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Punjabi - ਭਾਸ਼ਾ Incest अंधेरे में बेटे से चुद गई (All Parts)

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Part 1 - New Maa Beta Sex Story​

हैलो दोस्तों कैसे हो आज मैं आपको अपनी सच्ची बताने जा रही हूं मेरा नाम शीतल है मेरे दो बच्चे हैं बड़ी बेटी का नाम निशा है और उसकी शादी हो चुकी है बेटे का नाम दीनू है वह भी B.A के फाइनल ईयर का स्टूडेंट है मेरे पति का अपना बिजनेस है हम एक उच्च मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं अच्छा घर बार है जिंदगी जीने की सभी सहूलतें हैं

किसी चीज की कोई कमी नहीं है डॉट कॉम पर मैंने बहुत ही मां बेटे की सेक्स स्टोरी पढ़ी है आज मैं भी आपको अपनी बताने जा रही हूं यह बहुत लंबी है मैं आपको शुरू से आखरी तक के बारे में बताऊंगी मैं उम्मीद करती हूं आप सब को यह मेरी maa beta sex story उत्तेजित कर देगी इस समय मेरी उम्र 43 साल की है

अभी पिछले साल ही मेरी बेटी की शादी हुई पिछले साल मेरी जिंदगी में एक ऐसा मोड़ आया जिसने मेरी पूरी जिंदगी बदल कर रख दी मुझे तो यह भी समझ नहीं आ रहा कि मैं इस अनोखे मोड़ को सुखदायक कहूं या दुख दायक उस घटना को बयान करने से पहले मैं उस घटना के असली कारण को बताना चाहती हूं जिसके कारण यह घटना घटी इस घटना का असली कारण था मेरे पति का हर दिन शराब पीना मेरे पति हर रोज शराब पीते हैं शादी के समय में वो ऐसे नहीं थे उस समय वह नौकरी करते थे जिंदगी सुखी थी

बच्चों के जन्म के बाद उन्होंने अपना बिजनेस शुरू किया शुरुआत में काम अत्यधिक होने के कारण बहुत दौड़ करनी पड़ती थी वो इतना थक जाते थे के कभी कभी थकान मिटाने के लिए एक दो पेग दारू के लगा लिया करते थे maa beta sex story

धीरे धीरे यह उनकी आदत बन गई पहले पहले मैं उनको उनकी इस आदत के लिए खूब कोसा करती थी मगर धीरे धीरे मैंने उनकी आदत को स्वीकार कर लिया इसके दो तीन कारण थे पहला कारण तो बता मैं खुद देख सकती थी कि वह दारू को अय्याशी के लिए नहीं बल्कि एक जरूरत के हिसाब से पीते थे दूसरा मुख्य कारण था कि वह दारू पीकर कभी भी हल्ला नहीं करते थे लड़ाई झगड़ा नहीं करते थे

पति काम से आते थे दारु पीते थे और उसके बाद सो जाते थे मगर सबसे बड़ा कारण यह था कि दारु पीने के बाद वो हर रोज मेरी खूब दम लगाकर चुदाई करते थे मेरी हर रोज भरपुर चुदाई होती थी अक्सर लोग कहते हैं कि जैसे जैसे आदमी की जवानी ढलती है दिन बीतते हैं वैसे वैसे सेक्स की चुदाई की इच्छा कम होने लगती है


यह बात मेरे पति के हिसाब से बिल्कुल ठीक थी धीरे धीरे उनकी चोदने की इच्छा कम हो रही थी लेकिन मेरे बारे में जो बिल्कुल उल्टी बात थी जैसे जैसे मेरी उम्र बढ़ रही थी मेरी चुदवाने की इच्छा और भी तेज बढ़ती जा रही थी

ऐसे में जब मेरे पति रात को दारू से टुन्न होकर दनादन मेरी चूत में लंड पेलते थे और मेरी खूब दमदार चुदाई करते थे तो मैं भला उनकी दारू को बुरा भला कैसे कह सकती थी बस उनके मुंह से आने वाली दुर्गन्ध अच्छी नहीं लगती थी maa beta sex story

लेकिन एक बार जब उनका लंड मेरी चूत के अंदर उत्पात मचाना शुरू करता था तो दुर्गन्ध भी खुशबू लगने लगती थी मैंने कभी यह नहीं सोचा था के उनकी दारू की लत्त जिसका मुझे भरपूर लाभ मिलता था आगे चलकर कभी मेरे लिए इतनी बड़ी मुश्किल बन्न सकती थी के मेरी पूरी जिंदगी ही बदल देगी

हुआ यूं के मेरी बेटी की शादी के समय मेरे जेठ जी भी अपने पूरे परिवार सहित आए हुए थे वो अमेरिका में रहते हैं उनका एक बेटा है जिसकी सगाई अमेरिका में हो चुकी थी मगर शादी दोनों परिवार भारत में ही करना चाहते थे

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इसीलिए जब वो निशा की शादी के लिए भारत आए तो उन्होने साथ में ही अपने बेटे की शादी करने का भी निर्णय कर लिया मेरी बेटी की शादी के ठीक एक महीने बाद उनके बेटे की शादी की तारिख निकली अब हम बंगलौर में रहते हैं जबके मेरे जेठ के लड़के के सुसराल वाले पुणे के हैं

क्योंकि हम लड़के वाले थे इस लिए हमें बारात लेकर पुणे जाना था मेरे जेठ जी ने पुणे का एक पूरा होटल बुक करवा लिया था शादी के दो दिन पहले हम होटल पहुंचे थे दोनों परिवार इतने रईस थे और शादी पर इतना खर्च हुआ के शादी की चकाचोंध देख कर सबी लोग हैरान हो उठे निशा को अपने पति के साथ अलग कमरा मिला था और मुझे अपने पति के साथ एक अलग कमरा जब के मेरे बेटे दीनू को दो और लड़को के साथ कमरा शेयर करना पड़ा था maa beta sex story

पहली रात तो सफर की थकान ने हमें इतना थका दिया था के उस रात मैं और मेरा पति घोड़े बेचकर सोते रहे मगर दूसरे दिन मेरा मन मचल रहा था पूरा दिन शादी की रंगीनियों में गुजरा था घर की सजावट से लेकर खाने पीने तक सभ कुछ इतना शानदार था के बस मन वाह वाह कर उठे

वैसे भी विदेश में वसने के कारन शादी का माहोल भी काफी खुलापन लिए था लडकियां ऐसे छोटे छोटे और टाइट कपड़े पहन कर घूम रही थी जैसे उन्होने कपड़े अपने अंगों को ढकने की बजाये उन्हें दिखाने के लिए पहने हुए थे मगर लडकियां तो लडकियां औरतें भी कम् नहीं लग रही थी

किसी की साड़ी का पल्लू पारदर्शी था और अंदर से पूरा ब्लाउज मोटे मोटे मम्मों के दर्शन करवा रहा था तो किसी का लहंगा इतना टाइट था के गांड का पूरा उभार खुल कर नज़र आता था कोई डीप गले का सूट पहन कर आधे मम्मे दिखाती घूम रही थी तो कई बिना ब्रा के इतना टाइट सूट पहन कर घूम रही थी के देखने वाले को पूरे मम्मों के दर्शन हो जाये निप्पल तक पूरे साफ साफ दिखाई दे रहे थे

मर्दो की खूब चांदी थी गानों पर नाचते हुए औरतों को खूब मसल रहे थे और गाने भी कैसे आग लगा रहे थे बहुत ही सेक्सी गाने चल रहे थे उफ्फ्फ ऐसा माहौल मैंने नहीं देखा था जिस तरह खुलेआम मरद औरतें एक दूसरे के साथ ठरक भोर रहे थे उनको देख कर मेरी ठरक भी कुछ जयादा ही बढ़ गया था maa beta sex story

मेरे निप्पल कड़े हो गए थे और चूत भी खूब रस बहा रही थी ऐसे में एक मनचले ने नाचते हुए बहाने से दो तीन बार मुझे रगड़ दिया उफफ हरामी ने चिंगारी को हवा देकर भड़का दिया था अब मेरा पूरा जिस्म वासना की भीषण अग्नि में जल रहा था वहां का माहोल गरम और गरम होता जा रहा था

हर कोई इशारों इशारों में बातें कर रहा था हर मरद औरत टंका फिट कर रहे थे आज कई औरतें पराये मर्दो के नीचे लेटने वाली थी कईयो की आज सील टूटने वाली थी आज रात चुदाई का खूब दौर चलने वाला था खुद मेरी बेटी मेरे सामने अपने पति से लिपटी हुई थी उसे तो लगता था मेरी मोजुदगी से कोई मतलब ही नहीं था


खैर उसका दोष भी क्या था नई नई शादी हुई थी चूत को लंड मिला था और जिस तरह से मेरा दामाद उसे खुद से चिपकाये हुए था जैसे वो बार बार उसके अंगो को सहला रहा था मसल रहा था लगता था मेरी बेटी की खूब दिल खोलकर चुदाई करता था इधर वो कम्बखत जिसने नाचने के दौरान कई बार मुझे मसला था मेरे आगे पीछे ही घूम रहा था कमीने ने बड़े जोर जोर से मम्मों को मसला था

निप्पल मैं अभी भी हलकी हलकी चीस उठ रही थी अभी भी मौका देखकर वो कई बार मेरे नितम्बो में उंगली घुसा चूका था मैंने उसे घूर कर देखा मगर हद दर्जे का ढीठ इंसान था वैसे भी जवान था कोई पैंतीस के करीब का होगा जिसम भी बालिश्ठ था ऐसे आदमी बहुत जोरदार चुदाई करते हैं वो जिस तरह से मुझे देख रहा था लगता था बस मौके की तलाश कर रहा था के कब् मुझे ठोकने का उसे मौका मिला maa beta sex story

वो मेरी और देखते हुए ऐसे होंठो पर जीभ फिरा रहा था और इस तरह पैंट के ऊपर से अपने लंड को मसल रहा था जेसे वहीं मुझे खड़े खड़े ही चोद देना चाहता हो पैंट का उभार देखकर लगता था खूब मोटा तगड़ा लंड था मेरी चूत पानी पानी हो चुकी थी पूरी देह कामाग्नि मैं जल रही थी अब तो मेरा दिल भी खुल कर चुदवाने के लिए मचल रहा था और मेरे सामने वो अजनबी पूरी तरह तयार था मेरी भरपूर चुदाई के लिए

