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Hindi - हिन्दी शादी के बाद मेरी पहली रात – सुहागरात

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माय वाइफ सेक्स कहानी में मैंने अपनी दुल्हन के साथ सुहागरात कैसे मनाई, यही बताया है. उस रात से पहले मैंने कभी सेक्स नहीं किया था.

मेरा नाम अजय है और मेरी उम्र 26 साल है. मैं अपनी शादी होने तक वर्जिन रहा था.

मेरी बीवी का नाम स्नेहल है और उसकी उम्र 23 साल है.
उसकी फिगर का साइज़ 36-30-38 है.

जब से हमारी शादी तय हुई है, तभी से मैं रोज अपनी सुहागरात के बारे में सोचता था.
फिर शादी हुई तो मेरी सुहागरात वाली सुहानी रात आई.

माय वाइफ सेक्स कहानी मेरी सुहागरात की कहानी है. मैंने कैसे अपनी नई नवेली पत्नी को नंगी करके उसकी कुंवारी चूत मारी और हमारी रात को रंगीन बनाया।

रात को मैं खाना खाकर अपने कमरे में आने के लिए रेडी हो गया.

उस दिन मेरे दोस्तों ने मेरी खूब खिंचाई की और मुझे अपने कमरे में धक्का देकर बाहर से दरवाजा बंद कर दिया.

मैंने भी अन्दर आते ही दरवाजे की सिटकनी लगा कर उसे बंद कर दिया.

स्नेहल बेड पर बैठ कर मेरा इंतजार कर रही थी.

मेरे आते ही वह उठ कर मेरे करीब आई और करीब रखा दूध का गिलास लेकर मेरे पास आ गई.

उसने मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा कर दूध का गिलास मेरी तरफ बढ़ाया.

मैंने कहा- तुम खुद मुझे दूध पिला दो न!

उसने अपने हाथों से मुझे दूध पिलाया और मैंने भी उसी गिलास से आधा दूध स्नेहल को पिलाया.

इससे पहले मैंने स्नेहल के करीब आने की कोशिश की थी, पर तब उसने कहा था कि जो भी करना है … वह सब शादी के बाद करेंगे.
आज वह रात आ चुकी थी और अब वह मुझे किसी चीज़ के लिए मना नहीं कर सकती थी.

मैं उसके पास पहुंचा और उसे कमर से पकड़ कर अपने पास खींच लिया.
उसके बालों की लट को कान के पीछे करते हुए मैंने कहा- तुम बिल्कुल अप्सरा सी सुंदर लग रही हो!
उसने अपनी तारीफ सुनी तो शर्माती हुई मेरे गले से लग गई.

मैंने उसका मुँह अपने मुँह की तरफ करते हुए उसे किस करना चाहा.
उसने अपनी आंखें बंद कर दीं और मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए.

उसके लरजते हुए होंठों पर अपने होंठ रख कर मैंने उसे चूमना शुरू कर दिया.

कुछ देर चूमने के बाद मैंने उसकी साड़ी का पल्लू कंधे से नीचे सरकया और उसके दोनों गालों को चूमता हुआ गले तक पहुंच गया.

उसके बाद मैंने अपने हाथों से उसके बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से दबाया.

मेरे हाथ उसके बूब्स को लगते ही मुझे एक करंट सा लगा और उधर स्नेहल की भी कामुक सिसकारी निकल गयी- आह … इस्स …

मैंने उसकी कामुक आवाज सुनी, तो मेरे लंड में थिरकन हुई … मैंने उसके एक दूध को और जोर से दबा दिया.
उसके कंठ से और जोर से ‘आहह … उहह … धीरे करो न …’ की आवाज़ निकलने लगी.

कुछ ही देर में मैंने उसकी साड़ी को धीरे धीरे उतारा और उसे सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में कर दिया.
उसके बाद उसने मेरी शेरवानी के बटन खोले और मेरी शेरवानी उतार दी.

शेरवानी हटते ही मैंने अपनी शर्ट उतार दी और अब मैंने ऊपर कुछ नहीं पहना था.

मैंने स्नेहल को अपनी बांहों में भर लिया और अपने जिस्म की गर्मी उसे देने लगा.

उसके ब्लाउज के बटन पीछे थे.
मैंने अपने दोनों हाथों से उसके ब्लाउज के हुक खोले और ब्लाउज को उतार दिया.
वह एक स्किन कलर की ब्रा में थी.

मैं उसके गले को किस करता हुआ उसके बूब्स तक पहुंचा.
ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को मैंने दबाना और चूसना शुरू कर दिया.

फिर स्नेहल ने मेरे पज़ामे का नाड़ा खोला और मैंने खुद अपना पज़ामा निकाल दिया.

