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Hindi - हिन्दी Incest मामी ने अपनी चूत मुझसे चुदवा ली (All Parts)

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Part 1​

पोर्न मामी सेक्स कहानी में मैं मामा के घर रहने गया. रात को मैं सो रहा था कि मामी मेरा लंड सहलाने लगी, निकाल कर चूसने लगी. उसके बाद मैंने मामी को कैसे चोदा?

मेरा नाम राहुल है और मैं गुजरात से हूँ.
मेरी उम्र 19 साल की है.
मैं देखने में गोरा हूँ और काफी अच्छा दिखता हूँ.
मेरे लंड का साइज 6 इंच है लेकिन मैं किसी को भी शान्त कर सकता हूँ.

फिलहाल मैं एक स्टूडेंट हूँ.

मैं आपको आज अपनी पोर्न मामी सेक्स कहानी सुनाने वाला हूँ.

मेरी मामी का नाम रीमा (बदला हुआ) है.
उनकी उम्र 34 साल है.
वे बहुत ही सेक्सी माल और एकदम गोरी हैं.

वे पोर्न वीडियो में MILF के जैसी दिखती हैं.
उनकी फिगर 32-28-34 की है.
मुझे उनकी गांड और बूब्स बहुत पसंद हैं.

मेरी मामी की शादी 7 साल पहले हुई थी और उनको अभी दो बच्चे हैं.
दोनों बच्चे जुड़वां हैं.

आपको पता होगा कि गर्मियों में छुट्टियां होने की वजह से सब अपनी नानी के घर जाते हैं, वैसे ही मैं हर साल गर्मियों की छुट्टी में अपनी नानी के घर जाता हूँ.

इस साल भी मैं छुट्टियों में नानी के घर गया था.
नानी का गांव मेरे गांव के पास में ही है.

मेरे मामा स्कूल में पढ़ाते हैं, तो उनको भी गर्मियों में छुट्टी मिलती है.

घर में मैं सबसे छोटा हूँ तो मुझे मामा के घर में सब प्यार करते हैं.

गर्मियों की वजह से मामा मामी और उनके बच्चे छत पर सोते थे तो मैं भी उनके साथ ऊपर ही सो जाता था.

इस घटना से पहले मैंने कभी भी अपनी मामी को गंदी नजर से नहीं देखा था.

लेकिन एक दिन की बात है, मैं छत पर ऐसे ही फोन यूज कर रहा था तो मामी आईं और अपने बच्चों को सुलाने लगीं.
साथ ही वे भी सोने लगीं.

उस वक्त उन्होंने साड़ी पहन रखी थी.

मैंने मामा के बारे में पूछा.
तो उन्होंने बताया कि वे किसी गांव में गए हैं.

मुझे नींद आ रही थी, तो फोन को बाजू में रखकर मैं सोने लगा.

थोड़ी देर के बाद मुझे ऐसा लगने लगा कि कोई मेरे शॉर्ट को छू रहा है, तो मैंने आंख खोल कर देखा.
मेरी मामी मेरे शॉर्ट को निकालने की कोशिश कर रही थीं.

यह नजारा देखकर मैं हक्का-बक्का रह गया.
मेरा लंड अकड़कर खड़ा हो गया और शॉर्ट में से दिखने लगा.

यह देखकर मामी ने मेरे शॉर्ट को उतार दिया और वे मेरे लंड को देखने लगीं.

कुछ ही पल बाद उन्होंने मेरे छह इंच के मोटे लंड को अपने मुँह में ले लिया.

मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि यह हो क्या रहा है … लेकिन मामी लंड चूस रही थीं तो धीरे धीरे मुझे भी मजा आने लगा.
मैं उठ कर बैठ गया और मामी को देखने लगा.

वे मेरे सामने देख कर मुस्कुरा रही थीं.
मैं भी उनको देख कर मुस्कुरा दिया.

मैंने आज तक किसी की चुदाई नहीं की थी, आज यह मेरी पहली चुदाई होने वाली थी.

थोड़ी देर बाद मामी मेरे पास आकर मुझे चूमने लगीं, तो मैं भी उन्हें चूमने लगा.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

मैं मामी का मुँह पकड़ कर उनके होंठों को चूमे जा रहा था.

वे बहुत गर्म हो गई थीं.

मैंने उनकी साड़ी निकाल दी और उनको लेटा कर चूमने लगा.

थोड़ी देर के बाद मैंने उनका ब्लाउज हटा दिया और अब वे ऊपर सिर्फ ब्रा में रह गई थीं.

