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Hindi - हिन्दी मैंने सच में पहली बार लंड चूसा

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हैण्डजॉब ब्लोजॉब सेक्स कहानी में मेरे एक दोस्त ने मुझे मुठ मारना सिखाया. वह मुझसे अपनी मुठ मरवाता था, मुझसे लंड भी चुसवाता था लेकिन मेरी गांड नहीं मारता था.

मेरा नाम अन्नू है और मेरी उम्र 21 साल है.

यह मेरी उस वक्त की हैण्डजॉब ब्लोजॉब सेक्स कहानी है, जब मैं ग्यारहवीं कक्षा में आया था और नया नया जवान हुआ था.

जूनियर कॉलेज में हम लड़के अकेले में सेक्स और लड़कियों की बातें करते थे.

उस वक़्त में बिल्कुल ही औसत दिखने वाला लड़का था और अभी तक मैंने मुट्ठी मारना नहीं सीखा था.

मेरी क्लास में एक लड़का था प्रथम, जो मेरा बेस्ट फ्रेंड था.
उसने मुझे मुट्ठी कैसे मारते हैं, वह बताया था.

मैंने घर जाकर ट्राई किया पर मुझसे कुछ नहीं हो पाया.

दूसरे दिन मैंने उससे कहा कि हम दोनों साथ में मुट्ठी मारते हैं.
वह राजी हो गया.

क्लास खत्म होने के बाद हम दोनों मेरे घर पर आ गए.

मेरे बेडरूम में जाकर दरवाजा बंद किया.
मैं बहुत एग्ज़ाइटेड था.
मैंने प्रथम को बेड पर बिठाया और उसके सामने खड़ा हो गया.

प्रथम ने मेरे पैंट की बटन खोली और पैंट की जिप खोल दी.
मैंने पहले अपनी पैंट उतार दी और उसके सामने सिर्फ़ चड्डी में खड़ा हो गया.

फिर उसने मेरी चड्डी को कमर से पकड़ कर नीचे खिसका दिया.
मैंने अपनी चड्डी उतार दी.

अब में सिर्फ़ टी-शर्ट में उसके सामने खड़ा था और नीचे से बिल्कुल नंगा था.
मैंने उसका एक हाथ पकड़ा और मेरे लंड पर रख दिया.

पहली बार मेरे लंड को किसी ने पकड़ा था.
मैं उसे देख मुस्कुराया और उसने भी झट से मेरे लंड को हिलाना शुरू कर दिया.

मैंने उसे गले से लगाया और उसे पागलों की तरह किस करने लगा.
दूसरी तरफ प्रथम मेरे लंड को पकड़ कर मुट्ठी मार रहा था.

कुछ देर बाद मुझे ऐसा लगा कि कुछ निकलने वाला है.
तो मैंने प्रथम को बताया.

उसने लंड हिलाने की स्पीड बढ़ा दी.
मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं और अपना सारा पहला रस उसके हाथ पर निकाल दिया.

मैंने तुरंत अपने पैंट को ऊपर करके पहन लिया और प्रथम को बाथरूम में हाथ साफ करने भेज दिया.

प्रथम के बाद मैंने भी अपना लंड साफ कर लिया.

उस दिन पहली बार मैंने किसी के सामने अपने लंड से पानी निकाला था और किसी के सामने नंगा हुआ था.

दूसरे दिन हम क्लास में मिले, तो मैंने उससे पूछा- कल कैसा लगा?
तो प्रथम ने कहा- मुझे बहुत मज़ा आया. पर तुमने जल्दी ही अपनी पैंट क्यों पहन ली थी? अगर कुछ देर और मेरे सामने नंगे रहते तो मुझे और अच्छा लगता.

यह सुनकर मैं समझ गया कि प्रथम को मेरा नंगा रहना पसंद आया था.
वह शायद कुछ और भी कर सकता था.

तब भी मैं खुश था कि उसे कल मज़ा आया.

उस दिन के बाद हमारी दोस्ती और गहरी हो गयी.

उसके बाद प्रथम को जब मौका मिलता, वह मेरे लौड़े को सहला देता.
मज़ाक मज़ाक में वह कभी भी मेरे लंड को पैंट के ऊपर से पकड़ कर मसल लेता.

एक दिन हम दोनों क्लास में बैठे थे.
मैं दीवार के करीब एक कोने में बैठा था और प्रथम मेरे बाजू में था.

क्लास में सर पढ़ा रहे थे पर प्रथम का ध्यान तो मेरी तरफ था.

उसने टेबल के नीचे से मेरे लंड को पकड़ा और दबाने लगा.
मैंने भी उसका साथ दिया, खुद के लौड़े को किताबों और बैग से छुपा लिया.

प्रथम ने पूरी भरी क्लास में धीरे से मेरी पैंट की चैन को खोल दिया और उसने अपना हाथ मेरी पैंट और चड्डी के अन्दर डाल दिया.

जैसे ही उसके हाथ ने मेरे लंड को छुआ, मेरी पूरी बॉडी में करेंट दौड़ गया.

उसने चालू क्लास में मेरा लंड हिलाना शुरू कर दिया.

करीब 15-20 मिनट टक लगातार लंड हिलाने के बाद मैंने उसे इशारा किया कि मेरा निकलने वाला है.

