने लगा।

दोस्तो, कसम से बड़ा मजा आ रहा था ऐसी चुदासी चूत पर लंड फिराने में!

वे बोली- अब ऐसे ही करते रहोगे या चुदाई का मजा भी दोगे?
मैं बोला- पहले मेरे हथियार को तो थोड़ा मजा दे दो मामी … इसे तैयार तो कर दो चूत में खुदाई करने के लिए!

मामी समझ गई।
वे उठी और लंड को मुंह में भरकर चूसने लगी।

आह्ह … मामी ने गर्म मुंह में लंड लिया तो मैं जन्नत की सैर पर निकल गया।
ऐसा मजा दे रही थी मामी कि बस चूत फाड़ने का मन कर रहा था।

मेरे मुंह से सिसकारियां फूटने लगीं- आह्ह … आह्ह … आह ओह्ह मामी … मस्त चूस रही हो यार … आह्ह!
मैंने अब देर न की और लंड मुंह से निकलवा कर मामी को घोड़ी बना लिया।

पीछे से मैंने चूत में लंड को घुसा दिया।
मामी को लंड लिये शायद काफी समय हो गया था; मामी की चूत काफी टाइट थी।

मैंने एक धक्का जोर से मारा तो लंड मामी की चूत में पूरा घुस गया।
मामी की जोर से चीख निकल गई- आई ईईई मर गईई ईई … आआ आआ … ऊईईई निकाल कुत्ते … फाड़ दी।

मगर मैंने मामी पर कोई दया नहीं की।
मैंने मामी के बाल पकड़ लिए और लगा चूत चोदने!

मामी को दर्द हो रहा था और वे हर धक्के के साथ आह-आह … आह्ह आईई … करके चिल्ली रही थी।

मुझे चीखों का भी कोई डर नहीं था क्योंकि घर पर हमारे अलावा कोई भी नहीं था।

मैं मामी को चोदता रहा और 5 मिनट बाद उन्हें भी मजा आने लगा।

मैंने मामी को अब नीचे धकेल दिया और वे पेट के बल लेट गई।
मैं ऊपर लेट कर मामी की चुदाई करने लगा।

लंड चूत में जाकर गहराई नापता तो मैं जन्नत के अहसास में डूब जाता था।

चोदते हुए मैं मामी के बूब्स भी दबा रहा था।

फिर मैंने मामी को पलटा और मिशनरी में कर लिया।
मैं पेट पर लेटकर मामी की चुदाई करने लगा और चोदते हुए होंठ चूसने लगा।

मामी अब लंड के नशे में मस्त हो गई और बोली- आह्ह … ओहह आह्ह … और करो … करते रहो … आआह्ह चोदो … मजा आ रहा है … ऐसी चुदाई कोई और नहीं कर सकता … आह!

आधे घंटे तक मामी की चूत मारने के बाद मैं अंदर ही झड़ गया।
फिर मैं उनके ऊपर ही लेट गया।

हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गए।

जब नींद खुली तो हम दोनों साथ में नहाने गए।
दोनों ने एक दूसरे को साबुन लगाया और फिर सहलाया।
उसके बाद हम नहाकर बाहर आ गए।

फिर हमने कपड़े पहने।

मैंने देखा कि मामी लंगड़ा कर चल रही थी।
तो मैंने पूछा- क्या हुआ मामी?
वो बोली- कुछ नहीं, दर्द हो रहा है थोड़ा!

फिर मैंने उनको एक दर्द की गोली दे दी।
वे दवाई लेकर चली गई अपने रूम में!

उसके बाद मैंने कई बार मामी की चूत चुदाई की।

मामी की गांड चोदना अब मेरा अगला मकसद था।
मैं इस मकसद में कैसे कामयाब हुआ, वो मैं आपको अगली स्टोरी में बताऊंगा।
तब तक आप मुझे बतायें कि यह कहानी आपको कैसी लगी।

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