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Punjabi - ਭਾਸ਼ਾ Incest मां बेटे की अन्तर्वासना (All Parts)

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Part 1​

हैलो दोस्तों आज मैं आपको बताने जा रहा हूं आपको यह जरूर अच्छी लगेगी हमारा परिवारिक काम धोबी का है हम लोग एक छोटे से गांव में रहते हैं और वहां धोबी का एक ही घर है इसी लिए हम लोग को ही गांव के सारे कपड़े साफ करने को मिलते थे मेरे परिवार में मैं मां और पिताजी है मेरी उमर इस समय 17 साल हो गई थी और मेरा 18वां साल चलने लगा था

गांव के स्कूल में ही पढ़ाई लिखाई चालू थी हमारा एक छोटा सा खेत था जिस पर पिताजी काम करते थे मैं और मां ने कपड़े साफ़ करने का काम संभाल रखा था कुल मिला कर हम बहुत सुखी सम्पन थे और किसी चीज़ की दिक्कत नही थी हम दोनो मां बेटे हर सप्ताह में दो बार नदी पर जाते थे और सफाई करते थे

फिर घर आकर उन कपड़ो की स्त्री कर के उन्हे वापस लौटा कर फिर से पुराने गंदे कपड़े एकत्र कर लेते थे हर बुधवार और शनिवार को मैं सुबह 9 बजे के समय मैं और मां एक छोटे से गधे पर पुराने कपड़े लाद कर नदी की ओर निकल पड़ते हम गांव के पास बहने वाली नदी में कपड़े ना धो कर गांव से थोड़ी दूर जा कर सुनसान जगह पर कपड़े धोते थे क्योंकि गांव के पास वाली नदी पर साफ पानी नही मिलता था और हमेशा भीड़ लगी रहती थी

मेरी मां 35-36 साल के उमर की एक बहुत सुंदर गोरी औरत है ज़यादा लंबी तो नही परन्तु उसकी लंबाई 5 फुट 4 इंच की है और मेरी 5 फुट 8 इंच की है सबसे आकर्षक उसके मोटे मोटे चूतड़ और नारियल के जैसी स्तन थे ऐसा लगते थे जैसे की ब्लाउज को फाड़ के निकल जायेंगे और भाले की तरह से नुकीले थे

उसके चूतड़ भी कम सेक्सी नही थे और जब वो चलती थी तो ऐसे मटकते थे कि देखने वाले के उसके हिलते गांड को देख कर हिल जाते थे पर उस वक़्त मुझे इन बातो का कम ही ज्ञान था फिर भी तोरा बहुत तो गांव के लड़को की साथ रहने के कारण पता चल ही गया था और जब भी मैं और मां कपड़े धोने जाते तो मैं बड़ी खुशी के साथ कपड़े धोने उसके साथ जाता था

जब मां कपड़े को नदी के किनारे धोने के लिए बैठती थी तब वो अपनी साड़ी और पेटिकोट को घुटनो तक उपर उठा लेती थी और फिर पीछे एक पत्थर पर बैठ कर आराम से दोनो टांगे फैला कर जैसा की औरते पेशाब करने वक़्त करती है कपरो को साफ़ करती थी मैं भी अपनी लूंगी को जाँघ तक उठा कर कपड़े साफ करता रहता था

इस स्थिति में मां की गोरी गोरी टांगे मुझे देखने को मिल जाती थी और उसकी साड़ी भी सिमट कर उसके ब्लाउज के बीच में आ जाती थी और उसके मोटे मोटे मम्मों के ब्लाउज के उपर से दर्शन होते रहते थे कई बार उसकी साड़ी जांघों के उपर तक उठ जाती थी और ऐसे समय में उसकी गोरी गोरी मोटी मोटी केले के तने जैसे चिकनी जांघों को देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था

मेरे मन में कई सवाल उठने लगते फिर मैं अपना सिर झटक कर काम करने लगता था मैं और मां कपड़ों की सफाई के साथ-साथ तरह-तरह की गांव – घर की बाते भी करते जाते कई बार हम उस सुन-सन जगह पर ऐसा कुछ दिख जाता था जिसको देख के हम दोनो एक दूसरे से अपना मुंह छुपाने लगते थे

कपड़े धोने के बाद हम वही पर नहाते थे और फिर साथ लाए हुआ खाना खा नदी के किनारे सुखाए हुए कपड़े को इकट्ठा कर के घर वापस लौट जाते थे मैं तो खैर लूंगी पहन कर नदी के अंदर कमर तक पानी में नहाता था मगर मां नदी के किनारे ही बैठ कर नहाती थी नहाने के लिए मां सबसे पहले अपनी साड़ी उतारती थी

फिर अपने पेटिकोट के नाड़े को खोल कर पेटिकोट उपर को सरका कर अपने दांत से पकड़ लेती थी इस तरीके से उसकी पीठ तो दिखती थी मगर आगे से ब्लाउज पूरा ढक जाता था फिर वो पेटिकोट को दांत से पकडे हुए ही अंदर हाथ डाल कर अपने ब्लाउज को खोल कर उतरती थी और फिर पेटीकोट को छाती के उपर बांध देती थी

जिस से उसके मम्में पूरी तरह से पेटीकोट से ढक जाते थे और कुछ भी नज़र नही आता था और घुटनो तक पूरा बदन ढक जाता था फिर वो वही पर नदी के किनारे बैठ कर एक बड़े से जग से पानी भर भर के पहले अपने पूरे बदन को रगड़ रगड़ कर सॉफ करती थी और साबुन लगाती थी फिर नदी में उतर कर नहाती थी

मां की देखा देखी मैने भी पहले नदी के किनारे बैठ कर अपने बदन को साफ करना शुरू कर दिया फिर मैं नदी में डुबकी लगा के नहाने लगा मैं जब साबुन लगाता तो मैं अपने हाथो को अपने लूंगी के घुसा के पूरे लंड आंड गांड पर चारो तरफ घुमा घुमा के साबुन लगा के सफाई करता था क्यों मैं भी मां की तरह बहुत सफाई पसंद था

जब मैं ऐसा कर रहा होता तो मैने कई बार देखा की मां बड़े गौर से मुझे देखती रहती थी और अपने पैर की एडियां पत्थर पर धीरे धीरे रगड़ के साफ करती होती मैं सोचता था वो शायद इसलिए देखती है की मैं ठीक से सफाई करता हूं या नही इसलिए मैं भी बारे आराम से खूब दिखा दिखा के साबुन लगता था की कही डांट ना सुनने को मिल जाए कि ठीक से सॉफ सफाई का ध्यान नही रखता हूं

मैं अपनी लूंगी के भीतर पूरा हाथ डाल के अपने लंड को अच्छे तरीके से साफ करता था इस काम में मैने नोटीस किया कि कई बार मेरी लूंगी भी इधर उधर हो जाती थी जिससे मां को मेरे लंड की एक आध झलक भी दिख जाती थी जब पहली बार ऐसा हुआ तो मुझे लगा की शायद मां डाटेंगी मगर ऐसा कुछ नही हुआ

तब निश्चिंत हो गया और मज़े से अपना पूरा ध्यान साफ सफाई पर लगाने लगा मां की सुंदरता देख कर मेरा भी मन कई बार ललचा जाता था और मैं भी चाहता था की मैं उसे साफाई करते हुए देखू पर वो ज्यादा कुछ देखने नही देती थी और घुटनो तक की सफाई करती थी और फिर बड़ी सावधानी से अपने हाथो को अपने पेटीकोट के अंदर ले जा कर अपनी चूत की सफाई करती

जैसे ही मैं उसकी ओर देखता तो वो अपना हाथ पेटीकोट में से निकल कर अपने हाथो की सफाई में जुट जाती थी इसीलिए मैं कुछ नही देख पता था और चुकी वो घुटनो को मोड़ के अपने छाती से सताए हुए होती थी इसीलये पेटिकोट के उपर से छाती की झलक मिलनी चाहिए वो भी नही मिल पाती थी

इसी तरह जब वो अपने पेटिकोट के अंदर हाथ घुसा कर अपने जांघों और उसके बीच की सफाई करती थी ये ध्यान रखती की मैं उसे देख रहा हूं या नही जैसे ही मैं उसकी ओर घूमता वो झट से अपना हाथ निकाल लेती थी और अपने बदन पर पानी डालने लगती थी मैं मन मसोस के रह जाता था

एक दिन सफाई करते करते मां का ध्यान शायद मेरी तरफ से हट गया था और बरे आराम से अपने पेटिकोट को अपने जांघों तक उठा के सफाई कर रही थी उसकी गोरी चिकनी जांघों को देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा और मैं जो की इस वक़्त अपनी लूंगी को ढीला कर के अपने हाथो को लूंगी के अंदर डाल कर अपने लंड की सफाई कर रहा था धीरे धीरे अपने लंड को मसल्ने लगा

तभी अचानक मां की नज़र मेरे उपर गई और उसने अपना हाथ निकल लिया और अपने बदन पर पानी डालती हुई बोली क्या कर रहा है जल्दी से नहा के काम ख़तम कर मेरे तो होश ही उर गये और मैं जल्दी से नदी में जाने के लिए उठ कर खड़ा हो गया पर मुझे इस बात का तो ध्यान ही नही रहा की मेरी लूंगी तो खुली हुई है और मेरी लूंगी सरसारते हुए नीचे गिर गई

मेरा पूरा बदन नंगा हो गया और मेरा 8.5 इंच का लंड जो की पूरी तरह से खड़ा था धूप की रोशनी में नज़र आने लगा मैने देखा की मां एक पल के लिए चकित हो कर मेरे पूरे बदन और नंगे लंड की ओर देखती रह गई मैने जल्दी से अपनी लूंगी उठाई और चुपचाप पानी में घुस गया

मुझे बड़ा डर लग रहा था की अब क्या होगा अब तो पक्की डाँट पड़ेगी और मैने कनखियो से मां की ओर देखा तो पाया की वो अपने सिर को नीचे किया हल्के हल्के मुस्कुरा रही है और अपने पैरो पर अपने हाथ चला के सफाई कर रही है मैं ने राहत की सांस ली और चुपचाप नहाने लगा

उस दिन हम जायदातर चुप चाप ही रहे घर वापस लौटते वक़्त भी मां ज़यादा नही बोली दूसरे दिन से मैने देखा की मां मेरे साथ कुछ ज्यादा ही खुल कर हंसी मज़ाक करती रहती थी और हमारे बीच डबल मीनिंग में भी बाते होने लगी थी पता नही मां को पता था या नही पर मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था मैने जब भी किसी के घर से कपड़े ले कर वापस लौटता तो

मां बोलती क्यों राधिया के कपड़े भी लाया है धोने के लिए क्या?

