न्यू देसी लड़की सेक्स कहानी एक हॉट लड़की को सेक्स की इच्छा तो होती थी पर वह पढ़ाई में ध्यान देती थी. लेकिन एक दिन जब उसे मौक़ा मिला तो उसने अपनी पहली चुदाई का मजा ले लिया.
यह कहानी सुनें.
मेरा नाम प्राची है और मेरी उम्र 21 साल की है. मैं दिखने में काफी हॉट हूँ.
मैं नियमित रूप से योग व कसरत आदि करती हूँ.
इसके कारण मेरा फिगर एकदम कसा हुआ है.
मेरी कमर 28 इंच की है, गांड 34 इंच की है और मेरे दूध 32 के हैं.
मेरे दूध एकदम गोल है और ये बिल्कुल भी ढलके हुए नहीं है.
यह न्यू देसी लड़की सेक्स कहानी आज से 6 महीने पहले की है.
मैं किसी भी लड़के से बात नहीं करती थी, एकदम शांत रहती थी; अपना ध्यान सिर्फ अपनी पढ़ाई में लगाती थी.
मेरे कॉलेज में मेरे पीछे कई लौंडे पड़े रहते थे लेकिन मैं किसी को भाव नहीं देती थी.
इतना होने पर भी कहीं न कहीं मेरे मन में लड़कों को जलाने की कामना रहती थी.
जब वे मुझे देख कर फब्तियां कसते या अपने लंड सहलाते तो मैं कनखियों से उन्हें देखती हुई मन ही मन मुसकुराती हुई अपनी सहेलियों के पास चली जाती थी.
उन्हीं लड़कों को बेताब करने के लिए मैं अपने कॉलेज अक्सर टाइट कुर्ती या टॉप पहन कर ही जाती थी जिसमें मेरी गोरी कमर दिख जाए.
मैं ऐसे कपड़े पहनना बहुत पसंद करती थी.
इन कपड़ों में मेरे दूध एकदम उभरे हुए दिखते थे.
एक बार मेरी एक सबसे पक्की सहेली की शादी तय हो गई थी.
लेकिन मेरे एग्जाम होने के कारण मैं उसकी सगाई और बाकी फ़ंक्शन में शामिल नहीं हो पाई.
मैंने सीधे उसकी शादी में जाने का प्लान बनाया.
मुझे उसकी शादी में सबसे सुंदर दिखना था इसलिए मैंने ऑनलाइन एक रेड कलर का लहंगा और चोली मंगवाई.
उस चोली को मैंने अपने मम्मों के हिसाब से कुछ ज्यादा ही फिटिंग करवा ली.
अब यह चोली एकदम फिटिंग की हो गई थी.
मैं शादी में जाने के लिए तैयार हो गई.
पूरी तैयार होने के बाद मैंने खुद को एक बार आईने में देखा. फिर सिर पर मांग टीका, नाक में नथ और कान के झुमके पहने, गले में हार पहना.
मेरे मम्मों पर कसा हुआ ब्लाउज जलवा बिखेर रहा था.
मेरा हल्का सा क्लीवेज मेरे चूचों की सुंदरता को और बढ़ा रहा था.
मैंने अपनी कमर पर लहंगा का नाड़ा बांधा, जो कि मेरी नाभि को दिखाता हुआ लहरा रहा था.
अब मैं सारे लड़कों के लंड खड़ा करने के लिए एकदम तैयार थी.
मैं जल्दी से शादी में पहुंची.
शादी में सभी ने मेरे रूप की तारीफ कि मैं बेहद सुंदर दिख रही हूँ.
लड़के तो मुझे ऐसे घूर घूर कर देख रहे थे, मानो वे सब मौका पाते ही मुझे दबोच कर चोद देंगे.
वे सब कोई ना कोई बहाने से मेरे करीब आ रहे थे और भीड़ का फायदा उठाते हुए मेरे दूध और कमर को हाथ लगा रहे थे.
मैं उनकी इन हरकतों को नजरअंदाज कर रही थी.
उनमें से एक लड़का बहुत हैंडसम दिख रहा था.
वह जिम बॉय लग रहा था.
उसकी बॉडी काफ़ी अच्छी बॉडी थी.
मेरी नजर उसके चौड़े सीने पर टिक गई.
