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Hindi - हिन्दी मेरी मम्मी को पड़ोसी भैया ने चोद दिया (All Parts)

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Part 1​

हिंदी कहानी में एक कमसिन लड़के की दोस्ती पड़ोस के ठरकी लड़के से हो गयी. दोनों एक साथ ब्लू फिल्म देखेते और सेक्स की बातें करते. एक दिन बड़े लड़के ने छोटे की माँ की बात की.

दोस्तो, यह सेक्स कहानी मेरे दोस्त सुजय की है.
आप सुजय की ज़ुबानी ही इस हिंदी Xxx कहानी को सुनें.

मेरा नाम सुजय है. मैं रायपुर का रहने वाला हूँ.
यह कहानी मेरी मम्मी और पड़ोस वाले भैया की है.

मेरे घर में मम्मी पापा और मैं ही रहता हूँ.
पापा एक फैक्टरी में मैनेजर हैं और मम्मी हाउसवाइफ हैं.

मेरी मम्मी की चुदाई के पीछे की वजह मैं ही हूँ जो आप कहानी में आगे जान लेंगे.

मम्मी का नाम सरिता है. वे बहुत ज्यादा गोरी नहीं हैं मगर उनका बदन खूब भरा हुआ है.
मम्मी का फिगर 36-32-38 का है.

वे एक सीधी सादी हाउसवाइफ हैं.
मम्मी की उम्र तब 39 साल थी.

पापा सुबह काम पर चले जाते थे और रात को ही वापस आते थे.
घर में मम्मी और मैं ही पूरे दिन होते थे.

मम्मी को टीवी देखना बहुत पसंद है और वे अपना टाइम पास टीवी देख कर ही करती हैं.

जबकि मैं अपना टाइम बिताने पड़ोस वाले भैया के घर गेम खेलने जाता था.

ये वही भैया हैं जिन्होंने मम्मी की चुदाई की है.

भैया का नाम राहुल है.
उनकी उम्र 24 साल के आस पास है.
वे कॉलेज में पढ़ाई करते हैं.

उनके घर वाले गांव में रहते हैं.
वे यहां किराए का कमरा लेकर रहते हैं और पढ़ते हैं.

भैया के पास लैपटॉप था, जिसमें भैया फ्री फायर वाला गेम खेलते थे.
मुझे जब भी मौका मिलता था, मैं उनके पास जाकर उनके लैपटॉप पर फ्री फायर गेम खेलता हूँ.

मैं रोज़ स्कूल से आकर उनके पास गेम खेलने चला जाता हूँ.

एक दिन ऐसे ही रोज की तरह में’ भैया के घर गया.
मैं हमेशा अपने घर की छत के रास्ते से ही उनके घर जाता था. जैसे ही मैं सीढ़ियों से नीचे गया, तो मैंने देखा कि भैया के टीवी पर ब्लू फिल्म चल रही थी और वे सोफे पर बैठकर अपना लंड हिला रहे थे.

ब्लू फिल्म में बड़ा ही सेक्स सीन चल रहा था.
उसे देखकर मेरा लंड भी खड़ा हो गया.

मगर तभी भैया की नज़र मुझ पर पड़ गई और उन्होंने तुरंत टीवी बंद कर दिया.
उन्होंने अपना लंड पजामे में डाला और मेरे पास आ गए.

भैया- सुजय तू कब आया. मुझे तो पता ही नहीं चला!
मैं- बस भैया तभी आया. जब आप लंड हिला रहे थे.

भैया- सुजय तुमने देख तो लिया है. मगर किसी से कहना मत!
मैं- भैया हम दोनों दोस्त हैं न … आप चिंता मत करो. वैसे मेरा भी मन यह फिल्म देखने को कर रहा है.

चूंकि मैंने पहले कभी ब्लू फिल्म देखी नहीं थी तो जरा सी ब्लू फिल्म देख कर मेरी हालत खराब हो गई थी.

भैया- हम्म … तो तू मेरे साथ ब्लू फिल्म देखना चाहता है?
मैं- हां भैया, मेरा भी मन करता है. नयी नयी ब्लू फिल्म देखने का … एक बार सिर्फ दोस्त के मोबाइल में देखा है. मगर इतनी बड़ी स्क्रीन पर देखने का मज़ा ही अलग है!

भैया- चल देख ले यार. मैं कौन सा किसी से कहने वाला हूँ. वैसे तूने तो मेरी गांड ही फाड़ दी थी.

अब उन्होंने फिर से टीवी चालू कर दिया.
टीवी पर सामने एक औरत डॉगी स्टाइल में झुकी थी और पीछे से एक गोरा आदमी उसकी चूत ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था.

ये देखते ही मेरा छोटा सा लंड खड़ा हो गया; मैं अपने लंड को सहलाने लगा.

भैया ने मुझे ऐसा करते हुए देख लिया और उन्होंने खुद का पजामा भी नीचे कर दिया.
उनका लंड 7 इंच के आस पास था और उसके आगे का मोटा टोपा खुला हुआ था.

भैया मेरे सामने ही अपना लंड हिलाने लगे.
मैं एक बार टीवी की तरफ देखता और फिर भैया की तरफ देखता.

भैया का लंड भी बिल्कुल उस गोरे आदमी जैसा ही लग रहा था और मेरा लंड साफ साफ पैंट में दिख रहा था.

वे बोले- अरे यार जब तेरा लंड खड़ा हो गया है, तो उसे बाहर निकाल कर मुट्ठी मार ले न … रुक मैं करता हूँ.

इससे पहले मैं कुछ कह पाता, भैया ने मेरी पैंट खोल दी और मेरा लंड बाहर निकल आया.

मैं मुट्ठी मारने लगा.

भैया के लंड के आगे मेरा लंड तो बच्चा लग रहा था.

मैं- भैया आपका लंड तो काफ़ी बड़ा और मोटा है. मगर मेरा अभी आपके जैसा नहीं है.
भैया- सुजय, सब मर्दों का लंड अलग अलग होता है. तुम अभी छोटे भी हो. अभी तो तुम्हारा लंड और भी बड़ा हो जाएगा!

मैं लंड हिलाता रहा और कुछ ही देर में मेरा शरीर अकड़ गया.
मेरा पानी ज़मीन पर गिर गया.
मैंने अपना लंड अन्दर कर लिया.

अब मेरे मन में यह ख्याल आने लगे कि मैंने ऐसा क्यों किया.
भैया का लंड देखकर मुझे जलन हो रही थी कि काश मेरा लंड भी भैया के जैसा होता.

वे अपना लंड ज़ोर ज़ोर से हिला रहे थे. भैया का लंड वाकई काफ़ी मोटा था. उसका खुला हुआ टोपा और उभरी हुई नसें अलग ही दिख रही थीं.

भैया काफ़ी देर तक मुट्ठी मारते रहे, तब जाकर भैया के लंड से पानी निकला.
अपने लंड का पानी निकालने के बाद भी भैया का लंड जरा सा ही ढीला पड़ा था.
यह मेरे लिए एक अजीब सी बात थी.

उस दिन के बाद से मैं और भैया काफी अच्छे दोस्त बन गए.
अब मैं रोज भैया के घर जाकर ब्लू फिल्म देखता था और अपना लंड हिला लेता था.

भैया भी मेरे साथ कई बार लंड हिलाते थे.

एक दिन भैया ने कहा- सुजय तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?
मैं- भैया, मुझे तो लड़कियों से बात करते हुए भी डर लगता है … और आप गर्लफ्रेंड की बात कर रहे हो!

भैया- सुजय, ये उम्र गर्लफ्रेंड बनाने की है. गर्लफ्रेंड होगी तो तू उसकी चुदाई कर पाएगा और तुझे मुट्ठी मारने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी!
मैं- भैया मुट्ठी तो आप भी मारते हो, क्या आपका मन नहीं होता है कि आप किसी लड़की की चुदाई करो!

भैया- नहीं यार, लड़की में वह मज़ा नहीं है, जो मज़ा किसी औरत को चोदने में है.