तो मैं बोलता हा

इसपर वो बोलती ठीक है तू धोना उसके कपड़े बड़ा गंदा करती है उसकी सलवार तो मुझसे धोई नही जाती फिर पूछती थी अंदर के कपड़े भी धोने के लिए दिए है क्या? अंदर के कपड़ो से उसका मतलब पेंटी और ब्रा या फिर अंगिया से होता था

मैं कहता नही तो इस पर हसने लगती और कहती तू लड़का है ना शायद इसीलिए तुझे नही दिया होगा देख अगली बार जब मैं मांगने जाऊंगी तो ज़रूर देगी फिर अगली बार जब वो कपड़े लाने जाती तो सचमुच में वो उसकी पेंटी और अंगिया ले के आती थी और बोलती देख मैं ना कहती थी की वो तुझे नही देगी और मुझे दे देगी तू लड़का है ना तेरे को देने में शरमाती होंगी

फिर तू तो अब जवान भी हो गया है मैं अंजान बना पुछ्ता क्या देने में शरमाती है राधिया तो मुझे उसकी पेंटी और ब्रा या अंगिया फैला कर दिखती और मुस्कुराते हुए बोलती ले खुद ही देख ले इस पर मैं शर्मा जाता और कनखियों से देख कर मुंह घुमा लेता तो वो बोलती अरे शरमाता क्यों है ये भी तेरे को ही धोना परेगा कह के हसने लगती

पता नही क्यों मां अब कुछ दिनों से इस तरह की बातो में ज़यादा इंटेरेस्ट लेने लगी थी मैं भी चुप चाप उसकी बाते सुनता रहता और मज़े से जवाब देता रहता था जब हम नदी पर कपड़े धोने जाते तब भी मैं देखता था की मां अब पहले से थोरी ज्यादा खुले तौर पर पेश आती थी

पहले वो मेरी तरफ पीठ करके अपने ब्लाउज को खोलती थी और पेटिकोट को अपनी छाती पर बांधने के बाद ही मेरी तरफ घूमती थी पर अब वो इस पर ध्यान नही देती और मेरी तरफ घूम कर अपने ब्लाउज को खोलती और मेरे ही सामने बैठ कर मेरे साथ ही नहाने लगती जब की पहले वो मेरे नहाने तक इंतेज़ार करती थी और जब मैं थोडा दूर जा के बैठ जाता तब पूरा नहाती थी

मेरे नहाते वक़्त उसका मुझे घुरना बदस्तूर जारी था और मेरे में भी हिम्मत आ गई थी और मैं भी जब वो अपने छातियों की सफाई कर रही होती तो उसे घूर कर देखता रहता मां भी मज़े से अपने पेटिकोट को जांघों तक उठा कर एक पत्थर पर बैठ जाती और साबुन लगाती और ऐसे एक्टिंग करती जैसे मुझे देख ही नही रही है

उसके दोनो घुटने मुड़े हुए होते थे और एक पैर थोडा पहले आगे पसारती और उस पर पूरा जांघों तक साबुन लगाती थी फिर पहले पैर को मोड़ कर दूसरे पैर को फैला कर साबुन लगाती पूरा अंदर तक साबुन लगाने के लिए वो अपने घुटने मोड़े रखती और अपने बाए हाथ से अपने पेटिकोट को थोडा उठा के या अलग कर के दाहिने हाथ को अंदर डाल के साबुन लगाती

मैं क्यूंकि थोड़ी दूर पर उसके बगल में बैठा होता इसीलिए मुझे पेटिकोट के अन्दर का नज़ारा तो नही मिलता था जिसके कारण से मैं मन मसोस के रह जाता था की काश मैं सामने होता पर इतने में ही मुझे ग़ज़ब का मज़ा आ जाता था और उसकी नंगी चिकनी चिकनी जंघे उपर तक दिख जाती थी

मां अपने हाथ से साबुन लगाने के बाद बड़े मग को उठा के उसका पानी सीधे अपने पेटिकोट के अंदर डाल देती और दूसरे हाथ से साथ ही साथ रगडती भी रहती थी ये इतना जबरदस्त सीन होता था की मेरा तो लंड खड़ा हो के फुफ्करने लगता और मैं वही नहाते नहाते अपने लंड को मसल्ने लगता

जब मेरे से बर्दस्त नही होता तो मैं सीधा नदी में कमर तक पानी में उतर जाता और पानी के अंदर हाथ से अपने लंड को पाकर कर खड़ा हो जाता और मां की तरफ घूम जाता जब वो मुझे पानी में इस तरह से उसकी तरफ घूम कर नहाते देखती तो वो मुस्कुरा के मेरी तरफ देखती हुई बोलती ज्यादा दूर मत जाना किनारे पर ही नहा ले आगे पानी बहुत गहरा है

मैं कुछ नही बोलता और अपने हाथो से अपने लंड को मसालते हुए नहाने की एक्टिंग करता रहता इधर मां मेरी तरफ देखती हुई अपने हाथो को उपर उठा उठा के अपने कांख की सफाई करती कभी अपने हाथो को अपने पेटिकोट में घुसा के छाती को साफ करती कभी जांघों के बीच हाथ घुसा के खूब तेज़ी से हाथ चलने लगती

दूर से कोई देखे तो ऐसा लगेगा के मूठ मार रही है और शायद मारती भी होगी कभी कभी वो भी खड़े हो नदी में उतर जाती और ऐसे में उसका पेटिकोट जो की उसके बदन चिपका हुआ होता था गीला होने के कारण मेरी हालत और ज्यादा खराब कर देता था पेटिकोट चिपकने के कारण उसकी बड़ी बड़ी चुचिया नुमाया हो जाती थी

कपड़े के उपर से उसके बड़े बड़े मोटे मोटे निपल तक दिखने लगते थे पेटिकोट उसके चूतडों से चिपक कर उसके गांड के दरार में फंसा हुआ होता था और उसके बड़े बड़े चूतड़ साफ साफ दिखाई देते रहते थे वो भी कमर तक पानी में मेरे ठीक सामने आ के खडी हो के डुबकी लगाने लगती और मुझे अपने मम्मों का नज़ारा करवाती जाती

मैं तो वही नदी में ही लंड मसल के मूठ मार लेता था हालांकि मूठ मारना मेरी आदत नही थी घर पर मैं ये काम कभी नही करता था पर जब से मां के स्वाभाव में चेंज आया था नदी पर मेरी हालत ऐसे हो जाती थी की मैं मज़बूर हो जाता था अब तो घर पर मैं जब भी स्त्री करने बैठता तो मुझे बोलती जाती देख ध्यान से स्त्री करियो

पिछली बार शयामा बोल रही थी की उसके ब्लाउज ठीक से स्त्री नही थे मैं भी बोल पड़ता ठीक है कर दूंगा इतना छोटा सा ब्लाउज तो पहनती है ढंग से स्त्री भी नही हो पाती पता नही कैसे काम चलती है इतने छोटे से ब्लाउज में तो मां बोलती अरे उसकी चूचियां ज़यादा बड़ी थोड़े ही है जो वो बड़ा ब्लाउज पहनेगी

हां उसकी सास के ब्लाउज बहुत बड़े बड़े है बुढ़िया के मम्में पहाड़ जैसे है कह कर मां हंसने लगती फिर मेरे से बोलतीतू सबके ब्लाउज की लंबाई चौड़ाई देखता रहता है क्या या फिर स्त्री करता है मैं क्या बोलता चुपचाप सिर झुका कर स्त्री करते हुए धीरे से बोलता अरे देखता कौन है नज़र चली जाती है

बस स्त्री करते करते मेरा पूरा बदन पसीने से नहा जाता था मैं केवल लूंगी पहने स्त्री कर रहा होता था मां मुझे पसीने से नहाए हुए देख कर बोलती छोड़ अब तू कुछ आराम कर ले तब तक मैं स्त्री करती हूं मां ये काम करने लगती थोरी ही देर में उसके माथे से भी पसीना चुने लगता और वो अपनी साडी खोल कर एक ओर फेक देती और बोलती बरी गर्मी है रे

पता नही तू कैसे कर लेता है इतने कपरो की स्त्री मेरे से तो ये गर्मी बर्दस्त नही होती इस पर मैं वही पास बैठा उसके नंगे पेट गहरी नाभि और मोटे मम्मों को देखता हुआ बोलता ठंडा कर दूं तुझे?

कैसे करेगा ठंडा?

बाकी कहानी अगले भाग में
 

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Jan 10, 2025
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Part 6​

आप ने के पिछले भाग में पढ़ा था निपल के चारो ओर उसी रंग का घेरा था ध्यान से देखने पर मैने पाया कि उस घेरे पर छोटे छोटे दाने से उगे हुए थे मैं निपलो को अपनी दो उंगलियों के बीच में लेकर धीरे-धीरे मसल रहा था और प्यार से उनको खींच रहा था अब में आगे पढ़े

जब भी मैं ऐसा करता तो मां की सिसकियां और तेज हो जाती थी मां की आंखें एकदम नशीली हो चुकी थी और वो सिसकारी लेते हुए बड़बड़ाने लगी ओह बेटा ऐसे ही ऐसे ही तुझे तो सीखने की भी ज़रूरत नहीं है रे ओह क्या खूब मसल रहा है मेरे प्यारे ऐसे ही कितने दिन हो गये जब इन मम्मों को किसी मर्द के हाथ ने मसला है या प्यार किया है कैसे तरसती थी

मैं कि काश कोई मेरे इन मम्मों को मसल दे प्यार से सहला दे पर आखिर में अपना बेटा ही काम आया आजा मेरे लाल कहते हुए उसने मेरे सिर को पकड़ कर अपने मम्मों पर झुका लिया मैं मां का इशारा समझ गया और मैने अपने होंठ मां के मम्मों से भर लिए मेरे एक हाथ में उसका एक मम्मां और दूसरे मम्में पर मेरे होंठ चिपके हुए थे

मैने धीरे धीरे उसके मम्मों को चूसना शुरू कर दिया था मैं ज्यादा से ज्यादा मम्मों को अपने मुंह में भर के चूस रहा था मेरे अंदर का खून इतना उबाल मरने लगा था कि एक दो बार मैने अपने दांत भी मम्मों पर गड़ा दिए थे जिस से मां के मुंह से अचानक से चीख निकल गई थी

