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Punjabi - ਭਾਸ਼ਾ Incest मां बेटे की अन्तर्वासना (All Parts)

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Part 1​

हैलो दोस्तों आज मैं आपको बताने जा रहा हूं आपको यह जरूर अच्छी लगेगी हमारा परिवारिक काम धोबी का है हम लोग एक छोटे से गांव में रहते हैं और वहां धोबी का एक ही घर है इसी लिए हम लोग को ही गांव के सारे कपड़े साफ करने को मिलते थे मेरे परिवार में मैं मां और पिताजी है मेरी उमर इस समय 17 साल हो गई थी और मेरा 18वां साल चलने लगा था

गांव के स्कूल में ही पढ़ाई लिखाई चालू थी हमारा एक छोटा सा खेत था जिस पर पिताजी काम करते थे मैं और मां ने कपड़े साफ़ करने का काम संभाल रखा था कुल मिला कर हम बहुत सुखी सम्पन थे और किसी चीज़ की दिक्कत नही थी हम दोनो मां बेटे हर सप्ताह में दो बार नदी पर जाते थे और सफाई करते थे

फिर घर आकर उन कपड़ो की स्त्री कर के उन्हे वापस लौटा कर फिर से पुराने गंदे कपड़े एकत्र कर लेते थे हर बुधवार और शनिवार को मैं सुबह 9 बजे के समय मैं और मां एक छोटे से गधे पर पुराने कपड़े लाद कर नदी की ओर निकल पड़ते हम गांव के पास बहने वाली नदी में कपड़े ना धो कर गांव से थोड़ी दूर जा कर सुनसान जगह पर कपड़े धोते थे क्योंकि गांव के पास वाली नदी पर साफ पानी नही मिलता था और हमेशा भीड़ लगी रहती थी

मेरी मां 35-36 साल के उमर की एक बहुत सुंदर गोरी औरत है ज़यादा लंबी तो नही परन्तु उसकी लंबाई 5 फुट 4 इंच की है और मेरी 5 फुट 8 इंच की है सबसे आकर्षक उसके मोटे मोटे चूतड़ और नारियल के जैसी स्तन थे ऐसा लगते थे जैसे की ब्लाउज को फाड़ के निकल जायेंगे और भाले की तरह से नुकीले थे

उसके चूतड़ भी कम सेक्सी नही थे और जब वो चलती थी तो ऐसे मटकते थे कि देखने वाले के उसके हिलते गांड को देख कर हिल जाते थे पर उस वक़्त मुझे इन बातो का कम ही ज्ञान था फिर भी तोरा बहुत तो गांव के लड़को की साथ रहने के कारण पता चल ही गया था और जब भी मैं और मां कपड़े धोने जाते तो मैं बड़ी खुशी के साथ कपड़े धोने उसके साथ जाता था

जब मां कपड़े को नदी के किनारे धोने के लिए बैठती थी तब वो अपनी साड़ी और पेटिकोट को घुटनो तक उपर उठा लेती थी और फिर पीछे एक पत्थर पर बैठ कर आराम से दोनो टांगे फैला कर जैसा की औरते पेशाब करने वक़्त करती है कपरो को साफ़ करती थी मैं भी अपनी लूंगी को जाँघ तक उठा कर कपड़े साफ करता रहता था

इस स्थिति में मां की गोरी गोरी टांगे मुझे देखने को मिल जाती थी और उसकी साड़ी भी सिमट कर उसके ब्लाउज के बीच में आ जाती थी और उसके मोटे मोटे मम्मों के ब्लाउज के उपर से दर्शन होते रहते थे कई बार उसकी साड़ी जांघों के उपर तक उठ जाती थी और ऐसे समय में उसकी गोरी गोरी मोटी मोटी केले के तने जैसे चिकनी जांघों को देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था

मेरे मन में कई सवाल उठने लगते फिर मैं अपना सिर झटक कर काम करने लगता था मैं और मां कपड़ों की सफाई के साथ-साथ तरह-तरह की गांव – घर की बाते भी करते जाते कई बार हम उस सुन-सन जगह पर ऐसा कुछ दिख जाता था जिसको देख के हम दोनो एक दूसरे से अपना मुंह छुपाने लगते थे

कपड़े धोने के बाद हम वही पर नहाते थे और फिर साथ लाए हुआ खाना खा नदी के किनारे सुखाए हुए कपड़े को इकट्ठा कर के घर वापस लौट जाते थे मैं तो खैर लूंगी पहन कर नदी के अंदर कमर तक पानी में नहाता था मगर मां नदी के किनारे ही बैठ कर नहाती थी नहाने के लिए मां सबसे पहले अपनी साड़ी उतारती थी

फिर अपने पेटिकोट के नाड़े को खोल कर पेटिकोट उपर को सरका कर अपने दांत से पकड़ लेती थी इस तरीके से उसकी पीठ तो दिखती थी मगर आगे से ब्लाउज पूरा ढक जाता था फिर वो पेटिकोट को दांत से पकडे हुए ही अंदर हाथ डाल कर अपने ब्लाउज को खोल कर उतरती थी और फिर पेटीकोट को छाती के उपर बांध देती थी

जिस से उसके मम्में पूरी तरह से पेटीकोट से ढक जाते थे और कुछ भी नज़र नही आता था और घुटनो तक पूरा बदन ढक जाता था फिर वो वही पर नदी के किनारे बैठ कर एक बड़े से जग से पानी भर भर के पहले अपने पूरे बदन को रगड़ रगड़ कर सॉफ करती थी और साबुन लगाती थी फिर नदी में उतर कर नहाती थी

मां की देखा देखी मैने भी पहले नदी के किनारे बैठ कर अपने बदन को साफ करना शुरू कर दिया फिर मैं नदी में डुबकी लगा के नहाने लगा मैं जब साबुन लगाता तो मैं अपने हाथो को अपने लूंगी के घुसा के पूरे लंड आंड गांड पर चारो तरफ घुमा घुमा के साबुन लगा के सफाई करता था क्यों मैं भी मां की तरह बहुत सफाई पसंद था

जब मैं ऐसा कर रहा होता तो मैने कई बार देखा की मां बड़े गौर से मुझे देखती रहती थी और अपने पैर की एडियां पत्थर पर धीरे धीरे रगड़ के साफ करती होती मैं सोचता था वो शायद इसलिए देखती है की मैं ठीक से सफाई करता हूं या नही इसलिए मैं भी बारे आराम से खूब दिखा दिखा के साबुन लगता था की कही डांट ना सुनने को मिल जाए कि ठीक से सॉफ सफाई का ध्यान नही रखता हूं

मैं अपनी लूंगी के भीतर पूरा हाथ डाल के अपने लंड को अच्छे तरीके से साफ करता था इस काम में मैने नोटीस किया कि कई बार मेरी लूंगी भी इधर उधर हो जाती थी जिससे मां को मेरे लंड की एक आध झलक भी दिख जाती थी जब पहली बार ऐसा हुआ तो मुझे लगा की शायद मां डाटेंगी मगर ऐसा कुछ नही हुआ

तब निश्चिंत हो गया और मज़े से अपना पूरा ध्यान साफ सफाई पर लगाने लगा मां की सुंदरता देख कर मेरा भी मन कई बार ललचा जाता था और मैं भी चाहता था की मैं उसे साफाई करते हुए देखू पर वो ज्यादा कुछ देखने नही देती थी और घुटनो तक की सफाई करती थी और फिर बड़ी सावधानी से अपने हाथो को अपने पेटीकोट के अंदर ले जा कर अपनी चूत की सफाई करती

जैसे ही मैं उसकी ओर देखता तो वो अपना हाथ पेटीकोट में से निकल कर अपने हाथो की सफाई में जुट जाती थी इसीलिए मैं कुछ नही देख पता था और चुकी वो घुटनो को मोड़ के अपने छाती से सताए हुए होती थी इसीलये पेटिकोट के उपर से छाती की झलक मिलनी चाहिए वो भी नही मिल पाती थी

इसी तरह जब वो अपने पेटिकोट के अंदर हाथ घुसा कर अपने जांघों और उसके बीच की सफाई करती थी ये ध्यान रखती की मैं उसे देख रहा हूं या नही जैसे ही मैं उसकी ओर घूमता वो झट से अपना हाथ निकाल लेती थी और अपने बदन पर पानी डालने लगती थी मैं मन मसोस के रह जाता था

एक दिन सफाई करते करते मां का ध्यान शायद मेरी तरफ से हट गया था और बरे आराम से अपने पेटिकोट को अपने जांघों तक उठा के सफाई कर रही थी उसकी गोरी चिकनी जांघों को देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा और मैं जो की इस वक़्त अपनी लूंगी को ढीला कर के अपने हाथो को लूंगी के अंदर डाल कर अपने लंड की सफाई कर रहा था धीरे धीरे अपने लंड को मसल्ने लगा

तभी अचानक मां की नज़र मेरे उपर गई और उसने अपना हाथ निकल लिया और अपने बदन पर पानी डालती हुई बोली क्या कर रहा है जल्दी से नहा के काम ख़तम कर मेरे तो होश ही उर गये और मैं जल्दी से नदी में जाने के लिए उठ कर खड़ा हो गया पर मुझे इस बात का तो ध्यान ही नही रहा की मेरी लूंगी तो खुली हुई है और मेरी लूंगी सरसारते हुए नीचे गिर गई

मेरा पूरा बदन नंगा हो गया और मेरा 8.5 इंच का लंड जो की पूरी तरह से खड़ा था धूप की रोशनी में नज़र आने लगा मैने देखा की मां एक पल के लिए चकित हो कर मेरे पूरे बदन और नंगे लंड की ओर देखती रह गई मैने जल्दी से अपनी लूंगी उठाई और चुपचाप पानी में घुस गया

मुझे बड़ा डर लग रहा था की अब क्या होगा अब तो पक्की डाँट पड़ेगी और मैने कनखियो से मां की ओर देखा तो पाया की वो अपने सिर को नीचे किया हल्के हल्के मुस्कुरा रही है और अपने पैरो पर अपने हाथ चला के सफाई कर रही है मैं ने राहत की सांस ली और चुपचाप नहाने लगा

उस दिन हम जायदातर चुप चाप ही रहे घर वापस लौटते वक़्त भी मां ज़यादा नही बोली दूसरे दिन से मैने देखा की मां मेरे साथ कुछ ज्यादा ही खुल कर हंसी मज़ाक करती रहती थी और हमारे बीच डबल मीनिंग में भी बाते होने लगी थी पता नही मां को पता था या नही पर मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था मैने जब भी किसी के घर से कपड़े ले कर वापस लौटता तो

मां बोलती क्यों राधिया के कपड़े भी लाया है धोने के लिए क्या?