उसके बाद जब भी वह मुझे देखता था, तो मुझे बेहद अच्छा लग रहा था.
कुछ देर बाद मेरी सहेली की शादी का कार्यक्रम पूर्ण हो गया और मैं घर जाने के लिए अपनी सहेली की मम्मी को बताने गई.
तब रात काफी गहरा गई थी.
आंटी ने मुझसे कहा- तुम आज की रात यहीं रुक जाओ … क्योंकि बहुत रात हो गई है.
चूंकि मैं पब्लिक ट्रांसपोर्ट से आई थी तो मैंने उनकी बात मान ली.
मैंने अपने घर में फोन करके बता दिया कि मैं कल सुबह आऊंगी.
फिर मैं गेस्टरूम में जाकर लेट गई.
उसी वक्त मेरे दिमाग़ में एक बात आई कि लहंगा चोली और नेट वाली चुनरी में मैं कैसे सो पाऊंगी.
उसी वक्त न जाने किधर से वही स्मार्ट लड़का मेरे पास आया और मुझसे हैलो बोला.
मैंने भी उसको हैलो कहा.
उससे बात हुई तो मुझे पता चला कि वह लड़का मेरे कॉलेज का ही है और उसका नाम विवेक है.
वह बात करने में काफ़ी अच्छा था.
देखते ही देखते वह मुझसे बहुत क्लोज़ हो गया.
वह धीरे धीरे मेरे साथ सेक्सी बातें भी करने लगा.
लेकिन मैं उसकी बातों को फ्रेंड्ली लेने लगी.
पता नहीं तब मुझे क्या हो गया था.
अचानक से मेरी सहेली की मम्मी आईं और मुझसे सोने के लिए बोलीं.
वे उसी कमरे में सोने का कह कर मेरे पास लेट गईं और उन्होंने विवेक से भी जाने के लिए कह दिया.
विवेक ने जाने से पहले मुझे मेरा नंबर ले लिया और मुझे हाय का मैसेज भेज दिया.
कुछ देर बाद ही उसका मैसेज फिर से आया.
विवेक- हाय!
मैं- हैलो.
विवेक- आज तुम बहुत हॉट लग रही हो.
मैं- थैंक्यू, लेकिन क्या मैं रोज हॉट नहीं लगती हूँ?
विवेक- लगती हो, लेकिन आज कुछ और भी स्पेशल है.
मैं- और वह क्या है?
विवेक- बताऊंगा, तो बुरा तो नहीं मानोगी ना!
मैं- नहीं, अब बताओ भी!
विवेक- तुम्हारी कमर पर से तुम्हारी नाभि को देख कर मेरा सब कुछ उभरने लगता है.
मैं- हम्म … और?
विवेक- और जो तुम्हारी तंग सी चोली जो तुम्हारे बूब्स को सही से ढकने में असफल हो रही है, वह तुमको आज और ज्यादा हॉट दिखा रही है. मैं तुम्हारे क्लीवेज का तो दीवाना हो गया हूँ … सच में.
मैं- इतनी तारीफ भी मत करो … अब मुझे शर्म आ रही है.
विवेक- मैं कुछ और बोल सकता हूँ क्या?
मैं- हां बोलो न!
विवेक- मैं तुम्हारे बूब्स को एक बार दबाना चाहता हूँ.
मैं- नहीं, मैं अपने बूब्स ऐसे ही किसी से नहीं दबाने दे सकती.
विवेक- प्लीज मान जाओ ना!
मैं- अच्छा ठीक है, लेकिन मेरी एक शर्त है!
विवेक- क्या?
मैं- तुम सबके सामने मेरे दूध दबाओगे.
यह सुनकर वह अचानक से ऑफलाइन हो गया.
थोड़ी ही देर बाद वह गेस्ट रूम के दरवाजे पर खड़ा होकर मेरा नाम ले रहा था.
मैं लेटी थी.
आंटी मेरे बाजू में लेटी थीं तो वे बोलीं- जाकर देख क्या बात है?
मैं उठ कर गई और उसके सामने जा कर खड़ी हो गई.
मैंने उससे कहा- क्या हुआ?
कमरे में लेटी आंटी को ऐसा लग रहा था, जैसे हम एक दूसरे को नहीं जानते हैं.