पर फिर भी उसने मुझे रोका नहीं वो अपने हाथो को मेरे सिर के पीछे ले जा कर मुझे बालो से पकड़ के मेरे सिर को अपने मम्मों पर और जोर जोर से दबा रही थी और दांत काटने पर एकदम से घुटि घुटि आवाज़ में चीखते हुए बोली ओह धीरे बेटा धीरे से चूसो चुछी को ऐसे जोर से नहीं काटते है

फिर उसने अपने मम्में को अपने हाथ से पकडा और उसको मेरे मुंह में घुसाने लगी ऐसा लग रहा था जैसे वो अपने मम्में को पूरा का पूरा मेरे मुंह में घुसा देना चाहती हो और कहा ओह राजा मेरे निपल को चूसो जरा पूरे निपल को मुंह में भर लो और कस कस के चूसो राजा जैसे बचपन में दूध पीने के लिए चूस्ते थे

मैने अब अपना ध्यान निपल पे कर दिया और निपल को मुंह में भर कर अपनी जीभ उसके चारो तरफ गोल गोल घूमते हुए चूसने लगा मैं अपनी जीभ को निपल के चारो तरफ के घेरे पर भी फिरा रहा था निपल के चारो तरफ के घेरे पर उगे हुए दानो को अपनी जीभ से कुरेदते हुए निपल को चूसने पर मां एकदम मस्त हो जा रही थी और उसके मुंह से निकलने वाली सिसकिया इसकी गवाही दे रही थी

मैं उसकी चीखे और सिसकिया सुन कर पहले पहल तो डर गया था पर मां के द्वारा ये समझाए जाने पर की ऐसी चीखे और सिसकिया इस बात को बतला रही है कि उसे मज़ा आ रहा है तो फिर दुगुने जोश के साथ अपने काम में जुट गया था जिस मम्में को मैं चूस रहा था वो अब पूरी तरह से मेरे लार और थूक से भीग चुकी थी और लाल हो चुकी फिर भी मैं उसे चूसे जा रहा था

तभी मां ने मेरे सिर को अपने उस मम्में से हटा के अपनी दूसरे मम्में की तरफ करते हुए कहा खाली इसी मम्में को चूस्ता रहेगा दूसरे को भी चूस उसमे भी वही स्वाद है फिर अपनी दूसरे मम्में को मेरे मुंह में घुसाते हुए बोली इसको भी चूस चूस के लाल कर दे मेरे लाल दूध निकल दे मेरे सैय्या एकदम आम के जैसे चूस और सारा रस निकाल दे अपनी मां के मम्मों का

किसी काम की नहीं है ये कम से कम मेरे लाल के काम तो आएंगी मैं फिर से अपने काम में जुट गया और पहले वाले मम्में को दबाते हुए दूसरे को पूरे मज़े से चूसने लगा मां सिसकिया ले रही थी और चुसवा रही थी कभी कभी अपना हाथ मेरे कमर के पास ले जा के मेरे लोहे जैसे तने हुए लंड को पकड़ के मरोड़ रही थी

कभी अपने हाथो से मेरे सिर को अपने मम्मों पर दबा रही थी इस तरह काफ़ी देर तक मैं उसके मम्मों को चूसता रहा फिर मां ने खुद अपने हाथो से मेरा सिर पकड़ के अपने मम्मों पर से हटाया और मुस्कुराते मेरे चेहरे की ओर देखने लगी मां का बायां मम्मां अभी भी मेरे लार से चमक रहा था जबकि दायें मम्में पर लगा थूक सुख चुका था

पर उसके दोनों मम्में लाल हो चुके थे और निपलो का रंग हल्का काला से पूरा काला हो चुका था ऐसा बहुत ज्यादा चूसने पर खून का दौरा भर जाने के कारण हुआ था मां ने मेरे चेहरे को अपने होंठो के पास खीच कर मेरे होंठो पर एक गहरा चुंबन लिया और अपनी कातिल मुस्कुराहट फेकते हुए मेरे कान के पास धीरे से बोली खाली दूध ही पियेगा या मालपुआ भी खायेगा देख तेरा मालपुआ तेरा इंतेज़ार कर रहा है राजा

मैने भी मां के होंठो का चुंबन लिया और फिर उसके भरे भरे गालो को अपने मुंह में भर कर चूसने लगा और फिर उसके नाक को चूमा और फिर धीरे से बोला ओह मां तुम सच में बहुत सुंदर हो

इस पर मां ने पुछा – क्यों मज़ा आया ना चूसने में
हा मां गजब का मज़ा आया मुझे आज तक ऐसा मज़ा कभी नहीं आया था

तब मां ने अपने पैरो के बीच इशारा करते हुए कहा नीचे और भी मज़ा आएगा यहां तो केवल तिजोरी का दरवाजा था असली खजाना तो नीचे है आजा बेटे आज तुझे असली मालपुआ खिलती हूं

मैं धीरे से खिसक कर मां के पैरो पास आ गया मां ने अपने पैरो को घुटने के पास से मोड़ कर फैला दिया और बोली यहां बीच में दोनो पैर के बीच में आ के बैठ तब ठीक से देख पाएगा अपनी मां का खजाना

मैं उठ कर मां के दोनो पैरो के बीच घुटनो के बल बैठ गया और आगे की ओर झुका सामने मेरे वो चीज़ थी जिसको देखने के लिए मैं मरा जा रहा था मां ने अपनी दोनो जांघें फैला दी और अपने हाथो को अपने बुर के उपर रख कर बोली ले देख ले अपना मालपुआ अब आज के बाद से तुझे यही मालपुआ खाने को मिलेगा

मेरी खुशी का तो ठिकाना नहीं था सामने मां की खुली जांघों के बीच झांटों का एक तिकोना सा बना हुआ था इस तिकोने झांटों के जंगल के बीच में से मां की फूली हुए गुलाबी बुर का चीड़ झांक रहा था जैसे बादलों के झुरमुट में से चाँद झांकता है मैने अपने हाथो को मां के चिकने जांघों पर रख दिया और थोड़ा सा झुक गया

उसके बुर के बाल बहुत बड़े बड़े नहीं थे छोटे छोटे घुंघराले बाल और उनके बीच एक गहरी लकीर से चीरी हुई थी मैने अपने दाहिने हाथ को जाँघ पर से उठा कर हकलाते हुए पुछा मां मैं इसे छू लूं ? छू ले तेरे छूने के लिए ही तो खोल के बैठी हूं

मैने अपने हाथो को मां की चूत को उपर रख दिया झांट के बाल एकदम रेशम जैसे मुलायम लग रहे थे और ऐसा लग रहा थे हालांकि आम तौर पर झांट के बाल मोटे होते है और उसके झांट के बाल भी मोटे ही थे पर मुलायम भी थे हल्के हल्के मैं उन बालो पर हाथ फिरते हुए उनको एक तरफ करने की कोशिश कर रहा था

अब चूत की दरार और उसकी मोटी मोटी फांके स्पष्ट रूप से दिख रही थी मां का बुर एक फूला हुआ और गद्देदार पावरोटी की तरह लगता था चूत की मोटी मोटी फांके बहुत आकर्षक लग रही थी मेरे से रहा नहीं गया और मैं बोल पड़ा ओह मां ये तो सचमुच में मालपुए के जैसा फूला हुआ है

हां बेटा यही तो तेरा असली मालपुआ है आज के बाद जब भी मालपुआ खाने का मन करे यही खाना
हां मां मैं तो हमेशा यही मालपुआ खाउंगा ओह मां देखो ना इस से तो रस भी निकल रहा है चूत से रिस्ते हुए पानी को देख कर मैने कहा

बेटा यही तो असली माल है हम औरतो का ये रस मैं तुझे अपनी बुर की थाली में सज़ा कर खिलाउंगी दोनो फांक को खोल के देख कैसा दिखता है हाथ से दोनो फांक पकड़ कर खीच कर बुर को चीर कर देख
सच बताता हूं दोनो फांको को चिर कर मैने जब चूत के गुलाबी रस से भीगे छेद को देखा तो मुझे यही लगा कि मेरा तो जनम सफल हो गया है

चूत के अंदर का भाग एकदम गुलाबी था और रस से भीगा हुआ था जब मैने उस चीर को छुआ तो मेरे हाथो में चिपचिपा सा रस लग गया मैने उस रस को वही बिस्तर के चादर पर पोछ दिया और अपने सिर को आगे बढ़ा कर मां के बुर को चूम लिया

मां ने इस पर मेरे सिर को अपने चूत पर दबाते हुए हल्के से सिसकते हुए कहा बिस्तर पर क्यों पोछ दिया उल्लू यही मां का असली प्यार है जो कि तेरे लंड को देख के चूत के रास्ते छलक कर बाहर आ रहा है इसको चख के देख चूस ले इसको

हां मां मैं तेरे बुर को जरुर चूसूंगा

हां बेटा चूस ले अपनी मां के चूत के सारे रस को दोनो फांको को खोल के उसमे अपनी जीभ डाल दे और चूस और ध्यान से देख तू तो बुर के केवल फांको को देख रहा है देख मैं तुझे दिखाती हूं और मां ने अपने चूत को पूरा फैला दिया और अंगुली रख कर बताने लगी देख ये जो छोटा वाला छेद है ना वो मेरे पेशाब करने वाला छेद है

बुर में 2 छेद होते है उपर वाला पेशाब करने के काम आता है और नीचे वाला जो ये बड़ा छेद है वो चुदवाने के काम आता है इसी छेद में से रस निकालता है ताकि मोटे से मोटा लंड आसानी से चूत को छोड़ सके और बेटा ये जो पेशाब वाले छेद के ठीक उपर जो ये नुकीला सा निकला हुआ है

वो क्लिंट कहलाता है और ये औरत को गर्म करने का अंतिम हथियार है इसको छूटे ही औरत एकदम गरम हो जाती है समझ में आया?