तो मैं बोलता हा

इसपर वो बोलती ठीक है तू धोना उसके कपड़े बड़ा गंदा करती है उसकी सलवार तो मुझसे धोई नही जाती फिर पूछती थी अंदर के कपड़े भी धोने के लिए दिए है क्या? अंदर के कपड़ो से उसका मतलब पेंटी और ब्रा या फिर अंगिया से होता था

मैं कहता नही तो इस पर हसने लगती और कहती तू लड़का है ना शायद इसीलिए तुझे नही दिया होगा देख अगली बार जब मैं मांगने जाऊंगी तो ज़रूर देगी फिर अगली बार जब वो कपड़े लाने जाती तो सचमुच में वो उसकी पेंटी और अंगिया ले के आती थी और बोलती देख मैं ना कहती थी की वो तुझे नही देगी और मुझे दे देगी तू लड़का है ना तेरे को देने में शरमाती होंगी

फिर तू तो अब जवान भी हो गया है मैं अंजान बना पुछ्ता क्या देने में शरमाती है राधिया तो मुझे उसकी पेंटी और ब्रा या अंगिया फैला कर दिखती और मुस्कुराते हुए बोलती ले खुद ही देख ले इस पर मैं शर्मा जाता और कनखियों से देख कर मुंह घुमा लेता तो वो बोलती अरे शरमाता क्यों है ये भी तेरे को ही धोना परेगा कह के हसने लगती

पता नही क्यों मां अब कुछ दिनों से इस तरह की बातो में ज़यादा इंटेरेस्ट लेने लगी थी मैं भी चुप चाप उसकी बाते सुनता रहता और मज़े से जवाब देता रहता था जब हम नदी पर कपड़े धोने जाते तब भी मैं देखता था की मां अब पहले से थोरी ज्यादा खुले तौर पर पेश आती थी

पहले वो मेरी तरफ पीठ करके अपने ब्लाउज को खोलती थी और पेटिकोट को अपनी छाती पर बांधने के बाद ही मेरी तरफ घूमती थी पर अब वो इस पर ध्यान नही देती और मेरी तरफ घूम कर अपने ब्लाउज को खोलती और मेरे ही सामने बैठ कर मेरे साथ ही नहाने लगती जब की पहले वो मेरे नहाने तक इंतेज़ार करती थी और जब मैं थोडा दूर जा के बैठ जाता तब पूरा नहाती थी

मेरे नहाते वक़्त उसका मुझे घुरना बदस्तूर जारी था और मेरे में भी हिम्मत आ गई थी और मैं भी जब वो अपने छातियों की सफाई कर रही होती तो उसे घूर कर देखता रहता मां भी मज़े से अपने पेटिकोट को जांघों तक उठा कर एक पत्थर पर बैठ जाती और साबुन लगाती और ऐसे एक्टिंग करती जैसे मुझे देख ही नही रही है

उसके दोनो घुटने मुड़े हुए होते थे और एक पैर थोडा पहले आगे पसारती और उस पर पूरा जांघों तक साबुन लगाती थी फिर पहले पैर को मोड़ कर दूसरे पैर को फैला कर साबुन लगाती पूरा अंदर तक साबुन लगाने के लिए वो अपने घुटने मोड़े रखती और अपने बाए हाथ से अपने पेटिकोट को थोडा उठा के या अलग कर के दाहिने हाथ को अंदर डाल के साबुन लगाती

मैं क्यूंकि थोड़ी दूर पर उसके बगल में बैठा होता इसीलिए मुझे पेटिकोट के अन्दर का नज़ारा तो नही मिलता था जिसके कारण से मैं मन मसोस के रह जाता था की काश मैं सामने होता पर इतने में ही मुझे ग़ज़ब का मज़ा आ जाता था और उसकी नंगी चिकनी चिकनी जंघे उपर तक दिख जाती थी

मां अपने हाथ से साबुन लगाने के बाद बड़े मग को उठा के उसका पानी सीधे अपने पेटिकोट के अंदर डाल देती और दूसरे हाथ से साथ ही साथ रगडती भी रहती थी ये इतना जबरदस्त सीन होता था की मेरा तो लंड खड़ा हो के फुफ्करने लगता और मैं वही नहाते नहाते अपने लंड को मसल्ने लगता

जब मेरे से बर्दस्त नही होता तो मैं सीधा नदी में कमर तक पानी में उतर जाता और पानी के अंदर हाथ से अपने लंड को पाकर कर खड़ा हो जाता और मां की तरफ घूम जाता जब वो मुझे पानी में इस तरह से उसकी तरफ घूम कर नहाते देखती तो वो मुस्कुरा के मेरी तरफ देखती हुई बोलती ज्यादा दूर मत जाना किनारे पर ही नहा ले आगे पानी बहुत गहरा है

मैं कुछ नही बोलता और अपने हाथो से अपने लंड को मसालते हुए नहाने की एक्टिंग करता रहता इधर मां मेरी तरफ देखती हुई अपने हाथो को उपर उठा उठा के अपने कांख की सफाई करती कभी अपने हाथो को अपने पेटिकोट में घुसा के छाती को साफ करती कभी जांघों के बीच हाथ घुसा के खूब तेज़ी से हाथ चलने लगती

दूर से कोई देखे तो ऐसा लगेगा के मूठ मार रही है और शायद मारती भी होगी कभी कभी वो भी खड़े हो नदी में उतर जाती और ऐसे में उसका पेटिकोट जो की उसके बदन चिपका हुआ होता था गीला होने के कारण मेरी हालत और ज्यादा खराब कर देता था पेटिकोट चिपकने के कारण उसकी बड़ी बड़ी चुचिया नुमाया हो जाती थी

कपड़े के उपर से उसके बड़े बड़े मोटे मोटे निपल तक दिखने लगते थे पेटिकोट उसके चूतडों से चिपक कर उसके गांड के दरार में फंसा हुआ होता था और उसके बड़े बड़े चूतड़ साफ साफ दिखाई देते रहते थे वो भी कमर तक पानी में मेरे ठीक सामने आ के खडी हो के डुबकी लगाने लगती और मुझे अपने मम्मों का नज़ारा करवाती जाती

मैं तो वही नदी में ही लंड मसल के मूठ मार लेता था हालांकि मूठ मारना मेरी आदत नही थी घर पर मैं ये काम कभी नही करता था पर जब से मां के स्वाभाव में चेंज आया था नदी पर मेरी हालत ऐसे हो जाती थी की मैं मज़बूर हो जाता था अब तो घर पर मैं जब भी स्त्री करने बैठता तो मुझे बोलती जाती देख ध्यान से स्त्री करियो

पिछली बार शयामा बोल रही थी की उसके ब्लाउज ठीक से स्त्री नही थे मैं भी बोल पड़ता ठीक है कर दूंगा इतना छोटा सा ब्लाउज तो पहनती है ढंग से स्त्री भी नही हो पाती पता नही कैसे काम चलती है इतने छोटे से ब्लाउज में तो मां बोलती अरे उसकी चूचियां ज़यादा बड़ी थोड़े ही है जो वो बड़ा ब्लाउज पहनेगी

हां उसकी सास के ब्लाउज बहुत बड़े बड़े है बुढ़िया के मम्में पहाड़ जैसे है कह कर मां हंसने लगती फिर मेरे से बोलतीतू सबके ब्लाउज की लंबाई चौड़ाई देखता रहता है क्या या फिर स्त्री करता है मैं क्या बोलता चुपचाप सिर झुका कर स्त्री करते हुए धीरे से बोलता अरे देखता कौन है नज़र चली जाती है

बस स्त्री करते करते मेरा पूरा बदन पसीने से नहा जाता था मैं केवल लूंगी पहने स्त्री कर रहा होता था मां मुझे पसीने से नहाए हुए देख कर बोलती छोड़ अब तू कुछ आराम कर ले तब तक मैं स्त्री करती हूं मां ये काम करने लगती थोरी ही देर में उसके माथे से भी पसीना चुने लगता और वो अपनी साडी खोल कर एक ओर फेक देती और बोलती बरी गर्मी है रे

पता नही तू कैसे कर लेता है इतने कपरो की स्त्री मेरे से तो ये गर्मी बर्दस्त नही होती इस पर मैं वही पास बैठा उसके नंगे पेट गहरी नाभि और मोटे मम्मों को देखता हुआ बोलता ठंडा कर दूं तुझे?

कैसे करेगा ठंडा?

बाकी कहानी अगले भाग में
 

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Choti Editor
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Jan 10, 2025
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Part 2​

desi antarvasna story
आप ने के पिछले भाग में पढ़ा था मैं वही पास बैठा उसके नंगे पेट गहरी नाभि और मोटे मम्मों को देखता हुआ बोलता ठंडा कर दूं तुझे? कैसे करेगा ठंडा? अब में आगे पढ़े

डंडे वाले पंखे से मैं तुझे पंखा झल देता हूं फैन चलाने पर तो स्त्री ही ठंडी पड़ जाएगी

रहने दे तेरे डंडे वाले पंखे से भी कुछ नही होने जाने का छोटा सा तो पंखा है तेरा कह कर अपने हाथ ऊपर उठा कर माथे पर छलक आए पसीने को पोछती तो मैं देखता की उसकी कांख पसीने से पूरी भीग गई है और उसके गर्देन से बहता हुआ पसीना उसके ब्लाउज के अंदर उसके दोनो मम्मों के बीच की घाटी मे जा कर उसके ब्लाउज को भींगा रहा होता

घर के अंदर वैसे भी वो ब्रा तो कभी पहनती नही थी इस कारण से उसके पतले ब्लाउज को पसीना पूरी तरह से भीगा देता था और उसके मम्में उसके ब्लाउज के ऊपर से नज़र आते थे कई बार जब वो हल्के रंगा का ब्लाउज पहनी होती तो उसके मोटे मोटे भूरे रंग के निपल नज़र आने लगते ये देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगता था

कभी कभी वो स्त्री को एक तरफ रख के अपने पेटीकोट को उठा के पसीना पोछने के लिए अपने सिर तक ले जाती और मैं ऐसे ही मौके के इंतेज़ार में बैठा रहता था क्योंकि इस वक़्त उसकी आंखे तो पेटीकोट से ढक जाती थी पर पेटीकोट ऊपर उठने के कारण उसका टांगे पूरा जांघ तक नंगी हो जाती थी और मैं बिना अपनी नज़रो को चुराए उसके गोरी चिटी मखमली जांघों को तो जी भर के देखता था

मां अपने चेहरे का पसीना अपनी आंखे बंद कर के पूरे आराम से पोछती थी और मुझे उसके मोटे कंडली के खम्भे जैसे जांघों को पूरा नज़ारा दिखाती थी रात में जब खाना खाने का टाइम आता तो मैं नहा धो कर किचन में आ जाता खाना खाने के लिए मां भी वही बैठा के मुझे गरम गरम रोटिया सेक देती जाती और हम खाते रहते

इस समय भी वो पेटीकोट और ब्लाउज में ही होती थी क्यों की किचन में गर्मी होती थी और उसने एक छोटा सा पल्लू अपने कंधो पर डाल रखा होता उसी से अपने माथे का पसीना पोछती रहती और खाना खिलती जाती थी मुझे हम दोनो साथ में बाते भी कर रहे होते

मैने मज़ाक करते हुए बोलता सच में मां तुम तो गरम स्त्री हो वो पहले तो कुछ समझ नही पाती फिर जब उसकी समझ में आता की मैं आइरन स्त्री ना कह के उसे स्त्री कह रहा हूं तो वो हसने लगती और कहती हां मैं गरम स्त्री हूं और अपना चेहरा आगे करके बोलती देख कितना पसीना आ रहा है मेरी गर्मी दूर कर दे

मैं तुझे एक बात बोलू तू गरम चीज़े मत खाया कर ठंडी चीज़ खाया कर

अच्छा कौन से ठंडी चीज़ मैं खाऊं कि मेरी गर्मी दूर हो जाएगी

केले और बैगन की सब्जिया खाया कर

इस पर मां का चेहरा लाल हो जाता था और वो सिर झुका लेती और

धीरे से बोलती अरे केले और बैगान की सब्जी तो मुझे भी अच्छी लगती है पर कोई लाने वाला भी तो हो तेरा बापू तो ये सब्जिया लाने से रहा ना तो उसे केला पसंद है ना ही उसे बैगन

तू फिकर मत कर मैं ला दूंगा तेरे लिए

अच्छा बेटा है तू मां का कितना ध्यान रखता है

मैं खाना ख़तम करते हुए बोलता चल अब खाना तो हो गया ख़तम तू भी जा के नहा ले और खाना खा ले अरे नही अभी तो तेरा बापू देसी चढ़ा के आता होगा उसको खिला दूंगी तब खाऊंगी तब तक नहा लेती हूं तू जा और जा के सो जा कल नदी पर भी जाना है मुझे भी ध्यान आ गया की हां कल तो नदी पर भी जाना है मैं छत पर चला गया गर्मियों में हम तीनो लोग छत पर ही सोया करते थे