एक तो पिछली रात को मेरी चुदाई नहीं हुई थी और ऊपर से आज के माहोल ने मुझे इतना गरम कर दिया था के एक बार तो मेरा दिल भी मचल उठा के आज पराये लंड से चुद जाऊं उफ्फ्फ काम मेरे सर चढ़कर बोल रहा था और मैं जिसने आज ताक अपने पति के सिवा किसी दूसरे लंड को छूआ तक नहीं था

आज पराये मरद के नीचे लेटने के लिए मचल रही थी दिल कर रहा था आज अपने जिसम को लूटा दूं उस अनजान आदमी से अपना कांड करवा दूं अपनी चूत के साथ साथ अपनी गांड भी उससे मरवाऊ और यकीनन ऐसा हो भी जाता अगर में वहां से चली ना आती

अगर कुछ देर और वहां रूकती तोह जरूर उससे ठुकवा बैठती मैं कमरे में आते ही नहाने चली गई ठन्डे पानी ने आग को और भड़का दिया चूत लंड के लिए रो रही थी मेरे मम्मों में कसाव भर गया था निप्पल इतने अकड़े हुए थे के जोर जोर से मसल कर ही उनको ढीला किया जा सकता था maa beta sex story

मेरा दिल तो जरूर था उंगली से खुद को शांत करने का मगर मैंने अपने पति का इंतज़ार करना ही बेहतर समझा आग तो आज उसके दिल में भी बराबर लगी होगी कल रात उसके लंड को भी चूत नसीब नहीं हुई थी और वेसे भी वो आज खूब पिए हुए था

आज तो जरूर पति मेरी चूत की ऐसी तैसी कर देने वाले थे उन्हें भी मेरी चूत मारे बिना नींद कहां आती थी जरूर आने ही वाले थे मगर इंतज़ार एक पल का भी नहीं हो रहा था मैंने बदन पोंछा और कमरे की बत्ती बंद करके पूरी नंगी ही बेड पर लेट गई

मुझे नहाये हुए 10 मिनट ही गुजरे होंगे के अचानक से कमरे का दरवाजा खुला और पति अंदर आए मैंने झट से अपने ऊपर चादर खींच ली के कहीं उनके साथ कोई हो ना मगर वो अकेले थे उन्होने दरवाजा खोला और अंदर कदम रखते ही वो गिर पड़े लगता था दारू कुछ जयादा ही चढ़ा ली थी

मैंने कुछ पल इंतज़ार किया के वो उठकर बेड की तरफ आ जाए मगर जिस तरह उन्होने पी रखी थी उससे तो उनका बेड ढूंढ पाना भी मुश्किल ही था मुझे ही हिम्मत करनी थी मैं चादर हटाकर बेड से नीचे उतरी दरवाजा हल्का सा खुला था इसलिए मैंने बत्ती नहीं जलायी पूरी नंगी दरवाजे के पास गई maa beta sex story

दरवाजा बंद करके मैंने पति को सहारा दिया और वो खांसता हुआ उठ खड़ा हुआ उससे शराब की तेज गंध आ रही थी मुझे शक हो रहा था के वो इतने नशे में मुझे चोद भी पायेगा के नहीं में किसी तरह पति को बेड तक लेकर गई और वो उस पर गिर पड़ा मैंने जल्दी से उसके बदन पर हाथ घुमाया तोह मेरा दिल खुशी से झूम उठा उसका लंड पत्थर की तरह कठोर था

मैंने उसे हाथ में पकड़ कर मसला तो उसने तेज जोरदार झटका खाया उफ्फ्फ आज तो उसका लंड कुछ जयादा ही तगड़ा जान पढता था एकदम कड़क था बल्कि मेरे मसलने से और भी कड़ा होता जा रहा था अब मुझे परवाह नहीं थी अगर पति कुछ नहीं भी करते तो में खुद लंड पर बैठकर दिल खोलकर चुदवाने वाली थी

मैंने पैंट को खोला और खींच कर टांगो से निकल दी फिर मैंने जांघिये को इलास्टिक से पकड़ खींचते हुए पैरों से निकाल कर नीचे फेंक दिया मैं बेड के किनारे बैठ लंड को हाथ में लेकर मसलने लगी

उफ्फ्फ्फ्फ कहां थे जी आप अब तक यहां मेरी चूत जल रही है और आपको शराब के बिना कुछ नजर ही नहीं आता कल रात भी आपने मुझे नहीं चोदा वैसे आपको तो शायद याद ना हो मगर इस पूरे साल में कल पहली रात थी जब अपने मेरी चूत नहीं मारी थी पति की तेज़ तेज़ भरी सांसे गूंज रही थी वो जाग रहे थे मगर कुछ बोल नहीं रहे थे जा शायद जयादा शराब पिने के कारन बोलने लायक नहीं रहे थे maa beta sex story

थोड़ी कम पी लेते मैं पति के टट्टो को हाथों मैं भर सहलाती बोली मैंने थोडा सा दवाब बढ़ाया तो उनके मुंह से तेज़ सिसकी निकली वो जाग रहे थे अब कोई शक नहीं था मैंने अपना मुंह झुक्या और सुपाड़े को अपने होंठो में भर लिया जैसे ही मेरी जिव्हा लंड की मुलायम त्वचा से टकराई पति के मुंह से आह्ह्ह्ह की जोरदार सिसकारी निकली

में मन ही मन मुस्करा उठी लंड को होंठो में दबा में सुपाड़े को चाटती उसे चूसने लगी एक हाथ से टट्टे सहलाती मैं मुख को धीरे धीरे ऊपर नीचे करने लगी लंड और अधिक फूलता जा रहा था मुझे हैरानी होने लगी थी मगर हैरानी से ज्यादा खुशी हो रही थी मेरा मुख और भी तेज़ी से ऊपर नीचे होने लगा तभी पति ने मेरे सर को पकड़ लिया और अपना पूरा लंड मेरे मुंह में घुसाने लगे

मैंने उनके पेट पर हाथ रखकर उन्हें ऐसा करने से रोका पहले मैं उनका पूरा लंड मुंह में ले लेती थी मगर आज जिस प्रकार उनका लंड फूला हुआ था मैं चाह कर भी उनका पूरा लंड मुंह में नहीं ले सकती थी वैसे भी उस समय मैं लंड मुंह में नहीं अपनी चूत में चाहती थी

मैंने लंड से अपना मुख हटाया और पति की टांगे उठाकर बेड के ऊपर कर दी फिर मैं फ़ौरन बेड के ऊपर चढ़ गई एक हाथ से लंड पकडे मैं पति के ऊपर सवार हो गई उनकी छाती पर एक हाथ रखकर मैं ऊपर को उठी जबके दूसरे हाथ से उनका लंड थामे रखा जहां अंधेरे में मैंने अपनी कमर हिलाकर अंदाज़े से लंड के निशाने पर रखी और फिर धीरे धीरे कमर नीचे लाने लगी maa beta sex story

लंड मेरे दोनों नितम्बो के बिच घुसता हुआ आगे मेरी चूत की और सरकने लगा जैसे ही लंड का सुपाड़ा मेरी भीगी चूत के होंठो से टकराया हम दोनों के मुख से आह निकल गई आज हम दोनों कुछ जयादा ही उत्तेजित थे पति का लंड तो कुछ जयादा ही मचल रहा था

उफ्फफ्फफ देखिये ना आपका लंड कितनी बदमाशी कर रहा है एक दिन चूत नहीं मिली तो कैसे अकड़ कर उछल कूद मचा रहा है अभी इसको मज़ा चखाती हूं मैं लंड को हाथ में दबाये मैंउस पर चूत का दबाव देने लगी मेरी चूत के होंठ खुले और सुपाड़ा धीरे धीरे अंदर सरकने लगा उफ्फफ सुपाड़ा अंदर घुसते घुसते मुझे पसीना आने लगा

लंड इतना फूला हुआ था के मेरी चूत को बुरी तरह से फैला रहा था मैंने अपने सूखे होंठो पर जीभ फिराई और फिर से दबाव बढ़ाना शुरु किया मेरी रस से सरोबर चूत में पल पल लंड अंदर धंसता जा रहा था मुझे हलकी हलकी पीड़ा के साथ अत्यधिक चुभन महसूस हो रही थी जिसने मुझे असमंजस में डाल दिया था maa beta sex story

मगर मैं कामवासना की चरम सीमा पर थी और उस समय सिर्फ और सिर्फ चुदवाने के बारे में ही सोच रही थी आज तक सिर्फ और सिर्फ मेरे पति ने ही मुझे चोदा है एक इकलौता लंड मेरी चूत में हजारों हजारों दफा गया है इसलिए मुझे अच्छा खासा एहसास है के वो चूत के अंदर किस सीमा तक घुसता है और आज जब वो लंड उस सीमा से काफी आगे पहुंच चूका था तो मुझे हैरत होने लगी

बाकी कहानी अगले भाग में
 
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Part 6​

पिछले भाग में आप ने पढ़ा फिर दीनू ने अपना चेहरा झुका के मेरे होठों की तरफ अपने होंठ बढ़ाये मैंने भी अपने कंपकपाते होंठ दीनू के होठों से लगा लिए हम दोनों किसी नए प्रेमी जोड़े की तरह धीरे धीरे एक दूसरे का चुम्बन लेने लगे में अब आगे पढ़े

शुरू में थोड़ी झिझक हुई पर कुछ पलों बाद दोनों का चुम्बन लम्बा और प्रगाढ़ हो गया दीनू ने अपने दोनों हाथ मेरे बड़े गोल चूतड़ों पर रखे हुए थे और मैंने अपनी बाहें दीनू के गले में डाली हुई थी मैंने अपने होंठ दीनू के होठों से अलग किये बिना ही अपना एक हाथ दीनू की कमीज के अंदर डाल दिया और उसके पेट चौड़ी छाती और मजबूत कन्धों पर अपना हाथ फिराने लगी