हां मां आ गया समझ में हाय कितनी सुंदर है ये तुम्हारी बुर मैं चाटू अब इसे मां

हां बेटा अब तू चाटना शुरू कर दे पहले पूरी बुर के उपर अपनी जीभ को फिरा के चाट फिर मैं आगे बताती जाती हूं कि कैसे कैसे करना है

मैने अपनी जीभ निकाल ली और मां की बुर पर अपने ज़ुबान को फिरना शुरू कर दिया पूरी चूत के उपर मेरी जीभ चल रही थी और मैं फूली हुई गद्देदार बुर को अपनी खुरदरी ज़बान से उपर से नीचे तक चाट रहा था अपनी जीभ को दोनो फांको के उपर फेरते हुए मैं ठीक बुर के दरार पर अपनी जीभ रखी और धीरे धीरे उपर से नीचे तक पूरे चूत की दरार पर जीभ को फिराने लगा

बुर से रिस रिस कर निकालता हुआ रस जो बाहर आ रहा था उसका नमकीन स्वाद मेरे मुझे मिल रहा था जीभ जब चूत के उपरी भाग में पहुच कर क्लिंट से टकराती थी तो मां की सिसकिया और भी तेज़ हो जाती थी मां ने अपने दोनो हाथो को शुरू में तो कुछ देर तक अपने मम्मों पर रखा था और अपने मम्मों को अपने हाथ से ही दबाती रही

मगर बाद में उसने अपने हाथो को मेरे सिर के पीछे लगा दिया और मेरे बालो को सहलाते हुए मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी मेरी चूत चुसना बदस्तूर जारी थी और अब मुझे इस बात का अंदाज़ा हो गया था कि मां को सबसे ज्यादा मज़ा अपनी क्लिंट की चूसाने में आ रहा है इसलिए मैने इस बार अपने जीभ को नुकीला कर के क्लिंट से सटा दिया और केवल क्लिंट पर अपनी जीभ को तेज़ी से चलाने लगा

मैं बहुत तेज़ी के साथ क्लिंट के उपर जीभ चला रहा था और फिर पूरे क्लिंट को अपने होंठो के बीच दबा कर जोर जोर जोर से चूसने लगा मां ने उत्तेजना में अपने चूतड़ों को उपर उछाल दिया और जोर से सिसकिया लेते हुए बोली है दैया उईईई मां सी सी चूस ले ओह चूस ले मेरे भगनसे को ओह सी क्या खूब चूस रहा है रे तू ओह मैने तो सोचा भी नहीं था की तेरी जीभ ऐसा कमाल करेगी

हाय रे बेटा तू तो कमाल का निकला ओह ऐसे ही चूस अपने होंठो के बीच में भगनसे को भर के इसी तरह से चूस ले ओह बेटा चूसो चूसो बेटा मां के उत्साह बढ़ने पर मेरी उत्तेजना अब दुगुनी हो चुकी थी और मैं दुगुने जोश के साथ एक कुत्ते की तरह से लॅप लॅप करते हुए पूरे बुर को चाटे जा रहा था

अब मैं चूत के भगनसे के साथ साथ पूरे चूत के मांस को अपने मुंह में भर कर चूस रहा था और मां की मोटी फूली हुई चूत अपने झाटों समेत मेरे मुंह में थी पूरी बुर को एक बार रसगुल्ले की तरह से मुंह में भर कर चूसने के बाद मैने अपने होंठो को खूल कर चूत के चोदने वाले छेद के सामने टिका दिया और बुर के होंठो से अपने होंठो को मिला कर मैने खूब जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया

बुर का नशीला रस रिस रिस कर निकल रहा था और सीधा मेरे मुंह में जा रहा था मैने कभी सोचा भी नहीं था की मैं चूत को ऐसे चुसूंगा या फिर चूत की चूसाई ऐसे की जाती है पर शायद चूत सामने देख कर चूसने की कला अपने आप आ जाती है चूत और जीभ की लड़ाई अपने आप में ही इतनी मजेदार होती है कि इसे सीखने और सीखाने की ज़रूरत नहीं पड़ती

बस जीभ को चूत दिखा दो बाकी का काम जीभ अपने आप कर लेती है मां की सिसकिया और शाबाशी और तेज हो चुकी थी मैने अपने सिर को हल्का सा उठा के मां को देखते हुए अपने चूत के रस से भीगे होंठो से मां से पुछा कैसा लग रहा है मां तुझे अच्छा लग रहा है? मां ने सिसकते हुए कहा हाय बेटा मत पुछ बहुत अच्छा लग रहा है मेरे लाल इसी मज़े के लिए तो तेरी मां तरस रही थी

चूस ले मेरे चूत को और जोर से चुस्स्स्स सारा रस पी लीई मेरे सैय्या तू तो जादूगर है रीईईई तुझे तो कुछ बताने की भी ज़रूरत नहीं है मेरे बुर के फांको के बीच में अपनी जीभ डाल के चूस बेटा और उसमे अपने जीभ को लिबलिबते हुए अपनी जीभ को मेरी चूत के अंदर तक घुमा दे हाय घुमा दे राजा बेटा घुमा दे

मां के बताए हुए रास्ते पर चलना तो बेटे फर्ज़ बनता है और उस फर्ज़ को निभाते हुए मैने चूत के दोनो फांको को फैला दिया और अपनी जीभ को उसके चूत में पेल दिया बर के अंदर जीभ घुसा कर पहले तो मैने अपनी जीभ और उपरी होंठ के सहारे चूत के एक फांक को फाड़ कर के खूब चूसा फिर दूसरी फांक के साथ भी ऐसा ही किया

फिर चूत को जितना चिदोर सकता था उतना चिदोर कर अपने जीभ को चूत के बीच में डाल कर उसके रस को चटकारे ले कर चाटने लगा चूत का रस बहुत नशीला था और मां की चूत कामो-उत्तेजना के कारण खूब रस छोड़ रही थी हल्का चिपचिपा रस पीने में मुझे बहुत आनंद आ रहा था

मां धीमी आवाज़ में चीखते हुए बोल पड़ी ओह चाटो ऐसे ही चाटो मेरे राजा चाट चाट के मेरे सारे रस को पी जाओ हाय रे मेरा बेटा देखो कैसे कुत्ते की तरह से अपनी मां की चूत को चाट रहा है ओह चाट ना ऐसे ही चाट मेरे कुत्ते बेटे अपनी कुतिया मां की चूत को चाट और उसके चूत के अंदर अपने जीभ को हिलाते हुए मुझे अपनी जीभ से चोद डाल

बाकी कहानी अगले भाग में
 

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Part 7​

आप ने के पिछले भाग में पढ़ा था हाय रे मेरा बेटा देखो कैसे कुत्ते की तरह से अपनी मां की चूत को चाट रहा है ओह चाट ना ऐसे ही चाट मेरे कुत्ते बेटे अपनी कुतिया मां की चूत को चाट और उसके चूत के अंदर अपने जीभ को हिलाते हुए मुझे अपनी जीभ से चोद डाल अब में आगे पढ़े

मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि एक तो मां मुझे कुत्ता कह रही है फिर खुद को भी कुतिया कह रही है पर मेरे दिलो दिमाग़ में तो अभी केवल मां की रसीली चूत की चटाई घुसी हुई थी इसलिए मैने इस तरफ से ध्यान नहीं दिया मां की आज्ञा का पालन किया और जैसा उसने बताया था उसी तरह से अपने जीभ से ही उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया

मैं अपनी जीभ को तेज़ी के साथ चूत में से अंदर बाहर कर रहा था और साथ ही साथ चूत में जीभ को घुमाते हुए चूत के गुलाबी छेद से अपने होंठो को मिला के अपने मुंह को चूत पर रगड़ भी रहा था मेरी नाक बार बार चूत के भगनसे से टकरा रही थी और शायद वो भी मां के आनंद का एक कारण बन रही थी

मेरे दोनो हाथ मां के मोटे गुदज जांघों से खेल रहे थे तभी मां ने तेज़ी के साथ अपने चूतडों को हिलाना शुरू कर दिया और जोर जोर से हांफते हुए बोलने लगी ओह निकल जाएगा ऐसे ही चूत में जीभ चलते रहना बेटा ओह सी सी सीईई साली बहुत खुजली करती थी आज निकल दे इसका सारा पानी और अब मां दांत पीस कर लग भर चीखते हुए बोलने लगी

ओह हूऊओ सीईईईईईई साले कुत्ते मेरे प्यारे बेटे मेरे लाल है रे चूस और जोर से चूस अपनी मां के चूत को जीभ से चोद दे अभी सीईईईईई ईईइ छोड़ना नही कुत्ते हरमजाड़े और जोर से चोद साले चोद डाल अपनी मां को निकाल रे मेरा तो निकल गया

ओह मेरे चुदक्कड बेटे ने निकाल दिया रे तूने तो अपनी मां को अपने जीभ से चोद डाला कहते हुए मां ने अपने चूतडों को पहले तो खूब जोर जोर से उपर की तरफ उछाला फिर अपनी आंखों को बंद कर के चूतडों को धीरे धीरे फुदकते हुए झरने लगी ओह गई मैं मेरे राजा मेरा निकल गया मेरे सैय्या हाय

तूने मुझे जन्नत की सैर करवा दी रे है मेरे बेटे ओह ओह मैं गई मां की चूत मेरे मुंह पर खुल बंद हो रही थी चूत के दोनो फांको से रस अब भी रिस रहा था पर मां अब थोड़ी ठंडी पड़ चुकी थी और उसकी आंखे बंद थी उसने दोनो पैर फैला दिए थे और सुस्त सी होकर लंबी लंबी सांसे छोडती हुई लेट गई

मैने अपनी जीभ से चोद चोद कर अपनी मां को झार दिया था मैने चूत पर से अपने मुंह को हटा दिया और अपने सिर को मां की जांघों पर रख कर लेट गया कुछ देर तक ऐसे ही लेटे रहने के बाद मैने जब सिर उठा के देखा तो पाया कि मां अब भी अपने आंखों को बंद किए बेसुध होकर लेटी हुई है

मैं चुपचाप उसके पैरो के बीच से उठा और उसकी बगल में जा कर लेट गया मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था पर मैने चुपचाप लेटना ही बेहतर समझा और मां की ओर करवट लेट कर मैने अपने सिर को उसके मम्मों से सटा दिया और एक हाथ पेट पर रख कर लेट गया

मैं भी थोड़ी बहुत थकावट महसूस कर रहा था हालांकि लंड पूरा खड़ा था और चोदने की इच्छा बाकी थी मैं अपने हाथो से मां के पेट नाभि और जांघों को सहला रहा था मैं धीरे धीरे ये सारा काम कर रहा था और कोशिश कर रहा था की मां ना जागे मुझे लग रहा था कि अब तो मां सो गई और मुझे शायद मूठ मार कर ही संतोष करना पड़ेगा