तभी अचानक से उसने मेरे एक दूध को पकड़ लिया.
मैं घबरा गई.
लेकिन उसका हाथ आंटी को नहीं दिख रहा था.
अगर मैं हिलती तो उनको दिख जाता. इसलिए मैं चुपचाप खड़ी रही.
उसने मेरे दूध को पकड़े पकड़े ही दूसरा दूध अपने मुँह में भर लिया.
मेरे मुँह से आआह की आवाज निकल आई.
आंटी ने पूछा- क्या हुआ?
मैंने कहा- अरे कुछ नहीं आंटी, मच्छर ने काट लिया.
अब उसने मेरे लेफ्ट वाले बूब्स को भी दबा दिया और मैं फिर से चिल्ला उठी.
इस बार आंटी ने कहा- हो गया हो, तो अन्दर आकर सो जा.
वह चला गया.
उसने मुझे फिर से मैसेज किया- मिशन सक्सेस!
मेरे दूध को पहली बार किसी ने हाथ लगाया था इसलिए मेरी बुर से पानी आ गया था.
मैं बहुत गर्म हो गई थी.
उसने मुझे दूसरा मैसेज किया कि उसको और भी कुछ करना है.
मैंने मना कर दी.
अब मेरी आंख लग गई.
जब मैं सुबह उठी तो देखा कि रूम में आंटी नहीं हैं.
मेरे साथ विवेक है. वह मेरे मम्मों को घूर रहा था क्योंकि मेरे दूध सुबह से कुछ और बड़े दिखाई दे रहे थे.
मेरे मम्मों का एक बड़ा हिस्सा मेरी चोली से बाहर निकल आया था.
इसके कारण बहुत बड़ा क्लीवेज दिख रहा था.
मैंने उसको बदमाश बोला और उठ कर फ्रेश होने चली गई.
मैंने सोचा कि नहा लेती हूँ क्योंकि मैं पूरी गीली हो गई थी.
वह भी मेरे पीछे ही आ रहा था लेकिन मैं उसे देख नहीं पाई.
मेरे बाथरूम में आने से पहले वह बाथरूम में कब घुस गया, मुझे पता ही नहीं चला.
जैसे ही मैं बाथरूम में गई मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और शॉवर चालू करके नहाने लगी.
तब मुझे मेरी कमर पर किसी का हाथ महसूस हुआ.
मैं पीछे घूमी तो सामने विवेक था.
मैं बहुत जोर से डर गई और जैसे ही मैंने चिल्लाने की कोशिश की, वैसे ही विवेक ने मेरे होंठों पर अपने होंठ लगा दिए.
वह मेरे होंठों को चूसने लगा.
इतने में मैं भी गर्म हो गई.
मैं सब भूल कर उसका साथ देने लगी.
थोड़ी देर बाद उसने मेरे दूध चूसना चालू कर दिए.
वह ऐसे मेरे दूध चूस रहा था, जैसे वह मेरे मम्मों में से जबरन दूध निकाल कर पीना चाहता हो.
उसने मेरे एक निप्पल को अपने होंठों में दबा कर गोल गोल चूसते हुए खींचना चालू कर दिया.
मुझे पहले तो मजा आया, पर बाद में उसकी जबरदस्त चुसाई से मेरे निप्पलों में दर्द होने लगा और वे लाल होकर सूज गए थे.
कुछ देर बाद उसने अपना लंड अपनी पैंट से बाहर निकाला.
मैं उसका लंड देखती रह गई.
मैंने पहली बार किसी का लंड देखा था. उसका लंड एकदम कड़क लोहे के सरिये जैसा हिल रहा था.
मैंने जैसे ही उसका लंड पकड़ा, मुझे एकदम झटका सा लगा.
कुछ देर बाद मैं उसके लंड को आगे पीछे करने लगी और किस करने लगी.
तब उसने अपनी एक उंगली मेरी बुर में घुसा दी.
अचानक से मेरी बुर में उसकी उंगली घुस जाने से मैं चीख पड़ी ‘अयाया …’
कुछ देर बाद उसने अपनी उंगली को बाहर निकाला और मुझे फर्श पर लिटा दिया.
मेरी दोनों टांगों को फैला कर उसने अपना लंड मेरी बुर पर रख दिया.