मैं- भैया आपने कभी किसी को चोदा है क्या?
भैया- सुजय जिनकी जीएफ नहीं होती है. उनके पास रंडी का ही सहारा होता है. मेरी सैटिंग मेरे पड़ोस की एक भाभी से है, लेकिन वे तो मेरे गांव में हैं न … यहां कोई व्यवस्था नहीं है.
मैं- ओह माय गॉड … आप अपने गांव में पड़ोस की भाभी को चोद चुके हो?

भैया- हां सुजय, मैंने उनकी चूत बड़े अच्छे से चोद कर ही उन्हें वापस भेजता हूँ. उन भाभी का पति उनकी गर्मी नहीं निकाल पाता है. वैसे तू बता, आज तक तूने किसी औरत को नंगी देखा है?
मैं- अरे कहां भैया, मेरी किस्मत बहुत खराब है. ना ही नंगी औरत देखी है. ना ही कभी चुदाई की है.

भैया- यार, वैसे जब मोहल्ले की औरतें छत पर आती हैं. तब मैं उनके गदराए जिस्म के दर्शन करता हूँ. बहुत मज़ा आता है. तू भी तो ऐसे देखता होगा!
मैं- हां भैया, ऐसे तो मैं भी औरतों की चूचियां देखता हूँ. अपने मोहल्ले की औरतों की क्या बड़ी बड़ी गांड है.

भैया- तू भी छुपा रुस्तम है. सारे मज़े लेता है. मगर शक्ल से कितना सीधा लगता है. ऐसे दिखता है, जैसे कुछ जानता ही ना हो!
मैं- भैया वैसे सीधे तो आप भी बनते हो. मगर देखो, अन्दर ही अन्दर आप अपनी पड़ोस की भाभी को चोद चुके हो!

भैया- सुजय, ये सब तो कभी कभी ही हो पाता है. हमेशा नहीं होता है. इसलिए मैं तो ऐसी औरत चाहता हूँ, जो रोज मेरे लंड की गर्मी को निकाले.
मैं- भैया ऐसी औरत कहां होती है, जो रोज रोज लंड लेना चाहे.

भैया- सुजय, तू अभी छोटा है. तुझे क्या पता कि जो औरत जितनी सीधी होती है. उसकी चूत में उतनी ही आग होती है. जब मेरे पड़ोस की भाभी मेरे पास आई थीं तो वे बहुत शर्माती थीं. मगर अब खुल कर चुदवाती हैं.

मैं- वैसे भैया सच कहूँ, तो मुझे भी लड़की से ज्यादा आंटी पसंद हैं. उनकी चूचियां कितनी बड़ी बड़ी होती हैं. मन करता है कि बस हमेशा चूसता ही रहूँ.

भैया और मैं अब रोज छत पर बैठकर औरतों की चूचियां और गांड देखा करते थे.
वे कभी मुझे किसी की बड़ी बड़ी चूचियां दिखाते तो कभी मैं किसी आंटी की बड़ी गांड.

मगर कहते हैं ना कि जो तुम दूसरों के लिए सोचते हो … वही कोई तुम्हारे घर वालों के लिए भी सोचता है.
हम दोनों काफ़ी दिनों से औरतों की चूचियां और गांड देख रहे थे … और उनके बारे में बात भी कर रहे थे.

फिर एक दिन मैं और भैया बैठे थे.
तभी मम्मी छत पर आ गईं.

मम्मी ने साड़ी और ब्लाउज पहना हुआ था.
उनकी बड़ी बड़ी चूचियों की घाटी और उनका खुला हुआ पेट साफ दिख रहा था.

मैंने देखा कि भैया मेरी मम्मी की जवानी को ताड़ रहे थे और उस वक्त उनका लंड झटके खा रहा था.

थोड़ी देर बाद मम्मी चली गईं.
तब मैंने देखा कि भैया की नज़र मम्मी की गांड पर लगी थी.

मैं- ये क्या देख रहे है भैया? वे मेरी मम्मी हैं.
भैया- सॉरी यार, ग़लती से नज़र चली गयी थी. मगर मैं क्या करता यार … तेरी मम्मी की चूचियां और गांड बहुत बड़ी है.

मैं- भैया, जुबान संभाल कर बात करो! आप मेरी मम्मी के बारे में गलत बात कर रहे हो!
भैया- अबे तू तो ऐसा गुस्सा हो रहा है. जैसे मैंने कुछ ग़लत कह दिया हो. अबे हर बंदा तेरी मम्मी की गांड और चूचियों का दीवाना है. वैसे भी वे हैं तो एक औरत ही … और तूने भी तो कभी उन्हें देखा ही होगा!

मैं- हां भैया देखा है. मगर वे मेरी मम्मी हैं!
भैया- अच्छा एक बात बता … तूने कभी आपने मम्मी पापा को चुदाई करते देखा है?

अब मुझे भैया पर सच में गुस्सा आ रहा था.
फिर भी मैं थोड़ी देर उनके पास बैठ रहा.
उनका लैपटॉप मेरे हाथ में ही था जिसमें मैं गेम खेल रहा था.

फिर हम दोनों नीचे आ गए.
भैया ने टीवी पर ब्लू फिल्म लगा दी और मैं उनके टीवी पर ब्लू फिल्म देखने लगा.

साथ ही मैं इस बारे में सोच कर अपने आप से बात करता रहा.

भैया- बता न … क्या तूने अपनी मम्मी पापा की चुदाई को नहीं देखा?
मैं- नहीं भैया, मैंने कभी नहीं देखा है. मेरा कमरा अलग है. वे दोनों अलग सोते हैं.

भैया- तेरे पापा तो बहुत लकी हैं यार. तेरी मम्मी जैसा माल सबके नसीब में नहीं होता है. क्या मस्त चोदता होगा तेरा पापा, तेरी मम्मी को!
मैं- भैया आप बहुत बदतमीज़ हो, अब मुझे आपसे दोस्ती नहीं रखना.

फिर मैं गुस्सा होकर वहां से चला गया क्योंकि सच में अपनी मम्मी के बारे में ऐसी बात सुन कर मुझे काफी बुरा लगा था.

मैं उनके कमरे से बाहर जा रहा था.

भैया- अरे सुन तो, क्या हो गया बे?

मैंने उनकी कोई बात नहीं सुनी, सीधा घर आ गया.
फिर मैं मम्मी के बारे में सोचने लगा.

मैंने आज तक मम्मी को ऐसी नजर से नहीं देखा था मगर भैया के कहने के बाद मैं सोचने लगा.

मम्मी का बदन वाकई बहुत भरा हुआ है जिसे देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो सकता है.

अगले दिन 4 बजे स्कूल से आने के बाद में चुपचाप बैठा था, मुझे अब पता चला कि मुझे फ्री फायर गेम और ब्लू फिल्म देखने की लत लग चुकी है.
लेकिन मैं भैया के पास से गुस्सा होकर आया था इसलिए मैं उनके कमरे पर नहीं गया, चुपचाप अपने कमरे में बैठा रहा.

मैं ऐसे ही भैया के बारे में, मम्मी के बारे में और गेम व ब्लू फिल्म उस सबके बारे में सोचता रहा.

फिर रात का खाना खाकर सो गया.

अगले दिन फिर शाम 4 बजे स्कूल से आने के बाद मैं भैया के बारे में सोचने लगा.
मुझसे रहा नहीं गया.
मुझे ब्लू फिल्म देखने और गेम खेलने की तड़प होने लगी.

मैंने छत के ऊपर जाकर बॉल से खेलने का प्लान बनाया ताकि भैया की नज़र मुझ पर पड़े और वे मुझे बुलाएं.

क्योंकि भैया भी रोज़ इसी टाइम छत पर आकर मुहल्ले की आंटियों को देखते थे.

दो दिन पहले मैं भी तो उनके साथ बैठ कर यही सब देखता था.

मैं छत पर चढ़ा तो भैया वहां पहले से ही बैठे थे.
उन्होंने मुझे देखते ही आवाज़ लगाई- इधर आ सुजय, मुझे एक बात बोलना है.

मुझे तो खुद बस इसी बात का इंतज़ार था, मैं भैया के पास चला गया.

भैया- क्या हुआ था … इतना गुस्सा हो गया था? मैंने तेरी मम्मी के साथ कुछ ग़लत थोड़ी किया था. मैं तो सिर्फ बात कर रहा था. किसी के बारे में बात करने से किसी का कोई नुकसान थोड़ी हो जाता है.
मैं कुछ नहीं बोला.