जब मेरी उंगलियों ने दीनू के निप्पल को छुआ तो मैंने उसको उंगलियों के बीच थोड़ा दबाया और गोल गोल घुमाया अपनी बांहों में लेकर मेरे प्रेमी की तरह चुम्बन लेते हुए दीनू को बहुत अच्छा महसूस हो रहा था मेरे नाजुक और रसीले होठों को दीनू चूमते रहा फिर दीनू ने अपना बांया हाथ मेरी पैंटी के अंदर खिसक्या उसने मेरे बदन में कम्पन महसूस किया

कुछ पलों तक उसने अपना हाथ मेरे बड़े गोल चूतड़ों पर रोके रखा और अपनी मां के नंगे शरीर के स्पर्श का सुख लिया फिर उसका हाथ दोनों चूतड़ों के बीच की दरार की तरफ बढ़ गया जब उसकी उंगलियों ने दरार के बीच से मेरी चूत को छुआ तो उसको अपनी उंगलियों में गीलापन महसूस हुआ

मैंने उत्तेजना से अपने पैर जकड़ लिए दीनू ने चूत के नरम और गीले होठों को अपनी उंगलियों से सहलाया और अपनी दो उंगलियां चूत के छेद के अंदर डालकर अंदर की गर्मी और गीलेपन को महसूस किया हम दोनों के होंठ अभी भी एक दूसरे से चिपके हुए थे दीनू की उंगलियों के अपनी चूत में स्पर्श से मैंने अपने पूरे बदन में उतेज़ना की बढ़ती लहर महसूस की

दीनू ने मेरे बदन में उठती उत्तेजना की लहरें महसूस की उसने भांप लिया कि अगर वो ऐसे ही मेरी चूत में उंगलियां अंदर बाहर करते रहेगा तो में झड़ जाउंगी लेकिन वो इतनी जल्दी ऐसा होना नहीं चाहता था इन मादक पलों को लम्बा खींचने के लिए उसने अपनी उंगलियां मेरी चूत से बाहर निकाल लीं और अपने होंठ मेरे होठों से अलग कर लिए

लेकिन मेरे को चुम्बन तोडना पसंद नहीं आया मैं तो सुधबुध खोकर आंखे बंद किये चुम्बन लेते हुए किसी और ही दुनिया में खोयी थी फिर दीनू मेरी टीशर्ट को उतारने लगा मैंने अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर टीशर्ट उतारने में मदद की अब दीनू की आंखों के सामने अपनी मां के बड़े बड़े गोल मम्में थे जिन्हें वो पहली बार देख रहा था

दीनू ने दोनों मम्मों के निप्पल को एक एक करके अपने होठों के बीच लेकर उनका चुम्बन लिया मेरी उत्तेजना से सिसकारी निकल गई फिर उसने अपनी कमीज भी उतार दी कमीज़ उतरते ही अपने हैंडसम बेटे के गठीले जिस्म को देखकर मेरी आंखों में चमक आ गई मैंने तुरंत अपने हाथों को उसके गठीले जिस्म पर फिराया फिर उसका निक्कर का बटन खोलकर उसे फर्श पर गिरा दिया पैंटी और अंडरवियर छोड़कर अब दोनों के बदन पर कोई कपड़ा नहीं था

हम दोनों ने एक दूसरे के बदन पर बचे आखिरी कपड़े को पकड़ा और नीचे को खींच लिया दोनों पहली बार एक दूसरे के नंगे बदन को देख रहे थे मेरे खूबसूरत नंगे जिस्म को देखकर दीनू का लंड तनकर खड़ा हो गया मैंने भी पहली बार अच्छे से दीनू के लंड को देखा मैंने लंड को हाथ में लेकर उसकी मोटाई का अंदाजा लिया मुझे याद आया इसी मोटे लंड से उस रात दीनू ने मेरी चूत की खूब धुलाई की थी

दीनू अभी भी मेरे नंगे जिस्म की खूबसूरती में खोया हुआ था उस रात अंधेरे कमरे में हम दोनों ने एक दूसरे को महसूस किया था पर आज पहली बार दोनों एक दूसरे के नंगे बदन को अपनी आंखों से देख रहे थे

दीनू ने मेरे नंगे बदन को अपनी बाहों में भर लिया मेरे को अपने बदन में पेट के पास दीनू के खड़े लंड की चुभन महसूस हुई मैंने अपने होंठ फिर से दीनू के होठों से लगा लिए कुछ देर तक दोनों चुम्बन लेते रहे दीनू ने अपने होंठ अलग किये और फिर अपने दोनों हाथ मेरे कन्धों पर रखकर उसको नीचे घुटनों के बल झुका दिया अब मेरी आंखों के सामने दीनू का तना हुआ लंड था मैं समझ गई कि उसका बेटा क्या चाहता है

मैंने एक गहरी सांस ली और अपने होंठ सुपाड़े पर रख दिए और उसका चुम्बन लिया फिर अपना मुंह खोलकर सुपाड़े को अंदर ले लिया और लंड को अपने हाथ से ऊपर नीचे करने लगी

मेरे को अपनी जीभ पर लंड से टपकी प्री-कम की बूंद का स्वाद महसूस हुआ अपना दूसरा हाथ मैं दीनू की जांघों के पिछले हिस्से पर फेरने लगी और लंड को चूसते चूसते अपने हाथ को दीनू के चूतड़ों पर फिराने लगी दीनू ने मेरे सर को दोनों हाथों से पकड़ा और अपने लंड को मेरे मुंह में गले तक डाल दिया मेरे को दम घुटता सा महसूस हुआ

मैं समझ गई कि दीनू उसे उसी तरह से अपने काबू में कर रहा है जैसे उसने उस रात किया था थोड़ी देर तक मेरा मुंह चोदने के बाद दीनू ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और मेरे सर पर पकड़ ढीली कर दी वो अभी झड़ना नहीं चाहता था और इन पलों को और लम्बा खींचना चाहता था मैंने लंड को चूसते और चाटते हुए दीनू की बढ़ती हुई उत्तेजना महसूस की

तभी दीनू ने मेरे को रोक दिया और मुझको खड़ा करके मेरे होठों पर गहरा चुम्बन फिर दीनू ने मुझे उठाया और किचन काउंटर पर बैठा दिया मेरे पैर फैलाकर खुद उनके बीच आ गया मेरे को दीनू के हाथ अपनी नंगी पीठ पर घूमते महसूस हुए और दीनू का लंड मेरी चूत को स्पर्श कर रहा था फिर दीनू ने अपने होंठ मेरे होठों पर रख दिए हम दोनों एक दूसरे के होठों को चूमने लगे और एक दूसरे के मुंह में जीभ घुमाने लगे हमारे हाथ एक दूसरे के बदन और पीठ पर घूम रहे थे

तभी मैंने ना सांस लेने के लिए चुम्बन तोड़ दिया और बोली

दीनू अगर तुम्हें सही नहीं लग रहा है तो अभी भी रुक सकते हो मैं नहीं चाहती कि बाद में तुम कुछ और फील करो मुझे तो अच्छा लग रहा है पर मैं चाहती हूं कि तुम फिर से सोच लो

दीनू ने मेरी आंखों में देखा फिर बोला

देखो मां तुम जितना मुझे चाहती हो मैं भी तुम्हें उतना ही चाहता हूं सिर्फ निर्णय ना ले पाने से उलझन थी झिझक थी जो अब दूर हो चुकी है अब तुम मेरी गर्लफ्रेंड हो और मैं तुम्हारा बॉयफ्रेंड फिर उसने अपने लंड को मेरी चूत के छेद पर लगा दिया और थोड़ा अंदर धकेल दिया

मैंने दोनों हाथों से दीनू के चूतड़ों को पकड़ा और धीरे धीरे अपनी तरफ खींचने लगी दीनू का पूरा लंड मेरी पूरी तरह से गीली हो चुकी चूत में घुसता चला गया अहह दीनू बहुत अच्छा लग रहा है मदहोशी में आंखें बंद करके सिसकारी लेते हुए मैं बोली

दीनू के मोटे लंड से मेरे को अपनी टाइट चूत में कुछ दर्द सा भी महसूस हो रहा था लेकिन दर्द के साथ साथ बहुत कामसुख भी मिल रहा था मेरे चेहरे के भाव देखकर दीनू ने मुझसे पूछा मां तुम्हें कुछ परेशानी दर्द तो नहीं हो रहा ? मैंने एक पल के लिए आंखें खोली दीनू को देखा हल्का मुस्कुरायी नहीं दीनू मुझे कोई दर्द नहीं हो रहा तुम करते रहो

दीनू ने सुपाड़ा छोड़कर बाकी लंड बाहर निकाल लिया फिर मेरे चूतड़ों को दोनों हाथ से पकड़कर उसे अपनी तरफ खींच कर अचानक एक झटके में पूरा लंड अंदर धांस दिया मेरी तेज चीख निकल गई फिर दीनू चूत में थपा थप धक्के लगाने लगा धक्के लगाते हुए ही अपने एक हाथ से मेरे हिलते हुए बड़े बड़े मम्मों को पकड़कर उन्हें मसलने लगा कुछ देर बाद अपने मुंह को मेरे मम्मों पर रखकर उन्हें चूसने लगा

दीनू के अपनी चूत पर पड़ते धक्कों से मेरी सिसकारियां बढ़ती चली गयीं दर्द और उत्तेजना से मैंने दीनू के कन्धों पर अपने नाख़ून गड़ा दिए और अपनी टांगों को उसकी कमर के चारों ओर लपेट लिया कुछ देर बाद मेरा बदन अकड़ गया ओर उसको एक जबरदस्त ओर्गास्म की लहरें आयीं दीनू भी ज्यादा देर नहीं रुक पाया और उसने अपनी मां यानी मेरी चूत को अपने वीर्य से भर दिया

फिर कुछ समय तक हम दोनों एक दूसरे को बाहों में जकड़े रहे दोनों ही एक दूसरे से अलग होना नहीं चाह रहे थे कुछ देर बाद दीनू ने मुझे किचन काउंटर से उतार दिया और मुझे घुमाकर कमर से झुका दिया

मैंने अपनी बांहें किचन काउंटर पर टिका दीं मेरे बड़े बड़े मम्में लटके हुए थे और लम्बी चिकनी टांगें थोड़ा फैली हुई थीं लगता है अभी मेरे प्रेमी का मन नहीं भरा में पीछे की ओर सर मोड़कर दीनू को देखते हुए बोली

दीनू बस मुस्कुरा दिया मेरी खूबसूरत गांड उसके सामने थी उसने मेरी एक टांग मोड़कर किचन काउंटर पर रख दी अब में घबरा गई मैंने सोचा दीनू मेरी गांड में लंड घुसाने जा रहा है वो भी बिना किसी तेल के जैसे उसने उस रात अंधेरे कमरे में घुसेड़ दिया था तब दीनू के मोटे लंड ने मेरी गांड की जो कुटाई की थी उससे मैं दो दिन तक ठीक से चल नहीं पायी थी

दीनू ने जोर से सर हिलाकर नहीं कहा पर दीनू ने मेरी तरफ ध्यान नहीं दिया और अपने तने हुए लंड को मेरी चूतरस से भीगी हुई चूत में पीछे से घुसेड़ दिया मैं तो कुछ और ही सोच रही थी हुआ कुछ और

दीनू ने पूछा तुमने क्या सोचा था ?