मैं ऊपर से ही उन पर टूट पड़ा और उनके दूध चूसने लगा.
वे कामुक सिसकारियां लेने लगी थीं- आह … ऊहह …

मैं भी जोश में आ गया था.
मैंने उनके पेटीकोट को नीचे से निकाल दिया और वे अब सिर्फ ब्रा पैंटी में रह गई थीं.

मुझे उनको ऐसे देखकर रहा नहीं गया और मैं फिर से उनके होंठों पर टूट पड़ा.

वे भी भूखी कुतिया की तरह मेरे होंठों को चूस रही थीं.
मामी को चूमते चूमते ही मैंने अपनी टी-शर्ट निकाल दी.

वे मेरे पीठ पर अपने हाथ फेरने लगीं और मुझे अपने सीने में भींचने लगीं.
मैंने उनको खड़ा कर दिया और उनकी ब्रा का हुक खोल दिया.
मेरे सामने उनके रसीले बूब्स थे.

मैंने उनके एक दूध को पकड़ कर मुँह में ले लिया और चूसने लगा, साथ ही दूसरे आम को अपनी मुट्ठी में भर कर भींचने लगा.
वे अपने हाथों से मेरे मुँह को अपने बूब्स पर दबा रही थीं.
करीब दस मिनट तक मैंने उनके दोनों बूब्स को चूस कर सुर्ख लाल कर दिए थे.

अब मामी की चूत की बारी थी.
मैं नीचे की तरफ गया और उनकी पैंटी की इलास्टिक में अपनी दोनों उंगलियां फंसा कर उसे बाहर निकाल दी.

मामी की चूत एकदम रसीली हो चुकी थी.
मैं उनके पैरों को अपने कंधों पर लेकर चूत चाटने लगा.
वे अपनी चूत पर मेरी जीभ के स्पर्श को पाकर एकदम से कराह उठीं.

मैंने अपनी उंगली उनके मुँह में डाल दी ताकि उनके बच्चे उठ न जाएं.
इसी बीच वे झड़ गईं और मैं सारा माल पी गया.

फिर मैंने खड़े होकर अपना लंड मामी के मुँह में दे दिया और वे लंड को प्यार से चूसने लगीं.

मैंने मामी का मुँह पकड़ कर लंड पूरा अन्दर दबा दिया तो उनके मुँह से लार टपकने लगी और उनको सांस लेने में दिक्कत होने लगी.
उनकी छटपटाहट देख कर मैंने लंड को निकाल दिया.

लंड बाहर आते ही उनके मुँह से ‘उहह …’ की तेज आवाज निकल गई.
उनका मुँह लाल हो चुका था.

मैं फिर से मुँह में लंड डाल कर मुँह चोदने लगा और अब उनके मुँह से ‘गच … गच … की आवाज़ आने लगी.

मुझसे भी रहा नहीं गया और मैंने मामी के मुँह में ही पिचकारी मार दी.
मामी भी सारा रस मजे से पी गईं.

मैं ढीला हो गया था तो मामी के बाजू में लेट गया और उनके बूब्स को सहलाते हुए उनसे बात करने लगा.

मैंने उनसे पूछा- क्या मामा आपको खुश नहीं कर पाते हैं?
मामी- तुम्हारे मामा महीने में 2 से 3 बार ही सेक्स करते हैं और जल्दी से झड़ जाते हैं. उनका लंड भी बहुत छोटा सा है.

मैं- अच्छा तो आपने मुझे पकड़ लिया!
मामी- हां, मैंने तुम्हें नहाते हुए देख लिया था, उसी वक़्त तुम्हारे लंड देखकर तुमसे चुदने का ही सोच रही थी.
यह कह कर उन्होंने मुझे होंठों पर किस कर दिया.

अभी भी मामा को आने में वक़्त था तो कोई टेंशन नहीं था.

धीरे धीरे मेरा लंड फिर से टाइट हो गया.
तो मैं खड़ा होकर मामी के मुँह को फिर से चोदने लगा.

थोड़ी देर के बाद मामी भी गर्म हो गईं तो मैंने लंड मुँह से निकाल दिया.

अब मैं मामी की चूत पर लंड को घिसने लगा.
इससे मामी मादक सिसकारियां लेने लगीं.

यह मेरा फर्स्ट टाइम था तो मैं पूरा मज़ा लेना चाहता था.