भैया- क्या अब तुझे गेम खेलने का मन नहीं करता है? पहले तो रोज़ खेलता था?
मैं- जी भैया, मुझे फ्री फायर खेलने का मन कर रहा है.
भैया- ठीक है, नीचे जा और लैपटॉप शुरू करके खेल ले.

मैं नीचे जाकर लैपटॉप शुरू करके गेम खेलने लगा.

फिर थोड़ी देर बाद भैया आ गए.
भैया- सुजय, तेरी मम्मी छत पर आई हैं, ब्लैक साड़ी पहन कर … बहुत हॉट लग रही थीं. तू बुरा ना मान जाए इसलिए मैं नीचे आ गया.

मुझे पता था कि भैया ने मम्मी को छत पर पूरा देखा होगा, फिर जब मम्मी वहां से चली गई होंगी … तब नीचे आए हैं.

कुछ देर बाद भैया ने मुझे बहुत सारे चॉकलेट दिए.
शायद भैया मुझे पटाने के लिए इतने सारे चॉकलेट लाए थे.

मैं चॉकलेट खाते हुए गेम खेलने लगा और भैया टीवी पर ब्लू फिल्म लगा कर देखने लगे.

कुछ देर बाद मैं भी अपना गेम खत्म करके भैया के साथ ब्लू फिल्म देखने लगा.

शायद भैया ने जानबूझ कर सेम मम्मी की साइज़ की औरत की चुदाई वाली वीडियो लगाया था.

इस फिल्म में मेरी मम्मी की उम्र की महिला को एक जवान लड़का चोद रहा था.
लेकिन मुझे क्या … मुझे तो चुदाई देखने में बहुत मज़ा आ रहा था.

अब भैया ने अपना 7 इंच का लंड निकाला और हिलाने लगे.

कुछ देर बाद भैया मेरे पास आए और उन्होंने अचानक से मेरी पैंट को नीचे कर दिया.
टीवी पर चुदाई देख कर मेरा लंड भी टाइट हो गया था.

अब उन्होंने अपने एक हाथ से अपना लंड और दूसरे हाथ से मेरा लंड पकड़ा और वे एक साथ दोनों को हिलाने लगे.

मुझे भैया के हाथ से अपना लंड हिलवाने में बहुत मज़ा आ रहा था.

मुझे ऐसे मजे से दूर नहीं जाना था इसलिए मुझे पता चल गया कि अब भैया से नाराज़ होने से मेरा ही नुकसान होने वाला है.
अब भैया की बात से यदि मुझे बुरा भी लगे तो भी गुस्सा नहीं होना है.

दोस्तो, मेरी हिंदी कहानी आपको कैसी लग रही है, प्लीज जरूर बताएं.
rahul.biswas828@gmail.com

हिंदी Xxx कहानी का अगला भाग:
 

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Part 2​

माँ सेक्स की गरम कहानी में मेरे पड़ोस के एक भैया ने मुझे आंटी की ब्लू फिल्म दिखाकर उकसा कर मुझसे मेरी मम्मी की कपड़े बदलते, चूत में उंगली करती की वीडियो बनवाई.

फ्रेंड्स, मैं सुजय आपको अपनी मम्मी की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
पड़ोसी भैया के साथ ब्लू फिल्म देखी
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरे पड़ोस में रहने वाले राहुल भैया ने मुझे वापस अपने साथ ब्लू फिल्म देखने के लिए पटा लिया था और मुझे खुद भी उनके साथ मजा आने लगा था।

अब आगे माँ सेक्स की गरम कहानी:

कुछ देर बाद भैया ने कहा- सुजय एक बात बोलूँ, बुरा मत मानना क्योंकि मैं सिर्फ बात कर रहा हूँ और तू भी समझता है कि सिर्फ बात करने में क्या जाता है!
मैं- ओके बोलो भैया!
भैया- सुजय तूने कभी अपनी मम्मी को नंगी देखा है?

मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या जवाब दूँ क्योंकि मैंने कई बार मम्मी को ऊपर से नंगी देखा था.
ऐसा मैंने उनको ब्रा और ब्लाउज पहनते देखा था.
उस समय वे बिना ब्रा पहने अपने मम्मों को एकदम खुला छोड़ देती थीं और पूरे इत्मीनान से ब्रा के हुक को पहले आगे की तरफ से लगाती थीं, फिर उसे पीछे घुमा कर उसे अपने मम्मों पर चढ़ाती थीं. उसके बाद ब्लाउज पहनती थीं.

मैंने कुछ सोचते हुए कहा- हां भैया, देखा है. मगर मैंने उन्हें पूरी नंगी नहीं देखा है. सिर्फ़ उनकी चूचियां देखी हैं. जब वे ब्लाउज पहन रही होती थीं.

भैया- सच में तूने अपनी मम्मी की चूचियां देखी हैं. बता ना यार … कैसी है तेरी मम्मी की चूचियां?
मैं- काफ़ी बड़ी हैं भैया … और उनके निप्पल काले रंग के हैं.

भैया- वाहह यार … वैसे वह कितने नंबर की ब्रा पहनती हैं?
मैं- भैया आज से पहले मैंने कभी ऐसा नहीं देखा है. उनकी ब्रा का साइज़ तो मुझे पता ही नहीं है.

भैया- यार, बाथरूम में तो उनकी ब्रा और पैंटी टंगी रहती होगी. वहां से देख लेना. अपनी मम्मी की चूचियां देखकर क्या तेरा लंड कभी खड़ा नहीं हुआ?

मैं थोड़े गुस्से से बोला- भैया मैंने कहा ना … मैंने आज तक उन्हें ऐसी नज़र से नहीं देखा है.
भैया- अरे यार, मैं कौन सा तुझे उनकी चुदाई करने को कह रहा हूँ. तू बस देखकर भी तो मज़ा ले सकता है. कभी अपनी मम्मी की उतरी हुई पैंटी सूंघ कर देखना कि तेरा लंड कैसे खड़ा हो जाता है.

मैं चुप रहा और अब खुद भी भैया की बातों से मज़ा लेने लगा था.
मुझे भी अब मम्मी को नंगी देखने का मन कर रहा था.

भैया- वैसे तू तो रोज चुदाई देखा कर, जब तू खुद अपनी मम्मी की चुदाई देख सकता … ब्लू फिल्म देखने में क्या मज़ा है!

भैया की बातें सुनकर मैं घर आ गया और जब मम्मी मेरे सामने आईं तब मेरी नज़रें मम्मी की चूचियों और गांड पर थीं.

उनकी चूचियां और गांड देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैं जल्दी से बाथरूम में गया और वहां अपना लंड निकाल कर मुट्ठी मारने लगा.

तभी मुझे भैया की ब्रा और पैंटी वाली बात याद आ गयी.
मैंने देखा कि मम्मी की ब्रा और पैंटी वहीं कपड़ों में दबी हुई थी.

मैंने मम्मी की पैंटी उठाई.
वह नीले रंग की वी-शेप वाली पैंटी थी.
मैंने उसे अन्दर से देखा, तो वह चूत वाले हिस्से से सफेद सफेद सी थी.

तभी मैंने उसे अपनी नाक में लगा लिया.
एक बहुत तेज महक मेरी नाक में आई, जो मम्मी की चूत और पेशाब की महक थी.

मेरा लंड झटके मारने लगा.
मैं मम्मी की पैंटी सूंघता रहा और मुट्ठी मारता रहा.
कुछ ही देर में मेरा पानी निकल गया.

मुझे इतना अच्छा आज से पहले कभी नहीं लगा था.

मैंने मम्मी की पैंटी की कुछ फोटो ले लीं और बाहर आ गया.

आज मेरा लंड बैठ ही नहीं रहा था.
जैसे ही मम्मी सामने आतीं, मेरा लंड खड़ा हुआ जा रहा था.

रात को पापा आ गए.
हम सबने खाना खाया, फिर अपने अपने कमरे में आ गए.

कुछ देर बाद मैं मम्मी पापा के कमरे के पास गया जहां कूलर लगा था.
वहां से अन्दर देखने लगा.