मैं उसके लंड की गर्मी से उत्तेजित होने लगी. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
उसने पूछा- चुदना चाहोगी?
मैंने उससे कहा- प्लीज़ विवेक मेरे में समा जाओ. आज मुझे चोद दो … मेरी बुर तुम्हारी हुई … अब देर मत करो, मैं तड़प रही हूँ.
मेरा इतना कहना हुआ ही था कि उसने अपना लंड मेरी बुर में पेल दिया.
उसका आधा लंड मतलब करीब 4 इंच लंड मेरी चिकनी बुर में फिसलता हुआ अन्दर घुस गया.
मैं एकदम से तड़पने लगी.
मुझे अचानक से लगा जैसे मेरी बुर में गर्म लोहा पेल दिया गया हो और अन्दर आग लग गई हो.
ऐसा लग रहा था कि मेरी बुर फट गई हो.
उसका लंड मेरी बुर में एकदम कॉर्क के जैसे फंस गया था.
ना आगे हो रहा था और ना पीछे.
कुछ देर तक उसने अपना लंड जैसे का जैसा ठूँसे रखा.
फिर जैसे ही मैंने दर्द से कराहना कम किया, उसने तत्काल एक जोर का धक्का और दे मारा.
इस बार उसका पूरा लंड मेरी बुर के अन्दर चला गया.
मेरी चीख निकल पाती कि उसने अपने मुँह को मेरे मुँह से लगा दिया.
तब भी मेरी चीख हल्की आवाज में बाहर निकल आई- उऊअमा … आआह बाहर निकालो इसे … ऊऊ मैं मर जाऊंगी … प्लीज!
वह न्यू देसी लड़की सेक्स को चोदने लगा.
कुछ देर बाद मैं भी चुदाई के मज़े लेने लगी.
मैं दो बार झड़ चुकी थी लेकिन वह मुझे पेले जा रहा था, रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था.
कुछ देर बाद उसने अपना लंड बाहर निकाला और मेरी नाभि में अपना सारा रस टपका दिया.
हम दोनों ने साथ में नहाए और उसके बाद मैं अपने घर चली गई.
मेरी बुर में दो दिन तक दर्द रहा था.
मैं कॉलेज नहीं गई. दो दिन बाद मैं कॉलेज गई तो उसने मुझे वॉशरूम में फिर से चोदा.
तब से वह मुझे रोजाना चोद रहा है.
मुझे भी उसके लंड से चुदे बिना चैन नहीं पड़ता है.
तो दोस्तो, यह थी मेरी चूचियों की रगड़ाई के बाद मेरी बुर चुदाई की कहानी.
न्यू देसी लड़की सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज बताएं.
यह कहानी सुनें.
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मैं नियमित रूप से योग व कसरत आदि करती हूँ.
इसके कारण मेरा फिगर एकदम कसा हुआ है.
मेरी कमर 28 इंच की है, गांड 34 इंच की है और मेरे दूध 32 के हैं.
मेरे दूध एकदम गोल है और ये बिल्कुल भी ढलके हुए नहीं है.
यह न्यू देसी लड़की सेक्स कहानी आज से 6 महीने पहले की है.
मैं किसी भी लड़के से बात नहीं करती थी, एकदम शांत रहती थी; अपना ध्यान सिर्फ अपनी पढ़ाई में लगाती थी.
मेरे कॉलेज में मेरे पीछे कई लौंडे पड़े रहते थे लेकिन मैं किसी को भाव नहीं देती थी.
इतना होने पर भी कहीं न कहीं मेरे मन में लड़कों को जलाने की कामना रहती थी.
जब वे मुझे देख कर फब्तियां कसते या अपने लंड सहलाते तो मैं कनखियों से उन्हें देखती हुई मन ही मन मुसकुराती हुई अपनी सहेलियों के पास चली जाती थी.
उन्हीं लड़कों को बेताब करने के लिए मैं अपने कॉलेज अक्सर टाइट कुर्ती या टॉप पहन कर ही जाती थी जिसमें मेरी गोरी कमर दिख जाए.
मैं ऐसे कपड़े पहनना बहुत पसंद करती थी.
इन कपड़ों में मेरे दूध एकदम उभरे हुए दिखते थे.
एक बार मेरी एक सबसे पक्की सहेली की शादी तय हो गई थी.