मैंने मामी की चूत पर लंड सैट करके धक्का मारा.
तो मामी दर्दीली आवाज़ करने लगीं.

मैंने झट से उनके होंठों पर अपने होंठ सटा दिए और धीरे से दूसरा धक्का लगा दिया.
इस बार मामी तड़प उठीं और अपने नाखून मेरी पीठ पर दबाने लगीं.

मैं मामी को किस कर रहा था और नीचे से धीरे धीरे धक्का लगा रहा था.
थोड़ी देर के बाद मामी सामान्य हो गईं और मेरा साथ देने लगीं.

मैं अब ऊपर उठ कर मामी के पैर अपने कंधों पर लेकर चोद रहा था और साथ ही मामी की जांघों को चूम भी रहा था जिससे मामी को बेहद मज़ा आ रहा था.
इस पोजीशन को इंग्लिश मैं बटरफ्लाई सेक्स कहते हैं.

कुछ देर बाद मैंने मामी को उल्टा लेटा दिया और पीछे से उनको चोदने लगा.
मामी भी मजे से चुद रही थीं और कामुक सिसकारियां ले रही थीं.

करीब 20 मिनट बाद जब मैं झड़ने वाला था तो मैंने उनसे पूछा- माल कहां निकालूँ?
मामी ने कहा- आह अन्दर ही डाल दे!

तो मैंने कहा- पक्का न … कोई प्रॉब्लम तो नहीं होगी?
उन्होंने कहा- मैं दवा ले लूँगी.

यह सुनते ही मैंने दो-तीन करारे झटके मारे और मैं उनकी चूत में ही झड़ गया.
झड़ने के बाद मैं मामी के ऊपर ही लेट गया.

मामी की चूत से मेरे लौड़े का वीर्य टपक रहा था.
वे हांफ रही थीं और मेरे सामने देखकर मेरे बालों को सहला रही थीं.
मैं भी उनकी कमर को सहला रहा था.

मैंने पूछा- कैसा लगा?
मामी- मजा आ गया … आज पहली बार किसी ने मेरी ऐसी चुदाई की है!

मैं खुश होकर बोला- अब मैं आपका हो गया हूँ, जब आप चाहो, मेरा लंड ले सकती हैं.

वे खुश हो गईं और मुझे किस करके खड़ी हो गईं. मामी अपने कपड़े पहनने लगीं.
मैंने भी कपड़े पहन लिए और लेट गया.
मामी भी कपड़े पहन कर अपनी जगह जाकर लेट गईं.

चुदाई के कारण भारी थकान हो गई थी और उसी की वजह से कब नींद आई, कुछ पता ही नहीं चला.

सुबह मुझे मामा ने उठाया तो मैं उठ कर नीचे चला गया और फ्रेश हो गया.

थोड़ी देर बाद मामी चाय लेकर आईं, तो वे मुझसे नजरें ही नहीं मिला रही थीं.

फिर जैसे ही उन्होंने मुझे चाय दी तो मैंने उनके हाथ को मेरे हाथ से रगड़ दिया.

वे एकदम से मेरे सामने देखने लगीं तो मैंने मुस्कुराते हुए आंख मार दी.
वे मुझे मामा की ओर इशारा करने लगीं.

मामा मेरे सामने ही दूसरी खटिया पर बैठे थे तो किसी इशारे को वे देख ही नहीं पा रहे थे.
फिर जब मामी चाय देने के लिए झुकीं तो उनकी गांड देखकर मेरा लंड सलामी देने लगा.

मेरा मन कर रहा था कि अभी साड़ी को ऊपर करके लंड घुसेड़ दूँ.
लेकिन मामा थे तो मैंने अपने आप पर संयम किया और चाय पीने लगा.

चाय पीने के बाद मैं अपना और मामा का चाय का कप मामी को देने रसोई में गया तो वे खड़ी होकर बर्तन साफ कर रही थीं.
मैंने कप को साइड में रख कर धीरे से मामी को पीछे से पकड़ लिया.

वे अचानक से ऐसा होने से डर गईं और मेरे सामने घूम गईं.
मैंने मामी को कमर से पकड़ लिया.

वे मुझे देखकर बोलने लगीं- तुम्हारे मामा आ जाएंगे.

मैं अपने हाथ को उनके मुँह से लेकर उनके पेट तक ले गया और कमर को पकड़कर मैंने उनके होंठों पर किस दे दी.

वे एकदम से चौंक गईं और कहने लगीं- अभी नहीं, कोई आ जाएगा!