वे दोनों बातें कर रहे थे.
कुछ देर बाद दोनों सो गए.

मैं भी कमरे में आकर सो गया.
सुबह उठा तो पापा जा चुके थे और मम्मी काम कर रही थीं.

फिर वे काम करके नहाने चली गईं.

मम्मी नहा कर आईं तो उनके बाहर आते ही मैं बाथरूम में चला गया.

वहां मम्मी की दो पैंटी सूख रही थीं.
मैं उनकी पैंटी को उतार कर लंड पर रगड़ने लगा.

थोड़ी देर बाद मुझसे रहा नहीं गया और मेरा पानी निकल गया.

फिर मैंने नहा कर बाहर आकर नाश्ता किया और पढ़ने बैठ गया.

दोपहर होते ही मम्मी ने खाना दिया और मैं खाना खाकर भैया के पास चला गया.

भैया- और कैसा है हीरो. कल कुछ देखा या नहीं?

मैं- अरे कहां भैया, कल मैंने जब मम्मी पापा के कमरे में देखा तो दोनों लेटे हुए थे. कुछ देर बाद वे दोनों सो गए, पापा ने कुछ किया ही नहीं!

भैया- धत तेरी की … यार अगर तेरे पापा की जगह मैं होता, तो कम से कम 3 बार तेरी मम्मी की चुदाई करता. सुबह तक तो वे चल भी नहीं पातीं.
मैं- भैया, आप मम्मी को इतना पसंद करते हो?

भैया- देख सुजय तू बुरा मत मानना. मगर मैं तेरी मम्मी का दीवाना हूँ. यार तेरी मम्मी का भरा बदन बाहर से ही देख लेता हूँ न … तो मेरा लंड बैठ ही नहीं पाता है.
मैं- हा हा हा … आप तो मम्मी के लिए पागल हो गए हो!

भैया- अरे यार, तेरे मम्मी है ही ऐसी सेक्सी हॉट माल … मैं तो बस उनके बारे में ही सोचता रहता हूँ.
अब मुझे भी भैया की बातों से मज़ा आने लगा था.

मैं- पूछो मत भैया, मेरी मम्मी तो एकदम हॉट हैं … उनकी बड़ी बड़ी चूचियां तो ब्रा में समा भी नहीं पाती होंगी.
भैया- यार सुजय, तू किसी तरह मुझे भी अपनी मम्मी की जवानी दिखा दे, तो जो तू बोलेगा, मैं वह करूँगा!

मैं- भैया मैं कोशिश करूँगा. कल जब सुबह वह कपड़े पहनेंगी, तो मैं चुपके से उनकी पिक क्लिक कर लूँगा.

भैया- वैसे एक बात कहूँ. मुझे लगता है तेरी मम्मी को भी चुदाई की ज़रूरत है.
मैं- भैया आपको ऐसा क्यों लग रहा है?

भैया- अरे यार मेरा तजुर्बा है. मुझे लगता है. तेरी मम्मी पक्का उंगली करके अपनी आग निकालती होंगी. क्योंकि तेरे पापा उनकी चुदाई नहीं करते हैं.
मैं- अरे भैया, अभी मैंने तो एक ही दिन देखा है. हो सकता है कल ना किया हो. मगर आज वह ज़रूर चुदाई करेंगे.

भैया- सुजय, तू अभी छोटा है. मैं तेरी मम्मी को देखता हूँ, तो ऐसा लगता है कि उनके अन्दर की आग शांत नहीं हुई है. इसीलिए वे ज्यादा खुश नहीं दिखती हैं. वैसे जब वह नहाने जाती हैं. तब तुम देखना, वे अपनी चूत में उंगली करती होंगी.

मैं- मैं ज़रूर देखूँगा भैया, वैसे भी जबसे आपने मम्मी की बातें करना शुरू किया है. मेरा लंड बैठने का नाम ही नहीं लेता है.
भैया- बेटा ये तो शुरुआत है. सोच जो दूध तूने बचपन में चूसे थे, वे तुझे अब चूसने को मिल जाएं … तो तेरा क्या हाल होगा?

मैं- भैया आप ऐसी बातें करके मेरा लंड खड़ा कर देते हो. वैसे मेरा तो मन करता है कि मैं पूरे दिन मम्मी की चूचियां पीता रहूँ.
भैया- यार, मुझे भी अपनी मम्मी की जवानी दिखा देना. मैं देख कर ही मुट्ठी मार लूँगा.

फिर इसी तरह की बकचोदी के बाद मैं अपने घर वापस आ गया और मम्मी के कमरे में बैठ कर टीवी देखने लगा.

मम्मी मेरे बगल में लेटी हुई थीं.
उन्होंने एक मैक्सी पहन रखी थी.

मैं अपना मोबाइल चला रहा था.

कुछ देर बाद उन्होंने मुझे टीवी बंद करने को कह दिया.
मैं टीवी बंद करके उनके साथ ही लेट गया.

कुछ देर बाद जब मम्मी ने करवट ली तो उनकी गांड मेरी तरफ आ गयी.

मम्मी की मैक्सी उनकी गांड में घुसी हुई थी.
मैंने उनकी गांड की कुछ फोटो ले लीं.
मम्मी की मोटी गांड देखकर मैं लंड सहलाने लगा.

फिर मैं कमरे से बाहर आ गया.
सारा दिन मम्मी की याद में निकल गया.

रात को खाना खाने के बाद मैं फिर से मम्मी पापा की चुदाई देखने गया.

आज मुझे कुछ हाथ लगा, पापा सीधा लेट कर मम्मी से लंड चुसवा रहे थे.

थोड़ी देर बाद मम्मी पापा के लंड के ऊपर बैठ गईं और ऊपर नीचे होने लगीं.
दो मिनट बाद शायद पापा के लंड का पानी निकल गया और पापा मम्मी को साइड हटा कर सो गए.

मम्मी बाजू में लेट कर अपनी उंगली को चूत में डाल कर अन्दर बाहर करने लगीं.

थोड़ी देर बाद वे भी अपनी चूत का पानी साफ करके सो गईं.

अब मुझे ये पता चल गया था कि पापा मम्मी को खुश नहीं कर पाते हैं इसलिए वे उंगली से काम चलाती हैं.

उसके बाद मैं अपने कमरे में आकर सो गया.
अगली सुबह मैं जल्दी उठ गया और पापा के जाते ही मम्मी के कमरे में आ गया.

मैं टीवी चालू करके देखने लगा.
मैंने अपने मोबाइल की वीडियो रिकॉर्डिंग चालू कर ली.

कुछ देर बाद मम्मी पेटीकोट में आ गईं.

मम्मी का गीला बदन चमक रहा था और उनका पेटीकोट भी कई जगह से गीला था.

मैंने मोबाइल ऐसे पकड़ा था जिससे उन्हें शक ना हो कि मैं उनकी वीडियो बना रहा हूँ.
मम्मी ने जैसे ही अपना पेटीकोट नीचे किया, उनकी नग्न चूचियां दिखने लगीं.

मम्मी ने आज एक काली ब्रा पहनी, जिसमें वह बहुत सेक्सी दिख रही थीं.
मैंने उनकी पूरी वीडियो बना ली.

फिर दोपहर होते ही मैं भैया के पास आ गया और मैंने उन्हें वह वीडियो दिखा दी.

मम्मी की गदराई जवानी देखकर तो भैया की आंखें बड़ी हो गईं और बोलती बंद हो गयी.
उनका लंड कच्छे में खड़ा साफ दिख रहा था.

भैया- यार सुजय, बुरा मत मानना. मगर आज मैं तेरी मम्मी को देखकर ही मुट्ठी मारूँगा. ऐसे गदराया बदन देखकर भी अगर किसी का लंड खड़ा ना हो, तो वह नामर्द ही है.

यह कह कर भैया ने मेरे सामने अपना कच्छा निकाल दिया और मम्मी की वीडियो चला दी.

वे वीडियो देखकर अपना लंड हिलाने लगे.
मगर आज थोड़ी ही देर में उनका पानी निकल गया.

भैया के पानी की धार बड़ी दूर तक गयी और उनके लंड ने काफ़ी पानी निकाला था.