इसलिए मैं चाह रहा था कि सोते हुए थोड़ा सा मां के बदन से खेल लूं और फिर मूठ मार लूंगा मुझे मां के जाँघ बड़े अच्छे लगे और मेरे दिल कर रहा था की मैं उन्हे चूमू और चाटूं इसलिए मैं चुप चाप धीरे से उठा और फिर मां के पैरो के पास बैठ गया मां ने अपना एक पैर फैला रखा था और दूसरे पैर को घुटनो के पास से मोड़ कर रखा हुआ था

इस अवस्था में वो बरी खूबसूरत लग रही थी उसके बाल थोड़े बिखरे हुए थे एक हाथ आंखों पर और दूसरा बगल में पैरो के इस तरह से फैले होने से उसकी चूत और गांड दोनो का छेद स्पष्ट रूप से दिख रहा था धीरे धीरे मैने अपने होंठो को उसके जांघों पर फेरने लगा और हल्की हल्की चुम्मिया उसके रानों से शुरू कर के उसके घुटनो तक देने लगा

एकदम मक्खन जैसी गोरी चिकनी जांघों को अपने हाथो से पकर कर हल्के हल्के मसल भी रहा था मेरा ये काम थोड़ी देर तक चलता रहा तभी मां ने अपनी आंखे खोली और मुझे अपने जांघों के पास देख कर वो एकदम से चौंक कर उठ गई और प्यार से मुझे अपने जांघों के पास से उठाते हुए बोली

क्या कर रहा है बेटे जरा आंख लग गई थी देख ना इतने दिनों के बाद इतने अच्छे से पहली बार मैने वासना का आनंद उठाया है इस तरह पिछली बार कब झड़ी थी मुझे तो ये भी याद नहीं इसीलिए सयद संतुष्टि और थकान के कारण आंख लग गई कोई बात नहीं मां तुम सो जाओ

तभी मां की नज़र मेरे 85 इंच के लंड की तरफ गई और वो चौंक के बोली अरे ऐसे कैसे सो जाऊं ? और मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया बोली – मेरे लाल का लंड खड़ा हो के बार बार मुझे पुकार रहा है और मैं सो जाऊं ?

ओह मां इसको तो मैं हाथ से ढीला कर लूंगा तुम सो जाओ

नही मेरे लाल आजा जरा सा मां के पास लेट जा थोरा दम ले लूं फिर तुझे असली चीज़ का मज़ा दूंगी

मैं उठ कर मां के बगल में लेट गया अब हम दोनो मां बेटे एक दूसरे की ओर करवट लेते हुए एक दूसरे से बाते करने लगे मां ने अपना एक पैर उठाया और अपनी मोटी जांघों को मेरे कमर पर डाल दिया फिर एक हाथ से मेरे खड़े लंड को पकड़ के उसके सुपाड़े के साथ धीरे धीरे खेलने लगी

मैं भी मां की एक मम्में को अपने हाथो में पकड़ कर धीरे धीरे सहलाने लगा और अपने होंठो को मां के होंठो के पास ले जा कर एक चुंबन लिया मां ने अपने होंठो को खोल दिया चूमा चाटी ख़तम होने के बाद मां ने पुछा और बेटे कैसा लगा मां की चूत का स्वाद अच्छा लगा या नही?

हां मान बहुत स्वादिष्ट था सच में मज़ा आ गया
अच्छा चलो मेरे बेटे को अच्छा लगा इस से बढ़ कर मेरे लिए कोई बात नही

मां तुम सच में बहुत सुंदर हो तुम्हारे मम्में कितने खूबसूरत है मैं मैं क्या बोलू मां तुम्हारा तो पूरा बदन खूबसूरत है

कितनी बार बोलेगा ये बात तू मेरे से मैं तेरी आंखे नहीं पढ़ सकती क्या जिनमे मेरे लिए इतना पायर छलकता है मैं मां से फिर पूरा चिपक गया उसके मम्में मेरी छाती में चुभ रहे थे और मेरा लंड अब सीधा उसकी चूत पर ठोकर मार रहा था

हम दोनो एक दूसरे की आगोश में कुछ देर तक ऐसे ही खोए रहे फिर मैने अपने आप को अलग किया और मसलते मसलते मेरी नज़र मां के सिकुड़ते – फैलते हुए गांड के छेद पर पड़ी मेरे मन मैं आया कि क्यों ना इसका स्वाद भी चखा जाए देखने से तो मां की गांड वैसे भी काफ़ी खूबसूरत लग रही थी जैसे गुलाब का फूल हो

मैने अपनी लपलपाति हुई जीभ को उसकी गांड की छेद पर लगा दिया और धीरे धीरे उपर ही उपर लपलपते हुए चाटने लगा गांड पर मेरी जीभ का स्पर्श पा कर मां पूरी तरह से हिल उठी

ओह ये क्या कर रहा है ओह बड़ा अच्छा लग रहा है कहा से सीखा ये तू तो बड़ा कलाकार है रे हाय राम देखो कैसे मेरी चूत को चाटने के बाद मेरी गांड को चाट रहा है तुझे मेरी गांड इतनी अच्छी लग रही है कि इसको भी चाट रहा है ओह बेटा सच में गजब का मज़ा आ रहा है चाट ले चाट ले पूरे गांड को चाट ले ओह ओह उम्मममम

मैने पूरे लगन के साथ गांड के छेद पर अपने जीभ को लगा के दोनो हाथो से दोनो चूतडों को पकड़ कर छेद को फैलाया और अपनी नुकीली जीभ को उसमे ठेलने की कोशिश करने लगा मां को मेरे इस काम में बड़ी मस्ती आ रही थी और उसने खुद अपने हाथो को अपने चूतडों पर ले जा कर गांड के छेद को फैला दिया और मुझे जीभ पेलने के लिए उत्साहित करने लगी

हाय रे जालिम पेल दे जीभ को जैसे मेरी चूत में पेला था वैसे ही गांड के छेद में भी पेल दे और पेल के खूब चाट मेरी गांड को हैहाय दैयामै तो मर ही जाउंगी आजखुशी के मारे ओह इतना मज़ा तो कभी नहीं आया था ओह देखो कैसे गांड चाट रहा है सस्स्स्स्स ईईई चाटो बेटा चाटो और जोर से चाटो मांदरचोद असली गांडू है रे तू

मुझे मां की गालियां बहुत प्यारी लग रही थी मैं पूरी लगन से गांड चाट रहा था मैने देखा कि चूत का गुलाबी छेद अपने नशीले रस को टपका रहा है तो मैने अपने होंठो को फिर से चूत के गुलाबी छेद पर लगा दिया और जोर जोर से चूसने लगा जैसे कि कोकोकॉला पी रहा हो

सारे रस को चाट के खाने के बाद मैने चूत के छेद में जीभ को पेल कर अपने होंठो के बीच में चूत के भगनसे को क़ैद कर लिया और खूब जोर जोर से चूसना शुरू कर दी मां के लिए अब बर्दाश्त करना शायद मुश्किल हो रहा था उसने मेरे सिर को अपनी चूत से अलग करते हुए कहा

अब छोड़ बहिनचोद फिर से चूस के ही झार देगा क्या अब तो असली मज़ा लूटने का टाइम आ गया है है बेटा राजा अब चल मैं तुझे जन्नत की सैर कराती हूं अब अपनी मां की चुदाई करने का मज़ा लूट मेरे राजा चल मुझे नीचे उतरने दे साले

मैने मां की चूत पर से मुंह हटा लिया वो जल्दी से नीचे उतर कर लेट गई और अपने पैरो को घुटनो के पास से मोड कर अपनी दोनो जांघों को फैला दिया और अपने दोनो हाथो को अपनी चूत के पास ले जा कर बोली आ जा राजा जल्दी कर अब नहीं रहा जाता जल्दी से अपने मूसल को मेरी ओखली में डाल के कूट दे जल्दी कर बेटा डाल दे अपना लंड अपनी मां की प्यासी चूत में

मैं उसके दोनो जांघों के बीच में आ गया पर मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करू फिर भी मैने अपने खड़े लंड को पकडा और मां के उपर झुकते हुए उसकी चूत से अपने लंड को सटा दिया मां ने लंड के चूत से सटते ही कहा हां अब मार धक्का और घुसा दे अपने घोड़े जैसे लंड को मां की बिल में

मैने धक्का मार दिया पर ये क्या लंड तो फिसल कर चूत के बाहर ही रगड़ खा रहा था मैने दुबारा कोशिश की फिर वही नतीज़ा ढाक के तीन पात फिर लंड फिसल के बाहर इस पर मां ने कहा रुक जा मेरे अनाडी सैय्या मुझे ध्यान रखना चाहिए था तू तो पहली बार चुदाई कर रहा है ना अभी तुझे मैं बताती हूं

फिर अपने दोनो हाथो को चूत पर ले जा कर चूत के दोनो फांको को फैला दिया चूत के अंदर का गुलाबी छेद नज़र आने लगा था चूत एकदम पानी से भीगी हुई लग रही थी चूत चिदोरकर मां बोली ले मैने तेरे लिए अपने चूत को फैला दिया है अब आराम से अपने लंड को ठीक निशाने पर लगा के पेल दे

मैने अपने लंड को ठीक चूत के खुले हुए मुंह पर लगाया और धकका मारा लंड थोड़ा सा अंदर को घुसा पानी लगे होने के कारण लंड का सुपरा अंदर चला गया था मां ने कहा शाबाश ऐसे ही सुपाड़ा चला गया अब पूरा घुसा दे मार धक्का कस के और चोद डाल मेरी चूत को बहुत खुजली मची हुई है

मैने अपनी गांड तक का जोर लगा के धक्का मार दिया पर मेरा लंड में जोर की दर्द की लहर उठी और मैने चीखते हुए झट से लंड को बाहर निकल लिया

मां ने पुछा क्या हुआ चिल्लाता क्यों है
ओह मां लंड में दर्द हो रहा है

मां उठ कर बैठ गई और मेरी तरफ देखते हुई बोली देखूं तो कहां दर्द है

मैने लंड दिखाते हुए कहा देखो ना जैसे ही चूत में घुसाया वैसे ही दर्द करने लगा

मां कुछ देर तक देखती रही फिर हंसने लगी और बोली साले अनाडी चुदक्कड चला है मां को चोदने अबे अभी तक तो तेरे सुपाड़े की चमड़ी ढंग से उलटी ही नहीं है तो दर्द नहीं होगा तो और क्या होगा चला है मां को चोदने चल कोई बात नहीं मुझे इस बात का ध्यान रखना चाहिए था मेरी गलती है

मैने सोच तूने खूब मूठ मारी होगी तो चमड़ी अपने आप उलटने लगी होगी मगर तेरे इस गुलाबी सुपाड़े की शकल देख के ही मुझे समझ जाना चाहिए था की तूने तो अभी तक ढंग से मूठ भी नहीं मारी चल नीचे लेट अब मुझे ही कुछ करना पड़ेगा लगता है

मैने तो अब तक यही सुना था कि लड़का लड़की के उपर चढ़ कर चोदता है मगर जब मां ने मुझे नीचे लेटने के लिए कहा तो मैं सोच में पड़ गया और मां से पुछ नीचे क्यों लेटना है मां क्या अब चुदाई नहीं होगी

मुझे लग रहा था कि मां फिर से मेरा मूठ मार देगी मां ने हँसते हुए कहा नहीं बे चुदाई तो होगी ही जितनी तुझे चोदने की आग लगी है मुझे भी चुदवाने की उतनी ही आग लगी है चुदाई तो होगी ही तुझे तो अभी रात भर मेरी चूत का बाजा बजाना है मेरे राजा तू नीचे लेट अब उल्टी तरफ से चुदाई होगी

उल्टी तरफ से चुदाई होगी इसका क्या मतलब है मां
इसका मतलब है मैं तेरे उपर चढ़ के खुद से चुदवाउंगी

कैसे चुदवाओगी ?