इस वजह से मैंने उनको चाय का कप पकड़ा दिया और बाहर आकर मामा के सामने बैठकर बातें करने लगा.

उसी वक्त मामा के फोन पर किसी का फोन आया तो वे उससे बातें करने लगे.
मैं वहीं बैठकर फोन यूज कर रहा था.

मामा ने फोन रखकर मुझे बताया- अपनी मामी से कह देना कि मैं काम से जा रहा हूँ और दो तीन घंटे बाद वापस आ जाऊंगा.

यह मामी ने भी सुन लिया था तो उन्होंने खाना की पूछी.
मामा- अरे बस दो तीन घंटे में वापस आ जाऊंगा और खाना घर आकर ही खाऊंगा.

अब मामा बाईक लेकर चले गए.

मामा के दोनों बच्चे गांव में खेलने गए हुए थे तो अब सिर्फ घर पर मैं और मामी ही थे.
मैं सीधा मामी के पास चला गया.

मैंने अन्दर जाकर देखा, तो मामी नीचे घोड़ी जैसी होकर पौंछा लगा रही थीं.
मैंने पीछे से उनकी कमर में हाथ डालकर उन्हें पकड़ लिया और पीछे से अपने लंड को मामी की गांड के ऊपर घिसने लगा.
मामी मुझे देखकर बोलने लगीं.

मामी- तू फिर से आ गया, तेरे मामा ने देख लिया तो दिक्कत हो जाएगी!

मैंने मामी की गांड को सहलाते हुए कहा- मामा अभी काम से जाने के लिए निकले हैं. सुना नहीं था कि वे दो तीन घंटे में आने की कह कर गए हैं. उतनी देर में तो अपना काम खत्म हो जाएगा.

यह सुनते ही मामी खुश होकर खड़ी हो गईं और मैंने घर का दरवाजा बंद कर दिया.
मामी मेरा हाथ पकड़कर मुझे अपने कमरे में ले गईं.

कमरे में जाते ही वे मेरे होंठों पर टूट पड़ीं.
ऐसा लग रहा था कि वे मेरे होंठों को खा ही जाएंगी.

मैं भी उनके पूरे बदन को हाथों से सहलाने लगा.
मामी की वासना हिलोरें मार रही थी.
पोर्न मामी सेक्स करती हुई मुझे छोड़ ही नहीं रही थीं, चूमे ही जा रही थीं.

मैं भी पोर्न मामी का पूरा साथ दे रहा था.

दस मिनट तक चूमने के बाद बाहर से बाईक रुकने की आवाज आई तो मैं मामी से अलग होने लगा.
लेकिन मामी पूरी तरह से सेक्स में डूब चुकी थीं.

फिर जैसे तैसे मैं मामी से अलग हुआ और खिड़की से बाहर देखा तो मामा बाईक को खड़ा कर रहे थे.

मैंने एकदम से खिड़की बंद करके मामी को बताया कि मामा आ गए हैं.

मामी ने भी अपने आप को संभाला और अपनी साड़ी ठीक करने लगीं.

दोस्तो, मामा जी के अचानक वापस आ जाने से हम दोनों ही घबरा गए थे कि अचानक से मामा जी के वापस आने का सबब कुछ और तो नहीं है.

अगले भाग में आपको बताऊंगा कि मैंने मामी की चुदाई का मजा कैसे लिया और उनकी गांड भी चोद दी.
आपके कमेंट्स मुझे इस पोर्न मामी सेक्स कहानी को और भी अच्छे ढंग से लिखने के लिए प्रेरित करेंगे.
 

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Part 2​

मामी की देसी कहानी.नेट में मेरी मामी अपनी चूत की चुदाई का मजा मेरे लंड से ले चुकी थी पर अब मैं मामी की गांड मारना चाहता था. मामी दर्द के डर से मना कर रही थी.

मित्रो, मैं राहुल आपको अपनी सेक्स कहानी के पहले भाग
सोते हुए मामी ने मेरा लंड चूसा
में बता रहा था कि मामी की वासना किस तरह से उन्हें मेरे लंड से चुदने पर मजबूर कर रही थी. मैं मामा जी के किसी काम से जाते ही मामी को लेकर कमरे में आ गया और उन्हें चोदने की तैयारी करने लगा. लेकिन तभी मामा जी के आने की आवाज आई और हम दोनों अलग हो गए.

अब आगे मामी की देसी कहानी.नेट:

तब तक मैंने जाकर दरवाजा खोल दिया.