मैं- भैया, आज तो आपका पानी बहुत जल्दी निकल गया?
भैया- यार सुजय … तेरी मम्मी की चूचियां कितनी बड़ी बड़ी हैं … और बिल्कुल गोल गोल हैं. इसे देखकर मैं कंट्रोल ही नहीं कर पाया. तूने तो बचपन में बहुत चूसी होंगी!

मैं- हां भैया, बचपन में तो चूसी ही होंगी. मगर मेरा मन तो अब ज्यादा चूसने का करता है.
ऐसी बातों से भैया का लंड दुबारा से फिर खड़ा होने लगा था.

भैया- ये देख सुजय, तेरी मम्मी की चूचियां देखकर फिर से खड़ा हो गया. सोच यार … जब तेरी मम्मी की चूचियां इतनी अच्छी हैं, तो उनकी चूत कितनी अच्छी होगी. यार प्लीज़ एक बार मुझे अपनी मम्मी की चूत दिखा दे.

मैं- भैया मम्मी की चूत तो मैंने भी नहीं देखी है. मगर मैं कोशिश करूँगा कि आपको चूत दिखा दूँ.
भैया- वैसे यार देखकर लगता है कि काफ़ी फूली हुई चूत होगी तेरी मम्मी की. वैसे कल तेरे पापा ने चुदाई की या नहीं?

मैं- हां भैया, बस 2 मिनट ही चोदा पापा ने मम्मी को … फिर मम्मी अपनी चूत में उंगली करके सो गईं.

भैया- देखा, मैंने कहा था ना कि तेरे पापा, तेरी मम्मी की चुदाई ठीक से नहीं करते हैं तेरी मम्मी बाथरूम में पक्का अपनी चूत में उंगली करती होंगी. तूने बाथरूम में देखा या नहीं?

मैं- नहीं भैया, वह तो मैं भूल ही गया. मगर कल ज़रूर देखूँगा.
भैया- वैसे तुझे देखने में कोई परेशानी भी नहीं होगी. सीढ़ियों के पास ही बाथरूम है और बाथरूम के ऊपर जो छोटी खिड़की है न … वहां से तू अन्दर का सारा नजारा बड़े आराम से देख सकता है.

मैं- भैया आपको कैसे पता कि वहां एक छोटी सी खिड़की है?
भैया- यार, तू भूल रहा है. तेरे बर्थडे पर मैं तेरे घर गया था. तब मैं बाथरूम भी गया था, वहां देखा था. वहीं से मम्मी पर नज़र रख … अगर तेरी किस्मत अच्छी निकली, तो तेरी मम्मी ज़रूर चूत में उंगली करती दिखाई दे जाएंगी.

मैं- वैसे भैया हो सकता है कि वह अपने कमरे में उंगली करती हों. जैसे रात को की थी!

भैया- यार, कहीं भी कर सकती हैं. बस तू अच्छे से नज़र रख. बाकी तुझे खुद पता चल जाएगा. वैसे मैं कुछ दिन के लिए अपने गांव जा रहा हूँ. जब वापस आऊंगा, तब तू बताना कि क्या क्या हुआ? लेकिन जब रात को तेरी मम्मी उंगली कर रही थीं, तो तूने तब वीडियो क्यों नहीं बनाया?

मैं- भैया वहां कमरे में ज्यादा लाइट नहीं थी ना … इसलिए.

भैया से बात करके मैं अपने घर आ गया और मम्मी पर नज़र रखने लगा.

आज रात को कुछ नहीं हुआ.
पापा मम्मी सो गए और मैं अपने कमरे में आकर सो गया.

मगर मैं जानता था कि अगली सुबह मुझे मम्मी की चूत और गांड दिखने वाली है.

सुबह जब मम्मी नहाने गईं, तो मैं जल्दी से सीढ़ियों के पास आ गया और छुप कर अन्दर देखने लगा.

मम्मी ने अपना ब्लाउज खोला, फिर अपनी काली ब्रा निकाल दी.
उनकी चूचियां हवा में झूल रही थीं.

उसके बाद मम्मी ने अपना पेटीकोट निकाल दिया.
अब मम्मी सिर्फ़ काली पैंटी में खड़ी थीं.

मम्मी की गांड उस वी-शेप काली पैंटी में समा नहीं रही थी.
फिर मम्मी ने अपनी पैंटी भी निकाल दी.

अब मुझे मम्मी की मोटी गांड दिखने लगी और मैं अपना लंड सहलाने लगा.
जब मम्मी पलटीं, तब मैं अलग हो गया.

मगर मैं फिर से देखने लगा.

मम्मी की फूली हुई चूत की लाइन मुझे दिखाई दे रही थी.
चूत के ऊपर थोड़े थोड़े बाल थे.

फिर मम्मी नीचे बैठ गईं और अपने ऊपर पानी डालने लगीं.

उन्होंने साबुन लगाया और साबुन लगाते हुए कई बार उन्होंने अपनी चूत पर हाथ भी मारा.

कुछ देर नहाने के बाद मम्मी ने पेटीकोट से खुद का शरीर पौंछ लिया और एक पैंटी पहन ली.
फिर नया पेटीकोट पहन कर उसे अपने मम्मों तक चढ़ा कर बाँध लिया.

मैं जल्दी से कमरे में आ गया.
कुछ ही देर बाद मम्मी भी आ गईं.

उन्होंने मेरे सामने ब्रा और ब्लाउज पहना.
अब हम दोनों ने नाश्ता किया.

सारा दिन ऐसे ही निकल गया.
उस रात को भी पापा ने चुदाई नहीं की.

मुझे लगा कि पापा मम्मी को हफ्ते में एक बार ही चोदते होंगे वह भी दो मिनट के लिए.

इस तरह से मुझे मम्मी और पापा को देखते हुए पूरे 5 दिन हो गए थे.
पापा ने चुदाई नहीं की थी.

दूसरी तरफ मैं रोज बाथरूम में मम्मी को नंगी देखता था.

मम्मी हमेशा साबुन लगाती हुई अपनी चूत को मसलती थीं.
मगर अभी तक मैंने उन्हें उंगली करते हुए नहीं देखा था.

फिर एक रात मुझे माँ सेक्स का वह दृश्य दिख गया जिसे देखने के लिए मैं मरा जा रहा था.

रात को मम्मी पापा के सोने के बाद मैं अपने कमरे में आ गया.
मगर मुझे नींद नहीं आ रही थी इसलिए मैं मोबाइल में गेम खेल रहा था.

तभी बाहर मुझे किसी के चलने की आवाज़ आई.
मैंने हल्के से दरवाजा खोला और बाहर देखने लगा.
मुझे कोई दिखाई नहीं दिया.

फिर मैं मम्मी पापा के कमरे के पास आ गया.
मैंने देखा कि अन्दर पापा सो रहे हैं और मम्मी बिस्तर पर नहीं थीं.

मैं जल्दी से बाथरूम की तरफ गया.
मगर बाथरूम खाली था.

अब मैं दबे पांव छत पर गया.
वहां मैंने देखा कि मम्मी दीवार के सहारे बैठी थीं.
वे ऐसी जगह बैठी थीं, जिधर से उन्हें कोई देख नहीं सकता था.
इतनी देर रात को तो वैसे भी कोई छत पर नहीं होता है.

मम्मी की मैक्सी घुटनों के ऊपर थी और वे जल्दी जल्दी अपनी चूत को रगड़ रही थीं.
उनका एक हाथ उनकी चूचियों पर था जिनको वे दबा रही थीं.

मैंने उनकी वीडियो बनानी शुरू कर दी.
मम्मी ने अपनी चूत को शांत करने के लिए घर की सबसे सेफ जगह चुनी थी.

मम्मी अपनी चूत और चूचियों को मसल रही थीं और मैं वहीं आड़ में खड़ा होकर यह सब देख रहा था.

कुछ देर बाद ही मम्मी शांत हो गईं.
उन्होंने खुद की मैक्सी ठीक की और वहां से उठने लगीं.

मम्मी जैसे ही नीचे आने लगीं, तब तक मैं अपने कमरे में आ चुका था.
मैं मम्मी की वीडियो देखता रहा और लंड सहलाता रहा.