ये तो तू खुद ही थोड़ी देर के बाद देख लियो मगर फिलहाल तू नीचे लेट और अपना लंड खड़ा कर के रख फिर देख मैं कैसे तुझे मज़ा देती हूं

मैं नीचे लेट तो गया पर अब भी मैं सोच रहा था कि मां कैसे करेगी मां ने जब मेरे चेहरे पर हिचकिचाहट के भाव देखे तो वो मेरे गाल पर एक प्यार भरा तमाचा लगते हुए बोली सोच क्या रहा है मांदरचोद? अभी चुप चाप तमाशा देख फिर बताना कि कैसा मज़ा आता है

कह कर मां ने मेरे कमर के दोनो तरफ अपनी दोनो टांगे कर दी और अपनी चूत को ठीक मेरे लंड के सामने ला कर मेरे लंड को एक हाथ से पकड़ा और सुपाड़े को सीधा अपनी चूत के गुलाबी मुंह पर लगा दिया सुपाड़े को चूत के गुलाबी मुंह पर लगा कर वो मेरे लंड को अपने हाथो से आगे पीछे कर के अपनी चूत के दरार पर रगड़ने लगी

उसकी चूत से निकला हुआ पानी मेरे सुपाड़े पर लग रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मेरी सांसे उस अगले पल के इंतेज़ार में रुकी हुई थी जब मेरा लंड उसके चूत में घुसता मैं दम साधे इंतेज़ार कर रहा था तभी मां ने अपने चूत के फांक को एक हाथ से फैलाया और मेरे लंड के सुपाड़े को सीधा चूत के गुलाबी मुंह पर लगा कर उपर से हल्का सा जोर लगाया

मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी चूत की फांको बीच समा गया फिर मां ने मेरे छाती पर अपने हाथो को जमाया और उपर से एक हल्का सा धक्का दिया मेरे लंड का थोड़ा सा और भाग उसकी चूत में समा गया उसके बाद मां स्थिर हो गई और इतने से ही लंड को अपनी चूत में घुसा कर आगे पीछे करने लगी

बाकी कहानी अगले भाग में
 

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आप ने के पिछले भाग में पढ़ा था मां ने मेरे छाती पर अपने हाथो को जमाया और उपर से एक हल्का सा धक्का दिया मेरे लंड का थोड़ा सा और भाग उसकी चूत में समा गया उसके बाद मां स्थिर हो गई और इतने से ही लंड को अपनी चूत में घुसा कर आगे पीछे करने लगी अब में आगे पढ़े

थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद उसने फिर से एक धक्का मारा इस बार धक्का थोरा ज्यादा ही जोरदार था और मेरे लंड का लगभग आधा से अधिक भाग उसकी चूत में समा गया मेरे मुंह से एक जोर की चीख निकल गई क्यों कि मेरे लंड के सुपाड़े की चमड़ी एकदम से पीछे उलट गई थी

पर मां ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया और उतने ही लंड पर आगे पीछे करते हुए धक्का मरते हुए बोली बेटा चुदाई कोई आसान काम नहीं है लड़की भी जब पहली बार चुदती है तो उसको भी दर्द होता है और उसका दर्द तो तेरे दर्द के सामने कुछ भी नहीं है जैसे उसके चूत की सील टूटती है वैसे ही तेरे लंड की भी आज सील टूटी है थोड़ी देर तक आराम से लेटा रह फिर देख तुझे कैसा मज़ा आता है

मां अब उतने लंड को ही चूत में लेकर धीरे धीरे धक्के लगा रही थी वो अपने गांड को उछल उछल के धक्के पर धक्का मारे जा रही थी थोड़ी देर में ही मेरा दर्द कम हो गया और मुझे गीलेपन का अहसास होने लगा मां की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था और उसकी चूत से निकलते पानी के कारण मेरे लंड का घुसना और निकलना भी आसान हो गया था

मां अब और जोर जोर से अपनी गांड उछाल उछाल के धक्के लगा रही थी और मेरे लंड का ज़यादा से ज़यादा भाग उसके चूत के अंदर घुसता जा रहा था मां ने इस बार एक जोरदार धक्का मारा और मेरे लंड का ज्यादातर भाग अपनी चूत में छूपा लिया और सिसकरते हुए बोली सीस्स्स्सईईई हाय दैयया कितना मोटा लंड है

जैसे की गरम लोहे का रोड हो एकदम सीधा चूत के दीवारो को रगडी मार रहा है मेरे जैसी चुदी हुई औरत के चूत में जब ये इतना कसा हुआ है तो जवान लौंडियों की चूत फाड़ के रख देगा मज़ा आ गया ले साले और घुसा लंड और घुसा कह कर तेज़ी से तीन चार धक्के मार दिए

मां के द्वारा तेज़ी से लगाए गये इन धक्को से मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया मां ने सिसकरते हुए धक्के लगाना जारी रखा और अपने एक हाथ को लौरे के जड़ के पास ले जाकर देखने लगी कि पूरा लंड अंदर गया है कि नही

जब उसने देखा कि पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुस चुका है तब उसने अपनी चूतडों को उछालते हुए एक तेज धक्का मारा और मेरे होंठो का चुम्मा ले कर बोली कैसा लग रहा है बेटा अब तो दर्द नहीं हो रहा है ना
नही मां अब दर्द नहीं हो रहा है देखो ना मेरा पूरा लंड तुम्हारे चूत के अंदर चला गया है

हां बेटा अब दर्द नहीं होगा अब तो बस मज़ा ही मज़ा है मेरे चूत के पानी के गीलेपन से तेरी चमड़ी उलटने में अब आसानी हो रही है इसलिए तुझे अब दर्द नहीं हो रहा होगा बल्कि मज़ा आ रहा होगा क्यों बेटा बोल ना मज़ा आ रहा है या नहीं अपनी मां के चूत में लंड पेल के

अब तो तुझे पता चल रहा होगा कि चुदाई क्या होती है बेटा ले मज़े चुदाई के और बता कि तुझे कैसा लग रहा है मां की चूत में लंड घुसाने में

हाय मां सच में गजब का मज़ा आ रहा है ओह मां तुम्हारी चूत कितनी कसी हुई है मेरा लंड तो इसमे बड़ी मुश्किल से घुसा है जबकि मैने सुना था कि शादी शुदा औरतो की चूत ढीली हो जाती है

बेटा ये तेरी मां की चूत है ये ढीली होने वाली चूत नहीं है

कह कर मां ने लंड को पूरे सुपाड़े तक खींच कर बाहर निकाला और फिर ऊपर से गांड का जोर लगा के एक जोरदार शॉट मार का पूरा लंड एक ही बार में गपक से अपनी चूत के अंदर लील लिया मां अब तेज तेज शॉट लगा के पूरा का पूरा लंड अपनी चूत में एक ही बार में गपक से लील लेती थी

उसने मेरा उत्साह बढ़ते हुए कहा आबे साले नीचे क्या औरतो की तरह से पड़े रह कर चुदवा रहा है अपना गांड उछल उछल के तू भी धक्का मार साले मांदरचोद चोद अपनी मां को ऐसे पड़े रहने से थोड़ा ही मज़ा आएगा देख मेरी चूत कैसे तेरे सारे लंड को एक ही बार में निगल रही है

तेरा लंड मेरी चूत के दीवारो को कुचालता हुआ कैसे मेरी चूत के जड़ तक ठोकर मार रहा है बहिनचोद तू भी नीचे से धक्का मार मेरे राजा और बता कि कैसा लग रहा है मां की चुदाई करने में मज़ा आ रहा है या नहीं मां की चूत चोदने में

मैने भी नीचे से गांड उछल कर धक्का मारना शुरू कर दिया और मां के चूतडों को अपने हथेलियों के बीच दबोच कर बोला हां मां बहुत मज़ा आ रहा है सच में इतना मज़ा तो जिंदगी में कभी नहीं आया ओह तुम्हारी चूत में मेरा लंड एकदम कसा कसा जा रहा है और ऐसा लगता है जैसे कि मैने किसी गरम भट्टी में अपने लंड को डाल दिया है ओह कितना गरम है

तेरी चूत मां और जोर से मारो धक्का और ले लो अपने बेटे का लंड अपनी चूत में ऊऊओह साली मज़ा आ गयातू भी कम कुतिया नहीं है कह कर मैने अपनी एक उंगली को मां के गांड के दरार पर लगा कर उसको हल्का सा उसके गांड में डाल दिया

मां का जोश मेरी इस हरकत पर दुगुना हो गया और वो अपनी चूतडों को और तेज़ी के साथ उछालने लगी और कहने लगी हाय मांदरचोद मां की गांड में उंगली डालता है बेटीचोद तेरी मां को चोदु साले गांडू ले और ले मेरी चूत का धक्का अपने लंड पर तोड़ दूंगी साले तेरा लंड गांडू बहिनचोद ले साले मुंह क्या देख रहा है

