18upchoti !

Enjoy daily new desi sex stories at 18upchoti erotic literature forum. Also by creating an account here you will get exclusive access to features such as posting, discussion, & more. Feel free to sign up today!

Register For Free!
  • Activate dark mode by clicking at the top bar. Get more features + early access to new stories, create an account.

Hindi - हिन्दी Incest मॉम की चुत चुदाई का सवाल

  • Thread Author
मॅाम डैड सेक्स कहानी में मैं अपने मामी पापा के कमरे में ही सोता था तो रात को उन दोनों की चुदाई देखता था. मुझे बहुत मजा आता था. इस सबसे मेरी भी वासना बढ़ने लगी.

दोस्तो, मेरा नाम मोहित पंडित है और मैं 21 साल का हूँ.
हम लोग लखनऊ के रहने वाले हैं.

लखनऊ में हमारी इलेक्ट्रॉनिक आइटम की दुकान है. उसमें हम लोग टीवी, फ्रिज और मोबाइल आदि चीजें बेचते हैं.

मेरा बड़ा परिवार है, जिसमें मैं, मेरे दादा- दादी, मॉम-डैड, भैया-भाभी और उनके दो बच्चे हैं.

मेरी मॉम का नाम मोहिनी पंडित है. वे 43 साल की हैं. मेरी मॉम न ज्यादा मोटी हैं … न ज्यादा पतली हैं.
वे गोरी बहुत ज्यादा हैं और उनके बड़े बड़े चूचे व बड़ी सी गोल गांड है.

मॉम कभी पैंटी-ब्रा नहीं पहनती हैं जिससे कभी साड़ी का पल्लू गिर जाने से उनके चूचे साफ़ दिखायी देते हैं.
इसी वजह से मेरा उनकी ओर सेक्स आकर्षण बढ़ता जा रहा था.

मेरा घर तीन मंजिला है जिसमें नीचे एक हॉल, किचन और मंदिर है.
उसके ऊपर की मंजिल में दो कमरे और गुसलखाना है.
एक कमरे में दादा दादी और दूसरे में भैया भाभी रहते हैं.

तीसरी मंजिल में एक कमरा है जिसमें मैं, मॉम-डैड रहते हैं.
इसी कमरे में ट्रिपल बेड है. उस बेड पर एक बाजू डैड, बीच में मॉम और दूसरी बाजू मैं सोता हूँ.

मॉम नहा कर निकल कर कमरे में साया ब्लाउज में तैयार होती थीं.
उनके पैंटी-ब्रा न पहनने के कारण मुझे उनके चूचे तो दिखाई देते थे पर मैं किसी बहाने से मॉम की चूत देखने की कोशिश करता था.

मेरी मॉम को रात में नाईटी और कभी-कभी साया ब्लाउज पहन कर सोती थीं.
मुझे अंधेरे में सोने की आदत है तो मेरे डैड लाइट बंद कर देते हैं.

मेरे सो जाने के बाद मॉम-डैड सेक्स करते हैं.
उन्हें लगता है कि मैं सो गया हूँ पर अधिकतर बार मैं उन दोनों की चुदाई देखता था.

एक रात में मैं रोज की तरह 10 बजे लाइट बंद करके बेड पर लेट गया.
मुझे नींद नहीं आ रही थी; मैं बिना किसी हलचल के शांत लेटा रहा.

तभी मुझे अहसास हुआ कि मॉम ने अपनी नाईटी ऊपर की और एक टांग डैड के ऊपर रख दी.
मेरे डैड कुर्ता पजामा पहनते हैं.

तो डैड ने पोजीशन बनाई और अपने पजामा का नाड़ा खोलकर मॉम की चूत में लंड डाल दिया.

लंड लेते ही मॉम के मुँह से ‘आ…ह …’ की तेज आवाज निकल गई जो मैंने सुन ली.
मैं समझ गया कि मॉम डैड की चुदाई चालू हो गई है.