कुछ देर बाद मैं मुट्ठी मार कर सो गया.

दोस्तो, मैंने यह जान लिया था कि मेरी मम्मी प्यासी हैं.
अब सेक्स कहानी के अगले भाग में आपको अपने पड़ोस वाले राहुल भैया की मम्मी से चुदाई किस तरह से हुई, वह लिखूँगा.

आप मुझे कमेंट्स करके जरूर बताएं कि आपको माँ सेक्स की गरम कहानी कैसी लग रही है.
rahul.biswas828@gmail.com

माँ सेक्स की गरम कहानी का अगला भाग:
 

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Part 3​

पड़ोसन की चुदाई कहानी में मेरे पड़ोसी भैया ने मेरे माध्यम से मेरी सेक्सी और प्यासी मॅाम को सेट करके मुझे दिखाकर उनकी चूत की चुदाई की. मैं खिड़की से देख रहा था.

दोस्तो, मैं सुजय आपको अपनी मम्मी की प्यासी जवानी की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के दूसरे भाग
माँ की नंगी वीडियो बनाई
में अब तक आपने जाना था कि पड़ोस वाले राहुल भैया के कहने पर मैं अपनी मम्मी के ऊपर नजर रखने लगा था और आखिर मैंने उनकी चूत में उंगली करने वाली वीडियो बना ही ली.

अब आगे पड़ोसन की चुदाई कहानी:

सुबह उठा तो पापा जा चुके थे.
फिर मैंने मम्मी को बाथरूम में और कपड़े पहनते देखा.

भैया का कहना बिल्कुल ठीक था.
मम्मी को चुदाई की ज़रूरत थी.

शाम होते ही मैं भैया के घर गया और उन्हें सारी बातें बता दीं.

भैया- देखा मैंने कहा था ना … तेरे पापा से तेरी मम्मी की चूत शांत नहीं होती है. इसीलिए वे रात को अपनी चूत को उंगली से शांत करती हैं.
मैं- हां भैया, आपने सही कहा था. मगर पापा मम्मी की चुदाई ठीक से करते क्यों नहीं हैं?

भैया- यार, तेरे पापा थके हुए होते होंगे. या उन्हें अब तेरी मम्मी के साथ मज़ा नहीं आता होगा. मगर सच कहूँ तो तेरी मम्मी का बदन किसी के भी लंड को खड़ा कर सकता है.
मैं- हां भैया, आप सही कह रहे हो. मेरा लंड भी उन्हें देखकर खड़ा ही रहता है.

भैया- यार, अगर मैं तेरा बाप होता, तो रोज तेरी मम्मी की चुदाई करता.
मैं- भैया, आप मम्मी को चोदना चाहते हो?

भैया- यार तू बुरा मत मानना. मगर जब मैंने तेरी मम्मी को पहली बार देखा था. मैं तभी से उन्हें चोदना चाहता हूँ.
मैं- वैसे आग तो उनकी चूत में भी लगी हुई है.

भैया- यार, तेरी मम्मी शायद डर की वजह से किसी को भाव नहीं देती हैं. मगर एक बार अगर मुझसे चुदवा लेंगी, तो मैं उनकी सारी शर्म दूर कर दूँगा.
मैं- भैया तो आप एक बार और कोशिश करके देख लो. हो सकता है वह मान जाएं.

भैया- नहीं यार, वे नहीं मानेंगी. तेरी मम्मी की चुदाई के लिए मुझे कुछ और प्लान करना पड़ेगा. जिससे वह मना नहीं कर पाएं और खुद मुझे अपनी चूत चोदने दे दें.
मैं- भैया ऐसा कुछ प्लान है आपके पास?
भैया- हां यार है, मगर तुझे वह वीडियो मुझे देनी होगी.

मैं- मतलब आप मम्मी को वीडियो दिखा कर सैट करोगे?
भैया- यार, अब इसके अलावा क्या करूँ?
मैं- ठीक है भैया, मैं आपको वीडियो दे देता हूँ और मैं जानता हूँ कि आप उनकी गर्म चूत को शांत कर दोगे. वैसे भी आपके जैसा मोटा लंड उन्हें कहां मिलेगा. लेकिन आप ये वीडियो किसी को दिखाना मत!
भैया- अरे पागल है क्या … मैं क्यों किसी को दिखाऊंगा.

फिर भैया ने मुझे सारा प्लान समझा दिया और मैं घर आ गया.

अगले दिन रविवार था.
मैं नाश्ता करके भैया के घर चला गया.
आज तो मुझे मम्मी की चुदाई देखनी थी.

भैया मुझे छत पर ले गए और वे अब मेरे घर की छत पर आ गए.
भैया ने मुझे वहीं छत पर रुकने के लिए कहा.

उस समय बारह बजे का टाइम था.
पापा तो सुबह ही चले गए थे.

मैं भी बाहर का काम बोल कर घर से निकल गया था.

घर में मम्मी अपने काम खत्म करके टीवी देख रही थीं.

तभी भैया मम्मी को आवाज़ देते हुए नीचे चले गए- भाभी ओ भाभी … कहां हो आप?

मम्मी अन्दर से बाहर आईं.
उन्होंने मैक्सी पहनी हुई थी.

वे भैया को देखते ही बोल पड़ीं- राहुल आप यहां क्या कर रहे हैं? आप अन्दर कैसे आए?
भैया- बस भाभी, आपसे ही मिलने आया हूँ. वह भी छत से, गेट से आता तो मोहल्ले वाले पता नहीं आपके और मेरे बारे में क्या सोचते?

मम्मी- मेरे पति अभी घर पर नहीं हैं. जब वे आएं, तभी आप आना … और यह क्या बात हुई कि मोहल्ले वाले क्या सोचेंगे? आप यहां से चले जाओ.
भैया- भाभी, मैं आपसे प्यार से बात कर रहा हूँ और आप मुझे एटिट्यूड दिखा रही हो. मैं आपको कितना प्यार करता हूँ, यह तो आप समझ ही नहीं रही हैं.

मम्मी- आपको शर्म नहीं आती है. मैं शादीशुदा औरत हूँ. मेरा एक बड़ा बेटा भी है.
भैया- क्या करूं, भाभी जबसे आपको देखा है. मुझे तो आपका नशा सा हो गया है.

मम्मी- मैं आपको कितनी बार कह चुकी हूँ कि मुझे ये सब पसंद नहीं है. आप अभी यहां से नहीं गए, तो मैं अपने हज़्बेंड को सब बता दूँगी.
भैया- भाभी, अगर बताना होता तो आप अब तक कभी का बता देतीं. मगर मैं जानता हूँ कि आपका पति आपकी गर्मी नहीं निकाल पाता है.

मम्मी ऐसी बातें सुनते ही भड़क गईं- तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे पति के बारे में ऐसी बात करने की. तुम यहां से जाते हो … या मैं शोर मचाऊं?

भैया आगे बढ़े और उन्होंने मेरी मम्मी का हाथ पकड़ लिया.
मम्मी उनसे अपना हाथ छुड़ाने लगीं.

मम्मी- यह क्या बदतमीज़ी है. छोड़ो मुझे … वरना मैं चिल्ला दूँगी.
भैया- चिल्लाओ भाभी, फिर मैं मोहल्ले वालों को आपकी वीडियो दिखाऊंगा.

मम्मी- यह आप क्या कह रहे है. कौन सी वीडियो दिखाओगे?
भैया ने अपना मोबाइल निकाला और मम्मी की वीडियो उन्हें दिखा दी.

वीडियो देखते ही मम्मी का हलक सूख गया और वे चुप हो गईं.

भैया सोफे पर बैठ गए.
मम्मी अपना सिर पकड़ कर रोने लगीं.

तभी भैया ने उन्हें आवाज़ दी- भाभी रो मत और यहां मेरे पास आ जाओ.
मम्मी- राहुल, प्लीज़ इस वीडियो को डिलीट कर दीजिए. अगर ये वीडियो किसी ने देख ली, तो मैं किसी को मुँह दिखाने लायक नहीं रहूंगी.