मम्में दबा साले मुंह में लेकर चूस और चुदाई का मज़ा ले है कितने वर्षो के बाद ऐसी चुदाई का आनंद मिल रहा हाईईईईई ओह ऊऊऊऊ ओह्ह्ह्ह मैने मां के आदेश पर उसके मम्मों को अपने हाथो में थाम लिया और उसकी एक चुचि को खींच कर उसके निपल से अपने मुंह को सटा कर चूसते हुए दूसरे मम्में को खूब जोर जोर से मसलने लगा

मां अब अपने गांड को पूरा उछल उछाल कर मेरे लंड को अपनी गरम चूत में पेलवा रही थी उसकी चूत एकदम अंगीठी की तरह से गरम हो चुकी थी और खूब पानी चू रही थी मेरा लंड उसकी चूत के पानी से भीग कर सटासट उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था मां के मुंह से गलियों की बौछार हो रही थी

वो बोल रही थी साले मांदरचोद चोद मेरी चूत को दम लगा के है कितना मज़ा आ रहा है तेरे बाप से अब कुछ नहीं होता रे अब तो तू ही मेरी चूत की आग को ठंडी करना मैं तुझे चुदाई का बादशाह बना दूंगी तेरे उस भडुए मांदरचोद बाप को छूने भी नहीं दूंगी अपनी चूत

तू चोदियो मेरी चूत को और मेरी आग ठंडी करियो कहां था रे बहनचोद ? अब तक तू अब तक तो मैं तेरे लंड का कितना पानी पी चुकी होती चोद रे लौंडे चोद अपनी गांड तक का जोर लगा दे चोदने में आज आज अगर तूने मुझे खुश कर दिया तो फिर मैं तेरी गुलाम हो जाउंगी

मैं मां के मम्मों को मसलते हुए अपनी गांड को नीचे से उछलता जा रहा था मेरा लंड उसकी कसी चूत में गॅप गपफच फच की आवाज़ करता हुआ अंदर बाहर हो रहा था हम दोनो की सांसे तेज हो गई थी और कमरे में चुदाई की मादक आवाज़ गूंज रही थी दोनो के बदन से पसीना चु रहा था और सांसो की गर्मी एक दूसरे के बदन को महका रही थी

मां अब शायद थक चुकी थी उसके धक्के मरने की रफ़्तार अब थोड़ी धीमी हो गई थी और अब वो हांफने भी लगी थी थोड़ी देर तक हांफते हुए वो धक्का लगाती रही फिर अचानक से पस्त हो कर मेरे बदन के ऊपर गिर गई और बोली ओह मैं तो थक गई रे

इतने में आम तौर पर मेरा पानी तो निकल जाता है पर आज नये लंड के जोश में मेरा पानी भी नहीं निकल रहा ओह मज़ा आ गया आज से पहले ऐसी चुदाई कभी नहीं की पर थक गई रे मैं तो अब तो तुझे मेरे ऊपर चढ़ कर धक्का मारना होगा तभी चुदाई हो पाएगी साले कह कर वो अपने पूरे शरीर का भर मेरे बदन पर दे कर लेट गई

मेरी सांसे भी तेज चल रही थी मगर लंड अब भी खड़ा था दिल में चुदाई की ललक बरकरार थी और अब तो मैने चुदाई भी सीख ली थी मैने धीरे से मां के चूतड़ को पकड़ कर नीचे से ही धक्का लगाने का प्रयास किया और दो तीन छोटे छोटे धक्के मारे मगर क्यों कि मां थक गई थी इसलिए वो उसी तरह से लेटी रही

मां के भारी शरीर के कारण मैं उतने जोर के धक्के नहीं लगा पाया जितना लगा सकता था मैने मां को बांहों में भर लिया और उसके कान के पास अपने मुंह को ले जा कर फुसफुसते हुए बोला ओह मां जल्दी कर ना और धक्का मार ना अब नहीं रहा जा रहा है जल्दी से मारो ना मां

मां ने मेरे चेहरे को गौर से देखते हुए मेरे होंठो को चूम लिया और बोली थोरा दम तो लेने दे साले कितनी देर से तो चुदाई हो रही है थकान तो होगी ही

पर मां मेरा तो लंड लगता है फट जाएगा मेरा जी कर रहा है की खूब जोर जोर से धक्के लगाऊं

तो मार ना मैने कब माना किया है आजा मेरे ऊपर चढ़ के खूब जोर जोर से चुदाई कर दे अपनी मां की बजा दे बाजा उसकी चूत का कह कर मां धीरे से मेरे ऊपर से उतर गई उसके उतरने पर मेरा लंड भी फिसल के उसकी चूत से बाहर निकल गया था मगर मां ने कुछ नहीं कहा और बगल में लेट कर अपनी दोनो जांघों को फैला दिया

मेरा लंड एकदम रस से भीगा हुआ था और उसका सुपारा लाल रंग का किसी पाहरी आलू के जैसे लग रहा था मैने अपने लंड को पकड़ा और सीधा अपनी मां के जांघों के बीच चला गया उसकी जांघों के बीच बैठ कर मैं उसकी चूत को गौर से देखने लगा उसकी चूत फूल पिचक रही थी और चूत का मुंह अभी थोड़ा सा खुला हुआ लग रहा था

चूत का गुलाबी छेद अंदर से झांक रहा था और पानी से भीगा हुआ महसूस हो रहा था मैं कुछ देर तक अपलक उसके चूत की सुंदरता को निहारता रहा

मां ने मुझे जब कुछ करने की बजाए केवल घूरते हुए देखा तो वो सिसकते हुए बोली क्या कर रहा है जल्दी से डाल ना चूत में लंड को ऐसे खड़े खड़े खाली घूरता रहेगा क्या कितना देखेगा चूत को अबे उल्लू देखने से ज़यादा मज़ा चोदने में है

जल्दी से अपना मूसल डाल दे मेरे चोदु भरतार अब नाटक मत चोद मां ने इतना कह कर मेरे लंड को अपने हाथो में पकड़ लिया और बोली ठहर मैं लगाती हूं साले और मेरे लंड के सुपरे को चूत के खुले छेद पर घिसने लगी और बोली चूत का पानी लग जाएगा और चिकना हो जाएगा समझा

फिर आराम से चला जाएगा मैं मां के ऊपर झुक गया और अपने आप को पूरी तरह से तैयार कर लिया अपने जीवन की पहली चुदाई के लिए मां ने मेरे लंड को चूत को छेद पर लगा कर स्थिर कर दिया और बोली हां अब मारो धक्का और पेल दो चूत में

मैने अपनी ताक़त को समेटा और कस के एक जोरदार धक्का लगा दिये मेरे लंड का सुपारा तो पहले से भीगा हुआ था इसलिए वो सटाक से अंदर चला गया उसके साथ साथ मेरे लंड का आधा से अधिक भाग चूत की दीवारो को रगाडता हुआ अंदर घुस गया

ये सब अचानक तो नहीं था मगर फिर भी मां ने सोचा नहीं था कि मैं इतनी जोर से धक्का लगा दूंगा इसलिए वो चौंक गई और उसके मुंह से एक घुटि घुटि सी चीख निकल गई मगर मैने तभी दो तीन और जोर के झटके लगा दिए और मेरा लंड पूरा का पूरा अंदर घुस गया

पूरा लंड घुसा कर जैसे ही मैं स्थिर हुआ मां के मुंह से गलियों की बौछार निकल परी साला हरामी क्या समझ रखा है रे कमीने ऐसे कही धक्का मारा जाता है सांड की तरह से घुसा दिया सीधा एक ही बार में मांदरचोद धीरे धीरे करना नहीं आता है तुझे

साले कमीने पूरी चूत छिल गई मेरी बाप है कि घुसाना ही नहीं जानता और बेटा है कि घुसाता है तो ऐसे घुसाता है जैसे की मेरी चूत फाड़ने के लिए घुसा रहा हो हरामी कही का

माफ़ कर देना मां मगर मुझे नहीं पाता था की तुम्हे चोट लग जायेगी तू तो जानती है ना की ये मेरी पहली चुदाई है कह कर मैने मां के दोनो मम्मों को अपने हाथो में थाम लिया और उन्हे दबाते हुए एक मम्में के निपल को चूसने लगा

कुछ देर तक ऐसे ही रहने के बाद शायद मां का दर्द कुछ कम हो गया और वो भी अब नीचे से अपनी गांड उचकाने लगी और मेरे बालो में हाथ फेरते हुए मेरे सिर को चूमने में लगी थी मां पूरी तरह से स्थिर थी और मैं मम्मों को चूसने और दबाने में लगा हुआ था मां ने कहा हां बेटा अब धक्का लगाओ और चोदना शुरू करो अब देर मत करो तेरी मां की प्यासी चूत अब तेरे लंड का पानी पीना चाहती है

मैने दोनो मम्मों को थाम लिया और धीरे धीरे अपनी गांड उछलने लगा मेरा लंड मां के पनियाए हुए चूत के अंदर से बाहर निकालता और फिर घुस जाता था मां ने अब नीचे से अपने चूतड़ उछालना शुरू कर दिया था दस बारह झटके मारने के बाद ही चूत से गछ गछ फच फच की आवाज़े आनी शुरू हो गई थी

ये इस बात को बतला रहा था की उसकी चूत अब पानी छोड़ने लगी है और अब उसे भी मज़ा आना शुरू हो गया है मां ने अपने पैरो को घुटनो के पास से मोड लिया था और अपनी टांगों की कैंची बना के मेरे कमर पर बांध दिया था मैं जोर जोर से धक्का मरते हुए उसके होंठो और गालो को चूमते हुए उसके मम्मों को दबा रहा था

मां की मुंह से सिसकारियों का दौर फिर से शुरू हो गया था और वो हांफते हुए बडबडाने लगी हाय मारो और जोर से मारो राजाछोड़ो मेरी चूत को चोद चोद के भोसरा बना दो बेटा कैसा लग रहा है बेटा चोदने में मज़ा आ रहा है या नही

मेरी चूत कैसी लगा रही है तुझे बता ना राजा अपनी मां की चूत चोदने में मज़ा आ रहा है या नहीं पूरा जड़ तक लौदा पेल के छोड़ो राजा और कस कस के धक्के मार के पक्के मांदरचोद बन जाओ बता ना राजा बेटा कैसा लग रहा है मां की चूत में लंड डालने में

मैने धक्का लगाते हुए कहा हां मेरी रानी बहुत मज़ा आ रहा है बहुत कसी हुई है तुम्हारी चूत तो मेरा लंड तो एकदम फस फस के जा रहा है तेरी चूत में ऐसा लग रहा है जैसे किसी बॉटल में लकड़ी का ढक्कन फसा रहा हूं है क्या सच में मेरा बापू तुझे चोद्ता नहीं था क्या या फिर तुम उस को चोदने नहीं देती थी

तुम्हारी चूत इतनी कसी हुई कैसे है मां जबकि मेरे दोस्त कहते थे कि उमर के साथ औरतो की चूत ढीली हो जाती है है तुम्हारी तो एकदम कसी हुई है

इस पर मां ने अपने पैरो का शिकंजा और कसते हुए दांत पीसते हुए कहा साला तेरा बाप तो गान्डू है वो क्या खाक चोदेगा मुझे उस गान्डू ने तो मुझे ना जाने कब से चोदना छोड़ा हुआ है पर मैं किसी तरह से अपने चूत की खुजली को अंदर ही दबा लेती थी क्या करती किस से चुदवाती?