कुछ नहीं मैंने सोचा तुम आज फिर मेरे बदन की कुटाई करने वाले हो मैंने शरारत भरी मुस्कान से दीनू को देखा

दीनू मुस्कुरा दिया उसे अच्छी तरह से पता था कि मैंने नहीं क्यों कहा था वो जानता था अब मैं उसके मोटे लंड को अपनी टाइट गांड में डालने नहीं दूंगी वो तो बस मज़े में मेरे मुंह से सुनना चाह रहा था पर मैंने भी सीधे कहने की बजाय इशारों में जवाब दिया था

अब दीनू ने दोनों हाथों से मेरी कमर पकड़कर पीछे से धक्के लगाने शुरू कर दिए मैं भी अपने बेटे का पूरा साथ देते हुए पीछे को गांड दबाकर लंड अपनी चूत में ज्यादा से ज्यादा अंदर भरने की कोशिश करने लगी दीनू बीच बीच में मेरी मखमली पीठ पर हाथ फेरने लगता

कभी आगे हाथ बढ़ाकर मेरे नीचे को लटक के हिलते हुए नरम मम्मों और निप्पल को हाथ में दबाकर मसलने लगता और मेरे को तड़पाने के लिए धक्के रोक देता धक्के रोक देने से मेरा मज़ा बिगड़ जा रहा था तो मैंने खुद ही अपनी चूत आगे पीछे करते हुए दीनू के लंड को चोदना शुरू कर दिया

मेरी कामुकता देखकर दीनू को भी जोश चढ़ गया उसने पूरी तेजी से जोरदार धक्के लगाने शुरू कर दिए मेरी सिसकारियां उसी तेजी से धक्कों के साथ बढ़ती गयीं सिसकारियों लेते लेते ही मैं बोली दीनू मेरे बेटे हां ऐसे ही तेज तेज धक्के लगाते रहो आह आह आह्ह्ह और देखते ही देखते मैं बदन में कंपकपी के साथ दूसरी बार कामतृप्त हो गई

इस बार का ओर्गास्म कुछ ज्यादा ही तेज और देर तक आया था पर अभी दीनू का पानी नहीं निकला था वो दोनों हाथ से मेरी गांड पकड़कर मेरी चूत को पेलता रहा कुछ देर बाद दीनू को भी लगा कि वो अब झड़ने वाला है उसने आगे झुककर दोनों हाथों में मेरे मम्में पकड़ लिए और दोनों मम्मों को मसलने लगा फिर उसका बदन कांपा और उसके लंड से वीर्य निकलकर मेरी चूत में गिरने लगा थककर वो मेरी पीठ में ही पस्त हो गया हम दोनों जी भरकर कामतृप्त हो चुके थे

कुछ पलों बाद जब दीनू की सांस लौटी तब वो मेरे बदन से अलग हुआ उसका लंड मेरी चूत से बाहर निकल आया चूत से वीर्य और चूतरस का मिला जुला जूस बाहर निकलकर मेरी टांगों में बहने लगा मैं मुस्कुरायी और दीनू की तरफ मुड़कर थोड़ा झुकी फिर दोनों हाथों में दीनू का लंड पकड़कर उसको चूमा फिर खड़े होकर दीनू के गले में बाहें डालकरदीनू के होठों पर एक जोरदार चुम्बन दिया

थैंक यू मेरे बेटे तुमने मेरा सपना पूरा कर दिया

थैंक्स मुझे नहीं अपनी हिम्मत को कहना मां जिस की वजह से आज मैं तुम्हारा बॉयफ्रेंड हूं

मेरा बेटा मेरा बॉयफ्रेंड मेरे दमकते चेहरे पर अब सुख की मुस्कान थी

मां बेटे की इस चुदाई के चक्कर में दीनू के कॉलेज जाने का वक्त निकल चुका था पर हमें इसकी कोई परवाह नहीं थी

जब घर में इतना सुख मिल रहा हो तो कॉलेज जाकर करना भी क्या था

शाम को जब दीनू मार्केट से घर वापस आया तो में टीवी देख रही थी दीनू भी सोफे पर बैठ गया और मेरे हाथ से रिमोट लेकर चैनल बदलने लगा इस वक्त सारे चूतियापे के प्रोग्राम आ रहे थे इसलिए जल्दी ही वो बोर हो गया और मेरे को रिमोट पकड़ा दिया जितनी देर तक वो चैनल बदलने में लगा था

मैं टीवी स्क्रीन की बजाय उसी को देख रही थी जब दीनू ने उसे रिमोट पकड़ा दिया तो मैंने रिमोट को टेबल पर रख दिया और खुद दीनू से जांघें सटा कर बैठ गई और उसके कंधे पर अपना सर रख दिया दीनू ने मेरे कंधे पर अपनी बांह रख दी

कुछ देर बाद मैंने अपनी एक टांग उठाकर दीनू की जांघों के ऊपर डाल दी और उसके गले में बांहे डालकर अपनी आंखे बंद करके होंठ गोल करके आगे को बढ़ाये दीनू ने अपना हाथ मेरे सर के पीछे लगाकर अपने होंठ मेरे होठों पर रख दिए और फिर हम दोनों की चुम्मा चाटी शुरू हो गई दोनों एक दूसरे के मुंह में जीभ घुसा घुसाकर जीभ से ही ब्रश करने लगे

मेरे निप्पल खड़े होकर तन गए अब मैं दीनू की गोद में बैठ गई और अपने तने हुए मम्में दीनू की छाती में गड़ा के फिर से चुम्बन चालू कर दिया अपने शॉर्ट्स के नीचे मुझे दीनू का खड़ा होता लंड चुभता सा महसूस हुआ अब मैंने अपनी चूत को कपड़ों के ऊपर से ही दीनू के लंड के ऊपर रगड़ना शुरू कर दिया मुझे अपनी पैंटी गीली होती महसूस हुई दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था तब ही मेरी फ्रेंड रोहनी का फोन आ गया

रोहनी ने फोन रखा नहीं मुझ से किट-पिट करती रही तब तक दीनू का खड़ा होता लंड बैठ गया और मेरे तने निप्पल मुरझा गए

रात में मैं किचन में डिनर की तैयारी कर रही थी दीनू किचन के दरवाजे पर हाथ बांध के खड़ा हो गया और अपने कंधे दरवाजे पर टिका लिए खाना बनाती हुई मुझ को निहारने लगा अपने बेटे को अपनी ख़ूबसूरती निहारते देखकर मैं मन ही मन खुश हुई फिर दीनू की तरफ देखकर बोली

दीनू मैंने तुम्हारे लिए स्पेशल डिनर बनाया है जितना ज्यादा खा सकते हो खा लेना आज रात तुम्हें बहुत एनर्जी की जरुरत पड़ने वाली है

मेरी कामुक बातें सुनकर दीनू का लंड नींद से उठ गया वो मेरे पीछे गांड से चिपक के बाहों में लेते हुए मेरा चुम्बन लेने लगा

तुम्हारे लिए मेरे पास पहले से ही बहुत एनर्जी है मां अगर तुमने मुझे एक्स्ट्रा एनर्जी दे दी तो फिर तुम मुझे झेल नहीं पाओगी और फिर एक हफ्ते तक बेड से उठ नहीं सकोगी और अगर उठ भी गई तो लंगड़ा लंगड़ा के चलोगी जोर से धक्का लगाते हुए दीनू बोला

बाकी कहानी अगले भाग में
 
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Part 7​

पिछले भाग में आप ने पढ़ा तुम्हारे लिए मेरे पास पहले से ही बहुत एनर्जी है मां अगर तुमने मुझे एक्स्ट्रा एनर्जी दे दी तो फिर तुम मुझे झेल नहीं पाओगी और फिर एक हफ्ते तक बेड से उठ नहीं सकोगी और अगर उठ भी गई तो लंगड़ा लंगड़ा के चलोगी जोर से धक्का लगाते हुए दीनू बोला में अब आगे पढ़े

उसकी इस गुस्ताखी पर मैंने अपने निचले होंठ को दातों में दबाते हुए दीनू के पेट में अपनी कोहनी मार दी मैंने कहा मुझे यह मोटा लंड अपनी चूत की पूरी गहराई में चाहिए पूरा जड़ तक तुझे मैं सिखाऊंगी किएक्स्ट्रा एनर्जी क्या है और मुझे कैसी चुदाई पसंद है मुझे जोरदार और निर्मम चुदाई पसंद है कोई दया नहीं वहशी चुदाई अब रुको मत और एक ही बार में बाकी का लंड घुसेड़ दो मेरी चूत में

यह सुनकर दीनू ने एक जोरदार शाट मारा और पूरा का पूरा मूसल मेरी चूत में पेल-पेलकर दिया पर मेरे लिए यह भी पूरा ना पड़ा और अंदर मैं चीखी

फिर तो दीनू ने आव देखा ना ताव और अपने लंड से जबरदस्त पेलाई शुरू कर दी बैठ जा इस पर छिनाल चल साली कुतिया चोद मेरे लंड को अब किस बात का इंतज़ार है मुझे पता है कि मुझसे ज्यादा तू तड़प रही है मेरा लंड अपनी चूत में खाने के लिए बैठ जा अब इस पर रांड चोद अपनी गीली चूत पूरी नीचे तक मेरे लंड की जड़ तक