लेकिन मेरे एग्जाम होने के कारण मैं उसकी सगाई और बाकी फ़ंक्शन में शामिल नहीं हो पाई.
मैंने सीधे उसकी शादी में जाने का प्लान बनाया.
मुझे उसकी शादी में सबसे सुंदर दिखना था इसलिए मैंने ऑनलाइन एक रेड कलर का लहंगा और चोली मंगवाई.
उस चोली को मैंने अपने मम्मों के हिसाब से कुछ ज्यादा ही फिटिंग करवा ली.
अब यह चोली एकदम फिटिंग की हो गई थी.
मैं शादी में जाने के लिए तैयार हो गई.
पूरी तैयार होने के बाद मैंने खुद को एक बार आईने में देखा. फिर सिर पर मांग टीका, नाक में नथ और कान के झुमके पहने, गले में हार पहना.
मेरे मम्मों पर कसा हुआ ब्लाउज जलवा बिखेर रहा था.
मेरा हल्का सा क्लीवेज मेरे चूचों की सुंदरता को और बढ़ा रहा था.
मैंने अपनी कमर पर लहंगा का नाड़ा बांधा, जो कि मेरी नाभि को दिखाता हुआ लहरा रहा था.
अब मैं सारे लड़कों के लंड खड़ा करने के लिए एकदम तैयार थी.
मैं जल्दी से शादी में पहुंची.
शादी में सभी ने मेरे रूप की तारीफ कि मैं बेहद सुंदर दिख रही हूँ.
लड़के तो मुझे ऐसे घूर घूर कर देख रहे थे, मानो वे सब मौका पाते ही मुझे दबोच कर चोद देंगे.
वे सब कोई ना कोई बहाने से मेरे करीब आ रहे थे और भीड़ का फायदा उठाते हुए मेरे दूध और कमर को हाथ लगा रहे थे.
मैं उनकी इन हरकतों को नजरअंदाज कर रही थी.
उनमें से एक लड़का बहुत हैंडसम दिख रहा था.
वह जिम बॉय लग रहा था.
उसकी बॉडी काफ़ी अच्छी बॉडी थी.
मेरी नजर उसके चौड़े सीने पर टिक गई.
उसके बाद जब भी वह मुझे देखता था, तो मुझे बेहद अच्छा लग रहा था.
कुछ देर बाद मेरी सहेली की शादी का कार्यक्रम पूर्ण हो गया और मैं घर जाने के लिए अपनी सहेली की मम्मी को बताने गई.
तब रात काफी गहरा गई थी.
आंटी ने मुझसे कहा- तुम आज की रात यहीं रुक जाओ … क्योंकि बहुत रात हो गई है.
चूंकि मैं पब्लिक ट्रांसपोर्ट से आई थी तो मैंने उनकी बात मान ली.
मैंने अपने घर में फोन करके बता दिया कि मैं कल सुबह आऊंगी.
फिर मैं गेस्टरूम में जाकर लेट गई.
उसी वक्त मेरे दिमाग़ में एक बात आई कि लहंगा चोली और नेट वाली चुनरी में मैं कैसे सो पाऊंगी.
उसी वक्त न जाने किधर से वही स्मार्ट लड़का मेरे पास आया और मुझसे हैलो बोला.
मैंने भी उसको हैलो कहा.
उससे बात हुई तो मुझे पता चला कि वह लड़का मेरे कॉलेज का ही है और उसका नाम विवेक है.
वह बात करने में काफ़ी अच्छा था.
देखते ही देखते वह मुझसे बहुत क्लोज़ हो गया.
वह धीरे धीरे मेरे साथ सेक्सी बातें भी करने लगा.
लेकिन मैं उसकी बातों को फ्रेंड्ली लेने लगी.
पता नहीं तब मुझे क्या हो गया था.
अचानक से मेरी सहेली की मम्मी आईं और मुझसे सोने के लिए बोलीं.
वे उसी कमरे में सोने का कह कर मेरे पास लेट गईं और उन्होंने विवेक से भी जाने के लिए कह दिया.
विवेक ने जाने से पहले मुझे मेरा नंबर ले लिया और मुझे हाय का मैसेज भेज दिया.
कुछ देर बाद ही उसका मैसेज फिर से आया.
विवेक- हाय!