नीचे मैंने अंडरवियर पहनी थी. अंडरवियर के बाद मेरा जन्मजात जिस्म मेरी बीवी के सामने आने वाला था.

मैंने स्नेहल के पेटीकोट का नाड़ा खोला, तो उसका पेटीकोट नीचे गिर गया.
अब स्नेहल मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी.

मैं बेड पर बैठ गया और स्नेहल को अपनी जांघ पर बिठाया.

मेरा मुँह उसके मम्मों पर आ गया था.
मैंने उसके मुँह से अपने मुँह को जोड़ा और होंठों को चूमने लगा.

होंठ चूमते हुए ही मैंने उसके मुँह में अपनी जीभ डाल दी.
वह मेरी जीभ को चूसने लगी.

जीभ का रस चूसना इतना ज्यादा कामोत्तेजित कर देता है … इसका अंदाज उसी दिन हुआ था.

इसी के साथ ही मैं आज यह भी सोचता हूँ कि मुँह से चूमना या जीभ को चूसना किस तरह से स्वतः ही आ जाता है जबकि हम दोनों को ही इस तरह से किस करने के बारे में नहीं मालूम था.
यह प्रकृति का ही खेल होता है कि वह सब कुछ खुद ही सिखा देती है.

कुछ देर चूमने के बाद मैंने उसकी ब्रा निकाल कर अलग कर दी.

मैं वर्जिन था और शायद स्नेहल भी वर्जिन थी.

मेरे सब्र का बांध अब टूट चुका था.
मैं पागलों की तरह स्नेहल के बूब्स दबाने, चूसने और निप्पलों को काटने लगा था.

थोड़ी ही देर में मैंने स्नेहल को बेड पर लिटाया और पेट पर किस करते करते उसकी चूत पर पहुंच गया.

पहले मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से किस करना और चूत को चाटना शुरू किया.

यह कुछ ही देर चला था कि स्नेहल एक बार झड़ चुकी थी और मेरे मुँह पर उसका गीला पानी लग गया था.

मैंने उसकी गीली पैंटी उतार कर अलग कर दी.
अब स्नेहल मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी.

मैंने उसके दोनों पैर फैला कर उसकी चूत को चाटना शुरू किया.

स्नेहल की मदभरी सिसकारियों की आवाज़ पूरे कमरे में गूंजने लगी.
उसकी ‘उहह … आह … शह …’ की आवाजों से पूरा कमरा भर गया.

स्नेहल मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत में दबाने लगी. स्नेहल को जोश में देख कर मैं और ज्यादा हॉर्नी हो गया.

फिर स्नेहल ने मेरी चड्डी को पकड़ कर निकाल दिया और मुझे भी नंगा कर दिया.

मैंने उससे लंड को मुँह में लेने को कहा.
पर उसने मना कर दिया.

आज पहली बार हम दोनों सेक्स कर रहे थे तो मैंने भी उससे जिद नहीं की.

पर मैं भी कहां मानने वाला था, आज नहीं तो कल … मतलब एक ना एक दिन तो कल स्नेहल के मुँह में मेरा लंड जाना और झड़ना ही था.

मैंने अपनी दो उंगलियां स्नेहल की चूत में डाल दीं.

उसकी वर्जिन चूत टाइट थी इसलिए कुछ देर तक मैंने अपनी दोनों उंगलियों को ऐसे ही अन्दर रखा और बाद में धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.

स्नेहल को शुरू शुरू में दिक्कत हुई पर बाद में उसने अपनी टांगें खुद ब खुद फैला दीं और वह अपनी चूत रगड़वाने का मजा लेने लगी.

कुछ देर के बाद स्नेहल ने कहा- अब और मत तड़फाइए … डाल दीजिए ना!

यह सुनते ही मैं झट से उसके दोनों पैरों के बीच में बैठ गया, उसकी कमर के नीचे तकिया लगा कर अपना लंड उसकी चूत पर सैट कर दिया.
धीरे धीरे मैं अपना लंड अन्दर घुसाने लगा.

लंड का धागा भी टूटने को था तो मेरे साथ साथ उसको भी दर्द शुरू हो गया.

एक दो बार करने के बाद मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया.
पर नीचे से खून निकलने लगा.

पहली बार चुदाई करने में दिक्कत हुई.
साथ ही स्नेहल को बहुत दर्द भी हुआ.
मेरी दुल्हन कुंवारी थी.

कुछ देर बाद हम दोनों ने पुनः कोशिश की.

इस बार स्नेहल चिल्ला उठी- प्लीज़ निकालिए … आह दर्द हो रहा है!
पर मैंने उसकी एक ना सुनी और लंड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.

थोड़ी देर बाद स्नेहल को दर्द के साथ मज़ा आने लगा और उसके मुँह से सिसकारियां निकालने लगीं.
मैंने भी अपनी बीवी की पहली चुदाई का मज़ा लेना शुरू कर दिया.