सुबह सूरज की पहली किरण के साथ जब मेरी नींद खुली तो देखा एक तरफ बापू अभी भी लुढ़का हुआ है और मां शायद पहले ही उठ कर जा चुकी थी मैं भी जल्दी से नीचे पहुचा तो देखा की मां बाथरूम से आ के हैंडपंप पर अपने हाथ पैर धो रही थी

मुझे देखते ही बोली चल जल्दी से तैयार हो जा मैं खाना बना लेती हूं फिर जल्दी से नदी पर निकाल जायेंगे तेरे बापू को भी आज शहर जाना है बीज लाने मैं उसको भी उठा देती हूं थोरी देर में जब मैं वापस आया तो देखा की बापू भी उठ चुका था और वो बाथरूम जाने की तैयारी में था

मैं भी अपने काम में लग गया और सारे कपड़ों के गट्ठर बना के तैयार कर दिया थोरी देर में हम सब लोग तैयार हो गये घर को ताला लगाने के बाद बापू बस पकड़ने के लिए चल दिया और हम दोनो नदी की ओर मैने मां से पुछा की बापू कब तक आयेंगे तो वो बोली क्या पता कब आएगा मुझे तो बोला है की कल आ जाउंगा पर कोई भरोसा है तेरे बापू का चार दिन भी लगा देगा

हम लोग नदी पर पहुच गये और फिर अपने काम में लग गये कपड़ों की सफाई के बाद मैने उन्हें एक तरफ सूखने के लिए डाल दिया और फिर हम दोनो ने नहाने की तैयारी शुरू कर दी मां ने भी अपनी साड़ी उतार के पहले उसको साफ किया फिर हर बार की तरह अपने पेटीकोट को ऊपर चढ़ा के अपनी ब्लाउज निकाली फिर उसको साफ किया और फिर अपने बदन को रगड़ रगड़ के नहाने लगी

मैं भी बगल में बैठा उसको निहारते हुए नहाता रहा बेखयाली में एक दो बार तो मेरी लूंगी भी मेरे बदन पर से हट गई थी पर अब तो ये बहुत बार हो चुका था इसलिए मैने इस पर कोई ध्यान नही दिया हर बार की तरह मां ने भी अपने हाथो को पेटीकोट के अंदर डाल के खूब रगड़ रगड़ के नहाना चालू रखा

थोड़ी देर बाद मैं नदी में उतर गया मां ने भी नदी में उतर के एक दो डुबकिया लगाई और फिर हम दोनो बाहर आ गये मैने अपने कपडे चेंज कर लिए और पाजामा और कुर्ता पहन लिया मां ने भी पहले अपने बदन को टॉवेल से सूखाया फिर अपने पेटीकोट के डोर को जिसको की वो छाती पर बांध के रखती थी ऊपर से खोल लिया और अपने दांतों से पेटीकोट को पकड़ लिया

ये उसका हमेशा का काम था मैं उसको पत्थर पर बैठ के एक तक देखे जा रहा था इस प्रकार उसके दोनो हाथ फ्री हो गये थे अब उसने ब्लाउज को पहन ने के लिए पहले उसने अपना बाया हाथ उसमे घुसाया फिर जैसे ही वो अपना दाहिना हाथ ब्लाउज में घुसाने जा रही थी की पता नही क्या हुआ उसके दांतों से उसकी पेटीकोट छुट गई और सीधे सरसरते हुए नीचे गिर गई और उसका पूरा का पूरा नंगा बदन एक पल के लिए मेरी आंखों के सामने दिखने लगा

उसके बड़े बड़े मम्में जिन्हे मैने अब तक कपड़ों के ऊपर से ही देखा था और उसके भारी बाहरी चूतड़ और उसकी मोटी मोटी जांघे और झाट के बाल सब एक पल के लिए मेरी आंखों के सामने नंगे हो गये पेटीकोट के नीचे गिरते ही उसके साथ ही मां भी तेज़ी के साथ नीचे बैठ गई मैं आंखे फाड़ फाड़ फर के देखते हुए वही पर खड़ा रह गया

मां नीचे बैठ कर अपने पेटीकोट को फिर से समेटती हुई बोली ध्यान ही नही रहा मैं तुझे कुछ बोलना चाहती थी और ये पेटीकोट दांतों से छुट गया मैं कुछ नही बोला मां फिर से खडी हो गई और अपने ब्लाउज को पहनने लगी फिर उसने अपने पेटीकोट को नीचे किया और बांध लिया फिर साड़ी पहन कर वो वही बैठ के अपने भीगे पेटीकोट को साफ कर के तैयार हो गई

फिर हम दोनो खाना खाने लगे खाना खाने के बाद हम वही पेड़ की छावं में बैठ कर आराम करने लगे जगह सुनसान थी ठंडी हवा बह रही थी मैं पेड़ के नीचे लेटे हुए मां की तरफ घुमा तो वो भी मेरी तरफ घूमी इस वक़्त उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कराहट पसरी हुई थी

मैने पुछा मां क्यों हंस रही हो

तो वो बोली क्या करू अब हसने पर भी कोई रोक है क्या?

नही मैं तो ऐसे ही पूछ रहा था नही बताना है तो मत बताओ

मां बोली – अरे इतनी अच्छी ठंडी हवा बह रही है चेहरे पर तो मुस्कान आएगी ही यहा पेड़ की छांव में कितना अच्छा लग रहा है ठंडी ठंडी हवा चल रही है और आज तो मैने पूरा हवा खाया है

पूरा हवा खाया है वो कैसे

मैं पूरी नंगी जो हो गई थी फिर बोली ही तुझे मुझे ऐसे नही देखना चाहिए था

क्यों नही देखना चाहिए था

अरे बेवकूफ़ इतना भी नही समझता एक मां को उसके बेटे के सामने नंगा नही होना चाहिए था

कहा नंगी हुई थी तुम बस एक सेकेंड के लिए तो तुम्हारा पेटीकोट नीचे गिर गया था हालांकि वही एक सेकेंड मुझे एक घंटे के बराबर लग रहा था

हा फिर भी मुझे नंगा नही होना चाहिए था कोई जानेगा तो क्या कहेगा की मैं अपने बेटे के सामने नंगी हो गयी थी

कौन जानेगा यहा पर तो कोई था भी नही तू बेकार में क्यों परेशान हो रही है

अरे नही फिर भी कोई जान गया तो फिर कुछ सोचती हुई बोली अगर कोई नही जानेगा तो क्या तू मुझे नंगा देखेगा क्या मैं और मां दोनो एक दूसरे के आमने सामने एक सूखे चादर पर सुन-सान जगह पर पेड़ के नीचे एक दूसरे की ओर मुंह कर के लेते हुए थे और मां की साड़ी उसकी छाति पर से लुढ़क गई थी

मां के मुंह से ये बात सुन के मैं खामोश रह गया और मेरी सांसे तेज चलने लगी मां ने मेरी ओर देखते हुए पुछा क्या हुआ मैने कोई जवाब नही दिया और हल्के से मुस्कुराते हुए उसकी छातियो की तरफ देखने लगा जो उसकी तेज चलती सांसो के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे

वो मेरी तरफ देखते हुए बोली क्या हुआ मेरी बात का जवाब दे ना अगर कोई जानेगा नही तो क्या तू मुझे नंगा देख लेगा? इस पर मेरे मुंह से कुछ नही निकला और मैने अपना सिर नीचे कर लिया मां ने मेरी ठोड़ी पकड़ के ऊपर उठाते हुए मेरे आंखों में झांकते हुए पुछा क्या हुआ रे? बोल ना क्या तू मुझे नंगा देख लेगा जैसे तूने आज देखा है

मैने कहा मां मैं क्या बोलू मेरा तो गला सुख रहा था

मां ने मेरे हाथ को अपने हाथो में ले लिया और कहा इसका मतलब तू मुझे नंगा नही देख सकता है ना

मेरे मुंह से निकाल गया – मां छोड़ो ना मैं हकलाते हुए बोला नही मां ऐसा नही है

तो फिर क्या है तू अपनी मां को नंगा देख लेगा क्या

मैं क्या कर सकता था वो तो तुम्हारा पेटीकोट नीचे गिर गया

तभी मुझे नंगा दिख गया नही तो मैं कैसे देख पाता

वो तो मैं समझ गई पर उस वक़्त तुझे देख के मुझे ऐसा लगा जैसे की तू मुझे घूर रहा है इसी लिये पुछा

मां ऐसा नही है मैने तुम्हे बताया ना तुम्हे बस ऐसा लगा होगा

इसका मतलब तुझे अच्छा नही लगा था ना

मां छोड़ो मैं हाथ छुडाते हुए अपने चेहरे को छूपाते हुए बोला

मां ने मेरा हाथ नही छोड़ा और बोली सच सच बोल शरमाता क्यों है

मेरे मुंह से निकाल गया हां अच्छा लगा था

इस पर मां ने मेरे हाथ को पकड़ के सीधे अपनी छाती पर रख दिया और बोली फिर से देखेगा मां को नंगा बोल देखेगा?

मेरी मुंह से आवाज़ नही निकाल पा रहा था मैने बड़ी मुश्किल से अपने अपने हाथो को उसके नुकीले गुदज छातियों पर स्थिर रख पा रहा था ऐसे में मैं भला क्या जवाब देता? मेरे मुंह से एक क्रहने की सी आवाज़ निकली मां ने मेरी ठोडी पकड़ कर फिर से मेरे मुंह को ऊपर उठाया और बोली क्या हुआ बोल ना शरमाता क्यों है जो बोलना है बोल

मैं कुछ ना बोला

थोड़ी देर तक उसके मम्मों पर ब्लाउज के ऊपर से ही हल्का सा मैने हाथ फेरा फिर मैने हाथ खीच लिया मां कुछ नही बोली गौर से मुझे देखती रही फिर पता ना क्या सोच कर वो बोली ठीक मैं सोती हूं यही पर बड़ी अच्छी हवा चल रही है तू कपड़ों को देखते रहना और जो सुख जाए उन्हे उठा लेना ठीक है और फिर मुंह घुमा कर एक तरफ सो गई

मैं भी चुप चाप वही आंख खोले लेटा रहा मां के मम्में धीरे धीरे ऊपर नीचे हो रहे थे उसने अपना एक हाथ मोड़ कर अपने आंखों पर रखा हुआ था और दूसरा हाथ अपने बगल में रख कर सो रही थी मैं चुपचाप उसे सोता हुआ देखता रहा थोड़ी देर में उसके ऊपर नीचे होते मम्मों का जादू मेरे ऊपर चल गया और मेरा लंड खड़ा होने लगा

मेरा दिल कर रहा था की काश मैं फिर से उन मम्मों को एक बार छू लू मैने अपने आप को गालियां भी निकाली क्या उल्लू का पट्ठा हूं मैं भी जो चीज़ आराम से छूने को मिल रही थी तो उसे छूने की बजाए मैं हाथ हटा लिया पर अब क्या हो सकता था मैं चुप चाप वैसे ही बैठा रहा कुछ सोच भी नही पा रहा था

फिर मैने सोचा की जब उस वक़्त मां ने खुद मेरा हाथ अपने मम्मों पर रखा दिया था तो फिर अगर मैं खुद अपने मन से रखू तो शायद डाटेंगी नही और फिर अगर डाटेंगी तो बोल दूंगा तुम्ही ने तो मेरा हाथ उस वक़्त पाकर कर रखा था तो अब मैं अपने आप से रख दिया सोचा शायद तुम बुरा नही मनोगी

यही सब सोच कर मैने अपने हाथो को धीरे से उसके मम्मों पर ले जा के रख दिया और हल्के हल्के सहलाने लगा मुझे ग़ज़ब का मज़ा आ रहा था मैने हल्के से उसकी साड़ी को पूरी तरह से उसके ब्लाउज पर से हटा दिया और फिर उसके मम्मों को दबाया वाह इतना ग़ज़ब का मज़ा आया की बता नही सकता

एक दम गुदाज़ और सख़्त मम्में थे मां के इस उमर में भी मेरा तो लंड खड़ा हो गया और मैने अपने एक हाथ को मम्मों पर रखे हुए दूसरे हाथ से अपने लंड को मसल्ने लगा जैसे जैसे मेरी बेताबी बढ़ रही थी वैसे वैसी मेरे हाथ दोनो जगहो पर तेज़ी के साथ चल रहे थे मुझे लगता है की मैने मां के मम्मों को कुछ ज़्यादा ही जोर से दबा दिया था

शायद इसी लिए मां की आंख खुल गई और वो एकदम से हडबडाते हुए उठ गई और अपने आंचल को संभालते हुए अपने मम्मों को ढक लिया और फिर मेरी तरफ देखती हुई बोली हाय क्या कर रहा था तू हाय मेरी तो आंख लग गई थी?