मैं- हैलो.
विवेक- आज तुम बहुत हॉट लग रही हो.
मैं- थैंक्यू, लेकिन क्या मैं रोज हॉट नहीं लगती हूँ?
विवेक- लगती हो, लेकिन आज कुछ और भी स्पेशल है.
मैं- और वह क्या है?
विवेक- बताऊंगा, तो बुरा तो नहीं मानोगी ना!
मैं- नहीं, अब बताओ भी!
विवेक- तुम्हारी कमर पर से तुम्हारी नाभि को देख कर मेरा सब कुछ उभरने लगता है.
मैं- हम्म … और?
विवेक- और जो तुम्हारी तंग सी चोली जो तुम्हारे बूब्स को सही से ढकने में असफल हो रही है, वह तुमको आज और ज्यादा हॉट दिखा रही है. मैं तुम्हारे क्लीवेज का तो दीवाना हो गया हूँ … सच में.
मैं- इतनी तारीफ भी मत करो … अब मुझे शर्म आ रही है.
विवेक- मैं कुछ और बोल सकता हूँ क्या?
मैं- हां बोलो न!
विवेक- मैं तुम्हारे बूब्स को एक बार दबाना चाहता हूँ.
मैं- नहीं, मैं अपने बूब्स ऐसे ही किसी से नहीं दबाने दे सकती.
विवेक- प्लीज मान जाओ ना!
मैं- अच्छा ठीक है, लेकिन मेरी एक शर्त है!
विवेक- क्या?
मैं- तुम सबके सामने मेरे दूध दबाओगे.
यह सुनकर वह अचानक से ऑफलाइन हो गया.
थोड़ी ही देर बाद वह गेस्ट रूम के दरवाजे पर खड़ा होकर मेरा नाम ले रहा था.
मैं लेटी थी.
आंटी मेरे बाजू में लेटी थीं तो वे बोलीं- जाकर देख क्या बात है?
मैं उठ कर गई और उसके सामने जा कर खड़ी हो गई.
मैंने उससे कहा- क्या हुआ?
कमरे में लेटी आंटी को ऐसा लग रहा था, जैसे हम एक दूसरे को नहीं जानते हैं.
तभी अचानक से उसने मेरे एक दूध को पकड़ लिया.
मैं घबरा गई.
लेकिन उसका हाथ आंटी को नहीं दिख रहा था.
अगर मैं हिलती तो उनको दिख जाता. इसलिए मैं चुपचाप खड़ी रही.
उसने मेरे दूध को पकड़े पकड़े ही दूसरा दूध अपने मुँह में भर लिया.
मेरे मुँह से आआह की आवाज निकल आई.
आंटी ने पूछा- क्या हुआ?
मैंने कहा- अरे कुछ नहीं आंटी, मच्छर ने काट लिया.
अब उसने मेरे लेफ्ट वाले बूब्स को भी दबा दिया और मैं फिर से चिल्ला उठी.
इस बार आंटी ने कहा- हो गया हो, तो अन्दर आकर सो जा.
वह चला गया.
उसने मुझे फिर से मैसेज किया- मिशन सक्सेस!
मेरे दूध को पहली बार किसी ने हाथ लगाया था इसलिए मेरी बुर से पानी आ गया था.
मैं बहुत गर्म हो गई थी.
उसने मुझे दूसरा मैसेज किया कि उसको और भी कुछ करना है.
मैंने मना कर दी.
अब मेरी आंख लग गई.
जब मैं सुबह उठी तो देखा कि रूम में आंटी नहीं हैं.
मेरे साथ विवेक है. वह मेरे मम्मों को घूर रहा था क्योंकि मेरे दूध सुबह से कुछ और बड़े दिखाई दे रहे थे.
मेरे मम्मों का एक बड़ा हिस्सा मेरी चोली से बाहर निकल आया था.
इसके कारण बहुत बड़ा क्लीवेज दिख रहा था.
मैंने उसको बदमाश बोला और उठ कर फ्रेश होने चली गई.
मैंने सोचा कि नहा लेती हूँ क्योंकि मैं पूरी गीली हो गई थी.
वह भी मेरे पीछे ही आ रहा था लेकिन मैं उसे देख नहीं पाई.
मेरे बाथरूम में आने से पहले वह बाथरूम में कब घुस गया, मुझे पता ही नहीं चला.