फिर जिसके पास चुदवाने जाती वो कही मुझे संतुष्ट नहीं कर पाता तो क्या होता बदनामी अलग से होती और मज़ा भी नहीं आता तेरा हथियार जब देखा तो लग गया की तू ना केवल मुझे संतुष्ट कर पाएगा बल्कि तेरे से चुदवाने से बदनामी भी नहीं होगी और तू भी मेरी चूत का प्यासा है फिर अपने बेटे से चुदवाने का मज़ा ही कुछ और है

जब सोच के इतना मज़ा आ रहा था तो मैने सोचा की क्यों ना चोदवा के देख लिया जाए

हां मां तो फिर कैसा लग रहा है अपने बेटे से चुदवाने में मज़ा आ रहा है ना मेरा लंड अपने चूत में ले के बोलो ना चूत मारनी साली मेरा लंड तुझे मज़ा दे रहा है या नही
हां गजब का मज़ा आ रहा है राजा तेरा लंड तो मेरी चूत के जर तक टकरा रहा है और मेरी चूत के दीवारो को मसल रहा है और मेरी नाभि तक पहुच जा रहा है

तू बहुत सुख दे रहा है अपनी मां को मार कस के मार धक्का बन जा मांदरचोद चोदु राम हलवाई चोद ले अपनी मां की चूत को और इसको दो फांक कर दे मेरे प्यारे मांदरचोद

हां जब चुदवाने में इतना मज़ा आ रहा है और चोद्वाने का इतना मन था तो फिर सोते वक़्त इतना नाटक क्यों कर रही थी जब मैं तुझे नंगा हो कर दिखाने को बोल रहा था
हाय रे मेरे भोलू राम इतना भी नहीं समझता क्या इसको कहते है नखरा औरते दो तरह का छिनालपनी दिखा सकती है

या तो सीधा तेरा लंड पकड़ के कहती की चोद मुझे या फिर धीरे धीरे तुझे तड़पा तड़पा के एक एक चीज़ दिखाती और तब तड़पा तड़पा के चुदवाती मुझे सीधे चुदाई में मज़ा नहीं आता मैं तो खूब खेल खेल के चुदवाना चाहती थी चक्की जितनी धीरे चलती है उतना ही महीन पीसती है साले

इसलिए मैने थोरा सा छिनालपन दिखया था समझा अब बाते चोदना बंद कर और लगा जोर जोर से धक्का और चोद मेरी चूत को मांदरचोद तेरी मां की चूततततत में डंडा डालू बहन्चोद माररररर जोर से और बक्चोदि बंद कर

ठीक मेरी छिनाल मां अब तो मैं भी पूरा सीख गया हूं देख अब मैं कैसे चोदता हूं तेरी इस मस्तानी चूत को और कितना मज़ा देता हूं तुझे देख साली चूत चोदी रंडी फिर ना बोलना की बेटे ने ठीक से चोदा नहीं रंडी जितना तूने मुझे सिखाया है मैं उस से कही ज़यादा मज़ा दूंगा तुझे साली मांदरचोद

मैं अब पूरे जोश के साथ धक्का मरने लगा था और मेरा पूरा लंड सुपाड़े तक निकल कर बाहर आ जा रहा था फिर सीधा सरसराते हुए गचक से अंदर मां की चूत की गहराइयों में समा जा रहा था लंड की चमड़ी तो अब शायद पूरी तरह से उलट चुकी थी और चुदाई में अब कोई दिक्कत नहीं आ रही थी

मां की चूत एकदम से गरम भट्टी की तरह तप रही थी और मेरे लंड को सटासट लील रही थी मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत की सैर कर रहा हूं मेरी गांड पर मां का हाथ था और वो ऊपर से दबाते हुए मुझे अपनी चूत पर दबा रही थी और साथ में नीचे गांड उछल कर मेरे लंड को अपनी चूत में ले रही थी

चूत के होंठो को मसलते हुए मेरा लंड सीधा चूत की जड़ से टकराता था और फिर उतनी ही तेज गति से बाहर आ कर फिर घुस जाता था कमरे का माहौल फिर से गरम हो गया था और वातावरण में चुदाई की महक फैल गई थी पूरे कमरे में गछ गछ फच फच की आवाज़ गूंज रही थी

हम दोनो की सांसे धोकनी की तरह से चल रही थी दोनो के बदन से निकलता पसीना एक दूसरे को भिगो रहा था मगर इसकी फिकर किसे थी

मां ने अपने तेज चलती सांसो के बीच से बडबडाते हुए मेरा उत्साह बढ़ाया ओह चोदो और जोर से पेलो अपना डंडा घुमा घुमा के डालो राजा अब तो बस अपने रस से बुझा दे मेरी चूत के प्यास को चोद दे मुझे मांदरचोद साले मेरे सैया ऐसे ही धक्का मारे जा ऐसे ही चोद कर मुझे ठंडा कर दे तेरे डंडे से ही ठंडी होगी

तेरी मां पँखे से ठंडे होनी वाली नहीं हूं मैं तेरी मां को तो तेरा मोटा मुसलांड चाहिए जो की उसकी चूत को दो फांक कर के उसकी चूत के अंदर की ज्वाला को ठंडा कर दे मार साले बहिनचोद चूतचत्ता जोर से मार ना बेतिचोद गांडूहाय रे आज से तू ही मेरा भतार है तू ही मेरा सैय्या और तू ही मेरा चोदु है

हां ले साली बुर्चोदी और ले और ले मेरे लंड को अपनी मस्तानी चूत में ले ना छिनाल खा जा मेरे लंड को अपनी चूत से पूरा लंड खा जा साली बेटाचोदी मां तेरी बहन के गांड में भी लंड डालूं हाय रे मेरी चुदक्कड मईया कहा से सीखा है तूने इतना मज़ा देना एक दम से रंडी कि तरह करती है रे तू तो मेरी जान हो मेरा तो जनम सफल हो गया साली और ले मांदरचोद मां

दे और कस कस के दे बेटा इसी लंड के लिए तो मैं इतनी प्यासी थी ऐसे ही लंड से चुदवाने की चाहत को पाले हुए थी मैं मन में ना जाने कब से आज मेरी तम्माना पूरी हो गई आने दे तेरे उस भडुए बाप को उसके सामने तुझसे चुदवाउंगी

तब दिखाउंगी तेरा लंड उसे और बताउंगी देख साले इसको कहते हैं औरत की चुदाई उसने अगर कभी हाथ भी लगाया मेरे इस बदन को या कोई रुकावट डाली तो साले के गांड पर चार लात मार कर घर से निकल दूंगी साला मांदरचोद वो क्या जानेगा चोदना

अभी यहा होता तो दिखाती कि चोदना किसको कहते है तू लगा रह बेटा चोद के मेरी चूत को मथ दे और इसमे से अपने लिए मक्खन निकाल ले मेरे चुदक्कर बलम
अब तो बस आँधी आए या तूफान कोई भी हमें नहीं रोक सकता था हम दोनो अब अपने चरम पर पहुच चुके थे और चुदाई की रफ़्तार में कोई कमी नहीं चाहते थे

चाहते थे तो बस इतना की कैसे भी एक दूसरे के बदन में समा जाए और मार मार के चोद चोद के एक दूसरे के लंड और चूत का भुर्ता बना दे मां की सिसकारिया तेज हो गई थी और अब दोनो में से कोई भी एक दूसरे को छोड़ने वाला नहीं था दोनो जी जान से एक दूसरे से चिपके हुए धक्के धक्के पर धक्का लगाए जा रहे थे मैं ऊपर से और मां नीचे से

मां सिसकते हुए बोली हाय मेरे राजा ऐसे ही मेरा निकलने वाला है मारता रह धक्का धीरे मत करियो ऐसे ही मांदरचोद अब निकल जाएगा मेरा निकल जाएगा साले आआआह्ह्ह्ह मेरा निकल रहा हाईईईईई चोद कस के और जोर जोर से मांआआ रीईईई गांडूऊऊऊ इसी तरह से चोदददद डाआाआल मिटा दे खुजलीईईई ईई चोद चोद जोर जोर सीईईईईई

तेरी मां के चूत में गधे का लौदा डालूउउ चोद ना साले और मारीईईई जा निकलाआआआआआअ रे मेरा तो निकलाआाआ झारी रीईईई मैं तो झरीईईईईई कह कर मेरे मेरे कंधो पर अपने दांत गड़ा दिए

मेरा भी अब निकलने वाला था और मैं भी जोर जोर से धकका लगते हुए चोदने लगा और गालियां बकते हुए झरने लगा ओह साली मेरा भी निकल रहा है रीईईई रंडी निकल रहा है ओह रंडी छीनाल साली तूने तो आज जन्नत की सैर करा दी रे मेरी जान

मेरी सोना मेरी रानी मेरी मां ओह गया मैं तो ओह चुड़ैल डायन तेरी चूत में मेरा पानी निकल रहा है रीईईईईई ले पी ले अपनी चूत से मेरे लंड के पानी को पी ले और निगल जा मेरे लंड को पूरा का पूरा चूत मारनी चूत चोदी हाय रे रंडी निकल गया रे मेरा तो पूरााआआआ कह कर मैं मां के ऊपर लेट गया

हम दोनो की आंखे बंद थी और दोनो एक दूसरे बदन से चिपके हुए थे थकान के मारे दोनो में से किसी को होश नहीं था कि क्या हो गया है एक दूसरे से चिपके हुए कब आंख लगी कब मेरा लंड उसकी चूत से बाहर निकल गया कब हम दोनो सो गये इसका पता हमे नहीं लगा

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