भैया- भाभी, मैं जानता हूँ. आपका पति आपकी चुदाई नहीं करता है. इस वीडियो में देखो … आप कैसे अपनी चूत की गर्मी निकाल रही हो. मैं भी आपसे यही चाहता हूँ कि आप अपनी चूत की गर्मी मुझसे शांत करवा लें.
मम्मी- राहुल, मैं ऐसा नहीं कर सकती हूँ. मैंने आज तक आपने पति को धोखा नहीं दिया है.

भैया- भाभी, पति को धोखा तो आप पहले ही दे चुकी हो. अगर एक शादीशुदा औरत को अपनी चूत की गर्मी निकालने के लिए अपनी उंगली का सहारा लेना पड़े, तो वह भी धोखा ही होता है.

तब भैया ने मम्मी का हाथ पकड़ा और उन्हें अपनी गोद में बिठा लिया.
मम्मी उठना चाह रही थीं मगर भैया ने उन्हें कमर से पकड़ा हुआ था.

भैया- भाभी आपकी और मेरी किस्मत एक जैसी है. मेरे पास कोई गर्लफ्रेंड नहीं है इसलिए मैं अकेला हूँ … और आपके पास पति है … फिर भी आप अकेली हो. क्या हम दोनों एक दूसरे का अकेलापन दूर नहीं कर सकते हैं?

मम्मी- राहुल, आप समझ क्यों नहीं रहे हैं? मैं जानती हूँ कि मेरे पति मुझे टाइम नहीं देते हैं. मगर मैं फिर भी खुश हूँ. अगर आपके और मेरे बारे में किसी को पता चल गया, तो मैं तो जीते जी मर जाऊंगी.

भैया बार बार मम्मी को समझा रहे थे मगर मम्मी नहीं मान रही थीं.

तब भैया बोले- ठीक है भाभी अब मैं यह वीडियो सुजय को भेज देता हूँ. वह भी तो देखे कि जिस चूत से वह निकला है. उसकी मम्मी उस चूत को कैसे शांत करती हैं.

मेरा नाम आते ही मम्मी डर गईं- राहुल प्लीज़, सुजय और मेरे पति को ये बात नहीं मालूम चलनी चाहिए. आप जो बोलेंगे मैं वह करूँगी.

भैया- भाभी मुझे अपने बेडरूम में ले चलो. हम दोनों वही एंजाय करेंगे और मैं आपसे वादा करता हूँ कि यह बात किसी को मालूम नहीं चलेगी.

अब मम्मी आगे चलने लगीं और भैया उनके पीछे पीछे बेडरूम में चले गए.

भैया- आपका बेडरूम बहुत अच्छा है भाभी! मगर यह सब किसी काम का नहीं है. क्या फायदा इस सजावट का … एक औरत को जो चीज़ चाहिए, वह तो आपके पति आपको देते नहीं हैं.

भैया ने मम्मी को बेड पर बिठा दिया और उनकी टांगें उठा कर मैक्सी ऊपर कर दी.

मम्मी ने अन्दर सफेद पैंटी पहनी थी.
मम्मी बार बार अपनी मैक्सी नीचे कर रही थीं मगर भैया के आगे उनकी एक नहीं चल रही थी.

भैया ने बड़े प्यार से मम्मी की पैंटी निकाल दी और उसे सूंघने लगे.

मम्मी भैया से बोलीं- राहुल प्लीज़!
भैया- भाभी मैं खुद अकेला हूँ. इसलिए बस अपना और आपका अकेलापन दूर करना चाहता हूँ.

भैया ने बड़े प्यार से मम्मी की टांगें खोल दीं.
उनकी टांगें खुलते ही आज पहली बार मैंने मम्मी की चूत देखी थी.

मम्मी अपने हाथ से अपनी चूत छुपा रही थीं मगर भैया उनके हाथ हटा दे रहे थे.

भैया ने अपना मुँह मम्मी की चूत में लगा दिया.
मैं बाहर खड़ा सब देख रहा था.

भैया तो जैसे मम्मी की चूत से चिपक गए थे … भैया मम्मी की चूत चाटते रहे.

जल्दी ही भैया की जीभ का कमाल मम्मी के ऊपर दिखाई देने लगा.
मम्मी के चेहरे पर कामुकता भरे भाव आने लगे.

भैया ने एक हाथ मैक्सी के अन्दर डाला और वह मम्मी की चूचियां दबाने लगे.
दूसरी तरफ चूत चाटते हुए वे मम्मी की चूत में उंगली करते रहे.

बीच में कई बार मम्मी ने आपने मुँह पर हाथ रखा और खुद की सिसकारियां दबाने की कोशिश की.
मगर भैया की चूत चटाई से वे ज्यादा देर टिक नहीं पाईं और उनका पानी निकल गया.

भैया ने जब अपना मुँह हटाया, तो मैंने देखा कि मम्मी की चूत गीली पड़ी है.
तब भैया ने मम्मी को उठाया.

मम्मी अपना चेहरा छुपा रही थीं.
भैया ने मम्मी की मैक्सी उतार दी.

अब मम्मी सिर्फ़ एक ब्रा में बैठी थीं.
भैया ने मम्मी की ब्रा भी निकाल दी.
मम्मी की चूचियां बाहर निकल आईं.

भैया बारी बारी से मम्मी की चूचियों से खेलने लगे, उन्हें दबाने लगे और चूसने लगे.

फिर भैया ने अपना पजामा निकाल दिया और वे मम्मी के सामने नंगे खड़े हो गए थे.
मम्मी की भी नज़र भैया के लंड पर ही थी.

भैया ने मम्मी का हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया.

भैया मम्मी के हाथ से लंड को आगे पीछे कर रहे थे और दूसरे हाथ से मम्मी की चूचियों के साथ खेल रहे थे.

फिर भैया ने मम्मी को बेड पर लिटा दिया और उनकी टांगें फैला दीं.

भैया ने मम्मी की टांगें पकड़ीं और अपने पास खींच लिया.
इससे मम्मी की चूत भैया के लंड से मिल गयी.

भैया मम्मी की चूत पर अपने लंड से मार रहे थे.
वे ऐसा करते हुए कई बार खिड़की की तरफ देखते थे, जहां कूलर लगा हुआ था.
वे जानते थे कि मैं वहीं से उनकी चुदाई देख रहा हूँ.

भैया मम्मी की चूत पर लंड रगड़ रहे थे मगर उसे अन्दर नहीं डाल रहे थे.

भैया ने मम्मी से कहा- भाभी, मेरा लंड अपनी चूत के छेद पर लगा दो.
मम्मी भी अब बिल्कुल गर्म हो चुकी थीं क्योंकि उनकी चुदाई भी काफ़ी दिनों से नहीं हुई थी.

इसलिए उन्होंने भैया का लंड पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर लगा दिया.
भैया ने हल्के हल्के अपना लंड मम्मी की चूत में उतार दिया.

लंड जाने में मम्मी को कोई तकलीफ़ नहीं हुई मगर उन्होंने एक मीठी आह के साथ अपनी आंखें ज़रूर बंद की थीं.

भैया ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और अपने हाथ पर थूक लेकर लंड पर लगा लिया.

अब लंड थूक से गीला होकर चमक रहा था.
भैया ने फिर से अपना लंड चूत पर लगाया और उनका लंड मम्मी की चूत को चीरता हुआ अन्दर चला गया.

इस बार मम्मी के मुँह से एक चीख निकल गयी- आहह!

भैया मम्मी की जांघें पकड़ कर धक्के लगाने लगे.
वे धक्के लगाते हुए मम्मी को चाट रहे थे.

उनकी जीभ मम्मी के मम्मों पर चल रही थी और उनका लंड मम्मी की चूत की गहराई में तबाही मचा रहा था.

मम्मी को जिस चुदाई का सुख चाहिए था, वह उन्हें भैया दे रहे थे.

इस बात का सबूत मम्मी की मीठी आहें साफ बता रही थीं ‘आहह एम्म्म आह …’
मम्मी के चेहरे पर खुशी के भाव साफ दिख रहे थे.

फिर भैया मम्मी के ऊपर झुक गए और उनकी चूचियों से खेलने लगे.
वे एक को मुँह में पकड़ कर खींचने लगे और मम्मी अपनी छाती को उठा कर भैया को दूध पिलाने की कोशिश करने लगीं.