ये ले साले हरामी मैं बोली और उस मोटे लंड को जकड़ने के लिए उसने अपनी चूत नीचे दबा दी हाय कितना बड़ा और मोटा महसूस हो रहा है विशाल सख्त लंड अपना लंड मेरी चूत में ऊपर को ठूंस चोदू मुझे पूरा लंड देदे मैंने अपनी चूत में कभी कुछ भी इतना बड़ा नहीं लिया ऐसा लग रहा है जैसे ये लंड मेरी चूत को चीर रहा है

मै सच ही बोल रही थी ये अदभुत ठुंसई जो इस समय मेरी चूत में महसूस हो रही थी इसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी मुझे लग रहा था कि मेरी तंग चूत इतनी फैल जायेगी कि फिर पहले जैसी नहीं होगी फिर भी बोली मुझे पूरा चाहिये बेरहमी से चोद मेरी चूत में ऊपर तक ठूंस दे चीर दे मेरी चूत को इसका भोंसड़ा बना दे गहरे लम्बे धक्कों की ऐसी झड़ी दीनू ने लगाई कि मेरे मुंह से चूं तक ना निकल पाई

मै जब झड़ी तो मुझे लगा कि वो शायद मर चुकी है उसका अपने शरीर पर कोई जोर नहीं है उसकी चमड़ी जैसे जल रही है मेरे मम्मों में जैसे पेन घुसी हुई हों उसकी चूत की तो हालत ही खस्ता थी दीनू के मोटे लंड की भीषण पेलाई ने जैसे उसे चीर दिया था उसके बाद भी वो मादरचोद लड़का पिला हुआ था उसकी चूत की असीमतम गहराइयों को चूमने के लिए

मैंने अपने होश सम्भालते हुए गुहार की- दे मुझे यह लंड पेल दे पेल दे पेल दे भर दे मेरी चूत भर दे भर दे इसे अपने लंड के पानी से

दीनू अब और ना ठहर सका और भरभरा कर अपनी मां की चूत में झड़ गया मैं अपनी चूत को उसके लंड पर रगड़ती जा रही थी

जब दोनों शांत हुए तो मैं दीनू को चूमते हुए बोली- मेरे शानदार चुदक्कड़ बेटे काश हम लोग भाग सकते होते तो हम कहीं ऐसी जगह चले जाते जहां हम जितनी चाहते चुदाई कर सकते

शाम को दीनू घर लौटा तो मैं घर पर नहीं थी मैं अपने फ्रेंड्स के साथ शॉपिंग करने गई थी जब मैं वापिस आई तो पाया कि दीनू टीवी देख रहा था

मैंने काले रंग की ड्रेस पहनी थी जो मेरी मांसल जांघों के सिर्फ ऊपरी भाग को ढक रही थी दीनू ने उसको देख कर होंठ गोल करके सिटी मारी

मां इस ड्रेस में तुम कितनी सेक्सी लग रही हो ये ड्रेस तुम्हारे बदन से बिलकुल चिपकी हुई है और ढकने के बजाये तुम्हारे खूबसूरत जिस्म के सारे उभारों और कटावों को दिखा रही है

अपनी तारीफ सुनकर मैंने शरारती मुस्कान के साथ दीनू के सामने एक चक्कर गोल घूमकर हर तरफ से उसको ड्रेस में अपना बदन दिखाया फिर दीनू के पास आकर उसको अपनी बाहों में भर लिया और अपने बड़े बड़े मम्में दीनू की छाती में दबा दिए अपने रसीले कामुक होंठ दीनू के होठों पर रख दिये दोनों एक दूसरे का चुम्बन लेने लगे और एक दूसरे के मुंह में जीभ घुमाने लगे

दीनू चुम्बन लेते हुए ही अपने हाथ नीचे ले जाकर मेरी बड़ी लेकिन मक्खन जैसी मुलायम गांड को अपने हाथों में दबाकर मसलने लगा फिर ड्रेस के अंदर हाथ घुसाकर गांड की दरार के बीच से मेरी मखमली चूत के होठों को सहलाने लगा मैं थोड़ा और दीनू से चिपक गई

तुम्हें मालूम है दीनू आज हमारे इस नए रिश्ते को एक महीना पूरा हो गया है

अच्छा तब तो कुछ सेलिब्रेशन होना चाहिए बताओ आज अपने बॉयफ्रेंड को क्या गिफ्ट देने वाली हो

मेरे खूबसूरत चेहरे को अपने दोनों हाथों के बीच प्यार से पकड़कर दीनू बोला

मैं कुछ पल सोचती रही फिर अचानक मैं दीनू से अलग होकर उसकी तरफ पीठ करके कुछ दूर खड़ी हो गई थोड़ा कमर झुकाकर दीनू की तरफ अपनी गांड बाहर को निकालकर धीरे धीरे से अपनी ड्रेस ऊपर को उठाने लगी अंदर उसने मैचिंग कलर की काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी जिसमें पीछे से सिर्फ एक पतली डोरी थी और दोनों चूतड़ खुले हुए नंगे थे फिर मादक मुस्कान बिखेरते हुए बोली

आज रात ये तोहफा तुम्हारे लिए दीनू उस मक्खन जैसी मुलायम बड़ी गांड को देखकर दीनू होठों पर जीभ फिराते हुए मुस्कुराया

आज रात मुझे बहुत मज़ा आने वाला है मां कसम से

मां हम लोग बिस्तर में चलें ? दीनू ने मेरी कामवासना लिप्त चेहरा देखकर शरारत से पूछा

कमरे में पहुंचते ही दीनू ने मुझे प्यार से वस्त्रहीन कर दिया शीघ्र ही मैं निवस्त्र बिस्तर में लेटी दीनू को कपड़े उतारते हुए देख रही थी दीनू भी निवस्त्र होकर मेरे साथ बिस्तर में लेट गया हम दोनों ने एक दुसरे को बांहों में भर कर खुले मुंह से चूमने लगे दीनू ने मेरे गुदाज़ चूतड़ों को मसलते हुए

मेरे मुंह में अपनी जीभ डाल कर मेरे सारे मुंह के अंदर सब तरफ घूमा दी मैंने भी अपने जीभ दीनू की जीभ से भीड़ा कर उनके मीठे मुंह के स्वाद का आनंद लेने लगी

दीनू ने मुझे चित लिटा कर मेरे मुलायम बड़े मम्मों को अपने मूंह से उत्तेजित करने लगा दीनू ने मेरे मम्में अपने मूंह में भर कर उनको पहले धीरे-धीरे फिर जोर से चूस-चूस कर मेरी सिसकारी निकाल दी

दीनू ने मेरे गोल भरे हुए पेट को चूमते हुए मेरी गीली चूत के ऊपर अपना मूंह रख कर मेरी हल्की सुनहरी झांटों को अपने जीभ से भाग कर मेरी चूत के द्वार के अंदर डाल दी मेरी जोर की सिसकारी ने दीनू को भी उत्तेजित कर दिया दीनू ने मेरी चूत को अपनी जीभ और मुंह से सता कर मेरी वासना को चरम सीमा तक पहुंचा दिया

दीनू ने अपनी खुरदुरी जीभ से मेरी चूत के दाने को चाट कर मुझे बिलकुल पागल सा कर दिया उसकी एक उंगली अहिस्ता से मेरी गीली मचलती चूत में फिसल कर अंदर चली गई उसने अपनी उंगली को टेड़ा कर के मेरी चूत के सुरंग के आगे की दीवार को रगड़ने लगा उसकी जीभ और उंगली दोनों ही मुझे एक बराबर का आनंद दे रहीं थीं

अचानक दीनू ने अपने होंठों में मेरी चूत के दाने को भींच कर अपनी उंगली को तेजी से मेरी चूत की दीवार को रगड़ना शुरू कर दिया उसकी अभ्यस्त जीभ और उंगली ने मेरे शरीर को वासना के समुन्द्र में फैंक दिया

मैं जोर से सिसक उठी मैं अब झड़ने के लिए व्याकुल थी यदि दीनू मेरी चूत के दाने को अपने दांतो से चबा भी डालता तो मैं कोई शिकायत नहीं करती

आह दीनू आह्ह्ह्ह ऊम्म्म्म आह आह आ आ आह्ह्ह मेरी चूऊऊत आह्ह मैं आने वाली हूं मेरी सिस्कारियों ने दीनू को मेरे सन्निकट रति-निष्पत्ति की घोषणा कर दी दीनू ने मेरी चूत चूसना रोक दिया दीनू ने मुझे मेरे यौन चरमोत्कर्ष के द्वार से पीछे खींच कर मुझे आश्चर्यचकित कर दिया मैं वासना के अतिरेक से बिलबिला रही थी

दीनू ने मेरी दोनों भरी भरी गोल जांघें उठा कर फैला दी दीनू ने अपना मूंह मेरी गांड के ऊपर रख उसको प्यार से चूमा मेरे मूंह से घुटी घुटी सिसकारी निकल पड़ी दीनू की जीभ शीघ्र ही मेरी गांड के छेद को तड़पाने तरसाने लगी

मेरी गांड का छल्ला बारी बारी से शिथिल और संकुचित होने लगा दीनू ने मेरी गांड के मलद्वार को अपनी जीभ से चूम कर मेरी वासना को और भी उत्तेजित कर दिया दीनू की जीभ की नोक आखिरकार मेरी गांड के अंदर दाखिल हो गई मेरी सिस्कारियों ने दीनू को मेरी गांड को और भी चूसने चूमने का निमंत्रण भेजा

मेरा कुछ देर पहले का सन्निकट चरम आनंद मेरे शरीर को फिर से उमेठने लगा मेरी गांड इस वक्त दीनू के मूंह से चुपकने का प्रयास करने लगी दीनू ने पहले की तरह मेरी चूत को रति निष्पत्ति होने से पहले ही मेरी गांड से अपना मूंह हटा लिया मेरी वासना के अनबुझी आग ने मेरे मस्तिष्क को पागल कर दिया मैं दीनू के सामने गिड़गिड़ाने लगी

दीनू मुझे इतना क्यों तरसा रहा हैं ? मेरी चूत झाड़ दे प्लीज़

मैं अपने चूतड़ पलंग से उठा कर अपनी गांड और चूत दीनू के मुंह के पास ले जाने का प्रयास कर रही थी