उसने तुरंत लंड हिलाना रोक दिया और अपना हाथ मेरी पैंट में से निकाल लिया.
मैंने भी अपने आपको रोक लिया.

तभी क्लास पूरी होने की घंटी बजी और हम दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कुराने लगे.

अब यह खेल रोज का हो गया था.
रोज क्लास चलना शुरू होती, तो प्रथम दस मिनट तक मेरा लंड हिलाता, पर पानी नहीं निकालता.
बस कभी कभी मेरा प्रीकम उसके हाथ में लग जाता.

एक दिन क्लास के बाद मैंने उससे रिक्वेस्ट की- तुम मेरे घर चलो.
वह राजी हो गया.

हम दोनों स्कूल से घर आ गए और मेरे रूम में बैठे थे.

इस बार मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए.
प्रथम को मुझे नंगा देखना और मेरे नंगे बदन को छूना अच्छा लगता था.

उसने मेरे लंड को और टट्टों को छेड़ना शुरू कर दिया.

मैंने इस बार उसकी पैंट को निकालने की कोशिश की.
उसने कुछ नहीं कहा.

मैंने उसकी पैंट और चड्डी को नीचे घुटनों तक खिसका दिया.

पहली बार प्रथम मेरे सामने नंगा हुआ था.
मैं उसका लंड हिलाने लगा.

थोड़ी देर बाद प्रथम ने मुझसे कहा- मेरा लंड मुँह में लेगा क्या?
पहले मैंने मना किया पर बाद में मेरी भी इच्छा हो गयी.

मैं घुटनों पर नंगा बैठ गया और मैंने उसका लंड मुँह में ले लिया.
थोड़ी देर तक लंड चूसता रहा.

उसके लंड की खुशबू और टेस्ट मुझे अच्छी लगने लगी तो मैंने भी अपने लंड चूसने की स्पीड बढ़ा दी.

काफी देर तक लंड चूसने के बाद प्रथम ने मुझे अपने से दूर कर दिया और अपना सारा माल नीचे गिरा दिया.

उस दिन प्रथम को मैंने पहली बार नंगा देखा था और उसे अपने हाथ से अपना लंड हिलाते देखा था.

मैं चाहता था कि प्रथम भी मेरे सामने अपने पूरे कपड़े उतार कर नंगा हो जाए.
पर प्रथम ने कभी ऐसा नहीं किया.

कुछ दिनों बाद प्रथम से मैं रात को सेक्स भरी बातें करता था कि कैसे हम दोनों सेक्स करेंगे.
हमारा कॉलेज खत्म हुआ और हम अलग अलग शहर चले गए.

फिर भी फोन पर सेक्स चैट करते थे.
मैं उसे बताता था कि मुझे कैसे उससे चुदवाना है.

लेकिन एक दिन प्रथम का मैसेज आया कि उसे लड़कियों में इंटेरेस्ट है. उसे लड़कों की गांड मारने में कोई इंटरेस्ट नहीं है.
मेरा दिल टूट गया और मेरे सारे सपने चूर चूर हो गए.

मैं अब तक प्रथम से प्यार करता था पर उसने मुझे स्वीकार नहीं किया.
आज भी वह मुझे लंड चूसने के लिए, मिलने के लिए और नंगा होने के लिए मैसेज करता है.

मैंने उससे कहा- मेरे साथ सेक्स करो!
पर उसे सिर्फ़ मेरे मुँह में अपना लंड देना पसंद है.
वह अपना माल मेरे मुँह में या फेस पर या बॉडी पर निकालना पसंद करता है.

मुझे अब लगने लगा कि प्रथम सिर्फ़ मेरा खिलौना जैसे इस्तेमाल करता है, सिर्फ़ अपनी हवस शांत करने के लिए.

उसके मना करने के बाद मैं उससे सिर्फ़ कुछ बार ही मिला हूँ और मुझे उसके सामने नंगा होकर उसका लंड चूसना पड़ा ताकि वह अपना फैसला बदल दे.
मगर वह हैण्डजॉब ब्लोजॉब सेक्स के बाद निष्ठुरता से मुझे हर बार मना कर देता रहा.

उसके लिए आज भी मेरे दिल में प्यार है और मैं उसे कभी भी लंड चूसने से मना नहीं कर पाया.

अब मैं उसे पाने की चाह से आगे बढ़ गया हूँ और उम्मीद करता हूँ कि कोई एक अच्छा लड़का मेरी जिंदगी में आए, मैं अपने आपको उसके हवाले कर दूंगा.

मैं अपने प्यार के लिए कुछ भी कर सकता हूँ और जो वह कहेगा, उसके लिए मैं वह सब करने को तैयार हो जाऊंगा.

दोस्तो, यह सेक्स कहानी एकदम सच्ची है. इसमें मैंने सिर्फ़ नाम बदले हैं.
पर मैंने इसमें अपने मीठे अहसासों की गाथा ही लिखी है.

मैं अपने प्यार का इंतजार कर रहा हूँ और उसी के साथ सेक्स करने का भी सोचता हूँ.

आपको मेरी हैण्डजॉब ब्लोजॉब सेक्स कहानी अच्छी लगी होगी.
मुझे मेल और कमेंट्स में जरूर बताएं.
jawanikajosh@outlook.com
 

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