मेरा एक हाथ अभी भी मेरे लंड पर था और मेरे चेहरे का रंग उड़ गया था मां ने मुझे गौर से एक पल के लिए देखा और सारा माजरा समझ गई और फिर अपने चेहरे पर हल्की सी मुस्कराहट बिखेरते हुए बोली हाय देखो तो सही क्या सही काम कर रहा था ये? लड़का मेरा भी मसल रहा था और उधर अपना भी मसल रहा था

वो अब एक दम से मेरे नज़दीक आ गई थी और उसकी गरम सांसे मेरे चेहरे पर महसूस हो रही थी वो एक पल के लिए ऐसे ही मुझे देखती रही फिर मेरे ठोडी पकड़ कर मुझे ऊपर उठाते हुए हल्के से मुस्कुराते हुए धीरे से बोली क्यों रे बदमाश क्या कर रहा था बोल ना क्या कर रहा था अपनी मां के साथ फिर मेरे फूले फूले गाल पाकर कर हल्के से मसल दिया

मेरे मुंह से तो आवाज़ नही निकाल रही थी फिर उसने हल्के से अपना एक हाथ मेरे जांघों पर रखा और मेरे लंड को सहलाते हुए बोली है कैसे खड़ा कर रखा है मुए ने फिर सीधा पाजामा के ऊपर से मेरे खड़े लंड जो की मां के जागने से थोड़ा ढीला हो गया था पर अब उसके हाथो स्पर्श पा के फिर से खड़ा होने लगा था

बाकी कहानी अगले भाग में
 

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Part 3​

आप ने के पिछले भाग में पढ़ा था मेरे लंड को सहलाते हुए बोली है कैसे खड़ा कर रखा है मुए ने फिर सीधा पाजामा के उपर से मेरे खड़े लंड जो की मां के जागने से थोडा ढीला हो गया था पर अब उसके हाथो स्पर्श पा के फिर से खड़ा होने लगा था अब में आगे पढ़े

पर उसने अपने हाथ रख दिया उई मां कैसे खड़ा कर रखा है क्या कर रहा था रे हाथ से मसल रहा था क्या है बेटा और मेरी इसको भी मसल रहा था तू तो अब लगता है जवान हो गया है तभी मैं कहूं की जैसे ही मेरा पेटिकोट नीचे गिरा ये लड़का मुझे घूर घूर के क्यों देख रहा था

इस लड़के की तो अपनी मां के उपर ही बुरी नज़र है अगर मैं नही जागती तो तू तो अपना पानी निकाल के ही मानता ना मेरे छातियों को दबा दबा के उम्म्म बोल निकालता की नहीं पानी?

मां गलती हो गई

वाह रे तेरी गलती कमाल की गलती है किसी का मसल दो दबा दो फिर बोलो की गलती हो गई अपना मज़ा कर लो दूसरे चाहे कैसे भी रहे

कह कर मां ने मेरे लंड को कस के दबाया उसके कोमल हाथो का स्पार्स पा के मेरा लंड तो लोहा हो गया था और गरम भी काफ़ी हो गया था

हाय मां छोड़ो क्या कर रही हो

मां उसी तरह से मुस्कुराती हुई बोली क्यों प्यारे तूने मेरा दबाया तब तो मैने नही बोला की छोड़ो अब क्यों बोल रहा है तू

मैने कहा मां तू दबाएगी तो सच में मेरा पानी निकाल जाएगा

क्यों पानी निकालने के लिए ही तो तू दबा रहा था ना मेरी छातिया मैं अपने हाथ से निकाल देती हूं तेरे गन्ने से तेरा रूस चल जरा अपना गन्ना तो दिखा

मां छोड़ो मुझे शरम आती है

अच्छा अभी तो बड़ी शरम आ रही है और हर रोज जो लूंगी और पाजामा हटा हटा के सफाई जब करता है तब तब क्या मुझे दिखाई नही देता क्या अभी बड़ी एक्टिंग कर रहा है

नही मां तब की बात तो और है फिर मुझे थोड़े ही पता होता था की तुम देख रही हो

ओह ओह मेरे भोले राजा बरा भोला बन रहा चल दिखा ना देखु कितना बड़ा और मोटा है तेरा गन्ना

मैं कुछ बोल नही पा रहा था मेरे मुंह से शब्द नही निकाल पा रहे थे और लग रहा था जैसे मेरा पानी अब निकला की तब निकला इस बीच मां ने मेरे पाजामे का नारा खोल दिया और अंदर हाथ डाल के मेरे लंड को सीधा पकड़ लिए मेरा लंड जो की केवल उसके छूने के कारण से फुफ्करने लगा था

अब उसके पकड़ने पर अपनी पूरी औकात पर आ गया और किसी मोटे लोहे के रोड की तरह एक दम टन कर उपर की तरफ मुंह उठाए खड़ा था मां ने मेरे लंड को अपने हाथो में पकड़ने पूर कोशिश कर रही थी पर मेरे लंड की मोटाई के कारण से वो उसे अपने मुट्ठी में अच्छी तरह से कैद नही कर पा रही थी उसने मेरे पाजामे को वही खुले में पेड़ के नीचे मेरे लंड पर से हटा दिया

मां छोड़ो कोई देख लेगा ऐसे कपड़ा मत हटाओ

मगर मां शायद पूरे जोश में आ चुकी थी

चल कोई नही देखता फिर सामने बैठी हूं किसी को नज़र नही आएगा देखु तो सही मेरे बेटे का गन्ना आख़िर है कितना बड़ा? और मेरा लंड देखता ही आश्चर्य से उसका मुंह खुला का खुला रह गया एकदम से चौंकती हुई बोली हाय दैया ये क्या इतना मोटा और इतना लंबा ये कैसे हो गया रे तेरे बाप का तो बीतते भर का भी नही है और यहा तू बेलन के जैसा ले के घूम रहा है

ओह मां मेरी इसमे क्या गलती है ये तो शुरू में पहले छोटा सा था पर अब अचानक इतना बड़ा हो गया है तो मैं क्या करू?

गलती तो तेरी ही है जो तूने इतना बड़ा जुगाड़ होते हुए भी अभी तक मुझे पता नही चलने दिया वैसे जब मैने देखा था नहाते वक़्त तब तो इतना बड़ा नही दिख रहा था रे

मां वो वो मैं हकलाते हुए बोला वो इसलिए कोयोंकि उस समय ये उतना खड़ा नही रहा होगा अभी ये पूरा खड़ा हो गया है

ओह ओह तो अभी क्यों खड़ा कर लिया इतना बड़ा कैसे खड़ा हो गया अभी तेरा?

अब मैं क्या बोलता की कैसे खड़ा हो गया ये तो बोल नही सकता था की मां तेरे कारण खड़ा हो गया है मेरा

मैने सकपकते हुए कहा अरे वो ऐसे ही खड़ा हो गया है तुम छोड़ो अभी ठीक हो जाएगा

ऐसे कैसे खड़ा हो जाता है तेरा मां ने पुछा और मेरी आंखों में देख कर अपने रसीले होंठो का एक कोना दबा के मुस्कने लगी

अरे तुमने पकड़ रखा है ना इसलिए खड़ा हो गया है मेरा क्या करू मैं छोड़ दो ना मैने किसी भी तरह से मां का हाथ अपने लंड पर से हटा देना चाहता था मुझे ऐसा लग रहा था की मां के कोमल हाथो का स्पर्श पा के कही मेरा पानी निकाल ना जाए फिर मां ने केवल पकड़ा तो हुआ नही था वो धीरे धीरे मेरे लंड को सहला भी और बार बार अपने अंगूठे से मेरे चिकने सुपाड़े के छू भी रही थी

अच्छा अब सारा दोष मेरा हो गया और खुद जो इतनी देर से मेरी छातियों पकड़ के मसल रहा था और दबा रहा था उसका कुछ नही गलती हो गई

चल मान लिया गलती हो गई पर सज़ा तो इसकी तुझे देनी परेगी मेरा तूने मसला है मैं भी तेरा मसल देती हूं कह कर मां अपने हाथो को थोडा तेज चलाने लगी और मेरे लंड का मूठ मारते हुए मेरे लंड के मुंडी को अंगूठे से थोरी तेज़ी के साथ घिसने लगी

मेरी हालत एकदम खराब हो रही थी गुदगुदाहट और सनसनी के मारे मेरे मुंह से कोई आवाज़ नही निकाल पा रहा था ऐसा लग रहा था जैसे की मेरा पानी अब निकला की तब निकला पर मां को मैं रोक भी नही पा रहा था

मैने सिसकते हुए कहा ओह मां निकल जाएगा मेरा निकल जाएगा

इस पर मां ने और जोर से हाथ चलते हुए अपनी नज़र उपर करके मेरी तरफ देखते हुए बोली क्या निकल जाएगा?