दीनू ने अपने तने हुए लंड से मेरी चूत रगड़ और मेरे ऊपर नीचे गिरते उठते पेट पर को अपने हाथ से मसल कर बोला मां मुझे आपकी गांड मारनी है

दीनू मुझे बहुत दर्द होगा ? दीनू ने गौर किया हां मां थोड़ा होगा मैंने मना नहीं किया इस वक्त मैं दीनू की हर शर्त मान लेती मेरी वासना की संतुष्टी की चाभी दीनू का बहुत बड़ा मोटा लंड था

मेरी छोटी सी गांड के अंदर दीनू के विकराल लंड के जाने के विचार से ही मैं डर गई

दीनू ने आश्वासन दिया मां दर्द तो होगा दर्द तो चूत मरवाने में भी हुआ था पर अब आप चूत मरवाने से कितने खुश हैं

दीनू मेरे दोनों मम्मों को हलके हलके सहलाने लगा

मैंने अपना निचला होंठ वासना के उबलते ज्वार को नियंत्रित करने के प्रयास करते हुए अपने दांतों के बीच में भींच लिया

दीनू ने अपने विशाल लंड को मोटे डंडे की तरह मेरी चूत के द्वार के उपर रगड़ने लगा मेरा जलता हुआ शरीर चर्मॉनन्द की खोज में भभक उठा दीनू का रेशम जैसा चिकना पर लोहे जैसा सख्त वृहत लंड मेरे भाग शिश्न को रगड़ कर मेरी काम वासना की प्रज्जवलित अग्नि को और भी भड़काने लगा

मां जब तक आप खुद हमसे अपनी गांड मारने को नहीं कहेंगी में तब तक कुछ भी नहीं करूंगा दीनू के मर्दाने हाथ मेरे मम्मों को प्यार भरा अमरदान कर रहे थे

मेरा मस्तिष्क दीनू के विकराल लंड से गांड मरवाने के विचार से डर के मारे कांप रहा था पर मेरा विश्वासघाती सम्भोग कामना से कम्पित शरीर दीनू के अविश्वसनीय अमानवीय लंड से गांड मरवाने के लिए उत्सुक हो उठा था मेरे शरीर में जलती आग भुजाने का यंत्र दीनू की जांघों के बीच में मोटे खम्बे की तरह फड़क रहा था

मेरे शरीर की वासना और उसकी संतुष्टि की कामना ने मेरे मस्तिष्क के भीतर भरे भय के उपर विजय पा ली

मैंने कम्पित स्वर में दीनू की वासना भरे प्यार से चमकती हल्की भूरी आंखों में देख कर हलके से कहा दीनू मेरी गांड मार ले पर प्लीज़ मुझे बहुत दर्द नहीं करना

दीनू ने निर्ममता से उत्तर दिया मां दर्द तो होगा और उसे आपको सेहना पड़ेगा पर मुझसे जितना हो सकेगा उतना प्रयास मैं जरूर करूंगा

मेरा भय और वासना से कम्पित शरीर अब दीनू की कृपा के उपर निर्भर था

दीनू ने अपने लंड को मेरी गीली चूत में डाल कर मेरे यौन रस से लेप लिया दीनू ने अपना मुंह को थूक से भर मेरी गांड पर रख कर अपनी लार गांड पर डाल दी

दीनू ने अपने विशाल लंड को मेरी गांड के छोटे तंग छल्ले के ऊपर रख कर दबाया मां अपनी गांड पूरी ढीली छोड़ दो

जब मैं अपना लंड अंदर की तरफ डालूं तो आप अपनी गांड को मेरे लंड के ऊपर नीचे की तरफ जोर लगायें

मैंने वासना में जलते अपने शरीर से परेशान हो कर दीनू के सुझाव को ठीक से समझे बिना अपना सर हिला कर समर्थन दे दिया

दीनू ने मुझे अपने बड़े हाथों से जकड़ कर मुझे बिस्तर पर दबा दिया दीनू ने अपने विशाल लंड के विकराल सुपाड़े को मेरी नन्ही सी गांड के छेद पर दबाना शुरू कर दिया

मेरी तंग कसी गांड का छल्ला दीनू के लंड के प्रविष्टी के रास्ते में था मेरी गांड की कसी हुई वलय ने दीनू के भीमकाय लिंग के आक्रमण को पीछे धकेलने का निरर्थक प्रयास किया

दीनू के विशाल लंड का सुपाड़ा मेरी गांड के छोटे से छेद को खोलने के लिए बेचैन था

दीनू ने खीचकर एक जोर से धक्का लगाया दीनू के बड़े लंड के सुपाड़े ने मेरी गांड के छोटे से छेद को बेदर्दी से चौड़ा कर दिया मेरे गले से निकली दर्द भरी चीख से कमरा गूंज उठा

दीनू ने मौका देख कर अपने लोहे जैसे सख्त मोटे लंड की तीन इंच मेरी गांड में बलपूर्वक ठूंस दीं मैं दर्द से बिलबिला कर चीख पड़ी

मेरे नाखून दीनू की बांहों में गड़ गए मैंने दीनू की बांहों की खाल से अपने नाखूनों से खरोंच कर खून निकाल दिया दीनू ने एक बार भी उफ तक नहीं की

मेरी चीख रोने में बदल गई मेरी आंखों से आंसूं बहने लगे मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरी गांड के ऊपर चाकू चला दिया हो मैं सिसक सिसक कर रो रही थी दीनू बेदर्दी से मेरी गांड में अपने अमानवीय विशाल लंड की एक इंच के बाद दूसरी इंच मेरी दर्द से बिलखती गांड की गहराइयों में डालते रहा जब तक उसका पेड़ के तने जितना मोटा लंड जड़ तक मेरी गांड में नहीं समा गया

मेरी गांड में उठे भयंकर दर्द से से बिलबिला उठी मेरा शरीर पानी से बाहर निकली मछली के समान तड़प रहा था दीनू के विशाल शरीर ने मेरे थर थराते हुए शरीर को अपने नीचे कस दबा लिया मैं सुबकियां और हिचकी मार मार कर रो रही थी

नहीं नहीं दीनू मेरी गांड फट गईई अपना लंड बाहर निक आ ल आ आ ये मैं मर जाऊंगी दीनू

मैं सुबक सुबक कर हिचकियों के बीच में से बड़ी मुश्किल से बोल पा रही थी मुझे हुंह नहीं आह नहीं मरवानी अपनी गांड

दीनू ने अपने मुंह से मेरा मुंह दबोच लिया दीनू ने बेदर्दी से मेरे रोने की उपेक्षा कर मेरी गांड अपने लंड से मारने लगा

मेरी घुटी घुटी चीखों और सिस्कारियां कमरे की दीवारों से टकरा कर मेरे कानों में गूंज रहीं थी दीनू ने अपने विशाल लंड की आधी लम्बाई अंदर बाहर कर मेरी गांड की चुदाई शुरू कर दी

दीनू की बेरहमी ने मुझे दर्द से व्याकुल कर दिया मेरे आंसूओं ने मेरे चेहरे को बिलकुल भिगो दिया

मुझे पता नहीं की कितनी देर तक मैं रो रो कर अपनी गांड फटने की दुहाई देती रही पर दीनू का विशाल लंड मेरी मेरी गांड को निरंतर चोदता रहा

मेरे आंसूओं ने मेरा चेहरा गीला कर दिया थोड़ी देर में मेरी नाक बहने लगी मेरी सुबकिया मेरे दर्द की कहानी सुना रहीं थीं दीनू ने मेरा मुंह अभी भी अपने मुंह से दबा रखा था

दीनू ने मेरी गांड मारना एक क्षण के लिए भी बंद नहीं किया मैं ना जाने कितनी देर तक दर्द से बिलबिलाती हुई दीनू के विशाल शरीर के नीचे दबी सुबकती रही मुझे लगा कि एक जनम जितने समय के बाद मेरी सुबकियां थोड़ी हल्की होने लगीं मुझे बड़ी देर लगी समझने में कि मैंने रोना बंद कर दिया था मेरा हिचकियां लेकर सुबकना भी बंद हो गया था

बाकी कहानी अगले भाग में
 
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Part 8​

पिछले भाग में आप ने पढ़ा विशाल शरीर के नीचे दबी सुबकती रही मुझे लगा कि एक जनम जितने समय के बाद मेरी सुबकियां थोड़ी हल्की होने लगीं मुझे बड़ी देर लगी समझने में कि मैंने रोना बंद कर दिया था मेरा हिचकियां लेकर सुबकना भी बंद हो गया था में अब आगे पढ़े

जब दीनू को लगा कि मैंने रोना बंद कर दिया था तो उसने मेरा मुंह मुक्त कर मेरे आंसू और नाक से गंदे चेहरे को चाटकर साफ करने लगा दीनू की जीभ मेरी नाक के अंदर समा गई दीनू का लंड अभी भी मेरी गांड के अंदर बाहर जा रहा था

मुझे विश्वास नहीं हुआ कि मेरी गांड अब दीनू के लंड को बिना तीव्र पीढ़ा के संभाल रही थी दीनू ने मेरी नाक को अपने मूंह में भर कर जोर से चूसा दीनू ने मेरे दोनों नथुनों में अपने जीभ अंदर डाल कर मुझे हंसा दिया मां अब कितना दर्द हो रहा है ? दीनू के चेहरे पर शैतानी भरी मुस्कान थी

मैं शर्मा गई दीनू मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा था तू कितना बेदर्द हैं एक क्षण भी तू ने अपना लंड को मेरी गांड मारने से नहीं रोका

मां ऐसा दर्द तो सिर्फ पहली बार ही होता है मुझे लगा कि जितनी जल्दी आपकी गांड मेरे लंड की आदी हो जाये आपका दर्द

उतनी ही जल्दी कम हो जाएगा दीनू ने प्यार से मेरी नाक की नोक को अपने दांतों से काटा

मैंने दीनू की बांहों पर गहरे खरोंचो को प्यार से चूम कर खून चाट लिया सॉरी दीनू मैंने बाहें खरोंच डाली दीनू ने मुस्कुरा कर मुझे प्यार से चूम लिया