मामा अन्दर आए और खटिया पर बैठ कर मामी को आवाज देने लगे- सुनो जरा पानी दे दो.
मैंने मामा को पानी लाकर दिया और थोड़ी देर बाद मामा के पास ही बैठ गया.

उन्होंने बताया कि उन्हें स्कूल से फोन आया था कि इस बार दसवीं के बच्चों की क्लास जल्दी शुरू करना है ताकि सिलेबस जल्दी खत्म हो जाए, इस वजह से वे जल्दी वापस आ गए.

यह बात सुनते ही मुझे दुःख हुआ कि मामी भी मामा के साथ शहर चली जाएंगी.

तभी मामी अन्दर से आईं और मामा से पूछने लगीं- कब जाना है?
मामा ने बताया- दो ही दिन बाद जाना है. और तुमको अभी आने की जरूरत नहीं है. जब सबके स्कूल खुलेंगे, तब मैं तुमको लेने आ जाऊंगा!

यह सुनते ही मैं मन ही मन खुश हो गया.

तभी मामी ने कहा- आपको खाना और कपड़े धोने की दिक्कत होगी, इस वजह से मैं भी चली चलूँगी!

मैं मामी की बात सुनकर मन ही मन में दुःखी हो गया और मामा के सामने देखने लगा.

मामा ने बताया- उस सबकी टेंशन तुम मत लो, मैं सब संभाल लूँगा.
तो मामी ‘ठीक है’ कह कर खाना बनाने के लिए रसोई घर में चली गईं.

मामा ने मुझसे बोला- मुझको शहर में से कुछ सामान लेना है, तो तुम साथ चलो.
मैंने हां कह दिया.

मामा ने मामी को आवाज लगाकर बता दिया कि वे और मैं शहर जा रहे हैं.

हम दोनों बाईक लेकर शहर जाने के लिए निकल गए.

शहर में मामा को उनके लिए कपड़े लेने थे और घर का सामान लेना था, तो हम दोनों एक बड़े से मॉल में गए, वहां से मामा ने अपने लिए कपड़े ले लिए.

फिर वे घर का सामान लेने लगे तो मैंने उनको वॉशरूम जाने का बोल कर मामी के लिए काले रंग की ब्रा और पैंटी ले ली.

मैं फिर से मामा के पास आया तो मामा ने सामान ले लिया था.
मैंने और मामा ने सामान का बिल पे कर दिया और गांव के लिए निकल गए.

रास्ते में आते वक़्त मामा ने मुझसे कहा- मेरे जाने के बाद मामी और बच्चों का ख्याल रखना!
मैंने भी मामा से कहा- आप उसकी बिलकुल चिंता मत कीजिये, मैं सब संभाल लूंगा.

फिर घर पर आके मैंने और मामा ने सारा सामान घर में रख दिया और बैठ गए.
मामी पानी लेकर आईं और उन्होंने मुझे और मामा को पानी का गिलास पकड़ा दिया.

कुछ देर बाद मैं अपने कमरे में जाकर सो गया.
जब मैं उठा तो शाम हो गयी थी.

मैंने मुँह धोया और बाहर आ गया.

उस वक्त मामी किचन में रोटी बना रही थीं और मामा टीवी देख रहे थे.
उनके बच्चे भी मामा के साथ बैठकर टीवी देख रहे थे.

मैं भी वहीं बैठकर टीवी देखने लगा.
फिर शाम का खाना खाया और मैं छत पर जाकर लेट कर फोन यूज करने लगा.

थोड़ी देर बाद मामी बच्चों को लेकर आईं और उनको सुलाने लगीं.
मुझे लगा कि मामा गांव में गए होंगे लेकिन थोड़ी देर बाद वे भी ऊपर आ गए और लेट गए.

आज मेरा कुछ नहीं होने वाला था इसलिए मैं भी आँखें बंद करके सो गया.

आधी रात को मेरी नींद खुल गयी.
मैं बोतल से पानी पीने के लिए उठा तो देखा कि मामा मामी नहीं थे.

तुरंत उनको ढूंढता हुआ मैं नीचे गया.
नीचे का दरवाजा बंद था लेकिन लॉक नहीं था.
तो मैंने धीरे से दरवाजा खोला और अन्दर आकर देखने लगा.

मामा के कमरे की लाइट चालू थी और दरवाजा भी खुला था.
मैं उसमें से देखने लगा.
मैंने देखा कि मामा, मामी के ऊपर चढ़े हुए थे और उनको चोद रहे थे.