ओह ओह छोड़ो ना तुम जानती हो क्या निकाल जाएगा क्यों परेशान कर रही हो

मैं कहां परेशान कर रही हूं तू खुद परेशान हो रहा है

क्यों मैं क्यों भला खुद को परेशान करूँगा तुम तो खुद ही ज़बरदस्ती पता नही क्यों मेरा लंड मसले जा रही हो

अच्छा जरा ये तो बता शुरुआत किसने की थी मसल्ने की कह कर मां मुस्कुराने लगी

मुझे तो जैसे सांप सूंघ गया था मैं भला क्या जवाब देता कुछ समझ में ही नही आ रहा था की क्या करू क्या ना करू उपर से मज़ा इतना आ रहा था की जान निकली जा रही थी तभी वो हल्का सा आगे की ओर सरकी और झुकी आगे झुकते ही उनका आंचल उनके ब्लाउज पर से सरक गया पर उन्होने कोई प्रयास नहीं किया उसको ठीक करने का

अब तो मेरी हालत और खराब हो रही थी मेरी आंखों के सामने उनके नारियल के जैसे सख़्त मम्में जिनको सपने में देख कर मैने ना जाने कितनी बार अपना माल गिराया था और जिनको दूर से देख कर ही तड़पता रहता था भले ही मम्में अभी भी ब्लाउज में ही कैद थे परंतु उनके भारीपन और सख्ती का अंदाज उनके उपर से ही लगाया जा सकता था

ब्लाउज के उपरी भाग से उनके मम्मों के बीच की खाई का उपरी गोरा गोरा हिस्सा नज़र आ रहा था हल्के मम्मों को बहुत बड़ा तो नहीं कहा जा सकता पर उतने बड़े तो थे ही जितनी एक स्वस्थ शरीर की मालकिन का हो सकता है

मेरा मतलब है की इतने बड़े जितने की आप के हाथो में ना आए पर इतने बड़े भी नहीं की आप को दो दो हाथो से पकड़ना पड़े और फिर भी आपके हाथ ना आए एकदम किसी भाले की तरह नुकीले लग रहे थे और सामने की ओर निकले हुए थे मेरी आंखे तो हटाए नहीं हट रही थी तभी मां ने अपने हाथो को मेरे लंड पर थोड़ा जोर से दबाते हुए पुछा बोल ना दबाऊ क्या और

मां छोड़ो ना

उन्होने ने जोर से मेरे लंड को मुट्ठी में भर लिया

मां छोड़ो ना बहुत गुदगुदी होती है

तो होने दे ना तू खाली बोल दबाऊं या नही

दबाओ मां मस्लो

अब आया ना रास्ते पर

मां तुम्हारे हाथो में तो जादू है

जादू हाथो में है या फिर इसमे है अपने ब्लाउज की तरफ इशारा कर के पुछा

मां तुम तो बस

शरमाता क्यों हाई बोल ना क्या अच्छा लग रहा है

मां मैं क्या बोलू

क्यों क्या अच्छा लग रहा है ? अरे अब बोल भी दे शरमाता क्यों है

मां अच्छा लग रहा है

तो फिर शर्मा क्यों रहा था बोलने में फिर मां ने बड़े आराम से मेरे पूरे लंड को मुट्ठी के अंदर कैद कर हल्के हल्के अपना हाथ चलना शुरू कर दिया

तू तो पूरा जवान हो गया है रे

हां मां

पूरा सांड की तरह से जवान हो गया है तू तो अब तो बर्दाश्त भी नहीं होता होगा कैसे करता है

क्या मां

वही बर्दाश्त और क्या तुझे तो अब छेद चाहिए समझा?

छेद मतलब ? मां नहीं समझा

क्या उल्लू लड़का है रे तू छेद मतलब नहीं सकझता

मैने नाटक करते हुए कहा नहीं मां नहीं समझता

इस पर मां हल्के हल्के मुस्कुराने लगी और बोली चल समझ जाएगा फिर उसने अपने हाथो को तेज़ी से मेरे लंड पर चलाने लगी मारे गुदगुदी और सनसनी के मेरा तो बुरा हाल हो रखा था समझ में नहीं आ रहा था क्या करू दिल कर रहा था की हाथ को आगे बढ़ा कर मां के दोनो मम्मों को कस के पकड़ लूं और खूब जोर जोर से दबाऊं

लेकिन डर रहा था की कही बुरा ना मान जाए इसी चक्कर में मैने कराहते हुए सहारा लेने के लिए सामने बैठी मां के कंधे पर अपने दोनो हाथ रख दिए वो बोली तो कुछ नहीं पर अपनी नज़रे उपर कर के मेरी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोली क्यों मज़ा आ रहा है की नही

हां मां मज़े की तो बस पूछो मत बहुत मज़ा आ रहा है मैं बोला इस पर मां ने अपने हाथ और तेज़ी से चलना शुरू कर दिया और बोली साले हरामी कही का मैं जब नहाती हूं तब घूर घूर के मुझे देखता रहता है मैं जब सो रही थी तो मेरे चुचे दबा रहा था और और अभी मज़े से मूठ मरवा रहा है कमीने तेरे को शरम नहीं आती मेरा तो होश ही उड़ गया ये मां क्या बोल रही थी

पर मैने देखा की उसका एक हाथ अब भी पहले की तरह मेरे लंड को सहलाए जा रहा था तभी मां मेरे चेहरे के उड़े हुए रंग को देख कर हंसने लगी और हँसते हुए मेरे गाल पर एक थप्पड़ लगा दिया मैने कभी भी इस से पहले मां को ना तो ऐसे बोलते देखा था ना ही इस तरह से व्यवहार करते हुए नही देखा था इसलिए मुझे बड़ा आश्चर्य हो रहा था

पर उनके हसते हुए थप्पड़ लगाने पर तो मुझे और भी ज़यादा आशचर्य हुआ की आख़िर ये चाहती क्या है और मैने बोला की माफ़ कर दो मां अगर कोई गलती हो गई हो तो इस पर मां ने मेरे गालो को हल्के सहलाते हुए कहा की गलती तो तू कर बैठा है बेटे अब केवल गलती की सज़ा मिलेगी तुझे

मैने कहा क्या गलती हो गई मेरे से मां

सबसे बरी गलती तो ये है की तू खाली घूर घूर के देखता है बस करता धरता तो कुछ है नहीं खाली घूर घूर के कितने दिन देखता रहेगा

क्या करू मां मेरी तो कुचछ समझ में नहीं आ रहा

साले बेवकूफ़ की औलाद अरे करने के लिए इतना कुछ है और तुझे समझ में ही नहीं आ रहा है

क्या मां बताओ ना

देख अभी जैसे की तेरा मन कर रहा है की तू मेरे अनारो से खेले
उन्हे दबाए मगर तू नहीं वो काम ना कर के केवल मुझे घूरे जा रहा है बोल तेरा मन कर रहा है की नहीं बोल ना

हां मां मन तो मेरे बहुत कर रहा है

तो फिर दबा ना मैं जैसे तेरे औज़ार से खेल रही हूं वैसे ही तू मेरे समान से खेल दबा बेटा दबा बस फिर क्या था मेरी तो बांछे खिल गई मैने दोनो हथेलियो में दोनो चुचो को थाम लिया और हल्के हल्के उन्हे दबाने लगा मां बोली शाबाश ऐसे ही दबाने का जितना दबाने का मन उतना दबा ले कर ले मज़े

मैं फिर पूरे जोश के साथ हल्के हाथो से उसके मम्मों को दबाने लगा ऐसी मस्त मस्त चुचिया पहली बार किसी ऐसे के हाथ लग जाए जिसने पहले किसी चुचि को दबाना तो दूर छुआ तक ना हो तो बंदा तो जन्नत में पहुच ही जाएगा ना मेरा भी वही हाल था मैने हल्के हाथो से संभाल संभाल के मम्मों को दबाए जा रहा था

उधर मां के हाथ तेज़ी से मेरे लंड पर चल रहे थे तभी मां जो अब तक काफ़ी उत्तेजित हो चुकी थी ने मेरे चेहरे की ओर देखते हुए कहा क्यों मज़ा आ रहा है ना जोर से दबा मेरे चुचयों को बेटा तभी पूरा मज़ा मिलेगा मसलता जा देख अभी तेरा माल मैं कैसे निकलती हूं

मैने जोर से मम्मों को दबाना शुरू कर दिया था मेरा मन कर रहा था की मैं मां के ब्लाउज खोल के मम्मों को नंगा करके उनको देखते हुए दबाऊं इसीलये मैने मां से पुछा मां तेरा ब्लाउज खोल दू?

इस पर वो मुस्कुराते हुए बोली नहीं अभी रहने दे मैं जानती हूं की तेरा बहुत मन कर रहा होगा की तू मेरे नंगे मम्मों को देखे मगर अभी रहने दे

मैं बोला ठीक है मां पर मुझे लग रहा हाई की मेरे औज़ार से माल निकालने वाला है

इस पर मां बोली कोई बात नहीं बेटा निकालने दे तुझे मज़ा आ रहा है ना?

हा मां मज़ा तो बहुत आ रहा है

अभी क्या मज़ा आया है बेटे अभी तो और आएगा अभी तेरा माल निकाल ले फिर देख मैं तुझे कैसे जन्नत की सैर कराती हूं कह कर मां ने अपना हाथ और ज़यादा तेज़ी के साथ चलना शुरू कर दिया मेरे पानी अब बस निकालने वाला ही था मैने भी अपना हाथ अब तेज़ी के साथ मां के अनारो पर चलाना शुरू कर दिया था

मेरा दिल कर रहा था उन प्यारे प्यारे मम्मों को अपने मुंह में भर के चुसू लेकिन वो अभी संभव नहीं था मुझे केवल मम्मों को दबा दबा के ही संतोष करना था ऐसा लग रहा था जैसे की मैं अभी सातवे आसमान पर उड़ रहा था मैं भी खूब जोर जोर सिसकते हुए बोलने लगा ओह मां हा मां और जोर से मस्लो और जोर से मूठ मारो निकाल दो मेरा सारा पानी

पर तभी मुझे ऐसा लगा जैसे की मां ने लंड पर अपनी पकर ढीली कर दी है लंड को छोड़ कर मेरे आंडो को अपने हाथ से पकड़ के सहलाते हुए मां बोली अब तुझे एक नया मज़ा चखती हूं ठहर जा और फिर धीरे धीरे मेरे लंड पर झुकने लगी लंड को एक हाथ से पकडे हुए वो पूरी तरह से मेरे लंड पर झुक गई और अपने होठों को खोल कर मेरे लंड को अपने मुंह में भर लिया

मेरे मुंह से एक आह निकल गई मुझे विश्वास नहीं हो रहा था की वो ये क्या कर रही है

मैं बोला ओह मां ये क्या कर रही हो है छोड़ ना बहुत गुदगुदी हो रही है

मगर वो बोली तो फिर मज़े ले इस गुदगुदी के करने दे तुझे अच्छा लगेगा

मां क्या इसको मुंह में भी लिया जाता

हा मुंह में भी लिया जाता है और दूसरी जगहो पर भी अभी तू मुंह में डालने का मज़ा लूट कह कर तेज़ी के साथ मेरे लंड को चूसने लगी मेरी तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था गुदगुदी और सनसनी के कारण मैं मज़े के सातवे आसमान पर झूल रहा था मां ने पहले मेरे लंड के सुपारे को अपने मुंह में भरा और धीरे धीरे चूसने लगी और मेरी ओर बड़ी सेक्सी अंदाज़ में अपने नज़रो को उठा के बोली

बाकी कहानी अगले भाग में
 

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antarvasna sexi story
आप ने के पिछले भाग में पढ़ा था मैं मज़े के सातवे आसमान पर झूल रहा था मां ने पहले मेरे लंड के सुपारे को अपने मुंह में भरा और धीरे धीरे चूसने लगी और मेरी ओर बड़ी सेक्सी अंदाज़ में अपने नज़रो को उठा के बोली अब में आगे पढ़े

कैसा लाल लाल सुपारा है रे तेरा एकदम पहरी आलू के जैसे लगता है अभी फट जाएगा इतना लाल लाल सुपरा कुंवारे लड़कों का ही होता है फिर वो और कस कस के मेरे सुपारे को अपने होंठो में भर भर के चूसने लगी नदी के किनारे पेड़ की छावं में मुझे ऐसा मज़ा मिल रहा था

जिसकी मैने आज तक कल्पना तक नहीं की थी मां अब मेरे आधे से अधिक लंड को अपने मुंह में भर चुकी थी और अपने होंठो को कस के मेरे लंड के चारो तरफ से दबाये हुए धीरे धीरे उपर सुपारे तक लाती थी और फिर उसी तरह से सरकते हुए नीचे की तरफ ले जाती थी

उसकी शायद इस बात का अच्छी तरह से अहसास था की ये मेरा किसी औरत के साथ पहला संबंध है और मैने आज तक किसी औरत हाथो का स्पर्श अपने लंड पर नहीं महसूस किया है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए वो मेरे लंड को बीच बीच में ढीला भी छोड़ देती थी और मेरे अंडों को दबाने लगती थी

वो इस बात का पूरा ध्यान रखे हुए थी की मैं जल्दी ना झाडूं मुझे भी गजब का मज़ा आ रहा था और ऐसा लग रहा था जैसे की मेरा लंड फट जाएगा मगर मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था मैने मां से कहा मां अब निकाल जाएगा मां मेरा माल अब लगता है नहीं रुकेगा