मैंने मॉम की चूत को देखना चाहा पर अंधेरे के कारण मुझे कुछ साफ तो नहीं दिख रहा था.

मैंने देखा कि डैड मॉम के ऊपर चढ़ चुके थे और आराम आराम से धक्के मार रहे थे … ताकि मैं जग ना जाऊँ.

फिर डैड मॉम उठे और बेड के नीचे चटाई बिछाने लगे.

उनके नीचे आने के बाद मॉम ने अपनी नाइटी निकाल दी और वे भी नीचे आ गईं.

मैंने दबी आंख से देखा तो पाया कि डैड ने भी अपने पूरे कपड़े निकाल दिए थे.
वे दोनों पूरी तरह नंगे हो गए.

फिर डैड मॉम एक दूसरे को कुछ मिनट तक कसके पकड़ कर चूमते रहे.

इसके बाद मॉम डैड के लंड को कुल्फी की तरह चूसने लगीं.
कुछ मिनट बाद मॉम को लिटा कर डैड उनकी चूत चाटने लगे.

इसके बाद डैड चुपचाप से अलमारी में से कंडोम लेकर आए और मॉम को दे दिया.

मॉम ने कंडोम हाथ में लिया और एक बार फिर से लंड को मुँह में लेकर एक पोर्न स्टार की तरह चाटने लगीं.
अब डैड ने मॉम से इशारे में चूत में लेने के लिए कहा और मॉम उनके साथ चुदाई के लिए खुद की चुत को रगड़ने लगीं.

उन दोनों की चुदाई की तैयारी देख कर मेरा सात इंच का लंड खड़ा हो चुका था.

फिर मॉम ने वही कंडोम डैड के लंड पर चढ़ा दिया और डैड ने अपना लंड मॉम की चूत में डाल दिया.
डैड सब कुछ भूल कर जोर जोर से मॉम की चूत चोदने लगे और थप थप की आवाज़ों से पूरा कमरा गूंजने लगा.

मॉम ने डैड से कहा- धीरे-धीरे धक्के मारो, नहीं तो मोहित जग जाएगा. वैसे भी हम दोनों रोज ही तो चुदाई करते हैं. मैं कहीं भागी थोड़ी जा रही हूँ. ऐसी जल्दी क्यों कर रहे हो?

अब डैड ने अपने धक्के धीरे कर दिए थे पर तब भी वे कभी कभी तेज तेज चुदाई करने लगते थे.
ऐसे ही धक्के मारते मारते डैड झड़ गए.

मॉम ने कंडोम को निकाल कर अलग कर दिया और डैड का लंड मुँह लेकर चूसने लगीं.
उन्होंने लंड को चाट चाट कर साफ़ कर दिया.

चुदाई के बाद दोनों नंगे ही बेड पर लेट गए.

अब मॉम अपनी गांड डैड की तरफ करके लेटी हुई थीं तो डैड ने अपना लंड वापस मॉम की चूत में डाल कर रज़ाई ओढ़ ली और वे दोनों सो गए.
कुछ देर बाद मैं चुपके से उठा और गुसलखाने में जाकर मुठ मारने लगा.

मैंने अपने लंड को झाड़ कर शांत किया और लौट कर आकर सो गया.

हमारे घर में सबसे पहले मॉम और भाभी उठती हैं क्योंकि घर की साफ़ सफाई और भगवान का भोग व नाश्ता वगैरह बनाना पड़ता है.

भैया सरकारी टीचर हैं. वे 9 से 12 के बच्चों को इंग्लिश पढ़ाते हैं.
उनका स्कूल लखनऊ से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर है.

मैं बीबीए भी कर चुका हूँ और मैं अपने डैड के साथ शोरूम संभालता हूँ.