थोड़ी ही देर मैं मामा झड़ गए और मामी के बाजू में लेट गए.
लेकिन साफ लग रहा था कि मामी को चुदने में मज़ा नहीं आया था इसलिए वे मामा को बोल रही थीं- थोड़ी ही देर में आपका हो जाता है, लेकिन मेरा क्या?

यह कह कर मामी बाथरूम मैं चली गई और मामा भी खड़े होकर कपड़े पहनने लगे.

फिर मैं ऊपर आकर सो गया.

मैं सुबह उठा और फ्रेश होकर चाय पीकर गांव में चक्कर लगाने चला गया.

मामा को जाना था तो वे घर पर ही थे, उस वजह से तो मेरा मामी को चोदने का कोई चांस ही नहीं था.

फिर दूसरे दिन मामा को जाना था.
उस दिन उन्होंने मुझे बस स्टॉप पर छोड़ने को बोला.

मैं उन्हें बाईक पर लेकर निकल गया और उनको बस में बिठा कर वापस आने लगा.
जब मैं वापस आ रहा था तो सोचा कि आज सेक्स टाईम बढ़ाने की दवाई ले लेता हूँ.

मैंने सोचा कि इस गांव से दवा ली तो भेद खुल जाएगा.
इसलिए मैंने बाजू के गांव में जाकर उधर की दवाई की दुकान से पिल्स ले लीं और घर पर आ गया.

मामा को छोड़ने मैं बिना नहाए गया था तो मैं पहले जाकर नहाने चला गया और अपने शरीर से सारे बाल निकाल दिए.

मैं तौलिया ले जाना भूल गया था तो मैंने आवाज दी.
मामी मुझको तौलिया देने के लिए आ गईं.

जब मैंने तौलिया लेने के लिए दरवाजा खोला और मामी मुझे तौलिया देने लगीं.
तो मैंने उन्हें अन्दर खींच लिया और दरवाजा बंद कर दिया.

वे बाथरूम में आ गईं और मैं उनको पकड़ कर उनके होंठों को चूसने लगा.
मामी भी मेरा साथ देने लगीं.

थोड़ी देर में वे भी पानी से भीग गईं.
मैंने उनके सारे कपड़े निकाल दिए और चूमने लगा.

उनके चूचों के ऊपर से पानी नीचे गिर रहा था.
यह देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मामी के बूब्स को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.

उनके बूब्स थोड़ी ही देर में लाल हो गए.

फिर मैं नीचे होकर मामी की चूत चाटने लगा जिससे मामी सिसकारियां लेने लगीं और अपने हाथों से मेरे मुँह को चूत पर दबाने लगीं.

थोड़ी देर में मामी झड़ गईं.
मैं खड़ा हुआ और मामी को नीचे करके उनके मुँह में लंड घुसेड़ दिया और मामी का मुँह चोदने लगा.

बाथरूम में सिर्फ ‘गहह … गहह …’ की आवाज आ रही थी.
मैं भी मामी के मुँह में झड़ गया और वे सारा माल पी गईं.

फिर मामी खड़ी हो गईं और हमने एक दूसरे को साबुन लगा कर मजा करने लगे.

इसी बीच मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
तो मैंने भी मामी को दीवार की ओर मुँह करवा कर दीवार से ही सटा दिया और पीछे से लंड सैट करके चोदने लगा.

मामी भी मज़ा लेने लगीं और सिसकारियां लेने लगीं.

मैंने मामी को घुमाया और फिर खड़े खड़े किस करते करते उन्हें चोदने लगा.

बाथरूम में मामी को चोदने का अलग ही मज़ा आ रहा था.
मन कर रहा था कि मामी को ऐसे ही पूरे दिन बाथरूम में नंगी रखूँ और चोद चोद कर उनकी चूत को फाड़ दूँ.

करीब 15 मिनट के बाद मैं मामी की चूत में झड़ गया और हांफ़ता हुआ उनको चूमने लगा.
मामी भी थक गई थीं.

हमने एक दूसरे को साफ किया और बाहर आ गए.
मामी नंगी ही अपने कमरे मैं चली गईं और मैं अपने कमरे में कपड़े पहन कर बाहर आ गया.

अब मैंने और बच्चों ने खाना खा लिया था.
मैं थक गया था तो अपने रूम में सो गया.

शाम को उठ कर बाहर गया तो मामी खाना बना रही थीं और बच्चे टीवी देख रहे थे.