उसने मेरी बातो की ओर कोई ध्यान नहीं दिया और अपनी चूसाई जारी रखी

मैने कहा मां तेरे मुंह में ही निकल जाएगा जल्दी से अपना मुंह हटा लो

इस पर मां ने अपना मुंह थोरी देर के लिए हटाते हुए कहा की कोई बात नहीं मेरे मुंह में ही निकाल मैं देखना चाहती हूं की कुंवारे लड़के के पानी का स्वाद कैसा होता है और फिर अपने मुंह में मेरे लंड को कस के जकड़ते हुए उसने अब अपना पूरा ध्यान केवल अब मेरे सुपारे पर लगा दिया और मेरे सुपारे को कस कस के चूसने लगी

उसकी जीभ मेरे सुपारे के कटाव पर बार बार फिर रही थी मैं सिसकते हुए बोलने लगा ओह मां पी जाओ तो फिर चख लो मेरे लंड का सारा पानी ले लो अपने मुंह में ओह ले लो कितना मज़ा आ रहा है ही मुझे नहीं पाता था की इतना मज़ा आता है निकल गया निकल गया मां निकला

तभी मेरे लंड का फ़ौवारा छुट पड़ा और तेज़ी के साथ मेरे लंड से पानी गिरने लगा मेरे लंड का सारा सारा पानी सीधे मां के मुंह में गिरता जा रहा था और वो मज़े से मेरे लंड को चूसे जा रही थी कुछ ही देर तक लगातार वो मेरे लंड को चुस्ती रही मेरा लंड अब पूरी तरह से उसके थूक से भीग कर गीला हो गया था और धीरे धीरे सिकुड़ रहा था

पर उसने अब भी मेरे लंड को अपने मुंह से नहीं निकाला था और धीरे धीरे मेरे सिकुड़े हुए लंड को अपने मुंह में किसी चॉक्लेट की तरह घुमा रही थी कुछ देर तक ऐसा ही करने के बाद जब मेरी सांसे भी कुछ शांत हो गई तब मां ने अपना चेहरा मेरे लंड पर से उठा लिया और अपने मुंह में जमा मेरे वीर्या को अपना मुंह खोल कर दिखाया और हल्के से हंस दी

फिर उसने मेरा सारा पानी गटक लिया और अपने सारी पल्लू से अपने होंठो को पोछती हुई बोली मज़ा आ गया सच में कुंवारे लंड का पानी बड़ा मीठा होता है मुझे नहीं पाता था की तेरा पानी इतना मजेदार होगा फिर मेरे से पुछा मज़ा आया की नहीं मैं क्या जवाब देता जोश ठंडा हो जाने के बाद मैने अपने सिर को नीचे झूका लिया था

पर गुदगुदी और सनसनी तो अब भी कायम थी तभी मां ने मेरे लटके हुए लंड को अपने हाथो में पकड़ा और धीरे से अपने साड़ी के पल्लू से पोछती हुई पूछी बोल ना मज़ा आया की नहीं मैने शर्माते हुए जवाब दिया हां मां बहुत मज़ा आया इतना मज़ा कभी नहीं आया था

तब मां ने पुछा क्यों? अपने हाथ से नही करता था क्या

करता हूं मां पर उतना मज़ा नहीं आता था जितना आज आया है

औरत के हाथ से करवाने पर तो ज़यादा मज़ा आएगा ही पर इस बात का ध्यान रखियो की किसी को पता ना चले

हा मां किसी को पता नहीं चलेगा

तब मां उठ कर खडी हो गई अपने साड़ी के पल्लू को और मेरे द्वारा मसले गये ब्लाउज को ठीक किया और मेरी ओर देख कर मुस्कुराते हुए अपने बुर के सामने अपने साड़ी को हल्के से दबाया और साड़ी को चूत के उपर ऐसे रगड़ा जैसे की पानी पोछ रही हो मैं उसकी इस क्रिया को बरे गौर से देख रहा था

मेरे ध्यान से देखने पर वो हसते हुए बोली मैं जरा पेशाब कर के आती हूं तुझे भी अगर करना है तो चल अब तो कोई शरम नहीं है मैं हल्के से शरमाते हुए मुस्कुरा दिया तो बोली क्यों अब भी शर्मा रहा है क्या मैने इस पर कुछ नहीं कहा और चुप चाप उठ कर खड़ा हो गया वो आगे चल दी और मैं उसके पीछे पीछे चल दिया

जब हम झाड़ियों के पास पहुच गये तो मां ने एक बार पीछे मुड कर मेरी ओर देखा और मुस्कुरई फिर झाड़ियों के पीछे पहुच कर बिना कुछ बोले अपने साड़ी उठा के पेशाब करने बैठ गई उसकी दोनो गोरी गोरी जंघे उपर तक नंगी हो चुकी थी और उसने शायद अपने साड़ी को जान बुझ कर पीछे से उपर उठा दिया था जिस के कारण उसके दोनो चूतड़ भी नुमाया हो रहे थे

ये सीन देख कर मेरा लंड फिर से फुफ्करने लगा उसका गोरे गोरे चूतड़ बड़े कमाल के लग रहे थे मां ने अपने चूतडों को थोरा सा उचकाया हुआ था जिस के कारण उसके गांड की खाई भी दिख रही थी हल्के भूरे रंग की गांड की खाई देख कर दिल तो यही कर रहा था की पास जा उस गांड की खाई में धीरे धीरे उंगली चलाऊं और गांड की भूरे रंग की छेद को अपनी उंगली से छेड़ूं और देखूं की कैसे पाक-पकती है

तभी मां पेशाब कर के उठ खडी हुई और मेरी तरफ घूम गई उसने अभी तक साड़ी को अपने जांघों तक उठा रखा था मेरी ओर देख कर मुस्कुराते हुए उसने अपने साड़ी को छोड़ दिया और नीचे गिरने दिया फिर एक हाथ को अपनी चूत पर साड़ी के उपर से ले जा के रगड़ने लगी जैसे की पेशाब पोछ रही हो और बोली चल तू भी पेशाब कर ले खड़ा खड़ा मुंह क्या टाक रहा है

मैं जो की अभी तक इस शानदार नज़ारे में खोया हुआ था थोडा सा चौंक गया पर फिर और हकलाते हुए बोला हा हा अभी करता हूं मैने सोचा पहले तुम कर लो इसलिए रुका था फिर मैने अपने पाजामा के नाड़े को खोला और सीधा खड़े खड़े ही मूतने की कोशिश करने लगा मेरा लंड तो फिर से खड़ा हो चुका था और खड़े लंड से पेशाब ही नहीं निकाल रहा था

मैने अपनी गांड तक का जोर लगा दिया पेशाब करने के चक्कर में मां वही बगल में खडी हो कर मुझे देखे जा रही थी मेरे खरे लंड को देख कर वो हसते हुए बोली चल जल्दी से कर ले पेशाब देर हो रही है घर भी जाना है मैं क्या बोलता पेशाब तो निकाल नहीं रहा था तभी मां ने आगे बढ़ कर मेरे लंड को अपने हाथो में पकड़ लिया और बोली फिर से खाद कर लिया अब पेशाब कैसे उतरेगा ? कह कर लंड को हल्के हल्के सहलाने लगी

अब तो लंड और टाइट हो गया पर मेरे जोर लगाने पर पेशाब की एक आध बूंदे नीचे गिर गई

मैने मां से कहा अरे तुम छोडो ना इसको तुमहरे पकड़ने से तो ये और खड़ा हो जाएगा छोडो और मां का हाथ अपने लंड पर से झटकने की कोशिश करने लगा इस पर मां ने हसते हुए कहा मैं तो छोड़ देती हूं पर पहले ये तो बता की खड़ा क्यों किया था अभी दो मिनिट पहले ही तो तेरा पानी निकाला था

मैने और तूने फिर से खड़ा कर लिया कमाल का लड़का है तू तो मैं कुछ नहीं बोला अब लंड थोडा ढीला पड़ गया था और मैने पेशाब कर लिया मूतने के बाद जल्दी से पाजामा के नाड़े को बांध कर मैं मां के साथ झारियों के पीछे से निकल आया मां के चेहरे पर अब भी मंद मंद मुस्कान आ रही थी

मैं जल्दी जल्दी चलते हुए आगे बढ़ा और कपड़े के गट्ठर को उठा कर अपने माथे पर रख लिया मां ने भी एक गट्ठर को उठा लिया और अब हम दोनो मां बेटे जल्दी जल्दी गांव के पगडंडी वाले रास्ते पर चलने लगे शाम होते होते तक हम अपने घर पहुच चुके थे कपड़ों के गट्ठर को इस्त्री करने वाले कमरे में रखने के बाद हमने हाथ मुंह धोया और फिर मां ने कहा कि बेटा चल कुछ खा पी ले

भूख तो वैसे मुझे नहीं लगी नहीं थी दिमाग़ में जब सेक्स का भूत सवार हो तो भूख तो वैसे भी मार जाती हाई पर फिर भी मैने अपना सिर सहमति में हिला दिया मां ने अब तक अपने कपड़ों को बदल लिया था मैने भी अपने पाजामा को खोल कर उसकी जगह पर लूंगी पहन ली क्यों की गर्मी के दिनों में लूंगी ज्यादा आरामदायक होती है मां रसोई घर में चली गई

रात के 9:30 ही बजे थे पर गांव में तो ऐसे भी लोग जल्दी ही सो जाया करते है हम दोनो मां बेटे आ के बिछावन पर लेट गये बिछावन पर मेरे पास ही मां भी आ के लेट गई थी मां के इतने पास लेटने भर से मेरे शरीर में एक गुदगुदी सी दौड़ गई

उसके बदन से उठने वाली खुशबु मेरी सांसो में भरने लगी और मैं बेकाबू होने लगा था मेरा लंड धीरे धीरे अपना सिर उठाने लगा था तभी मां मेरी ओर करवट कर के घूमी और पुछा बहुत तक गये हो ना? हां मां जिस दिन नदी पर जाना होता है उस दिन तो थकावट ज्यादा हो ही जाती है हां मुझे भी बड़ी थकावट लग रही है जैसे पूरा बदन टूट रहा हो

मैं दबा दूँ थोड़ी थकान दूर हो जाएगी नहीं रे रहने दे तू तू भी तो थक गया होगा नहीं मां उतना तो नहीं थका की तेरी सेवा ना कर सकु मां के चेहरे पर एक मुस्कान फैल गई और वो हँसते हुए बोली दिन में इतना कुछ हुआ था उससे तो तेरी थकान और बढ़ गई होगी नही दिन में थकान बढ़ने वाला तो कुछ नहीं हुआ था

इस पर मां थोड़ा सा और मेरे पास सरक कर आई मां के सरकने पर मैं भी थोड़ा सा उसकी तरफ सरका हम दोनो की सांसे अब आपस में टकराने लगी थी मां ने अपने हाथो को हल्के से मेरी कमर पर रखा और धीरे धीरे अपने हाथो से मेरी कमर और जांघों को सहलाने लगी मां की इस हरकत पर मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई और लंड अब फुफ्करने लगा था

मां ने हल्के से मेरी जांघों को दबाया मैने हिम्मत कर के हल्के से अपने हाथो को बढ़ा के मां की कमर पर रख दिया वो कुछ नहीं बोली बस हल्का सा मुस्कुरा दी मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं अपने हाथो से मां के नंगे कमर को सहलाने लगा मां ने केवल पेटिकोट और ब्लाउज पहन रखा था उसके ब्लाउज के उपर के दो बटन खुले हुए थे

इतने पास से उसके मम्मों की गहरी घाटी नज़र आ रही थी और मन कर रहा था जल्दी से जल्दी उन मम्मों को पकड़ लूं पर किसी तरह से अपने आप को रोक रखा था मां ने जब मुझे मम्मों को घूरते हुए देखा तो मुस्कुराते हुए बोली क्या इरादा है तेरा शाम से ही घूरे जा रहा है खा जाएगा क्या मेरे मम्में को?