मॉम ने मुझे 9 बजे उठाया और कहा- उठ जल्दी, तेरे डैड शोरूम पर चले गए हैं, तू जल्दी नहा ले और नाश्ता करके जल्दी चला जा!
मैं जल्दी उठकर तैयार होकर अपनी केटीएम बाइक निकाल कर शो रूम में चला गया.

शोरूम में आकर दिन भर में कल रात के बारे में सोचता रहा.

अब मैं रोज मॉम डैड की चुदाई देखने लगा.
एक दिन मैंने सोचा कि क्यों न आज रात में लाइट जलती छोड़ दूँ, फिर देखता हूं कि मॉम-डैड चुदाई करते हैं या नहीं.

मैंने ऐसा ही किया और सोने का नाटक करने लगा.
फिर ज्यादा रात हुई तो मॉम-डैड ने अपना चुदाई का कार्यक्रम चालू कर दिया.

डैड ने कहा- उजाले में चुदाई में अलग ही मजा आता है, अंधेरे में तो पता ही नहीं चलता कि गांड का छेद है या चूत का. अब से हम उजाले में ही चुदाई करेंगे.

जैसे ही मुझे पता चला कि मॉम डैड अब उजाले में चुदाई करने वाले हैं, तभी मुझे आइडिया आया और मैं अगले दिन में शोरूम पर गया और एक कैमरा ले आया.

मैंने कैमरा चुपचाप कमरे में ऐसी जगह लगा दिया कि अच्छी तरह से वीडियो बन जाए.

फिर मॉम डैड ने चुदाई की तो वीडियो बन गयी होगी.
ऐसा सोच कर मैं जानबूझ कर 9:30 बजे तक उठा क्योंकि उस समय पर कमरे में कोई नहीं रहता था.

फिर मैं उठा और कैमरे को निकाल कर मैंने देखा तो वीडियो बन चुकी थी.

वीडियो में मॉम घोड़ी और डैड घोड़े के जैसे मॉम के ऊपर चढ़ के धक्के मार रहे थे.

कैमरा शोरूम में ले जाकर मैंने उस वीडियो को अपने मोबाइल में डाल लिया.
अब मैं उस वीडियो को देखने लगा और जब मेरा लंड खड़ा हो जाता तो मैं मुठ मार लेता था.

पहले से ही मॉम के चूचे देख कर मैं मॉम की ओर आकर्षित हो रहा था, अब तो मैं मॉम के शरीर के हर छेद को देख चुका था.
मैं अब अपनी मॉम को चोदना चाहता था.

पर मॉम को चोदना भी एक कठिन कार्य था क्योंकि मॉम को आसानी से सैट कर पाना काफी मुश्किल काम था.

मैंने अन्तर्वासना की सेक्स कहानियों में पढ़ा था कि जिन मॉम को डैड नहीं चोदते थे या मॉम डैड से दूर रहती थीं, या डैड मॉम को संतुष्ट नहीं कर पाते थे या मॉम स्वाभाव से चुदक्कड़ किस्म की महिला हों. उनकी चुदाई आसानी से हो सकती थी.

ऊपर सभी बातें मेरी मॉम के लिए सही नहीं थीं.
मेरे डैड मॉम को रगड़ कर चोदते थे और मॉम को पूरी तरह से संतुष्ट कर देते थे.

मॉम एक घरेलू महिला भी हैं, उनके चाल चलन में भी कोई रंडी जैसी बात नहीं है.

अब मैं अपनी मॉम को किस तरह से चोद सकता हूँ, यह मेरे लिए एक विचरणीय प्रश्न था.

दोस्तो, मैं अपनी मॉम को किस तरह से चोद सकता हूँ, आप ही बताएं.
मुझे आपके सुझावों का बेसब्री से इंतजार रहेगा और मैं आपका शुक्रगुजार भी रहूँगा.
Sajanlal122233@gmail.com
 
Love reading at 18upchoti? You can also share your stories here.
[ Create a story thread. ]
Top