मैंने रसोई में जाकर मामी को पीछे से पकड़ा और उनको गले में किस कर दिया.

मैं मामी के पेट को सहला रहा था तो वे भी अपनी गांड हिला रही थीं और मैं भी उनको सहलाते हुए उनके शरीर को चूम रहा था.

बच्चे टीवी देख रहे थे तो कोई टेंशन नहीं थी.

फिर धीरे से मैंने मामी की गांड को हाथों से दबा कर कहा- मुझे आपकी गांड मारनी है!
मामी ने मुस्कुरा कर कहा- ये गांड अभी तक मैंने तेरे मामा को भी नहीं मारने दी है … और तुझे भी नहीं मिलेगी!

मैंने बोला- देख लेना, मेरा लंड आपकी इस मोटी गांड को फाड़ कर ही रहेगा.
वे हंसने लगीं.

मैं वहां से बच्चों के पास आया और उनके साथ खेलने लगा.

मामी ने खाने के लिए बोला तो मैंने ‘भूख नहीं है’ कह दिया और टीवी देखने लगा.
मामी ने बच्चों को खाना खिला दिया और उन्होंने भी खा लिया.

फिर वे बर्तन साफ करके बच्चों को कमरे में ले गईं और सुला दिया.

आज मामा नहीं थे तो मामी ने कहा- आज सब नीचे ही सो जाएंगे.

बच्चों के सो जाने के बाद मामी मेरे पास आकर टीवी देखने लगीं.

मैं भी अपना सिर मामी की जांघों पर रख कर टीवी देखने लगा.

थोड़ी देर बाद मैं मामी का हाथ लेकर चूमने लगा और मामी ने भी टीवी बंद कर दी.
वे मुझे चूमने लगीं.

वैसे ही थोड़ी देर चूमने के बाद मैं मामी को अपने कमरे में ले गया और मैंने उनको वह काले रंग की ब्रा और पैंटी की थैली पकड़ा दी और पहनने को बोला.

मामी इस गिफ्ट से बहुत खुश हो गईं.
उन्होंने मुझे एक प्यारा सा हग दे दिया और वे बाथरूम में चली गईं.

इसी वक़्त मैंने सेक्स टाईम को बढ़ाने की पिल्स ले ली.

वे जब बाहर आईं तो मैं उनको देखता ही रह गया.
मामी एकदम गोरी थीं और ऊपर से काली ब्रा-पैंटी पहनी तो वे इतनी अधिक सेक्सी दिख रही थीं कि मैं आपको अपने शब्दों में बता ही नहीं सकता.

उनके आते ही मैं उनको पकड़ कर आईने के सामने ले गया.

वे खुद को देखकर खुश हो गईं और मुझे हग करके मुझे थैंक्स बोलने लगीं.
मैं भी मामी को खुश देखकर खुश हो गया.

मामी मेरे होंठों को चूमने लगीं, मैं भी उनको चूमने लगा.

थोड़ी देर में मैंने मामी को बेड पर लेटा दिया और चूमने लगा.
मैं मामी के पूरे शरीर को चूमे जा रहा था, इससे मामी भी गर्म हो गईं और कामुक सिसकारियां भरने लगीं.

फिर मैंने मामी की ब्रा पैंटी उतार दी और उनके बूब्स को चूमने लगा.
मामी ने मेरी शर्ट और लोवर को निकाल दिया और मेरे लंड को सहलाने लगीं.
मैं भी मामी को चूमे जा रहा था.

फिर मैं और मामी 69 में आ गए, एक दूसरे के आइटम चूसने लगे.

थोड़ी देर में मामी झड़ गईं और मैंने उनका सारा रस पीकर चूत को साफ कर दिया.

फिर मैंने मामी की चूत पर लंड सैट करके एक ही धक्के में पूरा लंड चूत में पेल दिया.
मामी थोड़ी चिल्लाईं लेकिन थोड़ी देर में सामान्य होकर साथ देने लगीं.

करीब दस मिनट के बाद मैंने उनको घोड़ी बनने को बोला तो वे बन गईं और मैंने पीछे से लंड चूत में पेल दिया.

कमरे में थप … थप … की आवाज़ आने लगी.

मामी सिसकारियां लेती हुई बोल रही थीं ‘अह्ह … चोदो मुझे … जोर से चोदो.’

मैंने मामी के बालों को पकड़ लिया और चोदने लगा जिससे मुझे और मज़ा आने लगा.
मामी की गांड पर थप्पड़ मार मार कर मैंने उनकी गांड लाल कर दी.