नही मां तुम भी क्या बात कर रही हो मैं कहा घूर रहा था?

चल झूठे मुझे क्या पता नहीं चलता रात में भी वही करेगा क्या

क्या मां ?

वही जब मैं सो जाउंगी तो अपना लंड भी मसलेगा और मेरे मम्मों को भी दबाएगा

नहीं मां

तुझे देख के तो यही लग रहा है कि तू फिर से वही हरकत करने वाला है

नही मां

मेरे हाथ अब मां की नंगी जांघों को सहला रहे थे वैसे दिन में मज़ा आया था? पुछ कर मां ने हल्के से अपने हाथो को मेरे लूंगी के उपर लंड पर रख दिया

मैने कहा हां मां बहुत अच्छा लगा था फिर करने का मन कर रहा है क्या

हां – मां

इस पर उस ने अपने हाथो का दवाब जरा सा मेरे लंड पर बढ़ा दिया और हल्के हल्के दबाने लगी उस के हाथो का स्पर्श पा के मेरी तो हालत खराब होने लगी थी ऐसा लग रहा था की अभी के अभी पानी निकल जाएगा

तभी मां बोली जो काम तू मेरे सोने के बाद करने वाला है वो काम अभी कर ले चोरी चोरी करने से तो अच्छा है कि जो करना है तू मेरे सामने ही कर ले

मैं कुछ नहीं बोला और अपने हाथो को हल्के से मां के मम्मों पर रख दिया मां ने अपने हाथो से मेरे हाथो को पकड़ कर अपने मम्मों पर कस के दबाया और मेरी लूंगी को आगे से उठा दिया और अब मेरे लंड को सीधे अपने हाथो से पकड़ लिया मैने भी अपने हाथो का दवाब उसके मम्मों पर बढ़ा दिया

मेरे अंदर की आग एकदम भड़क उठी थी और अब तो ऐसा लग रहा था की जैसे इन मम्मों को मुंह में ले कर चूस लू मैने हल्के से अपने गर्दन को और आगे की तरफ बढ़ाया और अपने होठों को ठीक मम्मों के पास ले गया मां शायद मेरे इरादे को समझ गई थी उसने मेरे सिर के पीछे हाथ डाला और अपने मम्मों को मेरे चेहरे से दबा दिया

हम दोनो अब एक दूसरे की तेज़ चलती हुई सांसो को महसूस कर रहे थे मैने अपने होठों से ब्लाउज के उपर से ही मां के मम्मों को अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगा मेरा दूसरा हाथ कभी उसके मम्मों को दबा रहा था कभी उसके मोटे मोटे चूतडों को मां ने भी अपना हाथ तेज़ी के साथ चलना शुरू कर दिया था और मेरे मोटे लंड को अपने हाथ से मुठिया रही थी

मेरा मज़ा बढ़ता जा रहा था तभी मैने सोचा ऐसे करते करते तो मां फिर मेरा माल निकल देगी और शायद फिर कुछ देखने भी नहीं दे जबकि मैं आज तो मां को पूरा नंगा करके जी भर के उसके बदन को देखना चाहता था इसलिए मैने मां के हाथो को पकड़ लिया और कहा मां रूको

क्यों मज़ा नहीं आ रहा है क्या जो रोक रहा है

मां मज़ा तो बहुत आ रहा है मगर

फिर क्या हुआ

फिर मां मैं कुछ और करना चाहता हूं ये तो दिन के जैसे ही हो जाएगा

इस पर मां मुस्कुराते हुए पूछा तो तू और क्या करना चाहता है तेरा पानी तो ऐसे ही निकलेगा ना और कैसे निकलेगा

नही मां पानी नहीं निकलना मुझे

तो फिर क्या करना है

मां देखना है

क्या देखना है रे

मां ये देखना है कह कर मैने एक हाथ सीधा मां के बुर पर रख दिया

बदमाश ये कैसी तमन्ना पल ली तूने

मां बस एक बार दिखा दो ना

इधर आ मेरे पैरो के बीच में अभी तुझे दिखाती हूं पर एक बात जान ले तू पहली बार देख रहा है देखते ही तेरा पानी निकल जाएगा समझा

फिर मां ने अपने हाथो से पेटिकोट के निचले भाग को पकड़ा और धीरे धीरे उपर उठाने लगी मेरी हिम्मत तो बढ़ ही चुकी थी मैने धीरे से मां से कहा ओह मां ऐसे नही

बाकी कहानी अगले भाग में
 

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Part 5​

antarvasna sex kahani

आप ने के पिछले भाग में पढ़ा था फिर मां ने अपने हाथो से पेटिकोट के निचले भाग को पकड़ा और धीरे धीरे उपर उठाने लगी मेरी हिम्मत तो बढ़ ही चुकी थी मैने धीरे से मां से कहा ओह मां ऐसे नही अब में आगे पढ़े

मां – तो फिर कैसे रे कैसे देखेगा

मां पूरा खोल के दिखाओ ना

पूरा खोल के से तेरा क्या मतलब है

पूरा कपड़ा खोल के मेरी बड़ी तमन्ना है की मैं तुम्हारे पूरे बदन को नंगा देखूं

मां ने मेरे लंड को फिर से अपने हाथो में पकड़ लिया और मुठियाने लगी इस पर मैं बोला ओह छोड़ दो मां ज्यादा करोगी तो अभी निकल जाएगा

कोई बात नहीं अभी निकल ले अगर पूरा खोल के दिखा दूंगी तो फिर तो तेरा देखते ही निकल जाएगा पूरा खोल के देखना है ना अभी इतना सुनते ही मेरा दिल तो बल्लियों उछलने लगा

हां मां सच में दिखाओगी ना?

हां दिखाउंगी मेरे राजा बेटा ज़रूर दिखाउंगी अब तो तू पूरा जवान हो गया है और काम करने लायक भी हो गया है अब तो तुझे ही दिखना है सब कुछ और तेरे से अपना सारा काम करवाना है मुझे

मां और तेज़ी के साथ मेरे लंड को मुठिया रही थी और बार बार मेरे लंड के सुपाड़े को अपने अंगूठे से दबा भी रही थी

मां बोली अभी जल्दी से तेरा निकल देती हूं फिर देख तुझे कितना मज़ा आएगा अभी तो तेरी ये हालत है की देखते ही झर जाएगा एक पानी निकल दे फिर देख तुझे कितना मज़ा आता है

ठीक है मां निकाल दो एक पानी मैं भी तेरा मम्मां दबाऊं ?

अब आया ना लाइन पर पूछता क्या है दबा ना दबा मेरे मम्मों को इस से तेरा पानी जल्दी निकलेगा क्या भयंकर लंड है पता नहीं इस उमर में ये हाल है जब इस छोकरे के लंड का तो पूरा जवान होगा तो क्या होगा
मैने अपने दोनो हथेलियो में मां की चुचिया भर ली और उन्हे खूब कस कस के दबाने लगा

ग़ज़ब का मज़ा आ रहा था ऐसा लग रहा था जैसे की मैं पागल हो जाउंगा दोनो चुचिया किसी अनार की तरह से सख़्त और गुदाज़ थी उसके मोटे मोटे निपल भी ब्लाउज के उपर से पकड़ में आ रहे थे मैं दोनो निपल के साथ साथ पूरे मम्में को ब्लाउज के उपर से पकड़ कर दबाए जा रहा था

मां के मुंह से अब सिसकारिया निकलने लगी थी और वो मेरा उत्साह बढाते जा रही थी हां बेटा शाबाश ऐसे ही दबा मेरे मम्मों को है क्या लंड है पता नहीं घोड़े का है या सांड का ठहर जा अभी इसे चूस के तेरा पानी निकलती हूं कह कर वो नीचे की तरफ झुक गई जल्दी से मेरा लंड अपने होंठो के बीच क़ैद कर लिया और सुपाड़े को होंठो के बीच दबा के खूब कस कस के चूसने लगी जैसे कि पीपे लगा के कोई कोका-कोला पीता है

मैं उसके मम्मों को अब और ज्यादा जोर से दबा रहा था मेरी भी सिसकारिया निकलने लगी थी मेरा पानी अब छूटने वाला ही था रे मेरी मां निकला रे निकला मेरा निकल गया ओह मां सारा का सारा पानी तेरे मुंह में ही निकल गया रे मां का हाथ अब और तेज गति से चलने लगा ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरे पानी को गटागट पीते जा रही है

मेरे लंड के सुपरे से निकले एक-एक बूँद पानी चूस जाने के बाद मां ने अपने होंठो मेरे को मेरे लंड पर से हटा लिया और मुस्कुराती हुई मुझे देखने लगी और बोली कैसा लगा

मैने कहा बहुत अच्छा और बिस्तर पर एक तरफ लुढ़क गया मेरे साथ साथ मां भी लुढ़क के मेरे बगल में लेट गई और मेरे होंठो और गालो को थोड़ी देर तक चूमती रहीथोड़ी देर तक आंख बंद कर के पड़े रहने के बाद जब मैं उठा तो देखा की मां ने अपनी आंखे बंद कर रखी है और अपने हाथो से अपने मम्मों को हल्के हल्के सहला रही थी

मैं उठ कर बैठ गया और धीरे से मां के पैरों के पास चला गया मां ने अपना एक पैर मोड़े रखा था और एक पैर सीधा कर के रखा हुआ उसका पेटिकोट उसके जांघों तक उठा हुआ था पेटिकोट के उपर और नीचे के भागो के बीच में एक गैप सा बन गया था उस गैप से उसकी झाँट अंदर तक नज़र आ रही थी

उसकी गुदज जांघों के उपर हाथ रख के मैं हल्का सा झुक गया और अंदर तक देखने के लिए हालांकि अन्दर रोशनी बहुत कम थी परंतु फिर भी मुझे उसके काले काले झाटों के दर्शन हो गये झाटों के कारण चूत तो नहीं दिखी परंतु चूत की खुशबु ज़रूर मिल गई

तभी मां ने अपनी आंखे खोल दी और मुझे अपने जाघों के बीच झकते हुए देख कर बोली हाय दैया उठ भी गया तू मैं तो सोच रही थी अभी कम से कम आधा घंटा शांत पड़ा रहेगा और मेरी जांघों के बीच क्या कर रहा है? देखो इस लड़के को बुर देखने के लिए दीवाना हुआ बैठा है

फिर मुझे अपने बांहों में भर कर मेरे गाल पर चुम्मि काट कर बोली मेरे लाल को अपनी मां का बुर देखना है ना अभी दिखती हूं मेरे छोरे है मुझे नहीं पता था कि तेरे अंदर इतनी बेकरारी है बुर देखने की

मेरी भी हिम्मत बढ़ गई थी मां जल्दी से खोलो और दिखा दो

अभी दिखती हूं कैसे देखेगा बता ना

कैसे क्या मां खोलो ना बस जल्दी से

तो ले ये है मेरे पेटिकोट का नाड़ा खुद ही खोल के मां को नंगा कर दे और देख ले

हाय मां मेरे से नहीं होगा तुम खोलो ना

क्यों नहीं होगा जब तू पेटिकोट नहीं खोल पाएगा तो आगे का काम कैसे करेगा

मां आगे का भी काम करने दोगी क्या?