मां ऐसा दर्द तो सिर्फ पहली बार ही होता है मुझे लगा कि जितनी जल्दी आपकी गांड मेरे लंड की आदी हो जाये आपका दर्द उतनी ही जल्दी कम हो जाएगा दीनू ने प्यार से मेरी नाक की नोक को अपने दांतों से काटा

दीनू ने मुझे चूम कर मेरी गांड मारनी शुरू कर दी मेरी गांड अब दीनू के विशाल लंड के अनुकूल रूप से चौड़ी हो गई थी

उसका अमानवीय लंड मेरी गांड के छेद को रगड़ कर अंडर बाहर जा रहा था मेरी गांड मानों सुन्न हो चुकी थी मेरी गांड का दर्द पूरा तो ठीक नहीं हुआ पर मुझे अब उस दर्द से कोई बहुत परेशानी नहीं हो रही थी दीनू अपने बड़े लंड को अविरत मेरी गांड के अंदर बाहर करता रहा दीनू मेरी गांड को अपने लंड से बहुत जल्दी परिचित कराने के लिए उत्सुक था

दीनू ने अपने आकर्षक कसे हुए कूल्हों का इस्तमाल कर अपनी मां की गांड को बेरहमी और निर्ममता से चोदना शुरू कर दिया दीनू अपने बड़े लंड के सुपाड़े को छोड़ कर पूरा बाहर निकालने के बाद एक भीषण धक्के से उसे वापस मेरी गांड में ठूंस रहा था उसके जोरदार धक्कों से मेरा पूरा शरीर हिल रहा था मेरी सिसकियां दीनू के कान में संगीत सा बजा रहीं थी

मैं अपनी गांड में दीनू के लंड के हर धक्के को अपनी सिसकारी से स्वागत कर रही थी दीनू ने मेरी गांड की चुदाई के गति बड़ा दी दीनू अपना लंड सिवाय मोटे सुपाड़े को छोड़ कर पूरा बाहर निकाल कर एक भयंकर ठोकर से मेरी गांड की भीतरी गहराइयों में ठूंस रहा था कमरे की हवा मेरी गांड की मधहोश सुगंध से भर गई दीनू का लंड मेरी गांड को चौड़ा कर आराम से अंदर बाहर जा रहा था दीनू ने मेरे दोनों मम्मों को मसलना शुरू कर दिया

मेरी सिस्कारियां अब अविरत मेरे मूंह से उबल रहीं थीं दीनू का लंड डेढ़ घंटे से मेरी गांड मार रहा था अचानक मेरी सिसकारी मेरे दर्द भरे यौन चरमोत्कर्ष के तूफान से और भी ऊंची हो गई दीनू का बड़ा लंड अब मेरी गांड में रेल के इंजन की गति से अंदर बाहर हो रहा था दीनू ने मेरे दोनों मम्मों को बेदर्दी से मसल कर अपना लंड मेरी गांड में जड़ तक अंदर दबा कर मेरे ऊपर लेट गया मैंने अपनी गुदाज़ गोल जांघें दीनू की कमर के इर्द गिर्द डाल कर अपनी एड़ियां दीनू के विशाल कूल्हों पर कस कर दबा दीं

दीनू ने मेरे मुंह को चूमते हुए मेरी गांड मारना फिर से शुरू कर दिया दीनू का लंड ने मेरी गांड को फिर से मथ कर मेरे दुसरे कामोन्माद को परवान चड़ा दिया दीनू और मैं एक साथ अपने आनंद की पराकाष्ठा पर पहुंच गए

मेरा सारा शरीर कामुकता की मदहोशी में अकड़ गया दीनू का लंड मेरी गांड में झटके मार मार कर स्खलित होने लगा मेरी आंखें मादक चरम आनंद की उन्मत्तता से बंद हो गयीं दीनू और मैं बड़ी देर तक अपने यौन स्खलन के आनंद से एक दुसरे की बांहों में लेटे रहे

आखिरकार दीनू ने अपना मुश्किल से थोड़ा नरम हुए लंड को मेरी अत्यंत चौड़ी हुई गांड में से निकाल कर मेरी गांड चाटने लगे मेरे नथुने मेरी गांड की खुशबू से भर गए दीनू ने प्यार मेरी सूजी गांड को चाट कर साफ किया

दीनू की जीभ मेरी बेदर्दी से चुदी थोड़ी ढीली खुली गांड में आसानी से अंदर चली गई मेरी गांड साफ कर दीनू बोला

मां अब मैं आपकी गांड पीछे से मारूंगा मैं अब गांड मारने के आनंद की कामुकता से प्रभावित हो गई थी

मैं पलट कर घोड़ी की तरह अपने हाथों और घुटनों पर हो गई दीनू का तना हुआ लंड मेरी गांड के मल के लेप से भूरे रंग का हो गया था मैंने जल्दी से दीनू के लंड को अपने मूंह और जीभ से चाट कर साफ किया मुझे अपनी गांड और दीनू के वीर्य का मिला जुला का स्वाद अत्यंत अच्छा लगा

दीनू ने अपना लंड मेरी गांड में पीछे से हौले हौले अंदर डाल दिया मेरी गांड इतनी देर में फिर से तंग हो गई थी

पर मुझे इस बार बहुत थोड़ा दर्द हुआ दीनू ने मेरी गांड शीघ्र तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया हमारा कमरा मां बेटे के बीच अवैध गांड चुदाई से उपजी मेरी सिस्कारियों से भर गया

दीनू के हर भीषण धक्के से मेरा शरीर फिर से कांप उठा उसकी बलवान मांसल जांघें हर धक्के के अंत में मेरे कोमल मुलायम भरे भरे चूतड़ों से टकरा रहीं थीं हमारे शरीर के टकराने की आवाज़ कमरे में थप्पड़ की तरह गूंज रही थी

दीनू ने मेरी गांड की चुदाई पहली बार की तरह बेदर्दी से की मुझे पांच बार झाड़ कर दीनू दूसरी बार मेरी गांड में स्खलित हो गया दीनू का गरम गाड़ा वीर्य मेरी गांड की नाजुक दीवारों से टकरा कर मेरी गांड में मथे हुए मल के साथ मिल गया

दीनू मेरी गांड से अभी भी संतुष्ट नहीं हुआ था और एक बार फिर मेरी गांड के मंथन के लिए तैयार हो गया उस रात दीनू के विशाल लंड ने मेरी गांड तीन बार और मारी मैं दीनू के साथ लम्बी रतिक्रिया में बार बार झड़ने की मदहोशी से बेहोशी की अवस्था में पहुंच गई

मैं अपने निरंतर रति-निष्पत्ति की गिनती भी नहीं रख पाई दीनू ने मेरी गांड पांचवी बार अपने गाड़े वीर्य से भर दी मैं बिकुल थक कर चूर हो गई थी दीनू मेरी गांड चार घंटों से मार रहा था

मैंने दीनू के मुंह और गालों को प्यार से चूम चूम कर गीला कर दिया दीनू ने अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाल लिया

मैं अभी भी कुतिया की तरह अपनी चूत बाहर निकाले खड़ी थी दीनू ने अपने दोनो हाथो से मेरे मम्मों को पकड़ा और प्यार से उन्हे मसलने लगा

उसके झुकते ही मुझे मेरे चूतड़ों के बीच कुछ गर्म कठोर चीज महसूस हुआ कि ये उसके सुपारे का स्पर्श था उसने मेरे कंधों को पीछे से पकड़ा और अपनी कमर नीचे कर लिंग से मेरी चूत टटोलने लगा वो कभी लिंग दाएं तो कभी बांए तो कभी ऊपर तो कभी नीचे करके मेरे चूत द्वार को ढूंढने लगा

इधर मेरी व्याकुलता बढ़ती ही जा रही थी सो मैं बोल पड़ी लंड को हाथ से पकड़ कर चूत में घुसाओ ना इस पर उसने उत्तर दिया ऐसे ही घुस जाएगा मां वो फिर प्रयास करने लगा काफी देर प्रयास करने के बाद भी लिंग चूत का मुख स्पर्श करके इधर उधर चला जाता तब मैंने कहा देरी मत करो थूक लगा कर जल्दी घुसाओ

उसने मेरी बात मानी और लंड पर थूक मल कर चिकना किया और फिर पहले की भांति लिंग घुसाने का प्रयास करने लगा थोड़ा प्रयास करने के बाद आखिरकार उसके लंड के सुपारे ने मेरी चूत का द्वार भेद ही दिया

मैं बोल पड़ी हां दीनू घुस गया जल्दी करो

मेरी बात सुनते ही वो भी बोल दिया हां मां अब हो जाएगा आप तैयार रहो

उसने बात खत्म करते ही जोर से धक्का मारा और लंड मेरी चूत की दीवार फैलाकर भीतर चला गया इस धक्के से जहां उसके लंड ने मेरी चूत की दीवारें फैला दी वहीं मेरी चूत की मांसपेशियों के विरुद्ध उसके लिंग की ऊपर की चमड़ी पीछे की ओर खिंचती चली गई जिससे उसका सुपारे से लेकर लंड का कुछ हिस्सा खुल गया था और मैं उसकी नसों को अपनी चूत के भीतर महसूस करने लगी थी

मैं उस धक्के से जोर से कराह उठी और बोल पड़ी ओह मां दीनू इतनी जोर से ना मारो बच्चेदानी तक जा रहा है मेरी बात सुन कर शायद उसे खुशी हुई और उसे भी अपनी मर्दानगी पर गर्व हुआ वो बोल पड़ा मजा आ गया मां

उसने कुछ देर अपने लंड को मेरी चूत में टिकाए हुए हल्के हल्के हिलाता रहा और फिर धीरे धीरे उसने धक्के मारने शुरू किए अब जाकर मेरी जलन शांत होने लगी थी पर अभी तो वासना की आग ने जलना शुरू ही किया था और हम दोनों मध्य तक आ गए थे

दीनू के धक्कों से मैं यह तो समझ गई थी कि उसे बहुत मजा आ रहा और उसका जोश साफ झलक रहा था जिस प्रकार से वो ताकत लगा रहा था

पर उसके मन में मेरा खौफ भी था और इस वजह से वो एक आज्ञाकारी दास की भांति संभोग कर रहा था वो मेरे डर से अपनी मन की नहीं कर पा रहा था वरना मर्दो के जोश के आगे तो हर औरत झुक जाती है