थोड़ी देर बाद मैं नीचे लेट गया और मामी को लंड पर बैठने को बोला.
तो वे लंड पर चूत को सैट करके बैठ गईं और ऊपर नीचे होने लगीं.

मामी ऊपर नीचे हो रही थीं तो उनके बूब्स भी मस्त उछल रहे थे.
यह देखकर मैंने मामी के बूब्स को हाथ से पकड़ लिया और दबाने लगा.

करीब 15 मिनट के बाद मैं झड़ गया और मैंने अपना सारा माल मामी की चूत में ही गिरा दिया.

मामी थक गई थीं और पूरी पसीने से भीग गई थीं.
वे मेरे ऊपर ही लेट गईं.

मैं मामी को सहलाने लगा और उनकी पीठ पर हाथ फेरने लगा.
मैंने देखा तो मामी की आंख से आँसू आ रहे थे.

यह देखकर मैंने पूछा तो मामी ने बताया कि ये खुशी के आँसू हैं. वे आज बहुत खुश हैं.
मैं भी मामी को देखकर खुश हो गया और उनको चूमने लगा.

थोड़ी देर में मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैंने मामी को मुँह में लेने के लिए बोला.
मामी तुरंत लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं.

लंड गीला हो गया था तो मैंने मामी को वापस घोड़ी बनने को बोला.
तो वे तुरंत घोड़ी बन गईं.

मैं मामी की गांड मारना चाहता था तो मैंने उनकी गांड के छेद में थूक लगाया और चाटने लगा.
मामी तुरंत हट गईं और गांड देने के लिए मना करने लगीं.

मैंने उनको समझाया कि कुछ नहीं होगा लेकिन वह मना कर रही थीं और बोल रही थीं कि दर्द होगा.

मैं बोला- कुछ नहीं होगा!
काफी देर बाद मामी ने हां कर दी और फिर से घोड़ी बन गईं.

मैं फिर से गांड के छेद मैं थूक लगा कर चाटने लगा और मैंने अपनी एक उंगली को उनकी गांड के छेद में डाल दिया.

उंगली डालने से भी मामी को थोड़ा दर्द हो रहा था, मैंने काफी देर गांड के छेद को चाट कर पूरा गीला कर दिया.
अब लंड पर थूक लगा कर छेद पर लंड सैट कर दिया.

फिर मैंने धक्का मारा तो लंड छेद मैं घुसा ही नहीं और फिसल गया.

मैंने फिर से लंड को सैट करके थोड़ा ज्यादा दबाया तो लंड का टोपा गांड के छेद में घुस गया और मामी को दर्द होने लगा.

मैंने फिर से एक और धक्का मारा तो आधा से ज्यादा लंड छेद में चला गया था.
लेकिन मामी को बहुत दर्द हो रहा था.

वे मुझे गाली दे रही थीं- निकाल दे मादरचोद … दर्द हो रहा है … फट गई मेरी गांड … निकाल मादरचोद!
गाली देने के साथ ही वे अपनी गांड को आगे की तरफ खींच रही थीं, लेकिन मैंने उनको कमर से पकड़ रखा था.

थोड़ी देर मैं लंड को गांड में यूं ही रखे रहा और शांत रहा.
थोड़ी देर बाद जब दर्द कम हुआ, तो मैंने फिर से धक्का मार कर पूरा लंड पेल दिया.

अब मामी को ज्यादा दर्द नहीं हो रहा था.
तो मैंने धीरे धीरे अपनी रफ्तार बढ़ा दी और मामी की गांड मारने लगा.

मामी की गांड बहुत टाईट थी तो मैं 15 मिनट में ही उनकी गांड मैं झड़ गया.

झड़ने के बाद मैं और मामी पूरे थक चुके थे तो हम ऐसे ही नंगे सो गए.

सुबह उठा तो मैंने फिर से मामी को किचन में चोद दिया.

अब मैं मामी को रोज चोदता था.
कभी कभी मैं खेत में भी मामी को चोद देता था.

फिर छुट्टियां खत्म हुईं तो मामा मामी को ले गए और मैं भी अपने घर आ गया.

अब मुझे चूत के बिना रहा नहीं जा रहा था तो एक दिन मैंने अपनी चाची को चोद दिया.

वह सेक्स कहानी मैं अगली बार लिखूँगा.
आपको मेरी यह मामी की देसी कहानी.नेट कैसी लगी, मुझे जरूर बताएं.
 

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