जब भी भैया मम्मी की चूची को मुँह में पकड़ कर खींचते तो मम्मी के मुँह से पूफ पूफ की आवाज़ आती थी.

भैया धक्के लगाने के साथ साथ मम्मी को और भी ज्यादा गर्म कर रहे थे.

कुछ देर बाद मम्मी के मुँह से एक ज़ोर की आहह निकली और उनका शरीर ढीला पड़ गया.

भैया ने धक्के लगाने रोक दिए और मम्मी के होंठों को चूसने लगे.
इस बार मैंने देखा कि मम्मी ने भी भैया के होंठों को चूसना शुरू कर दिया.

मज़े के पल में मम्मी भूल गयी थीं कि भैया ने उन्हें जबरन सैट करके उनकी चुदाई की है.

वे तो बस उस चरम सुख का आनन्द ले रही थीं जो भैया ने उन्हें दिया था.

अब भैया ने मम्मी की चूत से लंड निकाल लिया.
भैया के लंड का टोपा मम्मी की चूत के पानी से चमक रहा था.

तब भैया बेड पर लेट गए और उन्होंने मम्मी को अपने ऊपर ले लिया.
मम्मी भैया के ऊपर झुकी हुई थीं.

कुछ ही देर में भैया ने लंड वापस मम्मी की चूत में डाल दिया.

मम्मी भैया को कामुक भाव से देख रही थीं और भैया उन्हें देखकर हंस रहे थे.

भैया ने मम्मी की कमर पकड़ी और उसे आगे पीछे चलाने लगे.

कुछ देर तक भैया ही मम्मी की कमर को पकड़ कर चला रहे थे.
मगर फिर मम्मी खुद अपनी कमर को हिला रही थीं.

भैया मम्मी की चूचियों को मसल रहे थे.
मम्मी जल्दी जल्दी अपनी कमर चला रही थीं.
शायद वे भैया को जल्दी ठंडा करना चाह रही थीं.
मगर भैया भी तगड़े खिलाड़ी थे, वे ज़ोर ज़ोर से साँसें ले रहे थे और अपना लंड कंट्रोल कर ले रहे थे.

भैया ने मम्मी को डॉगी स्टाइल में आने को कहा.
मम्मी भी बेड पर डॉगी स्टाइल में आ गईं.

भैया बेड के नीचे खड़े होकर मम्मी की चूत में लंड पेलने लगे.
मम्मी की बड़ी गांड की वजह से भैया को छेद नहीं मिल रहा था.

भैया- भाभी अपनी गांड को आपने दोनों हाथों से फैला लो.
मम्मी ने एक पल की देरी किए बिना अपनी गांड फैला ली.

भैया ने ऐसा मेरे लिए किया था.

जैसे ही मम्मी ने गांड फैलाई, भैया ने खिड़की की तरफ देखा और हंसने लगे.

अब मुझे मेरी मम्मी की चूत का छेद बिल्कुल खुला हुआ दिख रहा था.
उनकी गांड का छेद भी हल्का सा खुल गया था.

भैया ने अपना लंड मम्मी की चूत में डाल दिया और उनकी कमर पकड़ कर धक्के लगाने लगे.

मम्मी बेड पर हाथ रखकर झुकी हुई थीं और उनकी चूचियां झूल रही थीं.
वे भैया के धक्कों की वजह से हिल रही थीं.

भैया ने बीच में कई बार मम्मी की चूचियों को दबाया और ज़ोर से मसल दिया.

फिर भैया ने मम्मी के बालों को पकड़ लिया और तेज तेज धक्के देते रहे.

कुछ ही देर में भैया की स्पीड बहुत तेज हो गयी थी और कुछ ही धक्कों के बाद भैया अपना पूरा लंड मम्मी की चूत में ठांस दिया और वे पड़ोसन की चुदाई करके झड़ कर शांत हो गए.

मम्मी आगे बढ़ना चाहती थीं मगर भैया ने उन्हें पकड़ रखा था.

जब भैया ने अपना लंड बाहर निकाला, तब मम्मी की चूत से भैया का गाढ़ा पानी बेड पर गिरने लगा.

मम्मी के खुले छेद पर भैया का पानी लगा हुआ था.

मम्मी जल्दी से बाहर जाना चाहती थीं मगर भैया ने उन्हें रोक लिया और मुझे वहां से हटने का इशारा किया.
मैं खिड़की से हट गया और स्टोर रूम की तरफ छुप गया.

थोड़ी ही देर में मम्मी बाहर आ गईं.
वे बाथरूम में चली गईं.
वहां उन्होंने खुद को साफ किया और वापस कमरे में आ गईं.

मैं भी खिड़की के पास गया और अन्दर देखने लगा.
मम्मी कपड़े पहनने लगीं. मगर भैया ने उन्हें फिर से बेड पर खींच लिया.

मम्मी- राहुल, आप जो करना चाहते थे, वह आपने कर लिया. अब यहां से चले जाइए. मेरा बेटा आता ही होगा.
भैया- चला जाऊंगा भाभी, बस ये बताओ कि आपको मज़ा आया या नहीं?

मम्मी- इसका मेरे मज़े से क्या लेना देना है? आपको तो बस मेरे साथ सेक्स करना था. जो आपने कर लिया. अब प्लीज़ यहां से चले जाओ!

भैया- तो भाभी आज किसी और लंड लेकर कैसा लगा? क्या मैंने आपके पति से ज्यादा अच्छे से चुदाई की है? सच बताना … आपको आपके बेटे की कसम है!

मम्मी दुविधा में पड़ गईं कि वह इस बात का क्या जवाब दें.
मगर मेरी कसम के चलते उन्हें सच कहना पड़ा.

मम्मी- हां मुझे आपके साथ सेक्स करके मज़ा आया.
भैया यह बात सुनते ही मम्मी को किस करने लगे. मगर मम्मी ने उन्हें दूर कर दिया.

भैया- भाभी सच बताऊं, मैंने जब आपको फर्स्ट टाइम देखा था. तभी से मैं आपका दीवाना बन गया था.
मम्मी भैया की बातें सुनती रहीं.

फिर मम्मी और भैया ने कपड़े पहन लिए.

भैया- भाभी में रात को छत पर आपका इंतज़ार करूँगा. आप आपने पति के सोने के बाद आ जाना. आपकी चूत की सारी गर्मी निकाल दूँगा.

मम्मी- आपका दिमाग़ खराब हो गया है! मैं ऐसा कुछ नहीं करने वाली. अगर मेरे पति या बेटे ने देख लिया, तो मेरी तो ज़िंदगी बर्बाद हो जाएगी.

भैया- भाभी जैसे आप उंगली करने ऊपर आ गयी थीं … बस वैसे ही आ जाना. किसी को शक नहीं होगा. रात को एक बजे मैं आपका इंतज़ार करूँगा.
मम्मी बड़ी ही अज़ीब असमंजस में फंस गयी थीं.

भैया के कमरे से निकलने से पहले मैं छत पर आ गया.
कुछ देर में भैया भी आ गए.

भैया ने मुझे देखते ही गले लगा लिया.
भैया- थैंक्यू थैंक्यू सुजय … आज तेरी वजह से ही मैं आपने प्यार को हासिल कर सका हूँ.

मैं- भैया आपको मेरी मम्मी के साथ मज़ा आया?
भैया- यार सुजय, तेरी मम्मी की चूत एकदम मक्खन जैसी है. चाटने में भी बहुत मज़ा आया … और चोदने में उससे भी ज्यादा मज़ा आया.

मैं- भैया आपने मम्मी का पानी कितनी बार निकाला?
भैया- यार मुझे लगता है कि कम से कम 3 बार उनका पानी निकल गया था. पूरी चूत गीली हो गयी थी.

मैं- भैया आपने मम्मी को रात में बुलाया है. आपको क्या लगता है वे आएंगी!
इस बात को लेकर भैया हंसने लगे और बोले- लंड की चाह उन्हें जरूर खींच कर लाएगी … मेरा दावा है.

तो दोस्तो, यह मेरी मम्मी की पड़ोसन की चुदाई कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
rahul.biswas828@gmail.com
 

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