मेरे इस सवाल पर मां ने मेरे गालो को मसलते हुए कहा क्यों आगे का काम नहीं करेगा क्या अपनी मां को ऐसे ही प्यासा छोड़ देगा तू तो कहता था कि तुझे ठंडा कर दूंगा पर तू तो मुझे गरम कर छोड़ने की बात कर रहा है
मां मेरा ये मतलब नहीं था मुझे तो अपने कानो पर विश्वास नहीं हो रहा कि तुम मुझे और आगे बढ़ने दोगी

गधे के जैसा लंड होने के साथ साथ तेरा तो दिमाग़ भी गधे के जैसा ही हो गया है लगता है सीधा खोल के ही पुछना पड़ेगा बोल चोदेगा मुझे? चोदेगा अपनी मां को मां की बुर चाटेगा ? और फिर उसमे अपना लंड डालेगा बोल ना

हां मां सब करूँगा सब करूँगा जो तू कहेगी वो सब करूँगा है मुझे तो विश्वास नहीं हो रहा की मेरा सपना सच होने जा रहा है ओह मेरे सपनो में आने वाली परी के साथ सब कुछ करने जा रहा हूं

क्यों सपनो में तुझे और कोई नहीं मैं ही दिखती थी क्या
हा मां तुम्ही तो हो मेरे सपनो की परी पूरे गावं में तुमसे सुंदर कोई नहीं है मेरे 16 साल का जवान छोकरे को उसकी मां इतनी सुंदर लगती है क्या?

हा मां सच में तुम बहुत सुंदर हो और मैं तुम्हे बहुत दिनों से चोदना चाहता हूं पर कह नहीं पाता था
कोई बात नहीं बेटा अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है वो भला हुआ कि आज मैने खुद ही पहल कर दी चल आ देख अपनी मां को नंगा और आज से बन जा उसका सैयां कह कर मां बिस्तर के नीचे उतर गई और मेरे सामने आके खडी हो गई और धीरे धीरे करके अपने ब्लाउज के एक बटन को खोलने लगी

ऐसा लग रहा था जैसे चाँद बादल में से निकल रहा है धीरे धीरे उसकी गोरी गोरी चुचिया दिखने लगी ओह गजब की चुचिया थी देखने से लग रहा था जैसे की दो बड़े बड़े नारियल हों दोनो तरफ लटक रहे हो एकदम गोल और आगे से नुकीले तीर के जैसे मम्मों पर नसों की नीली रेखाएं स्पष्ट दिख रही थी

निपल थोड़े मोटे और एकदम कड़े थे और उनके चारो तरफ हल्का गुलाबीपन लिए हुए गोल गोल घेरा था निपल भूरे रंग के थे

मां अपने हाथो से अपने मम्मों को नीचे से पकड़ कर मुझे दिखाती हुई बोली पसंद आई अपनी मां के मम्में कैसे लगे बेटा बोल ना फिर आगे का दिखाउंगी
हां मां तुम सच में बहुत सुंदर हो ओह कितने सुंदर मम्में है ओह

मां ने अपने मम्मों पर हाथ फेरते हुए और अच्छे से मुझे दिखाते हुए हल्का सा हिलाया और बोली खूब सेवा करनी होगी इसकी तुझे देख कैसे शान से सिर उठाए खड़ा है इस उमर में भी तेरे बाप के बस का तो है नहीं अब तू ही इन्हे संभालना कह कर वो फिर अपने हाथो को अपने पेटिकोट के नाड़ा पर ले गई और बोली अब देख बेटा तुझे जन्नत का दरवाजा दिखती हूं

अपनी मां का स्पेशल मालपुआ देख जिसके लिए तू इतना तरस रहा था कह कर मां ने अपने पेटिकोट के नाड़ा को खोल दिया पेटिकोट उसके कमर से सरसरते हुए सीधा नीचे गिर गया और मां ने एक पैर से पेटिकोट को एक तरफ उछल कर फेंक दिया और बिस्तर के और नज़दीक आ गई फिर बोली बेटा तूने तो मुझे एकदम बेशरम बना दिया

फिर मेरे लंड को अपने मुट्ठी में भर के बोली ओह तेरे इस सांड जैसे लंड ने तो मुझे पागल बना दिया है देख ले अपनी मां को जी भर के

मेरी नज़रे मां के जांघों के बीच में उसकी मस्त चूत पर टिकी हुई थी मां की गोरी गोरी चिकनी रानों के बीच में काले काले झाटों का एक तिकोना बना हुआ था झांट बहुत ज्यादा बड़े नहीं थे झांटों के बीच में से उसकी गुलाबी चूत की हल्की झलक मिल रही थी मैने अपने हाथो को मां के जांघों पर रखा और थोडा नीचे झुक कर ठीक चूत के पास अपने चेहरे को ले जा के देखने लगा

मां ने अपने दोनो हाथ को मेरे सिर पर रख दिया और मेरे बालो से खेलने लगी फिर बोली रुक जा ऐसे नहीं दिखेगा तुझे आराम से बिस्तर पर लेट के दिखाती हूं
ठीक है आ जाओ बिस्तर पर मां एक बार जरा पीछे घुमो ना

ओह मेरा राजा मेरा पिछवाडा भी देखना चाहता है क्या चल गांड तो मैं तुझे खड़े खड़े ही दिखा देती हूं ले देख अपनी मां के बुर और गांड को इतना कह कर वो पीछे घूम गई

ओह कितना सुंदर दृश्य था वो इसे मैं अपनी पूरी जिंदगी में कभी नहीं भूल सकता उस के चूत सच में बड़े खुबसूरत थे एकदम मलाई जैसे गोल-मटोल गुदज मांसल और उस चूत के बीच में एक गहरी लकीर सी बन रही थी जो कि उसके गांड की खाई थी

मैने उसे को थोडा झुकने को कहा तो वो झुक गई और मै आराम से दोनों मक्खन जैसे चूतडों को पकड़ के अपने हाथो से मसलते हुए उनके बीच की खाई को देखने लगा दोनो चूतडों को बीच में गांड की भूरे रंग की छेद फुकफुका रही थी एकदम छोटी सी गोल छेद मैने हल्के से अपने हाथ को उस छेद पर रख दिया और हल्के हल्के उसे सहलाने लगा साथ में मैं चूतडों को भी मसल रहा था पर तभी मां आगे घूम गई

चल मैं खड़े खड़े थक गई अब जो करना है बिस्तर पर करेंगे और वो बिस्तर पर चढ़ गई पलंग की पुष्ट से अपने सिर को टिका कर उसने अपने दोनो पैरो को मेरे सामने खोल कर फैला दिया और बोली अब देख ले आराम से पर एक बात तो बता तू देखने के बाद क्या करेगा कुछ मालूम भी है तुझे या नही

हां मां तुझे चोदुंगा

अच्छा चोदेगा? पर कैसे जरा बता तो सही कैसे चोदेगा

मैं पहले तुम्हारी चूत चुसना चाहता हूं

चल ठीक है चूस लेना और क्या करेगा

ओह और पता नहीं पता नहीं ये क्या जवाब हुआ पता नहीं जब कुछ पता नहीं तो मां पर डोरे क्यों डाल रहा था?

ओह मां मैने पहले किसी को किया नहीं है ना इसलिए मुझे पता नहीं है मुझे बस थोडा बहुत पता है जो कि मैने गांव के लड़कों के साथ सीखा था

तो गांव के छोकरों ने ये नहीं सिखाया कि कैसे किया जाता है खाली यही सिखाया कि मां पर डोरे डालो
ओह मां तू तो समझती ही नहीं अरे वो लोग मुझे क्यों सिखाने लगे कि तुम पर डोरे डालो वो तो वो तो तुम मुझे बहुत सुंदर लगती हो इसलिए मैं तुम्हे देखता था

ठीक है चल तेरी बात समझ गई बेटा कि मैं तुझे सुंदर लगती हूं पर मेरी इस सुंदरता का तू फायदा कैसे उठाएगा उल्लू ये भी तो बता दे ना कि खाली देख के मूठ मार लेगा

मां नहीं मैं तुम्हे चोदना चाहता हूं मां तुम सीखा देना सीखा दोगी ना ? कह कर मैने बुरा सा मुंह बना लिया
हां मेरा बेटा देख तो मां की लेने के लिए कैसे तड़प रहा आजा मेरे प्यारे मैं तुझे सब सीखा दूंगी तेरे जैसे लंड वाले बेटे को तो कोई भी मां सीखना चाहेगी

तुझे तो मैं सीखा पढ़ा के चुदाई का बादशाह बना दूंगी आजा पहले अपनी मां के मम्मों से खेल ले जी भर के फिर तुझे चूत से खेलना सिखाती हूं बेटा मैं मां के कमर के पास बैठ गया और मां तो पूरी नंगी पहले से ही थी मैने उसके मम्मों पर अपना हाथ रख दिया और उनको धीरे धीरे सहलाने लगा

मेरे हाथ में शायद दुनिया की सबसे खूबसूरत चुचिया थी ऐसी चुचिया जिनको देख के किसी का भी दिल मचल जाए मैं दोनो मम्मों की पूरी गोलाई पर हाथ फेर रहा था चुचिया मेरी हथेली में नहीं समा रही थी मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत में घूम रहा हूं मां के मम्मों का स्पर्श ग़ज़ब का था

मुलायम गुदज और सख़्त गठीलापन ये सब अहसास शायद अच्छी गोल मटोल मम्मों को दबा के ही पाया जा सकता है मुझे इन सारी चीज़ो का एक साथ आनंद मिल रहा था ऐसे मम्में दबाने का सौभाग्य नसीब वालो को ही मिलता है इस बात का पता मुझे अपने जीवन में बहुत बाद में चला जब मैने दूसरे अनेक तरह के मम्मों का स्वाद लिया

मां के मुंह से हल्की हल्की आवाज़े आनी शुरू हो गई थी और उसने मेरे चेहरे को अपने पास खीच लिया और अपने तपते हुए गुलाबी होंठो का पहला अनूठा स्पर्श मेरे होंठो को दिया हम दोनो के होंठ एक दूसरे से मिल गये और मैं मां के दोनो मम्मों को पकडे हुए उसके होंठो का रस ले रहा था कुछ ही सेकेंड्स में हमारे जीभ आपस में टकरा रहे थे

मेरे जीवन का ये पहला चुंबन करीब दो तीन मिनिट्स तक चला होगा मां के पतले होंठो को अपने मुंह में भर कर मैने चूस चूस कर और लाल कर दिया जब हम दोनो एक दूसरे से अलग हुए तो दोनो हांफ रहे थे मेरे हाथ अब भी उसकी दोनो चुचिया पर थे और मैं अब उनको जोर जोर से मसल रहा था मां के मुंह से अब और ज्यादा तेज सिसकारिया निकलने लगी थी

मां ने सिसकते हुए मुझसे कहा ओह ओह स्स्सि शाबाश ऐसे ही प्यार करो मेरे मम्मों से हल्के हल्के आराम से मसलो बेटा ज्यादा जोर से नहीं नहीं तो तेरी मां को मज़ा नहीं आएगा धीरे धीरे मसलो मेरे हाथ अब मां के मम्मों के निपल से खेल रहे थे उसके निपल अब एकदम सख़्त हो चुके थे

हल्का कालापन लिए हुए गुलाबी रंग के निपल कड़े होने के बाद ऐसे लग रहे थे जैसे दो गोरे गुलाबी पहाड़ियों पर बादाम की गिरी रख दी गई हो निपल के चारो ओर उसी रंग का घेरा थे ध्यान से देखने पर मैने पाया कि उस घेरे पर छोटे छोटे दाने से उगे हुए थे मैं निपलो को अपनी दो उंगलियों के बीच में लेकर धीरे-धीरे मसल रहा था और प्यार से उनको खींच रहा था

बाकी कहानी अगले भाग में
 

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