जैसे ही मैं बाथरूम में गई मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और शॉवर चालू करके नहाने लगी.
तब मुझे मेरी कमर पर किसी का हाथ महसूस हुआ.
मैं पीछे घूमी तो सामने विवेक था.
मैं बहुत जोर से डर गई और जैसे ही मैंने चिल्लाने की कोशिश की, वैसे ही विवेक ने मेरे होंठों पर अपने होंठ लगा दिए.
वह मेरे होंठों को चूसने लगा.
इतने में मैं भी गर्म हो गई.
मैं सब भूल कर उसका साथ देने लगी.
थोड़ी देर बाद उसने मेरे दूध चूसना चालू कर दिए.
वह ऐसे मेरे दूध चूस रहा था, जैसे वह मेरे मम्मों में से जबरन दूध निकाल कर पीना चाहता हो.
उसने मेरे एक निप्पल को अपने होंठों में दबा कर गोल गोल चूसते हुए खींचना चालू कर दिया.
मुझे पहले तो मजा आया, पर बाद में उसकी जबरदस्त चुसाई से मेरे निप्पलों में दर्द होने लगा और वे लाल होकर सूज गए थे.
कुछ देर बाद उसने अपना लंड अपनी पैंट से बाहर निकाला.
मैं उसका लंड देखती रह गई.
मैंने पहली बार किसी का लंड देखा था. उसका लंड एकदम कड़क लोहे के सरिये जैसा हिल रहा था.
मैंने जैसे ही उसका लंड पकड़ा, मुझे एकदम झटका सा लगा.
कुछ देर बाद मैं उसके लंड को आगे पीछे करने लगी और किस करने लगी.
तब उसने अपनी एक उंगली मेरी बुर में घुसा दी.
अचानक से मेरी बुर में उसकी उंगली घुस जाने से मैं चीख पड़ी ‘अयाया …’
कुछ देर बाद उसने अपनी उंगली को बाहर निकाला और मुझे फर्श पर लिटा दिया.
मेरी दोनों टांगों को फैला कर उसने अपना लंड मेरी बुर पर रख दिया.
मैं उसके लंड की गर्मी से उत्तेजित होने लगी. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
उसने पूछा- चुदना चाहोगी?
मैंने उससे कहा- प्लीज़ विवेक मेरे में समा जाओ. आज मुझे चोद दो … मेरी बुर तुम्हारी हुई … अब देर मत करो, मैं तड़प रही हूँ.
मेरा इतना कहना हुआ ही था कि उसने अपना लंड मेरी बुर में पेल दिया.
उसका आधा लंड मतलब करीब 4 इंच लंड मेरी चिकनी बुर में फिसलता हुआ अन्दर घुस गया.
मैं एकदम से तड़पने लगी.
मुझे अचानक से लगा जैसे मेरी बुर में गर्म लोहा पेल दिया गया हो और अन्दर आग लग गई हो.
ऐसा लग रहा था कि मेरी बुर फट गई हो.
उसका लंड मेरी बुर में एकदम कॉर्क के जैसे फंस गया था.
ना आगे हो रहा था और ना पीछे.
कुछ देर तक उसने अपना लंड जैसे का जैसा ठूँसे रखा.
फिर जैसे ही मैंने दर्द से कराहना कम किया, उसने तत्काल एक जोर का धक्का और दे मारा.
इस बार उसका पूरा लंड मेरी बुर के अन्दर चला गया.
मेरी चीख निकल पाती कि उसने अपने मुँह को मेरे मुँह से लगा दिया.
तब भी मेरी चीख हल्की आवाज में बाहर निकल आई- उऊअमा … आआह बाहर निकालो इसे … ऊऊ मैं मर जाऊंगी … प्लीज!
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मैं कॉलेज नहीं गई. दो दिन बाद मैं कॉलेज गई तो उसने मुझे वॉशरूम में फिर से चोदा.
तब से वह मुझे रोजाना चोद रहा है.
मुझे भी उसके लंड से चुदे बिना चैन नहीं पड़ता है.
तो दोस्तो, यह थी मेरी चूचियों की रगड़ाई के बाद मेरी बुर चुदाई की कहानी.
न्यू देसी लड़की सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज बताएं.