कुछ ही देर बाद मैंने अपने स्पीड बढ़ा दी.
मैंने चुदाई करने से पहले दवा ली थी तो मेरा वीर्य इतनी जल्दी निकलने वाला नहीं था.

दो नंगे बदन मिल रहे थे.
मैं चुदाई का मज़ा ले रहा था.

मैंने दस मिनट तक लगातार चुदाई की और उसके बाद मैंने अपनी बीवी की चूत से लंड निकाल कर उसके पेट पर वीर्य झाड़ दिया.

स्नेहल भी चुदाई के दौरान ही झड़ चुकी थी.

उसके बाद मैं उसे सहारा देकर बाथरूम ले गया.
उधर हम दोनों ने अपने चूत और लंड को साफ किया.

फिर हम दोनों कमरे में आए और एक दूसरे से नंगे चिपक कर सो गए.

करीब एक घंटा बाद मैंने स्नेहल की चूत को वापस छेड़ा और उसके बूब्स चूसने लगा.

वह भी जाग गई और मुझे अपने स्तन पिलाने लगी.

कुछ ही देर के बाद मैं सीधा लेट गया और मैंने स्नेहल को अपने लौड़े के ऊपर बैठने को कहा.

स्नेहल मेरे ऊपर मेरी तरफ मुँह करके बैठ गयी और मैंने अपना लंड पकड़ कर उसकी चूत में पेल दिया.

कुछ वक़्त तक स्नेहल मेरे लंड पर कूदती रही, फिर वह रुक गई.
शायद वह थक गई थी.

अब मैंने नीचे से अपनी गांड उठा कर उसकी चूत चोदना शुरू कर दिया.

थोड़ी ही देर बाद हम दोनों ने पोजीशन चेंज की और मैंने स्नेहल को डॉगी बनाया.
मैंने उसकी कमर को पकड़ कर उसकी चूत में लंड पेलना शुरू कर दिया.

डॉगी स्टाइल में हम दोनों ने बहुत देर तक चुदाई की.
इसी बीच स्नेहल एक बार और झड़ चुकी थी और कुछ ही देर में मैं भी झड़ गया.

मैंने अपना सारा वीर्य स्नेहल की गांड पर निकाला.

वापस हम दोनों साफ सफाई करके बिस्तर पर आ गए.
माय वाइफ सेक्स के बाद हम दोनों बेड पर एक दूसरे से लिपट कर सो गए.

दूसरे दिन मेरे नींद खुली तो देखा कि मेरी बीवी नहा कर तैयार हो गयी थी.

वह आईने के सामने अपने गीले बालों को संवार रही थी और मैं बेड में अभी तक नंगा ही सोया था.

मैं उठ कर स्नेहल के पास गया और उसे पीछे से पकड़ कर उसकी गर्दन को चूमने लगा.
अभी भी मैं नंगा था और मुझे स्नेहल ने ऐसे आईने में देख लिया था.

वह मुझे देख शर्माने लगी और मुस्कुरा दी.

मैंने उससे पूछा- क्या हुआ? अब अपने पति को बिना कपड़ों के नहीं देखोगी, तो किसे देखोगी?

स्नेहल हँसती हुई बोली- जाइए … जल्दी से नहा लीजिए और जल्द से अच्छे बच्चे की तरह कपड़े पहन कर बाहर आ जाएं.

उसने प्यार से आदेश देने वाली भाषा में मुझसे यह सब कहा.
तो मैं अन्दर तक गुदगुदा सा गया.

मैंने कहा- तुम ही नहला दो न!
वह बोली- नहीं … वह सब आपको खुद ही करना पड़ेगा.

मैं- आज तो ठीक है, पर कल से तुम्हें ही मुझे नहलाना पड़ेगा!
स्नेहल यह सुनकर शर्मा गयी.

“और कल जो नहीं किया, वह आज करना पड़ेगा. मेरे लंड को अपने मुँह में आज लेने को तैयार रहना … और हां आज पीछे से तुम्हारी गांड भी मारूँगा!”
यह सुनते ही स्नेहल डर गयी.

स्नेहल- नहीं ना … प्लीज़, मुझसे यह सब नहीं होगा!
मैं- डरो मत, मैं हूँ ना … तुम्हें मैं पूरी ट्रेंड कर दूँगा!

इतना कहकर मैं वहां से नहाने चला गया.

आपको मेरी शादी की पहली रात की माय वाइफ सेक्स कहानी पसंद आई ही होगी.
मुझे ज़रूर बताइए.

सुहागरात के बाद हम दोनों ने बहुत से आनन्द किए और बहुत मज़े लिए.
वो सब अगली कहानी में!
jawanikajosh@outlook.com
 

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