मुझे उसका लंड बहुत सुखदायी लग रहा था और मुझे भीतर से लग रहा था कि उसे अपनी चूत से कस के जकड़ लूं मेरी चूत धक्कों के बढ़ते रफ्तार से और अधिक गीली होती जा रही थी

अब तो फच फच जैसी आवाजें मेरी चूत से निकलनी शुरू हो गई थीं जैसे जैसे संभोग और धक्कों की अवधि बढ़ती जा रही थी वैसे वैसे हम दोनों की सांसें तेज़ और जोश आक्रामक रूप लेती जा रही थीं मुझे ऐसा लग रहा था जैसे वो मुझे ऐसे ही धक्के मारता रहे कभी ना रुके

वो भी शायद यही चाह रहा था कि मैं उसका किसी तरह से कोई विरोध ना करूं उस ठंड में भी अब हम दोनों के पसीने छूटने लगे थे मुझे उसका लिंग मेरी चूत के अंदर तपता हुआ लोहा महसूस हो रहा था जिस प्रकार मैं झुकी हुई थी और वो मुझ पर दोनों टांगें फैला कर चढ़ा हुआ था उससे धक्के बहुत मजेदार लग रहे थे

जैसे जैसे मेरी चरम सुख की लालसा बढ़ती जा रही थी वैसे वैसे मैं अपने चूतड़ ऊपर करती जा रही थी मेरे चूतड़ पीछे से पूरी तरह से उठ जाने की वजह से उसका लंड अब हर धक्के पे मेरे गर्भाशय तक जाने लगा मेरी कामोतेजना का अब ठिकाना ही नहीं रहा और मैं कराहने और सिसकने लगी

उत्तेजना में मैंने किसी तरह एक हाथ पीछे ले जाकर उसके चूतड़ को पकड़ना चाहा पर वहां तक मेरा हाथ नहीं पहुंचा तब भी उसकी जांघ को पकड़ कर मैंने अपने नाखून गड़ा दिए इससे दीनू और उत्तेजित हो उठा और एक जोर का झटका दे मारा फिर गुर्राते हुए मुझे पेलने लगे

मुझे ऐसा लगा जैसे उसके लिंग का सुपारा मेरी बच्चेदानी के मुंह से चिपक गया हो मैं उस दर्द में भी आनन्द महसूस करते हुए और जोर से चहक उठी और नाखून और चुभा दिया

एक पल दीनू ने लिंग वहीं चिपकाए रखा और फिर से लिंग थोड़ा बाहर खींच कर धक्के मारने लगा अब दीनू हांफने लगा था और उसने रुक रुक के धक्के देने शुरू कर दिए थे

कोई 20 मिनट के संभोग के बाद दीनू ने मुझसे पूछा मां क्या आप झड़ने वाली हैं अगर हो तो मुझे बता देना

मैंने भी उत्तर दिया हां तेज़ी से धक्के मारते रहो रुकना मत

तब उसने कहा मां क्या आप ऊपर आकर धक्के मारोगी ? मैं अब थकने लगा हूं प्लीज

दीनू मेरे पीछे से उठा और बिस्तर पर चित लेट गया मैंने देखा वो ऊपर से नीचे तक पसीना पसीना था यहां तक कि उसकी पगड़ी सिर के पास पूरी भीग चुकी थी

मैं उठकर दोनों टांगें फैला कर दीनू के लंड के ऊपर चढ़ गई उसका लंड एकदम तना हुआ ऊपर की ओर मुंह उठाए हुए था मैं अपने दोनों हाथ दीनू के सीने पर रख घुटने बिस्तर पर टिका लिंग के ऊपर बैठने लगी मेरी चूत इतनी चिकनाई से भर गई थी कि जैसे ही लंड का सुपारा मेरी चूत के छेद पर पड़ा मेरे हल्के से कमर दबाते ही उसका पूरा लिंग सरसराता हुआ मेरे अंदर घुस गया

एक बार बाहर निकल कर फिर से लंड घुसाने का भी अलग आनन्द आता है यह मुझे महसूस हुआ इसी वजह से शायद मर्द बार बार उत्तेजना में लिंग बाहर निकाल कर अंदर घुसाते है खैर जैसे ही मेरी चूत की लाइन में लिंग प्रवेश हुआ मैंने खुद को संतुलित कर हल्के हल्के कमर हिलाते हुए धक्के देने लगी

बस 10-12 धक्के लगाने के बाद दीनू का चेहरा देखने लायक था वो पूरे जोश से भर गया था और उसे बहुत मजा आ रहा था उसकी आंखों में उम्मीद सी थी कि उसे मनचाहे तरीके से संभोग सुख मिल रहा

उसने लंबी लंबी सांस छोड़नी शुरू कर दी और बीच बीच में सिसकारियां भी लेने लगा थोड़ी देर में उसने अपने हाथों से मेरे मम्मों और चूतड़ों को बारी बारी से दबाना सहलाना और मसलना शुरू कर दिया उसकी हरकतों से मैं और जोश में आने लगी और आह ऊह्ह्ह उम्म की आवाजें निकालते हुए तेज़ी से धक्के मारने लगी

हम दोनों मस्ती में पूरी तरह खो चुके थे और हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था जैसे जैसे संभोग की अवधि बढ़ती गई वैसे वैसे मैं थकती जा रही थी मगर वही दीनू की मस्ती चरम पर पहुंचने को थी थकान की वजह से अब मेरे मन में ख्याल आने लगा कि या तो अब वो झड़ जाए या मैं झड़ जाऊं इसलिए मैं इस हाल में भी अपने जोश और दम को कम नहीं होने दे रही थी और लगातार उसी ताकत और गति से धक्के मार रही थी

अब तो मेरे पसीने छूटने लगे थे तभी जोश से भरा दीनू उठ बैठा और मुझे चूतड़ से पकड़ लिया उसने हाथों से मेरे चूतड़ पकड़ कर हवा में उछालना शुरू कर दिया वो मेरे स्तनों को मुंह में भर कर मेरा दूध पीने लगा और चूतड़ पकड़ कर मुझे उछालते हुए संभोग में सहारा देने लगा

अब मैं थक चुकी थी और मुझसे दम नहीं लग रहा था तब मैं बोली दीनू अब ऊपर आकर करो और जल्दी झड़ जाओ सुबह होने को है

तब उसने मुझे छोड़ा और मैंने बिस्तर पर लेट कर आसन ले लिया

मैंने एक तकिया अपने चूतड़ों के नीचे रख लिया ताकि ज्यादा आसानी हो और अपनी मांसल मोटी जांघें फैला कर चूत को दीनू के सामने कर दिया

दीनू भी बिना देरी के मेरी जांघों के बीच आकर मेरे ऊपर झुक गया उसका लंड पूरे उफान पर था और किसी गुस्सैल नाग की भांति फनफना रहा था उसने अपनी कमर नीचे की और मैंने अपने चूतड़ थोड़े उठाए और जैसे ही दीनू को मेरी चूत के छेद का स्पर्श हुआ उसने जोर से लंड धकेल दिया उसका लंड बिना किसी प्रकार के मदद के सर्र से मेरी चूत की गहराई में उतरता चला गया

फिर क्या था दीनू तो वैसे ही बहुत गर्म था उसने एक सांस में धक्के मारने शुरू कर दिया मैं बस उसे पकड़ कर कसमसाती हुई अपनी टांगें ऊपर उठा कर कराहने लगी मैं मस्ती के सागर में पूरी तरह डूब चुकी थी और अब किनारे तक जाना चाहती थी

मैं बोली ऊऊऊह्ह्ह अहह हाए याह ओह्ह दीनू और जोर से चोदो मुझे मैं झड़ने वाली हूं

फिर क्या था मेरी ऐसी बातें उसके कानों में किसी वियाग्रा की गोली की तरह काम कर गई उसने फिर जोरदार और अपनी पूरी ताकत से मुझे धक्के मारने शुरू किए मैं भी धक्कों की मार से बकरी की तरह मिमियाने लगी और फिर मेरी नाभि में झनझनाहट सी शुरू हो गई

अभी 5-10 धक्के उसने और मारे कि उस झनझनाहट की लहर मेरी नाभि से उतरता हुआ चूत तक चला गया

मैं और जोरों से सिसियाने और कराहते हुए अपने चूतड़ उछालने लगी मैंने उसे पूरी ताकत से पकड़ लिया और मेरे मुंह से आह ओह्ह इह जैसी आवाजें निकलने लगीं मेरी चूत से मुझे लगा कुछ तेज़ पिचकारी सी छूटने को है और मेरा बदन मेरे बस में नहीं रहा

मैं झड़ने लगी और मेरी चूत से पानी की धार तेज़ी से रिसने लगी मुझे ऐसे देख और मेरी हरकतें और चरम सुख की प्राप्ति की कामुक आवाज सुन दीनू भी खुद को ज्यादा देर ना रोक सका

वो भी गुर्राते और हांफते हुए तेजी से चूत की झांटों पे झटके मारता हुआ एक के बाद एक पिचकारी मारने लगा उसके लिंग से 4 बार तेज़ वीर्य की पिचकारी मैंने मेरी बच्चेदानी में महसूस की जो कि आग की तरह गर्म थी उसके धक्कों के आगे मैं भी पूरी तरह झड़ कर शांत होने के लिए उसे कस कर पकड़ चिपकी रही

पर दीनू तब तक नहीं रुका जब तक उसने वीर्य की आखिरी बूंद मेरी चूत की गहराई में ना उतार दी उस एक बूंद के गिरते ही वो मेरे स्तनों के ऊपर गिर पड़ा और हांफते हुए सुस्ताने लगा उसने मेरी चूत को अपने वीर्य से लबालब भर दिया था

यह थी मैं और मेरा बेटा आज भी चुदाई करते है मुझे उसके लंड से चुदने का बहुत मजा आता है जब मेरे पति कही बाहर जाते है हम मां बेटा कमरा बंद करके चुदाई करते है और जब कबी मेरे पति रात भर कही काम की वजह से बाहर रहते है तो हमारी खुशी का कोई टिकाना नही होता और हम मां बेटा पूरी रात यौन संबंध बनाते है हमे जब भी मौका मिलता है हम सम्भोग करते है
 
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